फिर मोदी सरकार के मुरीद हुए शशि थरूर, जानें अब कौन सी बात आई पसंद

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पूर्व राजनयिक, केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिसे उनकी पार्टी की लाइन के खिलाफ माना जा सकता है।शशि थरूर ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की तारीफ की है। इस बार उन्होंने वैक्सीन मैत्री पहल की जमकर प्रशंसा की है।उन्होंने कहा कि इस पहल ने भारत की ग्लोबल सॉफ्ट पावर को मजबूत किया है। साथ ही देश को एक उत्तरदायी वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया।

वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका को भी सशक्त किया-थरूर

अपने एक लेख में शशि थरूर ने कहा कि भारत ने अपनी वैक्सीन उत्पादन क्षमता को प्रभावी ढंग से उपयोग किया, जिससे वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति और मजबूत हुई। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत भारत ने ना केवल जरूरतमंद देशों को मदद दी, बल्कि वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका को भी सशक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत ने आगे बढ़कर अन्य देशों को प्राथमिकता दी और कई देशों की मदद की।

चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित किया-थरूर

कांग्रेस सांसद ने ये भी कहा कि वैक्सीन मैत्री प्रोग्राम ने दक्षिण एशिया और अफ्रीका में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने का काम किया। उन्होंने माना कि भारत की वैक्सीन कूटनीति ने देश की सॉफ्ट पावर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान भारत को अपने घरेलू जरूरतों को प्राथमिकता देनी पड़ी, लेकिन फिर भी उसकी वैक्सीन कूटनीति वैश्विक मंच पर असरदार साबित हुई।

वैश्विक मंच पर मजबूत छवि-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि यह सच है कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने भारत के वैक्सीन एक्सपोर्ट को अस्थायी रूप से बाधित किया है, जिससे घरेलू जरूरतों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ संतुलित करने की चुनौतियों पर ध्यान गया। इसके बावजूद, भारत की वैक्सीन कूटनीति उसकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय बनी, जो रणनीतिक हितों के साथ मानवतावाद को जोड़ने की उसकी क्षमता को दर्शाती है। इसने भारत की सॉफ्ट पावर को काफी हद तक बढ़ाया है, जिससे विकासशील दुनिया में यह दर्शाया गया है कि भारत मानवीय सहायता को प्राथमिकता दे सकता है, जिससे वैश्विक मंच पर एक उदार और विश्वसनीय भागीदार के रूप में इसकी छवि मजबूत हुई है।

क्या है 'वैक्सीन मैत्री' पहल?

बता दें कि 'वैक्सीन मैत्री'के तहत भारत ने कोरोना महामारी के समय में अन्य जरूरतमंद देशों को भारी मात्रा में घरेलू वैक्सीन मुहैया करवाई थी। सरकार ने 10 जनवरी 2021 को इस पहल की शुरुआत की थी। वहीं भारत ने कोवैक्स पहल के जरिए भी ग्लोबल वैश्विक डिस्ट्रीब्यूशन में अहम भूमिका निभाई थी।

अपने बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा…”रूस-यूक्रेन जंग पर 3 साल बाद शशि थरूर को हुआ गलती का एहसास

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर बीते कुछ समय से बदले-बदले नजर आ रहे हैं। बीते कुछ महीनों में शशि थरूर ने ऐसे कई बयान दिए हैं जो पार्टी लाइन से हटकर हैं। एक बार फिर शशि थरूर ने अपने बयान से चौंकाया है। दरअसल, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था, वह सही नहीं था। अब उन्हें उस बयान पर अफसोस हो रहा है।

पीएम मोदी को लेकर क्या बोले थरूर?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है। भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा- आज की स्थिति को देखते हुए वे तीन साल पहले अपने दिए बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। 2022 में संसदीय बहस में मैं इकलौता सांसद था, जिसने यूक्रेन को लेकर भारत के रुख की आलोचना की थी।

शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है-थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था वो सही नहीं था। रायसीना डायलॉग 2025 में शशि थरूर से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति को देखते हुए उन्हें खुशी है कि भारत ने जो रुख अपनाया, वह सही था? इस पर शशि थरूर ने माना कि तीन साल बाद उन्हें अपनी उस स्थिति पर अफसोस है। उन्हें शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है।

शांति स्थापित करने में निभा सकते हैं भूमिका

थरूर ने आगे कहा,भारत दुनिया में अपनी खास स्थिति को देखते हुए शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता होता है, तो भारत शांति सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हो सकता है। खासकर तब, जब रूस ने नाटो देशों के यूरोपीय शांति सैनिकों को अस्वीकार कर दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू हुआ था। जंग अब भी जारी है। जब पूरी दुनिया में रूस-यूक्रेन जंग से खलबली मची तब कांग्रेस नेता शशि थरूर उस समय भारत के रुख के सबसे मुखर विरोधियों में से एक थे। तब उन्होंने भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। शशि थरूर ने सरकार पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि रूस हमारा दोस्त है और उसकी कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं लेकिन भारत का अचानक इस मुद्दे पर चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों को निराश करेगा।

क्या कांग्रेस में नजर चल रहे हैं शशि थरूर? कहीं बढ़ा ने दें पार्टी की मुश्किलें

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कांग्रेस मुश्किलों के दौरा से गुजर रही है। कभी देश की सियासत का सबसे मजबूत स्तम्भ रही कांग्रेस आज अपना जनाधार खोते-खोते बेहद कमजोर हो गई है। पिछले कुछ सालों से कई बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इस बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा, "कांग्रेस में मेरा क्या रोल है।"

शशि थरूर की ओर से किए गे इस सवाल के बाद सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। असल में कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का मुद्दा उठाया है। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या थरूर पार्टी से दूरी बना रहे हैं या अपनी भूमिका को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल से उनकी मुलाकात भी हुई है।

शशि थरूर ने 18 फरवरी को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी में किनारे किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें संसद के महत्वपूर्ण बहसों में बोलने का मौका नहीं मिलता और पार्टी में उन्हें इग्नोर किया जा रहा है। थरूर ने कहा कि वह पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं और चाहते हैं कि राहुल गांधी उन्हें उनकी भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी ने थरूर की शिकायतों का कोई खास जवाब नहीं दिया और न ही उनकी कोई गंभीर समस्याओं को सुलझाया। थरूर को यह महसूस हुआ कि राहुल गांधी इस मामले में कोई भी खास वादा करने को तैयार नहीं थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी कि केरल के कांग्रेस नेताओं में थरूर के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान भी अब थरूर के प्रति नरमी नहीं दिखाना चाहता।

दरअसल, शशि थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ कर पार्टी के अंदर विवाद खड़ा कर दिया है। केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चार बार के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने हाल ही में केरल की वामपंथी विजयन सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की तारीफ की थी। इतना ही नहीं उन्होंने केरल में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। शशि थरूर के बयान से कांग्रेस कश्मकश में पड़ गई थी। इसके बाद कांग्रेस की केरल इकाई के मुखपत्र ने शशि थरूर को नसीहत देते हुए लेख छापा था। मुखपत्र वीक्षणम डेली के द्वारा लिखा गया था कि थरूर को स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पार्टी की उम्मीद को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा न दें।

थरूर पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा तो जवाब में थरूर ने कहा कि वो कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे पास भी विकल्प मौजूद है।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के यूएस दौरे की तारीफ, जानें क्या कहा ?


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प्रधानमंत्री का दो दिवसीय अमेरिका दौरा खत्म हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा भारत के लिए काफी खास रहा है। इस दौरे में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की। पीएम मोद के इस दौरे पर ट्रंप के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके अलावा कई बड़े अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की।कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की सराहना की है। शशि थरूर ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की काफी चर्चा हो रही है। इसके नतीजे भी बहुत अच्छे हैं। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत का मैं स्वागत करता हूं।

शशि थरूर ने पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मिले इनविटेशन को एक बड़ी घटना बताया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह काफी जरूरी बात है कि हमारे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने का समय पाने वाले पहले विश्व नेताओं में से हैं। यह देश के लिए एक अच्छा संकेत है। अभी ट्रंप प्रशासन को सरकार संभाले हुए एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और पीएम मोदी वाशिंगटन पहुंचने वाले चौथे प्रमुख नेता हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनास्ड ट्रंप द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस से जो कुछ भी हमने देखा है, वह बहुत उत्साहजनक है। हम सभी की कुछ बड़ी चिंताओं का समाधान किया गया है। थरूर ने कहा, पीएम मोदी और ट्रंप ने व्यापार और शुल्क के सवाल पर उन्होंने एक साथ बैठकर गंभीर बातचीत करने का फैसला किया है, जो सितंबर-अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगी। अवैध प्रवासी भारतियों के इमिग्रेशन के मुद्दे पर केवल एक चीज की कमी थी कि उन्हें वापस कैसे भेजा गया? अन्यथा उनका रुख बिल्कुल सही था। ये गुमराह युवा हैं, जिन्हें अवैध रूप से प्रवास करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया गया है।

मोदी सरकार के समर्थन में उतरे शशि थरूर, जानें किस बात के लिए की तारीफ
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* कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरूवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान को लेकर बड़ी बात कही है। शशि थरूर ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ अब बिना बाधा के बातचीत संभव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति का समर्थन भी किया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि 26/11 के मुंबई हमले जैसे घावों को भुलाया नहीं जा सकता। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अब यह जताना कि कुछ हुआ ही नही है, यह बेहद मुश्किल काम है। जब भारत सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत करने का मन बनाया तो मुंबई में आतंकी हमला हो गया। पाकिस्तान ने पठानकोट और मुंबई में जो छुरा घोंपा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सही ही कहा है कि पाकिस्तान के साथ अब साधारण तरीके से बात नहीं हो सकती है। फॉरेन करेस्पॉडेंट्स क्लब में एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर शशि थरूर ने कहा कि अगर आप पाकिस्तान में भारत की छवि अच्छी करना चाहते हैं तो ज्यादा लोगों को वीजा देना होगा। हम लोगों ने ही कहा था कि रणनीतिक स्तर पर पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है लेकिन पीपल टु पीपल रिलेशन को मजबूत करना जरूरी है। अगर भारत ऐसा करता है तो पाकिस्तान में भी भारत का समर्थन बढ़ेगा और शांति की मांग को लेकर वहां की आवाम आगे आएगी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसा कोई भी पाकिस्तानी नहीं है जो भारत आया हो और उसे हमारे देश से प्यार ना हुआ हो। पर्यटक, गायक, संगीतकार और खिलाड़ी भी कहते हैं कि वे भारत आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार भी यही कहती है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकती। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता का समय खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार अगर सख्ती से इस मुद्दे को देखती है तो पाकिस्तान उसे वार्ता खत्म करने के लिए मजबूर कर देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं हो सकता कि हमेशा के लिए बातचीत को करने का ऐलान कर दिया जाए। लेकिन पुराने मसलों को भुलाकर दोस्त की तरह बात करना भी संभव नहीं है।
जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर भिड़े हरदीप पुरी और शशि थरूर, सोरोस को लेकर 2009 के पोस्ट पर छिड़ी “जंग”

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अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक बार फिर भारतीय राजनीति में एक अहम मुद्दा बनते दिख रहे हैं। जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस से उससे संबंधों पर भारतीय जनता पार्टी अक्सर घेरती है। इस बार कांग्रेस ने सोरोस के बहाने बीजेपी पर ही निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच जॉर्ज सोरोस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुबान जंग छिड़ी हुई है।

सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर आरोप लगाया कि उनकी जॉर्ज सोरोस से न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई थी। थरूर का आरोप है कि हरदीप पुरी को सोरोस ने डिनर के लिए न्योता भी दिया था। अपने उपर लगे आरोपों पर अब मोदी सरकार के मंत्री ने जवाब दिया है। पुरी ने थरूर को जवाब देते हुए कहा कि थरूर ने ही सोरोस को डिनर पर बुलाया था। अब सोरोस के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच एक्स वॉर शुरू हो गया है।

दरअसल, 8 दिसंबर को भाजपा ने गांधी परिवार पर अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से फंड लेने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि भारत विरोधी सोरोस और कांग्रेस मिलकर भारत की इकोनॉमी तबाह करना चाहते हैं।

इसके बाद एक्स पर सांसद शशि थरूर का 2009 का पोस्ट वायरल हुआ। कर्नाटक के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने थरूर की 2009 की एक पुरानी पोस्ट दिखाई। जिसमें उन्होंने लिखा था- पूराने मित्र सोरोस से मुलाकात हुई। वे एक निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया की चिंता करने वाले नागरिक भी हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

बीजेपी के कार्यकर्ता ने उस पोस्ट पर रिपोस्ट करते हुए सवाल किया कि इस एक्स पोस्ट के बारे में आपका क्या ख्याल है थरूर?

थरूर ने अपनी इसी पोस्ट का जवाब देते हुए 15 दिसंबर को कहा- ये मुलाकात हरदीप पुरी (केंद्रीय मंत्री) के घर हुई थी। वे सिर्फ सोशल सेंस में मेरे दोस्त थे। मैंने उनसे एक रुपए भी नहीं लिया। इस पोस्ट के बाद मैं एक बार और उनसे मिला था। यह मुलाकात हरदीप पुरी के घर डिनर पार्टी में हुई थी। थरूर ने आगे कहा कि मेरे पुराने रिश्ते के कभी कोई राजनीतिक अर्थ नहीं थे। मुझे उम्मीद है कि यह उन लोगों के लिए इस मामले को और स्पष्ट करेगा जो मेरे 15 साल पुरानी पोस्ट को लेकर बेतुका आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पता है कि ट्रोल फैक्ट्री कैसे काम करती है और मुझे विश्वास है कि ये लोग नहीं समझेंगे

पुरी का पलटवार

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी थरूर को जवाब दिया है। हरदीप सिंह पुरी उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत थे, ने एक्स पर उस समय के विदेश राज्य मंत्री थरूर पर पलटवार करते हुए कहा कि थरूर ने ही डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट बनाई थी, जिसमें सोरोस भी शामिल थे। पुरी ने शशि थरूर की बातों का जवाब देते हुए कहा कि मेरे मित्र डॉ.शशि थरूर,जो डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में छात्र थे। तब मैं शिक्षक संकाय का सदस्य था। मेरे संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के कुछ ही समय बाद न्यूयॉर्क में विदेश राज्य मंत्री के रूप में पहुंचे थे। मैंने 11 अक्टूबर 2009 को एक ब्रीफिंग नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को रात के खाने पर उनकी और उनके साथी की मेजबानी की थी।

हरदीप सिंह पुरी ने लिखा,पीछे देखने पर यह साफ है कि नाम इसलिए शामिल किया गया क्योंकि संबंधित सज्जन राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से थे और राज्य मंत्री उनसे मिलने के इच्छुक थे। उन्होंने यह भी कहा कि थरूर ने पहले मई 2009 में सोरोस से मुलाकात की थी और बातचीत के बारे में ट्वीट किया था। पुरी ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए कहा, छल करने की कलाओं में भाषा को अक्सर गौरवपूर्ण स्थान दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ मित्र अस्पष्टता में माहिर हैं, लेकिन वे अपने जोखिम पर ट्वीट करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, चूंकि मैं उस समय शहर में कुछ ही महीने का था लेकिन डॉ थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था, इसलिए मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट नहीं बनाई थी। यह लिस्ट मुझे मंत्री थरूर ने दी थी।

जॉर्ज सोरोस पीएम मोदी को लोकतंत्र विरोधी बता चुके

बता दें कि जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी अरबपति उद्योगपति है। जॉर्ज पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है। सोरोस की संस्था ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की। 2014 में इसने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को फंड देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी।

अगस्त 2023 में जॉर्ज का म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जब उन्होंने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है।

आखिरकार 'अब की बार, 400 पार' हुआ, लेकिन...ब्रिटेन चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर का बीजेपी पर तंज*
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ब्रिटेन की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी की इस बार चुनावों में करारी शिकस्त हुई। वहीं, लेबर पार्टी ने जबरदस्त वापसी करते हुए 400 पार के आंकड़े को हासिल किया। ब्रिटेन में आए इस रिजल्ट को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीजेपी पर कटाक्ष किया है।उन्होंने कहा कि अबकी बार 400 का आंकड़ा पार हो गया, लेकिन ये दूसरे देश में हुआ है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 सीटें जीतने का दावा किया था। हालांकि, भाजपा नीत एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा तो हासिल किया, लेकिन 400 पार के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया। ब्रिटेन में लेबर पार्टी के 400 से ज्यादा सीटें पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भाजपा पर तंज कसा है। थरूर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'आखिरकार 'अब की बार 400 पार' हुआ - लेकिन दूसरे देश में!' पिछले महीने संपन्न हुए चुनाव में भाजपा ने 240 सीट पर जीत दर्ज की और बहुमत से दूर रह गई, लेकिन राजग ने 293 सीट के साथ बहुमत हासिल कर लिया था। कांग्रेस को 99 सीटें मिलीं जबकि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को 234 सीट पर जीत मिली थी। वहीं, ब्रिटेन के ऐतिहासिक आम चुनाव में लेबर पार्टी ने जीत हासिल की है। लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में 412 सीट हासिल कीं। यह संख्या 2019 में पिछले चुनाव में प्राप्त सीट से 211 अधिक है।ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने 121 सीट पर जीत दर्ज की जो पिछले चुनाव में प्राप्त सीट से 250 कम हैं। लेबर पार्टी का मत प्रतिशत 33.7 रहा, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी का मत प्रतिशत 23.7 रहा।
*2024 के चुनाव को लेकर शशि थरूर का बड़ा दावा, बोले-भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, लेकिन...*

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भले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही नहीं, आने वाले चुनाव में जीत के बड़े-बड़े दावे भी किए जा रहे हैं। बीजेपी ने तो अपना नया नारा भी दे दिया है “अबकी बार 400 पार”। अब चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी एक भविष्यवाणी की है। शशि थरूर ने दावा किया है कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि आगामी आम चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। लेकिन, उसे सरकार बनाने लायक सीटें पाने से रोका जा सकता है। उनका कहना है कि राजग के सहयोगी विपक्षी गठबंधन का समर्थन कर सकते हैं।

बीजेपी के साथी हमारा सहयोग करने को तैयार हों-थरूर

थरूर ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, भारत विविधताओं भरा देश है और वह उस स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जहां राज्यों में सौ फीसदी सहमति नहीं है। उन्होंने आगे कहा, मुझे अब भी लगता है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। लेकिन, उनकी संख्या को उस स्तर तक कम किया जा सकता है, जहां सरकार बनाने के लिए उसके सहयोगी उनके साथ सहयोग करने के इच्छुक नहीं होंगे। पूर्व मंत्री ने कहा, हो सकता है कि वह हमारा सहयोग करने को तैयार हों। इसलिए, हमें इस चीज को आजमाना होगा। 

केरल में सीट बंटवारे पर समझौता असंभव-थरूर

आगामी चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही रार पर शशि थरूर ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन के अंदर पर्याप्त राज्यों में सीट बंटवारे पर समझौता हो जाता है तो कई जगहों पर हार से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि केरल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर समझौता होना असंभव है।

अपने क्षेत्र से सबसे अच्छे व्यक्ति को दें वोट-थरूर

थरूर के मुताबिक, देश के लोगों को यह याद दिलाना जरूरी है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र से सबसे अच्छे व्यक्ति को वोट दें। उन्होंने कहा, मोदी-मोदी का नारा लगाने वालों को पता होना चाहिए कि उन्हें केवल वाराणसी के लोग ही वोट दे सकते हैं। हर किसी को अपने इलाके से सबसे अच्छे उम्मीदवार को चुनना होगा, जो उन्हें लगता है कि उनका अच्छा प्रतिनिधित्व कर सकता है और अगर वे (पीएम) मोदी को ही (संसद) भेजने के लिए वोट करना चाहते हैं, तो यह उनकी पसंद है। अगर वे किसी ऐसे व्यक्ति को वोट देना चाहते हैं जो उनके विचार के अनुकूल है, तो यह उनकी पसंद है। प्रधानमंत्री पिचले आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से चुने गए थे।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान से चढ़ा सियासी पारा, क्या 2024 में लड़ेंगे आखिरी लोकसभा चुनाव

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पूरा देश सर्दी से कांप रहा है, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह तिरुवनंतपुरम सीट से इस भावना से चुनाव लड़ेंगे जैसे यह उनका आखिरी चुनाव हो। थरूर ने कहा कि मेरा मानना है कि राजनीति में एक समय ऐसा आता है जब युवा लोगों के लिए जगह बनाई जाती है। थरूर के इस बयान के बाद तरह-तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि साल 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा।थरूर का कहना है ति मेरा मानना है कि एक समय ऐसा आता है जब युवा लोगों के लिए जगह बनाई जाती है। राजनीति में एक कहावत है ‘नेवल से नेवर’।थरूर ने आगे कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ता हूं तो मैं अपने आखिरी चुनाव की तरह पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ूंगा।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तिरुअनंतपुरम से पीएम मोदी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर उन्होंने कहा, अगर पीएम मोदी भी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो मैं ही जीतूंगा। उन्होंने कहा कि जनता को अगर उचित लगता हो तो उन्हें चुनाव में बदल देने का पूरा अधिकार है। लेकिन यह इस वजह से नहीं होगा कि मैं किसके खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं।

महुआ मोइत्रा के साथ तस्वीरें वायरल होने पर शशि थरूर ने तोड़ी चुप्पी, बोले-यह घटिया राजनीति, मेरे लिए वह बच्ची जैसी

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ अपनी तस्वीर वायरल होने पर चुप्पी तोड़ी है। थरूर ने इसकी आलोचना की और इसे 'घटिया राजनीति का कृत्य' करार दिया।उन्होंने कहा कि यह कोई सीरियस मुद्दा नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने इस फोटो के पीछे की हकीकत को भी बताया है और कहा कि यह उस दिन की तस्वीर है, जब उनकी जन्मदिन की पार्टी में हमलोग मिले थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, टीएमसी सांसद महुआ मित्रा के साथ अपनी वायरल तस्वीरों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मेरा जीवन लोगों को समर्पित है। इस तरह के ट्रोल सस्ती राजनीति का हिस्सा हैं। मेरी राय में यह कोई गंभीर मुद्दा नहीं है। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने स्पष्ट किया कि वह महुआ मोइत्रा की जन्मदिन की पार्टी में मौजूद थे, जिसमें उनकी बहन सहित लगभग 15 लोग शामिल थे।

थरूर ने केरल के कोट्टायम में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मेरे लिए वह बच्ची जैसी ही हैं। वह मुझसे 20 साल छोटी हैं।शशि थरूर ने कहा, यह उनकी जन्मदिन की पार्टी थी, जिसमें मेरी बहन सहित लगभग 15 लोगों ने भाग लिया था। पूरी तस्वीर दिखाने के बजाय, इसे काट-छांट और एडिट कर फैलाया जा रहा है।शशि थरूर ने आगे कहा कि वह ऐसे ट्रोल्स को महत्व नहीं देते और लोगों के लिए काम करने में व्यस्त हैं. ट्रोल्स को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे इसे एक सीक्रेट मीटिंग के रूप में फैला रहे हैं, मगर फिर सवाल उठता है कि आखिर तस्वीर किसने क्लिक की?

मोइत्रा ने इससे पहले कहा था कि वह भाजपा की ट्रोल आर्मी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही उनकी कुछ निजी तस्वीरों को देखकर 'बहुत खुश' हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया, मुझे सफेद ब्लाउज की तुलना में हरे रंग की पोशाक ज्यादा पसंद है। और क्रॉपिंग की जहमत क्यों उठाई। डिनर पर बाकी लोगों को भी दिखाएं कि बंगाल की महिलाएं एक जीवन को जीती हैं।

फिर मोदी सरकार के मुरीद हुए शशि थरूर, जानें अब कौन सी बात आई पसंद

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पूर्व राजनयिक, केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिसे उनकी पार्टी की लाइन के खिलाफ माना जा सकता है।शशि थरूर ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की तारीफ की है। इस बार उन्होंने वैक्सीन मैत्री पहल की जमकर प्रशंसा की है।उन्होंने कहा कि इस पहल ने भारत की ग्लोबल सॉफ्ट पावर को मजबूत किया है। साथ ही देश को एक उत्तरदायी वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया।

वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका को भी सशक्त किया-थरूर

अपने एक लेख में शशि थरूर ने कहा कि भारत ने अपनी वैक्सीन उत्पादन क्षमता को प्रभावी ढंग से उपयोग किया, जिससे वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति और मजबूत हुई। उन्होंने कहा कि इस पहल के तहत भारत ने ना केवल जरूरतमंद देशों को मदद दी, बल्कि वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका को भी सशक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत ने आगे बढ़कर अन्य देशों को प्राथमिकता दी और कई देशों की मदद की।

चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित किया-थरूर

कांग्रेस सांसद ने ये भी कहा कि वैक्सीन मैत्री प्रोग्राम ने दक्षिण एशिया और अफ्रीका में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने का काम किया। उन्होंने माना कि भारत की वैक्सीन कूटनीति ने देश की सॉफ्ट पावर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान भारत को अपने घरेलू जरूरतों को प्राथमिकता देनी पड़ी, लेकिन फिर भी उसकी वैक्सीन कूटनीति वैश्विक मंच पर असरदार साबित हुई।

वैश्विक मंच पर मजबूत छवि-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि यह सच है कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने भारत के वैक्सीन एक्सपोर्ट को अस्थायी रूप से बाधित किया है, जिससे घरेलू जरूरतों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ संतुलित करने की चुनौतियों पर ध्यान गया। इसके बावजूद, भारत की वैक्सीन कूटनीति उसकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय बनी, जो रणनीतिक हितों के साथ मानवतावाद को जोड़ने की उसकी क्षमता को दर्शाती है। इसने भारत की सॉफ्ट पावर को काफी हद तक बढ़ाया है, जिससे विकासशील दुनिया में यह दर्शाया गया है कि भारत मानवीय सहायता को प्राथमिकता दे सकता है, जिससे वैश्विक मंच पर एक उदार और विश्वसनीय भागीदार के रूप में इसकी छवि मजबूत हुई है।

क्या है 'वैक्सीन मैत्री' पहल?

बता दें कि 'वैक्सीन मैत्री'के तहत भारत ने कोरोना महामारी के समय में अन्य जरूरतमंद देशों को भारी मात्रा में घरेलू वैक्सीन मुहैया करवाई थी। सरकार ने 10 जनवरी 2021 को इस पहल की शुरुआत की थी। वहीं भारत ने कोवैक्स पहल के जरिए भी ग्लोबल वैश्विक डिस्ट्रीब्यूशन में अहम भूमिका निभाई थी।

अपने बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा…”रूस-यूक्रेन जंग पर 3 साल बाद शशि थरूर को हुआ गलती का एहसास

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर बीते कुछ समय से बदले-बदले नजर आ रहे हैं। बीते कुछ महीनों में शशि थरूर ने ऐसे कई बयान दिए हैं जो पार्टी लाइन से हटकर हैं। एक बार फिर शशि थरूर ने अपने बयान से चौंकाया है। दरअसल, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था, वह सही नहीं था। अब उन्हें उस बयान पर अफसोस हो रहा है।

पीएम मोदी को लेकर क्या बोले थरूर?

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जो रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित कर सकता है। भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है, जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों को गले लगा सकता है। हम दोनों जगहों (रूस और यूक्रेन) पर स्वीकार किए जाते हैं। थरूर ने कहा- आज की स्थिति को देखते हुए वे तीन साल पहले अपने दिए बयानों पर शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। 2022 में संसदीय बहस में मैं इकलौता सांसद था, जिसने यूक्रेन को लेकर भारत के रुख की आलोचना की थी।

शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है-थरूर

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2025 में स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर 2022 में जो रुख उन्होंने अपनाया था वो सही नहीं था। रायसीना डायलॉग 2025 में शशि थरूर से पूछा गया कि क्या रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति को देखते हुए उन्हें खुशी है कि भारत ने जो रुख अपनाया, वह सही था? इस पर शशि थरूर ने माना कि तीन साल बाद उन्हें अपनी उस स्थिति पर अफसोस है। उन्हें शर्मिंदगी जैसा अहसास हो रहा है।

शांति स्थापित करने में निभा सकते हैं भूमिका

थरूर ने आगे कहा,भारत दुनिया में अपनी खास स्थिति को देखते हुए शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। अगर रूस और यूक्रेन के बीच कोई समझौता होता है, तो भारत शांति सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हो सकता है। खासकर तब, जब रूस ने नाटो देशों के यूरोपीय शांति सैनिकों को अस्वीकार कर दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में युद्ध शुरू हुआ था। जंग अब भी जारी है। जब पूरी दुनिया में रूस-यूक्रेन जंग से खलबली मची तब कांग्रेस नेता शशि थरूर उस समय भारत के रुख के सबसे मुखर विरोधियों में से एक थे। तब उन्होंने भारत के स्टैंड को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी। शशि थरूर ने सरकार पर मौन रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि रूस हमारा दोस्त है और उसकी कुछ वैध सुरक्षा चिंताएं हो सकती हैं लेकिन भारत का अचानक इस मुद्दे पर चुप हो जाना यूक्रेन और उसके समर्थकों को निराश करेगा।

क्या कांग्रेस में नजर चल रहे हैं शशि थरूर? कहीं बढ़ा ने दें पार्टी की मुश्किलें

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कांग्रेस मुश्किलों के दौरा से गुजर रही है। कभी देश की सियासत का सबसे मजबूत स्तम्भ रही कांग्रेस आज अपना जनाधार खोते-खोते बेहद कमजोर हो गई है। पिछले कुछ सालों से कई बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। इस बीच कांग्रेस के सीनियर लीडर और केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पार्टी नेतृत्व से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने राहुल गांधी से पूछा, "कांग्रेस में मेरा क्या रोल है।"

शशि थरूर की ओर से किए गे इस सवाल के बाद सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। असल में कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से चार बार के सांसद शशि थरूर की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। हाल ही में उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का मुद्दा उठाया है। इसके बाद से राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या थरूर पार्टी से दूरी बना रहे हैं या अपनी भूमिका को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल से उनकी मुलाकात भी हुई है।

शशि थरूर ने 18 फरवरी को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी में किनारे किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें संसद के महत्वपूर्ण बहसों में बोलने का मौका नहीं मिलता और पार्टी में उन्हें इग्नोर किया जा रहा है। थरूर ने कहा कि वह पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर असमंजस में हैं और चाहते हैं कि राहुल गांधी उन्हें उनकी भूमिका के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी ने थरूर की शिकायतों का कोई खास जवाब नहीं दिया और न ही उनकी कोई गंभीर समस्याओं को सुलझाया। थरूर को यह महसूस हुआ कि राहुल गांधी इस मामले में कोई भी खास वादा करने को तैयार नहीं थे। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर छापी कि केरल के कांग्रेस नेताओं में थरूर के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से यह भी बताया कि कांग्रेस आलाकमान भी अब थरूर के प्रति नरमी नहीं दिखाना चाहता।

दरअसल, शशि थरूर ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे और केरल के सीएम पिनाराई विजयन की तारीफ कर पार्टी के अंदर विवाद खड़ा कर दिया है। केरल के तिरुवनंतपुरम से लगातार चार बार के लोकसभा सांसद शशि थरूर ने हाल ही में केरल की वामपंथी विजयन सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात की तारीफ की थी। इतना ही नहीं उन्होंने केरल में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए थे। शशि थरूर के बयान से कांग्रेस कश्मकश में पड़ गई थी। इसके बाद कांग्रेस की केरल इकाई के मुखपत्र ने शशि थरूर को नसीहत देते हुए लेख छापा था। मुखपत्र वीक्षणम डेली के द्वारा लिखा गया था कि थरूर को स्थानीय निकाय चुनाव से पहले पार्टी की उम्मीद को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए। हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा न दें।

थरूर पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने का आरोप लगा तो जवाब में थरूर ने कहा कि वो कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन पार्टी को मेरी जरूरत नहीं है तो मेरे पास भी विकल्प मौजूद है।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के यूएस दौरे की तारीफ, जानें क्या कहा ?


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प्रधानमंत्री का दो दिवसीय अमेरिका दौरा खत्म हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा भारत के लिए काफी खास रहा है। इस दौरे में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात की। पीएम मोद के इस दौरे पर ट्रंप के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके अलावा कई बड़े अमेरिकी शीर्ष अधिकारियों से भी पीएम मोदी ने मुलाकात की।कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की सराहना की है। शशि थरूर ने कहा कि पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे की काफी चर्चा हो रही है। इसके नतीजे भी बहुत अच्छे हैं। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत का मैं स्वागत करता हूं।

शशि थरूर ने पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मिले इनविटेशन को एक बड़ी घटना बताया था। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो यह काफी जरूरी बात है कि हमारे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने का समय पाने वाले पहले विश्व नेताओं में से हैं। यह देश के लिए एक अच्छा संकेत है। अभी ट्रंप प्रशासन को सरकार संभाले हुए एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है और पीएम मोदी वाशिंगटन पहुंचने वाले चौथे प्रमुख नेता हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनास्ड ट्रंप द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस से जो कुछ भी हमने देखा है, वह बहुत उत्साहजनक है। हम सभी की कुछ बड़ी चिंताओं का समाधान किया गया है। थरूर ने कहा, पीएम मोदी और ट्रंप ने व्यापार और शुल्क के सवाल पर उन्होंने एक साथ बैठकर गंभीर बातचीत करने का फैसला किया है, जो सितंबर-अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगी। अवैध प्रवासी भारतियों के इमिग्रेशन के मुद्दे पर केवल एक चीज की कमी थी कि उन्हें वापस कैसे भेजा गया? अन्यथा उनका रुख बिल्कुल सही था। ये गुमराह युवा हैं, जिन्हें अवैध रूप से प्रवास करने के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित किया गया है।

मोदी सरकार के समर्थन में उतरे शशि थरूर, जानें किस बात के लिए की तारीफ
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* कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरूवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान को लेकर बड़ी बात कही है। शशि थरूर ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ अब बिना बाधा के बातचीत संभव नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति का समर्थन भी किया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि 26/11 के मुंबई हमले जैसे घावों को भुलाया नहीं जा सकता। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अब यह जताना कि कुछ हुआ ही नही है, यह बेहद मुश्किल काम है। जब भारत सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत करने का मन बनाया तो मुंबई में आतंकी हमला हो गया। पाकिस्तान ने पठानकोट और मुंबई में जो छुरा घोंपा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सही ही कहा है कि पाकिस्तान के साथ अब साधारण तरीके से बात नहीं हो सकती है। फॉरेन करेस्पॉडेंट्स क्लब में एक पुस्तक के विमोचन के मौके पर शशि थरूर ने कहा कि अगर आप पाकिस्तान में भारत की छवि अच्छी करना चाहते हैं तो ज्यादा लोगों को वीजा देना होगा। हम लोगों ने ही कहा था कि रणनीतिक स्तर पर पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है लेकिन पीपल टु पीपल रिलेशन को मजबूत करना जरूरी है। अगर भारत ऐसा करता है तो पाकिस्तान में भी भारत का समर्थन बढ़ेगा और शांति की मांग को लेकर वहां की आवाम आगे आएगी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसा कोई भी पाकिस्तानी नहीं है जो भारत आया हो और उसे हमारे देश से प्यार ना हुआ हो। पर्यटक, गायक, संगीतकार और खिलाड़ी भी कहते हैं कि वे भारत आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार भी यही कहती है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकती। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध वार्ता का समय खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार अगर सख्ती से इस मुद्दे को देखती है तो पाकिस्तान उसे वार्ता खत्म करने के लिए मजबूर कर देता है। उन्होंने कहा कि ऐसा भी नहीं हो सकता कि हमेशा के लिए बातचीत को करने का ऐलान कर दिया जाए। लेकिन पुराने मसलों को भुलाकर दोस्त की तरह बात करना भी संभव नहीं है।
जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर भिड़े हरदीप पुरी और शशि थरूर, सोरोस को लेकर 2009 के पोस्ट पर छिड़ी “जंग”

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अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस एक बार फिर भारतीय राजनीति में एक अहम मुद्दा बनते दिख रहे हैं। जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस से उससे संबंधों पर भारतीय जनता पार्टी अक्सर घेरती है। इस बार कांग्रेस ने सोरोस के बहाने बीजेपी पर ही निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बीच जॉर्ज सोरोस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जुबान जंग छिड़ी हुई है।

सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी पर आरोप लगाया कि उनकी जॉर्ज सोरोस से न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई थी। थरूर का आरोप है कि हरदीप पुरी को सोरोस ने डिनर के लिए न्योता भी दिया था। अपने उपर लगे आरोपों पर अब मोदी सरकार के मंत्री ने जवाब दिया है। पुरी ने थरूर को जवाब देते हुए कहा कि थरूर ने ही सोरोस को डिनर पर बुलाया था। अब सोरोस के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच एक्स वॉर शुरू हो गया है।

दरअसल, 8 दिसंबर को भाजपा ने गांधी परिवार पर अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के फाउंडेशन से फंड लेने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि भारत विरोधी सोरोस और कांग्रेस मिलकर भारत की इकोनॉमी तबाह करना चाहते हैं।

इसके बाद एक्स पर सांसद शशि थरूर का 2009 का पोस्ट वायरल हुआ। कर्नाटक के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने थरूर की 2009 की एक पुरानी पोस्ट दिखाई। जिसमें उन्होंने लिखा था- पूराने मित्र सोरोस से मुलाकात हुई। वे एक निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया की चिंता करने वाले नागरिक भी हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

बीजेपी के कार्यकर्ता ने उस पोस्ट पर रिपोस्ट करते हुए सवाल किया कि इस एक्स पोस्ट के बारे में आपका क्या ख्याल है थरूर?

थरूर ने अपनी इसी पोस्ट का जवाब देते हुए 15 दिसंबर को कहा- ये मुलाकात हरदीप पुरी (केंद्रीय मंत्री) के घर हुई थी। वे सिर्फ सोशल सेंस में मेरे दोस्त थे। मैंने उनसे एक रुपए भी नहीं लिया। इस पोस्ट के बाद मैं एक बार और उनसे मिला था। यह मुलाकात हरदीप पुरी के घर डिनर पार्टी में हुई थी। थरूर ने आगे कहा कि मेरे पुराने रिश्ते के कभी कोई राजनीतिक अर्थ नहीं थे। मुझे उम्मीद है कि यह उन लोगों के लिए इस मामले को और स्पष्ट करेगा जो मेरे 15 साल पुरानी पोस्ट को लेकर बेतुका आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पता है कि ट्रोल फैक्ट्री कैसे काम करती है और मुझे विश्वास है कि ये लोग नहीं समझेंगे

पुरी का पलटवार

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी थरूर को जवाब दिया है। हरदीप सिंह पुरी उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत थे, ने एक्स पर उस समय के विदेश राज्य मंत्री थरूर पर पलटवार करते हुए कहा कि थरूर ने ही डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट बनाई थी, जिसमें सोरोस भी शामिल थे। पुरी ने शशि थरूर की बातों का जवाब देते हुए कहा कि मेरे मित्र डॉ.शशि थरूर,जो डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में छात्र थे। तब मैं शिक्षक संकाय का सदस्य था। मेरे संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के कुछ ही समय बाद न्यूयॉर्क में विदेश राज्य मंत्री के रूप में पहुंचे थे। मैंने 11 अक्टूबर 2009 को एक ब्रीफिंग नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को रात के खाने पर उनकी और उनके साथी की मेजबानी की थी।

हरदीप सिंह पुरी ने लिखा,पीछे देखने पर यह साफ है कि नाम इसलिए शामिल किया गया क्योंकि संबंधित सज्जन राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से थे और राज्य मंत्री उनसे मिलने के इच्छुक थे। उन्होंने यह भी कहा कि थरूर ने पहले मई 2009 में सोरोस से मुलाकात की थी और बातचीत के बारे में ट्वीट किया था। पुरी ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए कहा, छल करने की कलाओं में भाषा को अक्सर गौरवपूर्ण स्थान दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ मित्र अस्पष्टता में माहिर हैं, लेकिन वे अपने जोखिम पर ट्वीट करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, चूंकि मैं उस समय शहर में कुछ ही महीने का था लेकिन डॉ थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था, इसलिए मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट नहीं बनाई थी। यह लिस्ट मुझे मंत्री थरूर ने दी थी।

जॉर्ज सोरोस पीएम मोदी को लोकतंत्र विरोधी बता चुके

बता दें कि जॉर्ज सोरोस एक अमेरिकी अरबपति उद्योगपति है। जॉर्ज पर दुनिया के कई देशों की राजनीति और समाज को प्रभावित करने का एजेंडा चलाने का आरोप है। सोरोस की संस्था ‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन’ ने 1999 में पहली बार भारत में एंट्री की। 2014 में इसने भारत में दवा, न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और विकलांग लोगों को मदद करने वाली संस्थाओं को फंड देना शुरू किया। 2016 में भारत सरकार ने देश में इस संस्था के जरिए होने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी।

अगस्त 2023 में जॉर्ज का म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में दिया बयान बेहद चर्चा में रहा। जब उन्होंने कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है।

आखिरकार 'अब की बार, 400 पार' हुआ, लेकिन...ब्रिटेन चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर का बीजेपी पर तंज*
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ब्रिटेन की सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी की इस बार चुनावों में करारी शिकस्त हुई। वहीं, लेबर पार्टी ने जबरदस्त वापसी करते हुए 400 पार के आंकड़े को हासिल किया। ब्रिटेन में आए इस रिजल्ट को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीजेपी पर कटाक्ष किया है।उन्होंने कहा कि अबकी बार 400 का आंकड़ा पार हो गया, लेकिन ये दूसरे देश में हुआ है। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 सीटें जीतने का दावा किया था। हालांकि, भाजपा नीत एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा तो हासिल किया, लेकिन 400 पार के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया। ब्रिटेन में लेबर पार्टी के 400 से ज्यादा सीटें पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भाजपा पर तंज कसा है। थरूर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'आखिरकार 'अब की बार 400 पार' हुआ - लेकिन दूसरे देश में!' पिछले महीने संपन्न हुए चुनाव में भाजपा ने 240 सीट पर जीत दर्ज की और बहुमत से दूर रह गई, लेकिन राजग ने 293 सीट के साथ बहुमत हासिल कर लिया था। कांग्रेस को 99 सीटें मिलीं जबकि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को 234 सीट पर जीत मिली थी। वहीं, ब्रिटेन के ऐतिहासिक आम चुनाव में लेबर पार्टी ने जीत हासिल की है। लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय 'हाउस ऑफ कॉमन्स' में 412 सीट हासिल कीं। यह संख्या 2019 में पिछले चुनाव में प्राप्त सीट से 211 अधिक है।ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने 121 सीट पर जीत दर्ज की जो पिछले चुनाव में प्राप्त सीट से 250 कम हैं। लेबर पार्टी का मत प्रतिशत 33.7 रहा, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी का मत प्रतिशत 23.7 रहा।
*2024 के चुनाव को लेकर शशि थरूर का बड़ा दावा, बोले-भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, लेकिन...*

#shashitharoorbjploksabhaelection2024_prediction 

भले ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही नहीं, आने वाले चुनाव में जीत के बड़े-बड़े दावे भी किए जा रहे हैं। बीजेपी ने तो अपना नया नारा भी दे दिया है “अबकी बार 400 पार”। अब चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी एक भविष्यवाणी की है। शशि थरूर ने दावा किया है कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने कहा कि आगामी आम चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। लेकिन, उसे सरकार बनाने लायक सीटें पाने से रोका जा सकता है। उनका कहना है कि राजग के सहयोगी विपक्षी गठबंधन का समर्थन कर सकते हैं।

बीजेपी के साथी हमारा सहयोग करने को तैयार हों-थरूर

थरूर ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, भारत विविधताओं भरा देश है और वह उस स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, जहां राज्यों में सौ फीसदी सहमति नहीं है। उन्होंने आगे कहा, मुझे अब भी लगता है कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। लेकिन, उनकी संख्या को उस स्तर तक कम किया जा सकता है, जहां सरकार बनाने के लिए उसके सहयोगी उनके साथ सहयोग करने के इच्छुक नहीं होंगे। पूर्व मंत्री ने कहा, हो सकता है कि वह हमारा सहयोग करने को तैयार हों। इसलिए, हमें इस चीज को आजमाना होगा। 

केरल में सीट बंटवारे पर समझौता असंभव-थरूर

आगामी चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही रार पर शशि थरूर ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन के अंदर पर्याप्त राज्यों में सीट बंटवारे पर समझौता हो जाता है तो कई जगहों पर हार से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि केरल में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर समझौता होना असंभव है।

अपने क्षेत्र से सबसे अच्छे व्यक्ति को दें वोट-थरूर

थरूर के मुताबिक, देश के लोगों को यह याद दिलाना जरूरी है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र से सबसे अच्छे व्यक्ति को वोट दें। उन्होंने कहा, मोदी-मोदी का नारा लगाने वालों को पता होना चाहिए कि उन्हें केवल वाराणसी के लोग ही वोट दे सकते हैं। हर किसी को अपने इलाके से सबसे अच्छे उम्मीदवार को चुनना होगा, जो उन्हें लगता है कि उनका अच्छा प्रतिनिधित्व कर सकता है और अगर वे (पीएम) मोदी को ही (संसद) भेजने के लिए वोट करना चाहते हैं, तो यह उनकी पसंद है। अगर वे किसी ऐसे व्यक्ति को वोट देना चाहते हैं जो उनके विचार के अनुकूल है, तो यह उनकी पसंद है। प्रधानमंत्री पिचले आम चुनाव में उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से चुने गए थे।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान से चढ़ा सियासी पारा, क्या 2024 में लड़ेंगे आखिरी लोकसभा चुनाव

#2024_lok_sabha_elections_like_my_last_election_says_shashi_tharoor 

पूरा देश सर्दी से कांप रहा है, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में वह तिरुवनंतपुरम सीट से इस भावना से चुनाव लड़ेंगे जैसे यह उनका आखिरी चुनाव हो। थरूर ने कहा कि मेरा मानना है कि राजनीति में एक समय ऐसा आता है जब युवा लोगों के लिए जगह बनाई जाती है। थरूर के इस बयान के बाद तरह-तरह की अटकलें लगनी शुरू हो गई है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि साल 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा।थरूर का कहना है ति मेरा मानना है कि एक समय ऐसा आता है जब युवा लोगों के लिए जगह बनाई जाती है। राजनीति में एक कहावत है ‘नेवल से नेवर’।थरूर ने आगे कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ता हूं तो मैं अपने आखिरी चुनाव की तरह पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ूंगा।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तिरुअनंतपुरम से पीएम मोदी के चुनाव लड़ने की अटकलों पर उन्होंने कहा, अगर पीएम मोदी भी मेरे खिलाफ चुनाव लड़ेंगे तो मैं ही जीतूंगा। उन्होंने कहा कि जनता को अगर उचित लगता हो तो उन्हें चुनाव में बदल देने का पूरा अधिकार है। लेकिन यह इस वजह से नहीं होगा कि मैं किसके खिलाफ चुनाव लड़ रहा हूं।

महुआ मोइत्रा के साथ तस्वीरें वायरल होने पर शशि थरूर ने तोड़ी चुप्पी, बोले-यह घटिया राजनीति, मेरे लिए वह बच्ची जैसी

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के साथ अपनी तस्वीर वायरल होने पर चुप्पी तोड़ी है। थरूर ने इसकी आलोचना की और इसे 'घटिया राजनीति का कृत्य' करार दिया।उन्होंने कहा कि यह कोई सीरियस मुद्दा नहीं है। इतना ही नहीं, उन्होंने इस फोटो के पीछे की हकीकत को भी बताया है और कहा कि यह उस दिन की तस्वीर है, जब उनकी जन्मदिन की पार्टी में हमलोग मिले थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, टीएमसी सांसद महुआ मित्रा के साथ अपनी वायरल तस्वीरों पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मेरा जीवन लोगों को समर्पित है। इस तरह के ट्रोल सस्ती राजनीति का हिस्सा हैं। मेरी राय में यह कोई गंभीर मुद्दा नहीं है। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने स्पष्ट किया कि वह महुआ मोइत्रा की जन्मदिन की पार्टी में मौजूद थे, जिसमें उनकी बहन सहित लगभग 15 लोग शामिल थे।

थरूर ने केरल के कोट्टायम में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मेरे लिए वह बच्ची जैसी ही हैं। वह मुझसे 20 साल छोटी हैं।शशि थरूर ने कहा, यह उनकी जन्मदिन की पार्टी थी, जिसमें मेरी बहन सहित लगभग 15 लोगों ने भाग लिया था। पूरी तस्वीर दिखाने के बजाय, इसे काट-छांट और एडिट कर फैलाया जा रहा है।शशि थरूर ने आगे कहा कि वह ऐसे ट्रोल्स को महत्व नहीं देते और लोगों के लिए काम करने में व्यस्त हैं. ट्रोल्स को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वे इसे एक सीक्रेट मीटिंग के रूप में फैला रहे हैं, मगर फिर सवाल उठता है कि आखिर तस्वीर किसने क्लिक की?

मोइत्रा ने इससे पहले कहा था कि वह भाजपा की ट्रोल आर्मी द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही उनकी कुछ निजी तस्वीरों को देखकर 'बहुत खुश' हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने पोस्ट किया, मुझे सफेद ब्लाउज की तुलना में हरे रंग की पोशाक ज्यादा पसंद है। और क्रॉपिंग की जहमत क्यों उठाई। डिनर पर बाकी लोगों को भी दिखाएं कि बंगाल की महिलाएं एक जीवन को जीती हैं।