भारत-अमेरिका के बीच बड़ी ट्रेड डील की उम्मीद, ट्रंप ने दिए संकेत, जानें क्या कहा?

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भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक 'बड़ी' ट्रेड डील होने वाली है। इस बात के संकेत खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिए हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में हुए 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इवेंट में बताया कि अमेरिका ने हाल ही में चीन के साथ व्यापार समझौता किया है और अब भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ बड़ा होने वाला है।

हर कोई एक डील करना चाहता है-ट्रंप

ट्रंप ने अपनी स्पीच में कहा, हर कोई एक डील करना चाहता है और उसका हिस्सा होना चाहता है। कुछ को हम बस एक चिट्ठी भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा, बहुत-बहुत धन्यवाद। आपको 25, 35, 45 फीसदी देना होगा।

हम भारत के साथ बहुत बड़ी डील कर रहे-ट्रंप

हमने कल ही चीन के साथ एक डील पर हस्ताक्षर किए हैं। हम कुछ बड़े समझौते कर रहे हैं। इसी के बाद हम एक डील शायद भारत के साथ कर रहे हैं। इस डील के बारे में बात करते हुए ट्रंप ने कहा, हम भारत के साथ बहुत बड़ी डील कर रहे हैं।

हम हर किसी के साथ डील नहीं करने जा रहे-ट्रंप

ट्रंप ने कहा हम भारत के दरवाजे खोलने जा रहे हैं। ये वे चीजें हैं जो पहले कभी संभव नहीं थीं। इसी के साथ ट्रंप ने आगे कहा, किसी भी दूसरे देश के साथ डील नहीं की जाएगी। हम हर किसी के साथ डील नहीं करने जा रहे हैं

लगातार मिल रहे बड़ी डील के संकेत

इस महीने की शुरुआत में, यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में बोलते हुए, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है. उन्होंने कहा था, मुझे लगता है कि हम इसके बहुत करीब आ गए हैं और आपको आने वाले भविष्य में अमेरिका और भारत के बीच एक समझौते की उम्मीद करनी चाहिए। वहीं, 10 जून को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।

अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

अमेरिका जहां यह समझौता जल्‍द से जल्‍द करने के मूड में है, वहीं भारत किसी तरह की हड़बड़ी में नहीं है और साफ कर दिया है कि वह अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। 26% टैरिफ के संभावित खतरे के बावजूद भारत किसी भी हालत में झुकने के मूड में नहीं है। टैरिफ के लिए ट्रंप द्वारा रखी गई डेडलाइन 9 जुलाई को समाप्‍त हो जाएगी।

इजराइल-ईरान के बीच सीजफायर! डोनाल्ड ट्रंप ने किया ऐलान, खामेनेई का अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे से इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन से जारी युद्ध को खत्म कराने का दावा कर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच ‘पूर्ण सीजफायर’ की करते हुए इसे ‘12 डे वॉर’ का अंत बताया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। इनमें उन्होंने यह भी बताया कि यह संघर्ष विराम कैसे हुआ और क्यों इसका एलान ट्रंप ने किया। ट्रंप के इस ऐलान पर इजरायल की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया तो नहीं आई है। धर ईरानी सुप्रीम लीडर ने कहा है कि ईरान सरेंडर करने वाला मुल्क नहीं।

ट्रंप ने क्या कहा?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया पर कहा कि सभी को बधाई! इजराइल और ईरान के बीच पूरी तरह से सहमति बन गई है। इजराइल और ईरान 24 घंटे में युद्ध विराम करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि युद्ध विराम से युद्ध का आधिकारिक अंत होगा, जो कि तीन ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले के बाद शत्रुता में एक बड़ा बदलाव है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि मैं दोनों देशों, इजराइल और ईरान को बधाई देना चाहूंगा कि उनके पास वह सहनशक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता है।

ईरान आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं- खामेनेई

अयातुल्लाह खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, जो ईरानी लोगों और उनके इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि ईरानी राष्ट्र आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है।

इजराइल हमले बंद करता है तो ईरान भी शांत बैठेगा-अराघची

वहीं, ईरान के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि अगर इस्राइल स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे तक अपने हवाई हमले बंद कर देता है तो तेहरान भी अपने हमले बंद कर देगा।अराघची ने तेहरान समयानुसार सुबह 4:16 बजे सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपना संदेश भेजा। अराघची ने लिखा, 'अभी तक किसी भी युद्ध विराम या सैन्य अभियानों को रोककने पर कोई समझौता नहीं हुआ है। हालांकि, बशर्ते कि इस्राइली शासन ईरानी लोगों के खिलाफ अपने अवैध आक्रमण को तेहरान समय के अनुसार सुबह 4 बजे से पहले बंद कर दे, उसके बाद हमारा जवाबी कार्रवाई जारी रखने का कोई इरादा नहीं है। अराघची ने कहा कि हमारे सैन्य अभियानों को रोकने पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।

पाकिस्तान आर्मी चीफ ने ट्रंप के लिए मांगा नोबेल पुरस्कार, व्हाइट हाउस में लंच से पहले सीजफायर पर भी की बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक उच्च-स्तरीय कूटनीतिक कदम के तहत बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असिम मुनीर के साथ एक बंद दरवाजे के लंच का आयोजन किया। मुनीर और ट्रंप के लंच पर भारत समेत पूरी दुनिया की नजर थी। भारत में सवाल उठ रहे थे कि ट्रंप जिनका हमारे साथ अच्छा संबंध है, आखिर वह दुश्मन देश के सेना प्रमुख को इतनी तवज्जो क्यों दे रहे हैं। इसके पीछे की वजह पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। उन्होंने यह पुरस्कार भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने में ट्रंप की भूमिका के लिए मांगा।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि ट्रंप, मुनीर की मेजबानी करेंगे क्योंकि मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। केली ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोकने के लिए राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का आह्वान किया है।

ट्रंप ने मुनीर को कहा शुक्रिया

वहीं, ट्रंप ने मुनीर को इसके लिए शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा- मुझे पाकिस्तान से प्यार है। ट्रंप ने कहा- मुनीर से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ। उन्होंने भारत के साथ युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभाई।

ट्रंप ने अपने दावे को फिर दोहराया

यही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया है। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में मोदी को एक शानदार व्यक्ति' बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा, 'मैंने युद्ध रुकवाया है... मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के मोदी के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवा दिया है।

पीएम मोदी की ट्रंप दो टूक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत करने के कुछ घंटे बाद ही ट्रंप ने अपने दावे को दोहराया। इससे पहले पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाकिस्तान के अनुरोध के बाद रोका गया था। इसमें अमेरिकी मध्यस्थता या व्यापार सौदे की पेशकश जैसी कोई वजह नहीं थी। यही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया और कहा कि कनाडा से लौटते समय उनका वाशिंगटन में रुकना संभव नहीं है।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

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कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 समिट बीच में ही छोड़ा, खुद ही बताई वजह

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 समिट को बीच में ही छोड़कर चले गए। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह इजरायल ईरान के बीच संघर्ष विराम की बातचीत को लेकर वापस वॉशिंगटन लौट गए हैं। लेकिन उन्होंने ऐसे किसी भी कयास को अफवाह बताया है। ट्रंप ने कहा कि कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से उनके जल्दी जाने के पीछे इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध विराम वजह नहीं है, बल्कि वास्तव में "इससे कहीं ज्यादा बड़ा" है।

मैक्रों के बयान पर भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति

दरअसल, ट्रंप के जाने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा था कि वे इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर पर काम करने के लिए गए हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अगले कुछ घंटों में चीजें बदल जाएंगी, लेकिन "चूंकि अमेरिका ने आश्वासन दिया है कि वे युद्धविराम करेंगे और चूंकि वे इजरायल पर दबाव डाल सकते हैं, इसलिए चीजें बदल सकती हैं।" इमैनुएल मैक्रों के इसी बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भड़क गये।

इमैनुएल हमेशा गलत ही होते हैं-ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा है कि "गलत... इमैनुएल मैक्रों को कोई आइडिया नहीं है कि मैं वॉशिंगटन क्यों जा रहा हूं। लेकिन ये निश्चित तौर पर युद्धविराम से नहीं जुड़ा हुआ है। उससे भी ज्यादा कोई बड़ी बात है। चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, इमैनुएल हमेशा गलत ही होते हैं। बने रहिए!"

ईरान को दी चेतावनी

ट्रम्प ने ईरान के लोगों से तेहरान को खाली करने के लिए भी कहा है। ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर सहमत होता है, तो मौजूदा संकट से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समझौता गतिरोध पर पहुंच गया है। ट्रंप का कहना है कि जब तक तनाव कम करने की दिशा में कदम नहीं उठाया जाता तब तक संघर्ष और ज्यादा बढ़ने का खतरा बना रहेगा।

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन को नाटकीय ढंग से एक दिन पहले ही छोड़ दिया और वाशिंगटन वापस चले गए।

जी-7 में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी से हो सकती है मुलाकात

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इस बार जी-7 की बैठक कनाडा में हो रही है। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता कनाडा के रॉकीज में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 से 17 जून तक आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। ट्रंप जी 7 बैठक में हिस्सा लेने कनाडा पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज कनाडा पहुंचेंगे। कनाडा में जी7 की बैठक से इतर पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है। हालांकि, किसी औपचारिक बैठक की संभावना की पुष्टि नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने कहा- सहयोगी देशों के नेताओं से बातचीत को उत्सुक

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, 'शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जगह देगा। मैं सहयोगी देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।' ऑपरेशन सिंदूर के सीजफायर को लेकर ट्रंप जिस तरह से लगातार बयानबाजी करते रहे हैं, उससे पीएम मोदी के साथ इस तरह की किसी भी संभावित मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।

जी7 समिट में इस बार क्या है एजेंडा?

इस साल कनाडा जी 7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा जी7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं। शुरुआत में जी7का एजेंडा आर्थिक चुनौतियों और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का हल निकालना था। बाद में राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी इसमें शामिल हो गए। वैश्विक मुद्दों पर जी7 के फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।

न्यूक्लियर डील करो वरना और होगी तबाही', ईरान को ट्रंप की धमकी

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इजराइल ने ईरान पर बड़ा हमला किया। इजरायल के हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि 'कुछ भी न बचे' उससे पहले ईरान जल्द से जल्द परमाणु समझौते के लिए तैयार हो जाए। 

आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा-ट्रंप

ट्रंप ने एक पोस्ट में कहा, मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए। मैंने ईरान से सख्त शब्दों में कहा, बस करो लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वो कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, वो इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने ये भी कहा कि अमेरिका दुनिया में अब तक के सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है और इजराइल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है। आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा।

एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी ना बचे-ट्रंप

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, पहले से ही बहुत सारी मौतें और विनाश हो चुके हैं, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमले और भी क्रूर हैं। उन्होंने कहा, ईरान को एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए।

उन्हें पता नहीं था कि क्या होने वाला है-ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा, कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला था। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर हो जाएगा! पहले से ही बहुत ज़्यादा मौतें और विनाश हो चुका है, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमलों के साथ और भी ज़्यादा क्रूर। अब और मौत नहीं, और विनाश नहीं, बस करो, इससे पहले कि यह हो जाए बहुत देर हो चुकी है। भगवान आप सबका भला करे!

पहले ट्रंप के खिलाफ खोला मोर्चा अब जताया अफसोस, मस्क ने कहा- जो भी हुआ, बहुत ज्यादा हो गया

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच की खींचतान इन दिनों चर्चा में है। अब तक अच्छी दोस्ती का दंभ भर रहे ट्रंप और मस्क बीते कई दिनों से एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोल रहे थे। ट्रंप के समर्थक रहे अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने उनकी नीतियों की मुखर आलोचना करने के करीब एक हफ्ते बाद अपने बयानों पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि एक्स पर जारी वार-पलटवार का मामला लंबा खिंच गया।

कई गंभीर आरोप लगाने के बाद जताया अफसोस

एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर चल रही सावर्जनिक कलह के बाद पोस्ट करते हुए कहा है कि मुझे डोनाल्ड ट्रंप के लिए किए गए अपने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए खेद है, क्योंकि वह हद से ज्यादा आगे चल गए।

दरअसल, मस्क ने पीछले हफ्ते कई चौंकाने वाली पोस्ट शेयर की थीं। उन्होंने जोर देकर कहा, मेरे बिना, ट्रंप चुनाव हार जाते। एलन मस्क ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रंप पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।

दोनों दिग्गजों के बीच यह टकराव उस समय शुरू हुई जब सबसे पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मुझे एलन हमेशा पसंद रहे हैं... मैं चाहूंगा कि वे बिल की बजाय मेरी आलोचना करें, क्योंकि बिल अविश्वसनीय है। यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ी कटौती है। यह लगभग 1.6 ट्रिलियन डॉलर की कटौती है। यह सबसे बड़ी कर कटौती है। लोगों पर लगने वाले टैक्स बहुत कम हो जाएंगे। हम उस बिल में ऐसी चीजें कर रहे हैं जो अविश्वसनीय हैं... एलन इसलिए परेशान हैं क्योंकि हमने इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) से जुड़े फैसले लिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बहुत अधिक धन दिया जा रहा था। कटौती के बाद मस्क को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार सब्सिडी के रूप में अरबों डॉलर का भुगतान करे।

ट्रंप के बयान के मस्क ने एक्स पर लिखा, अगर उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं किया होता, तो ट्रंप 2024 का राष्ट्रपति चुनाव हार जाते। मस्क ने दावा किया कि ऐसी स्थिति में डेमोक्रेट्स को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में बहुमत मिल जाता और संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी सिर्फ 51-49 के अंतर से सीनेट में बढ़त बना पाती।

इसके बाद मस्क ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर आम जनता के बीच सर्वेक्षण कराना शुरू कर दिया। मस्क ने एक्स पर जो सर्वेक्षण शुरू किया है, इसमें पूछा गया है कि क्या अमेरिका को एक नए राजनीतिक दल की आवश्यकता है 'जो वास्तव में मध्य वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करता हो।' सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय मस्क के सवाल पर लोग जवाब भी तत्परता से दे रहे हैं।

टूट गई ट्रंप-मस्क की दोस्ती! टेस्ला चीफ बोले-मेरे बिना ट्रंप चुनाव हार जाते, अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया पलटवार

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अमेरिका के दो सबसे चर्चित चेहरे डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क अब आमने-सामने खड़े नज़र आ रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले तक दोनों एक दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे। अब एक दूसरे के खिलाफ खुलकर खेल रहे हैं। इसकी शुरुआत एलन मस्क के डोनाल्ड ट्रंप के नीति विधेयक की तीखी आलोचना से हुई। मस्क ने व्हाइट हाउस के 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च विधेयक की कड़ी आलोचना की, जिससे ट्रंप नाराज हैं। ट्रंप ने मस्क पर बिल की जानकारी होने और फिर भी आलोचना करने का आरोप लगाया।

व्हाइट हाउस द्वारा प्रस्तावित 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च और कर बिल को लेकर मस्क की तीखी आलोचना के बाद ट्रंप ने उनके साथ अपने संबंधों को लेकर सार्वजनिक रूप से संदेह जताया। ट्रंप ने कहा, एलन और मेरे बीच बहुत अच्छे संबंध थे, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम आगे भी ऐसे ही रहेंगे या नहीं। मैं हैरान हूं।उन्होंने ये बात ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए कही।

ट्रंप का मस्क पर तीखा हमला

दरअसल, मस्क ने हाल ही में इस भारी-भरकम खर्च बिल को “घृणास्पद” बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया और आरोप लगाया कि यह अमेरिका को “दिवालिया” बना सकता है। ट्रंप का कहना है कि मस्क को इस बिल की हर बात पहले से पता थी, और उन्होंने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई थी। ट्रंप ने कहा कि मैंने स्पेसएक्स हो या टेस्ला, एलन मस्क का हमेशा समर्थन किया। लेकिन अब मुझे समझ नहीं आता कि जो शख्स अमेरिकी नीतियों से इतना लाभ उठा चुका है, वह अब हमारे बिल को गलत कैसे कह सकता है।डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी बताया कि मस्क की आलोचना के बाद से दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।

मस्क ने आरोपों का किया खंडन

वहीं मस्क ने इसका खंडन किया है। मस्क ने कहा कि ‘झूठ, यह बिल मुझे एक बार भी नहीं दिखाया गया और रात के अंधेरे में इतनी तेजी से पारित किया गया कि कांग्रेस में लगभग कोई भी इसे पढ़ भी नहीं सका।

अब गैर-अमेरिकी फिल्मों पर चला ट्रंप का “चाबुक”, लगाया 100 प्रतिशत टैरिफ

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ को लेकर दुनियाभर में हाहाकार मचा है। तमाम देश ट्रंप के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका से बाहर बनने वाली फिल्मों पर 100% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री तेजी से खत्म हो रही है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और कहा कि हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर दी। अपने पोस्ट में, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को इस तरह के टैरिफ को तुरंत शुरू करने के लिए अधिकृत किया है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, यह अन्य देशों द्वारा एक ठोस प्रयास है और इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। बाकी सब चीज़ों के अलावा, यह मैसेंजिंग और प्रोपेगेंडा भी है!

अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से मर रही-ट्रंप

ट्रंप ने लिखा अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से मर रही है। अन्य देश हमारे फिल्म प्रोड्यूसर्स और स्टूडियो को अमेरिका से दूर खींचने के लिए हर तरह का प्रोत्साहन दे रहे हैं। हॉलीवुड और यूएसए के कई अन्य क्षेत्र तबाह हो रहे हैं। यह अन्य राष्ट्रों का एक ठोस प्रयास है और इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह, बाकी सब चीजों के अलावा, मैसेंजिंग और प्रोपेगैंडा है! इसलिए, मैं डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को हमारे देश में आने वाली किसी भी और विदेशी भूमि में निर्मित सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं। हम दोबारा अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं!

हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं-ट्रंप

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में आगे 100 प्रतिशत टैरिफ का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, मैं वाणिज्य विभाग और संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को तुरंत हमारे देश में आने वाली सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं, जो विदेशी भूमि में बनाई गई हैं। हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं!

ट्रंप ने दो अप्रैल को लगाया था जवाबी टैरिफ

बता दें कि ट्रंप ने इससे पहले 2 अप्रैल को भारत और चीन सहित दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाया था, जिसके बाद से दुनिया भर की स्टॉक मार्केट पर भी इसका असर देखने को मिला था। हालांकि, इसके बाद नौ अप्रैल को ट्रंप चीन और हॉन्गकॉन्ग को छोड़कर नौ जुलाई तक टैरिफ को 90 दिनों के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी। क्योंकि लगभग 75 देशों ने व्यापार सौदों के लिए अमेरिका से संपर्क किया था। हालांकि इन देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ अभी भी प्रभावी है। इसके अलावा स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो कलपुर्जों पर 25 प्रतिशत शुल्क भी लागू है। ट्रंप के टैरिफ से सबसे ज्यादा चीन प्रभावित हुआ है।

भारत-अमेरिका के बीच बड़ी ट्रेड डील की उम्मीद, ट्रंप ने दिए संकेत, जानें क्या कहा?

#donaldtrumpussaysdealwithindiawillfollow_soon

भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक 'बड़ी' ट्रेड डील होने वाली है। इस बात के संकेत खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिए हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में हुए 'बिग ब्यूटीफुल बिल' इवेंट में बताया कि अमेरिका ने हाल ही में चीन के साथ व्यापार समझौता किया है और अब भारत के साथ भी ऐसा ही कुछ बड़ा होने वाला है।

हर कोई एक डील करना चाहता है-ट्रंप

ट्रंप ने अपनी स्पीच में कहा, हर कोई एक डील करना चाहता है और उसका हिस्सा होना चाहता है। कुछ को हम बस एक चिट्ठी भेजेंगे, जिसमें लिखा होगा, बहुत-बहुत धन्यवाद। आपको 25, 35, 45 फीसदी देना होगा।

हम भारत के साथ बहुत बड़ी डील कर रहे-ट्रंप

हमने कल ही चीन के साथ एक डील पर हस्ताक्षर किए हैं। हम कुछ बड़े समझौते कर रहे हैं। इसी के बाद हम एक डील शायद भारत के साथ कर रहे हैं। इस डील के बारे में बात करते हुए ट्रंप ने कहा, हम भारत के साथ बहुत बड़ी डील कर रहे हैं।

हम हर किसी के साथ डील नहीं करने जा रहे-ट्रंप

ट्रंप ने कहा हम भारत के दरवाजे खोलने जा रहे हैं। ये वे चीजें हैं जो पहले कभी संभव नहीं थीं। इसी के साथ ट्रंप ने आगे कहा, किसी भी दूसरे देश के साथ डील नहीं की जाएगी। हम हर किसी के साथ डील नहीं करने जा रहे हैं

लगातार मिल रहे बड़ी डील के संकेत

इस महीने की शुरुआत में, यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम में बोलते हुए, अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापार समझौते को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है. उन्होंने कहा था, मुझे लगता है कि हम इसके बहुत करीब आ गए हैं और आपको आने वाले भविष्य में अमेरिका और भारत के बीच एक समझौते की उम्मीद करनी चाहिए। वहीं, 10 जून को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका एक निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।

अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

अमेरिका जहां यह समझौता जल्‍द से जल्‍द करने के मूड में है, वहीं भारत किसी तरह की हड़बड़ी में नहीं है और साफ कर दिया है कि वह अपने हितों से समझौता नहीं करेगा। 26% टैरिफ के संभावित खतरे के बावजूद भारत किसी भी हालत में झुकने के मूड में नहीं है। टैरिफ के लिए ट्रंप द्वारा रखी गई डेडलाइन 9 जुलाई को समाप्‍त हो जाएगी।

इजराइल-ईरान के बीच सीजफायर! डोनाल्ड ट्रंप ने किया ऐलान, खामेनेई का अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे से इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच 12 दिन से जारी युद्ध को खत्म कराने का दावा कर दिया। उन्होंने दोनों देशों के बीच ‘पूर्ण सीजफायर’ की करते हुए इसे ‘12 डे वॉर’ का अंत बताया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। इनमें उन्होंने यह भी बताया कि यह संघर्ष विराम कैसे हुआ और क्यों इसका एलान ट्रंप ने किया। ट्रंप के इस ऐलान पर इजरायल की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया तो नहीं आई है। धर ईरानी सुप्रीम लीडर ने कहा है कि ईरान सरेंडर करने वाला मुल्क नहीं।

ट्रंप ने क्या कहा?

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को सोशल मीडिया पर कहा कि सभी को बधाई! इजराइल और ईरान के बीच पूरी तरह से सहमति बन गई है। इजराइल और ईरान 24 घंटे में युद्ध विराम करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि युद्ध विराम से युद्ध का आधिकारिक अंत होगा, जो कि तीन ईरानी परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले के बाद शत्रुता में एक बड़ा बदलाव है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि मैं दोनों देशों, इजराइल और ईरान को बधाई देना चाहूंगा कि उनके पास वह सहनशक्ति, साहस और बुद्धिमत्ता है।

ईरान आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं- खामेनेई

अयातुल्लाह खामेनेई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, जो ईरानी लोगों और उनके इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि ईरानी राष्ट्र आत्मसमर्पण करने वाला राष्ट्र नहीं है।

इजराइल हमले बंद करता है तो ईरान भी शांत बैठेगा-अराघची

वहीं, ईरान के विदेश मंत्री ने मंगलवार को कहा कि अगर इस्राइल स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे तक अपने हवाई हमले बंद कर देता है तो तेहरान भी अपने हमले बंद कर देगा।अराघची ने तेहरान समयानुसार सुबह 4:16 बजे सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपना संदेश भेजा। अराघची ने लिखा, 'अभी तक किसी भी युद्ध विराम या सैन्य अभियानों को रोककने पर कोई समझौता नहीं हुआ है। हालांकि, बशर्ते कि इस्राइली शासन ईरानी लोगों के खिलाफ अपने अवैध आक्रमण को तेहरान समय के अनुसार सुबह 4 बजे से पहले बंद कर दे, उसके बाद हमारा जवाबी कार्रवाई जारी रखने का कोई इरादा नहीं है। अराघची ने कहा कि हमारे सैन्य अभियानों को रोकने पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।

पाकिस्तान आर्मी चीफ ने ट्रंप के लिए मांगा नोबेल पुरस्कार, व्हाइट हाउस में लंच से पहले सीजफायर पर भी की बात

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक उच्च-स्तरीय कूटनीतिक कदम के तहत बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असिम मुनीर के साथ एक बंद दरवाजे के लंच का आयोजन किया। मुनीर और ट्रंप के लंच पर भारत समेत पूरी दुनिया की नजर थी। भारत में सवाल उठ रहे थे कि ट्रंप जिनका हमारे साथ अच्छा संबंध है, आखिर वह दुश्मन देश के सेना प्रमुख को इतनी तवज्जो क्यों दे रहे हैं। इसके पीछे की वजह पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। उन्होंने यह पुरस्कार भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने में ट्रंप की भूमिका के लिए मांगा।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने कहा कि ट्रंप, मुनीर की मेजबानी करेंगे क्योंकि मुनीर ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग की है। केली ने कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोकने के लिए राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने का आह्वान किया है।

ट्रंप ने मुनीर को कहा शुक्रिया

वहीं, ट्रंप ने मुनीर को इसके लिए शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा- मुझे पाकिस्तान से प्यार है। ट्रंप ने कहा- मुनीर से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ। उन्होंने भारत के साथ युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभाई।

ट्रंप ने अपने दावे को फिर दोहराया

यही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया है। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में मोदी को एक शानदार व्यक्ति' बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा, 'मैंने युद्ध रुकवाया है... मैं पाकिस्तान को पसंद करता हूं। मुझे लगता है कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। मैंने कल रात उनसे बात की। हम भारत के मोदी के साथ व्यापार समझौता करने जा रहे हैं, लेकिन मैंने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध रुकवा दिया है।

पीएम मोदी की ट्रंप दो टूक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बातचीत करने के कुछ घंटे बाद ही ट्रंप ने अपने दावे को दोहराया। इससे पहले पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' को पाकिस्तान के अनुरोध के बाद रोका गया था। इसमें अमेरिकी मध्यस्थता या व्यापार सौदे की पेशकश जैसी कोई वजह नहीं थी। यही नहीं पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के निमंत्रण को भी ठुकरा दिया और कहा कि कनाडा से लौटते समय उनका वाशिंगटन में रुकना संभव नहीं है।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

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कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 समिट बीच में ही छोड़ा, खुद ही बताई वजह

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 समिट को बीच में ही छोड़कर चले गए। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह इजरायल ईरान के बीच संघर्ष विराम की बातचीत को लेकर वापस वॉशिंगटन लौट गए हैं। लेकिन उन्होंने ऐसे किसी भी कयास को अफवाह बताया है। ट्रंप ने कहा कि कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से उनके जल्दी जाने के पीछे इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध विराम वजह नहीं है, बल्कि वास्तव में "इससे कहीं ज्यादा बड़ा" है।

मैक्रों के बयान पर भड़के अमेरिकी राष्ट्रपति

दरअसल, ट्रंप के जाने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा था कि वे इजरायल और ईरान के बीच सीजफायर पर काम करने के लिए गए हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि अगले कुछ घंटों में चीजें बदल जाएंगी, लेकिन "चूंकि अमेरिका ने आश्वासन दिया है कि वे युद्धविराम करेंगे और चूंकि वे इजरायल पर दबाव डाल सकते हैं, इसलिए चीजें बदल सकती हैं।" इमैनुएल मैक्रों के इसी बयान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति भड़क गये।

इमैनुएल हमेशा गलत ही होते हैं-ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा है कि "गलत... इमैनुएल मैक्रों को कोई आइडिया नहीं है कि मैं वॉशिंगटन क्यों जा रहा हूं। लेकिन ये निश्चित तौर पर युद्धविराम से नहीं जुड़ा हुआ है। उससे भी ज्यादा कोई बड़ी बात है। चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, इमैनुएल हमेशा गलत ही होते हैं। बने रहिए!"

ईरान को दी चेतावनी

ट्रम्प ने ईरान के लोगों से तेहरान को खाली करने के लिए भी कहा है। ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर सहमत होता है, तो मौजूदा संकट से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समझौता गतिरोध पर पहुंच गया है। ट्रंप का कहना है कि जब तक तनाव कम करने की दिशा में कदम नहीं उठाया जाता तब तक संघर्ष और ज्यादा बढ़ने का खतरा बना रहेगा।

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन को नाटकीय ढंग से एक दिन पहले ही छोड़ दिया और वाशिंगटन वापस चले गए।

जी-7 में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी से हो सकती है मुलाकात

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इस बार जी-7 की बैठक कनाडा में हो रही है। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता कनाडा के रॉकीज में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 से 17 जून तक आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। ट्रंप जी 7 बैठक में हिस्सा लेने कनाडा पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज कनाडा पहुंचेंगे। कनाडा में जी7 की बैठक से इतर पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है। हालांकि, किसी औपचारिक बैठक की संभावना की पुष्टि नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने कहा- सहयोगी देशों के नेताओं से बातचीत को उत्सुक

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, 'शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जगह देगा। मैं सहयोगी देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।' ऑपरेशन सिंदूर के सीजफायर को लेकर ट्रंप जिस तरह से लगातार बयानबाजी करते रहे हैं, उससे पीएम मोदी के साथ इस तरह की किसी भी संभावित मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।

जी7 समिट में इस बार क्या है एजेंडा?

इस साल कनाडा जी 7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा जी7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं। शुरुआत में जी7का एजेंडा आर्थिक चुनौतियों और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का हल निकालना था। बाद में राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी इसमें शामिल हो गए। वैश्विक मुद्दों पर जी7 के फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।

न्यूक्लियर डील करो वरना और होगी तबाही', ईरान को ट्रंप की धमकी

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इजराइल ने ईरान पर बड़ा हमला किया। इजरायल के हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ईरान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि 'कुछ भी न बचे' उससे पहले ईरान जल्द से जल्द परमाणु समझौते के लिए तैयार हो जाए। 

आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा-ट्रंप

ट्रंप ने एक पोस्ट में कहा, मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए। मैंने ईरान से सख्त शब्दों में कहा, बस करो लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वो कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, वो इसे पूरा नहीं कर पाए। मैंने ये भी कहा कि अमेरिका दुनिया में अब तक के सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है और इजराइल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है। आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा।

एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी ना बचे-ट्रंप

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, पहले से ही बहुत सारी मौतें और विनाश हो चुके हैं, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमले और भी क्रूर हैं। उन्होंने कहा, ईरान को एक समझौता करना चाहिए, इससे पहले कि कुछ भी न बचे, और जिसे कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए।

उन्हें पता नहीं था कि क्या होने वाला है-ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा, कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला था। वे सभी अब मर चुके हैं, और यह और भी बदतर हो जाएगा! पहले से ही बहुत ज़्यादा मौतें और विनाश हो चुका है, लेकिन इस नरसंहार को समाप्त करने के लिए अभी भी समय है, अगले पहले से ही योजनाबद्ध हमलों के साथ और भी ज़्यादा क्रूर। अब और मौत नहीं, और विनाश नहीं, बस करो, इससे पहले कि यह हो जाए बहुत देर हो चुकी है। भगवान आप सबका भला करे!

पहले ट्रंप के खिलाफ खोला मोर्चा अब जताया अफसोस, मस्क ने कहा- जो भी हुआ, बहुत ज्यादा हो गया

#elon_musk_said_about_donald_trump 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच की खींचतान इन दिनों चर्चा में है। अब तक अच्छी दोस्ती का दंभ भर रहे ट्रंप और मस्क बीते कई दिनों से एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोल रहे थे। ट्रंप के समर्थक रहे अरबपति उद्योगपति एलन मस्क ने उनकी नीतियों की मुखर आलोचना करने के करीब एक हफ्ते बाद अपने बयानों पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि एक्स पर जारी वार-पलटवार का मामला लंबा खिंच गया।

कई गंभीर आरोप लगाने के बाद जताया अफसोस

एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर चल रही सावर्जनिक कलह के बाद पोस्ट करते हुए कहा है कि मुझे डोनाल्ड ट्रंप के लिए किए गए अपने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए खेद है, क्योंकि वह हद से ज्यादा आगे चल गए।

दरअसल, मस्क ने पीछले हफ्ते कई चौंकाने वाली पोस्ट शेयर की थीं। उन्होंने जोर देकर कहा, मेरे बिना, ट्रंप चुनाव हार जाते। एलन मस्क ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रंप पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।

दोनों दिग्गजों के बीच यह टकराव उस समय शुरू हुई जब सबसे पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, मुझे एलन हमेशा पसंद रहे हैं... मैं चाहूंगा कि वे बिल की बजाय मेरी आलोचना करें, क्योंकि बिल अविश्वसनीय है। यह हमारे देश के इतिहास में सबसे बड़ी कटौती है। यह लगभग 1.6 ट्रिलियन डॉलर की कटौती है। यह सबसे बड़ी कर कटौती है। लोगों पर लगने वाले टैक्स बहुत कम हो जाएंगे। हम उस बिल में ऐसी चीजें कर रहे हैं जो अविश्वसनीय हैं... एलन इसलिए परेशान हैं क्योंकि हमने इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल (EV) से जुड़े फैसले लिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बहुत अधिक धन दिया जा रहा था। कटौती के बाद मस्क को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार सब्सिडी के रूप में अरबों डॉलर का भुगतान करे।

ट्रंप के बयान के मस्क ने एक्स पर लिखा, अगर उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं किया होता, तो ट्रंप 2024 का राष्ट्रपति चुनाव हार जाते। मस्क ने दावा किया कि ऐसी स्थिति में डेमोक्रेट्स को अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा में बहुमत मिल जाता और संसद के ऊपरी सदन यानी सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी सिर्फ 51-49 के अंतर से सीनेट में बढ़त बना पाती।

इसके बाद मस्क ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर आम जनता के बीच सर्वेक्षण कराना शुरू कर दिया। मस्क ने एक्स पर जो सर्वेक्षण शुरू किया है, इसमें पूछा गया है कि क्या अमेरिका को एक नए राजनीतिक दल की आवश्यकता है 'जो वास्तव में मध्य वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करता हो।' सोशल मीडिया पर बेहद लोकप्रिय मस्क के सवाल पर लोग जवाब भी तत्परता से दे रहे हैं।

टूट गई ट्रंप-मस्क की दोस्ती! टेस्ला चीफ बोले-मेरे बिना ट्रंप चुनाव हार जाते, अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया पलटवार

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अमेरिका के दो सबसे चर्चित चेहरे डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क अब आमने-सामने खड़े नज़र आ रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले तक दोनों एक दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे। अब एक दूसरे के खिलाफ खुलकर खेल रहे हैं। इसकी शुरुआत एलन मस्क के डोनाल्ड ट्रंप के नीति विधेयक की तीखी आलोचना से हुई। मस्क ने व्हाइट हाउस के 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च विधेयक की कड़ी आलोचना की, जिससे ट्रंप नाराज हैं। ट्रंप ने मस्क पर बिल की जानकारी होने और फिर भी आलोचना करने का आरोप लगाया।

व्हाइट हाउस द्वारा प्रस्तावित 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च और कर बिल को लेकर मस्क की तीखी आलोचना के बाद ट्रंप ने उनके साथ अपने संबंधों को लेकर सार्वजनिक रूप से संदेह जताया। ट्रंप ने कहा, एलन और मेरे बीच बहुत अच्छे संबंध थे, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम आगे भी ऐसे ही रहेंगे या नहीं। मैं हैरान हूं।उन्होंने ये बात ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए कही।

ट्रंप का मस्क पर तीखा हमला

दरअसल, मस्क ने हाल ही में इस भारी-भरकम खर्च बिल को “घृणास्पद” बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया और आरोप लगाया कि यह अमेरिका को “दिवालिया” बना सकता है। ट्रंप का कहना है कि मस्क को इस बिल की हर बात पहले से पता थी, और उन्होंने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई थी। ट्रंप ने कहा कि मैंने स्पेसएक्स हो या टेस्ला, एलन मस्क का हमेशा समर्थन किया। लेकिन अब मुझे समझ नहीं आता कि जो शख्स अमेरिकी नीतियों से इतना लाभ उठा चुका है, वह अब हमारे बिल को गलत कैसे कह सकता है।डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी बताया कि मस्क की आलोचना के बाद से दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।

मस्क ने आरोपों का किया खंडन

वहीं मस्क ने इसका खंडन किया है। मस्क ने कहा कि ‘झूठ, यह बिल मुझे एक बार भी नहीं दिखाया गया और रात के अंधेरे में इतनी तेजी से पारित किया गया कि कांग्रेस में लगभग कोई भी इसे पढ़ भी नहीं सका।

अब गैर-अमेरिकी फिल्मों पर चला ट्रंप का “चाबुक”, लगाया 100 प्रतिशत टैरिफ

#donaldtrumpannounces100tariffformoviesproducedoutside

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ को लेकर दुनियाभर में हाहाकार मचा है। तमाम देश ट्रंप के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका से बाहर बनने वाली फिल्मों पर 100% का टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री तेजी से खत्म हो रही है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया और कहा कि हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर दी। अपने पोस्ट में, उन्होंने दावा किया कि उन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को इस तरह के टैरिफ को तुरंत शुरू करने के लिए अधिकृत किया है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, यह अन्य देशों द्वारा एक ठोस प्रयास है और इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। बाकी सब चीज़ों के अलावा, यह मैसेंजिंग और प्रोपेगेंडा भी है!

अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से मर रही-ट्रंप

ट्रंप ने लिखा अमेरिका में फिल्म इंडस्ट्री बहुत तेजी से मर रही है। अन्य देश हमारे फिल्म प्रोड्यूसर्स और स्टूडियो को अमेरिका से दूर खींचने के लिए हर तरह का प्रोत्साहन दे रहे हैं। हॉलीवुड और यूएसए के कई अन्य क्षेत्र तबाह हो रहे हैं। यह अन्य राष्ट्रों का एक ठोस प्रयास है और इसलिए, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। यह, बाकी सब चीजों के अलावा, मैसेंजिंग और प्रोपेगैंडा है! इसलिए, मैं डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को हमारे देश में आने वाली किसी भी और विदेशी भूमि में निर्मित सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं। हम दोबारा अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं!

हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं-ट्रंप

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में आगे 100 प्रतिशत टैरिफ का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, मैं वाणिज्य विभाग और संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि को तुरंत हमारे देश में आने वाली सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकृत कर रहा हूं, जो विदेशी भूमि में बनाई गई हैं। हम फिर से अमेरिका में बनी फिल्में चाहते हैं!

ट्रंप ने दो अप्रैल को लगाया था जवाबी टैरिफ

बता दें कि ट्रंप ने इससे पहले 2 अप्रैल को भारत और चीन सहित दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाया था, जिसके बाद से दुनिया भर की स्टॉक मार्केट पर भी इसका असर देखने को मिला था। हालांकि, इसके बाद नौ अप्रैल को ट्रंप चीन और हॉन्गकॉन्ग को छोड़कर नौ जुलाई तक टैरिफ को 90 दिनों के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी। क्योंकि लगभग 75 देशों ने व्यापार सौदों के लिए अमेरिका से संपर्क किया था। हालांकि इन देशों पर लगाया गया 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ अभी भी प्रभावी है। इसके अलावा स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो कलपुर्जों पर 25 प्रतिशत शुल्क भी लागू है। ट्रंप के टैरिफ से सबसे ज्यादा चीन प्रभावित हुआ है।