पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

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भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

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चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

इशाक डार ने फिर करायी अपनी किरकिरी, संसद में एयरफोर्स की झूठी तारीफ की पाकिस्तानी अखबार ने खोली पोल

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पाकिस्तान सिर्फ आतंकियो का पनाहगाह ही नहीं है, झूठों का शहंशाह भी है। पाकिस्तान झूठ परोसकर अक्सर अपनी बेइज्जती कराता आया है। एक बार फिर पाकिस्तान ने झूठे दावों से खुद का भाव बढ़ाने की कोशिश की। भारत के साथ संघर्ष पर पड़ोसी देश के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को अपने देश की एयरफोर्स की तारीफ में कसीदे पढ़े। इस दौरान उन्होंने यूके के द डेली टेलीग्राफ के पेज का हवाला दिया। उनके भाषण के कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उनके दावों को पोल खोल कर रख दी।

बड़बोले इशाक डार

भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के नेता रोज अपने देश की बेइज्जती कराने में जुटे हैं। इस सिलसिले को विदेश मंत्री इशाक डार ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब तो विदेशी मीडिया टेलीग्राफ अखबार ने भी पाकिस्तानी एयरफोर्स का लोहा मान लिया है। इशाक डार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में बताया कि ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने लिखा कि 'पाकिस्तानी वायुसेना, आकाश में निर्विवाद किंग रही।'

उनके इस बयान के बाद संसद में मौजूद सदस्यों ने मेज ठोंककर इसका समर्थन किया। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर पाकिस्तानी वायु सेना की पीठ थपथपाई है, उन्हीं के देश के अखबार ने इसे झूठा करार दिया है।

अपने ही देश के अखबार ने किया फैक्ट चेक

इस पर पाकिस्तान के एक जाने-माने अखबार डॉन ने ही फैक्ट चेक कर अपने विदेश मंत्री के दावे को खारिज कर दिया। अखबार ने बताया कि इशाक डार ने जिस खबर का जिक्र किया, वह फर्जी है और वह सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी तस्वीर है। पाकिस्तानी अखबार ने वायरल तस्वीर की जांच की तो उसे तस्वीर में कई खामियां नजर आईं। जांच में पता चला कि डेली टेलीग्राफ ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित ही नहीं की।

एआई की मदद से तैयार रिपोर्ट पर उड़े रहे थे डार

सोशल मीडिया पर टेलीग्राफ के बैनर पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना को आसमान का राजा गया है। इसकी शीर्षक है- 'पाकिस्तान एयरफोर्स- द अनडिस्प्यूटेड किंग ऑफ स्काईज।' सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे टेलीग्राफ के फ्रंट पेज की रिपोर्ट बताया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन ने इसकी पड़ताल की तो इसे झूठा पाया। डॉन की पड़ताल के अनुसार, यह ब्रिटिश अखबार के प्रामाणिक फ्रंट पेज की नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है

भारत ने पाकिस्तान पर दागीं थीं 15 ब्रह्मोस, पड़ोसी देश के 13 में से 11 एयरबेसों को उड़ गए थे “चिथड़े”

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हुए सैन्य संघर्ष पर एक नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को टारगेट करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग़ी थीं। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की।

पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया

सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी एयरबेस पर दागीं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल लड़ाकू विमानों से छोड़ी गई स्कैल्प मिसाइलों ने पाकिस्तान में खूब तबाही मचाई। इन मिसाइलों ने उसकी विमान संचालन नेटवर्क और अन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।

डमी एयरक्राफ्ट के जरिए कैसे जाल में फंसा पाक

ये भी बताया जा रहा है ब्रह्मोस मिसाइल दागने से पहले वायु सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस की टोह लेने के लिए डमी एयरक्राफ्ट भेजे थे। इनमें कोई पायलट नहीं था। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हो गए, तो भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह कर दिया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया।

और नुकसान से बचने के लिए हटाए थे अपने विमानों

इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर समेत महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई UAV और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से ये हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं', जयशंकर ने पाक से लेकर अमेरिका तक को दिया सख्त संदेश

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान से वार्ता को लेकर फिर से भारत का रूख स्पष्ट कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान एस जयशंकर ने पाकिस्तान से बातचीत को लेकर भारत की स्थितियां फिर से स्पष्ट की।

हमने पाकिस्तान को अगाह किया था- जयशंकर

भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर जयशंकर ने कहा, हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया। हमने पाकिस्तान को अगाह किया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला करने जा रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह इस ऑपरेशन में हस्तक्षेप न करे। उन्होंने इस सलाह को न मानने का फैसला किया। पाकिस्तान ने भारत पर हमले किया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया।

द्विपक्षीय बातचीत पर जोर

विदेश मंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल द्विपक्षीय होगी। उन्होंने कहा, यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है। बातचीत का विषय केवल आतंकवाद होगा। पाकिस्तान को आतंकवादियों की सूची सौंपनी होगी और उनके बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं।

सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा- एस जयशंकर

एस जयशंकर ने कहा कि सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा। जयशंकर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह नहीं रोकता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कश्मीर पर एकमात्र चर्चा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली करने की होगी।

जंग में ‘पिटने’ के बाद पाकिस्तान अब भारत के सामने गिड़गिड़ाया, सिंधु जल समझौते को लेकर लगाई ये गुहार

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भारतीय सेना से करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान अब पानी को लेकर भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा है। घुटनों पर आई पाकिस्तान की सरकार ने बुधवार को भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर सिंधु जल समझौते को स्थगित करने को लेकर दोबारा विचार करने की अपील की है।

पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा ने जल शक्ति मंत्रालय में सचिव देवश्री मुखर्जी को पत्र लिखा है। इसमें फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान इस मसले पर बात करने को तैयार है। सूत्रों के अनुसार नियम के मुताबिक यह पत्र विदेश मंत्रालय भेज दिया गया है।

नरमी के मूड में नहीं भारत

पाकिस्तान का कहना है कि अगर भारत तीन नदियों के जल पर अपने अधिकार का पूर्ण उपयोग करने लगा, तो पाक‍िस्‍तान के कई राज्‍यों में गंभीर जल संकट पैदा हो जाएगा। इस खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान ने भारत से तुरंत बात करने की अपील की है। लेकिन भारत इस बार नरमी के मूड में नहीं दिखता। पीएम मोदी ने एक द‍िन पहले ही कहा था क‍ि पाक‍िस्‍तान को क‍िसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया राष्ट्र के नाम संबोधन में साफ किया कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते। यह बयान पाकिस्तान के लिए भारत के कड़े संदेश की तरह देखा जा रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने लिया सख्त फैसला

दरअसल, पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था। 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है। पाकिस्तान की करीब 21 करोड़ से ज्यादा की आबादी पानी के लिए सिंधु और उसकी चार सहायक नदियों पर निर्भर है। इसके अलावा 90% जमीन में सिंचाई का पानी सिंधु नदी से मिलता है।

तनाव के बाद भारत ने रोका चिनाब नदी पानी

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था। लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया और झेलम पर किशनगंगा परियोजना से भी पानी के बहाव को कम कर दिया

पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान वापस भारत भेजा, ऑपरेशन सिंदूर में ‘पिटने’ के बाद बैकफुट पर आया

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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब पाने के बाद पाकिस्‍तान बैकफुट पर आ गया है। इसी का नतीजा है कि पड़ोसी देश ने गलती से बॉर्डर क्रॉस करने वाले बीएसएफ जवान पीके साहू का वापस लौटा दिया है। पीके साहू गलती से 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर दिया था। पीके साहू को 21 दिनों के बाद रिहा किया गया है।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने पीके साहू की वापसी को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है। बीएसएफ ने बताया, आज बीएसएफ ने कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत आ गए हैं।जवान को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, के जरिए लगभग 10:30 बजे भारत को सौंप दिया गया। बीएसएफ ने साथ ही बताया, हैंडओवर शांतिपूर्वक और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित किया गया था। भारत ने भी जवान के बदले रेंजर्स को लौटाया है।

पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं पूर्णम

पूर्णम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले सैनिक की पत्नी रजनी ने पति की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।

गलती से सीमा पार कर गए थे जवान

दरअसल, पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को पकड़ लिया था। मामला 23 अप्रैल का है। जवान की पहचान 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ के रूप में हुई थी। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे। नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।

क्या सीजफायर के लिए ट्रंप ने दी थी ट्रेड ना करने की धमकी? भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा


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अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को दूसरों के बीच ‘टांग अड़ाने’ की बुरी आदत है। ट्रंप ने भारत पाकिस्‍तान सैन्‍य संघर्ष के बीच कूदकर भी अपनी फजीहत करायी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि हमने परमाणु युद्ध रुकवाया है। भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अडिग और शक्तिशाली था। उन्होंने यहां तक कहा कि हमने भारत और पाकिस्तान को व्यापार बंद करने को लेकर धमकाया। अगर युद्धविराम नहीं किया तो व्यापार नहीं करेंगे। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों ने तुरंत माना और सीजफायर हुआ।ट्रंप ने इससे पहले भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में मध्यस्थता का दावा किया था, जिसे भारत ने तुरंत खारिज कर दिया था।

व्यापार को एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया?

ट्रंप ने कहा, "...मुझे आपको यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अडिग और शक्तिशाली था, लेकिन दोनों मामलों में अडिग - वे वास्तव में ताकत, बुद्धि और धैर्य रखने के दृष्टिकोण से अडिग थे, ताकि वे स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह से समझ सकें। हमने इस पूरे मामले में काफी मदद की। सिर्फ कूटनीतिक रूप से नहीं, बल्कि व्यापार के जरिये भी हमने उन्‍हें समझाया।ट्रंप ने कहा कि उन्होंने व्यापार को एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया।

ट्रंप ने क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, मैंने कहा- चलो, हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। चलो इसे रोकते हैं, चलो इसे रोकते हैं। यदि आप इसे रोकते हैं, तो हम व्यापार कर रहे हैं। यदि आप इसे नहीं रोकते हैं, तो हम कोई व्यापार नहीं करने जा रहे हैं। लोगों ने वास्तव में कभी भी व्यापार का उपयोग उस तरह से नहीं किया है जिस तरह से मैंने किया है। इससे, मैं आपको बता सकता हूं, और अचानक उन्होंने कहा। मुझे लगता है कि हम इसे रोकने जा रहे हैं, और उन्होंने ऐसा किया।"

संघर्षविराम को लेकर पहले भी कर चुके हैं दावा

इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ। उन्होंने सबसे पहले यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान में संघर्षविराम हो गया है। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने संघर्षविराम की पुष्टि की। इतना ही नहीं, इसके तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने तो यहां तक दावा कर दिया कि दोनों देश किसी तटस्थ देश में बैठक कर विवादों पर बातचीत करेंगे। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया कि इस संघर्षविराम में किसी भी तीसरे देश की भूमिका नहीं है।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

#indiadeclarespakistanhighcommissionofficialpersonanongrata_orders 

भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

#chinameditatespakistanortaliban

चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

इशाक डार ने फिर करायी अपनी किरकिरी, संसद में एयरफोर्स की झूठी तारीफ की पाकिस्तानी अखबार ने खोली पोल

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पाकिस्तान सिर्फ आतंकियो का पनाहगाह ही नहीं है, झूठों का शहंशाह भी है। पाकिस्तान झूठ परोसकर अक्सर अपनी बेइज्जती कराता आया है। एक बार फिर पाकिस्तान ने झूठे दावों से खुद का भाव बढ़ाने की कोशिश की। भारत के साथ संघर्ष पर पड़ोसी देश के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को अपने देश की एयरफोर्स की तारीफ में कसीदे पढ़े। इस दौरान उन्होंने यूके के द डेली टेलीग्राफ के पेज का हवाला दिया। उनके भाषण के कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उनके दावों को पोल खोल कर रख दी।

बड़बोले इशाक डार

भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के नेता रोज अपने देश की बेइज्जती कराने में जुटे हैं। इस सिलसिले को विदेश मंत्री इशाक डार ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब तो विदेशी मीडिया टेलीग्राफ अखबार ने भी पाकिस्तानी एयरफोर्स का लोहा मान लिया है। इशाक डार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में बताया कि ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने लिखा कि 'पाकिस्तानी वायुसेना, आकाश में निर्विवाद किंग रही।'

उनके इस बयान के बाद संसद में मौजूद सदस्यों ने मेज ठोंककर इसका समर्थन किया। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर पाकिस्तानी वायु सेना की पीठ थपथपाई है, उन्हीं के देश के अखबार ने इसे झूठा करार दिया है।

अपने ही देश के अखबार ने किया फैक्ट चेक

इस पर पाकिस्तान के एक जाने-माने अखबार डॉन ने ही फैक्ट चेक कर अपने विदेश मंत्री के दावे को खारिज कर दिया। अखबार ने बताया कि इशाक डार ने जिस खबर का जिक्र किया, वह फर्जी है और वह सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी तस्वीर है। पाकिस्तानी अखबार ने वायरल तस्वीर की जांच की तो उसे तस्वीर में कई खामियां नजर आईं। जांच में पता चला कि डेली टेलीग्राफ ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित ही नहीं की।

एआई की मदद से तैयार रिपोर्ट पर उड़े रहे थे डार

सोशल मीडिया पर टेलीग्राफ के बैनर पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना को आसमान का राजा गया है। इसकी शीर्षक है- 'पाकिस्तान एयरफोर्स- द अनडिस्प्यूटेड किंग ऑफ स्काईज।' सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे टेलीग्राफ के फ्रंट पेज की रिपोर्ट बताया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन ने इसकी पड़ताल की तो इसे झूठा पाया। डॉन की पड़ताल के अनुसार, यह ब्रिटिश अखबार के प्रामाणिक फ्रंट पेज की नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है

भारत ने पाकिस्तान पर दागीं थीं 15 ब्रह्मोस, पड़ोसी देश के 13 में से 11 एयरबेसों को उड़ गए थे “चिथड़े”

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हुए सैन्य संघर्ष पर एक नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को टारगेट करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग़ी थीं। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की।

पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया

सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी एयरबेस पर दागीं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल लड़ाकू विमानों से छोड़ी गई स्कैल्प मिसाइलों ने पाकिस्तान में खूब तबाही मचाई। इन मिसाइलों ने उसकी विमान संचालन नेटवर्क और अन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।

डमी एयरक्राफ्ट के जरिए कैसे जाल में फंसा पाक

ये भी बताया जा रहा है ब्रह्मोस मिसाइल दागने से पहले वायु सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस की टोह लेने के लिए डमी एयरक्राफ्ट भेजे थे। इनमें कोई पायलट नहीं था। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हो गए, तो भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह कर दिया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया।

और नुकसान से बचने के लिए हटाए थे अपने विमानों

इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर समेत महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई UAV और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से ये हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

तीसरे देश का दखल मंजूर नहीं', जयशंकर ने पाक से लेकर अमेरिका तक को दिया सख्त संदेश

#jaishankarssternmessagetopakistan

ऑपरेशन सिंदूर के बाद शुरू हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान से वार्ता को लेकर फिर से भारत का रूख स्पष्ट कर दिया है। गुरुवार को दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के दौरान एस जयशंकर ने पाकिस्तान से बातचीत को लेकर भारत की स्थितियां फिर से स्पष्ट की।

हमने पाकिस्तान को अगाह किया था- जयशंकर

भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर जयशंकर ने कहा, हमने आतंकवादी ढांचे को नष्ट किया। हमने पाकिस्तान को अगाह किया था कि हम आतंकवादी ढांचे पर हमला करने जा रहे हैं, न कि सेना पर और सेना के पास यह विकल्प है कि वह इस ऑपरेशन में हस्तक्षेप न करे। उन्होंने इस सलाह को न मानने का फैसला किया। पाकिस्तान ने भारत पर हमले किया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि हमने पाकिस्तान का कितना नुकसान किया और उन्होंने कितना कम नुकसान किया।

द्विपक्षीय बातचीत पर जोर

विदेश मंत्री ने दोहराया कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल द्विपक्षीय होगी। उन्होंने कहा, यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है। बातचीत का विषय केवल आतंकवाद होगा। पाकिस्तान को आतंकवादियों की सूची सौंपनी होगी और उनके बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं।

सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा- एस जयशंकर

एस जयशंकर ने कहा कि सिंधु समझौता स्थगित ही रहेगा। जयशंकर ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह नहीं रोकता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कश्मीर पर एकमात्र चर्चा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली करने की होगी।

जंग में ‘पिटने’ के बाद पाकिस्तान अब भारत के सामने गिड़गिड़ाया, सिंधु जल समझौते को लेकर लगाई ये गुहार

#pakistanwrotelettertoindia

भारतीय सेना से करारी शिकस्त के बाद पाकिस्तान अब पानी को लेकर भारत के सामने गिड़गिड़ाने लगा है। घुटनों पर आई पाकिस्तान की सरकार ने बुधवार को भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर सिंधु जल समझौते को स्थगित करने को लेकर दोबारा विचार करने की अपील की है।

पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय में सचिव सैय्यद अली मुर्तुजा ने जल शक्ति मंत्रालय में सचिव देवश्री मुखर्जी को पत्र लिखा है। इसमें फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है। पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान इस मसले पर बात करने को तैयार है। सूत्रों के अनुसार नियम के मुताबिक यह पत्र विदेश मंत्रालय भेज दिया गया है।

नरमी के मूड में नहीं भारत

पाकिस्तान का कहना है कि अगर भारत तीन नदियों के जल पर अपने अधिकार का पूर्ण उपयोग करने लगा, तो पाक‍िस्‍तान के कई राज्‍यों में गंभीर जल संकट पैदा हो जाएगा। इस खतरे को भांपते हुए पाकिस्तान ने भारत से तुरंत बात करने की अपील की है। लेकिन भारत इस बार नरमी के मूड में नहीं दिखता। पीएम मोदी ने एक द‍िन पहले ही कहा था क‍ि पाक‍िस्‍तान को क‍िसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया राष्ट्र के नाम संबोधन में साफ किया कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते। यह बयान पाकिस्तान के लिए भारत के कड़े संदेश की तरह देखा जा रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने लिया सख्त फैसला

दरअसल, पहलगाम हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया था। 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को पाकिस्तान की लाइफ लाइन माना जाता है। पाकिस्तान की करीब 21 करोड़ से ज्यादा की आबादी पानी के लिए सिंधु और उसकी चार सहायक नदियों पर निर्भर है। इसके अलावा 90% जमीन में सिंचाई का पानी सिंधु नदी से मिलता है।

तनाव के बाद भारत ने रोका चिनाब नदी पानी

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था। लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत ने चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया और झेलम पर किशनगंगा परियोजना से भी पानी के बहाव को कम कर दिया

पाकिस्तान ने बीएसएफ जवान वापस भारत भेजा, ऑपरेशन सिंदूर में ‘पिटने’ के बाद बैकफुट पर आया

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ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब पाने के बाद पाकिस्‍तान बैकफुट पर आ गया है। इसी का नतीजा है कि पड़ोसी देश ने गलती से बॉर्डर क्रॉस करने वाले बीएसएफ जवान पीके साहू का वापस लौटा दिया है। पीके साहू गलती से 23 अप्रैल को गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर दिया था। पीके साहू को 21 दिनों के बाद रिहा किया गया है।

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने पीके साहू की वापसी को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है। बीएसएफ ने बताया, आज बीएसएफ ने कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत आ गए हैं।जवान को संयुक्त चेक पोस्ट अटारी, के जरिए लगभग 10:30 बजे भारत को सौंप दिया गया। बीएसएफ ने साथ ही बताया, हैंडओवर शांतिपूर्वक और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित किया गया था। भारत ने भी जवान के बदले रेंजर्स को लौटाया है।

पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं पूर्णम

पूर्णम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले हैं। कुछ दिन पहले सैनिक की पत्नी रजनी ने पति की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।

गलती से सीमा पार कर गए थे जवान

दरअसल, पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार करने के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को पकड़ लिया था। मामला 23 अप्रैल का है। जवान की पहचान 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ के रूप में हुई थी। वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे। नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।

क्या सीजफायर के लिए ट्रंप ने दी थी ट्रेड ना करने की धमकी? भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा


#trumponindiapakistanceasefire

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को दूसरों के बीच ‘टांग अड़ाने’ की बुरी आदत है। ट्रंप ने भारत पाकिस्‍तान सैन्‍य संघर्ष के बीच कूदकर भी अपनी फजीहत करायी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि हमने परमाणु युद्ध रुकवाया है। भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अडिग और शक्तिशाली था। उन्होंने यहां तक कहा कि हमने भारत और पाकिस्तान को व्यापार बंद करने को लेकर धमकाया। अगर युद्धविराम नहीं किया तो व्यापार नहीं करेंगे। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों ने तुरंत माना और सीजफायर हुआ।ट्रंप ने इससे पहले भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में मध्यस्थता का दावा किया था, जिसे भारत ने तुरंत खारिज कर दिया था।

व्यापार को एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया?

ट्रंप ने कहा, "...मुझे आपको यह बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि भारत और पाकिस्तान का नेतृत्व अडिग और शक्तिशाली था, लेकिन दोनों मामलों में अडिग - वे वास्तव में ताकत, बुद्धि और धैर्य रखने के दृष्टिकोण से अडिग थे, ताकि वे स्थिति की गंभीरता को पूरी तरह से समझ सकें। हमने इस पूरे मामले में काफी मदद की। सिर्फ कूटनीतिक रूप से नहीं, बल्कि व्यापार के जरिये भी हमने उन्‍हें समझाया।ट्रंप ने कहा कि उन्होंने व्यापार को एक रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया।

ट्रंप ने क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, मैंने कहा- चलो, हम आप लोगों के साथ बहुत सारा व्यापार करने जा रहे हैं। चलो इसे रोकते हैं, चलो इसे रोकते हैं। यदि आप इसे रोकते हैं, तो हम व्यापार कर रहे हैं। यदि आप इसे नहीं रोकते हैं, तो हम कोई व्यापार नहीं करने जा रहे हैं। लोगों ने वास्तव में कभी भी व्यापार का उपयोग उस तरह से नहीं किया है जिस तरह से मैंने किया है। इससे, मैं आपको बता सकता हूं, और अचानक उन्होंने कहा। मुझे लगता है कि हम इसे रोकने जा रहे हैं, और उन्होंने ऐसा किया।"

संघर्षविराम को लेकर पहले भी कर चुके हैं दावा

इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ। उन्होंने सबसे पहले यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान में संघर्षविराम हो गया है। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने संघर्षविराम की पुष्टि की। इतना ही नहीं, इसके तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने तो यहां तक दावा कर दिया कि दोनों देश किसी तटस्थ देश में बैठक कर विवादों पर बातचीत करेंगे। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया कि इस संघर्षविराम में किसी भी तीसरे देश की भूमिका नहीं है।