'राम तो मेरे दिल में है..', सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ केस लड़ने वाले कपिल सिब्बल के सुर कैसे बदले

 राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवा पार्टी के विपरीत भगवान राम उनके दिल में बसते हैं, जबकि भाजपा के लिए यह पूरा मामला एक दिखावा है। सिब्बल ने बीजेपी पर भगवान राम से जुड़े गुणों के विपरीत काम करने का आरोप लगाया।

राम मंदिर पर विपक्ष के रुख को लेकर सवाल पर कहा कि, " यह पूरा मामला दिखावा है। वे (भाजपा) राम के बारे में बात करते हैं, लेकिन उनका आचरण, उनका चरित्र कहीं भी भगवान राम के करीब नहीं है। सच्चाई, सहनशीलता, त्याग और दूसरों के प्रति सम्मान भगवान राम के कुछ गुण हैं। लक्षण तो हैं, लेकिन वे ठीक इसके विपरीत करते हैं और कहते हैं कि हम राम का महिमामंडन कर रहे हैं।'' 22 जनवरी को मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के बारे में एक सवाल के जवाब में कपिल सिब्बल ने कहा कि, ''राम मेरे दिल में हैं, मैं दिखावे के लिए कोई काम नहीं करता।''

बता दें कि ये वही कपिल सिब्बल हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के खिलाफ मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व किया था और वो जगह बाबरी मस्जिद के लिए दिए जाने का केस लड़ा था. यही नहीं, कपिल सिब्बल उन वकीलों में भी शामिल थे जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बाकयदा एक हलफनामा (कांग्रेस सरकार के दौरान रामसेतु प्रोजेक्ट) दिया था जिसमें राम को एक काल्पनिक चरित्र होने का दावा किया गया था और उनके ऐतिहासिक अस्तित्व के बारे में संदेह व्यक्त किया गया था। तब कपिल सिब्बल कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा सांसद थे। हालाँकि, उनका वर्तमान बयान एक अलग भावना का सुझाव देता है, जिसमें कहा गया है, 'मेरे दिल में राम हैं, मैं दिखावा नहीं करता।'

बता दें कि, इस महीने की शुरुआत में, राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने घोषणा की थी कि मंदिर का अभिषेक समारोह 22 जनवरी को होगा, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण दिया गया था, हालांकि उम्मीद है कि ये नेता इस कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। निमंत्रण प्राप्त करने वाली अन्य उल्लेखनीय हस्तियों में आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, केरल की माता अमृतानंदमयी, योग गुरु बाबा रामदेव और सिने स्टार रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, माधुरी दीक्षित, अरुण गोविल, फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर और मुकेश अंबानी शामिल हैं।

पाकिस्तान में पहली बार हिंदू महिला लड़ रही चुनाव, क्या आने वाला है नया “सवेरा”

#pakistan_first_time_hindu_woman_files_nomination_for_general_election

पाकिस्तान में अगले साल 2024 में 8 फरवरी को आम चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में पहली बार एक हिंदू महिला ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।इस महिला का नाम सवेरा प्रकाश है। इनके पिता ओमप्रकाश पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य रह चुके हैं। अपने पिता से विरासत में मिली राजनीति को सवेरा आगे बढ़ा रही हैं।बता दें कि सवेरा पहली हिंदू महिला हैं, जो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा की बुनेर सीट से चुनाव लड़ रही हैं। सवीरा पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) के हालिया संशोधनों में सामान्य सीटों पर पांच प्रतिशत महिला उम्मीदवारों को शामिल करना अनिवार्य है। हिंदू समुदाय की सदस्य, 35 वर्षीय सवेरा प्रकाश अपने पिता, ओम प्रकाश, जो हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर और अतीत से पीपीपी के एक समर्पित सदस्य हैं, के नक्शेकदम पर चलते हुए, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।

सवेरा खुद भी एक डॉक्टर हैं उन्होंने एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से 2022 में स्नातक किया है। सवेरा प्रकाश, फिलहाल बुनेर में पीपीपी महिला विंग के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। समुदाय के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए, उन्होंने महिलाओं की बेहतरी के लिए काम करने, सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की बात करने के लिए जानी जाती हैं। सवेरा प्रकाश ने विकास क्षेत्र में महिलाओं की ऐतिहासिक उपेक्षा और दमन पर भी जोर दिया और निर्वाचित होने पर उनका लक्ष्य इन मुद्दों को संबोधित करना है।

सवेरा प्रकाश बुनेर जिले में पीके-25 की समान्य सीट से चुनावी समर में उतरेंगी। इसके लिए उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी जमा कर दिया है। बता दें कि जिस बुनेर सीट से सवीरा ने नामांकन दाखिल किया है, वहां 55 सालों में पहली बार कोई महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही है।

“हिंदू धर्म नहीं सिर्फ धोखा, यह कुछ लोगों के लिए धंधा”, स्वामी प्रसाद मौर्य के फिर बिगड़े बोल

#swami_prasad_maurya_said_hinduism_is_not_religion_it_is_fraud 

एक तरफ राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जरिए एक अलग माहौल बन रहा है। करीब 500 सालों के बाद रामलला अपने मंदिर में विराजमान होंगे। इसको लेकर 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य समारोह होगा। इसे हिंदू धर्म के एक बड़े आयोजन के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने हिंदू धर्म को धोखा करार दिया है।

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौर्य ने कहा कि 'हिंदू एक धोखा है। वेसै भी साल 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदू कोई धर्म नहीं है, यह जीवन जीने की एक शैली है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान को सही ठहराने के लिए मोहन भारत के अलावा पीएम मोदी का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो किसी की भावनाएं आहत नहीं होतीं लेकिन अगर यही बात जब स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं तो पूरे देश में भूचाल मच जाता है।

मौर्य ने यह बयान दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित बहुजन समाज अधिकार सम्मेलन में दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ आठ प्रतिशत लोग अपने बलबूते सरकार नहीं बना सकते। यानी वोट के लिए हम हिंदू। वोट के लिए दलित, ओबीसी के लोग हिंदू लेकिन सत्ता में आने के बाद हम लोग हिंदू नहीं रह जाते। अगर ये लोग सत्ता में आने के बाद हमें हिंदू मानते तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों का आरक्षण खत्म नहीं करते। इसका मतलब हिंदू एक धोखा है।

स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदुओं के खिलाफ आग उगल रहे हैं। पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद ने इस तरह का बयान दिया हो। स्वामी प्रसाद पहले भी हिंदू धर्म, सनातन और रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं।

शीतलहर की चपेट में दिल्ली-एनसीआर समेत पूरा उत्तर भारत, इन राज्यों ने ओढ़ी घने कोहरे की “चादर”

#thick_fog_with_low_temperature_imd_warns

सर्दी ने अपना सितम बरपाना शुरू कर दिया है। पूरे उत्तर भारत को शीतलहर और कोहरे ने अपने आगोश में ले लिया है।पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ व झारखंड के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में पारा लुढ़क कर 6 डिग्री तक पहुंच गया है। जबकि पंजाब, राजस्थान, उडीसा, बिहार व बंगाल के कुछ हिस्सों में अभी भी तापमान सामान्य से दो डिग्री उपर बना हुआ है। भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अगले तीन दिनों तक पूरा उत्तर भारत कोहरे के आगोश में रहेगा।

28 दिसंबर तक घना कोहरा जारी रहने की संभावना

दिल्ली, हरियाणा, पंजाब समेत उत्तर भारत कई राज्य आज भी घने कोहरे की चपेट में है। मौसम विभाग ने बताया कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्से मंगलवार सुबह बहुत घने कोहरे की चादर से लिपटे हुए हैं। कई जगहों पर विजिबिलिटी 0-50 मीटर तक भी दर्ज की जा रही है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और मेघालय में विजिबिलिटी अलग-अलग इलाकों में 50-200 मीटर तक देख जा रहा है। इन सभी राज्यों में 28 दिसंबर तक घना कोहरा जारी रहने की संभावना है। मेघालय, असम, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में भी 30 दिसंबर तक घने कोहरे से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर पश्चिम और निकटवर्ती मध्य भारत में अगले 3-4 दिनों तक घना से बहुत घना कोहरा जारी रहने की संभावना है।

29 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बन रही

आईएमडी ने तमिलनाडु के तटीय इलाकों के अलावा केरल, पुडुचेरी और लक्ष्यदीप में अगले पांच दिनों तक कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश की संभावना जताई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर भारत में एक बार फिर से 29 दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति बन रही है।इसका असर 30 दिसंबर से दो जनवरी के बीच देखने को मिल सकता है।

11 राज्यों में कोहरे के कारण रफ्तार थमी

बीते दिन दिल्ली और कश्मीर से लेकर सुदूर दक्षिण के तेलंगाना और दक्षिण पूर्व के ओडिशा तक 11 राज्यों में कोहरे के कारण रफ्तार थम गई। दृश्यता में भारी कमी से सड़क से लेकर रेल व हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। दिल्ली से आठ उड़ानों को डायवर्ट किया गया है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना में सड़क हादसों में 19 लोगों की जान चली गई। जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर पारा शून्य से नीचे चला गया। वहां पहलगाम सबसे ठंडा रहा।

भारत पहुंचा फ्रांस में रोका गया विमान, 303 यात्रियों में से 276 ही लौटे, बाकी 27 के साथ क्या हुआ?

#plane_groundes_in_france_on_suspicion_of_human_trafficking_reaches_mumbai

मानव तस्करी के संदेह की वजह से फ्रांस में चार दिनों तक रोक कर रखा गया विमान आखिरकार मुंबई पहुंच गया।विमान की आज सुबह 4 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंडिंग हुई। इस विमान से 276 यात्री मुंबई पहुंचे।बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात से निकारागुआ जा रहे विमान को जब फ्रांस में रोका गया था, तब उसमें 303 यात्री सवार थे। मगर मुंबई आए विमान में महज 276 यात्री ही हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर 27 यात्री क्यों नहीं आए? वे वहीं क्यों रोक लिए गए?

विमान ने स्थानीय समयानुसार, देर रात करीब ढाई बजे वैट्री हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी और सुबह 4 बजे मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा। फ्रांस से भारत पहुंचे विमान में 276 यात्री आए हैं। बताया जा रहा है कि इस विमान से आए अधिकतर यात्री भारतीय नागरिक हैं। फ्रांस से लौटे यात्रियों के दस्तावेज की पड़ताल की गई गई और प्राथमिक जांच के बाद कई यात्रियों को छोड़ दिया गया है। इन यात्रियों में से कई गुजरात और पंजाब के रहने वाले हैं।

फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि विमान ने जब मुंबई के लिए उड़ान भरी थी तो उसमें 276 यात्री सवार थे। दो नाबालिगों सहित 25 लोगों ने शरण के लिए आवेदन करने की इच्छा जताई थी। इसलिए वे लोग भी फ्रांस में ही हैं। एक फ्रांसीसी समाचार चैनल के अनुसार, दो अन्य यात्रियों को गिरफ्तार किया गया था। बाद में एक न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें रिहा कर दिया गया और सहायक गवाह का दर्जा दिया गया। 

बता दें कि गुरुवार को एयरबस A340 दुबई से उड़ान भरकर निकारागुआ जा रही थी। इस विमान में कुल 303 भारतीय सफर कर रहे थे। विमान फ्यूल भरवाने के लिए फ्रांस के एक छोटे से एयरपोर्ट वैट्री पर रुका था। इसी दौरान फ्रांस पुलिस को खबर मिली थी कि विमान में सफर कर रहे भारतीय मानव तस्करी का शिकार बनने जा रहे हैं। इसके बाद फ्रांस पुलिस टीम एयरपोर्ट पर पहुंच गई थी और विमान को उड़ान भरने रोक दिया था। तब से रोमानिया स्थित लीजेंड एयरलाइंस का विमान पेरिस से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री एयरपोर्ट पर रुका हुआ था। यात्रियों में 11 नाबालिग भी बताए जा रहे थे। फ्रांसीसी अधिकारियों ने रविवार को इस विमान को फिर से उड़ान भरने की इजाजत दी थी।

पाकिस्तान में आतंकी हाफिज सईद का बेटा तल्हा लड़ेगा चुनाव, लाहौर से नेशनल असेंबली इलेक्शन के लिए नामांकन दाखिल किया

#terrorist_hafiz_saeeds_son_will_contest_elections

पाकिस्तान में एक आतंकी का बेटा भी सांसद बनने की दौड़ में शामिल हो गया है। आठ फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। हैरत की बात है कि 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी भी इस चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है। 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद लाहौर की एनए-127 सीट से चुनाव लड़ रहा है। बता दें कि सईद ने पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) नाम से एक अलग राजनीतिक दल बनाया है। पीएमएमएल का चुनाव चिन्ह ‘कुर्सी’ है। तल्हा अपने पिता की इसी पार्टी से चुनाव लड़ रहा है।

पीएमएमएल के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनकी पार्टी अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। खालिद मसूद सिंधु ने कहा, हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामिक कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं। ताल्हा लाहौर की एनए-127 सीट से चुनावी मैदान में उतर रहा है और इसके लिए नॉमिनेशन फाइल कर चुका है।

पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक हाफिज मोहम्मद सईद का बेटा ताल्हा भी 8 फरवरी 2024 को होने वाले जनरल इलेक्शन में कैंडिडेट होगा। ताल्हा पीएमएमएल के टिकट पर लाहौर की एनए-127 सीट से चुनाव लड़ रहा है और नॉमिनेशन पेपर्स सबमिट कर चुका है। इस पार्टी का प्रेसिडेंट खालिद मसूद सिंधू है। वो एनए-130 सीट से चुनाव लड़ रहा है और यहां उसका मुकाबला पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन के सुप्रीमो नवाज शरीफ से है।

पाकिस्तान में अगले साल 8 फरवरी को चुनाव होने हैं, इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार तक थी, लेकिन उम्मीदवारों की मांग पर पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने इसे दो दिन और बढ़ा दिया था। बताया जाता है कि नामांकन प्रकिया के आखिरी दिन ही आतंकी हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।

आतंकी हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद लश्कर-ए-तैयबा में आतंकियों की भर्ती कराने में अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा तल्हा पर आतंकी संगठन के लिए फंड जुटाने की भी जिम्मेदारी है। पिछले दिनों भारत और अमेरिका ने तल्हा को आतंकी सूची में डालने के प्रयास किए थे, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल करके भारत के इस प्रयास पर पानी फेर दिया था।

बड़ी छंटनी, Paytm ने 1000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, बताया ये कारण

 डिजिटल भुगतान फर्म पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने लागत में कटौती के उपाय के तहत विभिन्न डिवीजनों में कम से कम 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। छंटनी की पुष्टि करते हुए, पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि कटौती ने मुख्य रूप से संचालन और विपणन टीमों को प्रभावित किया और अक्टूबर में शुरू किया गया था। कंपनी का लक्ष्य दोहराए जाने वाले कार्यों और भूमिकाओं को स्वचालित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के एकीकरण के माध्यम से अपने संचालन को सुव्यवस्थित करना है।

पेटीएम के प्रवक्ता ने बताया, "हम दक्षता बढ़ाने के लिए एआई-पावर्ड ऑटोमेशन के साथ अपने परिचालन को बदल रहे हैं, विकास और लागतों में दक्षता बढ़ाने के लिए दोहराए जाने वाले कार्यों और भूमिकाओं को खत्म कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप संचालन और विपणन में हमारे कार्यबल में थोड़ी कमी आएगी।" एआई कार्यान्वयन से प्रारंभिक अपेक्षाओं को पार करते हुए, कर्मचारी लागत में 10-15% की बचत होने की उम्मीद है। छंटनी के बावजूद, पेटीएम ने आगामी वर्ष में अपने मुख्य भुगतान व्यवसाय में अपने कर्मचारियों की संख्या 15,000 तक बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी भारत के लिए निरंतर नवाचार के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए भुगतान मंच और एक लाभदायक व्यवसाय मॉडल में अपनी प्रमुख स्थिति पर जोर देती है। पेटीएम का लक्ष्य बीमा और धन जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में विस्तार करना है।

पेटीएम में छंटनी नए जमाने की कंपनियों में कार्यों को अनुकूलित करने और लागत कम करने के लिए एआई-संचालित प्रौद्योगिकियों को अपनाने की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाती है। इसी तरह के उपाय वित्तीय उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में देखे गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप नौकरियां चली गईं। अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें (बीएनपीएल) की पेशकश, पेटीएम पोस्टपेड के तहत छोटे-टिकट ऋणों को कम करने के पेटीएम के हालिया फैसले ने भी इसके शेयर की कीमतों को प्रभावित किया है, जिससे कई ब्रोकरेज द्वारा नकारात्मक मूल्यांकन के बाद 20% की गिरावट आई है।

देश के विकास में मार्गदर्शक का काम करते हैं ईसा मसीह के सन्देश..', पीएम मोदी ने अपने आवास में ईसाई समुदाय के साथ मनाया क्रिसमस

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार (25 दिसंबर) को अपने आवास पर क्रिसमस कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने ईसा मसीह के जीवन संदेश और दया और सेवा के मूल्यों की सराहना की. पीएम मोदी ने कहा कि ईसा मसीह ने "सभी के लिए न्याय के साथ एक समावेशी समाज बनाने" की दिशा में काम किया, इस बात पर जोर दिया कि ये सिद्धांत देश के विकास के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं।

पीएम मोदी ने ईसाई समुदाय के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, "क्रिसमस वह दिन है जब हम ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं। यह उनके जीवन के संदेश और मूल्यों को याद करने का भी एक अवसर है। उन्होंने दया और सेवा के आदर्शों को जिया था। उन्होंने एक समावेशी समाज बनाने पर काम किया, जिसमें सभी के लिए न्याय हो। ये आदर्श हमारे देश की विकास यात्रा के लिए मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं.'' पीएम मोदी क्रिसमस पर अपने आवास पर समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे थे, इस दौरान प्रधानमंत्री ने ईसाइयों के साथ अपने "पुराने, घनिष्ठ और मधुर संबंधों" को याद किया, गरीबों और वंचितों की सेवा के लिए उनके निरंतर समर्पण को स्वीकार किया।

पीएम मोदी ने पोप के साथ अपनी मुलाकात को एक "यादगार क्षण" के रूप में याद किया, जहां सामाजिक सद्भाव, वैश्विक भाईचारा, जलवायु परिवर्तन और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के उद्देश्य से समावेशी विकास जैसे विषयों पर चर्चा हुई। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के बाद से ईसाई समुदाय के साथ अपने स्थायी बंधन पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और "गरीबों और वंचितों की सेवा" के लिए उनके निरंतर समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने पुष्टि की, "भारत गर्व से देश के लिए आपके योगदान को स्वीकार करता है।"

सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए', क्रिसमस डे को लेकर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री

 बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्रिसमस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होने लोगों से अपील की कि क्रिसमस डे का जश्न पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है तथा सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से अपील की कि वह अपने बच्चों को सांता क्लॉस की जगह हनुमानजी की पूजा के लिए प्रेरित करें।

मीडिया से चर्चा करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा, 'यह क्रिसमस सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चों को सांता क्लॉस के पास ना भेजकर आसपास के मंदिरों में हनुमानजी के पास भेजना चाहिए। आज मातृ-पितृ पूजन, तुलसी पूजन दिवस भी है। मातृ-पितृ पूजन कराया जाए, तुलसी पूजन कराया जाए। सांता क्लॉस आएगा गिफ्ट लाएगा... ये क्या हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं? भारतीय एवं सनातनियों को इस पर विचार करना चाहिए तथा पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को हनुमानजी, मीराबाई एवं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की तरफ प्रेरित करना चाहिए, ना कि पाश्चात्य संस्कृति की तरफ।' 

बता दे कि धीरेंद्र शास्त्री का पूरा नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है। वह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के मुख्य पुजारी हैं, जो बागेश्वर धाम महाराज के नाम से मशहूर हैं। वह सभाओं में धार्मिक कथाएं सुनाते हैं। धीरेंद्र का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के ही गढ़ा गांव में हुआ था। वह सामान्य निर्धन परिवार से आते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है।

इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर क्या है कांग्रेस का प्लान? जयराम रमेश ने बताया पार्टी का क्या होगा फॉर्मूला

#congressreadyforseatsharingwithindialliancesaidjairamramesh

विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” की चौथी बैठक 19 दिसंबर को नई दिल्ली में हुई। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया गया तो वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग भी चर्चा का बड़ा विषय रहा।हालांकि, सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन में अभी तक कोई एकमत नहीं बन पाया है। हां, बैठक में ये बात निकलकर सामने आई कि जनवरी के पहले हफ्ते तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर लिया जाएगा। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बड़ा बयान दिया है।

जयराम रमेश ने सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, सीट शेयरिंग में बातचीत होगी। जो कुछ करना होगा, हम करेंगे। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग परिस्थितियां हैं, उन्हें मद्देनजर रखते हुए सीट शेयरिंग की बात चल रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम खुले मन और बंद मुंह से ही हम सीट शेयरिंग पर बात आगे बढ़ाएंगे।उन्होंने कहा, कांग्रेस चाहती है कि इंडिया गठबंधन एकजुट और मजबूत। कांग्रेस जीत के लिए हर संभव कोशिश करेगी।

'हैं तैयार हम' रैली से चुनाव का होगा शंखनाद

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विपक्षी गठबंधन को एकजुट और मजबूत करने पर काम कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि 28 दिसंबर को नागपुर में 'हैं तैयार हम' नाम से एक मेगा रैली होगी। रैली के दौरान कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 का शंखनाद करेगी।

प्रियंका गांधी की भूमिका पर कही ये बात

जयराम रमेश ने 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी की भूमिका पर भी बातें की। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी एआईसीसी की महासचिव हैं और हमारी पार्टी में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को यूपी कांग्रेस में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रभारी पद से मुक्त किए जाने पर कांग्रेस पार्टी के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका की भूमिका अहम रही है। उन्हें पूरा यकीन है कि आने वाले समय में भी उनकी यही भूमिका होगी।