भारत पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, आज शाम पीएम मोदी से होगी मुलाकात

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने 4 दिवसीय भारत दौरे के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। उनके साथ उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी और तीन बच्चे भी आए हैं। वेंस का प्लेन दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जेडी वेंस और उनके परिवार का स्वागत किया। पालम एयरपोर्ट पर वेंस का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस का पालम हवाई अड्डे पर स्वागता किया गया। इसके बाद उनके तीन बच्चे इवान, विवेक, मीराबेल विमान से उतरे। सभी भारतीय परिधानों में नजर आए। बेटों ने कुर्ता-पायजामा पहना था, जबकि बेटी लहंगे में बेहद खूबसूरत लग रही थी। जेडी वेंस खुद अपनी बेटी को उतारने के लिए विमान की सीढ़ियों पर चढ़े और गोद में लेकर चलते रहे, जिसने सबका ध्यान खींचा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को अमेरिका के सभी कारोबारी साझेदारों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि बाद में ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद से ही अमेरिकी नेता अलग-अलग देशों के साथ बातचीत कर द्विपक्षीय समझौतों के जरिये इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच वेंस का दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

दिल्ली पहुंचने के बाद वेंस और उनका परिवार स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की ओर रवाना हो गया। उनका काफिला अक्षरधाम मंदिर के सामने से गुजरते हुए देखा गया। मंदिर की प्रवक्ता राधिका शुक्ला ने बताया, वेंस और उषा वेंस सीधे पालम हवाई अड्डे से मंदिर आएंगे। उषा की भारतीय जड़ें हैं। वे पहले भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा के दर्शन करेंगे, फिर मंदिर की स्थापत्य कला देखेंगे। मंदिर के बाहर स्वागति पोस्टर और कड़ी सुरक्षा है। यहां वे पारंपरिक भारतीय दस्तकारी सामान बेचने वाले एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का भी दौरा कर सकते हैं।

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन ने बदली “चाल”, भारत को दिया ये ऑफर*

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भारत-चीन के बीच व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। भारत की कोशिश है कि इसे कैसे कम किया जाए। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ से परेशान चीन ने ही भारत के सामने एक बड़ा ऑफर पेश किया है। चीन ने कहा है कि वह भारत के प्रीमियम उत्पादों के आयात के लिए तैयार है ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके।

बदले में रखी ये शर्त

चीन में भारत के राजदूत शू फेहोंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया से एक विशेष बातचीत में कहा कि चीन भारतीय कंपनियों को अपने बाजार में बेहतर प्रवेश दिलाने को तैयार है। लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत चीनी कंपनियों को निष्पक्ष पारदर्शी और भेदभाव रहित कारोबारी माहौल देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि प्रतिस्पर्धा को टकराव में नहीं बदलना चाहिए।

संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करने की सलाह

पद संभालने के बाद उनका किसी भारतीय मीडिया के साथ यह पहला इंटरव्यू है।टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि दोनों देशों को संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा तनाव कम करने के लिए लगातार संवाद हो रहे हैं और अब रिश्तों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। उनका मानना है कि अगर दोनों देश एक-दूसरे के विकास को सकारात्मक नजर से देखें और सीमित विवादों को व्यापक रिश्तों पर हावी न होने दें तो बड़ी प्रगति संभव है।

भारतीय कंपनियों को चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों आने की अपील

व्यापार असंतुलन को लेकर उन्होंने कहा कि चीन कभी भी जानबूझकर व्यापार में अधिशेष नहीं चाहता। उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन की बड़ी उपभोक्ता ताकत का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने मिर्च लौह अयस्क और सूती धागे जैसे उत्पादों के उदाहरण दिए जो बीते वर्ष चीन को निर्यात में बड़ी वृद्धि के साथ गए। साथ ही उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने को भी कहा।

कनाडा में भारतीय मूल की छात्रा की हत्या, बस स्टॉप पर खड़ी हरसिमरत को कार वाले ने मारी गोली

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कनाडा में 21 वर्षीय एक भारतीय छात्रा की गोली लगने से मौत हो गई । ऑफिस जाने के लिए छात्रा बस स्टॉप पर इंतजार कर रही थी, तभी एक कार सवार ने गोली चला दी। हरसिमरत रंधावा हैमिल्टन, ओंटारियो में मोहॉक कॉलेज की छात्रा थी।

टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को एक पोस्ट में कहा, हैमिल्टन, ओंटारियो में भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा, हम ओंटारियो के हैमिल्टन में भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की दुखद मौत से दुखी हैं। स्थानीय पुलिस के अनुसार, वह एक मासूम थी। वह दो गाड़ियों के बीच हुई गोलीबारी में उसकी जान चली गई। हत्या की जांच चल रही है। हम उनके परिवार के संपर्क में हैं। हर संभव सहायता दे रहे हैं। इस मुश्किल समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं परिवार के साथ हैं।

दो लोगों की लड़ाई में भारतीय छात्रा की गई जान

हैमिल्टन पुलिस ने भारतीय छात्रा की मौत के मामले में बताया कि सीसीटीवी की जांच की गई तो पाया गया कि ये दो लोगों की लड़ाई का नतीजा है, ऐसा इसलिए क्योंकि एक काली कार में सवार युवक ने सफेद सेडान पर गोली चलाई थी। एक गोली बस स्टॉप पर खड़ी छात्रा के सीने में लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस गोलीबारी करने वालों आरोपियों की तलाश में लगी हुई है।

अप्रैल में भारतीय मूल के 2 लोगों की हत्या

पुलिस ने कहा कि स्थानीय समयानुसार शाम करीब 7.30 बजे उसे हैमिल्टन में अपर जेम्स और साउथ बेंड रोड के पास गोलीबारी की सूचना मिली थी। जब पुलिस वहां पहुंची तो उसने रंधावा को सीने में गोली लगने के घाव के साथ घायल अवस्था में पाया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई।

इस घटना से पहले 5 अप्रैल को भी एक भारतीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा में अप्रैल महीने में भारतीय मूल के 2 लोगों की हत्या की गई है।

चीन के एक और दुश्मन को पाले में करने की भारत की कोशिश, ब्रह्मोस खरीदेगा वियतनाम, जानें स्ट्रैटजी

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दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस एक और बड़े समझौते के लिए तैयार है। फिलीपींस के बाद वियतनाम जल्द ही भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए समझौता करने जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक वियतानम के साथ ब्रह्मोस की डील अपने एडवांस स्टेज पर है। इस साल इस डील की होने की संभावना जताई जा रही है। ब्रह्मोस मिसाइल वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद करेगी, क्योंकि यह 300 किलोमीटर के दायरे में किसी भी चीनी युद्धपोत को निशाना बना सकती है।

ब्रह्मोस को चीन सागर में तैनात करेगा वियतनाम

वियतनाम के साथ भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बिक्री के लिए डील करीब करीब पूरी कर रही है। इस सौदे को बस अंतिम रुप दिया जाना बाकी है। दोनों देशों के बीच ब्रह्नोस मिसाइल को लेकर 700 मिलियन डॉलर का सौदा होने वाला है। भारतीय ब्रह्मोस को वियतनाम दक्षिण चीन सागर में तैनात करेगा, जहां उसे चीन से लगातार खतरा मिलता रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वियतनाम कथित तौर पर ब्रह्मोस की तटीय बैटरी प्रणाली खरीद सकता है, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर के करीब है। ये वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाएगी।

ब्रह्मोस प्रणाली खरीदने वाला दूसरा देश होगा वियतनाम

अगर समझौता होता है तो फिलीपींस के बाद वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा। भारत ने 2022 में फिलीपींस के साथ करीब 2,700 करोड़ रुपये में 3 ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी के लिए समझौता किया था। ये ब्रह्मोस की पहली अंतरराष्ट्रीय बिक्री थी। कुछ ही महीने पहले ही भारत ने फिलीपींस को सफलतापूर्वक इसकी डिलीवरी भी की थी। वियतमान भी फिलीपींस की तरह ही ब्रह्मोस की कोस्टल बैटरी खरीदना चाह रहा है।

चीनी युद्धपोतों से मुकबला करने में सक्षम

ब्रह्मोस कोस्टल बैटरी सिस्टम खरीदने के लिए सौदा कर रहा है। ये वही सिस्टम है, जिसे फिलीपींस ने भारत से खरीदा है। ये खासकर समुद्री हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है और इसे समुद्री सीमाओं के भीतर दुश्मनों पर सुपससोनिक स्पीड से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत ने खासकर चीन को ध्यान में रखकर ही इसे डिजाइन किया है, इसलिए दक्षिण चीन सागर में ये मिसाइल उन देशों के लिए काफी सटीक बन जाता है, जिन्हें चीन परेशान करता है। ये मिसाइल चीन को दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्धपोतों से किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने में वियतनाम सक्षम बनाएगी।

आसपास के देशों में चीन की धमक

बता दें कि साउथ चाइना सी और उसके आसपास के देशों को चीन धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। उनके एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन में भी अपना कब्जा करता रहता है। फिलीपींस के साथ चीन के रिश्ते 2009 के बाद से और खराब हो गए। चीन ने नया नक्शा जारी किया जिसमें साउथ चाइना सी में 9 डैश लाइन लगाकर अपना इलाका बता दिया। इसके तहत फिलीपींस के द्वीपों और एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन का हिस्सा भी आता है। चीन के हिसाब से पर कब्जा जताने के लिए फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान और मलेशिया के समुद्री क्षेत्र पर कब्जे का संकट बढ़ गया है। अब ब्रह्मोस कवच चीन के खतरे से इन देशों को बचा सकता है।

बंगाल हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी से भड़का भारत, अल्पसंख्यकों को लेकर दो टूक

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत को मुस्लिमों पर दिया था ज्ञान

इससे पहले बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान आलम ने कहा, हम मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने मुसलमानों पर हमलों की निंदा की है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।

मुर्शिदाबाद हिंसा में भूमिका

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भारत सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के बाद इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता का संकेत मिला है।

बदला लेने की कोशिश में बांग्लादेश ने अपने पैर में मारी कुल्हाड़ी, भारत से जमीनी मार्ग से कच्चे धागे के आयात पर रोक

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भारत और बांग्लादेश के रिश्ते में बीते कुछ समय से तनातनी देखी जा रही है। दोनों देशों के बीच का तनाव अब व्यापार को भी प्रभावित करता दिख रहा है। बांग्लादेश ने भारत के साथ लैंड बॉर्डर ट्रेड को प्रभावित करने वाले कई कदम उठाए हैं।बांग्लादेश ने भारत से लैंड पोर्ट रूट के ज़रिए सूत के आयात पर पाबंदी लगा दी है। यही नहीं, बांग्लादेश ने भारत के साथ तीन लैंड पोर्ट से व्‍यापार बंद करने का ऐलान कर दिया है और एक से ट्रेड से कुछ समय के लिए स्‍थगित कर दिया है।

बांग्‍लादेश में जब से सत्‍ता मोहम्‍मद यूनुस के हाथों में आई है, तब से ही उसका झुकाव पाकिस्‍तान और चीन की ओर बढ़ता ही जा रहा है।मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने जमीनी बंदरगाहों के माध्यम से भारत से होने वाले कच्चे धागे के आयात को निलंबित कर दिया है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) के आदेश के बाद अब बेनापोल, भोमरा, सोनमस्जिद, बंग्लाबांदा और बुरीमारी भूमि बंदरगाहों के माध्यम से कच्चे धागे के आयात की अनुमति नहीं होगी। ये बंदरगाह भारत से कच्चे धागे के आयात के प्राथमिक प्रवेश बिंदु थे।

फैसले के पीछे बांग्लादेश ने बताई ये वजह

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट ढाका ट्रिब्यून ने एनबीआर के हवाले से बताया कि भूमि बंदरगाहों के माध्यम से अब धागे का आयात नहीं किया जा सकता है। हालांकि, समुद्र या अन्य मार्गों के माध्यम से आयात की अनुमति अभी भी दी जाएगी। इस साल फरवरी में बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने सरकार के जमीनी रास्तों से भारत से धागे का आयात रोकने का आग्रह किया था।

आयात रोकने के लिए तर्क दिया गया था कि सस्ता भारतीय सूत स्थानीय उत्पादकों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके बाद मार्च में बांग्लादेश व्यापार और टैरिफ आयोग ने घरेलू कपड़ा उद्योग की रक्षा के लिए जमीनी बंदरगाह आयात को अस्थायी रूप से निलंबित करने की सिफारिश की।

टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री में यूनूस को लेकर नाराजगी

वहीं, बांग्‍लादेश टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री ने यूनूस के इन कदमों को ‘आत्‍मघाती’ बताया है और वे बांग्‍लादेश सरकार से खासे नाराज हैं। भारत से धागा की आपूर्ति बाधित होने से छोटे और मध्यम आकार की गारमेंट कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि ये इकाइयां मुख्य रूप से भारतीय यार्न पर निर्भर रहती हैं। सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश ने भारतीय धागा पर बैन का फैसला इसलिए लिया है ताकि पाकिस्‍तान से ज्‍यादा यार्न बांग्‍लादेश आ सके। सरकार के इस फैसले से पाकिस्‍तान को तो भले ही फायदा हो जाए, बांग्‍लादेश को नुकसान ही नुकसान है क्‍योंकि भारतीय धागा के मुकाबले पाकिस्‍तानी धागा महंगा है। यूनूस का यह कदम भारत-बांग्लादेश व्यापारिक संबंधों में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जो आखिरकार बांग्‍लादेश के लिए ही घातक साबित होगा।

भारत ने बांग्लादेश से ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ली

पिछले कुछ महीनों से भारत और बांग्लादेश आमने-सामने हैं। हालांकि, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में छठे बिम्सटेक समिट से अलग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की मुलाकात के बाद लग रहा था कि दोनों देशों के संबंधों में जमी बर्फ़ पिघल जाएगी।

लेकिन, इस बैठक के तीन दिन बाद ही भारत सरकार ने बांग्लादेश को 2020 से मिली ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ले ली। इस सुविधा के कारण बांग्लादेश भारत के एयरपोर्ट और बंदरगाहों का इस्तेमाल तीसरे देश में अपने उत्पादों के निर्यात के लिए करता था।

मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर को लेकर दिया था बयान

दरअसल, भारत ने ये फैसला मोहम्मद यूनुस के एक बयान के बाद लिया था। मोहम्मद यूनुस 26 से 29 मार्च तक चीन के दौरे पर थे। इसी दौरे में यूनुस ने ऐसा बयान दिया, जिससे भारत का नाराज़ होना लाजिमी था। मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर भारत की लैंडलॉक्ड स्थिति का हवाला दिया था। यूनुस ने कहा था कि पूर्वोत्तर भारत का समंदर से कोई कनेक्शन नहीं है और बांग्लादेश ही इस इलाके का अभिभावक है। मोहम्मद यूनुस ने कहा था, भारत के सेवन सिस्टर्स राज्य लैंडलॉक्ड हैं। इनका समंदर से कोई संपर्क नहीं है। इस इलाके के अभिभावक हम हैं। चीन की अर्थव्यवस्था के लिए यहाँ पर्याप्त संभावनाएं हैं। चीन यहाँ कई चीजें बना सकता है और पूरी दुनिया में आपूर्ति कर सकता है।

बांग्लादेश की पूर्वोत्तर पर बुरी नजर

बता दें कि पूर्वोत्तर भारत दशकों से उग्रवाद ग्रस्त रहा है और बांग्लादेश पर इन राज्यों में उग्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद अभी काबू में है लेकिन एक किस्म की बेचैनी अब भी देखने को मिलती है। भारत का यह इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है।

यूक्रेन में भारतीय कंपनी पर हमला, कीव के अटैक के दावों से रूस का इनकार

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रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच कीव स्थित एक भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर मिसाइल अटैक हुआ है। यूक्रेन ने दावा किया कि यह हमला रूस की ओर से किया गया था। यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि 12 अप्रैल को रूस की सशस्त्र सेनाओं ने कीएव स्थित इस वेयरहाउस पर ड्रोन से हमला किया था। इस मामले में रूस की प्रतिक्रिया सामने आई है। रूस ने यूक्रेन के कीव में भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर हुए हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है।

कीव के दावों पर रूस ने दी सफाई

भारत स्थित रूस के दूतावास ने इस संबंध में गुरुवार को एक बयान जारी कर यूक्रेन के आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। रूस ने कहा कि उसकी सेना ने इस भारतीय स्वामित्व वाले सिविलियन ढांचे को न तो निशाना बनाया और न ही उसकी ऐसी कोई योजना थी।

रूसी दूतावास के अनुसार, उस दिन रूसी सैन्य कार्रवाई के कुछ टार्गेट थे। इनमें यूक्रेनी सैन्य उद्योग परिसर का विमान संयंत्र, सैन्य हवाई अड्डे का ढांचा और बख्तरबंद वाहन मरम्मत केंद्र और ड्रोन असेंबली वर्कशॉप शामिल थे।

दूतावास ने बयान में कहा कि संभावना है कि यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली की कोई मिसाइल लक्ष्य भेदने में विफल रही और आबादी वाले इलाके़ में जा गिरी। इससे कुसुम हेल्थकेयर के वेयरहाउस में आग लग गई। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।

रूस पर जानबूझकर भारतीय कारोबारियों को निशाना बनाने का आरोप

यूक्रेन ने राजधानी कीव में कुसुम ग्रुप की यूनिट ‘ग्लैडफार्म’ पर ड्रोन से हमले का दावा किया था। यूक्रेन में भारत के लिए राजदूत ओलेक्ज़ेंडर पोलिशचुक ने बुधवार को दावा किया कि यह हमला जानबूझकर किया गया था, क्योंकि कुसुम ग्रुप ने युद्ध के दौरान यूक्रेन को जरूरी मानवीय सहायता दी थी। इस हमले में कंपनी को लगभग 25 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।

यूक्रेन का आरोप है कि रूस अब फार्मास्युटिकल यूनिट्स और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट कर रहा है। रात के वक्त ईरान निर्मित ‘शहीद’ ड्रोन से हमले इसलिए किए जा रहे हैं ताकि दिन में इंटरसेप्ट होने से बचा जा सके।

अग्निवीर के लिए ऑनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ी, सेना की अपील – भर्ती के लिए झांसे में ना आएं…

रायपुर-  भारतीय थल सेना ने अग्निवीर की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसकी विस्तृत जानकारी www.joinindianarmy.nic.in पर उपलब्ध है. अग्निवीर की भर्ती जनरल, तकनीकी, कर्लक, ट्रेडमेन (8वीं एवं 10वीं) महिला सैन्य पुलिस और रेगुलर कैडर मर्ती धर्म गुरू, नर्सिंग सहयोगी और सिपाही फार्मा के पदों के लिए जारी की गई है. सेना में भर्ती के लिए अब ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 25 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी गई है.

आवेदकों को यदि ऑनलाइन आवेदन करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो वे सेना भर्ती कार्यालय के दूरमाष क्रमांक 0771-2965212 अथवा 0771-2965214 पर संपर्क कर सकते हैं. भारतीय थल सेना ने कहा है कि सेना में चयन निष्पक्ष, पारदर्शी एवं योग्यता के आधार पर ही किया जाता है इसलिए आवेदन भर्ती के लिए किसी भी अनाधिकृत व्यक्तियों के झांसे में ना आएं.

आप नेता दुर्गेश पाठक के आवास पर सीबीआई का छापा, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

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आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली। सीबीआई ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं और आगे की जांच जारी है। वहीं, छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर की है। गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी राजेश कुमार के द्वारा शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी।

पिछले साल मई में जांच एजेंसी ईडी ने ग्रह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि आप पार्टी के कुछ नेताओं के बैंक एकाउंट में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं जिसमे दुर्गेश पाठक शामिल हैं। आप नेताओं ने विदेशी फंडिंग के डोनर्स के नाम को अपने एकाउंट्स में छिपाया ताकि पॉलिटिकल पार्टी को विदेशी फंड कौन दे रहा है इसको छिपाया जा सके। जांच में सामने आया कि 2016 में कनाडा में एक फंड इवेंट में आप विधायक दुर्गेश पाठक ने पर्सनल बेनिफिट के लिए विदेशी फंड कलेक्ट किए थे।

विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन

आरोप है कि आप ने 'AAP Overseas India' नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा आप नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन है। इस केस में आप के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

विदेश में रहने वाले 155 लोगो ने 1.02 करोड़ रुपए अलग-अलग 404 ओकेजन के जरिए डोनेट किए इसमे 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया था। 22.11.2015 को आप ने कनाडा के टोरंटो में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया था जिसको आप विधायक दुर्गश पाठक ने अटेंड किया था।

इसमें 15000 कनेडियन डॉलर्स रेज किए गए थे। हाथ से लिखी रॉ डेटा शीट्स ( डोनर्स के नाम और डोनेट किए गए अमाउंट) को आप पार्टी के नेताओं द्वारा मेल पर भेजा गया था। जांच में सामने आया कि हैंड रिटन डेटा शीट्स में डोनर्स के जो नाम लिखे गए थे उनको आप नेताओं ने आधिकारिक रिकार्ड्स में मेंशन नही किया बल्कि उनको छिपाया था और विदेशी फंडिंग में डोनर के नाम छिपाकर गड़बड़ी की गई है।

वहीं, आप ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में 2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।

सीबीआई रेड पर आप ने खोला मोर्चा

इस छापे के बाद आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हमलावर है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ आप ही उन्हें चुनौती दे सकती है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले गुजरात चुनाव के दौरान भी यही हुआ था, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के नेताओं को गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पिछले गुजरात चुनावों के कारण, भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था और अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

भारत पहुंचे अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, आज शाम पीएम मोदी से होगी मुलाकात

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने 4 दिवसीय भारत दौरे के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। उनके साथ उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी और तीन बच्चे भी आए हैं। वेंस का प्लेन दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जेडी वेंस और उनके परिवार का स्वागत किया। पालम एयरपोर्ट पर वेंस का स्वागत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ किया गया।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी उषा वेंस का पालम हवाई अड्डे पर स्वागता किया गया। इसके बाद उनके तीन बच्चे इवान, विवेक, मीराबेल विमान से उतरे। सभी भारतीय परिधानों में नजर आए। बेटों ने कुर्ता-पायजामा पहना था, जबकि बेटी लहंगे में बेहद खूबसूरत लग रही थी। जेडी वेंस खुद अपनी बेटी को उतारने के लिए विमान की सीढ़ियों पर चढ़े और गोद में लेकर चलते रहे, जिसने सबका ध्यान खींचा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो अप्रैल को अमेरिका के सभी कारोबारी साझेदारों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। हालांकि बाद में ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य सभी देशों पर लगाए गए टैरिफ को 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया। इसके बाद से ही अमेरिकी नेता अलग-अलग देशों के साथ बातचीत कर द्विपक्षीय समझौतों के जरिये इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच वेंस का दौरा काफी अहम माना जा रहा है।

दिल्ली पहुंचने के बाद वेंस और उनका परिवार स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की ओर रवाना हो गया। उनका काफिला अक्षरधाम मंदिर के सामने से गुजरते हुए देखा गया। मंदिर की प्रवक्ता राधिका शुक्ला ने बताया, वेंस और उषा वेंस सीधे पालम हवाई अड्डे से मंदिर आएंगे। उषा की भारतीय जड़ें हैं। वे पहले भगवान स्वामीनारायण की प्रतिमा के दर्शन करेंगे, फिर मंदिर की स्थापत्य कला देखेंगे। मंदिर के बाहर स्वागति पोस्टर और कड़ी सुरक्षा है। यहां वे पारंपरिक भारतीय दस्तकारी सामान बेचने वाले एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का भी दौरा कर सकते हैं।

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच चीन ने बदली “चाल”, भारत को दिया ये ऑफर*

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भारत-चीन के बीच व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। भारत की कोशिश है कि इसे कैसे कम किया जाए। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ से परेशान चीन ने ही भारत के सामने एक बड़ा ऑफर पेश किया है। चीन ने कहा है कि वह भारत के प्रीमियम उत्पादों के आयात के लिए तैयार है ताकि व्यापार घाटे को कम किया जा सके।

बदले में रखी ये शर्त

चीन में भारत के राजदूत शू फेहोंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया से एक विशेष बातचीत में कहा कि चीन भारतीय कंपनियों को अपने बाजार में बेहतर प्रवेश दिलाने को तैयार है। लेकिन साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत चीनी कंपनियों को निष्पक्ष पारदर्शी और भेदभाव रहित कारोबारी माहौल देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें कहा गया था कि प्रतिस्पर्धा को टकराव में नहीं बदलना चाहिए।

संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करने की सलाह

पद संभालने के बाद उनका किसी भारतीय मीडिया के साथ यह पहला इंटरव्यू है।टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने पहले इंटरव्यू में चीन के राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि दोनों देशों को संवाद के जरिए आपसी रिश्तों को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा तनाव कम करने के लिए लगातार संवाद हो रहे हैं और अब रिश्तों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। उनका मानना है कि अगर दोनों देश एक-दूसरे के विकास को सकारात्मक नजर से देखें और सीमित विवादों को व्यापक रिश्तों पर हावी न होने दें तो बड़ी प्रगति संभव है।

भारतीय कंपनियों को चीन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों आने की अपील

व्यापार असंतुलन को लेकर उन्होंने कहा कि चीन कभी भी जानबूझकर व्यापार में अधिशेष नहीं चाहता। उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन की बड़ी उपभोक्ता ताकत का लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने मिर्च लौह अयस्क और सूती धागे जैसे उत्पादों के उदाहरण दिए जो बीते वर्ष चीन को निर्यात में बड़ी वृद्धि के साथ गए। साथ ही उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेने को भी कहा।

कनाडा में भारतीय मूल की छात्रा की हत्या, बस स्टॉप पर खड़ी हरसिमरत को कार वाले ने मारी गोली

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कनाडा में 21 वर्षीय एक भारतीय छात्रा की गोली लगने से मौत हो गई । ऑफिस जाने के लिए छात्रा बस स्टॉप पर इंतजार कर रही थी, तभी एक कार सवार ने गोली चला दी। हरसिमरत रंधावा हैमिल्टन, ओंटारियो में मोहॉक कॉलेज की छात्रा थी।

टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को एक पोस्ट में कहा, हैमिल्टन, ओंटारियो में भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। टोरंटो में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा, हम ओंटारियो के हैमिल्टन में भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की दुखद मौत से दुखी हैं। स्थानीय पुलिस के अनुसार, वह एक मासूम थी। वह दो गाड़ियों के बीच हुई गोलीबारी में उसकी जान चली गई। हत्या की जांच चल रही है। हम उनके परिवार के संपर्क में हैं। हर संभव सहायता दे रहे हैं। इस मुश्किल समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं परिवार के साथ हैं।

दो लोगों की लड़ाई में भारतीय छात्रा की गई जान

हैमिल्टन पुलिस ने भारतीय छात्रा की मौत के मामले में बताया कि सीसीटीवी की जांच की गई तो पाया गया कि ये दो लोगों की लड़ाई का नतीजा है, ऐसा इसलिए क्योंकि एक काली कार में सवार युवक ने सफेद सेडान पर गोली चलाई थी। एक गोली बस स्टॉप पर खड़ी छात्रा के सीने में लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस गोलीबारी करने वालों आरोपियों की तलाश में लगी हुई है।

अप्रैल में भारतीय मूल के 2 लोगों की हत्या

पुलिस ने कहा कि स्थानीय समयानुसार शाम करीब 7.30 बजे उसे हैमिल्टन में अपर जेम्स और साउथ बेंड रोड के पास गोलीबारी की सूचना मिली थी। जब पुलिस वहां पहुंची तो उसने रंधावा को सीने में गोली लगने के घाव के साथ घायल अवस्था में पाया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई।

इस घटना से पहले 5 अप्रैल को भी एक भारतीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा में अप्रैल महीने में भारतीय मूल के 2 लोगों की हत्या की गई है।

चीन के एक और दुश्मन को पाले में करने की भारत की कोशिश, ब्रह्मोस खरीदेगा वियतनाम, जानें स्ट्रैटजी

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दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस एक और बड़े समझौते के लिए तैयार है। फिलीपींस के बाद वियतनाम जल्द ही भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए समझौता करने जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक वियतानम के साथ ब्रह्मोस की डील अपने एडवांस स्टेज पर है। इस साल इस डील की होने की संभावना जताई जा रही है। ब्रह्मोस मिसाइल वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद करेगी, क्योंकि यह 300 किलोमीटर के दायरे में किसी भी चीनी युद्धपोत को निशाना बना सकती है।

ब्रह्मोस को चीन सागर में तैनात करेगा वियतनाम

वियतनाम के साथ भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बिक्री के लिए डील करीब करीब पूरी कर रही है। इस सौदे को बस अंतिम रुप दिया जाना बाकी है। दोनों देशों के बीच ब्रह्नोस मिसाइल को लेकर 700 मिलियन डॉलर का सौदा होने वाला है। भारतीय ब्रह्मोस को वियतनाम दक्षिण चीन सागर में तैनात करेगा, जहां उसे चीन से लगातार खतरा मिलता रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वियतनाम कथित तौर पर ब्रह्मोस की तटीय बैटरी प्रणाली खरीद सकता है, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर के करीब है। ये वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाएगी।

ब्रह्मोस प्रणाली खरीदने वाला दूसरा देश होगा वियतनाम

अगर समझौता होता है तो फिलीपींस के बाद वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा। भारत ने 2022 में फिलीपींस के साथ करीब 2,700 करोड़ रुपये में 3 ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी के लिए समझौता किया था। ये ब्रह्मोस की पहली अंतरराष्ट्रीय बिक्री थी। कुछ ही महीने पहले ही भारत ने फिलीपींस को सफलतापूर्वक इसकी डिलीवरी भी की थी। वियतमान भी फिलीपींस की तरह ही ब्रह्मोस की कोस्टल बैटरी खरीदना चाह रहा है।

चीनी युद्धपोतों से मुकबला करने में सक्षम

ब्रह्मोस कोस्टल बैटरी सिस्टम खरीदने के लिए सौदा कर रहा है। ये वही सिस्टम है, जिसे फिलीपींस ने भारत से खरीदा है। ये खासकर समुद्री हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है और इसे समुद्री सीमाओं के भीतर दुश्मनों पर सुपससोनिक स्पीड से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत ने खासकर चीन को ध्यान में रखकर ही इसे डिजाइन किया है, इसलिए दक्षिण चीन सागर में ये मिसाइल उन देशों के लिए काफी सटीक बन जाता है, जिन्हें चीन परेशान करता है। ये मिसाइल चीन को दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्धपोतों से किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने में वियतनाम सक्षम बनाएगी।

आसपास के देशों में चीन की धमक

बता दें कि साउथ चाइना सी और उसके आसपास के देशों को चीन धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। उनके एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन में भी अपना कब्जा करता रहता है। फिलीपींस के साथ चीन के रिश्ते 2009 के बाद से और खराब हो गए। चीन ने नया नक्शा जारी किया जिसमें साउथ चाइना सी में 9 डैश लाइन लगाकर अपना इलाका बता दिया। इसके तहत फिलीपींस के द्वीपों और एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन का हिस्सा भी आता है। चीन के हिसाब से पर कब्जा जताने के लिए फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान और मलेशिया के समुद्री क्षेत्र पर कब्जे का संकट बढ़ गया है। अब ब्रह्मोस कवच चीन के खतरे से इन देशों को बचा सकता है।

बंगाल हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी से भड़का भारत, अल्पसंख्यकों को लेकर दो टूक

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत को मुस्लिमों पर दिया था ज्ञान

इससे पहले बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान आलम ने कहा, हम मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने मुसलमानों पर हमलों की निंदा की है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।

मुर्शिदाबाद हिंसा में भूमिका

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भारत सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के बाद इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता का संकेत मिला है।

बदला लेने की कोशिश में बांग्लादेश ने अपने पैर में मारी कुल्हाड़ी, भारत से जमीनी मार्ग से कच्चे धागे के आयात पर रोक

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भारत और बांग्लादेश के रिश्ते में बीते कुछ समय से तनातनी देखी जा रही है। दोनों देशों के बीच का तनाव अब व्यापार को भी प्रभावित करता दिख रहा है। बांग्लादेश ने भारत के साथ लैंड बॉर्डर ट्रेड को प्रभावित करने वाले कई कदम उठाए हैं।बांग्लादेश ने भारत से लैंड पोर्ट रूट के ज़रिए सूत के आयात पर पाबंदी लगा दी है। यही नहीं, बांग्लादेश ने भारत के साथ तीन लैंड पोर्ट से व्‍यापार बंद करने का ऐलान कर दिया है और एक से ट्रेड से कुछ समय के लिए स्‍थगित कर दिया है।

बांग्‍लादेश में जब से सत्‍ता मोहम्‍मद यूनुस के हाथों में आई है, तब से ही उसका झुकाव पाकिस्‍तान और चीन की ओर बढ़ता ही जा रहा है।मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने जमीनी बंदरगाहों के माध्यम से भारत से होने वाले कच्चे धागे के आयात को निलंबित कर दिया है। बांग्लादेश के राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (NBR) के आदेश के बाद अब बेनापोल, भोमरा, सोनमस्जिद, बंग्लाबांदा और बुरीमारी भूमि बंदरगाहों के माध्यम से कच्चे धागे के आयात की अनुमति नहीं होगी। ये बंदरगाह भारत से कच्चे धागे के आयात के प्राथमिक प्रवेश बिंदु थे।

फैसले के पीछे बांग्लादेश ने बताई ये वजह

बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट ढाका ट्रिब्यून ने एनबीआर के हवाले से बताया कि भूमि बंदरगाहों के माध्यम से अब धागे का आयात नहीं किया जा सकता है। हालांकि, समुद्र या अन्य मार्गों के माध्यम से आयात की अनुमति अभी भी दी जाएगी। इस साल फरवरी में बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने सरकार के जमीनी रास्तों से भारत से धागे का आयात रोकने का आग्रह किया था।

आयात रोकने के लिए तर्क दिया गया था कि सस्ता भारतीय सूत स्थानीय उत्पादकों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके बाद मार्च में बांग्लादेश व्यापार और टैरिफ आयोग ने घरेलू कपड़ा उद्योग की रक्षा के लिए जमीनी बंदरगाह आयात को अस्थायी रूप से निलंबित करने की सिफारिश की।

टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री में यूनूस को लेकर नाराजगी

वहीं, बांग्‍लादेश टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री ने यूनूस के इन कदमों को ‘आत्‍मघाती’ बताया है और वे बांग्‍लादेश सरकार से खासे नाराज हैं। भारत से धागा की आपूर्ति बाधित होने से छोटे और मध्यम आकार की गारमेंट कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि ये इकाइयां मुख्य रूप से भारतीय यार्न पर निर्भर रहती हैं। सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश ने भारतीय धागा पर बैन का फैसला इसलिए लिया है ताकि पाकिस्‍तान से ज्‍यादा यार्न बांग्‍लादेश आ सके। सरकार के इस फैसले से पाकिस्‍तान को तो भले ही फायदा हो जाए, बांग्‍लादेश को नुकसान ही नुकसान है क्‍योंकि भारतीय धागा के मुकाबले पाकिस्‍तानी धागा महंगा है। यूनूस का यह कदम भारत-बांग्लादेश व्यापारिक संबंधों में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जो आखिरकार बांग्‍लादेश के लिए ही घातक साबित होगा।

भारत ने बांग्लादेश से ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ली

पिछले कुछ महीनों से भारत और बांग्लादेश आमने-सामने हैं। हालांकि, थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में छठे बिम्सटेक समिट से अलग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की मुलाकात के बाद लग रहा था कि दोनों देशों के संबंधों में जमी बर्फ़ पिघल जाएगी।

लेकिन, इस बैठक के तीन दिन बाद ही भारत सरकार ने बांग्लादेश को 2020 से मिली ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ले ली। इस सुविधा के कारण बांग्लादेश भारत के एयरपोर्ट और बंदरगाहों का इस्तेमाल तीसरे देश में अपने उत्पादों के निर्यात के लिए करता था।

मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर को लेकर दिया था बयान

दरअसल, भारत ने ये फैसला मोहम्मद यूनुस के एक बयान के बाद लिया था। मोहम्मद यूनुस 26 से 29 मार्च तक चीन के दौरे पर थे। इसी दौरे में यूनुस ने ऐसा बयान दिया, जिससे भारत का नाराज़ होना लाजिमी था। मोहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर भारत की लैंडलॉक्ड स्थिति का हवाला दिया था। यूनुस ने कहा था कि पूर्वोत्तर भारत का समंदर से कोई कनेक्शन नहीं है और बांग्लादेश ही इस इलाके का अभिभावक है। मोहम्मद यूनुस ने कहा था, भारत के सेवन सिस्टर्स राज्य लैंडलॉक्ड हैं। इनका समंदर से कोई संपर्क नहीं है। इस इलाके के अभिभावक हम हैं। चीन की अर्थव्यवस्था के लिए यहाँ पर्याप्त संभावनाएं हैं। चीन यहाँ कई चीजें बना सकता है और पूरी दुनिया में आपूर्ति कर सकता है।

बांग्लादेश की पूर्वोत्तर पर बुरी नजर

बता दें कि पूर्वोत्तर भारत दशकों से उग्रवाद ग्रस्त रहा है और बांग्लादेश पर इन राज्यों में उग्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में उग्रवाद अभी काबू में है लेकिन एक किस्म की बेचैनी अब भी देखने को मिलती है। भारत का यह इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है।

यूक्रेन में भारतीय कंपनी पर हमला, कीव के अटैक के दावों से रूस का इनकार

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रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच कीव स्थित एक भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर मिसाइल अटैक हुआ है। यूक्रेन ने दावा किया कि यह हमला रूस की ओर से किया गया था। यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि 12 अप्रैल को रूस की सशस्त्र सेनाओं ने कीएव स्थित इस वेयरहाउस पर ड्रोन से हमला किया था। इस मामले में रूस की प्रतिक्रिया सामने आई है। रूस ने यूक्रेन के कीव में भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर हुए हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है।

कीव के दावों पर रूस ने दी सफाई

भारत स्थित रूस के दूतावास ने इस संबंध में गुरुवार को एक बयान जारी कर यूक्रेन के आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। रूस ने कहा कि उसकी सेना ने इस भारतीय स्वामित्व वाले सिविलियन ढांचे को न तो निशाना बनाया और न ही उसकी ऐसी कोई योजना थी।

रूसी दूतावास के अनुसार, उस दिन रूसी सैन्य कार्रवाई के कुछ टार्गेट थे। इनमें यूक्रेनी सैन्य उद्योग परिसर का विमान संयंत्र, सैन्य हवाई अड्डे का ढांचा और बख्तरबंद वाहन मरम्मत केंद्र और ड्रोन असेंबली वर्कशॉप शामिल थे।

दूतावास ने बयान में कहा कि संभावना है कि यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली की कोई मिसाइल लक्ष्य भेदने में विफल रही और आबादी वाले इलाके़ में जा गिरी। इससे कुसुम हेल्थकेयर के वेयरहाउस में आग लग गई। ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।

रूस पर जानबूझकर भारतीय कारोबारियों को निशाना बनाने का आरोप

यूक्रेन ने राजधानी कीव में कुसुम ग्रुप की यूनिट ‘ग्लैडफार्म’ पर ड्रोन से हमले का दावा किया था। यूक्रेन में भारत के लिए राजदूत ओलेक्ज़ेंडर पोलिशचुक ने बुधवार को दावा किया कि यह हमला जानबूझकर किया गया था, क्योंकि कुसुम ग्रुप ने युद्ध के दौरान यूक्रेन को जरूरी मानवीय सहायता दी थी। इस हमले में कंपनी को लगभग 25 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।

यूक्रेन का आरोप है कि रूस अब फार्मास्युटिकल यूनिट्स और जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट कर रहा है। रात के वक्त ईरान निर्मित ‘शहीद’ ड्रोन से हमले इसलिए किए जा रहे हैं ताकि दिन में इंटरसेप्ट होने से बचा जा सके।

अग्निवीर के लिए ऑनलाइन आवेदन की तारीख बढ़ी, सेना की अपील – भर्ती के लिए झांसे में ना आएं…

रायपुर-  भारतीय थल सेना ने अग्निवीर की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसकी विस्तृत जानकारी www.joinindianarmy.nic.in पर उपलब्ध है. अग्निवीर की भर्ती जनरल, तकनीकी, कर्लक, ट्रेडमेन (8वीं एवं 10वीं) महिला सैन्य पुलिस और रेगुलर कैडर मर्ती धर्म गुरू, नर्सिंग सहयोगी और सिपाही फार्मा के पदों के लिए जारी की गई है. सेना में भर्ती के लिए अब ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 25 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी गई है.

आवेदकों को यदि ऑनलाइन आवेदन करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो वे सेना भर्ती कार्यालय के दूरमाष क्रमांक 0771-2965212 अथवा 0771-2965214 पर संपर्क कर सकते हैं. भारतीय थल सेना ने कहा है कि सेना में चयन निष्पक्ष, पारदर्शी एवं योग्यता के आधार पर ही किया जाता है इसलिए आवेदन भर्ती के लिए किसी भी अनाधिकृत व्यक्तियों के झांसे में ना आएं.

आप नेता दुर्गेश पाठक के आवास पर सीबीआई का छापा, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

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आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली। सीबीआई ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं और आगे की जांच जारी है। वहीं, छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर की है। गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी राजेश कुमार के द्वारा शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी।

पिछले साल मई में जांच एजेंसी ईडी ने ग्रह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि आप पार्टी के कुछ नेताओं के बैंक एकाउंट में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं जिसमे दुर्गेश पाठक शामिल हैं। आप नेताओं ने विदेशी फंडिंग के डोनर्स के नाम को अपने एकाउंट्स में छिपाया ताकि पॉलिटिकल पार्टी को विदेशी फंड कौन दे रहा है इसको छिपाया जा सके। जांच में सामने आया कि 2016 में कनाडा में एक फंड इवेंट में आप विधायक दुर्गेश पाठक ने पर्सनल बेनिफिट के लिए विदेशी फंड कलेक्ट किए थे।

विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन

आरोप है कि आप ने 'AAP Overseas India' नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा आप नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन है। इस केस में आप के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

विदेश में रहने वाले 155 लोगो ने 1.02 करोड़ रुपए अलग-अलग 404 ओकेजन के जरिए डोनेट किए इसमे 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया था। 22.11.2015 को आप ने कनाडा के टोरंटो में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया था जिसको आप विधायक दुर्गश पाठक ने अटेंड किया था।

इसमें 15000 कनेडियन डॉलर्स रेज किए गए थे। हाथ से लिखी रॉ डेटा शीट्स ( डोनर्स के नाम और डोनेट किए गए अमाउंट) को आप पार्टी के नेताओं द्वारा मेल पर भेजा गया था। जांच में सामने आया कि हैंड रिटन डेटा शीट्स में डोनर्स के जो नाम लिखे गए थे उनको आप नेताओं ने आधिकारिक रिकार्ड्स में मेंशन नही किया बल्कि उनको छिपाया था और विदेशी फंडिंग में डोनर के नाम छिपाकर गड़बड़ी की गई है।

वहीं, आप ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में 2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।

सीबीआई रेड पर आप ने खोला मोर्चा

इस छापे के बाद आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हमलावर है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ आप ही उन्हें चुनौती दे सकती है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले गुजरात चुनाव के दौरान भी यही हुआ था, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के नेताओं को गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पिछले गुजरात चुनावों के कारण, भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था और अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।