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Jul 21 2024, 14:13

जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़, अफगानी नागरिकों ने दिया घटना को अंजाम

#pakistan_consulate_attacked_by_afghan_citizens_in_frankfurt_germany 

अफगानिस्तान के नागरिकों ने जर्मनी में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में अफगान नागरिकों ने वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की। साथ ही पाकिस्तान का झंडा भी उतार ले गए। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में फिलहाल पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि अफगानी वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से भी भिड़ गए। इस दौरान वे ऊपर चढ़कर पाकिस्तानी झंडा गिरा देते हैं। हालांकि, जर्मनी की पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों ने तालिबान शासन आने से पहले का अफगानिस्तान का झंडा ले रखा है। अब इस घटना के बाद से अफगानियों का सोशल मीडिया पर काफी विरोध हो रहा है।

वहीं प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पाकिस्तान ने कराची में जर्मनी के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है। 'सुरक्षा कारणों' से अस्थायी रूप से यह बंद कर दिया गया है। वहीं हमले के पीछे का असली कारण पता नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से अफगान शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान भेजने से लोग नाराज हैं।

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Jul 18 2024, 11:33

डोडा अटैक का पाक आर्मी से कनेक्शन, आतंकियों के भेष रिटायर्ड कमांडो फैला रहे दहशत

#doda_encounter_case_pakistan_conspiracy 

जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों ने डेरा जमा रखा है। डोडा के घने जंगलों में आतंकी घात लगाए बैठे हैं। जिसके बाद आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों ने मुहिम छेड़ दी है। आतंकियों को खत्म करने के लिए भारतीय सेना ने कमर कस ली है। जिसके लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इसी बीच डोडा में फिर बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। 24 घंटे के भीतर डोडा जिले में आतंकियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच दो बार मुठभेड़ है। जम्मू में अचानक आतंकी गतिविधियां के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ बताया जा रहा है। इंटेल के मुताबिक, पाकिस्तान नए सिरे से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और अपनी सेना के पूर्व जवानों को आतंकी के भेष में भेज रहा है।

सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि इसके पीछे पाकिस्तान की सोची-समझी रणनीति काम कर रही है। एजेंसियों का कहना है कि असल में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के अंडर में काम करने वाले कश्मीर टाइगर्स में कोई कश्मीरी नौजवान शामिल नहीं हैं। बल्कि इसमें सारे पाकिस्तानी हैं। पाकिस्तान के एसएसजी यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप से रिटायर्ड कमांडो भी शामिल हैं जो हमले के दौरान पॉइंट ब्लैंक जैसा निशाना साधने में माहिर हैं।

खुफिया एजेंसियों की मानें तो पाकिस्तान आतंकवादियों का एक कट्टर, भारी हथियारों से लैस और प्रशिक्षित समूह वर्तमान में जम्मू डिवीजन के घने जंगलों वाले इलाकों में सक्रिय आतंकवादी समूह के तौर पर हमलों को अंजाम दे रहा है। एजेंसी के मुताबिक ये पाकिस्तानी आतंकी हिट-एंड-रन अभियान की तरह अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं और फिर निकट के जंगलों में गायब हो जाते हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि डोडा में आतंक फैलाने वाले ये आतंकी समूह के सदस्य पूर्व पाकिस्तानी सेना के नियमित सैनिक हो सकते हैं न कि साधारण भाड़े के सैनिक। क्योंकि इन्हें अच्छे से ट्रेनिंग दी गई है।जिस तरह से ये पाकिस्तानी आतंकी जंगल में बैठकर चाल पर चाल चल रहे हैं, ये भाड़े के आतंकी नहीं कर सकते।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि डोडा हमले में शहीद हुए चारों जवान खोजी दल का नेतृत्व कर रहे थे। उन सभी के चेहरे पर गोली लगी थी। उनके चेहरे कवर नहीं थे। सभी ने लेटेस्ट बुलेट-प्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने हुए थे। जवानों पर दो तरफ से घात लगाकर हमला किया गया। वहीं, आतंकवादियों ने जिस जगह को चुना, वहां पेड़ों की कोई छाया नहीं थी, वह खुली जगह थी। आतंकवादियों ने असाल्ट राइफल्स में थर्मल स्कोप का इस्तेमाल करके हेडशॉट से एक-एक करके सैनिकों को निशाना बनाया। सूत्रों ने बताया कि अब तक तीन बातें सामने आई हैं- जम्मू क्षेत्र के घने जंगलों में छिपे आतंकवादी विदेशी मूल के हैं; उन्हें छिपने, घात लगाने और सैनिकों के चेहरों को निशाना बनाने जैसी सैन्य रणनीतियां सिखाई गई हैं। उन्होंने अंदेशा जताया है कि आतंकियों के भेष में ये पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के पूर्व कमांडो हो सकते हैं।

वहीं, ये भी बताया जा रहा है कि डोडा हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन का सा नाम रखने के पीछे पाकिस्तान और जैश की सोच पश्चिमी देशों से ध्यान भटकाने की है। जिसमें आतंकवादी संगठन का नाम इस्लामिक ना रखा जाए, दूसरे जम्मू-कश्मीर में जब भी कहीं आतंकी हमला हो तो दुनिया को यह लगे कि भारत में यह लोकल स्तर पर बनाए गए संगठन के लोग कर रहे हैं, पाकिस्तान नहीं। उन्होंने कहा कि असल में, कश्मीर संगठन में कोई कश्मीरी नहीं है।

अधिकारी ने बताया कि इस संगठन के लिए जम्मू-कश्मीर में लोकल स्तर पर कुछ लोग जरूर सपोर्ट कर रहे हैं। लेकिन इसमें पाकिस्तानी लड़ाके ही शामिल हैं। इसमें भी पाकिस्तान के पंजाब राज्य के बहावलपुर और लश्कर के लिए मुरीदके से अधिक नौजवान शामिल हो रहे हैं। बहावलपुर पाकिस्तान का 10वां सबसे बड़ा शहर है। सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि आने वाले समय में यह भी हो सकता है कि इसी तरह से इंग्लिश नाम पर कोई और आतंकी संगठन सामने आ जाए। पाकिस्तान नहीं चाहता कि वह दुनिया में खासतौर से पश्चिमी देशों के सामने आतंकवाद को बढ़ावा देने के रूप में एक्सपोज हो। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से खासतौर से जब से जम्मू-कश्मीर से 370 हटाई गई है तभी से हमले की जिम्मेदारी लेने में जैश और लश्कर के डायरेक्ट नाम बहुत कम ही सामने आ रहे हैं।

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Jul 15 2024, 19:20

पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पर बैन की तैयारी में शरीफ सरकार, सजा-ए मौत का भी खतरा!
#pakistan_govt_to_ban_imran_khan_party_pti

पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी पर देश विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह जानकारी शहबाज शरीफ सरकार में सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने दी।

तरार ने कहा कि उनकी सरकार पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने जा रही है क्योंकि पाकिस्तान और पीटीआई एक साथ नहीं रह सकते। ये पार्टी और इसकी सोच देश के लिए खतरा बन गए हैं और इसके लोग देशविरोधी कामों में शामिल हैं। प्रतिबंध के फैसले की घोषणा करते हुए मंत्री तरार ने कहा कि पीटीआई पर कार्रवाई के लिए विश्वसनीय सबूत मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग मामले 9 मई के दंगे, सिफर प्रकरण और अमेरिका में पारित प्रस्ताव को देखते हुए हमारी सरकार मानना है कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिए ये बहुत विश्वसनीय सबूत हैं।

पाकिस्तान सरकार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इमरान खान, पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पूर्व उप सभापति कासिम सूरी के खिलाफ आर्टिकल 6 लगाने का भी ऐलान किया है। आर्टिकल 6 के तहत मामले में मौत की सजा हो सकती है। इससे उनके भविष्य में चुनाव लड़ने पर भी संकट हो सकता है।

सरकार का यह फैसला पीटीआई को आरक्षित सीटों के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत के साथ-साथ अवैध विवाह मामले में खान को दी गई राहत के बाद आया है। विशेषज्ञों का कहना है क‍ि यह इमरान खान का सियासी वजूद खत्‍म करने की तैयारी है, ताक‍ि वे अपनी लोकप्र‍ियता का फायदा न उठा पाएं।

71 साल के इमरान खान पाकिस्तान के लोकप्रिय क्रिकेटर रहे हैं। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 1992 में एकदिवसीय वर्ल्डकप जीता था। खेल के बाद वह राजनीति में आए। 1996 में उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का गठन किया। 1996 से 2023 तक वह पीटीआई के अध्यक्ष रहे हैं। अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक वह पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। 2022 पीएम पद से हटने के बाद उनकी मुश्किलें शुरू हुईं। उन पर कई मामले दर्ज हुए और उनको गिरफ्तार कर लिया गया। इमरान फ‍िलहाल रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। उनको दो मामलों में सजा भी सुनाई जा चुकी है।

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Jul 11 2024, 11:43

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी टीम इंडिया! क्या एशिया कप वाला फॉर्मूला होगा लागू?

#team_india_will_not_travel_to_pakistan_for_icc_champions_trophy 

आईसीसी का अगला टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी है और इसकी मेजबानी पाकिस्तान करेगा।इसके लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इस बात पर सभी की नजरें है कि भारतीय टीम इस टूर्नाीमेंट के लिए पड़ोसी देश की यात्रा करेगी या नहीं? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी। 

सूत्रों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाएगी।न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा और बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी के वेन्यू में बदलाव करने को लेकर आईसीसी से बात करेगा। भारत ने हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने मैच यूएई या श्रीलंका में कराने की मांग की है।

बता दें कि भारतीय टीम ने 2008 के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। इससे पहले एशिया कप 2023 की मेजबानी भी पाकिस्तान को मिली थी। लेकिन तब भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था। टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में होस्ट किया गया था। चार मैच पाकिस्तान और बाकी मैच श्रीलंका में खेले गए थे। टीम इंडिया ने अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे और फाइनल भी यहीं हुआ था। ऐसे में बीसीसीआई इस बार भी आईसीसी के सामने भी हाइब्रिड मॉडल का प्रस्ताव रख सकता है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का शेड्यूल आईसीसी को सौंपा था। यह शेड्यूल तभी फाइनल होगा, जब इस पर आईसीसी की मुहर लगेगी।चैंपियंस ट्रॉफी में इस बार भारत-पाकिस्तान 8 टीमों को हिस्सा लेना है। इन 8 टीमों के बीच कुल 15 मैच खेले जाएंगे। पीसीबी ने आईसीसी को जो शेड्यूल सौंपा है, उसमें सुरक्षा और ‘लाजिस्टिकल’ कारणों से भारत के मैच लाहौर में ही रखे गए हैं।

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Jun 29 2024, 21:22

Commerce graduate Social media influencer Isha Jaiswal leaves husband and child for 6th fail cyber fraud Mustak Alam.

Bihar Police arrests both of them for duping people of Rs 5 crore.

The accused duo were receiving a 10% commission for each fraud and they had even links to Pakistan.

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Jun 27 2024, 19:03

यूएन में पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिया ऐसा जवाब...*
#india_slams_pakistan_over_remarks_on_j&k_at_un संयुक्त राष्ट्र में खुली बहस के दौरान पाकिस्तान क बार फिर जम्मू कश्मीर को अपना “हथियार” बनाया। दरअसल, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत की ओर से तीखी आलोचना की गई। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसकी बेबुनियाद टिप्पणियां राजनीति से प्रेरित हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ये बयान आदतन, राजनीति से प्रेरित और भारत के खिलाफ दुर्विचार रखने की वजह से है। भारत इस निराधार और बेतुके बयान को सिरे से खारिज करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संयुक्त राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठाता है। जबकि पाकिस्तान का आरोप निराधार, बेतुका और ध्यान भटकाने के लिए किया जाने वाला आदतन प्रयास है। पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के साथ हो रहे घनघोर अपराधों से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित बहस के दौरान यूएन में भारत के उप-प्रतिनिधि आर. रविंद्रन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अलग हिस्से हैं। बहस के दौरान अपनी टिप्पणी समाप्त करने से पहले आर रवींद्र ने कहा, मैं इन आधारहीन टिप्पणियों को उस अवमानना के साथ स्पष्ट रूप से खारिज और निंदा करता हूं जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के खिलाफ पाकिस्तान में गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का एक और आदतन प्रयास है जो उनके अपने देश में बेरोकटोक जारी है। यह बात महासचिव की रिपोर्ट में भी उजागर हुई है। जहां तक केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का सवाल है, वे भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं, हमेशा रहेंगे, भले ही यह विशेष प्रतिनिधि या उनका देश कुछ भी मानता हो या इच्छा रखता हो। यूएनएससी में वर्षों से बच्चों पर होने वाली बहस ने सशस्त्र संघर्ष स्थितियों के चलते बच्चों पर आने वाली चुनौतियों को सामने लाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की है। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय समुदाय बच्चों के खिलाफ होने वाले उल्लंघनों को रोकने और उसे समाप्त करने के महत्व को पहचाने।

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Jun 20 2024, 13:18

Canada's Parliament holds a moment of silence in the memory of Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar on his death anniversary..
Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?

Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?

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Jun 18 2024, 15:28

एनसीईआरटी ने 12वीं की किताबों से हटाया 'आजाद पाक', चीनी घुसपैठ शब्द जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव

#ncert_class_12_book_remove_azad_pakistan_add_china_aggression

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से 12वीं कक्षा की नई राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में कई बदलाव किए हैं।एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताबों में कई चीजों को हटाया और जोड़ा गया है।इन किताबों में आजाद पाकिस्तान से लेकर चीन की घुसपैठ और पीओके जैसे शब्दों को लेकर बदलाव हुए हैं।

12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में चीन के साथ भारत की सीमा स्थिति का संदर्भ बदल दिया गया है। समकालीन विश्व राजनीति पुस्तक में अध्याय 2 के भाग के रूप में, भारत-चीन संबंध शीर्षक वाले पैराग्राफ के तहत, मौजूदा कथन को बदल दिया गया है।इससे पहले, पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 25 पर मौजूदा वाक्य पढ़ा गया था – “हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर सैन्य संघर्ष ने उस आशा को धूमिल कर दिया।” इस वाक्य को अब बदलकर “हालांकि, भारतीय सीमा पर चीनी आक्रामकता ने उस आशा को धूमिल कर दिया है” कर दिया गया है।

सिर्फ भारत-चीन संबंध ही नहीं, बल्कि पाठ्यपुस्तक ‘स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति – कक्षा 12’ में, “आजाद पाकिस्तान” शब्द को “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर” में बदल दिया गया है।पाठ्यपुस्तक के मौजूदा संस्करण के पृष्ठ 119 पर लिखा है, “भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को ‘आजाद पाकिस्तान’ के रूप में वर्णित करता है।”अब, संस्करण को बदल दिया गया है – “हालांकि, यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है जिसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) कहा जाता है।”

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Jun 18 2024, 15:25

*एनसीईआरटी ने 12वीं कि किताबों से हटाया 'आजाद पाक', चीनी घुसपैठ शब्द जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव*
#ncert_class_12_book_remove_azad_pakistan_add_china_aggression
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से 12वीं कक्षा की नई राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में कई बदलाव किए हैं।एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताबों में कई चीजों को हटाया और जोड़ा गया है।इन किताबों में आजाद पाकिस्तान से लेकर चीन की घुसपैठ और पीओके जैसे शब्दों को लेकर बदलाव हुए हैं। 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में चीन के साथ भारत की सीमा स्थिति का संदर्भ बदल दिया गया है। समकालीन विश्व राजनीति पुस्तक में अध्याय 2 के भाग के रूप में, भारत-चीन संबंध शीर्षक वाले पैराग्राफ के तहत, मौजूदा कथन को बदल दिया गया है।इससे पहले, पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 25 पर मौजूदा वाक्य पढ़ा गया था – “हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर सैन्य संघर्ष ने उस आशा को धूमिल कर दिया।” इस वाक्य को अब बदलकर “हालांकि, भारतीय सीमा पर चीनी आक्रामकता ने उस आशा को धूमिल कर दिया है” कर दिया गया है। सिर्फ भारत-चीन संबंध ही नहीं, बल्कि पाठ्यपुस्तक ‘स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति – कक्षा 12’ में, “आजाद पाकिस्तान” शब्द को “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर” में बदल दिया गया है।पाठ्यपुस्तक के मौजूदा संस्करण के पृष्ठ 119 पर लिखा है, “भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को ‘आजाद पाकिस्तान’ के रूप में वर्णित करता है।”अब, संस्करण को बदल दिया गया है – “हालांकि, यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है जिसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) कहा जाता है।”

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Jun 14 2024, 11:00

नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, जम्मू क्षेत्र में तेज हुए आतंकी हमलों में पाक सेना के शामिल होने के मिले सबूत
#evidence_of_direct_involvement_of_pakistan_army_in_terror_attacks_in_Jammu_region जम्मू-कश्मीर में अचानक से आतंकी हमलों और साजिशों में तेजी देखी गई है। जम्मू में पिछले दिनों 4 दिनों के अंदर 4 आतंकी हमले हुए। पाकिस्तान और उसके प्रिय आतंकी संगठनों ने ये हमले अंजाम दिए हैं। जम्मू के रियासी में रविवार शाम को पहला आतंकी हमला हुआ। हमलावरों ने कटरा से तीर्थ यात्रियों को लेकर शिव खोरी जा रही बस को रनसू इलाके में निशाना बनाया। आतंकवादियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग की, इससे बस गहरी खाई में गिर गई। इस हमले में कम से नौ लोगों की मौत हुई है। जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए कायराना आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। ये वह आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के लिए काम करता है। हर बार की तरह इस बार भी साफ हो गया कि इन आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का सीधा हाथ है। यही नहीं, खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस हमले में भी आतंकियों का हमला करने का तरीका वैसा ही है, जो पिछले हमलों में भी देखा गया है। आतंकी ने जिस तरह अचूक निशाना साध कर बस ड्राइवर के सिर पर गोली मारी है, वह किसी पेशेवर का काम है, जो पाकिस्तान की सेना से जुड़ा हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि घाटी में इन दिनों दो ही आतंकी संगठन सबसे ज्यादा एक्टिव हैं, पहला द रजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) और दूसरा पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ)। जितनी भी आतंकी वारदातें हो रही हैं, उनमें इन्ही दोनों ग्रुप की संलिप्तता पाई गई है। उन्होंने इस बात का अंदेशा जताया कि दोनों ही संगठनों के पास पाकिस्तान की सेना का सपोर्ट है। सूत्र बताते हैं कि अक्तूबर 2021 को हुए पुंछ के भाटा दूड़ियां के जंगलों में हुए हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। इस हमले का पीएएफएफ ने वीडियो जारी किया था, जिसमें देखा गया था कि आतंकियों ने किस सटीकता के साथ इस हमले को अंजाम दिया था। इसके बाद मई 2023 में राजौरी में आतंकी हमले में शहीद हुए स्पेशल पैरा फोर्स का एक जवान शहीद हो गया था, उसकी आंख में आतंकियों ने गोली मारी थी। वहीं, इस साल चार मई 2024 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शाहसितार के पास भारतीय वायुसेना के वाहनों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में भी जिस सटीकता के साथ वाहन की विंडस्क्रीन पर निशाना बनाया गया, वह कोई प्रोफेशनल हथियार चलाने वाला ही कर सकता है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) से जुड़े रिटायर्ड फौजी पीएएफएफ और टीआरएफ के साथ जुड़े हुए हैं।

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Jul 21 2024, 14:13

जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़, अफगानी नागरिकों ने दिया घटना को अंजाम

#pakistan_consulate_attacked_by_afghan_citizens_in_frankfurt_germany 

अफगानिस्तान के नागरिकों ने जर्मनी में पाकिस्तान के वाणिज्य दूतावास पर हमला कर दिया। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में अफगान नागरिकों ने वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की। साथ ही पाकिस्तान का झंडा भी उतार ले गए। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में फिलहाल पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि अफगानी वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों से भी भिड़ गए। इस दौरान वे ऊपर चढ़कर पाकिस्तानी झंडा गिरा देते हैं। हालांकि, जर्मनी की पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों ने तालिबान शासन आने से पहले का अफगानिस्तान का झंडा ले रखा है। अब इस घटना के बाद से अफगानियों का सोशल मीडिया पर काफी विरोध हो रहा है।

वहीं प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पाकिस्तान ने कराची में जर्मनी के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है। 'सुरक्षा कारणों' से अस्थायी रूप से यह बंद कर दिया गया है। वहीं हमले के पीछे का असली कारण पता नहीं है। लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से अफगान शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान भेजने से लोग नाराज हैं।

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Jul 18 2024, 11:33

डोडा अटैक का पाक आर्मी से कनेक्शन, आतंकियों के भेष रिटायर्ड कमांडो फैला रहे दहशत

#doda_encounter_case_pakistan_conspiracy 

जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों ने डेरा जमा रखा है। डोडा के घने जंगलों में आतंकी घात लगाए बैठे हैं। जिसके बाद आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों ने मुहिम छेड़ दी है। आतंकियों को खत्म करने के लिए भारतीय सेना ने कमर कस ली है। जिसके लिए लगातार सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इसी बीच डोडा में फिर बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई है। 24 घंटे के भीतर डोडा जिले में आतंकियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच दो बार मुठभेड़ है। जम्मू में अचानक आतंकी गतिविधियां के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ बताया जा रहा है। इंटेल के मुताबिक, पाकिस्तान नए सिरे से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और अपनी सेना के पूर्व जवानों को आतंकी के भेष में भेज रहा है।

सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि इसके पीछे पाकिस्तान की सोची-समझी रणनीति काम कर रही है। एजेंसियों का कहना है कि असल में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के अंडर में काम करने वाले कश्मीर टाइगर्स में कोई कश्मीरी नौजवान शामिल नहीं हैं। बल्कि इसमें सारे पाकिस्तानी हैं। पाकिस्तान के एसएसजी यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप से रिटायर्ड कमांडो भी शामिल हैं जो हमले के दौरान पॉइंट ब्लैंक जैसा निशाना साधने में माहिर हैं।

खुफिया एजेंसियों की मानें तो पाकिस्तान आतंकवादियों का एक कट्टर, भारी हथियारों से लैस और प्रशिक्षित समूह वर्तमान में जम्मू डिवीजन के घने जंगलों वाले इलाकों में सक्रिय आतंकवादी समूह के तौर पर हमलों को अंजाम दे रहा है। एजेंसी के मुताबिक ये पाकिस्तानी आतंकी हिट-एंड-रन अभियान की तरह अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं और फिर निकट के जंगलों में गायब हो जाते हैं। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि डोडा में आतंक फैलाने वाले ये आतंकी समूह के सदस्य पूर्व पाकिस्तानी सेना के नियमित सैनिक हो सकते हैं न कि साधारण भाड़े के सैनिक। क्योंकि इन्हें अच्छे से ट्रेनिंग दी गई है।जिस तरह से ये पाकिस्तानी आतंकी जंगल में बैठकर चाल पर चाल चल रहे हैं, ये भाड़े के आतंकी नहीं कर सकते।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि डोडा हमले में शहीद हुए चारों जवान खोजी दल का नेतृत्व कर रहे थे। उन सभी के चेहरे पर गोली लगी थी। उनके चेहरे कवर नहीं थे। सभी ने लेटेस्ट बुलेट-प्रूफ जैकेट और हेलमेट पहने हुए थे। जवानों पर दो तरफ से घात लगाकर हमला किया गया। वहीं, आतंकवादियों ने जिस जगह को चुना, वहां पेड़ों की कोई छाया नहीं थी, वह खुली जगह थी। आतंकवादियों ने असाल्ट राइफल्स में थर्मल स्कोप का इस्तेमाल करके हेडशॉट से एक-एक करके सैनिकों को निशाना बनाया। सूत्रों ने बताया कि अब तक तीन बातें सामने आई हैं- जम्मू क्षेत्र के घने जंगलों में छिपे आतंकवादी विदेशी मूल के हैं; उन्हें छिपने, घात लगाने और सैनिकों के चेहरों को निशाना बनाने जैसी सैन्य रणनीतियां सिखाई गई हैं। उन्होंने अंदेशा जताया है कि आतंकियों के भेष में ये पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के पूर्व कमांडो हो सकते हैं।

वहीं, ये भी बताया जा रहा है कि डोडा हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन का सा नाम रखने के पीछे पाकिस्तान और जैश की सोच पश्चिमी देशों से ध्यान भटकाने की है। जिसमें आतंकवादी संगठन का नाम इस्लामिक ना रखा जाए, दूसरे जम्मू-कश्मीर में जब भी कहीं आतंकी हमला हो तो दुनिया को यह लगे कि भारत में यह लोकल स्तर पर बनाए गए संगठन के लोग कर रहे हैं, पाकिस्तान नहीं। उन्होंने कहा कि असल में, कश्मीर संगठन में कोई कश्मीरी नहीं है।

अधिकारी ने बताया कि इस संगठन के लिए जम्मू-कश्मीर में लोकल स्तर पर कुछ लोग जरूर सपोर्ट कर रहे हैं। लेकिन इसमें पाकिस्तानी लड़ाके ही शामिल हैं। इसमें भी पाकिस्तान के पंजाब राज्य के बहावलपुर और लश्कर के लिए मुरीदके से अधिक नौजवान शामिल हो रहे हैं। बहावलपुर पाकिस्तान का 10वां सबसे बड़ा शहर है। सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि आने वाले समय में यह भी हो सकता है कि इसी तरह से इंग्लिश नाम पर कोई और आतंकी संगठन सामने आ जाए। पाकिस्तान नहीं चाहता कि वह दुनिया में खासतौर से पश्चिमी देशों के सामने आतंकवाद को बढ़ावा देने के रूप में एक्सपोज हो। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से खासतौर से जब से जम्मू-कश्मीर से 370 हटाई गई है तभी से हमले की जिम्मेदारी लेने में जैश और लश्कर के डायरेक्ट नाम बहुत कम ही सामने आ रहे हैं।

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Jul 15 2024, 19:20

पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी पर बैन की तैयारी में शरीफ सरकार, सजा-ए मौत का भी खतरा!
#pakistan_govt_to_ban_imran_khan_party_pti

पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी पर देश विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह जानकारी शहबाज शरीफ सरकार में सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने दी।

तरार ने कहा कि उनकी सरकार पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने जा रही है क्योंकि पाकिस्तान और पीटीआई एक साथ नहीं रह सकते। ये पार्टी और इसकी सोच देश के लिए खतरा बन गए हैं और इसके लोग देशविरोधी कामों में शामिल हैं। प्रतिबंध के फैसले की घोषणा करते हुए मंत्री तरार ने कहा कि पीटीआई पर कार्रवाई के लिए विश्वसनीय सबूत मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग मामले 9 मई के दंगे, सिफर प्रकरण और अमेरिका में पारित प्रस्ताव को देखते हुए हमारी सरकार मानना है कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए लिए ये बहुत विश्वसनीय सबूत हैं।

पाकिस्तान सरकार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही इमरान खान, पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पूर्व उप सभापति कासिम सूरी के खिलाफ आर्टिकल 6 लगाने का भी ऐलान किया है। आर्टिकल 6 के तहत मामले में मौत की सजा हो सकती है। इससे उनके भविष्य में चुनाव लड़ने पर भी संकट हो सकता है।

सरकार का यह फैसला पीटीआई को आरक्षित सीटों के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई राहत के साथ-साथ अवैध विवाह मामले में खान को दी गई राहत के बाद आया है। विशेषज्ञों का कहना है क‍ि यह इमरान खान का सियासी वजूद खत्‍म करने की तैयारी है, ताक‍ि वे अपनी लोकप्र‍ियता का फायदा न उठा पाएं।

71 साल के इमरान खान पाकिस्तान के लोकप्रिय क्रिकेटर रहे हैं। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने 1992 में एकदिवसीय वर्ल्डकप जीता था। खेल के बाद वह राजनीति में आए। 1996 में उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का गठन किया। 1996 से 2023 तक वह पीटीआई के अध्यक्ष रहे हैं। अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक वह पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं। 2022 पीएम पद से हटने के बाद उनकी मुश्किलें शुरू हुईं। उन पर कई मामले दर्ज हुए और उनको गिरफ्तार कर लिया गया। इमरान फ‍िलहाल रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। उनको दो मामलों में सजा भी सुनाई जा चुकी है।

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Jul 11 2024, 11:43

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी टीम इंडिया! क्या एशिया कप वाला फॉर्मूला होगा लागू?

#team_india_will_not_travel_to_pakistan_for_icc_champions_trophy 

आईसीसी का अगला टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी है और इसकी मेजबानी पाकिस्तान करेगा।इसके लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इस बात पर सभी की नजरें है कि भारतीय टीम इस टूर्नाीमेंट के लिए पड़ोसी देश की यात्रा करेगी या नहीं? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी। 

सूत्रों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाएगी।न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा और बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी के वेन्यू में बदलाव करने को लेकर आईसीसी से बात करेगा। भारत ने हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने मैच यूएई या श्रीलंका में कराने की मांग की है।

बता दें कि भारतीय टीम ने 2008 के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। इससे पहले एशिया कप 2023 की मेजबानी भी पाकिस्तान को मिली थी। लेकिन तब भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था। टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में होस्ट किया गया था। चार मैच पाकिस्तान और बाकी मैच श्रीलंका में खेले गए थे। टीम इंडिया ने अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे और फाइनल भी यहीं हुआ था। ऐसे में बीसीसीआई इस बार भी आईसीसी के सामने भी हाइब्रिड मॉडल का प्रस्ताव रख सकता है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का शेड्यूल आईसीसी को सौंपा था। यह शेड्यूल तभी फाइनल होगा, जब इस पर आईसीसी की मुहर लगेगी।चैंपियंस ट्रॉफी में इस बार भारत-पाकिस्तान 8 टीमों को हिस्सा लेना है। इन 8 टीमों के बीच कुल 15 मैच खेले जाएंगे। पीसीबी ने आईसीसी को जो शेड्यूल सौंपा है, उसमें सुरक्षा और ‘लाजिस्टिकल’ कारणों से भारत के मैच लाहौर में ही रखे गए हैं।

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Jun 29 2024, 21:22

Commerce graduate Social media influencer Isha Jaiswal leaves husband and child for 6th fail cyber fraud Mustak Alam.

Bihar Police arrests both of them for duping people of Rs 5 crore.

The accused duo were receiving a 10% commission for each fraud and they had even links to Pakistan.

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Jun 27 2024, 19:03

यूएन में पाकिस्तान ने फिर अलापा कश्मीर राग, भारत ने दिया ऐसा जवाब...*
#india_slams_pakistan_over_remarks_on_j&k_at_un संयुक्त राष्ट्र में खुली बहस के दौरान पाकिस्तान क बार फिर जम्मू कश्मीर को अपना “हथियार” बनाया। दरअसल, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया। इस पर भारत की ओर से तीखी आलोचना की गई। भारत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर उसकी बेबुनियाद टिप्पणियां राजनीति से प्रेरित हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ये बयान आदतन, राजनीति से प्रेरित और भारत के खिलाफ दुर्विचार रखने की वजह से है। भारत इस निराधार और बेतुके बयान को सिरे से खारिज करता है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार संयुक्त राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए इस मुद्दे को उठाता है। जबकि पाकिस्तान का आरोप निराधार, बेतुका और ध्यान भटकाने के लिए किया जाने वाला आदतन प्रयास है। पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के साथ हो रहे घनघोर अपराधों से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहा है। बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आयोजित बहस के दौरान यूएन में भारत के उप-प्रतिनिधि आर. रविंद्रन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अलग हिस्से हैं। बहस के दौरान अपनी टिप्पणी समाप्त करने से पहले आर रवींद्र ने कहा, मैं इन आधारहीन टिप्पणियों को उस अवमानना के साथ स्पष्ट रूप से खारिज और निंदा करता हूं जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने साफ कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि बच्चों के खिलाफ पाकिस्तान में गंभीर उल्लंघनों से ध्यान हटाने का एक और आदतन प्रयास है जो उनके अपने देश में बेरोकटोक जारी है। यह बात महासचिव की रिपोर्ट में भी उजागर हुई है। जहां तक केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का सवाल है, वे भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं, हमेशा रहेंगे, भले ही यह विशेष प्रतिनिधि या उनका देश कुछ भी मानता हो या इच्छा रखता हो। यूएनएससी में वर्षों से बच्चों पर होने वाली बहस ने सशस्त्र संघर्ष स्थितियों के चलते बच्चों पर आने वाली चुनौतियों को सामने लाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की है। लिहाजा अंतरराष्ट्रीय समुदाय बच्चों के खिलाफ होने वाले उल्लंघनों को रोकने और उसे समाप्त करने के महत्व को पहचाने।

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Jun 20 2024, 13:18

Canada's Parliament holds a moment of silence in the memory of Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar on his death anniversary..
Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?

Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?

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Jun 18 2024, 15:28

एनसीईआरटी ने 12वीं की किताबों से हटाया 'आजाद पाक', चीनी घुसपैठ शब्द जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव

#ncert_class_12_book_remove_azad_pakistan_add_china_aggression

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से 12वीं कक्षा की नई राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में कई बदलाव किए हैं।एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताबों में कई चीजों को हटाया और जोड़ा गया है।इन किताबों में आजाद पाकिस्तान से लेकर चीन की घुसपैठ और पीओके जैसे शब्दों को लेकर बदलाव हुए हैं।

12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में चीन के साथ भारत की सीमा स्थिति का संदर्भ बदल दिया गया है। समकालीन विश्व राजनीति पुस्तक में अध्याय 2 के भाग के रूप में, भारत-चीन संबंध शीर्षक वाले पैराग्राफ के तहत, मौजूदा कथन को बदल दिया गया है।इससे पहले, पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 25 पर मौजूदा वाक्य पढ़ा गया था – “हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर सैन्य संघर्ष ने उस आशा को धूमिल कर दिया।” इस वाक्य को अब बदलकर “हालांकि, भारतीय सीमा पर चीनी आक्रामकता ने उस आशा को धूमिल कर दिया है” कर दिया गया है।

सिर्फ भारत-चीन संबंध ही नहीं, बल्कि पाठ्यपुस्तक ‘स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति – कक्षा 12’ में, “आजाद पाकिस्तान” शब्द को “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर” में बदल दिया गया है।पाठ्यपुस्तक के मौजूदा संस्करण के पृष्ठ 119 पर लिखा है, “भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को ‘आजाद पाकिस्तान’ के रूप में वर्णित करता है।”अब, संस्करण को बदल दिया गया है – “हालांकि, यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है जिसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) कहा जाता है।”

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Jun 18 2024, 15:25

*एनसीईआरटी ने 12वीं कि किताबों से हटाया 'आजाद पाक', चीनी घुसपैठ शब्द जोड़ा, जानें और क्या हुए बदलाव*
#ncert_class_12_book_remove_azad_pakistan_add_china_aggression
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की ओर से 12वीं कक्षा की नई राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में कई बदलाव किए हैं।एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताबों में कई चीजों को हटाया और जोड़ा गया है।इन किताबों में आजाद पाकिस्तान से लेकर चीन की घुसपैठ और पीओके जैसे शब्दों को लेकर बदलाव हुए हैं। 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में चीन के साथ भारत की सीमा स्थिति का संदर्भ बदल दिया गया है। समकालीन विश्व राजनीति पुस्तक में अध्याय 2 के भाग के रूप में, भारत-चीन संबंध शीर्षक वाले पैराग्राफ के तहत, मौजूदा कथन को बदल दिया गया है।इससे पहले, पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 25 पर मौजूदा वाक्य पढ़ा गया था – “हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पर सैन्य संघर्ष ने उस आशा को धूमिल कर दिया।” इस वाक्य को अब बदलकर “हालांकि, भारतीय सीमा पर चीनी आक्रामकता ने उस आशा को धूमिल कर दिया है” कर दिया गया है। सिर्फ भारत-चीन संबंध ही नहीं, बल्कि पाठ्यपुस्तक ‘स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति – कक्षा 12’ में, “आजाद पाकिस्तान” शब्द को “पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर” में बदल दिया गया है।पाठ्यपुस्तक के मौजूदा संस्करण के पृष्ठ 119 पर लिखा है, “भारत का दावा है कि यह क्षेत्र अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान इस क्षेत्र को ‘आजाद पाकिस्तान’ के रूप में वर्णित करता है।”अब, संस्करण को बदल दिया गया है – “हालांकि, यह भारतीय क्षेत्र है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है जिसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) कहा जाता है।”

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Jun 14 2024, 11:00

नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, जम्मू क्षेत्र में तेज हुए आतंकी हमलों में पाक सेना के शामिल होने के मिले सबूत
#evidence_of_direct_involvement_of_pakistan_army_in_terror_attacks_in_Jammu_region जम्मू-कश्मीर में अचानक से आतंकी हमलों और साजिशों में तेजी देखी गई है। जम्मू में पिछले दिनों 4 दिनों के अंदर 4 आतंकी हमले हुए। पाकिस्तान और उसके प्रिय आतंकी संगठनों ने ये हमले अंजाम दिए हैं। जम्मू के रियासी में रविवार शाम को पहला आतंकी हमला हुआ। हमलावरों ने कटरा से तीर्थ यात्रियों को लेकर शिव खोरी जा रही बस को रनसू इलाके में निशाना बनाया। आतंकवादियों ने बस पर अंधाधुंध फायरिंग की, इससे बस गहरी खाई में गिर गई। इस हमले में कम से नौ लोगों की मौत हुई है। जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए कायराना आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। ये वह आतंकी संगठन है, जो पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के लिए काम करता है। हर बार की तरह इस बार भी साफ हो गया कि इन आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान का सीधा हाथ है। यही नहीं, खुफिया सूत्रों का कहना है कि इस हमले में भी आतंकियों का हमला करने का तरीका वैसा ही है, जो पिछले हमलों में भी देखा गया है। आतंकी ने जिस तरह अचूक निशाना साध कर बस ड्राइवर के सिर पर गोली मारी है, वह किसी पेशेवर का काम है, जो पाकिस्तान की सेना से जुड़ा हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि घाटी में इन दिनों दो ही आतंकी संगठन सबसे ज्यादा एक्टिव हैं, पहला द रजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) और दूसरा पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ)। जितनी भी आतंकी वारदातें हो रही हैं, उनमें इन्ही दोनों ग्रुप की संलिप्तता पाई गई है। उन्होंने इस बात का अंदेशा जताया कि दोनों ही संगठनों के पास पाकिस्तान की सेना का सपोर्ट है। सूत्र बताते हैं कि अक्तूबर 2021 को हुए पुंछ के भाटा दूड़ियां के जंगलों में हुए हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। इस हमले का पीएएफएफ ने वीडियो जारी किया था, जिसमें देखा गया था कि आतंकियों ने किस सटीकता के साथ इस हमले को अंजाम दिया था। इसके बाद मई 2023 में राजौरी में आतंकी हमले में शहीद हुए स्पेशल पैरा फोर्स का एक जवान शहीद हो गया था, उसकी आंख में आतंकियों ने गोली मारी थी। वहीं, इस साल चार मई 2024 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शाहसितार के पास भारतीय वायुसेना के वाहनों के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में भी जिस सटीकता के साथ वाहन की विंडस्क्रीन पर निशाना बनाया गया, वह कोई प्रोफेशनल हथियार चलाने वाला ही कर सकता है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) से जुड़े रिटायर्ड फौजी पीएएफएफ और टीआरएफ के साथ जुड़े हुए हैं।