Shashikant34

45 min ago

धर्मांतरण
आज देश मे धर्म को भी राजनीति का अंग बना दिया गया है और धर्मांतरण को मुद्दा। जहां धर्म के ठेकेदार शाशक और भक्त (जनता) शोषित होते है। धर्मतंत्र और लोकतंत्र एक साथ नही चल सकते। इसके बावजूद देश को धर्मतंत्र के हिसाब से चलाने की कोशिश जारी है। किसी भगवान को मानने के लिए धर्म का होना जरूरी नही है। भगवान धर्म के मोहताज नही है और न ही धर्म के कारण भगवान है। पहले भगवान है न कि धर्म। धर्म ने ही भगवान को बांटा, समाज को बांटा, लोगो को बांटा। धर्म का निर्माण धूर्त लोगो ने किया ताकि वे लोगो पर धार्मिक रूप से शाशन कर उन्हें धर्मिक एवम मानसिक गुलाम बना सके। धार्मिक कट्टरता ऐसा ज़हर है जो लोगो को मारता नही है बल्कि उन्हें धार्मिक और मानसिक ग़ुलाम बना देता है। धार्मिक कट्टर लोग मानव बम की तरह होते है। जो अपने साथ हजारो लोगो को धार्मिक और मानसिक ग़ुलाम बना देते है। धर्म ना भी हो तब भी हम जी सकते है। धर्म कोई चीज नही। धर्म कोई बहुत बड़ा तोप नही। पर उसे तोप बना दिया गया। मनुष्य का परंपरा,रीति-रिवाज तथा उसके जीवन जीने का दर्शन ही धर्म है। जिसे आप कोई भी नाम दे दे। मसलन हिन्दू,मुस्लिम,सिख
ईसाई इत्यादि। इससे इतर धर्म कुछ भी नही।
कोई भी धर्म बुरा नही होता। बल्कि धर्म को मानने वाले लोग बुरे होते होते है। हर मजहब/धर्म में अच्छे लोग भी होते है और बुरे लोग भी।मजहब उन्ही कुछ बुरे लोगो के चलते ही बद्नाम होता है। कुछ मजहबी/धार्मिक लोग अपने मजहब/धर्म को श्रेष्ट घोषित करने के चक्कर में, दूसरे धर्म को घटिया बताते है। जबकि, सभी धर्मी का मूल एक ही है- इंसानियत। और सभी धर्मों का आखरी चैप्टर भी इंसानियत पर आकर ही खत्म होता है। हर धर्म की अपनी फिलॉसफी होती है। जैसे हर व्यक्ति के जीवन जीने की अपनी-अपनी फिलॉसफी होती है। यदि आप किसी धर्म को मानते है मतलब,आपको उस धर्म की फिलॉसफी अच्छी लगती है। पर यह कतई जरूरी नही की,आप जिस धर्म मे पैदा हुए उस धर्म की फिलॉसफी आपको पसंद ही आए। इसलिए हमारा संविधन हमें अपना धर्म चुनने का अधिकार देता है। 2014 के बाद से देश मे धर्मांतरण का मुद्दा काफी जोड़ पकड़े हुए है। और ऐसा होना तय था। क्योंकि,बीजेपी के एजेंडे में धर्मांतरण एक प्रमुख मुद्दा रहा है। देश मे जब बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है तो,धर्मांतरण का मुद्दा उठना लाजिमी था। और इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण है,राजनीतिक लाभ। देश मे हिन्दू मेजोरिटी(लगभग 80%) है और बीजेपी हिंदुत्व विचारधारा वाली पार्टी मानी जाती है। ऐसे में अगर बीजेपी को हिन्दुओ के सारे वोट हासिल हो जाते है तो,उन्हें किसी और के वोट की जरूरत ही नही रह जायेगी। और इसतरह बीजेपी सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रह सकती है। इसलिए बीजेपी हिन्दुराष्ट्र और धर्मांतरण को मुद्दा बना कर,हिन्दुओ को अपने पाले में रखना चाहती है। ताकि उसके वोट बैंक में सेंध न लग सके।
मेरी समझ मे धर्मांतरण के मुख्य चार कारण है - 1.सामाजिक असमानता 2.गरीबी 3.आस्था और 4.दर्शन। कोई सामाजिक असमानता (जातिगत भेद भाव) के कारण अपना धर्म बदलता है। तो कोई गरीबी से उबरने के लिए उस धर्म को अपना लेता है,जो उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का भरोसा दिलाता है। जब कोई व्यक्ति अपनी बिकट परिस्थितियों से तंग आकर किसी दूसरे धर्म के धार्मिक स्थलों पर माथा टेकता है और उसकी समस्याओं का हल निकल जाता है तो उसकी आस्था उस धर्म मे हो जाती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि,लोग दूसरे धर्म के दर्शन से इतने प्रभावित होते है कि,अपना धर्म परिवर्तन कर लेते है।
आपने कभी किसी सवर्ण को धर्म परिवर्तन करते सुना है। नही! धर्मांतरण केवल दलित/आदिवासी या पिछड़े समुदाय के लोग ही करते है। सवाल है आखिर क्यूँ? क्योकि, हिन्दू धर्म को सवर्ण अपनी जागीर समझते है। धर्म पर उनका शुरू से अधिपत्य रहा है। दलित/आदिवासी सिर्फ नाम के लिए हिन्दू है। इनके साथ हर जगह भेद-भाव होता है। मंदिर से लेकर मंच तक। इन्ही भेद-भाव और छुआ-छूत के कारण आदिवासियों और दलितों ने धीरे-धीरे दूसरे धर्मो की तरफ रुख करने लगे । तथाकथित ब्राह्मणों या सवर्णो ने कभी इस बात पर चिंतन या मंथन नही किया कि,आखिर दलित/आदिवासी समाज के लोग हिन्दू धर्म छोड़ कर दूसरे धर्मो में क्यो जा रहे? जाहिर सी बात है कि,आपने कभी उन्हें अपना समझा ही नही। उन्हें कभी वो मान-सम्मान दिया ही नही,जिसके वो हकदार है। आज भी सवर्ण दलित/आदिवासियों को जानवरों से भी नीच समझते है। कुत्ते-बिल्ली को गोद मे बिठाते है पर दलित/आदिवासी से इन्हें घिन आती है। अति हिंदूवादी लोग दूसरे धर्मों पर अक्सर यह इल्ज़ाम लगाते है कि,'वे लोग हमारे लोगो (दलित/आदिवासी) का धर्म परिवर्तन करा कर मुस्लिम और ईसाई बना रहे है।' जो कि सरासर गलत और तथ्यहीन बात है। दलित/आदिवासी लोग सवर्णो से जलील और प्रताड़ित होकर दूसरे धर्म को अपनाने के लिए मजबूर है। आज कोई भी तलवार या बंदूक की नोक पर किसी का धर्मांतरण नही करा सकता। क्योकि,न तो आज देश मे मुगल है, न अंग्रेज और न ही राजतंत्र है। ज्यादातर लोग सामाजिक असमानता (जातिगत भेद भाव) से आजिज हो कर धर्मांतरण कर रहे है। मैंने वैसे लोगो को भी देखा है जो सिर्फ अपनी जाति छुपाने के लिए ईसाई बन गए।
कोई दलित/आदिवासी समुदाय का व्यक्ति जैन,बौद्ध,सिख या कोई दूसरा धर्म अपनाता है तब इन ब्राह्मणवादियों को कोई प्रॉब्लम नही। इन्हें प्रॉब्लम सिर्फ ईसाई और मुस्लिम धर्म से है। जब लोगो की आस्था आसाराम बापू और राम-रहीम जैसे लोगो मे हो सकती है तो,फिर किसी का किसी धर्म मे आस्था होना गलत या गुनाह कैसे हो गया? ब्राह्मणवादी लोगो मे दलितों/आदिवासियों के धर्मांतरण को लेकर खलबली मची हुईं है। उन्हें लगता है कि अगर दलित/आदिवासियों ने हिन्दू धर्म त्याग दिया तो,इनकी जी हजूरी कौन करेगा? इन्हें डर है कि,इनकी ब्राह्मणवादी विचारधारा खत्म हो जाएगी और कल ये सामाजिक वर्चस्व से बेदखल हो जाएंगे। जिस कारण ये तथाकथित ब्राह्मणवादी विचारधारा के लोग धर्मांतरण को मुद्दा बना कर इस पर रोक लगाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे है। धर्मांतरण पर रोक नही,बल्कि जबरन धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए। और इसके लिए कानून संविधान में पहले से वर्णित है। आज के वक्त में जबरन धर्मांतरण संभव नही। किसी को स्वेछा से धर्मांतरण करने से रोकना उसके मौलिक अधिकारों का हनन है। लोग अपनी मर्जी से अपना धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र है।

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1 hour and 28 min ago

डिप्टी सीएम से मिले ​गणेश उत्सव समितियों के पदाधिकारी, विजय शर्मा ने कहा-
रायपुर-     गृहमंत्री विजय शर्मा से शहर की 50 से ज्यादा गणेश उत्सव समितियों के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। इसमें झांकी में डीजे और धुमाल बजाने को लेकर लंबी चर्चा हुई। डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि भगवान गणेशजी के विर्सजन का विषय है। हाईकोर्ट का डिसीजन है, रास्ता कानूनी आधार पर निकलने की कोशिश है। परंपरा और मान्यता के आधार पर यह कार्यक्रम हो सके। हाईकोर्ट की दिशा निर्देशों का पालन हो सके। इसके साथ ही डिप्टी सीएम ने अन्य मुद्दों पर भी बात की।

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि मैं बहुत ही धन्यवाद देता हूं, सारी गणेश उत्सव समितियां को। बहुत अच्छे ढंग से समझदारी के साथ हाईकोर्ट के सारे विषय को ध्यान में रखकर, समझकर राज्य सरकार के दिए निर्देशों को समझ कर सारी बातें उन्होंने कही। जितने गाइडलाइन हैं, उस पैरामीटर पर काम किया जाएगा, समय का भी ध्यान रखा जाएगा उन सारे विषय पर हम अपना अभियान आगे बढ़ाएंगे।

गणेश समिति के पदाधिकारी रोहित राय ने कहा की, डीजे-बाजा के संबंध में हमारा विषय था। राजधानी की एक झांकी शान है, जिसमें कुछ समस्याएं आ रही थी। इसमें डिप्टी सीएम विजय शर्मा के तरफ से आश्वासन मिला है, जो होगा मेरे तरफ से प्रयास करूंगा। आपको भी नियम के दायरे में काम करना पड़ेगा हम भी प्रयास करेंगे। किसी को समस्या न हो। अभी ध्वनि विस्तारक यंत्र नियंत्रण में रहे। ध्वनि से किसी को भी समस्या का सामना न करना पड़े। इतनी अच्छी परंपरा, जो हमारे प्रदेश में चली आ रही।

डिप्टी सीएम शर्मा ने धुमाल-डीजे संचालकों की हड़ताल को लेकर कहा कि उनसे भी मेरी बातचीत हुई है उनसे भी मैंने कहा था कुछ नियंत्रण में और हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में करना है। वह नियंत्रण ढंग से जितना तीव्रता का आम ध्वनि प्रसारित कर सके, उन सारे नियमों और मापदंडों को ध्यान में रखकर काम करें। नहीं करना ऐसा किसी ने नहीं कहा।

तेलीबांधा में चाकूबाजी से युवती की मौत मामले में गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई घटना पर रही है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई आवश्यक है। त्वरित कार्रवाई से ही यह सभी चीजे ठीक होगी। जो कुछ हुआ वह दुखद है। पुलिस और भी मुस्तैदी के साथ ऐसी घटनाओं पर काम करें।

आवास की किश्त को लेकर डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि बहुत बड़ा मसला है। इस मसले को लेकर मोर अधिकार आवाज में प्रावधान भी किया गया है। नरेंद्र मोदी देश की तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। 2 करोड़ ग्रामीण आवास और एक करोड़ से शहरी आवास बनाने की बात है, छत्तीसगढ़ को अभी 8 लाख 47 हजार आवास मिले है। 90 हजार आवास और मिलने हैं। 1 लाख 96 हजार आवास साय सरकार बनने के बाद निर्मित हुए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में यह नहीं हुआ करता था। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता के साथ में बात बताना चाहता हूं कि 17 राज्य को आवास दिया गया, उसमें से 2011 की सर्वे सूची के आधार पर दोनों आधार पर आवास दिया गया।

कवर्धा और सुकमा घटना को लेकर गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि कवर्धा में अशांति हुई, पुलिस के साथ क्लेश हुआ। वर्तमान में स्थित पूर्णता नियंत्रण में है। मैंने पूरी बातों की समीक्षा की है। कल और भी टीम, संगठन की टीम, जनप्रतिनिधि कवर्धा जाएंगे। चाहे वह पहली घटना हो या दूसरी घटना हो, दोनों ही विषयों पर कानून कठोरता से काम करेगा।

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1 hour and 35 min ago

छत्तीसगढ़ में इस बार गणेश झांकी नहीं ! डीजे के शोर पर सख्त हुआ प्रशासन, गणेश समितियों की DJ बजाने की मांग खारिज
रायपुर-   गणेश विसर्जन की झांकी में बजने वाले डीजे के शोर पर प्रशासन की सख्ती बढ़ गई है। हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाकर प्रशासन ने झांकी में शोर शराबे पर रोक के लिए कड़े फैसले लिये हैं। गणेश समितियों की ओर से मांगी गई डीजे की अनुमति को प्रशासन ने खारिज करते हुए दो टूक कह दिया है कि नियमों का उल्लंघन हुआ तो सख्ती बरती जाएगी। प्रशासन के रवैये के बीच अब गणेश समितियों ने बगैर डीजे गणेश विसर्जन की तैयारी की है।

रायपुर की गणेश समितियों का कहना है कि झांकी में डीजे की अनुमति प्रशासन नहीं दे रहा है। रायपुर शहर में गणेश उत्सव झांकी की सालों पुरानी परंपरा है। झांकी निकालने वाले कुछ समितियों के सदस्यों ने कहा कि हमारी मांग है कि झांकी में डीजे और धुमाल बजाने की अनुमति दे। इसको लेकर हमारी डिप्टी सीएम विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल और विधायक पुरंदर मिश्रा सहित सभी जनप्रतिनिधियों से बातचीत जारी है। हमारी मांग है कि कम डिसमिल में ही सही लेकिन डीजे बजाने की अनुमति दें। यदि अनुमति नहीं दी जाती है तो झांकी नहीं निकाली जाएगी।

रायपुर धुमाल संघ के अध्यक्ष गोतम महांनद ने कहा कि इस बार झांकी और गणेश विसर्जन में एक भी डीजे या ढोलताशा नहीं बजेगा। जब तक प्रशासन के तरफ लिखित अनुमति नहीं मिलती है तब तक एक भी हम काम नहीं करेंगे। सभी हड़ताल पर रहेंगे। गौतम महानंद ने कहा की सभी डीजे और धुमाल का गणेश चतुर्थी में ही मुख्य काम रहता है। ऐसे में हमारे कामों को बंद कराया गया है।

वहीं रायपुर एडीएम देवेंद्र पटेल ने कहा की रायपुर में झांकी की हर बार की तरह इस बार भी पूरी तैयारियां की गई है। गणेश समितियों की तरफ से फिलहाल ऐसा कोई मैसेज नहीं आया है की झांकी नहीं निकालेंगे। अगर कोई ऐसी बात होती है तो आगे देखेंगे। लेकिन प्रशासनिक स्तर में रायपुर में झांकी को लेकर पूरी तैयारिया है। हाईकोर्ट के निर्णय का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा कि गणेश झांकी उत्सव के लिए पर्याप्त तैयारी की गई है। सुरक्षा के दृष्टि से भी अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। झांकी निकालने वाली समितियों से बातचीत चल रही है। वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देशन पर निर्णय लिया जाएगा।

राजनांदगांव में नहीं निकलेगी झांकी

इधर राजनांदगांव में बीते 86 वर्ष से अधिक साल से गणेश विसर्जन की पूर्व रात्रि में झांकी निकालने की परंपरा चली आ रही है। अपनी परंपरा के अनुरूप राजनांदगांव शहर में मंगलवार 17 सितंबर को गणेश विर्सजन झांकी निकाली जाएगी। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने गणेश विसर्जन के मद्देनजर गणेशोत्सव समिति और शहर के विभिन्न गणेश पंडाल से निकलने वाली झांकी के सदस्य, डीजे व साउंड सिस्टम संचालकों की कलेक्ट्रेट में बैठक ली।

जिला प्रशासन ने इस बार 55 डेसीबल से अधिक ध्वनि होने पर न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए गाड़ी की जब्ती की कार्रवाई की बात कही और झांकी निकालने वाले सभी गणेशोत्सव समिति के पदाधिकारी शपथपत्र देने के निर्देश दिए है।

राजनांदगांव झांकी समिति के सदस्य शुभम शुक्ला ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ अलग अलग 4 दौर की बातचीत के बाद भी बैठक बेनतीजा रही है। इसलिए सभी ने एक साथ ये निर्णय लिया है कि इस बार झांकी नही निकाली जाएगी।

उन्होंने बताया कि कलेक्टर और एसपी ने बैठक ने साफ कह दिया है कि अगर झांकी डीजे साउंड सिस्टम का इस्तेमाल हुआ था कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने साफ कह दिया है कि झांकी समिति वाले कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कार्रवाई इस दिन नहीं होगी अगले दिन होगी लेकिन होगी जरूर।

समिति सदस्य ने बताया कि प्रशासन के साथ इस बैठक में कुछ नतीजा नहीं निकल पाया है । इसके बाद समिति के सदस्यों ने आपस में एक राय स्थापित कर झांकी निकालने की बात कही लेकिन जनरेटर वालों ने मना कर दिया। क्योंकि जनरेटर वाले साउंड सिस्टम वालों का ही समर्थन कर रहे हैं। अब इस शर्त पर झांकी निकलना संभव ही नहीं है। राजनांदगांव में कुल 40 से अधिक झांकी समिति है, जिसमें से 28 समितियों ने झांकी निकालने के लिए मना कर दिया है। अन्य 12 समितियों से हम खुद निवेदन कर रहे हैं की वो झांकी न निकालें।

ऐसा रहा है झांकी का इतिहास

आज से करीब 60 से 70 साल पहले रायपुर में झांकियां बैलगाड़ियों से निकाली जाती थी। बैलगाड़ियों को केला पत्ता से सजाया जाता था। इस दौर में लाइट की व्यवस्था भी नहीं थी, मशाल का इस्तेमाल किया जाता था। रायपुर में उस समय झांकियों को पुरानी बस्ती के खोखो तालाब में विसर्जित की जाती थी। उस समय झांकियों को संख्या भी कम हुआ करती थी। उसके बाद भी बूढ़ा तालाब फिर खारुन नदी में झांकियों को विसर्जित किया जाने लगा। उस समय गड़वा बजा का इस्तेमाल किया जाता था। मांदर की थाप पर भजन करते हुए झांकियों का विसर्जन किया जाता था। जानकार बताते हैं कि उस दौरान जब झांकियां निकलती थी तो सड़क किनारे लगे होटलों के कमरों को बुक किए जाते थे ताकि लोग अपने परिवार के साथ झांकियों का आनंद ले सकें।

Garwa

1 hour and 56 min ago

गढ़वा में विश्वकर्मा भगवान के मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 17 सितंबर को,18 को भक्ति जागरण का आयोजन


अभय तिवारी 

गढ़वा :- कल्याणपुर गौरा टीकर विश्वकर्मा परिवार द्वारा मंदिर निर्माण हेतु एक एकड़ एकावान डिशमिल जमीन दिया गया है। जिस पर विश्वकर्मा मंदिर का निर्माण होगा.जिसका भूमि पूजन विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को होगा. तथा इस उपलक्ष्य में 18 सितम्बर को भगवती जागरण का आयोजन किया गया है.

 कल्याणपुर गौरा टीकर विश्वकर्मा परिवार का इस बड़ी योगदान के लिए निर्माण समिति के लोगों ने आभार व्यक्त किया है.

यह जमीन 2010 में ही मंदिर निर्माण हेतु दान दिया गया था जिसमे मंदिर निर्माण के लिए पूरी कमिटी लगातार प्रयासरत है।जो आगामी सितंबर 2026 तक इस भव्य कार्यक्रम को पूरी करने की संकल्पित है ।

पूजा कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप विश्वकर्मा, जिला उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, जिला कोषाध्यक्ष सुनील विश्वकर्मा, स्थानीय कोषाध्यक्ष रघुवीर विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष बीरबल विश्वकर्मा, संयोजक राजमणि विश्वकर्मा,सह संयोजक विमलेश विश्वकर्मा, अजीत कुमार शर्मा सुरेंद्र विश्वकर्मा, कमेटी सदस्य सूरज बली विश्वकर्मा, ऋषिकेश विश्वकर्मा अरविंद विश्वकर्मा राम, मिलन विश्वकर्मा, विशाल विश्वकर्मा, राम जन्म विश्वकर्मा, आदि लोग उपस्थित थे।

Dumka

1 hour and 58 min ago

दुमका : बांग्लादेशी घुसपैठ से आदिवासियों की अस्मिता व संस्कृति पर खतरा


मांझी परगना महासम्मेलन में तय होगा आंदोलन की रणनीति - चम्पाई सोरेन

दुमका : झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चम्पाई सोरेन ने कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बहुत जटिल हो चुका है और आज पहली बार पाकुड़ में होनेवाले मांझी परगना महासम्मेलन में इस मुद्दा को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। 

संथाल परगना में घुसपैठ की बढ़ती समस्या को देखते हुए यह सम्मेलन बुलाना बहुत जरुरी हो गया था। 

पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन सोमवार को संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर पाकुड़ जिले के डांगापाड़ा में मांझी परगना लाहंती वैसी द्वारा आयोजित मांझी परगना महासम्मेलन में शामिल होने से पूर्व दुमका परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। 

चम्पाई सोरेन ने कहा कि 

संथाल परगना से आदिवासियों की एक एक बस्ती मिटते जाएगा, यह कोई छोटा सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अपने जमीन से बेदखल हो रहे है, आदिवासियों के भाषा और संस्कृति पर प्रहार हो रहा है और आदिवासियों के बहू बेटियों पर अन्याय हो रहा है तो अब ऐसे में जरुरी हो गया कि संथाल परगना को बचाना है, उनकी जन्मभूमि को बचाना है और आदिवासी समाज को एकजुट कर उन्हें जागृत करना है। कहा कि सम्मेलन में जो भी निर्णय होगा वो उस निर्णय के साथ होंगे। 

वहीं जे एम एम द्वारा सरना धर्म कोड को लेकर केंद्र की भूमिका पर उठाये जा रहे सवाल पर चम्पाई सोरेन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री कल 140 किलोमीटर की दूरी तय कर सड़क मार्ग से कोल्हान की धरती पर पहुँचे और वहाँ की जनता से संवाद किया। पीएम वहाँ की सारी चीजों को जानने का प्रयास किया, जानने के बाद कुछ काम होगा।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

VijayaKumar

2 hours and 6 min ago

నాగోల్ లోని సహబావన టౌన్షిప్ బ్లాక్ సి03 గణేష్ నిమజ్జనుంలో పాల్గొన్న నకిరేకల్ ఎమ్మెల్యే వేముల వీరేశం.

హైదరాబాద్ నాగోల్ లోని సహబావన టౌన్షిప్ బ్లాక్ సి03 నాగోల్ బండ్లగూడలో సహవాన టౌన్షిప్ లో జరిగినటువంటి వినాయక నిమజ్జనములో లో నకిరేకల్ శాసనసభ్యులు వేముల వీరేశం మరియు సహభావన టౌన్షిప్ సి 03 నుండి కల్లూరు ఉపేంద్ర చారి, రామకృష్ణ, రేవంత్ సోమిరెడ్డి వారి బృందం పాల్గొని ప్రత్యేక పూజలు నిర్వహించారు. ఈ సందర్భంగా ఎమ్మెల్యే వేముల వీరేశం మాట్లాడుతూ అందరం ఘనంగా జరుపుకునే గణనాధునికి వీడ్కోలుతున్నటువంటి సందర్భంలో ఆహ్వానాన్ని మంచి నేనిక్కడికి రావడం జరిగిందని తెలిపారు. ఇక్కడికి రావడం చాలా సంతోషంగా ఉందని అన్నారు. ఈ కార్యక్రమంలో కాలనీవాసులు భక్తులు తదితరులు పాల్గొన్నారు.

Barunkumar31

2 hours and 54 min ago

आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर साइबर ठगी: महिला के खाते से उड़ाए दस हजार
जहानाबाद साइबर ठग ग्रामीण क्षेत्रों में आकर भोली भाली महिलाओं को झांसा में लेकर ठगी करने का एक पर एक तरीका बनाने में माहिर हैं। इसी कड़ी में शकूराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रतनी के ग्राम नीरपुर में साइबर ठगों ने एक महिला को अपना शिकार बनाया।और दस हजार रुपया महिला के खाता से उड़ाया। पिड़ित महिला सुरेश दास की पत्नी पि॑की देवी ने बताई कि आयुष्यमान कार्ड बनाने के लिए घर पर आया और बोला कि आप अपना आधार कार्ड लाएं। वही उन्होंने बताई कि हालांकि उससे कहा कि आधार कार्ड बन रहा है, तो उसने चेक करने के नाम पर आधार कार्ड लिया और चेक करने के नाम पर मुझसे अ॑गूठा लगा लिया। वही उसके जाने के बाद मेरे मोबाइल में दस हजार रुपए निकासी का मेसेज आ गया। उन्होंने बताई कि इस सम्बंध में शकूराबाद थाना में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, वही थाना अध्यक्ष ने बताया कि साईबर ठग है, जांच पड़ताल प्रारंभ कर दिया गया है।

JyotiShukla

3 hours ago

सरकार ने हटा दी मणिपुर में अब इंटरनेट से बैन, स्कूलों के खुलने का भी दिन तय
डेस्क: मणिपुर के पांच घाटी जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक 6 दिनों के बाद तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है। मणिपुर सरकार ने कल से राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने का भी आदेश दिया है। राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार ने कहा कि लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल किया जाना है। इससे पहले, राज्य सरकार ने 12 सितंबर को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए इंटरनेट सेवाओं पर लगा निलंबन हटा लिया था।


कुमार ने अपने आदेश में कहा, "राज्य सरकार ने राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और मणिपुर राज्य में किसी भी प्रकार के अस्थायी इंटरनेट संस्पेंशन को हटाने का निर्णय लिया है, जो जनहित में निवारक उपाय के रूप में सद्भावनापूर्वक लगाया गया था।" इंटरनेट बैन हटाने के बाद, कुमार ने राज्य के सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने का आग्रह किया, जिनके कारण भविष्य में इंटरनेट प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता हो सकती है।

राज्य सरकार ने 10 सितंबर को घाटी के पांच जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इंफाल में छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस के साथ झड़प के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।

प्रदर्शनकारी 16 महीने की जातीय हिंसा के बाद राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी किए जाने तक घाटी के इलाकों में अनिश्चितकालीन स्कूल बंद रखने की भी घोषणा की थी। ऐसे में कल यानी 17 सितंबर से सभी स्कूलों को खुलने को कहा गया है।

Gaya

3 hours ago

एनडीए राज में दलित गरीब असुरक्षित: भाकपा माले

गया। गया में लगातार हो रहे दलित उत्पीड़न, हत्या, बलात्कार और पुलिस प्रशासन व NDA सरकार की विफलता के खिलाफ आज भाकपा माले ने शहर में प्रतिवाद मार्च निकाला।

अंबेडकर पार्क से निकला जुलूस जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचा जहां सभा किया गया। माले कार्यकर्ता टिकारी खिजरसराय मोहनपुर, नहीं चलेगा यह दस्तूर, दलितों की हत्या नहीं चलेगा, NDA सरकार शर्म करो के नारे लगा रहे थे।

सभा को संबोधित करते हुए नगर प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि NDA राज में गरीब दलित लगातार निशाने पर हैं। मोहनपुर में राजकुमार मांझी व खिजरसराय में सजन मांझी की पीट पीटकर हत्या कर दी गई। टिकारी में संजय मांझी का हाथ काट दिया गया। अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और पुलिस प्रशासन व राज्य सरकार विफल है।

वहीं ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल ने कहा कि शेरघाटी में मासूम दलित बच्ची की रेप के बाद हत्या हो गई। इमामगंज और फतेहपुर में बलात्कार की घटना हुई है। यह साबित होता है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल है। किसी के सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।

वहीं भाकपा माले की राज्यस्तरीय जांच टीम ने मोहनपुर स्थित डेमा टोला पथरा जाकर पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों से मिलकर मामले की पड़ताल की। जांच टीम में जिला सचिव निरंजन कुमार, घोसी विधायक रामबली सिंह यादव, अगिआंव विधायक शिव प्रकाश रंजन, मोहनपुर सचिव पुलेंद्र कुमार, जिला कमेटी सदस्य रवि कुमार व इंसाफ मंच जिला सचिव आमिर तुफैल शामिल थे।

प्रतिवाद मार्च में नगर प्रभारी तारिक अनवर, जिला कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल, सुदामा राम, रामचंद्र प्रसाद, शिशुपाल कुमार, नवल किशोर यादव, रघुनंदन शर्मा, मो. शेरजहां, मालो देवी, पारो देवी, तेतरी देवी, श्रीचंद दास, लक्ष्मी देवी, मो. नेहालउद्दीन, बरती चौधरी, कामता प्रसाद बिंद समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

cgstreetbuzz

3 hours ago

केंद्रीय इस्पात मंत्री कुमार स्वामी का बड़ा बयान, नगरनार प्लांट का नहीं होगा निजीकरण

रायपुर-   केंद्रीय इस्पात एवं प्रभारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी सोमवार को एकदिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर विशेष विमान से चेन्नई से जगदलपुर पहुंचे। एचडी कुमार स्वामी ने नगरनार प्लांट का निरीक्षण किया। एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एनएमडीसी प्लांट से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने बातचीत की। उन्होंने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। सरकार निजीकरण के बारे में नहीं सोच रही है बल्कि यह सोच रही है कि कैसे नगरनार स्टील प्लांट को और मजबूत बनाया जा सके। इस दिशा में कार्ययोजना तैयार हो इसलिए ही वह नगरनार प्लांट के निरीक्षण और काम को समझाने आए हैं।

डिसइनवेस्टमेंट विनिवेश जारी : पूर्व विधायक रेखचंद जैन

वहीं नगरनार स्टील प्लांट को लेकर बस्तर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय इस्पात और उद्योग मंत्री के बस्तर दौरे के दौरान मीडिया को बयान दिया कि नगरनार प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। इस बयान पर पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि भाजपा की करनी और कथनी में अंतर होने की बात कही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बस्तर दौरे के दौरान किए गए वादों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तरवासियों का है और इसका निजीकरण नहीं होगा। लेकिन जैन ने दावा किया कि एनएमडीसी के तहत नगरनार स्टील प्लांट का डिसइनवेस्टमेंट विनिवेश जारी है।

पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा निजीकरण का विरोध करती रही है और उनकी मांग रही है कि एनएमडीसी निजी हाथों में न जाए ताकि यहां के लोगों को रोजगार मिले और बस्तर का विकास हो सके। उन्होंने कांग्रेस की लड़ाई को इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ाने की बात कही।

Shashikant34

45 min ago

धर्मांतरण
आज देश मे धर्म को भी राजनीति का अंग बना दिया गया है और धर्मांतरण को मुद्दा। जहां धर्म के ठेकेदार शाशक और भक्त (जनता) शोषित होते है। धर्मतंत्र और लोकतंत्र एक साथ नही चल सकते। इसके बावजूद देश को धर्मतंत्र के हिसाब से चलाने की कोशिश जारी है। किसी भगवान को मानने के लिए धर्म का होना जरूरी नही है। भगवान धर्म के मोहताज नही है और न ही धर्म के कारण भगवान है। पहले भगवान है न कि धर्म। धर्म ने ही भगवान को बांटा, समाज को बांटा, लोगो को बांटा। धर्म का निर्माण धूर्त लोगो ने किया ताकि वे लोगो पर धार्मिक रूप से शाशन कर उन्हें धर्मिक एवम मानसिक गुलाम बना सके। धार्मिक कट्टरता ऐसा ज़हर है जो लोगो को मारता नही है बल्कि उन्हें धार्मिक और मानसिक ग़ुलाम बना देता है। धार्मिक कट्टर लोग मानव बम की तरह होते है। जो अपने साथ हजारो लोगो को धार्मिक और मानसिक ग़ुलाम बना देते है। धर्म ना भी हो तब भी हम जी सकते है। धर्म कोई चीज नही। धर्म कोई बहुत बड़ा तोप नही। पर उसे तोप बना दिया गया। मनुष्य का परंपरा,रीति-रिवाज तथा उसके जीवन जीने का दर्शन ही धर्म है। जिसे आप कोई भी नाम दे दे। मसलन हिन्दू,मुस्लिम,सिख
ईसाई इत्यादि। इससे इतर धर्म कुछ भी नही।
कोई भी धर्म बुरा नही होता। बल्कि धर्म को मानने वाले लोग बुरे होते होते है। हर मजहब/धर्म में अच्छे लोग भी होते है और बुरे लोग भी।मजहब उन्ही कुछ बुरे लोगो के चलते ही बद्नाम होता है। कुछ मजहबी/धार्मिक लोग अपने मजहब/धर्म को श्रेष्ट घोषित करने के चक्कर में, दूसरे धर्म को घटिया बताते है। जबकि, सभी धर्मी का मूल एक ही है- इंसानियत। और सभी धर्मों का आखरी चैप्टर भी इंसानियत पर आकर ही खत्म होता है। हर धर्म की अपनी फिलॉसफी होती है। जैसे हर व्यक्ति के जीवन जीने की अपनी-अपनी फिलॉसफी होती है। यदि आप किसी धर्म को मानते है मतलब,आपको उस धर्म की फिलॉसफी अच्छी लगती है। पर यह कतई जरूरी नही की,आप जिस धर्म मे पैदा हुए उस धर्म की फिलॉसफी आपको पसंद ही आए। इसलिए हमारा संविधन हमें अपना धर्म चुनने का अधिकार देता है। 2014 के बाद से देश मे धर्मांतरण का मुद्दा काफी जोड़ पकड़े हुए है। और ऐसा होना तय था। क्योंकि,बीजेपी के एजेंडे में धर्मांतरण एक प्रमुख मुद्दा रहा है। देश मे जब बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है तो,धर्मांतरण का मुद्दा उठना लाजिमी था। और इसका सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण है,राजनीतिक लाभ। देश मे हिन्दू मेजोरिटी(लगभग 80%) है और बीजेपी हिंदुत्व विचारधारा वाली पार्टी मानी जाती है। ऐसे में अगर बीजेपी को हिन्दुओ के सारे वोट हासिल हो जाते है तो,उन्हें किसी और के वोट की जरूरत ही नही रह जायेगी। और इसतरह बीजेपी सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रह सकती है। इसलिए बीजेपी हिन्दुराष्ट्र और धर्मांतरण को मुद्दा बना कर,हिन्दुओ को अपने पाले में रखना चाहती है। ताकि उसके वोट बैंक में सेंध न लग सके।
मेरी समझ मे धर्मांतरण के मुख्य चार कारण है - 1.सामाजिक असमानता 2.गरीबी 3.आस्था और 4.दर्शन। कोई सामाजिक असमानता (जातिगत भेद भाव) के कारण अपना धर्म बदलता है। तो कोई गरीबी से उबरने के लिए उस धर्म को अपना लेता है,जो उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति करने का भरोसा दिलाता है। जब कोई व्यक्ति अपनी बिकट परिस्थितियों से तंग आकर किसी दूसरे धर्म के धार्मिक स्थलों पर माथा टेकता है और उसकी समस्याओं का हल निकल जाता है तो उसकी आस्था उस धर्म मे हो जाती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि,लोग दूसरे धर्म के दर्शन से इतने प्रभावित होते है कि,अपना धर्म परिवर्तन कर लेते है।
आपने कभी किसी सवर्ण को धर्म परिवर्तन करते सुना है। नही! धर्मांतरण केवल दलित/आदिवासी या पिछड़े समुदाय के लोग ही करते है। सवाल है आखिर क्यूँ? क्योकि, हिन्दू धर्म को सवर्ण अपनी जागीर समझते है। धर्म पर उनका शुरू से अधिपत्य रहा है। दलित/आदिवासी सिर्फ नाम के लिए हिन्दू है। इनके साथ हर जगह भेद-भाव होता है। मंदिर से लेकर मंच तक। इन्ही भेद-भाव और छुआ-छूत के कारण आदिवासियों और दलितों ने धीरे-धीरे दूसरे धर्मो की तरफ रुख करने लगे । तथाकथित ब्राह्मणों या सवर्णो ने कभी इस बात पर चिंतन या मंथन नही किया कि,आखिर दलित/आदिवासी समाज के लोग हिन्दू धर्म छोड़ कर दूसरे धर्मो में क्यो जा रहे? जाहिर सी बात है कि,आपने कभी उन्हें अपना समझा ही नही। उन्हें कभी वो मान-सम्मान दिया ही नही,जिसके वो हकदार है। आज भी सवर्ण दलित/आदिवासियों को जानवरों से भी नीच समझते है। कुत्ते-बिल्ली को गोद मे बिठाते है पर दलित/आदिवासी से इन्हें घिन आती है। अति हिंदूवादी लोग दूसरे धर्मों पर अक्सर यह इल्ज़ाम लगाते है कि,'वे लोग हमारे लोगो (दलित/आदिवासी) का धर्म परिवर्तन करा कर मुस्लिम और ईसाई बना रहे है।' जो कि सरासर गलत और तथ्यहीन बात है। दलित/आदिवासी लोग सवर्णो से जलील और प्रताड़ित होकर दूसरे धर्म को अपनाने के लिए मजबूर है। आज कोई भी तलवार या बंदूक की नोक पर किसी का धर्मांतरण नही करा सकता। क्योकि,न तो आज देश मे मुगल है, न अंग्रेज और न ही राजतंत्र है। ज्यादातर लोग सामाजिक असमानता (जातिगत भेद भाव) से आजिज हो कर धर्मांतरण कर रहे है। मैंने वैसे लोगो को भी देखा है जो सिर्फ अपनी जाति छुपाने के लिए ईसाई बन गए।
कोई दलित/आदिवासी समुदाय का व्यक्ति जैन,बौद्ध,सिख या कोई दूसरा धर्म अपनाता है तब इन ब्राह्मणवादियों को कोई प्रॉब्लम नही। इन्हें प्रॉब्लम सिर्फ ईसाई और मुस्लिम धर्म से है। जब लोगो की आस्था आसाराम बापू और राम-रहीम जैसे लोगो मे हो सकती है तो,फिर किसी का किसी धर्म मे आस्था होना गलत या गुनाह कैसे हो गया? ब्राह्मणवादी लोगो मे दलितों/आदिवासियों के धर्मांतरण को लेकर खलबली मची हुईं है। उन्हें लगता है कि अगर दलित/आदिवासियों ने हिन्दू धर्म त्याग दिया तो,इनकी जी हजूरी कौन करेगा? इन्हें डर है कि,इनकी ब्राह्मणवादी विचारधारा खत्म हो जाएगी और कल ये सामाजिक वर्चस्व से बेदखल हो जाएंगे। जिस कारण ये तथाकथित ब्राह्मणवादी विचारधारा के लोग धर्मांतरण को मुद्दा बना कर इस पर रोक लगाने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे है। धर्मांतरण पर रोक नही,बल्कि जबरन धर्मांतरण पर रोक लगनी चाहिए। और इसके लिए कानून संविधान में पहले से वर्णित है। आज के वक्त में जबरन धर्मांतरण संभव नही। किसी को स्वेछा से धर्मांतरण करने से रोकना उसके मौलिक अधिकारों का हनन है। लोग अपनी मर्जी से अपना धर्म चुनने के लिए स्वतंत्र है।

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1 hour and 28 min ago

डिप्टी सीएम से मिले ​गणेश उत्सव समितियों के पदाधिकारी, विजय शर्मा ने कहा-
रायपुर-     गृहमंत्री विजय शर्मा से शहर की 50 से ज्यादा गणेश उत्सव समितियों के पदाधिकारियों ने मुलाकात की। इसमें झांकी में डीजे और धुमाल बजाने को लेकर लंबी चर्चा हुई। डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि भगवान गणेशजी के विर्सजन का विषय है। हाईकोर्ट का डिसीजन है, रास्ता कानूनी आधार पर निकलने की कोशिश है। परंपरा और मान्यता के आधार पर यह कार्यक्रम हो सके। हाईकोर्ट की दिशा निर्देशों का पालन हो सके। इसके साथ ही डिप्टी सीएम ने अन्य मुद्दों पर भी बात की।

डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि मैं बहुत ही धन्यवाद देता हूं, सारी गणेश उत्सव समितियां को। बहुत अच्छे ढंग से समझदारी के साथ हाईकोर्ट के सारे विषय को ध्यान में रखकर, समझकर राज्य सरकार के दिए निर्देशों को समझ कर सारी बातें उन्होंने कही। जितने गाइडलाइन हैं, उस पैरामीटर पर काम किया जाएगा, समय का भी ध्यान रखा जाएगा उन सारे विषय पर हम अपना अभियान आगे बढ़ाएंगे।

गणेश समिति के पदाधिकारी रोहित राय ने कहा की, डीजे-बाजा के संबंध में हमारा विषय था। राजधानी की एक झांकी शान है, जिसमें कुछ समस्याएं आ रही थी। इसमें डिप्टी सीएम विजय शर्मा के तरफ से आश्वासन मिला है, जो होगा मेरे तरफ से प्रयास करूंगा। आपको भी नियम के दायरे में काम करना पड़ेगा हम भी प्रयास करेंगे। किसी को समस्या न हो। अभी ध्वनि विस्तारक यंत्र नियंत्रण में रहे। ध्वनि से किसी को भी समस्या का सामना न करना पड़े। इतनी अच्छी परंपरा, जो हमारे प्रदेश में चली आ रही।

डिप्टी सीएम शर्मा ने धुमाल-डीजे संचालकों की हड़ताल को लेकर कहा कि उनसे भी मेरी बातचीत हुई है उनसे भी मैंने कहा था कुछ नियंत्रण में और हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में करना है। वह नियंत्रण ढंग से जितना तीव्रता का आम ध्वनि प्रसारित कर सके, उन सारे नियमों और मापदंडों को ध्यान में रखकर काम करें। नहीं करना ऐसा किसी ने नहीं कहा।

तेलीबांधा में चाकूबाजी से युवती की मौत मामले में गृह मंत्री शर्मा ने कहा कि पुलिस की त्वरित कार्रवाई घटना पर रही है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई आवश्यक है। त्वरित कार्रवाई से ही यह सभी चीजे ठीक होगी। जो कुछ हुआ वह दुखद है। पुलिस और भी मुस्तैदी के साथ ऐसी घटनाओं पर काम करें।

आवास की किश्त को लेकर डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि बहुत बड़ा मसला है। इस मसले को लेकर मोर अधिकार आवाज में प्रावधान भी किया गया है। नरेंद्र मोदी देश की तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। 2 करोड़ ग्रामीण आवास और एक करोड़ से शहरी आवास बनाने की बात है, छत्तीसगढ़ को अभी 8 लाख 47 हजार आवास मिले है। 90 हजार आवास और मिलने हैं। 1 लाख 96 हजार आवास साय सरकार बनने के बाद निर्मित हुए हैं। पूर्ववर्ती सरकार में यह नहीं हुआ करता था। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता के साथ में बात बताना चाहता हूं कि 17 राज्य को आवास दिया गया, उसमें से 2011 की सर्वे सूची के आधार पर दोनों आधार पर आवास दिया गया।

कवर्धा और सुकमा घटना को लेकर गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि कवर्धा में अशांति हुई, पुलिस के साथ क्लेश हुआ। वर्तमान में स्थित पूर्णता नियंत्रण में है। मैंने पूरी बातों की समीक्षा की है। कल और भी टीम, संगठन की टीम, जनप्रतिनिधि कवर्धा जाएंगे। चाहे वह पहली घटना हो या दूसरी घटना हो, दोनों ही विषयों पर कानून कठोरता से काम करेगा।

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1 hour and 35 min ago

छत्तीसगढ़ में इस बार गणेश झांकी नहीं ! डीजे के शोर पर सख्त हुआ प्रशासन, गणेश समितियों की DJ बजाने की मांग खारिज
रायपुर-   गणेश विसर्जन की झांकी में बजने वाले डीजे के शोर पर प्रशासन की सख्ती बढ़ गई है। हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाकर प्रशासन ने झांकी में शोर शराबे पर रोक के लिए कड़े फैसले लिये हैं। गणेश समितियों की ओर से मांगी गई डीजे की अनुमति को प्रशासन ने खारिज करते हुए दो टूक कह दिया है कि नियमों का उल्लंघन हुआ तो सख्ती बरती जाएगी। प्रशासन के रवैये के बीच अब गणेश समितियों ने बगैर डीजे गणेश विसर्जन की तैयारी की है।

रायपुर की गणेश समितियों का कहना है कि झांकी में डीजे की अनुमति प्रशासन नहीं दे रहा है। रायपुर शहर में गणेश उत्सव झांकी की सालों पुरानी परंपरा है। झांकी निकालने वाले कुछ समितियों के सदस्यों ने कहा कि हमारी मांग है कि झांकी में डीजे और धुमाल बजाने की अनुमति दे। इसको लेकर हमारी डिप्टी सीएम विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल और विधायक पुरंदर मिश्रा सहित सभी जनप्रतिनिधियों से बातचीत जारी है। हमारी मांग है कि कम डिसमिल में ही सही लेकिन डीजे बजाने की अनुमति दें। यदि अनुमति नहीं दी जाती है तो झांकी नहीं निकाली जाएगी।

रायपुर धुमाल संघ के अध्यक्ष गोतम महांनद ने कहा कि इस बार झांकी और गणेश विसर्जन में एक भी डीजे या ढोलताशा नहीं बजेगा। जब तक प्रशासन के तरफ लिखित अनुमति नहीं मिलती है तब तक एक भी हम काम नहीं करेंगे। सभी हड़ताल पर रहेंगे। गौतम महानंद ने कहा की सभी डीजे और धुमाल का गणेश चतुर्थी में ही मुख्य काम रहता है। ऐसे में हमारे कामों को बंद कराया गया है।

वहीं रायपुर एडीएम देवेंद्र पटेल ने कहा की रायपुर में झांकी की हर बार की तरह इस बार भी पूरी तैयारियां की गई है। गणेश समितियों की तरफ से फिलहाल ऐसा कोई मैसेज नहीं आया है की झांकी नहीं निकालेंगे। अगर कोई ऐसी बात होती है तो आगे देखेंगे। लेकिन प्रशासनिक स्तर में रायपुर में झांकी को लेकर पूरी तैयारिया है। हाईकोर्ट के निर्णय का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा कि गणेश झांकी उत्सव के लिए पर्याप्त तैयारी की गई है। सुरक्षा के दृष्टि से भी अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। झांकी निकालने वाली समितियों से बातचीत चल रही है। वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देशन पर निर्णय लिया जाएगा।

राजनांदगांव में नहीं निकलेगी झांकी

इधर राजनांदगांव में बीते 86 वर्ष से अधिक साल से गणेश विसर्जन की पूर्व रात्रि में झांकी निकालने की परंपरा चली आ रही है। अपनी परंपरा के अनुरूप राजनांदगांव शहर में मंगलवार 17 सितंबर को गणेश विर्सजन झांकी निकाली जाएगी। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने गणेश विसर्जन के मद्देनजर गणेशोत्सव समिति और शहर के विभिन्न गणेश पंडाल से निकलने वाली झांकी के सदस्य, डीजे व साउंड सिस्टम संचालकों की कलेक्ट्रेट में बैठक ली।

जिला प्रशासन ने इस बार 55 डेसीबल से अधिक ध्वनि होने पर न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए गाड़ी की जब्ती की कार्रवाई की बात कही और झांकी निकालने वाले सभी गणेशोत्सव समिति के पदाधिकारी शपथपत्र देने के निर्देश दिए है।

राजनांदगांव झांकी समिति के सदस्य शुभम शुक्ला ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ अलग अलग 4 दौर की बातचीत के बाद भी बैठक बेनतीजा रही है। इसलिए सभी ने एक साथ ये निर्णय लिया है कि इस बार झांकी नही निकाली जाएगी।

उन्होंने बताया कि कलेक्टर और एसपी ने बैठक ने साफ कह दिया है कि अगर झांकी डीजे साउंड सिस्टम का इस्तेमाल हुआ था कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने साफ कह दिया है कि झांकी समिति वाले कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कार्रवाई इस दिन नहीं होगी अगले दिन होगी लेकिन होगी जरूर।

समिति सदस्य ने बताया कि प्रशासन के साथ इस बैठक में कुछ नतीजा नहीं निकल पाया है । इसके बाद समिति के सदस्यों ने आपस में एक राय स्थापित कर झांकी निकालने की बात कही लेकिन जनरेटर वालों ने मना कर दिया। क्योंकि जनरेटर वाले साउंड सिस्टम वालों का ही समर्थन कर रहे हैं। अब इस शर्त पर झांकी निकलना संभव ही नहीं है। राजनांदगांव में कुल 40 से अधिक झांकी समिति है, जिसमें से 28 समितियों ने झांकी निकालने के लिए मना कर दिया है। अन्य 12 समितियों से हम खुद निवेदन कर रहे हैं की वो झांकी न निकालें।

ऐसा रहा है झांकी का इतिहास

आज से करीब 60 से 70 साल पहले रायपुर में झांकियां बैलगाड़ियों से निकाली जाती थी। बैलगाड़ियों को केला पत्ता से सजाया जाता था। इस दौर में लाइट की व्यवस्था भी नहीं थी, मशाल का इस्तेमाल किया जाता था। रायपुर में उस समय झांकियों को पुरानी बस्ती के खोखो तालाब में विसर्जित की जाती थी। उस समय झांकियों को संख्या भी कम हुआ करती थी। उसके बाद भी बूढ़ा तालाब फिर खारुन नदी में झांकियों को विसर्जित किया जाने लगा। उस समय गड़वा बजा का इस्तेमाल किया जाता था। मांदर की थाप पर भजन करते हुए झांकियों का विसर्जन किया जाता था। जानकार बताते हैं कि उस दौरान जब झांकियां निकलती थी तो सड़क किनारे लगे होटलों के कमरों को बुक किए जाते थे ताकि लोग अपने परिवार के साथ झांकियों का आनंद ले सकें।

Garwa

1 hour and 56 min ago

गढ़वा में विश्वकर्मा भगवान के मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 17 सितंबर को,18 को भक्ति जागरण का आयोजन


अभय तिवारी 

गढ़वा :- कल्याणपुर गौरा टीकर विश्वकर्मा परिवार द्वारा मंदिर निर्माण हेतु एक एकड़ एकावान डिशमिल जमीन दिया गया है। जिस पर विश्वकर्मा मंदिर का निर्माण होगा.जिसका भूमि पूजन विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को होगा. तथा इस उपलक्ष्य में 18 सितम्बर को भगवती जागरण का आयोजन किया गया है.

 कल्याणपुर गौरा टीकर विश्वकर्मा परिवार का इस बड़ी योगदान के लिए निर्माण समिति के लोगों ने आभार व्यक्त किया है.

यह जमीन 2010 में ही मंदिर निर्माण हेतु दान दिया गया था जिसमे मंदिर निर्माण के लिए पूरी कमिटी लगातार प्रयासरत है।जो आगामी सितंबर 2026 तक इस भव्य कार्यक्रम को पूरी करने की संकल्पित है ।

पूजा कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप विश्वकर्मा, जिला उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, जिला कोषाध्यक्ष सुनील विश्वकर्मा, स्थानीय कोषाध्यक्ष रघुवीर विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष बीरबल विश्वकर्मा, संयोजक राजमणि विश्वकर्मा,सह संयोजक विमलेश विश्वकर्मा, अजीत कुमार शर्मा सुरेंद्र विश्वकर्मा, कमेटी सदस्य सूरज बली विश्वकर्मा, ऋषिकेश विश्वकर्मा अरविंद विश्वकर्मा राम, मिलन विश्वकर्मा, विशाल विश्वकर्मा, राम जन्म विश्वकर्मा, आदि लोग उपस्थित थे।

Dumka

1 hour and 58 min ago

दुमका : बांग्लादेशी घुसपैठ से आदिवासियों की अस्मिता व संस्कृति पर खतरा


मांझी परगना महासम्मेलन में तय होगा आंदोलन की रणनीति - चम्पाई सोरेन

दुमका : झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता चम्पाई सोरेन ने कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बहुत जटिल हो चुका है और आज पहली बार पाकुड़ में होनेवाले मांझी परगना महासम्मेलन में इस मुद्दा को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा। 

संथाल परगना में घुसपैठ की बढ़ती समस्या को देखते हुए यह सम्मेलन बुलाना बहुत जरुरी हो गया था। 

पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन सोमवार को संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर पाकुड़ जिले के डांगापाड़ा में मांझी परगना लाहंती वैसी द्वारा आयोजित मांझी परगना महासम्मेलन में शामिल होने से पूर्व दुमका परिसदन में पत्रकारों से बात कर रहे थे। 

चम्पाई सोरेन ने कहा कि 

संथाल परगना से आदिवासियों की एक एक बस्ती मिटते जाएगा, यह कोई छोटा सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अपने जमीन से बेदखल हो रहे है, आदिवासियों के भाषा और संस्कृति पर प्रहार हो रहा है और आदिवासियों के बहू बेटियों पर अन्याय हो रहा है तो अब ऐसे में जरुरी हो गया कि संथाल परगना को बचाना है, उनकी जन्मभूमि को बचाना है और आदिवासी समाज को एकजुट कर उन्हें जागृत करना है। कहा कि सम्मेलन में जो भी निर्णय होगा वो उस निर्णय के साथ होंगे। 

वहीं जे एम एम द्वारा सरना धर्म कोड को लेकर केंद्र की भूमिका पर उठाये जा रहे सवाल पर चम्पाई सोरेन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री कल 140 किलोमीटर की दूरी तय कर सड़क मार्ग से कोल्हान की धरती पर पहुँचे और वहाँ की जनता से संवाद किया। पीएम वहाँ की सारी चीजों को जानने का प्रयास किया, जानने के बाद कुछ काम होगा।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

VijayaKumar

2 hours and 6 min ago

నాగోల్ లోని సహబావన టౌన్షిప్ బ్లాక్ సి03 గణేష్ నిమజ్జనుంలో పాల్గొన్న నకిరేకల్ ఎమ్మెల్యే వేముల వీరేశం.

హైదరాబాద్ నాగోల్ లోని సహబావన టౌన్షిప్ బ్లాక్ సి03 నాగోల్ బండ్లగూడలో సహవాన టౌన్షిప్ లో జరిగినటువంటి వినాయక నిమజ్జనములో లో నకిరేకల్ శాసనసభ్యులు వేముల వీరేశం మరియు సహభావన టౌన్షిప్ సి 03 నుండి కల్లూరు ఉపేంద్ర చారి, రామకృష్ణ, రేవంత్ సోమిరెడ్డి వారి బృందం పాల్గొని ప్రత్యేక పూజలు నిర్వహించారు. ఈ సందర్భంగా ఎమ్మెల్యే వేముల వీరేశం మాట్లాడుతూ అందరం ఘనంగా జరుపుకునే గణనాధునికి వీడ్కోలుతున్నటువంటి సందర్భంలో ఆహ్వానాన్ని మంచి నేనిక్కడికి రావడం జరిగిందని తెలిపారు. ఇక్కడికి రావడం చాలా సంతోషంగా ఉందని అన్నారు. ఈ కార్యక్రమంలో కాలనీవాసులు భక్తులు తదితరులు పాల్గొన్నారు.

Barunkumar31

2 hours and 54 min ago

आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर साइबर ठगी: महिला के खाते से उड़ाए दस हजार
जहानाबाद साइबर ठग ग्रामीण क्षेत्रों में आकर भोली भाली महिलाओं को झांसा में लेकर ठगी करने का एक पर एक तरीका बनाने में माहिर हैं। इसी कड़ी में शकूराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत रतनी के ग्राम नीरपुर में साइबर ठगों ने एक महिला को अपना शिकार बनाया।और दस हजार रुपया महिला के खाता से उड़ाया। पिड़ित महिला सुरेश दास की पत्नी पि॑की देवी ने बताई कि आयुष्यमान कार्ड बनाने के लिए घर पर आया और बोला कि आप अपना आधार कार्ड लाएं। वही उन्होंने बताई कि हालांकि उससे कहा कि आधार कार्ड बन रहा है, तो उसने चेक करने के नाम पर आधार कार्ड लिया और चेक करने के नाम पर मुझसे अ॑गूठा लगा लिया। वही उसके जाने के बाद मेरे मोबाइल में दस हजार रुपए निकासी का मेसेज आ गया। उन्होंने बताई कि इस सम्बंध में शकूराबाद थाना में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, वही थाना अध्यक्ष ने बताया कि साईबर ठग है, जांच पड़ताल प्रारंभ कर दिया गया है।

JyotiShukla

3 hours ago

सरकार ने हटा दी मणिपुर में अब इंटरनेट से बैन, स्कूलों के खुलने का भी दिन तय
डेस्क: मणिपुर के पांच घाटी जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक 6 दिनों के बाद तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है। मणिपुर सरकार ने कल से राज्य में स्कूलों को फिर से खोलने का भी आदेश दिया है। राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) एन अशोक कुमार ने कहा कि लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल किया जाना है। इससे पहले, राज्य सरकार ने 12 सितंबर को ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए इंटरनेट सेवाओं पर लगा निलंबन हटा लिया था।


कुमार ने अपने आदेश में कहा, "राज्य सरकार ने राज्य में मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और मणिपुर राज्य में किसी भी प्रकार के अस्थायी इंटरनेट संस्पेंशन को हटाने का निर्णय लिया है, जो जनहित में निवारक उपाय के रूप में सद्भावनापूर्वक लगाया गया था।" इंटरनेट बैन हटाने के बाद, कुमार ने राज्य के सभी इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से ऐसी गतिविधियों से दूर रहने का आग्रह किया, जिनके कारण भविष्य में इंटरनेट प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता हो सकती है।

राज्य सरकार ने 10 सितंबर को घाटी के पांच जिलों - इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। इंफाल में छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस के साथ झड़प के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।

प्रदर्शनकारी 16 महीने की जातीय हिंसा के बाद राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने सरकार द्वारा उनकी मांगें पूरी किए जाने तक घाटी के इलाकों में अनिश्चितकालीन स्कूल बंद रखने की भी घोषणा की थी। ऐसे में कल यानी 17 सितंबर से सभी स्कूलों को खुलने को कहा गया है।

Gaya

3 hours ago

एनडीए राज में दलित गरीब असुरक्षित: भाकपा माले

गया। गया में लगातार हो रहे दलित उत्पीड़न, हत्या, बलात्कार और पुलिस प्रशासन व NDA सरकार की विफलता के खिलाफ आज भाकपा माले ने शहर में प्रतिवाद मार्च निकाला।

अंबेडकर पार्क से निकला जुलूस जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचा जहां सभा किया गया। माले कार्यकर्ता टिकारी खिजरसराय मोहनपुर, नहीं चलेगा यह दस्तूर, दलितों की हत्या नहीं चलेगा, NDA सरकार शर्म करो के नारे लगा रहे थे।

सभा को संबोधित करते हुए नगर प्रभारी तारिक अनवर ने कहा कि NDA राज में गरीब दलित लगातार निशाने पर हैं। मोहनपुर में राजकुमार मांझी व खिजरसराय में सजन मांझी की पीट पीटकर हत्या कर दी गई। टिकारी में संजय मांझी का हाथ काट दिया गया। अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं और पुलिस प्रशासन व राज्य सरकार विफल है।

वहीं ऐपवा जिला सचिव रीता वर्णवाल ने कहा कि शेरघाटी में मासूम दलित बच्ची की रेप के बाद हत्या हो गई। इमामगंज और फतेहपुर में बलात्कार की घटना हुई है। यह साबित होता है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल है। किसी के सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।

वहीं भाकपा माले की राज्यस्तरीय जांच टीम ने मोहनपुर स्थित डेमा टोला पथरा जाकर पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों से मिलकर मामले की पड़ताल की। जांच टीम में जिला सचिव निरंजन कुमार, घोसी विधायक रामबली सिंह यादव, अगिआंव विधायक शिव प्रकाश रंजन, मोहनपुर सचिव पुलेंद्र कुमार, जिला कमेटी सदस्य रवि कुमार व इंसाफ मंच जिला सचिव आमिर तुफैल शामिल थे।

प्रतिवाद मार्च में नगर प्रभारी तारिक अनवर, जिला कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल, सुदामा राम, रामचंद्र प्रसाद, शिशुपाल कुमार, नवल किशोर यादव, रघुनंदन शर्मा, मो. शेरजहां, मालो देवी, पारो देवी, तेतरी देवी, श्रीचंद दास, लक्ष्मी देवी, मो. नेहालउद्दीन, बरती चौधरी, कामता प्रसाद बिंद समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

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3 hours ago

केंद्रीय इस्पात मंत्री कुमार स्वामी का बड़ा बयान, नगरनार प्लांट का नहीं होगा निजीकरण

रायपुर-   केंद्रीय इस्पात एवं प्रभारी उद्योग मंत्री एचडी कुमार स्वामी सोमवार को एकदिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर विशेष विमान से चेन्नई से जगदलपुर पहुंचे। एचडी कुमार स्वामी ने नगरनार प्लांट का निरीक्षण किया। एनएमडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एनएमडीसी प्लांट से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने बातचीत की। उन्होंने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। सरकार निजीकरण के बारे में नहीं सोच रही है बल्कि यह सोच रही है कि कैसे नगरनार स्टील प्लांट को और मजबूत बनाया जा सके। इस दिशा में कार्ययोजना तैयार हो इसलिए ही वह नगरनार प्लांट के निरीक्षण और काम को समझाने आए हैं।

डिसइनवेस्टमेंट विनिवेश जारी : पूर्व विधायक रेखचंद जैन

वहीं नगरनार स्टील प्लांट को लेकर बस्तर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय इस्पात और उद्योग मंत्री के बस्तर दौरे के दौरान मीडिया को बयान दिया कि नगरनार प्लांट का निजीकरण नहीं होगा। इस बयान पर पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि भाजपा की करनी और कथनी में अंतर होने की बात कही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बस्तर दौरे के दौरान किए गए वादों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तरवासियों का है और इसका निजीकरण नहीं होगा। लेकिन जैन ने दावा किया कि एनएमडीसी के तहत नगरनार स्टील प्लांट का डिसइनवेस्टमेंट विनिवेश जारी है।

पूर्व विधायक रेखचंद जैन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा निजीकरण का विरोध करती रही है और उनकी मांग रही है कि एनएमडीसी निजी हाथों में न जाए ताकि यहां के लोगों को रोजगार मिले और बस्तर का विकास हो सके। उन्होंने कांग्रेस की लड़ाई को इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ाने की बात कही।