कांग्रेस ने किया खड़गे का अपमान! प्रियंका गांधी के नामांकन के दौरान कहां से पार्टी प्रमुख, बीजेपी ने शेयर किया वीडियो

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प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। बुधवार को उनके नॉमिनेशन के लिए भव्य तैयारियां की गईं। कांग्रेस के सभी दिग्गज और राष्ट्रीय स्तर के सीनियर नेता शामिल हुए। हालांकि, नामांकन के दौरान का एक वीडियो बीजेपी ने शेयर किया है और कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।मल्लिकार्जुन खरगे नॉमिनेशन के दौरान गेट के बाहर से झांकते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें अंदर एंट्री नहीं दी गई। बीजेपी अब इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा रही है। उन्होंने कहा कि खरगे को नामांकन प्रक्रिया से बाहर इसलिए रखा गया क्योंकि वह दलित हैं।

भाजपा ने अपने सोशल मीडिया पर हैंडल पर एक वीडियो जारी की है। जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कमरे के बाहर इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में भाजपा ने लिखा कि 'आज जिस तरह से मल्लिकार्जुन खरगे जी को प्रियंका वाड्रा के नामांकन के समय कमरे से बाहर रखा गया, ठीक उसी तरह राहुल गांधी आरक्षण हटाने के बाद दलित समाज के लोगों को सम्मान और अवसरों से वंचित रखेंगे। अगर गांधी परिवार खरगे जी को ऐसे अपमानित कर सकता है तो दलित समाज के प्रति इनके मन में कितनी घृणा होगी, ये समझा जा सकता है।'

कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप

वीडियो में खड़गे को उस कमरे के बाहर इंतजार करते हुए दिखाया गया है, जहां प्रियंका गांधी वायनाड उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रही थीं, जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का अनादर करने का आरोप लगाया है। वीडियो को कई भाजपा नेताओं के साथ-साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी साझा किया और कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाया।

हिमंत बिस्व सरमा बोले- बेहद निराशाजनक

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'वायनाड में आज तथाकथित होली ट्रिनिटी के मल्लिकार्जुन खरगे जैसे अनुभवी सांसद और दलित नेता के प्रति दिखाए गए अनादर को देखना बेहद निराशाजनक है। चाहे वह एआईसीसी का अध्यक्ष हो या पीसीसी, क्या परिवार उन लोगों को अपमानित करने में गर्व महसूस करता है जिन्हें वे केवल रबर स्टैंप मानते हैं?'

कांग्रेस का पलटवार

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने कहा कि 'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो लोग बीते 10 वर्षों से सत्ता में हैं, वो सरकार और उसके मंत्री अभी भी झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। वायनाड में जिलाधिकारी ने कहा था कि नियमों के तहत पांच से ज्यादा लोग कमरे में नहीं रह सकते। उस दौरान लोग कमरे से बाहर गए और उनमें कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। उन्होंने पूरे धैर्य से बाहर इंतजार किया, जैसा आप वीडियो में देख सकते हैं। कुछ समय बाद मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल दोनों कमरे में आ गए थे, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को बदनाम करने और लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठ की साजिश रची।'

हरियाणा में हार के बाद एक्शन में कांग्रेस, मल्लिकार्जुन खरगे ने हुड्डा-गहलोत से बाबरिया तक को किया तलब!

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हरियाणा में कांग्रेस बुरी तरह हार गई है। हार के लिए मुख्य रूप से कुमारी सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।हरियाणा में हार और सहयोगियों के वार के बाद कांग्रेस एक्शन में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हार की समीक्षा को लेकर आज बड़ी बैठक बुलाई है।इस बैठक में पहले भूपेन्द्र हुड्डा, पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, अजय माकन, प्रताप सिंह बाजवा, प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष उदय भान शामिल होंगे. राहुल गांधी भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। हरियाणा को लेकर खरगे द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में सैलजा और सुरजेवाला को पहले नहीं बुलाया गया है। इन नेताओं को बाद में बुलाया जा सकता है।

चुनाव से पहले यह तय माना जा रहा था कि हरियाणा में इस बार कांग्रेस की वापसी होगी. एग्जिट पोल के सर्वे ने इस अनुमान को थोड़ा और पुख्ता कर दिया. सर्वे के बाद से हरियाणा कांग्रेस में जबरदस्त उत्साह थी. कांग्रेस वाले इस बात को तय मान चुके थे कि 10 साल बाद प्रदेश में उसकी वापसी हो रही है. कोई भी ऐसा सर्वे नहीं था जिसमें कांग्रेस हारती हुई दिख रही थी लेकिन जब नतीजे आए तो सारे सर्वे फेल हो गए. बीजेपी को हरियाणा में ऐतिहासिक जीत मिली. बीजेपी ने प्रदेश में जीत की हैट्रिक लगाई।

जानकारों के अनुसार, कांग्रेस की अंदरूनी कलह, मौजूदा विधायकों पर अत्यधिक निर्भरता और बागियों की वजह से कांग्रेस एक दशक के बाद हरियाणा में वापसी करने में विफल रही। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की खींचतान से बीजेपी को बड़ा फायदा मिला। टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक कांग्रेस बंटी नजर आ रही थी। कांग्रेस तीन खेमों में बंट गई थी। इसमें एक खेमा पूर्व सीएम हुड्डा का था तो दूसरा कुमारी सैलजा और तीसरा रणदीप सुरजेवाला का था।

सैलजा-हुड्डा के अलावा इन 4 दिग्गजों का भी हार में हाथ!

सैलजा और हुड्डा के अलावा कांग्रेस के भीतर 4 ऐसे भी दिग्गज हैं, जिनके ऊपर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन जिस तरह से पार्टी की हार हुई है, उससे कहा जा रहा है कि इन नेताओं की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

1. दीपक बाबरिया- जून 2023 में शक्ति सिंह गोहिल के गुजरात जाने के बाद दीपक बाबरिया को हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। प्रभारी महासचिव बनने के बाद बाबरिया न तो हरियाणा में कांग्रेस की संगठन तैयार कर पाए और न ही गुटबाजी खत्म कर पाए। इतना ही नहीं, बाबरिया के बयान ने ही कई बार कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी।

2. अजय माकन- कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन हरियाणा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। कांग्रेस के भीतर टिकट वितरण का काम स्क्रीनिंग कमेटी के पास ही है। कांग्रेस का टिकट वितरण पूरे चुनाव के दौरान विवादों में रहा। आरोप है कि टिकट वितरण में सिर्फ हुड्डा गुट को तरजीह मिली। 89 टिकट में से 72 टिकट कांग्रेस में हुड्डा समर्थकों को दे दी गई। टिकट वितरण के बाद कुमारी सैलजा नाराज होकर प्रचार से दूर हो गई। सैलजा की नाराजगी रिजल्ट पर भी दिखा है।

यही नहीं, राहुल गांधी के कहने पर जब कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की कवायद शुरू की तो अजय माकन और हुड्डा इसके विरोध में थे। माकन दिल्ली की राजनीति की वजह से शुरू से ही अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का विरोध कर रहे हैं।

3. अशोक गहलोत- राजस्थान से दिल्ली की तरफ लौटे अशोक गहलोत को कांग्रेस ने हरियाणा का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया था। कांग्रेस के भीतर पर्यवेक्षक का काम सभी को साथ लेकर चलना, क्राइसिस मैनेजमेंट करना और ग्राउंड की रिपोर्ट से हाईकमान को अवगत कराना होता है। अशोक गहलोत पूरे चुनाव में क्राइसिस मैनेज नहीं कर पाए। कांग्रेस के 29 बागी मैदान में उतर गए, जिसमें से एकाध बागी को ही कांग्रेस मना पाई। अंबाला और जींद में तो कांग्रेस के बागी ने ही पार्टी का खेल खराब कर दिया।

गहलोत पर्यवेक्षक थे, लेकिन सार्वजनिक तौर पर सैलजा और हुड्डा की लड़ाई को रोक नहीं पाए। सैलजा ने आखिर दिन तक मीडिया को इंटरव्यू दिया और हर इंटरव्यू में सीएम पद देने की मांग उठाई.

4. सुनील कनुगोलू-अगस्त 2022 में औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होने वाले सुनील कनुगोलू हरियाणा में कांग्रेस की रणनीति देख रहे थे। कहा जाता है कि हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा का रोडमैप भी कनुगोलू की टीम ने ही तैयार किया था। कनुगोलू के सर्वे को आधार बनाकर ही हुड्डा कैंप ने कई बड़े फैसले हाईकमान से करवाए।

हालांकि, कनुगोलू बीजेपी की रणनीति को समझने में फेल रहे। जमीन पर जिस तरह से बीजेपी ने जाट वर्सेज गैर जाट का फॉर्मूला तैयार किया, उसे भी कनुगोलू की टीम काउंटर नहीं कर पाए।

जयराम रमेश और पवन खेड़ा के बयान से चुनाव आयोग नाराज, खड़गे को लिखा खत, जानें क्या कहा*
#eci_writes_to_mallikarjun_kharge_statements_congress_leaders हरियाणा विधान सभा चुनाव के परिणामों को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव परिणाम को अप्रत्‍याशित परिणाम बताया है। हरियाणा चुनाव परिणाम को कांग्रेस की तरफ से अस्वीकार्य और अप्रत्याशित बताए जाने पर चुनाव आयोग ने अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र लिखा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से हरियाणा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने खरगे को खत लिखा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा के लिए बुलाया है। चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा। इस पत्र में आयोग ने 8 अक्टूबर को जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ओर से दिए गए बयानों पर चिंता जताई है। इन नेताओं ने हरियाणा चुनाव नतीजों को 'अस्वीकार्य' बताया था। चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बयान देश की लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ हैं। यह जनता की राय को नकारने जैसा है। आयोग ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा समेत पूरे देश में चुनाव एक ही नियम-कानून से होते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिसमें हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया गया है और पार्टी इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बैठक का समय मांगने का अनुरोध मिला है, जिसमें हरियाणा के चुनावी नतीजे अस्वीकार्य वाला बयान देने वाले लोग भी शामिल हैं। बता दें कि कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि कई सीटों पर नतीजे ईवीएम की मदद से बदल दिए गए। कांग्रेस के अनुसार कई सीटों पर जहां ईवीएम 90 फीसदी बैटरी चार्ज था वहां नतीजे भाजपा के पक्ष में आए और जहां ईवीएम की बैटरी 70-80 फीसदी चार्ज थी वहां कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है।
जयराम रमेश और पवन खेड़ा के बयान से चुनाव आयोग नाराज, खड़गे को लिखा खत, जानें क्या कहा

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हरियाणा विधान सभा चुनाव के परिणामों को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव परिणाम को अप्रत्‍याशित परिणाम बताया है। हरियाणा चुनाव परिणाम को कांग्रेस की तरफ से अस्वीकार्य और अप्रत्याशित बताए जाने पर चुनाव आयोग ने अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र लिखा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से हरियाणा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने खरगे को खत लिखा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा के लिए बुलाया है।

चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा। इस पत्र में आयोग ने 8 अक्टूबर को जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ओर से दिए गए बयानों पर चिंता जताई है। इन नेताओं ने हरियाणा चुनाव नतीजों को 'अस्वीकार्य' बताया था। चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बयान देश की लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ हैं। यह जनता की राय को नकारने जैसा है। आयोग ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा समेत पूरे देश में चुनाव एक ही नियम-कानून से होते हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिसमें हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया गया है और पार्टी इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बैठक का समय मांगने का अनुरोध मिला है, जिसमें हरियाणा के चुनावी नतीजे अस्वीकार्य वाला बयान देने वाले लोग भी शामिल हैं।

बता दें कि कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि कई सीटों पर नतीजे ईवीएम की मदद से बदल दिए गए। कांग्रेस के अनुसार कई सीटों पर जहां ईवीएम 90 फीसदी बैटरी चार्ज था वहां नतीजे भाजपा के पक्ष में आए और जहां ईवीएम की बैटरी 70-80 फीसदी चार्ज थी वहां कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है।

विकसित भारत देखने के लिए 2047 तक जीवित रहें”, पीएम मोदी पर दिए खरगे के बयान पर अमित शाह का पलटवार

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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी माहौल ने देश के सियासी माहौल को भी गर्म कर दिया है। राजनेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में दिए एक बयान पर खूब हो हल्ला हो रहा है। खरगे ने जसरोटा में चुनावी सभा के दौरान कहा कि मैं तब तक जीवित रहूंगा जब तक पीएम मोदी सत्ता से नहीं हट जाते। इस दौरान उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी। अब उनके इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने बेवजह ही पीएम मोदी को अपने स्वास्थ्य के मामले में घसीटा है।

अमित शाह ने अपने एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि, कल मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण के दौरान अपने पार्टी से बढ़कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटते हुए कहा कि पीएम मोदी को जब सत्ता से हटा देंगे तभी मरेंगे। अमित शाह ने आगे कहा कि, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेसियों में पीएम के खिलाफ कितनी नफरत और डर है। खरगे के स्वास्थ्य के लिए मोदी जी प्रार्थना करते हैं, मैं प्राथना करता हूं और सभी लोग प्रार्थना करते हैं कि वह काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य रहें। वे 2047 तक विकसित भारत का निर्माण देखने के लिए जीवित रहें।

क्या कहा था करगे ने?

बीते दिन मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जरूर लड़ेंगे, इसके लिए चाहे जो भी हो। मैं जम्मू-कश्मीर को ऐसा छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं 83वीं साल में चल रहा हूं और इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं, जब तक मोदी को नहीं हटाएंगे, तब तक मैं जिंदा ही रहूंगा। आपकी बात सुनूंगा और आपके लिए लडूंगा।

बता दें कि खरगे की मंच में बोलते वक्त अचानक बिगड़ी तबीयत पर पीएम मोदी ने हाल जाना था। मोदी ने फोन कर खरगे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। खरगे कल बोलते-बोलते अचानक मंच पर खड़े लड़खड़ाने लगे थे। हालांकि उस वक्त, वहां मौजूद बाकी कांग्रेस नेताओं ने उन्हें संभाला

पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे से की बात, तबियत का लिया जायज़ा

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Old picture of PM Modi and Mallikarjun Kharge , ndtv

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, जम्मू-कश्मीर में एक रैली के दौरान वे बीमार पड़ गए थे। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा इलाके में एक रैली को संबोधित करते समय खड़गे की तबीयत खराब हो गई।

कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने पीटीआई को बताया, "वह जसरोटा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें बेचैनी और चक्कर आने लगा। उनके सहयोगियों ने उन्हें कुर्सी पर बैठाया।"

विधानसभा चुनाव 2024 पूर्ण कवरेज

थोड़ा आराम करने के बाद खड़गे ने अपना भाषण फिर से शुरू किया और प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष ने रैली के दौरान कहा, "हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे। हम इसे छोड़ने वाले नहीं हैं। मैं 83 साल का हूं, मैं इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा, जब तक पीएम मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते। मैं आपकी बात सुनूंगा। मैं आपके लिए लड़ूंगा।"

कर्नाटक सरकार में मंत्री खड़गे के बेटे प्रियांक ने एक्स पर पोस्ट किया, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में एक जनसभा को संबोधित करते समय थोड़ी अस्वस्थता महसूस हुई। उनकी मेडिकल टीम ने उनकी जांच की है और थोड़े कम रक्तचाप के अलावा, उनकी हालत ठीक है। उनका संकल्प और लोगों की सद्भावना उन्हें मजबूत बनाए रखती है।" 

जम्मू-कश्मीर चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार रविवार को समाप्त हो गया। मतदान 1 अक्टूबर को होगा। पहला चरण 18 सितंबर को हुआ था, और दूसरा चरण 25 सितंबर को गंदेरबल, बडगाम, श्रीनगर और जम्मू क्षेत्रों के छह जिलों: राजौरी, रियासी और पुंछ में हुआ था। मतदान का तीसरा और अंतिम चरण 1 अक्टूबर को होना है, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।

पहले चरण में मतदाताओं की संख्या काफी अच्छी रही थी, 18 सितंबर को पहले चरण में 61.38 प्रतिशत और 25 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था।

खरगे का पीएम मोदी को खतः कहा- आपके नेता राहुल को मारने की धमकी दे रहे, उन पर अंकुश लगाइए
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ये खत कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेताओं के बयानों को लेकर लिखा है। खरगे ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ये पत्र लिखा है। इसकी पहली लाइन में बधाई देने के बाद उन्होंने अपनी शिकायतें जाहिर की हैं। पीएम से कहा है कि वो अपने नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाएं।

खड़गे ने मोदी से कहा कि भाजपा नेता लगातार राहुल को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। यह भविष्य के लिए घातक है। ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाइए और उनके खिलाफ कार्रवाई कीजिए। खड़गे ने कहा कि राहुल को लगातार मिल रही धमकियों से कांग्रेस के कार्यकर्ता परेशान हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल के साथ कोई अनहोनी न हो।

खरगे ने लिखा, 'एक अहम मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं, जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है। आप अवगत होंगे कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। सभी हैरान हैं कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता को 'नंबर एक आतंकवादी' कह रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा, 'महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका हस्र दादी जैसा करने की धमकी दे रहे हैं।'

लेटर में उन्होंने आगे लिखा, भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्वभर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधीजी ने अंग्रेजों के राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में नेता प्रतिपक्ष को लेकर एनडीए के नेताओं ने विवादास्पद बयान दिया है। 11 सितंबर को भाजपा नेता तरविंदर सिंह ने कहा था कि राहुल का हाल उसकी दादी जैसा होगा। फिर 15 सितंबर को केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल को देश का नंबर-1 आतंकी बताया। इसके अगले दिन यानी 16 सितंबर को शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा था कि जो राहुल की जीभ काटेगा, उसे 11 लाख का इनाम दिए जाएंगे।
25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा से लेकर ब्याज मुक्त ऋण तक: जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले कांग्रेस की 5 गारंटी

#congress_guarantees_benefits_in_jammu_and_kashmir_ahead_of_polls

Mallikarjun Kharge

खड़गे ने दोहराया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करेगी, साथ ही यूटी में द्विसदनीय विधायिका बहाल करने का वादा किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पांच प्रमुख गारंटियों की घोषणा की, यदि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आता है। इनमें से एक प्रमुख वादा जम्मू-कश्मीर में हर परिवार को 25 लाख रुपये का कवरेज प्रदान करने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है।

अनंतनाग में एक चुनावी रैली में बोलते हुए, खड़गे ने कांग्रेस की एक पुरानी प्रतिबद्धता पर भी फिर से विचार किया, जिसमें कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करने की कसम खाई। उन्होंने कहा, "हम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किए गए कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करेंगे।" उन्होंने विस्थापित समुदायों की चिंताओं को दूर करने के गठबंधन के इरादे की पुष्टि करते हुए कहा।

खड़गे ने जम्मू-कश्मीर में परिवार की महिला मुखियाओं को 3,000 रुपये मासिक लाभ देने और महिलाओं को 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा किया। खड़गे ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और के सी वेणुगोपाल और सुबोध कांत सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में वादे पढ़े।

भाजपा पर निशाना साधते हुए खड़गे ने पार्टी पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन काम और कथनी में बहुत अंतर है...भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस और एनसी का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है...हम करेंगे।

भाजपा के रोजगार के वादे पर खड़गे

जम्मू-कश्मीर में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि यह सिर्फ एक "जुमला" या खोखला वादा है।

खड़गे ने कहा, "उन्होंने देश भर में सालाना 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात कही थी, लेकिन 10 साल बीत गए हैं और वे नौकरियां साकार नहीं हुई हैं।"

उन्होंने मतदाताओं से भाजपा के "झूठ" के झांसे में न आने का आग्रह किया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन उनके शब्दों और कामों में बहुत अंतर है। उन्होंने 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, फिर भी वे यहां 1 लाख लोगों को भी भर्ती नहीं कर सके। अब वे 5 लाख नौकरियां कैसे देंगे?" उन्होंने लोगों से कांग्रेस-एनसी गठबंधन का समर्थन करने की अपील करते हुए सवाल किया, जो आजादी के बाद से हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहा है।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होने वाले हैं - 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

राज्यसभा में हाथरस हादसे पर जताया गया शोक, खड़गे ने की अंधश्रद्धा को लेकर कानून बनाने की मांग

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लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद आज केवल राज्यसभा की कार्यवाही होगी। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभापति जयदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हाथरस जैसा हादसा दुखद है। ऐसे आयोजनों को कराने के लिए कानून बनाना चाहिए। किस तरह से आयोजन हो, वहां क्या-क्या व्यवस्था हो, जिससे आयोजन हो सके। उसको ध्यान में रखते हुए ऐसे सत्संग और आयोजनों को लेकर कड़े नियम और कानून बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अंधश्रद्धा को लेकर महाराष्ट्र में भी एक कानून है, इसी तर्ज पर कानून बनना चाहिए।

खड़गे ने कहा- कई बाबा जेल में है। ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे अंध श्रद्धा पर रोक लगे। जो असली लोग है, उन्हें आने दो। जो नकली लोग हैं, वे आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और खड़गे के बीच जमकर हुई बहस, जानें क्यों आमने-सामने आए दोनों
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राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंगलवार को सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और चेयरमैन जगदीप धनखड़ के बीच लंबी बहस हो गई।संसद सत्र के दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष के नेता की तकरार के बाद उन्हें आसन की ओर सख्त चेतावनी दी गई। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराज होकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को कड़े लहजे में समझाया।सभापति ने खरगे के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने कुर्सी का जितना अपमान किया है, उतना किसी ने नहीं किया। धनखड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते।

दरअसल, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी अपना भाषण दे रहे थे। अपने संबोधन के दौरान वह मोदी सरकार को उसके कई वादे याद दिला रहे थे। उन्होंने काले धन वापस लाने, 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने जैसे पीएम मोदी की ओर से कई वादे किए गए थे। इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी की पिछले कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत काफी घट गई थी। बावजूद इसके इस सरकार ने तेल के दाम नहीं घटाए।

सांसद प्रमोद ने आगे कहा, हो सकता है कि पीएम मोदी ने अपने कुछ दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया हो। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि आपके पास सबूत हो तो ही अपनी बातें कहिए।

इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी खड़े हो गए। वह सभापति की बातों को काटने लगे। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि जयराम आप बहुत प्रतिभाशाली हैं। आप बहुत हिम्मती हैं। आपको तुरंत खरगे की जगह विपक्ष के नेता का पद लेना चाहिए। क्योंकि आप कुल मिलाकर खरगे का ही काम कर रहे हैं।

इस पर खरगे भी खड़े हो गए। खरगे ने सभापति की बातों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, आपके दिमाग में आज भी वर्ण व्यवस्था भरा हुआ है। आप इसी कारण रमेश को प्रतिभाशाली बता रहे हैं और मुझे मंदबुद्धि बता रहे हैं। आप यह कह रह हैं कि मेरी जगह उनको बैठना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खरगे दलित समुदाय से आते हैं।

खरगे की आपत्ति पर सभापति धनखड़ ने सफाई देते हुए कहा, आप मेरी बात को नहीं समझ पाए। जितना मैं आपका आदर करता हूं उसका एक अंश भी आप मेरे लिए करेंगे तो आपको महसूस होगा कि मैंने कहा क्या है। फिर सभापति ने आगे कहा कि पहली पंक्ति में बैठे खरगे के पास 56 साल का विशाल अनुभव है। उनको भी जयराम रमेश की टिका टिप्पणी कर मदद करनी चाहिए।

इस पर खरगे ने आपत्ति ली और बराबर में बैठीं सोनिया गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझे बनाने (राज्सभा में विपक्ष का नेता) वाले यहां बैठे हैं श्रीमति सोनिया गांधी। न रमेश मुझे बना सकता है और न आप मुझे बना सकते हैं। खरगे के इस बयान पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए। उन्होंने कहा आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते... आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं, कुछ भी बोल देते हैं। इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कुर्सी के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की। अब आपको आत्मचिंतन करने का समय आ गया है।
कांग्रेस ने किया खड़गे का अपमान! प्रियंका गांधी के नामांकन के दौरान कहां से पार्टी प्रमुख, बीजेपी ने शेयर किया वीडियो

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प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। बुधवार को उनके नॉमिनेशन के लिए भव्य तैयारियां की गईं। कांग्रेस के सभी दिग्गज और राष्ट्रीय स्तर के सीनियर नेता शामिल हुए। हालांकि, नामांकन के दौरान का एक वीडियो बीजेपी ने शेयर किया है और कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।मल्लिकार्जुन खरगे नॉमिनेशन के दौरान गेट के बाहर से झांकते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें अंदर एंट्री नहीं दी गई। बीजेपी अब इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा रही है। उन्होंने कहा कि खरगे को नामांकन प्रक्रिया से बाहर इसलिए रखा गया क्योंकि वह दलित हैं।

भाजपा ने अपने सोशल मीडिया पर हैंडल पर एक वीडियो जारी की है। जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कमरे के बाहर इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में भाजपा ने लिखा कि 'आज जिस तरह से मल्लिकार्जुन खरगे जी को प्रियंका वाड्रा के नामांकन के समय कमरे से बाहर रखा गया, ठीक उसी तरह राहुल गांधी आरक्षण हटाने के बाद दलित समाज के लोगों को सम्मान और अवसरों से वंचित रखेंगे। अगर गांधी परिवार खरगे जी को ऐसे अपमानित कर सकता है तो दलित समाज के प्रति इनके मन में कितनी घृणा होगी, ये समझा जा सकता है।'

कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप

वीडियो में खड़गे को उस कमरे के बाहर इंतजार करते हुए दिखाया गया है, जहां प्रियंका गांधी वायनाड उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रही थीं, जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का अनादर करने का आरोप लगाया है। वीडियो को कई भाजपा नेताओं के साथ-साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी साझा किया और कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाया।

हिमंत बिस्व सरमा बोले- बेहद निराशाजनक

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'वायनाड में आज तथाकथित होली ट्रिनिटी के मल्लिकार्जुन खरगे जैसे अनुभवी सांसद और दलित नेता के प्रति दिखाए गए अनादर को देखना बेहद निराशाजनक है। चाहे वह एआईसीसी का अध्यक्ष हो या पीसीसी, क्या परिवार उन लोगों को अपमानित करने में गर्व महसूस करता है जिन्हें वे केवल रबर स्टैंप मानते हैं?'

कांग्रेस का पलटवार

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने कहा कि 'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो लोग बीते 10 वर्षों से सत्ता में हैं, वो सरकार और उसके मंत्री अभी भी झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। वायनाड में जिलाधिकारी ने कहा था कि नियमों के तहत पांच से ज्यादा लोग कमरे में नहीं रह सकते। उस दौरान लोग कमरे से बाहर गए और उनमें कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। उन्होंने पूरे धैर्य से बाहर इंतजार किया, जैसा आप वीडियो में देख सकते हैं। कुछ समय बाद मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल दोनों कमरे में आ गए थे, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को बदनाम करने और लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठ की साजिश रची।'

हरियाणा में हार के बाद एक्शन में कांग्रेस, मल्लिकार्जुन खरगे ने हुड्डा-गहलोत से बाबरिया तक को किया तलब!

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हरियाणा में कांग्रेस बुरी तरह हार गई है। हार के लिए मुख्य रूप से कुमारी सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।हरियाणा में हार और सहयोगियों के वार के बाद कांग्रेस एक्शन में है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हार की समीक्षा को लेकर आज बड़ी बैठक बुलाई है।इस बैठक में पहले भूपेन्द्र हुड्डा, पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, अजय माकन, प्रताप सिंह बाजवा, प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष उदय भान शामिल होंगे. राहुल गांधी भी इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। हरियाणा को लेकर खरगे द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में सैलजा और सुरजेवाला को पहले नहीं बुलाया गया है। इन नेताओं को बाद में बुलाया जा सकता है।

चुनाव से पहले यह तय माना जा रहा था कि हरियाणा में इस बार कांग्रेस की वापसी होगी. एग्जिट पोल के सर्वे ने इस अनुमान को थोड़ा और पुख्ता कर दिया. सर्वे के बाद से हरियाणा कांग्रेस में जबरदस्त उत्साह थी. कांग्रेस वाले इस बात को तय मान चुके थे कि 10 साल बाद प्रदेश में उसकी वापसी हो रही है. कोई भी ऐसा सर्वे नहीं था जिसमें कांग्रेस हारती हुई दिख रही थी लेकिन जब नतीजे आए तो सारे सर्वे फेल हो गए. बीजेपी को हरियाणा में ऐतिहासिक जीत मिली. बीजेपी ने प्रदेश में जीत की हैट्रिक लगाई।

जानकारों के अनुसार, कांग्रेस की अंदरूनी कलह, मौजूदा विधायकों पर अत्यधिक निर्भरता और बागियों की वजह से कांग्रेस एक दशक के बाद हरियाणा में वापसी करने में विफल रही। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की खींचतान से बीजेपी को बड़ा फायदा मिला। टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक कांग्रेस बंटी नजर आ रही थी। कांग्रेस तीन खेमों में बंट गई थी। इसमें एक खेमा पूर्व सीएम हुड्डा का था तो दूसरा कुमारी सैलजा और तीसरा रणदीप सुरजेवाला का था।

सैलजा-हुड्डा के अलावा इन 4 दिग्गजों का भी हार में हाथ!

सैलजा और हुड्डा के अलावा कांग्रेस के भीतर 4 ऐसे भी दिग्गज हैं, जिनके ऊपर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने की जिम्मेदारी थी, लेकिन जिस तरह से पार्टी की हार हुई है, उससे कहा जा रहा है कि इन नेताओं की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

1. दीपक बाबरिया- जून 2023 में शक्ति सिंह गोहिल के गुजरात जाने के बाद दीपक बाबरिया को हरियाणा कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। प्रभारी महासचिव बनने के बाद बाबरिया न तो हरियाणा में कांग्रेस की संगठन तैयार कर पाए और न ही गुटबाजी खत्म कर पाए। इतना ही नहीं, बाबरिया के बयान ने ही कई बार कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी।

2. अजय माकन- कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन हरियाणा चुनाव में स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे। कांग्रेस के भीतर टिकट वितरण का काम स्क्रीनिंग कमेटी के पास ही है। कांग्रेस का टिकट वितरण पूरे चुनाव के दौरान विवादों में रहा। आरोप है कि टिकट वितरण में सिर्फ हुड्डा गुट को तरजीह मिली। 89 टिकट में से 72 टिकट कांग्रेस में हुड्डा समर्थकों को दे दी गई। टिकट वितरण के बाद कुमारी सैलजा नाराज होकर प्रचार से दूर हो गई। सैलजा की नाराजगी रिजल्ट पर भी दिखा है।

यही नहीं, राहुल गांधी के कहने पर जब कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की कवायद शुरू की तो अजय माकन और हुड्डा इसके विरोध में थे। माकन दिल्ली की राजनीति की वजह से शुरू से ही अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का विरोध कर रहे हैं।

3. अशोक गहलोत- राजस्थान से दिल्ली की तरफ लौटे अशोक गहलोत को कांग्रेस ने हरियाणा का वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया था। कांग्रेस के भीतर पर्यवेक्षक का काम सभी को साथ लेकर चलना, क्राइसिस मैनेजमेंट करना और ग्राउंड की रिपोर्ट से हाईकमान को अवगत कराना होता है। अशोक गहलोत पूरे चुनाव में क्राइसिस मैनेज नहीं कर पाए। कांग्रेस के 29 बागी मैदान में उतर गए, जिसमें से एकाध बागी को ही कांग्रेस मना पाई। अंबाला और जींद में तो कांग्रेस के बागी ने ही पार्टी का खेल खराब कर दिया।

गहलोत पर्यवेक्षक थे, लेकिन सार्वजनिक तौर पर सैलजा और हुड्डा की लड़ाई को रोक नहीं पाए। सैलजा ने आखिर दिन तक मीडिया को इंटरव्यू दिया और हर इंटरव्यू में सीएम पद देने की मांग उठाई.

4. सुनील कनुगोलू-अगस्त 2022 में औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होने वाले सुनील कनुगोलू हरियाणा में कांग्रेस की रणनीति देख रहे थे। कहा जाता है कि हरियाणा मांगे हिसाब पदयात्रा का रोडमैप भी कनुगोलू की टीम ने ही तैयार किया था। कनुगोलू के सर्वे को आधार बनाकर ही हुड्डा कैंप ने कई बड़े फैसले हाईकमान से करवाए।

हालांकि, कनुगोलू बीजेपी की रणनीति को समझने में फेल रहे। जमीन पर जिस तरह से बीजेपी ने जाट वर्सेज गैर जाट का फॉर्मूला तैयार किया, उसे भी कनुगोलू की टीम काउंटर नहीं कर पाए।

जयराम रमेश और पवन खेड़ा के बयान से चुनाव आयोग नाराज, खड़गे को लिखा खत, जानें क्या कहा*
#eci_writes_to_mallikarjun_kharge_statements_congress_leaders हरियाणा विधान सभा चुनाव के परिणामों को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव परिणाम को अप्रत्‍याशित परिणाम बताया है। हरियाणा चुनाव परिणाम को कांग्रेस की तरफ से अस्वीकार्य और अप्रत्याशित बताए जाने पर चुनाव आयोग ने अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र लिखा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से हरियाणा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने खरगे को खत लिखा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा के लिए बुलाया है। चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा। इस पत्र में आयोग ने 8 अक्टूबर को जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ओर से दिए गए बयानों पर चिंता जताई है। इन नेताओं ने हरियाणा चुनाव नतीजों को 'अस्वीकार्य' बताया था। चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बयान देश की लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ हैं। यह जनता की राय को नकारने जैसा है। आयोग ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा समेत पूरे देश में चुनाव एक ही नियम-कानून से होते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिसमें हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया गया है और पार्टी इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बैठक का समय मांगने का अनुरोध मिला है, जिसमें हरियाणा के चुनावी नतीजे अस्वीकार्य वाला बयान देने वाले लोग भी शामिल हैं। बता दें कि कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि कई सीटों पर नतीजे ईवीएम की मदद से बदल दिए गए। कांग्रेस के अनुसार कई सीटों पर जहां ईवीएम 90 फीसदी बैटरी चार्ज था वहां नतीजे भाजपा के पक्ष में आए और जहां ईवीएम की बैटरी 70-80 फीसदी चार्ज थी वहां कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है।
जयराम रमेश और पवन खेड़ा के बयान से चुनाव आयोग नाराज, खड़गे को लिखा खत, जानें क्या कहा

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हरियाणा विधान सभा चुनाव के परिणामों को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव परिणाम को अप्रत्‍याशित परिणाम बताया है। हरियाणा चुनाव परिणाम को कांग्रेस की तरफ से अस्वीकार्य और अप्रत्याशित बताए जाने पर चुनाव आयोग ने अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र लिखा है। कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर से हरियाणा चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने खरगे को खत लिखा है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा के लिए बुलाया है।

चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र भेजा। इस पत्र में आयोग ने 8 अक्टूबर को जयराम रमेश और पवन खेड़ा की ओर से दिए गए बयानों पर चिंता जताई है। इन नेताओं ने हरियाणा चुनाव नतीजों को 'अस्वीकार्य' बताया था। चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने पत्र में कहा है कि ऐसे बयान देश की लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ हैं। यह जनता की राय को नकारने जैसा है। आयोग ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा समेत पूरे देश में चुनाव एक ही नियम-कानून से होते हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि उसने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के बयानों पर भी गौर किया है, जिसमें हरियाणा के नतीजों को अप्रत्याशित बताया गया है और पार्टी इसका विश्लेषण करने और अपनी शिकायतों के साथ चुनाव आयोग से संपर्क करने का प्रस्ताव रखती है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे कांग्रेस के 12 सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के लिए बैठक का समय मांगने का अनुरोध मिला है, जिसमें हरियाणा के चुनावी नतीजे अस्वीकार्य वाला बयान देने वाले लोग भी शामिल हैं।

बता दें कि कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि कई सीटों पर नतीजे ईवीएम की मदद से बदल दिए गए। कांग्रेस के अनुसार कई सीटों पर जहां ईवीएम 90 फीसदी बैटरी चार्ज था वहां नतीजे भाजपा के पक्ष में आए और जहां ईवीएम की बैटरी 70-80 फीसदी चार्ज थी वहां कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है।

विकसित भारत देखने के लिए 2047 तक जीवित रहें”, पीएम मोदी पर दिए खरगे के बयान पर अमित शाह का पलटवार

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जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी माहौल ने देश के सियासी माहौल को भी गर्म कर दिया है। राजनेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में दिए एक बयान पर खूब हो हल्ला हो रहा है। खरगे ने जसरोटा में चुनावी सभा के दौरान कहा कि मैं तब तक जीवित रहूंगा जब तक पीएम मोदी सत्ता से नहीं हट जाते। इस दौरान उनकी तबीयत भी खराब हो गई थी। अब उनके इस बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने बेवजह ही पीएम मोदी को अपने स्वास्थ्य के मामले में घसीटा है।

अमित शाह ने अपने एक्स पर शेयर करते हुए कहा कि, कल मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने भाषण के दौरान अपने पार्टी से बढ़कर अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने अपनी कटुता का परिचय देते हुए पीएम मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में अनावश्यक रूप से घसीटते हुए कहा कि पीएम मोदी को जब सत्ता से हटा देंगे तभी मरेंगे। अमित शाह ने आगे कहा कि, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेसियों में पीएम के खिलाफ कितनी नफरत और डर है। खरगे के स्वास्थ्य के लिए मोदी जी प्रार्थना करते हैं, मैं प्राथना करता हूं और सभी लोग प्रार्थना करते हैं कि वह काफी लंबे समय तक स्वास्थ्य रहें। वे 2047 तक विकसित भारत का निर्माण देखने के लिए जीवित रहें।

क्या कहा था करगे ने?

बीते दिन मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जरूर लड़ेंगे, इसके लिए चाहे जो भी हो। मैं जम्मू-कश्मीर को ऐसा छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं 83वीं साल में चल रहा हूं और इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं, जब तक मोदी को नहीं हटाएंगे, तब तक मैं जिंदा ही रहूंगा। आपकी बात सुनूंगा और आपके लिए लडूंगा।

बता दें कि खरगे की मंच में बोलते वक्त अचानक बिगड़ी तबीयत पर पीएम मोदी ने हाल जाना था। मोदी ने फोन कर खरगे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। खरगे कल बोलते-बोलते अचानक मंच पर खड़े लड़खड़ाने लगे थे। हालांकि उस वक्त, वहां मौजूद बाकी कांग्रेस नेताओं ने उन्हें संभाला

पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे से की बात, तबियत का लिया जायज़ा

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Old picture of PM Modi and Mallikarjun Kharge , ndtv

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली, जम्मू-कश्मीर में एक रैली के दौरान वे बीमार पड़ गए थे। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जसरोटा इलाके में एक रैली को संबोधित करते समय खड़गे की तबीयत खराब हो गई।

कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने पीटीआई को बताया, "वह जसरोटा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी उन्हें बेचैनी और चक्कर आने लगा। उनके सहयोगियों ने उन्हें कुर्सी पर बैठाया।"

विधानसभा चुनाव 2024 पूर्ण कवरेज

थोड़ा आराम करने के बाद खड़गे ने अपना भाषण फिर से शुरू किया और प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष ने रैली के दौरान कहा, "हम राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लड़ेंगे। हम इसे छोड़ने वाले नहीं हैं। मैं 83 साल का हूं, मैं इतनी जल्दी मरने वाला नहीं हूं। मैं तब तक जिंदा रहूंगा, जब तक पीएम मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते। मैं आपकी बात सुनूंगा। मैं आपके लिए लड़ूंगा।"

कर्नाटक सरकार में मंत्री खड़गे के बेटे प्रियांक ने एक्स पर पोस्ट किया, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जम्मू-कश्मीर के जसरोटा में एक जनसभा को संबोधित करते समय थोड़ी अस्वस्थता महसूस हुई। उनकी मेडिकल टीम ने उनकी जांच की है और थोड़े कम रक्तचाप के अलावा, उनकी हालत ठीक है। उनका संकल्प और लोगों की सद्भावना उन्हें मजबूत बनाए रखती है।" 

जम्मू-कश्मीर चुनाव के तीसरे चरण के लिए प्रचार रविवार को समाप्त हो गया। मतदान 1 अक्टूबर को होगा। पहला चरण 18 सितंबर को हुआ था, और दूसरा चरण 25 सितंबर को गंदेरबल, बडगाम, श्रीनगर और जम्मू क्षेत्रों के छह जिलों: राजौरी, रियासी और पुंछ में हुआ था। मतदान का तीसरा और अंतिम चरण 1 अक्टूबर को होना है, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।

पहले चरण में मतदाताओं की संख्या काफी अच्छी रही थी, 18 सितंबर को पहले चरण में 61.38 प्रतिशत और 25 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था।

खरगे का पीएम मोदी को खतः कहा- आपके नेता राहुल को मारने की धमकी दे रहे, उन पर अंकुश लगाइए
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने ये खत कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा नेताओं के बयानों को लेकर लिखा है। खरगे ने प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ये पत्र लिखा है। इसकी पहली लाइन में बधाई देने के बाद उन्होंने अपनी शिकायतें जाहिर की हैं। पीएम से कहा है कि वो अपने नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाएं।

खड़गे ने मोदी से कहा कि भाजपा नेता लगातार राहुल को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। यह भविष्य के लिए घातक है। ऐसे नेताओं पर अंकुश लगाइए और उनके खिलाफ कार्रवाई कीजिए। खड़गे ने कहा कि राहुल को लगातार मिल रही धमकियों से कांग्रेस के कार्यकर्ता परेशान हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल के साथ कोई अनहोनी न हो।

खरगे ने लिखा, 'एक अहम मुद्दे पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं, जो सीधे लोकतंत्र और संविधान से जुड़ा हुआ है। आप अवगत होंगे कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक, हिंसक और अशिष्ट बयानों का सिलसिला चल रहा है। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी और आपके सहयोगी दलों के नेताओं ने जिस हिंसक भाषा का प्रयोग किया है, वह भविष्य के लिए घातक है। सभी हैरान हैं कि केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के मंत्री, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता को 'नंबर एक आतंकवादी' कह रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा, 'महाराष्ट्र में आपकी सरकार में सहयोगी दल का एक विधायक, नेता प्रतिपक्ष की जुबान काट कर लाने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा कर रहे हैं। दिल्ली में एक भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक, उनका हस्र दादी जैसा करने की धमकी दे रहे हैं।'

लेटर में उन्होंने आगे लिखा, भारतीय संस्कृति अहिंसा, सद्भाव और प्रेम के लिए विश्वभर में जानी जाती है। इन बिंदुओं को हमारे नायकों ने राजनीति में मानक के रूप में स्थापित किया। गांधीजी ने अंग्रेजों के राज में ही इन मानकों को राजनीति का अहम हिस्सा बना दिया था। आजादी के बाद संसदीय परिधि में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सम्मानजनक अहसमतियों का एक लंबा इतिहास रहा है। इसने भारतीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का काम किया।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में नेता प्रतिपक्ष को लेकर एनडीए के नेताओं ने विवादास्पद बयान दिया है। 11 सितंबर को भाजपा नेता तरविंदर सिंह ने कहा था कि राहुल का हाल उसकी दादी जैसा होगा। फिर 15 सितंबर को केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल को देश का नंबर-1 आतंकी बताया। इसके अगले दिन यानी 16 सितंबर को शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा था कि जो राहुल की जीभ काटेगा, उसे 11 लाख का इनाम दिए जाएंगे।
25 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा से लेकर ब्याज मुक्त ऋण तक: जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले कांग्रेस की 5 गारंटी

#congress_guarantees_benefits_in_jammu_and_kashmir_ahead_of_polls

Mallikarjun Kharge

खड़गे ने दोहराया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करेगी, साथ ही यूटी में द्विसदनीय विधायिका बहाल करने का वादा किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को पांच प्रमुख गारंटियों की घोषणा की, यदि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आता है। इनमें से एक प्रमुख वादा जम्मू-कश्मीर में हर परिवार को 25 लाख रुपये का कवरेज प्रदान करने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है।

अनंतनाग में एक चुनावी रैली में बोलते हुए, खड़गे ने कांग्रेस की एक पुरानी प्रतिबद्धता पर भी फिर से विचार किया, जिसमें कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करने की कसम खाई। उन्होंने कहा, "हम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किए गए कश्मीरी पंडित प्रवासियों के पुनर्वास के वादे को पूरा करेंगे।" उन्होंने विस्थापित समुदायों की चिंताओं को दूर करने के गठबंधन के इरादे की पुष्टि करते हुए कहा।

खड़गे ने जम्मू-कश्मीर में परिवार की महिला मुखियाओं को 3,000 रुपये मासिक लाभ देने और महिलाओं को 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण देने का वादा किया। खड़गे ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और के सी वेणुगोपाल और सुबोध कांत सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में वादे पढ़े।

भाजपा पर निशाना साधते हुए खड़गे ने पार्टी पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन काम और कथनी में बहुत अंतर है...भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस और एनसी का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है...हम करेंगे।

भाजपा के रोजगार के वादे पर खड़गे

जम्मू-कश्मीर में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि यह सिर्फ एक "जुमला" या खोखला वादा है।

खड़गे ने कहा, "उन्होंने देश भर में सालाना 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने की बात कही थी, लेकिन 10 साल बीत गए हैं और वे नौकरियां साकार नहीं हुई हैं।"

उन्होंने मतदाताओं से भाजपा के "झूठ" के झांसे में न आने का आग्रह किया। "भाजपा बहुत भाषण देती है, लेकिन उनके शब्दों और कामों में बहुत अंतर है। उन्होंने 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, फिर भी वे यहां 1 लाख लोगों को भी भर्ती नहीं कर सके। अब वे 5 लाख नौकरियां कैसे देंगे?" उन्होंने लोगों से कांग्रेस-एनसी गठबंधन का समर्थन करने की अपील करते हुए सवाल किया, जो आजादी के बाद से हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहा है।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होने वाले हैं - 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर। परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

राज्यसभा में हाथरस हादसे पर जताया गया शोक, खड़गे ने की अंधश्रद्धा को लेकर कानून बनाने की मांग

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लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद आज केवल राज्यसभा की कार्यवाही होगी। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। सभापति जयदीप धनखड़ ने हाथरस हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं।पूरे सदन ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा- ऐसे आयोजनों के लिए नियमावली बननी चाहिए। सांसदों से उन्होंने अपनी राय देने के लिए कहा।

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हाथरस जैसा हादसा दुखद है। ऐसे आयोजनों को कराने के लिए कानून बनाना चाहिए। किस तरह से आयोजन हो, वहां क्या-क्या व्यवस्था हो, जिससे आयोजन हो सके। उसको ध्यान में रखते हुए ऐसे सत्संग और आयोजनों को लेकर कड़े नियम और कानून बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अंधश्रद्धा को लेकर महाराष्ट्र में भी एक कानून है, इसी तर्ज पर कानून बनना चाहिए।

खड़गे ने कहा- कई बाबा जेल में है। ऐसा कानून बनना चाहिए, जिससे अंध श्रद्धा पर रोक लगे। जो असली लोग है, उन्हें आने दो। जो नकली लोग हैं, वे आश्रम बनाकर लोगों को लूट रहे हैं।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और खड़गे के बीच जमकर हुई बहस, जानें क्यों आमने-सामने आए दोनों
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राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंगलवार को सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और चेयरमैन जगदीप धनखड़ के बीच लंबी बहस हो गई।संसद सत्र के दूसरे सप्ताह के दूसरे दिन उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष के नेता की तकरार के बाद उन्हें आसन की ओर सख्त चेतावनी दी गई। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराज होकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को कड़े लहजे में समझाया।सभापति ने खरगे के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आपने कुर्सी का जितना अपमान किया है, उतना किसी ने नहीं किया। धनखड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते।

दरअसल, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी अपना भाषण दे रहे थे। अपने संबोधन के दौरान वह मोदी सरकार को उसके कई वादे याद दिला रहे थे। उन्होंने काले धन वापस लाने, 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने जैसे पीएम मोदी की ओर से कई वादे किए गए थे। इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी की पिछले कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत काफी घट गई थी। बावजूद इसके इस सरकार ने तेल के दाम नहीं घटाए।

सांसद प्रमोद ने आगे कहा, हो सकता है कि पीएम मोदी ने अपने कुछ दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया हो। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि आपके पास सबूत हो तो ही अपनी बातें कहिए।

इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी खड़े हो गए। वह सभापति की बातों को काटने लगे। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि जयराम आप बहुत प्रतिभाशाली हैं। आप बहुत हिम्मती हैं। आपको तुरंत खरगे की जगह विपक्ष के नेता का पद लेना चाहिए। क्योंकि आप कुल मिलाकर खरगे का ही काम कर रहे हैं।

इस पर खरगे भी खड़े हो गए। खरगे ने सभापति की बातों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, आपके दिमाग में आज भी वर्ण व्यवस्था भरा हुआ है। आप इसी कारण रमेश को प्रतिभाशाली बता रहे हैं और मुझे मंदबुद्धि बता रहे हैं। आप यह कह रह हैं कि मेरी जगह उनको बैठना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खरगे दलित समुदाय से आते हैं।

खरगे की आपत्ति पर सभापति धनखड़ ने सफाई देते हुए कहा, आप मेरी बात को नहीं समझ पाए। जितना मैं आपका आदर करता हूं उसका एक अंश भी आप मेरे लिए करेंगे तो आपको महसूस होगा कि मैंने कहा क्या है। फिर सभापति ने आगे कहा कि पहली पंक्ति में बैठे खरगे के पास 56 साल का विशाल अनुभव है। उनको भी जयराम रमेश की टिका टिप्पणी कर मदद करनी चाहिए।

इस पर खरगे ने आपत्ति ली और बराबर में बैठीं सोनिया गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मुझे बनाने (राज्सभा में विपक्ष का नेता) वाले यहां बैठे हैं श्रीमति सोनिया गांधी। न रमेश मुझे बना सकता है और न आप मुझे बना सकते हैं। खरगे के इस बयान पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए। उन्होंने कहा आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते। आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते... आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं, कुछ भी बोल देते हैं। इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कुर्सी के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की। अब आपको आत्मचिंतन करने का समय आ गया है।