राम मंदिर ध्वजारोहणः अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी, थोड़ी देर में रोड शो

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राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंच गए हैं। पीएम मोदी का यह अयोध्या दौरा आध्यात्मिक रूप से बेहद खास है। यहां पीएम मोदी राम मंदिर के शिखर पर अभिजीत मुहूर्त में भगवा ध्वज फहराएंगे। ध्वाजारोहण का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। ऐसा बताया जा रहा है कि 32 मिनट का यह शुभ योग भगवान श्रीराम के जन्म नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त से मेल खाता है।

सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की आगवानी

साकेत कॉलेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। साकेत कॉलेज के हेलीपैड पर ही प्रधानमंत्री की अगवानी की गई।

अयोध्या में सुरक्षा कड़ी

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ‘ध्वजारोहण’ समारोह के लिए अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। कार्यक्रम को लेकर 14 एसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, सुरक्षा में 30 ASP, 90 डिप्टी एसपी, 242 इंस्पेक्टर, 1060 एसआई, 80 महिला एसआई, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल, 448 महिला हेड कांस्टेबल के नेतृत्व में पुलिस बलों को तैनात किया गया है।

ट्रैफिक व्यवस्था भी मुस्तैद

साथ ही, कार्यक्रम के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए 16 टीआई, 130 टीएसआई और 820 ट्रैफिक सिपाही भी मुस्तैद रहेंगे। इनके अलावा एटीएस कमांडो की दो, एनएसजी स्नाइपर की दो, एंटी ड्रोन यूनिट की एक टीम भी तैनात की गई है. बम निरोधक दस्ते की 9 टीम, 15 स्पॉट चेक टीम,105 दरवाजा नुमा मेटल डिटेक्टर, 380 हाथ वाले मेटल डिटेक्टर के साथ चार साइबर कमांडो भी कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद किए गए हैं।

दीपोत्सव 2025ः ‘एक दीया राम के नाम’ से दुनियाभर से श्रद्धालु कर सकेंगे वर्चुअल दीप प्रज्ज्वलन : जयवीर सिंह
*राम ज्योति, सीता ज्योति और लक्ष्मण ज्योति नाम से तीन ऑनलाइन पैकेज*

लखनऊ। भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या दिव्यता और भक्ति के आलोक से एक बार फिर जगमगाने को तैयार है। दीपोत्सव-2025 के भव्य आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस वर्ष आयोजन में 26 लाख से अधिक दीपों के प्रज्ज्वलन और 2100 श्रद्धालुओं द्वारा सामूहिक महाआरती के साथ दो नए विश्व कीर्तिमान स्थापित किए जाएंगे, जिसका साक्षी देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु बनेंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि एक दीया राम के नाम ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण कर श्रद्धालु वर्चुअल दीप प्रज्वलित कर प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं। साथ ही, अपने प्रियजनों के लिए मंगलकामनाएं भेज सकते हैं। उन्होंने बताया, अयोध्या दीपोत्सव अब वैश्विक स्तर पर लोगों को जोड़ने वाला आयोजन बन गया है। एक दीया राम के नाम जैसी पहल ने दीपोत्सव को वैश्विक स्तर पर और समावेशी बनाने का प्रयास किया गया है।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया श्री रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, वहीं अनेकों श्रद्धालु प्रतिभाग करने के लिए इच्छुक हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए दिव्य अयोध्या ऐप के माध्यम से विश्व भर से डिजिटल दीप प्रज्वलित करने की व्यवस्था की है। दिव्य अयोध्या ऐप पर श्रद्धालुओं के लिए तीन प्रकार के पैकेज उपलब्ध हैं। राम ज्योति नाम से 2100 रुपए का पैकेज अयोध्या दीपोत्सव 2025 के एक दीया राम के नाम के नाम का सर्वाेत्तम संकल्प है। इसमें रोली, सरयू जल (पीतल के लोटे में), अयोध्या रज, रामदाना, मिश्री, रक्षा सूत्र, हनुमान गढ़ी के लड्डू और चरण पादुका (खड़ाऊ) जैसे आठ घटक सम्मिलित हैं। ऑनलाइन संकल्प पूर्ण करने पर यह संपूर्ण पवित्र प्रसाद सीधे आपके घर तक पहुंचाया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए सीता ज्योति नाम से 1100 रुपए में एक अन्य पैकेज उपलब्ध है। माता सीता को समर्पित इस पैकेज में रोली,  सरयू जल (पीतल के लोटे में), रामदाना, रक्षा सूत्र और हनुमान गढ़ी के लड्डू जैसे पांच घटक सम्मिलित हैं। वहीं, भगवान राम के भाई लक्ष्मण के पराक्रम और सेवा भाव को समर्पित 501 रुपए के लक्ष्मण ज्योति नाम के पैकेज में रोली, अयोध्या रज, रामदाना, रक्षा सूत्र और मिश्री जैसे पांच घटक सम्मिलित हैं। भक्त ऑनलाइन संकल्प लेकर इस पैकेज को अपने घर पर प्राप्त कर सकते हैं और दीपोत्सव-2025 में आध्यात्मिक रूप से सहभागी बन सकते हैं।
दिव्य अयोध्या एक पर्यटन आधारित मोबाइल एप्लिकेशन एवं वेब पोर्टल है, जिसे अयोध्या आने वाले भक्तों और पर्यटकों को ध्यान में रख तैयार किया गया है। यह आगंतुकों को अयोध्या में घूमने और धार्मिक स्थलों की जानकारी खोजने में मदद करता है। ऐप को पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। पर्यटकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर होटल, होम स्टे बुकिंग, गाइडेड टूर, टैक्सी बुकिंग एवं अन्य सेवाएं उपलब्ध होती हैं। यह एप्लिकेशन होम स्टे परियोजना के अंतर्गत विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य अयोध्या आने वाले पर्यटकों के अनुभव को अधिक उत्कृष्ट बनाना है। दिव्य अयोध्या ऐप को कोई भी श्रद्धालु गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इच्छुक श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद की ओर से जारी www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad  पर जाकर भी सेवाएं ले सकता है।
Parvathy Ananthanarayanan Mangala: Spreading Ancient Wisdom for Modern Living

In the sacred city of Ayodhya, where timeless wisdom meets modern aspiration, Parvathy Ananthanarayanan Mangala is crafting a unique literary legacy through her initiative, Ram SwaRajya Library. A writer, thinker, and believer in the transformative power of spirituality, Parvathy has dedicated herself to bridging the gap between ancient Indian values and contemporary life.Through her collection of short spiritual fiction books, written under the pen name Ram SwaRajya, she weaves stories that draw inspiration from Lord Rama’s ideals of truth, compassion, and righteousness. Each story — designed to be read in just 15 to 20 minutes — offers readers a spark of inspiration, reminding them that age-old wisdom still holds the key to peace and purpose in the 21st century.

The vision behind the Ram SwaRajya Library was born from Parvathy’s personal journey through emotional pain and resilience. Despite facing misunderstandings and life’s challenges, she chose not to surrender but to transform her experiences into meaningful stories that could uplift others walking similar paths. Her goal is simple yet profound: to make spirituality accessible and relevant to everyone, regardless of age or background.

Parvathy’s journey is one of courage and conviction. Leaving behind her home in Dombivli, Maharashtra, she moved to Ayodhya in July 2025, funding her dream entirely through personal savings, credit loans, and the generosity of a few well-wishers. In just 60 days, she wrote 11 books, two of which are already available on Amazon. Her dedication stands as a powerful example of what faith and determination can achieve.

Digital technology, including tools like WhatsApp, online publishing, and AI, played a vital role in turning her vision into reality—proving how tradition and technology can coexist harmoniously for a greater purpose.

Looking ahead, Parvathy envisions expanding the Ram SwaRajya Library to include 1,000 books that celebrate Indian culture, spirituality, and human values. Her mission is not just to write books but to build a global repository of wisdom that inspires readers to live more meaningful, compassionate lives.

In every sense, Parvathy’s work embodies the essence of humanity—using words as her instrument to heal, inspire, and elevate the collective consciousness of society.

Readers can visit this link to know about her initiative -

www.wiseom.co.in/2025/10/welcome-to-ram-swarajya-library-journey.html

Archana Yadav’s The Destination Panner Brings Customized and Eco-Friendly Travel Experiences to Modern Explorers

Lucknow, India – August 2025: For travelers who seek journeys filled with authenticity and responsibility, The Destination Panner is emerging as a refreshing new name in the industry. Founded by Archana Yadav, daughter of Mr. Mahesh Chand Yadav and Mrs. Usha Yadav, the company is built on her vision to make travel more personal, meaningful, and eco-conscious. With an MBA to her credit and a lifelong passion for exploration, Archana has turned her dream into a reality that is now inspiring modern explorers to travel differently.

Archana’s story is one of determination and resilience. Growing up in a grounded family that valued hard work, she cultivated a love for discovering new places and cultures. Her father’s professionalism and her mother’s guidance shaped her belief in perseverance, while her own curiosity made her a natural hodophile. Yet, her journey to building a company was not free of struggles. Balancing academics, professional aspirations, and a desire to start something of her own meant facing several hurdles. Financial challenges, market competition, and moments of self-doubt were all part of her path. However, with faith, persistence, and the support of her family, Archana was able to transform her passion into The Destination Panner, a travel brand that is quickly being recognized for its forward-thinking approach.

Unlike agencies that push rigid itineraries, The Destination Panner emphasizes flexibility and authenticity. Every trip is designed to reflect the traveler’s unique interests, offering an experience that goes beyond sightseeing and connects them with culture, traditions, and hidden gems. At its core, the company believes in balancing enjoyment with responsibility, ensuring that travel not only leaves memories for visitors but also respects and preserves the destinations. This philosophy of personalization, authenticity, and sustainability has already resonated with thousands of travelers, earning the platform widespread appreciation and a strong 4.9-star rating on Tripadvisor.

Reflecting on her vision, Archana explains that her mission is to make journeys unforgettable while ensuring that they remain responsible. She believes that travel should inspire meaningful connections and create stories that stay with travelers long after the journey ends. Her commitment to blending modern comfort with eco-friendly practices has positioned The Destination Panner as a trusted choice for families, couples, solo explorers, and corporate groups alike.

From the very beginning, Archana has worked to build reliable partnerships, secure tie-ups with branded hotels, and establish a strong network of domestic and international vendors. She has also assembled a dedicated team with expertise in travel planning and customer service, ensuring that every detail of a trip is handled with care. With early travel packages such as the Ayodhya Tour ex-Bangalore and the Ayodhya Short Tour already drawing strong interest, the company is making premium travel experiences both accessible and affordable.

Through her vision, hard work, and commitment to sustainability, Archana Yadav has turned The Destination Panner into much more than a travel agency. It is a symbol of how passion and perseverance can redefine an industry, a movement towards responsible tourism, and a promise of journeys that are as enriching as they are memorable.

For more information visit https://www.thedestinationpanner.in/ 

होटल अवध विलास में आराम और भव्यता का संगम

 

अयोध्या, जहां श्रद्धा और संस्कृति का संगम होता है, वहां एक ऐसा ठिकाना है जो परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल प्रस्तुत करता है- होटल अवध विलास। यह होटल न केवल आपको आरामदायक और स्वच्छ आवास प्रदान करता है, बल्कि एक ऐसा वातावरण भी देता है जहां आप अपने प्रवास को सुखद और यादगार बना सकते हैं। अयोध्या के हृदय में स्थित, होटल अवध विलास अपनी उत्कृष्ट सेवा और समर्पण के साथ हर अतिथि को घर जैसा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।होटल अवध विलास का उद्देश्य अपने मेहमानों को ऐसी सुविधा और सेवा देना है, जो उन्हें आध्यात्मिक यात्रा के दौरान मानसिक शांति और शारीरिक आराम दोनों प्रदान कर सके। चाहे आप धार्मिक अन्वेषण के लिए आए हों, सांस्कृतिक धरोहरों को देखने निकले हों, या बस आराम फरमाने की चाह रखते हों, यह होटल आपके लिए आदर्श स्थान है। इसकी बेहतरीन लोकेशन के कारण आप यहां से अयोध्या के प्रमुख स्थलों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। सरयू नदी केवल 500 मीटर की दूरी पर है, श्रीराम जन्मभूमि मात्र 1 किलोमीटर दूर स्थित है, और हनुमान गढ़ी भी महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है।

होटल अवध विलास में उपलब्ध सुविधाएं इसे अन्य होटलों से अलग बनाती हैं। यहां के कमरे अत्यंत स्वच्छ और सुव्यवस्थित हैं, जो आधुनिक सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। कमरे वातानुकूलित हैं, जिनमें 24 घंटे गर्म पानी, मुफ्त वाई-फाई, और आरामदायक बिस्तर उपलब्ध हैं, जिससे आपके ठहरने का अनुभव और भी आनंददायक हो जाता है। इसके अलावा, यहां का रेस्तरां भी अपनी खास पहचान रखता है, जहां शुद्ध और स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। यदि आप कमरे में ही भोजन करना चाहते हैं तो रूम सर्विस की सुविधा भी मौजूद है, जिससे आपको किसी प्रकार की असुविधा न हो।

होटल अवध विलास न केवल आराम और लक्ज़री का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा और सुविधा के मामले में भी अव्वल है। यहां 24/7 सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षित पार्किंग, और अनुभवी स्टाफ की व्यवस्था है, जो आपके प्रवास को तनावमुक्त बनाता है। इसके अतिरिक्त, होटल के भीतर 24/7 वाई-फाई सेवा उपलब्ध है, जिससे आप अपनों के संपर्क में रह सकते हैं और अपने आध्यात्मिक या व्यावसायिक कार्य भी निर्बाध रूप से कर सकते हैं।

यदि आप अयोध्या की यात्रा को वास्तव में विशेष और आरामदायक बनाना चाहते हैं, तो होटल अवध विलास आपकी पहली पसंद होना चाहिए। यहां की उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं, बेहतरीन लोकेशन और मेहमानों के प्रति विशेष आतिथ्यभाव इसे अयोध्या का सबसे लोकप्रिय होटल बनाते हैं। आध्यात्मिकता और आधुनिकता के इस संगम का अनुभव लेने के लिए आज ही अपनी बुकिंग करें।

अधिक जानकारी और बुकिंग के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें: www.hotelawadhvilasayodhya.com

प्रयागराज ही नहीं, अयोध्या-बनारस का भी ऐसा हाल… गंगा-सरयू में डुबकी लगाने उमड़ी भीड़

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के चलते प्रयागराज (Prayagraj Mauni Amavasya) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन इसका असर सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं बल्कि कई अन्य तीर्थ स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो अभी इन तीर्थस्थलों पर न आएं. अयोध्या, काशी और कई अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला. अयोध्या की सरयू नदी और बनारस (Ayodhya-Varanasi) के घाट पर भी लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे रहे हैं.

प्रयागराज से अयोध्या 168 किलोमीटर दूर अयोध्या है. इसलिए कई श्रद्धालु संगम में शाही स्नान के बाद राम नगरी अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. यहां सरयू नदी है. कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं जो मौनी अमावस्या पर प्रयागराज तो नहीं जा पा रहे, लेकिन उसकी जगह यहां सरयू नदी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह 3 बजे से ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे.

ऐसा ही हाल कुछ काशी यानी बनारस का भी है. प्रयागराज से वाराणसी सिर्फ 136 किलोमीटर दूर है. दूर-दराज से महाकुंभ आए श्रद्धालु बनारस और अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. बनारस वासी और उसके आस-पास के लोग मौनी अमावस्या पर यहीं घाट (गंगा नदी) पर डुबकी लगाकर स्नान कर रहे हैं. मौनी अमावस्या की धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन कहा जाता है कि धरती पर पितरों का वास भी होता है. ऐसी स्थिति में पितरों के निमित्त दान पुण्य का भी विधान है. शायद यही वजह है कि मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जैसे पवित्र नदी में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं.

क्या कहा राम मंदिर ट्रस्ट ने

ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वो 15 दिन बाद ही अयोध्या आएं. चंपत राय ने कहा- महाकुंभ और मौनी अमावस्या के चलते बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं. पिछले चार दिनों से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

15-20 दिन बाद आएं अयोध्या

उन्होंने आगे कहा- अयोध्या धाम की आबादी एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और भक्तों को परेशानी का कारण बन रहा है. परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि भक्तों को अधिक पैदल चलाना पड़ रहा है. अतः निवेदन है कि पास पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने अयोध्या पधारें. ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर सकें. इससे सभी को सुविधा होगी. बसंत पंचमी के बाद फरवरी महीने में काफी राहत रहेगी. मौसम भी अच्छा हो जाएगा. मेरे इस निवेदन पर अवश्य विचार करें.

महाकुंभ 2025 में अराजक भीड़: काशी विश्वनाथ और अयोध्या में भी बढ़ी भीड़ का दबाव

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Mahakumbh 2025

प्रयागराज (इलाहाबाद) में चल रहे महाकुंभ ने कड़ोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन है, और जैसे-जैसे यह महाकुंभ बढ़ रहा है, इसे लेकर सुरक्षा, यातायात और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ भी बढ़ रही हैं। महाकुंभ के कारण बढ़ी भीड़ अब काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भी दबाव डाल रही है, जिससे इन धार्मिक केंद्रों पर भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।

 महाकुंभ 2025: श्रद्धा या अराजकता?

महाकुंभ, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। इस बार के महाकुंभ में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो पहले से ही प्रयागराज के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव डाल रहे हैं। हालांकि, आयोजकों ने शहर की सड़कों, अस्थायी पुलों, और अस्थायी सुविधाओं के निर्माण के माध्यम से तैयारियाँ की हैं, लेकिन तीव्र भीड़ के कारण शहर में अराजकता बढ़ती जा रही है। संकरे रास्ते, लंबी कतारें और भारी भीड़ के कारण सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखना बेहद मुश्किल हो गया है। इस दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से महाकुंभ के प्रचार के कारण और भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे हालात और भी जटिल हो गए हैं। कई श्रद्धालु, जो कुंभ मेला स्थल पर जगह नहीं पा रहे हैं, वे अब काशी और अयोध्या जैसे आसपास के शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे इन स्थानों पर भी दबाव बढ़ गया है।

काशी विश्वनाथ: बढ़ी हुई भीड़ से दबाव

महाकुंभ की वजह से बढ़ी हुई भीड़ का असर काशी विश्वनाथ मंदिर में भी देखा जा रहा है। यह मंदिर हमेशा से ही एक प्रमुख तीर्थ स्थल रहा है, लेकिन अब लाखों श्रद्धालु यहाँ पहुँच रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, जो श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक प्रमुख परियोजना थी, के बावजूद, यहां की भीड़ को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो रहा है। श्रद्धालुओं को घंटों तक मंदिर में प्रवेश पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है और कई बार उन्हें मंदिर के अंदर जाने का मौका भी नहीं मिल रहा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास की सड़कों पर यातायात जाम लग जाता है और सार्वजनिक सुविधाएं अत्यधिक दबाव में हैं। इससे स्थानीय प्रशासन को स्थिति नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही हैं।

अयोध्या: राम मंदिर के साथ बढ़ी हुई भीड़

अयोध्या, जहां भगवान राम का जन्म हुआ और नए राम मंदिर का निर्माण हुआ, भी श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। महाकुंभ के दौरान यहां भी भक्तों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। हालांकि शहर में तीव्र गति से बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, फिर भी बढ़ती संख्या में श्रद्धालुओं को समायोजित करने में कठिनाई हो रही है। अयोध्या की सड़कें अक्सर पैदल यात्रा करने वालों से भरी रहती हैं और मंदिरों के आसपास जगह-जगह भीड़ लग जाती है। प्रमुख धार्मिक आयोजनों और उत्सवों के दौरान, अयोध्या की सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो जाता है। इससे शहर की संसाधन व्यवस्थाएं और अधिक दबाव में आ जाती हैं।

बढ़ी हुई भीड़ के कारण

महाकुंभ, काशी विश्वनाथ और अयोध्या में भीड़ का मुख्य कारण निम्नलिखित है:

1. श्रद्धालुओं का प्रवाह: प्रयागराज में महाकुंभ स्थल की सीमित क्षमता के कारण कई श्रद्धालु अब काशी और अयोध्या जैसी जगहों पर आकर वहां धार्मिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं, जिससे इन शहरों में भी भीड़ बढ़ रही है।

2. धार्मिक महत्व: इन तीर्थ स्थलों का धार्मिक महत्व श्रद्धालुओं को यहां आने के लिए आकर्षित करता है। महाकुंभ के दौरान ये स्थान विशेष रूप से भीड़-भाड़ से भर जाते हैं।

3. सोशल मीडिया और सुगमता: सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक आयोजनों की जानकारी जल्दी फैल जाती है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है। साथ ही, इन स्थलों तक पहुंच अब पहले से कहीं अधिक सुगम हो गई है।

4. तैयारी की कमी: इन तीर्थ स्थलों के बुनियादी ढांचे में अभी भी सुधार की आवश्यकता है, ताकि अचानक आई भीड़ को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके।

स्थानीय प्रशासन की चुनौती

प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या में स्थानीय प्रशासन भारी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। हजारों सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, डिजिटल टिकटिंग सिस्टम, और बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था को लागू किया गया है। हालांकि, इन उपायों के बावजूद, बढ़ती भीड़ के बीच स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। 

शाही स्नान के पूर्व भक्तों की भीड़ का आकलन कर पाना मुश्किल है , इन शहरों के तक पहुचना भी अपने आप में एक कार्य है घंटों लम्बे जाम में पूरी यातायात को बिगाड़ दिया है इससे यात्रा कर रहे लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, और तो और जो लोग हिम्मत कर भी जा रहे है उमड़ती कारण अपनी यात्रा को बिना दर्शन किये पूरी नहीं कर पा रहे हैं। 

आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं भी अत्यधिक दबाव में हैं, और सर्दी के मौसम में यात्रा की गति धीमी हो रही है। स्थानीय व्यवसायियों को भी इस भीड़ के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आवास, परिवहन और खाद्य सामग्री की भारी मांग बढ़ गई है।

प्रशासन का समाधान

स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए स्थानीय सरकारें और मंदिर प्राधिकरण कई कदम उठा रहे हैं। अस्थायी आवास, बेहतर समन्वय, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित भीड़ प्रबंधन तकनीकी उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, आपातकालीन योजनाओं के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को भी तैनात किया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बुनियादी ढांचे, भीड़ प्रबंधन और लॉजिस्टिक योजना में लंबी अवधि के सुधार नहीं किए गए, तो सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ सकते हैं।

महाकुंभ 2025 ने लाखों श्रद्धालुओं के धार्मिक उत्साह को उजागर किया है, लेकिन इसने भारत के तीर्थ स्थल बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर किया है। प्रयागराज में बढ़ी भीड़ के कारण काशी विश्वनाथ और अयोध्या जैसे आसपास के शहर भी प्रभावित हो रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा और समर्पण के साथ साथ शांति और व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सके।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी को जीवनभर मिलेगी सैलरी: 100 रुपये से बढ़कर 38,500 रुपये हुआ मासिक वेतन।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी मिलती रहेगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसा फैसला लिया है. सत्येंद्र दास की उम्र 87 साल है, जो बीते 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे हैं.

मंदिर ट्रस्ट ने सत्येंद्र दास से मंदिर से जुड़े काम से मुक्ति का आग्रह भी किया है. हालांकि, सत्येंद्र दास अपने हिसाब से जब चाहें मंदिर में आ-जा सकते हैं और पूजा कर सकते हैं. बीते 25 नवंबर को हुई ट्रस्ट की बैठक में ऐसी चर्चा हुई थी कि उन्हें आजीवन सैलरी मिलती रही. बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी देने पर अपनी सहमति जताई थी.

34 साल से राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी

रामजन्मभूमि में 1 मार्च 1992 से ही आचार्य सत्येंद्र दास बतौर मुख्य अर्चक सेवा दे रहे हैं. शुरुआती दौर में उनकी सैलरी काफी कम थी. उन्हें एक महीने का पारिश्रमिक 100 रुपये मिलता था. हालांकि, अब वेतन में काफी इजाफा हो गया है. अब सत्येंद्र दास को 38500 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है.

राम मंदिर में 14 पुजारी तैनात

आचार्य सत्येंद्र दास मुख्य पुजारी हैं. इसके अलावा अन्य 13 पुजारी मंदिर में सेवा दे रहे हैं. नौ नए पुजारियों की हाल ही में मंदिर में तैनाती की गई है. वहीं अन्य 4 पहले से हैं. जब रामलला की मूर्ति टेंट में विराजमान थी, तब से आचार्य सत्येंद्र दास पुजारी के तौर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी. अब भी सत्येंद्र दास ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं.

सत्येंद्र दास के मुताबिक, ट्रस्ट के लोग उनसे मिले थे. स्वास्थ्य व बढ़ती उम्र की बात कहकर राम मंदिर से जुड़े काम से हटने का आग्रह किया है. हालांकि, उन्होंने आजीवन सैलरी देने की बात कही है. आचार्य सत्येंद्र दास की गिनती संस्कृत के प्रकांड विद्वानों में होती है. 1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की थी. 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में उन्होंने बतौर सहायक अध्यापक जॉइन की थी.

कमिश्नर और आईजी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष के साथ की बैठक

अयोध्या।मण्डलायुक्त/अध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण गौरव दयाल ने पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार पाण्डेय के साथ मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत् अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की जाने वाली वशिष्ठ कुंज फेज-1, आवासीय योजना (रेरा पंजीकरण संख्या UPRERAPRJ207195/11/ 2024) को लॉन्च किया गया।

वशिष्ठ कुंज फेज-1 आवासीय योजना में विभिन्न श्रेणी के कुल 600 आवासीय भूखंडों का आवंटन किया जाना है। आवंटन के लिए आवेदक प्राधिकरण की वेबसाइट  vashishtkunj.ayodhyada.in पर ऑनलाइन आवेदन दिनांक-09.12.2024 से 08.01.2025 तक कर सकते है। उन्होंने बताया कि इस योजना में आवासीय भूखंडों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जायेगा। वशिष्ठ कुंज योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल का भी एवं वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया।

मण्डलायुक्त ने कहा कि वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग सं0-27 पर फिरोजपुर उपरहार में स्थित है। यह योजना श्री राम जन्मभूमि मन्दिर परिसर से 20 कि0मी0, महर्षि वाल्मीकि इंटरनेश्नल एयरपोर्ट से 12 कि०मी० तथा अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से 12 कि०मी० दूरी पर स्थित है। वशिष्ठकुंज आवासीय अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर प्रस्तावित भव्य श्री राम प्रवेश द्वार एवं 05 हेक्टेयर भू-भाग पर बनाये जाने वाले टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर से सन्निकट है। योजना में 18 मी0, 24 मी0 एवं 30मी0 चौड़ी सड़को का प्राविधान किया गया है। योजना में एस0टी0पी0, विद्युत सब्सटेशन, पार्क, नियमित जलापूर्ति, अस्पताल, स्कूल, पुलिस चौकी, कम्यूनिटी सेंटर, कॉमर्शियल शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल एवं ग्रुप हाउसिंग इत्यादि का प्रविधान भी किया गया है।

उन्होंने कहा कि योजना में ई0डब्लू0एस0, एल0आई0जी0, एम0आई0जी0, एच0आई0जी0 के भूखण्ड को सम्मिलित किया गया है। ई०डब्लू०एस० श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 36 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0-10.49 लाख, एल०आई०जी० श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 50 वर्ग मी0 से 60 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0 15.76 लाख से 18.91 लाख, एम०आई०जी० श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 75 वर्ग मी0 से 112 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0 24.24 लाख से 36.36 लाख एवं एच०आई०जी श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 162 वर्ग मी० से 200 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0-52.35 लाख से 64.64 लाख तक है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत आरक्षण संबंधी शासनादेशों के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग इत्यादि को नियामानुसार आरक्षण देय होगा। आवेदन केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकार किये जायेगें। आवेदनकर्ता को 1000 रूपये आवेदन शुल्क (नॉन रिफण्डेबल) तथा भूखण्ड के अनुमानित मूल्य का 10 प्रतिशत सामान्य वर्ग हेतु तथा 05 प्रतिशत आरक्षित वर्ग हेतु देय होगा। इस अवसर पर सचिव अयोध्या विकास प्राधिकरण सहित सम्मानित मीडिया बंधु उपस्थित रहे।

राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा-हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे*
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खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो मैसेज में 16 और 17 नवंबर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। वीडियो के माध्यम से मिली धमकी के बाद पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्मभूमि समेत रामनगरी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन है। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए ट्रेंड हैं। पन्नू की धमकी का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा की गई है। साथ ही वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। *पिछले महीने भी दी थी धमकी* ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने धमकी दी है। इससे पहले 21 अक्टूबर को पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके 15 दिन बाद 19 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी। 19 नवंबर को अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल था।
राम मंदिर ध्वजारोहणः अयोध्या पहुंचे पीएम मोदी, थोड़ी देर में रोड शो

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राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 25 नवंबर को अयोध्या पहुंच गए हैं। पीएम मोदी का यह अयोध्या दौरा आध्यात्मिक रूप से बेहद खास है। यहां पीएम मोदी राम मंदिर के शिखर पर अभिजीत मुहूर्त में भगवा ध्वज फहराएंगे। ध्वाजारोहण का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। ऐसा बताया जा रहा है कि 32 मिनट का यह शुभ योग भगवान श्रीराम के जन्म नक्षत्र अभिजीत मुहूर्त से मेल खाता है।

सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की आगवानी

साकेत कॉलेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। साकेत कॉलेज के हेलीपैड पर ही प्रधानमंत्री की अगवानी की गई।

अयोध्या में सुरक्षा कड़ी

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ‘ध्वजारोहण’ समारोह के लिए अयोध्या में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। कार्यक्रम को लेकर 14 एसपी स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई है। इतना ही नहीं, सुरक्षा में 30 ASP, 90 डिप्टी एसपी, 242 इंस्पेक्टर, 1060 एसआई, 80 महिला एसआई, 3090 पुरुष हेड कांस्टेबल, 448 महिला हेड कांस्टेबल के नेतृत्व में पुलिस बलों को तैनात किया गया है।

ट्रैफिक व्यवस्था भी मुस्तैद

साथ ही, कार्यक्रम के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए 16 टीआई, 130 टीएसआई और 820 ट्रैफिक सिपाही भी मुस्तैद रहेंगे। इनके अलावा एटीएस कमांडो की दो, एनएसजी स्नाइपर की दो, एंटी ड्रोन यूनिट की एक टीम भी तैनात की गई है. बम निरोधक दस्ते की 9 टीम, 15 स्पॉट चेक टीम,105 दरवाजा नुमा मेटल डिटेक्टर, 380 हाथ वाले मेटल डिटेक्टर के साथ चार साइबर कमांडो भी कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद किए गए हैं।

दीपोत्सव 2025ः ‘एक दीया राम के नाम’ से दुनियाभर से श्रद्धालु कर सकेंगे वर्चुअल दीप प्रज्ज्वलन : जयवीर सिंह
*राम ज्योति, सीता ज्योति और लक्ष्मण ज्योति नाम से तीन ऑनलाइन पैकेज*

लखनऊ। भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या दिव्यता और भक्ति के आलोक से एक बार फिर जगमगाने को तैयार है। दीपोत्सव-2025 के भव्य आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस वर्ष आयोजन में 26 लाख से अधिक दीपों के प्रज्ज्वलन और 2100 श्रद्धालुओं द्वारा सामूहिक महाआरती के साथ दो नए विश्व कीर्तिमान स्थापित किए जाएंगे, जिसका साक्षी देश-दुनिया के करोड़ों श्रद्धालु बनेंगे।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि एक दीया राम के नाम ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण कर श्रद्धालु वर्चुअल दीप प्रज्वलित कर प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं। साथ ही, अपने प्रियजनों के लिए मंगलकामनाएं भेज सकते हैं। उन्होंने बताया, अयोध्या दीपोत्सव अब वैश्विक स्तर पर लोगों को जोड़ने वाला आयोजन बन गया है। एक दीया राम के नाम जैसी पहल ने दीपोत्सव को वैश्विक स्तर पर और समावेशी बनाने का प्रयास किया गया है।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया श्री रामजन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, वहीं अनेकों श्रद्धालु प्रतिभाग करने के लिए इच्छुक हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए दिव्य अयोध्या ऐप के माध्यम से विश्व भर से डिजिटल दीप प्रज्वलित करने की व्यवस्था की है। दिव्य अयोध्या ऐप पर श्रद्धालुओं के लिए तीन प्रकार के पैकेज उपलब्ध हैं। राम ज्योति नाम से 2100 रुपए का पैकेज अयोध्या दीपोत्सव 2025 के एक दीया राम के नाम के नाम का सर्वाेत्तम संकल्प है। इसमें रोली, सरयू जल (पीतल के लोटे में), अयोध्या रज, रामदाना, मिश्री, रक्षा सूत्र, हनुमान गढ़ी के लड्डू और चरण पादुका (खड़ाऊ) जैसे आठ घटक सम्मिलित हैं। ऑनलाइन संकल्प पूर्ण करने पर यह संपूर्ण पवित्र प्रसाद सीधे आपके घर तक पहुंचाया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए सीता ज्योति नाम से 1100 रुपए में एक अन्य पैकेज उपलब्ध है। माता सीता को समर्पित इस पैकेज में रोली,  सरयू जल (पीतल के लोटे में), रामदाना, रक्षा सूत्र और हनुमान गढ़ी के लड्डू जैसे पांच घटक सम्मिलित हैं। वहीं, भगवान राम के भाई लक्ष्मण के पराक्रम और सेवा भाव को समर्पित 501 रुपए के लक्ष्मण ज्योति नाम के पैकेज में रोली, अयोध्या रज, रामदाना, रक्षा सूत्र और मिश्री जैसे पांच घटक सम्मिलित हैं। भक्त ऑनलाइन संकल्प लेकर इस पैकेज को अपने घर पर प्राप्त कर सकते हैं और दीपोत्सव-2025 में आध्यात्मिक रूप से सहभागी बन सकते हैं।
दिव्य अयोध्या एक पर्यटन आधारित मोबाइल एप्लिकेशन एवं वेब पोर्टल है, जिसे अयोध्या आने वाले भक्तों और पर्यटकों को ध्यान में रख तैयार किया गया है। यह आगंतुकों को अयोध्या में घूमने और धार्मिक स्थलों की जानकारी खोजने में मदद करता है। ऐप को पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। पर्यटकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर होटल, होम स्टे बुकिंग, गाइडेड टूर, टैक्सी बुकिंग एवं अन्य सेवाएं उपलब्ध होती हैं। यह एप्लिकेशन होम स्टे परियोजना के अंतर्गत विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य अयोध्या आने वाले पर्यटकों के अनुभव को अधिक उत्कृष्ट बनाना है। दिव्य अयोध्या ऐप को कोई भी श्रद्धालु गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इच्छुक श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद की ओर से जारी www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad  पर जाकर भी सेवाएं ले सकता है।
Parvathy Ananthanarayanan Mangala: Spreading Ancient Wisdom for Modern Living

In the sacred city of Ayodhya, where timeless wisdom meets modern aspiration, Parvathy Ananthanarayanan Mangala is crafting a unique literary legacy through her initiative, Ram SwaRajya Library. A writer, thinker, and believer in the transformative power of spirituality, Parvathy has dedicated herself to bridging the gap between ancient Indian values and contemporary life.Through her collection of short spiritual fiction books, written under the pen name Ram SwaRajya, she weaves stories that draw inspiration from Lord Rama’s ideals of truth, compassion, and righteousness. Each story — designed to be read in just 15 to 20 minutes — offers readers a spark of inspiration, reminding them that age-old wisdom still holds the key to peace and purpose in the 21st century.

The vision behind the Ram SwaRajya Library was born from Parvathy’s personal journey through emotional pain and resilience. Despite facing misunderstandings and life’s challenges, she chose not to surrender but to transform her experiences into meaningful stories that could uplift others walking similar paths. Her goal is simple yet profound: to make spirituality accessible and relevant to everyone, regardless of age or background.

Parvathy’s journey is one of courage and conviction. Leaving behind her home in Dombivli, Maharashtra, she moved to Ayodhya in July 2025, funding her dream entirely through personal savings, credit loans, and the generosity of a few well-wishers. In just 60 days, she wrote 11 books, two of which are already available on Amazon. Her dedication stands as a powerful example of what faith and determination can achieve.

Digital technology, including tools like WhatsApp, online publishing, and AI, played a vital role in turning her vision into reality—proving how tradition and technology can coexist harmoniously for a greater purpose.

Looking ahead, Parvathy envisions expanding the Ram SwaRajya Library to include 1,000 books that celebrate Indian culture, spirituality, and human values. Her mission is not just to write books but to build a global repository of wisdom that inspires readers to live more meaningful, compassionate lives.

In every sense, Parvathy’s work embodies the essence of humanity—using words as her instrument to heal, inspire, and elevate the collective consciousness of society.

Readers can visit this link to know about her initiative -

www.wiseom.co.in/2025/10/welcome-to-ram-swarajya-library-journey.html

Archana Yadav’s The Destination Panner Brings Customized and Eco-Friendly Travel Experiences to Modern Explorers

Lucknow, India – August 2025: For travelers who seek journeys filled with authenticity and responsibility, The Destination Panner is emerging as a refreshing new name in the industry. Founded by Archana Yadav, daughter of Mr. Mahesh Chand Yadav and Mrs. Usha Yadav, the company is built on her vision to make travel more personal, meaningful, and eco-conscious. With an MBA to her credit and a lifelong passion for exploration, Archana has turned her dream into a reality that is now inspiring modern explorers to travel differently.

Archana’s story is one of determination and resilience. Growing up in a grounded family that valued hard work, she cultivated a love for discovering new places and cultures. Her father’s professionalism and her mother’s guidance shaped her belief in perseverance, while her own curiosity made her a natural hodophile. Yet, her journey to building a company was not free of struggles. Balancing academics, professional aspirations, and a desire to start something of her own meant facing several hurdles. Financial challenges, market competition, and moments of self-doubt were all part of her path. However, with faith, persistence, and the support of her family, Archana was able to transform her passion into The Destination Panner, a travel brand that is quickly being recognized for its forward-thinking approach.

Unlike agencies that push rigid itineraries, The Destination Panner emphasizes flexibility and authenticity. Every trip is designed to reflect the traveler’s unique interests, offering an experience that goes beyond sightseeing and connects them with culture, traditions, and hidden gems. At its core, the company believes in balancing enjoyment with responsibility, ensuring that travel not only leaves memories for visitors but also respects and preserves the destinations. This philosophy of personalization, authenticity, and sustainability has already resonated with thousands of travelers, earning the platform widespread appreciation and a strong 4.9-star rating on Tripadvisor.

Reflecting on her vision, Archana explains that her mission is to make journeys unforgettable while ensuring that they remain responsible. She believes that travel should inspire meaningful connections and create stories that stay with travelers long after the journey ends. Her commitment to blending modern comfort with eco-friendly practices has positioned The Destination Panner as a trusted choice for families, couples, solo explorers, and corporate groups alike.

From the very beginning, Archana has worked to build reliable partnerships, secure tie-ups with branded hotels, and establish a strong network of domestic and international vendors. She has also assembled a dedicated team with expertise in travel planning and customer service, ensuring that every detail of a trip is handled with care. With early travel packages such as the Ayodhya Tour ex-Bangalore and the Ayodhya Short Tour already drawing strong interest, the company is making premium travel experiences both accessible and affordable.

Through her vision, hard work, and commitment to sustainability, Archana Yadav has turned The Destination Panner into much more than a travel agency. It is a symbol of how passion and perseverance can redefine an industry, a movement towards responsible tourism, and a promise of journeys that are as enriching as they are memorable.

For more information visit https://www.thedestinationpanner.in/ 

होटल अवध विलास में आराम और भव्यता का संगम

 

अयोध्या, जहां श्रद्धा और संस्कृति का संगम होता है, वहां एक ऐसा ठिकाना है जो परंपरा और आधुनिकता का अनूठा मेल प्रस्तुत करता है- होटल अवध विलास। यह होटल न केवल आपको आरामदायक और स्वच्छ आवास प्रदान करता है, बल्कि एक ऐसा वातावरण भी देता है जहां आप अपने प्रवास को सुखद और यादगार बना सकते हैं। अयोध्या के हृदय में स्थित, होटल अवध विलास अपनी उत्कृष्ट सेवा और समर्पण के साथ हर अतिथि को घर जैसा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।होटल अवध विलास का उद्देश्य अपने मेहमानों को ऐसी सुविधा और सेवा देना है, जो उन्हें आध्यात्मिक यात्रा के दौरान मानसिक शांति और शारीरिक आराम दोनों प्रदान कर सके। चाहे आप धार्मिक अन्वेषण के लिए आए हों, सांस्कृतिक धरोहरों को देखने निकले हों, या बस आराम फरमाने की चाह रखते हों, यह होटल आपके लिए आदर्श स्थान है। इसकी बेहतरीन लोकेशन के कारण आप यहां से अयोध्या के प्रमुख स्थलों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। सरयू नदी केवल 500 मीटर की दूरी पर है, श्रीराम जन्मभूमि मात्र 1 किलोमीटर दूर स्थित है, और हनुमान गढ़ी भी महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है।

होटल अवध विलास में उपलब्ध सुविधाएं इसे अन्य होटलों से अलग बनाती हैं। यहां के कमरे अत्यंत स्वच्छ और सुव्यवस्थित हैं, जो आधुनिक सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। कमरे वातानुकूलित हैं, जिनमें 24 घंटे गर्म पानी, मुफ्त वाई-फाई, और आरामदायक बिस्तर उपलब्ध हैं, जिससे आपके ठहरने का अनुभव और भी आनंददायक हो जाता है। इसके अलावा, यहां का रेस्तरां भी अपनी खास पहचान रखता है, जहां शुद्ध और स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। यदि आप कमरे में ही भोजन करना चाहते हैं तो रूम सर्विस की सुविधा भी मौजूद है, जिससे आपको किसी प्रकार की असुविधा न हो।

होटल अवध विलास न केवल आराम और लक्ज़री का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा और सुविधा के मामले में भी अव्वल है। यहां 24/7 सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षित पार्किंग, और अनुभवी स्टाफ की व्यवस्था है, जो आपके प्रवास को तनावमुक्त बनाता है। इसके अतिरिक्त, होटल के भीतर 24/7 वाई-फाई सेवा उपलब्ध है, जिससे आप अपनों के संपर्क में रह सकते हैं और अपने आध्यात्मिक या व्यावसायिक कार्य भी निर्बाध रूप से कर सकते हैं।

यदि आप अयोध्या की यात्रा को वास्तव में विशेष और आरामदायक बनाना चाहते हैं, तो होटल अवध विलास आपकी पहली पसंद होना चाहिए। यहां की उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं, बेहतरीन लोकेशन और मेहमानों के प्रति विशेष आतिथ्यभाव इसे अयोध्या का सबसे लोकप्रिय होटल बनाते हैं। आध्यात्मिकता और आधुनिकता के इस संगम का अनुभव लेने के लिए आज ही अपनी बुकिंग करें।

अधिक जानकारी और बुकिंग के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें: www.hotelawadhvilasayodhya.com

प्रयागराज ही नहीं, अयोध्या-बनारस का भी ऐसा हाल… गंगा-सरयू में डुबकी लगाने उमड़ी भीड़

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के चलते प्रयागराज (Prayagraj Mauni Amavasya) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन इसका असर सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं बल्कि कई अन्य तीर्थ स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो अभी इन तीर्थस्थलों पर न आएं. अयोध्या, काशी और कई अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला. अयोध्या की सरयू नदी और बनारस (Ayodhya-Varanasi) के घाट पर भी लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे रहे हैं.

प्रयागराज से अयोध्या 168 किलोमीटर दूर अयोध्या है. इसलिए कई श्रद्धालु संगम में शाही स्नान के बाद राम नगरी अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. यहां सरयू नदी है. कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं जो मौनी अमावस्या पर प्रयागराज तो नहीं जा पा रहे, लेकिन उसकी जगह यहां सरयू नदी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह 3 बजे से ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे.

ऐसा ही हाल कुछ काशी यानी बनारस का भी है. प्रयागराज से वाराणसी सिर्फ 136 किलोमीटर दूर है. दूर-दराज से महाकुंभ आए श्रद्धालु बनारस और अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. बनारस वासी और उसके आस-पास के लोग मौनी अमावस्या पर यहीं घाट (गंगा नदी) पर डुबकी लगाकर स्नान कर रहे हैं. मौनी अमावस्या की धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन कहा जाता है कि धरती पर पितरों का वास भी होता है. ऐसी स्थिति में पितरों के निमित्त दान पुण्य का भी विधान है. शायद यही वजह है कि मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जैसे पवित्र नदी में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं.

क्या कहा राम मंदिर ट्रस्ट ने

ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वो 15 दिन बाद ही अयोध्या आएं. चंपत राय ने कहा- महाकुंभ और मौनी अमावस्या के चलते बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं. पिछले चार दिनों से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

15-20 दिन बाद आएं अयोध्या

उन्होंने आगे कहा- अयोध्या धाम की आबादी एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और भक्तों को परेशानी का कारण बन रहा है. परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि भक्तों को अधिक पैदल चलाना पड़ रहा है. अतः निवेदन है कि पास पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने अयोध्या पधारें. ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर सकें. इससे सभी को सुविधा होगी. बसंत पंचमी के बाद फरवरी महीने में काफी राहत रहेगी. मौसम भी अच्छा हो जाएगा. मेरे इस निवेदन पर अवश्य विचार करें.

महाकुंभ 2025 में अराजक भीड़: काशी विश्वनाथ और अयोध्या में भी बढ़ी भीड़ का दबाव

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Mahakumbh 2025

प्रयागराज (इलाहाबाद) में चल रहे महाकुंभ ने कड़ोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक सम्मेलन है, और जैसे-जैसे यह महाकुंभ बढ़ रहा है, इसे लेकर सुरक्षा, यातायात और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ भी बढ़ रही हैं। महाकुंभ के कारण बढ़ी भीड़ अब काशी विश्वनाथ मंदिर और अयोध्या जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भी दबाव डाल रही है, जिससे इन धार्मिक केंद्रों पर भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गई है।

 महाकुंभ 2025: श्रद्धा या अराजकता?

महाकुंभ, जो हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है, हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। इस बार के महाकुंभ में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो पहले से ही प्रयागराज के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव डाल रहे हैं। हालांकि, आयोजकों ने शहर की सड़कों, अस्थायी पुलों, और अस्थायी सुविधाओं के निर्माण के माध्यम से तैयारियाँ की हैं, लेकिन तीव्र भीड़ के कारण शहर में अराजकता बढ़ती जा रही है। संकरे रास्ते, लंबी कतारें और भारी भीड़ के कारण सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखना बेहद मुश्किल हो गया है। इस दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से महाकुंभ के प्रचार के कारण और भी ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे हालात और भी जटिल हो गए हैं। कई श्रद्धालु, जो कुंभ मेला स्थल पर जगह नहीं पा रहे हैं, वे अब काशी और अयोध्या जैसे आसपास के शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे इन स्थानों पर भी दबाव बढ़ गया है।

काशी विश्वनाथ: बढ़ी हुई भीड़ से दबाव

महाकुंभ की वजह से बढ़ी हुई भीड़ का असर काशी विश्वनाथ मंदिर में भी देखा जा रहा है। यह मंदिर हमेशा से ही एक प्रमुख तीर्थ स्थल रहा है, लेकिन अब लाखों श्रद्धालु यहाँ पहुँच रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, जो श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एक प्रमुख परियोजना थी, के बावजूद, यहां की भीड़ को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो रहा है। श्रद्धालुओं को घंटों तक मंदिर में प्रवेश पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है और कई बार उन्हें मंदिर के अंदर जाने का मौका भी नहीं मिल रहा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास की सड़कों पर यातायात जाम लग जाता है और सार्वजनिक सुविधाएं अत्यधिक दबाव में हैं। इससे स्थानीय प्रशासन को स्थिति नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही हैं।

अयोध्या: राम मंदिर के साथ बढ़ी हुई भीड़

अयोध्या, जहां भगवान राम का जन्म हुआ और नए राम मंदिर का निर्माण हुआ, भी श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। महाकुंभ के दौरान यहां भी भक्तों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। हालांकि शहर में तीव्र गति से बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, फिर भी बढ़ती संख्या में श्रद्धालुओं को समायोजित करने में कठिनाई हो रही है। अयोध्या की सड़कें अक्सर पैदल यात्रा करने वालों से भरी रहती हैं और मंदिरों के आसपास जगह-जगह भीड़ लग जाती है। प्रमुख धार्मिक आयोजनों और उत्सवों के दौरान, अयोध्या की सड़कों पर चलना भी मुश्किल हो जाता है। इससे शहर की संसाधन व्यवस्थाएं और अधिक दबाव में आ जाती हैं।

बढ़ी हुई भीड़ के कारण

महाकुंभ, काशी विश्वनाथ और अयोध्या में भीड़ का मुख्य कारण निम्नलिखित है:

1. श्रद्धालुओं का प्रवाह: प्रयागराज में महाकुंभ स्थल की सीमित क्षमता के कारण कई श्रद्धालु अब काशी और अयोध्या जैसी जगहों पर आकर वहां धार्मिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं, जिससे इन शहरों में भी भीड़ बढ़ रही है।

2. धार्मिक महत्व: इन तीर्थ स्थलों का धार्मिक महत्व श्रद्धालुओं को यहां आने के लिए आकर्षित करता है। महाकुंभ के दौरान ये स्थान विशेष रूप से भीड़-भाड़ से भर जाते हैं।

3. सोशल मीडिया और सुगमता: सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक आयोजनों की जानकारी जल्दी फैल जाती है, जिससे श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है। साथ ही, इन स्थलों तक पहुंच अब पहले से कहीं अधिक सुगम हो गई है।

4. तैयारी की कमी: इन तीर्थ स्थलों के बुनियादी ढांचे में अभी भी सुधार की आवश्यकता है, ताकि अचानक आई भीड़ को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सके।

स्थानीय प्रशासन की चुनौती

प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या में स्थानीय प्रशासन भारी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। हजारों सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, डिजिटल टिकटिंग सिस्टम, और बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था को लागू किया गया है। हालांकि, इन उपायों के बावजूद, बढ़ती भीड़ के बीच स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। 

शाही स्नान के पूर्व भक्तों की भीड़ का आकलन कर पाना मुश्किल है , इन शहरों के तक पहुचना भी अपने आप में एक कार्य है घंटों लम्बे जाम में पूरी यातायात को बिगाड़ दिया है इससे यात्रा कर रहे लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, और तो और जो लोग हिम्मत कर भी जा रहे है उमड़ती कारण अपनी यात्रा को बिना दर्शन किये पूरी नहीं कर पा रहे हैं। 

आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं भी अत्यधिक दबाव में हैं, और सर्दी के मौसम में यात्रा की गति धीमी हो रही है। स्थानीय व्यवसायियों को भी इस भीड़ के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आवास, परिवहन और खाद्य सामग्री की भारी मांग बढ़ गई है।

प्रशासन का समाधान

स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए स्थानीय सरकारें और मंदिर प्राधिकरण कई कदम उठा रहे हैं। अस्थायी आवास, बेहतर समन्वय, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित भीड़ प्रबंधन तकनीकी उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, आपातकालीन योजनाओं के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को भी तैनात किया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बुनियादी ढांचे, भीड़ प्रबंधन और लॉजिस्टिक योजना में लंबी अवधि के सुधार नहीं किए गए, तो सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ सकते हैं।

महाकुंभ 2025 ने लाखों श्रद्धालुओं के धार्मिक उत्साह को उजागर किया है, लेकिन इसने भारत के तीर्थ स्थल बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को भी उजागर किया है। प्रयागराज में बढ़ी भीड़ के कारण काशी विश्वनाथ और अयोध्या जैसे आसपास के शहर भी प्रभावित हो रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इन धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा और समर्पण के साथ साथ शांति और व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा सके।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी को जीवनभर मिलेगी सैलरी: 100 रुपये से बढ़कर 38,500 रुपये हुआ मासिक वेतन।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी मिलती रहेगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसा फैसला लिया है. सत्येंद्र दास की उम्र 87 साल है, जो बीते 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे हैं.

मंदिर ट्रस्ट ने सत्येंद्र दास से मंदिर से जुड़े काम से मुक्ति का आग्रह भी किया है. हालांकि, सत्येंद्र दास अपने हिसाब से जब चाहें मंदिर में आ-जा सकते हैं और पूजा कर सकते हैं. बीते 25 नवंबर को हुई ट्रस्ट की बैठक में ऐसी चर्चा हुई थी कि उन्हें आजीवन सैलरी मिलती रही. बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी देने पर अपनी सहमति जताई थी.

34 साल से राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी

रामजन्मभूमि में 1 मार्च 1992 से ही आचार्य सत्येंद्र दास बतौर मुख्य अर्चक सेवा दे रहे हैं. शुरुआती दौर में उनकी सैलरी काफी कम थी. उन्हें एक महीने का पारिश्रमिक 100 रुपये मिलता था. हालांकि, अब वेतन में काफी इजाफा हो गया है. अब सत्येंद्र दास को 38500 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है.

राम मंदिर में 14 पुजारी तैनात

आचार्य सत्येंद्र दास मुख्य पुजारी हैं. इसके अलावा अन्य 13 पुजारी मंदिर में सेवा दे रहे हैं. नौ नए पुजारियों की हाल ही में मंदिर में तैनाती की गई है. वहीं अन्य 4 पहले से हैं. जब रामलला की मूर्ति टेंट में विराजमान थी, तब से आचार्य सत्येंद्र दास पुजारी के तौर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी. अब भी सत्येंद्र दास ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं.

सत्येंद्र दास के मुताबिक, ट्रस्ट के लोग उनसे मिले थे. स्वास्थ्य व बढ़ती उम्र की बात कहकर राम मंदिर से जुड़े काम से हटने का आग्रह किया है. हालांकि, उन्होंने आजीवन सैलरी देने की बात कही है. आचार्य सत्येंद्र दास की गिनती संस्कृत के प्रकांड विद्वानों में होती है. 1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की थी. 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में उन्होंने बतौर सहायक अध्यापक जॉइन की थी.

कमिश्नर और आईजी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष के साथ की बैठक

अयोध्या।मण्डलायुक्त/अध्यक्ष अयोध्या विकास प्राधिकरण गौरव दयाल ने पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार एवं अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार पाण्डेय के साथ मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत् अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की जाने वाली वशिष्ठ कुंज फेज-1, आवासीय योजना (रेरा पंजीकरण संख्या UPRERAPRJ207195/11/ 2024) को लॉन्च किया गया।

वशिष्ठ कुंज फेज-1 आवासीय योजना में विभिन्न श्रेणी के कुल 600 आवासीय भूखंडों का आवंटन किया जाना है। आवंटन के लिए आवेदक प्राधिकरण की वेबसाइट  vashishtkunj.ayodhyada.in पर ऑनलाइन आवेदन दिनांक-09.12.2024 से 08.01.2025 तक कर सकते है। उन्होंने बताया कि इस योजना में आवासीय भूखंडों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जायेगा। वशिष्ठ कुंज योजना में ऑनलाइन आवेदन के लिए ऑनलाइन पोर्टल का भी एवं वेबसाइट को भी लॉन्च किया गया।

मण्डलायुक्त ने कहा कि वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग सं0-27 पर फिरोजपुर उपरहार में स्थित है। यह योजना श्री राम जन्मभूमि मन्दिर परिसर से 20 कि0मी0, महर्षि वाल्मीकि इंटरनेश्नल एयरपोर्ट से 12 कि०मी० तथा अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से 12 कि०मी० दूरी पर स्थित है। वशिष्ठकुंज आवासीय अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर प्रस्तावित भव्य श्री राम प्रवेश द्वार एवं 05 हेक्टेयर भू-भाग पर बनाये जाने वाले टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेन्टर से सन्निकट है। योजना में 18 मी0, 24 मी0 एवं 30मी0 चौड़ी सड़को का प्राविधान किया गया है। योजना में एस0टी0पी0, विद्युत सब्सटेशन, पार्क, नियमित जलापूर्ति, अस्पताल, स्कूल, पुलिस चौकी, कम्यूनिटी सेंटर, कॉमर्शियल शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल एवं ग्रुप हाउसिंग इत्यादि का प्रविधान भी किया गया है।

उन्होंने कहा कि योजना में ई0डब्लू0एस0, एल0आई0जी0, एम0आई0जी0, एच0आई0जी0 के भूखण्ड को सम्मिलित किया गया है। ई०डब्लू०एस० श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 36 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0-10.49 लाख, एल०आई०जी० श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 50 वर्ग मी0 से 60 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0 15.76 लाख से 18.91 लाख, एम०आई०जी० श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 75 वर्ग मी0 से 112 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0 24.24 लाख से 36.36 लाख एवं एच०आई०जी श्रेणी के भूखण्ड का क्षेत्रफल 162 वर्ग मी० से 200 वर्ग मी० तथा अनुमानित मूल्य प्रति भूखण्ड रू0-52.35 लाख से 64.64 लाख तक है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत आरक्षण संबंधी शासनादेशों के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग इत्यादि को नियामानुसार आरक्षण देय होगा। आवेदन केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही स्वीकार किये जायेगें। आवेदनकर्ता को 1000 रूपये आवेदन शुल्क (नॉन रिफण्डेबल) तथा भूखण्ड के अनुमानित मूल्य का 10 प्रतिशत सामान्य वर्ग हेतु तथा 05 प्रतिशत आरक्षित वर्ग हेतु देय होगा। इस अवसर पर सचिव अयोध्या विकास प्राधिकरण सहित सम्मानित मीडिया बंधु उपस्थित रहे।

राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कहा-हिंदुत्ववादी विचारधारा की नींव हिला देंगे*
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खालिस्तानी आतंकी और सिख फॉर जस्टिस के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अयोध्या में राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी है। पन्नू ने वीडियो मैसेज में 16 और 17 नवंबर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। वीडियो के माध्यम से मिली धमकी के बाद पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। राम जन्मभूमि समेत रामनगरी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन है। यहां तैनात सुरक्षा कर्मी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए ट्रेंड हैं। पन्नू की धमकी का वीडियो सामने आने के बाद एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा की गई है। साथ ही वीडियो की सत्यता की जांच भी की जा रही है। *पिछले महीने भी दी थी धमकी* ये पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने धमकी दी है। इससे पहले 21 अक्टूबर को पन्नू ने एअर इंडिया की फ्लाइट्स में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। 4 नवंबर 2023 को भी पन्नू ने एअर इंडिया के विमानों में बम ब्लास्ट की धमकी दी थी। इसके 15 दिन बाद 19 नवंबर को दिल्ली एयरपोर्ट को बंद करने की धमकी दी। 19 नवंबर को अहमदाबाद में क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल था।