बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा क्वार्टरों से हटाया गया अवैध कब्जा
बोकारो


बोकारो - जिले में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को मुक्त कराने के लिए बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, सेक्टर 12 ए और सेक्टर 9 में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को हटाया गया है। बोकारो स्टील सुरक्षा विभाग के जवानों ने घरों में रखे सभी सामानों को बाहर निकालने का काम किया और घरों में ताला बंद कर अपने कब्जे में लिया। बोकारो स्टील के सभी सेक्टरों में हजारों क्वार्टरों में अवैध कब्जा कर लोग रह रहे हैं। इस दौरान बोकारो स्टील डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों से कब्जा मुक्त करने को लेकर लगातार कार्रवाई जारी है।


       ज्ञात हो कि बोकारो स्टील प्लांट के सभी सेक्टर में सैकड़ो की संख्या में लोग क्वार्टर में कब्जा कर अवैध तरीके से रह रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन का मानना है कि ऐसे में आपराधिक तत्व के लोग भी इन क्वार्टरों में रहकर अपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित होते हैं और घटना को अंजाम देकर भाग जाते हैं जिसका पता लगाना काफी कठिन हो जाता है। इसलिए इस प्रकार के अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
टाइट सिक्योरिटी के बाद भी कैसे हैक हो जाता है WhatsApp?

डेस्क:–क्या आप लोगों ने कभी सोचा है कि आखिर व्हॉट्सऐप पर इतनी तगड़ी और टाइट सिक्योरिटी के बाद भी कैसे आसाी से अकाउंट हैक हो जाता है? आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं जिनकी वजह से आपका अकाउंट भी हैक हो सकता है।

दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp में यूजर्स की सेफ्टी और प्राइवेसी के लिए ढेरों शानदार फीचर्स दिए गए हैं। लेकिन कई बार हम लोग कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस वजह से व्हॉट्सऐप अकाउंट पर खतरा मंडराने लगता है। आज हम आप लोगों को कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं, जिनकी वजह से टाइट सिक्योरिटी के बावजूद भी आप लोगों का व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो सकता है।

*पहली गलती*

व्हाट्सएप में आफ लोगों की सेफ्टी के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर दिया गया है। लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिन्हें इस फीचर का पता तो है लेकिन लोगों ने इस फीचर को अब तक ऐनेबल ही नहीं किया है। इस फीचर की मदद से आपके अकाउंट पर सेफ्टी की एक एक्स्ट्रा लेयर क्रिएट हो जाती है और अकाउंट हैक करना मुश्किल हो जाता है।

अब ऐसे में इस फीचर को ऑन न करने की गलती भारी पड़ जाती है और हैकर्स आसानी से अकाउंट को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं।

*दूसरी गलती*

अगर आप भी पब्लिक WiFi नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, तो डिवाइस के हैक होने का खतरा आप पर मंडरा सकता है. फ्री वाई-फाई के चक्कर में अक्सर लोग इस तरह की गलती कर बैठते हैं जिस वजह से अकाउंट आसानी से हैक हो जाता है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि ऐसे नेटवर्क पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करें जो सिक्योर हो।

*तीसरी गलती*

कभी-कभी व्हाट्सएप अकाउंट को हैक करने के लिए मैलवेयर और स्पाइवेयर का भी यूज किया जाता है।ऐप्स को थर्ड पार्टी के जरिए इंस्टॉल करते वक्त मैलवेयर आपके डिवाइस में घुस सकता है जिससे अकाउंट हैक होने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में यही सलाह दी जाती है कि ऐप को गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐपल ऐप स्टोर जैसे ऑफिशियल स्टोर से ही इंस्टॉल करें।

*चौथी गलती*

कई बार हैकर्स लोगों को इस तरह का लालच देते हैं कि लोग व्हॉट्सऐप पर आए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने को मजबूर हो जाते हैं। इस बात की सलाह दी जाती है कि अगर कोई व्यक्ति आपको कोई लिंक भेजे तो उस लिंक पर आंख बंद करके भरोसा न करें क्योंकि अनजान लिंक पर क्लिक करने से अकाउंट हैक होने का खतरा बढ़ सकता है। इन गलतियों से बचकर आप अपने व्हाट्सएप अकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं।
Save on Every Category, Every Day: ProLooterz Keeps India’s Middle Class Shopping Smarter

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Whatsapp में ऐसे ढूंढें पुराने से पुराना मैसेज, सिर्फ डेट डालने से बनेगा काम

WhatsApp पर यूजर्स को पहले पुराना मैसेज ढूंढने में काफी परेशानी होती थी, यही वजह रही कि कंपनी ने यूजर्स की परेशानी को दूर करने के लिए ऐप में एक ऐसा काम का फीचर जोड़ा जिससे अब आसानी से किसी भी डेट के पुराने मैसेज को चुटकियों में ढूंढा जा सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर पुराने मैसेज को कैसे आप चुटकियों में ढूंढ सकते हैं

इस काम के लिए बस आपको कुछ सिंपल स्टेप्स को फॉलो करना होगा. आपको पूरी चैट को ऊपर नीचे करने की जरूरत नहीं है, बस आपको डेट पता होनी चाहिए जिस दिन का मैसेज आपको खोजना है. डेट डालने से आपका काम बन जाएगा.

WhatsApp Chat में ऐसे खोजें पुराना मैसेज

सबसे पहले फोन में WhatsApp खोलें.

चैट पर जाएं: जिस चैट में आप मैसेज ढूंढना चाहते हैं, उस चैट को ओपन कीजिए.

सर्च आइकन पर क्लिक करें: चैट स्क्रीन के ऊपर दाएं कोने में तीन डॉट्स पर क्लिक करें और फिर सर्च ऑप्शन को चुनें.

कैलेंडर आइकन ढूंढें: सर्च बार में आपको कैलेंडर आइकन दिखाई देगा, इस आइकन पर क्लिक कीजिए.

तारीख चुनें: कैलेंडर आइकन पर क्लिक करने के बाद उस तारीख को चुनें जिसका मैसेज आप ढूंढ रहे हैं.

मैसेज देखें: आपकी चुनी हुई तारीख के सभी मैसेज आपको दिखने लगेंगे.

इस फीचर का फायदा

समय की बचत: आपको पुराने मैसेज ढूंढने के लिए पूरी चैट को स्क्रॉल नहीं करना होगा.

आसान: इस फीचर को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है.

सटीक परिणाम: यह फीचर आपको केवल उस तारीख के मैसेज दिखाएगा जिसे आपने चुना है.

ध्यान दें

व्हॉट्सऐप में सर्च बाय डेट फीचर बहुत ही काम का है. आप इस फीचर का इस्तेमाल इंडीविजुअल और ग्रुप चैट के लिए कर सकते हैं. अगर आप किसी महीने के सभी मैसेज देखना चाहते हैं, तो आप कैलेंडर में उस महीने को चुन सकते हैं.

Dr. Rupali Sehdev: Empowering Confidence Through Beauty and Wellness

Bengaluru, India – Dr. RUPALI SEHDEV, a leader in the field of Aesthetic Dermatology, has transformed countless lives by helping individuals feel confident in their skin. With over 15 years of experience, Dr. Rupali has built a reputation for her expertise, compassion, and innovative approach. Her clinic, BEAUTY VEDAM, has become a trusted name in skincare, haircare, and wellness in Bengaluru.

Dr. RUPALI SEHDEV’s journey into aesthetics began with a strong academic foundation. She earned her BAMS MD degree from SKAMC College in Bangalore and further specialised by completing a postgraduate program in Advanced Clinical Research at ICRI Bangalore. Early in her career, she worked in diverse roles, including as a Research Associate Doctor and a Pharmacovigilance Clinical Officer, but her passion for direct patient care led her to pursue a career in aesthetic dermatology.

A turning point in Dr. RUPALI’s career came when her father, Shri Jagdish Kumar Sehdev, encouraged her to explore her potential in the field of cosmetology. Motivated by his unwavering support, Dr. Rupali Sehdev pursued advanced courses in Clinical Cosmetology and Trichology in both India and abroad. This decision marked the beginning of her remarkable journey in transforming the lives of her patients by addressing their aesthetic and dermatological needs.

In 2013, Dr. RUPALI SEHDEV fulfilled her dream by founding Beauty Vedam, a state-of-the-art Skin, Hair, Laser, and Acupuncture Clinic & Academy in Bangalore. The clinic operates with the core philosophy of "Inspiring Confidence." Dr. Rupali believes that self-confidence is the key to success, and her aim is to help people look and feel their best, allowing their personalities to shine through.

BEAUTY VEDAM offers a wide range of treatments tailored to individual needs. These include acne and scar treatments, laser hair removal, skin brightening, body contouring, fillers, bridal skin treatments, hair fall solutions, and hair transplants. Each service is designed to provide patients with the best care possible using the latest advancements in dermatology and aesthetics.

What sets Dr. RUPALI apart is her unique approach to healing, which combines clinical expertise with spiritual practices. She incorporates techniques such as Reiki, Crystal Healing, and Acupuncture into her treatments, addressing not just physical concerns but also emotional well-being. This holistic approach has earned her a loyal clientele and recognition as a pioneer in her field.

Dr. RUPALI’s commitment to excellence extends beyond her clinic. She mentors aspiring dermatologists and trichologists at the Beauty Vedam Academy, where she shares her knowledge and inspires the next generation of professionals. Her dedication to patient care and education has earned her numerous accolades, including recognition at the Bangalore Business Excellence Awards.

Her patients often describe her as a compassionate healer who listens with empathy and provides personalised solutions. Dr. Rupali Sehdev’s focus is not just on treating conditions but on empowering individuals to embrace their beauty and gain confidence. This philosophy has made Beauty Vedam a trusted destination for those seeking expert care in skin and hair treatments.

The success of BEAUTY VEDAM is a testament to Dr. RUPALI SEHDEV passion and perseverance. The clinic has become synonymous with quality care and has attracted clients seeking the best solutions for their skin and hair concerns. Dr. Rupali’s work serves as an inspiration, reminding us of the extraordinary achievements that come from following one’s passion with determination.

Located at BDA, 16th Main Road, Tavarekere, Aicobo Nagar, 1st Stage, BTM Layout, Bengaluru 560029, Beauty Vedam welcomes clients seeking professional aesthetic and wellness solutions.

For updates, follow Dr. Rupali Sehdev on Instagram For appointments, visit www.beautyvedam.com or WhatsApp

Dr. Rupali Sehdev continues to redefine the field of Aesthetic Dermatology, helping people look their best and feel confident as they face the world.

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वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम यूजर्स को मिले नए फीचर

डेस्क:–WhatsApp- Instagram अपने यूजर्स के एक्सपीरियंस को मजेदार और इनहान्स करने के लिए नए फीचर्स की पेशकश करते रहते हैं। अब मेटा के मालिकाना हक वाले दोनों ऐप्स ने यूजर्स के लिए कुछ नए फीचर रोलआउट किए हैं, जो यूजिंग एक्सपीरियंस को पहले से ज्यादा मजेदार बना देंगे। वॉट्सऐप के नए फीचर की बात करें तो कंपनी ने 'स्टेट्स विजिबिलिटी' में बदलाव किया है, जबकि इंस्टाग्राम पर अब यूजर्स को लोकेशन शेयर करने की भी सुविधा मिल गई है।

वॉट्सऐप पर स्टेट्स विजिबिलिटी बदल गई है, पहले किसी भी कॉन्टैक्ट नंबर का स्टेट्स गोले में दिखाई देता था, लेकिन अब वह बदलकर वर्टिकल हो गया है। जैसे फेसबुक पर किसी की स्टोरी दिखती है, ठीक वैसे ही अब वॉट्सऐप पर दिखेगा। फिलहाल यह सुविधा कुछ यूजर्स को मिली है। इसे धीरे-धीरे रोलआउट किया जा रहा है।

इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए भी नया फीचर रोलआउट किया गया है। अब यूजर्स इंस्टाग्राम पर भी लाइव लोकेशन शेयर कर सकते हैं। मेटा के अन्य ऐप्स पर पहले से ही यह सुविधा मौजूद थी, लेकिन अब इसे इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए भी कंपनी लेकर आ गई है। ध्यान रखना है कि लोकेशन सिर्फ एक घंटे के लिए ही एक्टिव रहेगी। इसके अलावा यूजर्स के लिए 17 नए स्टिकर पैक भी शामिल किए गए हैं। आप पसंदीदा स्टीकर डायरेक्ट मैसेज के जरिये भेज सकते हैं।

इंस्टाग्राम यूजर्स को नया निकनेम फीचर भी मिला है। इसमें यूजर किसी भी इंडिविजुअल चैट के लिए कोई भी नेम रख सकते हैं। यह फीचर ग्रुप के लिए भी काम करता है। कस्टमाइज करके नाम बदलने वाले इस फीचर को आप अपने दोस्तों के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। निकनेम रखने के लिए ज्यादा झंझट भी नहीं करना है। इसके लिए सिर्फ यूजर की प्रोफाइल पर जाना होता है। इसके बाद निकनेम वाले ऑप्शन पर क्लिक करके कोई भी नेम दे देना है और ओके करना है।
*ट्रंप के आने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म होने की कितनी उम्मीद, क्या बाइडेन ने बढ़ा दी है मुश्किलें?

#whatturncanrussiaukrainewartakeaftertrump_return 

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा चुने जाने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध अब कौन सा मोड़ ले सकता है, इस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने की घोषणा होने के तुरंत बाद जेलेंस्की ने ट्रंप को बधाई देते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति स्थापित होने की उम्मीद जाहिर की है। वहीं राष्ट्रपति पुतिन के क्रेमलिन कार्यालय ने भी कहा है कि अमेरिका अगर चाहता है तो मॉस्को बातचीत का विकल्प खुला रखेगा। मगर साथ में रूस ने यह भी कहा कि जब जनवरी में ट्रंप अपना कार्यभार संभालेंगे तो रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका की क्या नई पॉलिसी होगी, इस पर उसकी नजर बनी है।

अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के तहत यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में पर्याप्त सैन्य सहायता प्राप्त हुई है। यही वजह है कि रूस और अमेरिका के रिश्ते तनाव के चरम पर हैं। हालांकि, ट्रंप की वापसी के बाद उम्मीद की जा रही थी कि यूक्रेन रूस युद्ध रुक सकता है। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बाइडेन की नीतियों का विरोध किया था। देश की जनता के सामने ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन जंग शुरू ही नहीं होती।साथ ही व्हाइट हाउस वापसी के बाद उन्होंने जंग खत्म करने का वादा किया है। लेकिन जो बाइडेन के हालिया कदम से ऐसा लग रहा है कि वे ट्रंप के इस वादे को पूरा नहीं होने देंगे।

दरअसल, गाजा और यूक्रेन जंग के लंबा खिंचने के पीछे भी ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की कमजोर नीतियों को जिम्मेदार बताया है। लेकिन बाइडेन ने अपने आखिरी दिनों में यूक्रेन को फ्री हैंड दे दिया है।जो बाइडेन ने यूक्रेन को अमेरिका और पश्चिमी देशों के घातक हथियारों से रूसी जमीन पर हमला करने की छूट दे दी है। अब तक यूक्रेन को लंबी दूरी और घातक हथियारों से रूस पर हमले की परमिशन नहीं थी।

क्या युद्ध को बढ़ावा दे रहे बाइडन?

बाइडेन ने यूक्रेन को एटीएसीएमएस मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। अमेरिकी मिसाइलों के यूज पर बाइडन से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद जेलेंस्की के इरादों को जैसे पंख लग गए। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया।

बाइडेन के फैसले से युद्ध में नया मोड़ लिया

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन को युद्ध में लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति युद्ध में एक नया मोड़ ला दिया है। ट्रंप की वापसी के बाद उम्मीद की जा रही थी कि यूक्रेन रूस युद्ध रुक सकता है। लेकिन बाइडेन ने अपने आखिरी दिनों में यूक्रेन को फ्री हैंड दे दिया है। बाइडेन के इस फैसले का विरोध रूस में बड़े पैमाने पर देखने को मिला है। रूसी पार्लियामेंट के अपर हाउस फेडरेशन काउंसिल के सीनियर मेंबर आंद्रेई क्लिशास ने टेलीग्राम पर अमेरिका के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिमी देशों ने तनाव को इस स्तर तक बढ़ा दिया है कि इससे यूक्रेन का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इसके अलावा रूस के अंतरराष्ट्रीय मामलों के अधिकारी दिमीर दज़बारोव ने कहा कि अगर यूक्रेन रूस के अंदर हमला करता है, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत का कदम होगा।

“बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू करना चाहते हैं”

बाइडेन प्रशासन के इस फैसले पर डोनाल्ड के सबसे बड़े बेटे ट्रंप जूनियर ने राष्ट्रपति बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता को शांति कायम करने का मौका मिलने से पहले ही, बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू करना चाहते हैं।

महाराष्ट्र में बीजेपी की 'अप्रत्याशित' जीत, राष्ट्रीय राजनीति पर क्या होगा असर?

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“मोदी का मौजिक खत्म हो गया है”, “बीजेपी के बूरे दिन शुरू हो गए है।” इस साल जून में जब लोकसभा तुनाव के परिणाम आए तो इसी तरह की बातें शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा यूपी और महाराष्ट्र ने ही निराश किया था। लेकिन, मई में हुए लोकसभा तुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बातें पूरी तरह से बकवास साबित हुई। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल हुई सीटों ने तो सारे भ्रम को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी पीएम मोदी की राजनीति पर महाराष्ट्र के वोटरों ने एक बार फिर से जो मुहर लगाई है, उसका असर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिल सकता है।

लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह देखा गया था क्योंकि इससे एनडीए के घटक दलों का महत्व बढ़ गया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। हालांकि, एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था, लेकिन एक बात साफ थी कि पीएम मोदी पहले अपने दो कार्यकाल की तरह फैसले लेने से परहेज करेंगे।

सहयोगी दलों की स्थिति भी होगी कमजोर

यही नहीं, महाराष्ट्र में भाजपा की इस जीत से एनडीए के भीतर पार्टी का दबदबा और मजबूत होगा और सहयोगी पार्टियां का दखल अब कमजोर होता दिखाई देगा। क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और भाजपा यहां भी नीतीश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक़ डील कर सकती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे भले केंद्र में मोदी सरकार चल रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को मिल रही लगातार जीत से समीकरण बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से अब बहुत तोलमोल नहीं कर पाएंगे। बीजेपी का मज़बूत होना न केवल विपक्षी पार्टियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि एनडीए के भीतर भी सहयोगी दलों को लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं होगी।

प्रधानमंत्री मोदी अब होंगे और मजबूत

इससे पहले साल 2014 और 2019 में भाजपा ने केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इस बार बहुमत नहीं मिलने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम होती लोकप्रियता से जोड़ा गया था, लेकिन हरियाणा में जीत, जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र की जीत ने एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता पर लग रहे प्रश्न चिह्न को खत्म कर दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे अधिक 149 सीटों पर चुनाव लड़ी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मोदी की लोकप्रियता और नीतियों के अधार पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत को मोदी की जीत बताया जा रहा है। ऐसे में भाजपा के अंदर अब मोदी का रुतबा और मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कहा कि जा सकता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता वैसी ही बनी है।

कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएगी

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में भारी जीत के बाद नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में जो भाषण दिया, उसमें इस बात के कई संकेत दिखे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार अपने उस कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा सकेगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के बाद एक हिचकिचाहट सी महसूस होने लगी थी। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास पर और बढ़ेगा, जिसके आधार में हिंदुत्व का प्रभाव और भारत की प्राचीन विरासत का असर नजर आएगा। इसके साथ ही उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे लगता है कि केंद्र सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और वन नेशन, वन इलेक्शन के अपने इरादे को और ज्यादा हौसले के साथ आगे बढ़ाएगी।

कांग्रेस की कमजोरी फिर सामने

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव केवल बीजेपी के लिए ही नहीं कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीट जीते थे। जिसके बाद से कांग्रेस के नई ऊर्जा के साथ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सोचने पर मजबूर कर देंगे। एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगेंगे। पार्टी को भविष्य की रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

शिव सेना और एनसीपी पर क्या होगा असर?

महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम केवल बीजेपी कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि ये ही शिव सेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव सेना और एनसीपी दोनों बँट चुकी हैं। ऐसे में असली शिव सेना और एनसीपी पर दावेदारी मज़बूत होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार की चुनौतियां बढ़ेंगी क्योंकि उन्हें ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सोचना होगा।

महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत से हिन्दुत्व की राजनीति पर बाल ठाकरे के परिवार की दावेदारी कमज़ोर होगी। यानी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की राजनीति पर शिव सेना से वैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं मिलेगी।

गौतम अडानी पर आरोपों का विश्लेषण: व्यापारिक साम्राज्य के लिए क्या है इसका मतलब

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अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अडानी ग्रीन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय राज्य सरकार के अधिकारियों को सौर ऊर्जा अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी या रिश्वत की पेशकश की, जबकि अमेरिका में उन्हीं परियोजनाओं के लिए यह वादा करके धन जुटाया कि कंपनी रिश्वत विरोधी कानूनों का पालन करेगी। यह अमेरिकी संघीय प्रतिभूति कानून के तहत धोखाधड़ी है और अगर साबित हो जाता है, तो आपराधिक दायित्व हो सकते हैं।

अमेरिकी मामला इस आधार पर टिका है कि अडानी ग्रीन ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश और संभवतः तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर (J&K) में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, ताकि उनकी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को बाजार दरों से अधिक पर सौर ऊर्जा खरीदने के लिए राजी किया जा सके। कथित रिश्वत की समय-सीमा 2021 के मध्य से लेकर 2021 के अंत तक की है। बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके और कांग्रेस ने उल्लेखित चार राज्यों पर शासन किया, जबकि जम्मू-कश्मीर प्रभावी रूप से केंद्रीय भाजपा शासन के अधीन था। अडानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए इनकार किया और कहा कि यह सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।

बुधवार शाम पूर्वी समय पर सामने आए आरोपों में, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला न्यायालय के लिए अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने आरोप लगाया कि 2020 और 2024 के बीच, अडानी ग्रीन और संबंधित संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिकी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सामने "कंपनी की रिश्वत विरोधी प्रथाओं को गलत तरीके से पेश करने की साजिश रची"। अभियोग में कहा गया है कि अडानी और अन्य ने उन्हीं निवेशकों से "भ्रष्ट सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों" सहित हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात भी "छिपाई" जिसके लिए वे धन जुटा रहे थे।

जहां भारतीय राज्य फंस गए

SEC की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गौतम और सागर अडानी ने "अपनी व्यक्तिगत भागीदारी और कुल सैकड़ों मिलियन डॉलर का भुगतान करने या भुगतान करने के वादों के माध्यम से" डिस्कॉम से समझौते प्राप्त किए। अडानी के अधिकारियों ने "रिश्वत का हिसाब रखा, रिश्वत के कई रिकॉर्ड बनाए और बनाए रखे" जो उन्हें बिजली खरीदने के लिए सरकारी अधिकारियों को दिए गए थे या वादा किए गए थे। फिर शिकायत में विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गौतम और सागर अडानी दोनों ने अलग-अलग, एज़्योर से रिश्वत के अपने हिस्से का पुनर्भुगतान मांगा, जिसने एक तिहाई अनुबंध जीते थे। एज़्योर को भी समझौतों से लाभ होगा, क्योंकि SECI एज़्योर से बिजली क्षमता खरीदेगा और डिस्कॉम को बेचेगा। शिकायत में कहा गया है कि इन बातचीत में गौतम अडानी ने बताया कि उन्होंने भारतीय राज्य सरकार के अधिकारियों को बिजली आपूर्ति समझौते में प्रवेश करने के लिए राजी करने के लिए रिश्वत दी। एज़्योर ने अपनी बिजली का हिस्सा देकर इसका भुगतान किया, जिससे वह आंध्र से संबंधित SECI को अडानी ग्रीन को बेच सकता था। अमेरिकी पक्ष से वादा

उसी समय, अगस्त 2021 में, SEC का आरोप है कि अडानी समूह वित्तपोषण के मोर्चे पर आगे बढ़ रहा था। इसकी प्रबंधन समिति ने अडानी ग्रीन को "ऋण प्रतिभूतियों यानी नोट्स जारी करने के माध्यम से" 750 मिलियन डॉलर जुटाने या उधार लेने के लिए अधिकृत करने का फैसला किया। महीने के अंत में, अडानी ग्रीन ने अमेरिका में निवेशकों को "ग्रीन बॉन्ड" के रूप में बॉन्ड बेचने के लिए एक रोड शो किया, जिसका उद्देश्य "पात्र ग्रीन प्रोजेक्ट्स" को फंड करना था।

कैसे हुआ यह उजागर

न तो अभियोग और न ही शिकायत में इस बात का सटीक घटनाक्रम है कि यह योजना कैसे सामने आई और किन स्रोतों का इस्तेमाल किया गया, और कुछ विवरण अस्पष्ट हैं और समयसीमा भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन मोटे तौर पर कानूनी दस्तावेज यही संकेत देते हैं। अप्रैल 2022 में, अडानी ग्रीन के सीईओ विनीत जैन, जिन पर भी अभियोग में आरोप लगाया गया है, ने एक बैठक की तैयारी के लिए एक तस्वीर ली, जिसमें इस बात का विवरण था कि अज़ूर को रिश्वत के अपने हिस्से (लगभग 83 मिलियन डॉलर) के लिए अडानी को कितना देना है। इस दौरान लंबी चर्चाएँ हुईं, उन संभावित विकल्पों पर जिनके माध्यम से अज़ूर अडानी को रिश्वत वापस दे सकता था; एक कर्मचारी, जिस पर भी आरोप लगाया गया था, ने अभियोग के अनुसार "कौन सा भ्रष्ट विकल्प सबसे अच्छा था" पर एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार किया। ये वे बातचीत हैं जिनके कारण कथित तौर पर अज़ूर ने आंध्र में अडानी को अपने अधिकार सौंप दिए।

इस योजना में शामिल अडानी ग्रीन और एज़्योर के विभिन्न कर्मचारियों के बीच "इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग" के माध्यम से संचार हुआ, जिसमें से कुछ तब हुआ जब कुछ अभिनेता अमेरिका में थे। इसके बाद, जब SEC से पूछताछ हुई, तो एज़्योर के कर्मचारियों और उसके संस्थागत निवेशक के बीच "दस्तावेजों को दबाने, जानकारी छिपाने और झूठी जानकारी प्रोफाइल करने" के लिए सरकारी जांच में "बाधा डालने, प्रभावित करने और हस्तक्षेप करने" के उद्देश्य से एक समन्वित साजिश रची गई।

अगस्त 2022 में, एज़्योर और संबद्ध कंपनियों के इन प्रतिवादियों में से पाँच ने अपनी भूमिका छिपाते हुए रिश्वत देने की साजिश रचने के आरोप में अडानी को फंसाने की साजिश रची। मार्च 2023 में FBI जांचकर्ताओं ने सागर अडानी से संपर्क किया, उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हिरासत में लिया और उन्हें और बाद में गौतम अडानी को जांच के बारे में सूचित किया और एक ग्रैंड जूरी समन जारी किया। अभियोग में आरोप लगाया गया है कि बाद के कंपनी बयानों में, अडानी ग्रीन ने अपनी रिश्वत विरोधी प्रथाओं के बारे में "झूठे और भ्रामक बयान" दिए। इसमें गौतम और सागर अडानी पर मीडिया, बाजार, विनियामकों और वित्तीय संस्थानों को दिए गए बयानों में SEC जांच के बारे में अपनी जानकारी के बारे में भ्रामक बयान देने का आरोप लगाया गया है।

साक्ष्य का एक मुख्य स्रोत सागर अडानी का सेलफोन हो सकता है। अभियोग में कहा गया है कि उन्होंने अपने सेलफोन पर दिए गए नोटों का इस्तेमाल रिश्वत की पेशकश और वादे के विवरण को ट्रैक करने के लिए किया। इन नोटों में राज्यों के नाम, अधिकारियों को भुगतान की गई सटीक राशि, बिजली वितरण कंपनी द्वारा खरीदी जाने वाली राशि, दी जाने वाली रिश्वत के लिए प्रति मेगावाट दर और अन्य विवरणों के अलावा सरकारी अधिकारियों के पद शामिल थे।

अडानी का राजनीतिक और रणनीतिक वजन

अडानी भारत के सबसे अमीर, सबसे शक्तिशाली और राजनीतिक रूप से सबसे विवादास्पद व्यापारिक नेताओं में से एक हैं, जिनकी कोयला व्यापार से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा, बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों और बिजली से लेकर रक्षा तक के क्षेत्रों में रुचि है। जिसका बाज़ार पूंजीकरण 200 बिलियन डॉलर से ज़्यादा है, राष्ट्रीय चैंपियन के रूप में पेश करती हैं, जिसने घरेलू स्तर पर भारतीय बुनियादी ढांचे को बढ़ाया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय आर्थिक पदचिह्न का विस्तार किया है, जबकि विपक्षी आवाज़ें समूह की वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अडानी की कथित निकटता, गुजरात में साझा इतिहास और बारी-बारी से संरक्षण को देती हैं और इसे "क्रोनी कैपिटलिज्म" का उदाहरण बताती हैं। लोकसभा चुनावों और हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान, अडानी की भूमिका के इर्द-गिर्द राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगे।

समूह के अमेरिका में सरकार और बाज़ार के साथ मिले-जुले अनुभव रहे हैं। यूएस डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉरपोरेशन, एक आधिकारिक शाखा जो चीन के बुनियादी ढाँचे के प्रयासों का मुक़ाबला करना चाहती है, ने श्रीलंका में एक बंदरगाह परियोजना पर अडानी समूह के साथ भागीदारी की है। अमेरिकी बाज़ार के एक शॉर्ट सेलर, हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह के ख़िलाफ़ कई आरोप लगाए, जिससे पिछले साल इसके बाज़ार मूल्य में नाटकीय रूप से गिरावट आई और घरेलू भारतीय नियामकों द्वारा जाँच की गई। हाल ही में आरोप एक शीर्ष भारतीय विनियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के प्रमुख, के समूह में कथित हितों के टकराव के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।

अडानी समूह ने अतीत में सभी आरोपों से इनकार किया है, लेकिन मौजूदा आरोप व्यवसाय समूह के साथ-साथ इसके संस्थापक की विश्वसनीयता के लिए सबसे गंभीर चुनौती पेश कर सकते हैं। हाल के हफ्तों में, अडानी ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर उन्हें बधाई दी है, उन्हें "अटूट दृढ़ता, अडिग धैर्य, अथक दृढ़ संकल्प और अपने विश्वासों पर अडिग रहने का साहस" वाला व्यक्ति बताया है और 15,000 नौकरियों के सृजन के लिए अमेरिका में "ऊर्जा सुरक्षा और लचीले बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं" में $10 बिलियन का निवेश करने का वादा किया है। अडानी को ट्रम्प की ज़रूरत है या नहीं, यह एक अलग मामला है, लेकिन अडानी को इस संकट से उबरने के लिए ताकत के उन सभी गुणों की ज़रूरत हो सकती है, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वे ट्रम्प में उनकी प्रशंसा करते हैं।

बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा क्वार्टरों से हटाया गया अवैध कब्जा
बोकारो


बोकारो - जिले में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को मुक्त कराने के लिए बोकारो स्टील मैनेजमेंट के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, सेक्टर 12 ए और सेक्टर 9 में क्वार्टरों से अवैध कब्जा को हटाया गया है। बोकारो स्टील सुरक्षा विभाग के जवानों ने घरों में रखे सभी सामानों को बाहर निकालने का काम किया और घरों में ताला बंद कर अपने कब्जे में लिया। बोकारो स्टील के सभी सेक्टरों में हजारों क्वार्टरों में अवैध कब्जा कर लोग रह रहे हैं। इस दौरान बोकारो स्टील डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा अतिक्रमणकारियों से कब्जा मुक्त करने को लेकर लगातार कार्रवाई जारी है।


       ज्ञात हो कि बोकारो स्टील प्लांट के सभी सेक्टर में सैकड़ो की संख्या में लोग क्वार्टर में कब्जा कर अवैध तरीके से रह रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन का मानना है कि ऐसे में आपराधिक तत्व के लोग भी इन क्वार्टरों में रहकर अपराधिक गतिविधियों में सम्मिलित होते हैं और घटना को अंजाम देकर भाग जाते हैं जिसका पता लगाना काफी कठिन हो जाता है। इसलिए इस प्रकार के अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
टाइट सिक्योरिटी के बाद भी कैसे हैक हो जाता है WhatsApp?

डेस्क:–क्या आप लोगों ने कभी सोचा है कि आखिर व्हॉट्सऐप पर इतनी तगड़ी और टाइट सिक्योरिटी के बाद भी कैसे आसाी से अकाउंट हैक हो जाता है? आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं जिनकी वजह से आपका अकाउंट भी हैक हो सकता है।

दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp में यूजर्स की सेफ्टी और प्राइवेसी के लिए ढेरों शानदार फीचर्स दिए गए हैं। लेकिन कई बार हम लोग कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिस वजह से व्हॉट्सऐप अकाउंट पर खतरा मंडराने लगता है। आज हम आप लोगों को कुछ ऐसे कारण बताने वाले हैं, जिनकी वजह से टाइट सिक्योरिटी के बावजूद भी आप लोगों का व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो सकता है।

*पहली गलती*

व्हाट्सएप में आफ लोगों की सेफ्टी के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन फीचर दिया गया है। लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे हैं जिन्हें इस फीचर का पता तो है लेकिन लोगों ने इस फीचर को अब तक ऐनेबल ही नहीं किया है। इस फीचर की मदद से आपके अकाउंट पर सेफ्टी की एक एक्स्ट्रा लेयर क्रिएट हो जाती है और अकाउंट हैक करना मुश्किल हो जाता है।

अब ऐसे में इस फीचर को ऑन न करने की गलती भारी पड़ जाती है और हैकर्स आसानी से अकाउंट को अपने कंट्रोल में ले लेते हैं।

*दूसरी गलती*

अगर आप भी पब्लिक WiFi नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, तो डिवाइस के हैक होने का खतरा आप पर मंडरा सकता है. फ्री वाई-फाई के चक्कर में अक्सर लोग इस तरह की गलती कर बैठते हैं जिस वजह से अकाउंट आसानी से हैक हो जाता है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि ऐसे नेटवर्क पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल करें जो सिक्योर हो।

*तीसरी गलती*

कभी-कभी व्हाट्सएप अकाउंट को हैक करने के लिए मैलवेयर और स्पाइवेयर का भी यूज किया जाता है।ऐप्स को थर्ड पार्टी के जरिए इंस्टॉल करते वक्त मैलवेयर आपके डिवाइस में घुस सकता है जिससे अकाउंट हैक होने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में यही सलाह दी जाती है कि ऐप को गूगल प्ले स्टोर या फिर ऐपल ऐप स्टोर जैसे ऑफिशियल स्टोर से ही इंस्टॉल करें।

*चौथी गलती*

कई बार हैकर्स लोगों को इस तरह का लालच देते हैं कि लोग व्हॉट्सऐप पर आए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने को मजबूर हो जाते हैं। इस बात की सलाह दी जाती है कि अगर कोई व्यक्ति आपको कोई लिंक भेजे तो उस लिंक पर आंख बंद करके भरोसा न करें क्योंकि अनजान लिंक पर क्लिक करने से अकाउंट हैक होने का खतरा बढ़ सकता है। इन गलतियों से बचकर आप अपने व्हाट्सएप अकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं।
Save on Every Category, Every Day: ProLooterz Keeps India’s Middle Class Shopping Smarter

For millions of Indian families, smart shopping isn’t just a choice—it’s a necessity. The rising cost of living, coupled with the ever-increasing demands of daily life, means finding the best deals can make all the difference. Enter ProLooterz, a game-changing platform that’s helping India’s middle class save big on everything from gadgets to groceries, every single day.

 

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Whatsapp में ऐसे ढूंढें पुराने से पुराना मैसेज, सिर्फ डेट डालने से बनेगा काम

WhatsApp पर यूजर्स को पहले पुराना मैसेज ढूंढने में काफी परेशानी होती थी, यही वजह रही कि कंपनी ने यूजर्स की परेशानी को दूर करने के लिए ऐप में एक ऐसा काम का फीचर जोड़ा जिससे अब आसानी से किसी भी डेट के पुराने मैसेज को चुटकियों में ढूंढा जा सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर पुराने मैसेज को कैसे आप चुटकियों में ढूंढ सकते हैं

इस काम के लिए बस आपको कुछ सिंपल स्टेप्स को फॉलो करना होगा. आपको पूरी चैट को ऊपर नीचे करने की जरूरत नहीं है, बस आपको डेट पता होनी चाहिए जिस दिन का मैसेज आपको खोजना है. डेट डालने से आपका काम बन जाएगा.

WhatsApp Chat में ऐसे खोजें पुराना मैसेज

सबसे पहले फोन में WhatsApp खोलें.

चैट पर जाएं: जिस चैट में आप मैसेज ढूंढना चाहते हैं, उस चैट को ओपन कीजिए.

सर्च आइकन पर क्लिक करें: चैट स्क्रीन के ऊपर दाएं कोने में तीन डॉट्स पर क्लिक करें और फिर सर्च ऑप्शन को चुनें.

कैलेंडर आइकन ढूंढें: सर्च बार में आपको कैलेंडर आइकन दिखाई देगा, इस आइकन पर क्लिक कीजिए.

तारीख चुनें: कैलेंडर आइकन पर क्लिक करने के बाद उस तारीख को चुनें जिसका मैसेज आप ढूंढ रहे हैं.

मैसेज देखें: आपकी चुनी हुई तारीख के सभी मैसेज आपको दिखने लगेंगे.

इस फीचर का फायदा

समय की बचत: आपको पुराने मैसेज ढूंढने के लिए पूरी चैट को स्क्रॉल नहीं करना होगा.

आसान: इस फीचर को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है.

सटीक परिणाम: यह फीचर आपको केवल उस तारीख के मैसेज दिखाएगा जिसे आपने चुना है.

ध्यान दें

व्हॉट्सऐप में सर्च बाय डेट फीचर बहुत ही काम का है. आप इस फीचर का इस्तेमाल इंडीविजुअल और ग्रुप चैट के लिए कर सकते हैं. अगर आप किसी महीने के सभी मैसेज देखना चाहते हैं, तो आप कैलेंडर में उस महीने को चुन सकते हैं.

Dr. Rupali Sehdev: Empowering Confidence Through Beauty and Wellness

Bengaluru, India – Dr. RUPALI SEHDEV, a leader in the field of Aesthetic Dermatology, has transformed countless lives by helping individuals feel confident in their skin. With over 15 years of experience, Dr. Rupali has built a reputation for her expertise, compassion, and innovative approach. Her clinic, BEAUTY VEDAM, has become a trusted name in skincare, haircare, and wellness in Bengaluru.

Dr. RUPALI SEHDEV’s journey into aesthetics began with a strong academic foundation. She earned her BAMS MD degree from SKAMC College in Bangalore and further specialised by completing a postgraduate program in Advanced Clinical Research at ICRI Bangalore. Early in her career, she worked in diverse roles, including as a Research Associate Doctor and a Pharmacovigilance Clinical Officer, but her passion for direct patient care led her to pursue a career in aesthetic dermatology.

A turning point in Dr. RUPALI’s career came when her father, Shri Jagdish Kumar Sehdev, encouraged her to explore her potential in the field of cosmetology. Motivated by his unwavering support, Dr. Rupali Sehdev pursued advanced courses in Clinical Cosmetology and Trichology in both India and abroad. This decision marked the beginning of her remarkable journey in transforming the lives of her patients by addressing their aesthetic and dermatological needs.

In 2013, Dr. RUPALI SEHDEV fulfilled her dream by founding Beauty Vedam, a state-of-the-art Skin, Hair, Laser, and Acupuncture Clinic & Academy in Bangalore. The clinic operates with the core philosophy of "Inspiring Confidence." Dr. Rupali believes that self-confidence is the key to success, and her aim is to help people look and feel their best, allowing their personalities to shine through.

BEAUTY VEDAM offers a wide range of treatments tailored to individual needs. These include acne and scar treatments, laser hair removal, skin brightening, body contouring, fillers, bridal skin treatments, hair fall solutions, and hair transplants. Each service is designed to provide patients with the best care possible using the latest advancements in dermatology and aesthetics.

What sets Dr. RUPALI apart is her unique approach to healing, which combines clinical expertise with spiritual practices. She incorporates techniques such as Reiki, Crystal Healing, and Acupuncture into her treatments, addressing not just physical concerns but also emotional well-being. This holistic approach has earned her a loyal clientele and recognition as a pioneer in her field.

Dr. RUPALI’s commitment to excellence extends beyond her clinic. She mentors aspiring dermatologists and trichologists at the Beauty Vedam Academy, where she shares her knowledge and inspires the next generation of professionals. Her dedication to patient care and education has earned her numerous accolades, including recognition at the Bangalore Business Excellence Awards.

Her patients often describe her as a compassionate healer who listens with empathy and provides personalised solutions. Dr. Rupali Sehdev’s focus is not just on treating conditions but on empowering individuals to embrace their beauty and gain confidence. This philosophy has made Beauty Vedam a trusted destination for those seeking expert care in skin and hair treatments.

The success of BEAUTY VEDAM is a testament to Dr. RUPALI SEHDEV passion and perseverance. The clinic has become synonymous with quality care and has attracted clients seeking the best solutions for their skin and hair concerns. Dr. Rupali’s work serves as an inspiration, reminding us of the extraordinary achievements that come from following one’s passion with determination.

Located at BDA, 16th Main Road, Tavarekere, Aicobo Nagar, 1st Stage, BTM Layout, Bengaluru 560029, Beauty Vedam welcomes clients seeking professional aesthetic and wellness solutions.

For updates, follow Dr. Rupali Sehdev on Instagram For appointments, visit www.beautyvedam.com or WhatsApp

Dr. Rupali Sehdev continues to redefine the field of Aesthetic Dermatology, helping people look their best and feel confident as they face the world.

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वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम यूजर्स को मिले नए फीचर

डेस्क:–WhatsApp- Instagram अपने यूजर्स के एक्सपीरियंस को मजेदार और इनहान्स करने के लिए नए फीचर्स की पेशकश करते रहते हैं। अब मेटा के मालिकाना हक वाले दोनों ऐप्स ने यूजर्स के लिए कुछ नए फीचर रोलआउट किए हैं, जो यूजिंग एक्सपीरियंस को पहले से ज्यादा मजेदार बना देंगे। वॉट्सऐप के नए फीचर की बात करें तो कंपनी ने 'स्टेट्स विजिबिलिटी' में बदलाव किया है, जबकि इंस्टाग्राम पर अब यूजर्स को लोकेशन शेयर करने की भी सुविधा मिल गई है।

वॉट्सऐप पर स्टेट्स विजिबिलिटी बदल गई है, पहले किसी भी कॉन्टैक्ट नंबर का स्टेट्स गोले में दिखाई देता था, लेकिन अब वह बदलकर वर्टिकल हो गया है। जैसे फेसबुक पर किसी की स्टोरी दिखती है, ठीक वैसे ही अब वॉट्सऐप पर दिखेगा। फिलहाल यह सुविधा कुछ यूजर्स को मिली है। इसे धीरे-धीरे रोलआउट किया जा रहा है।

इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए भी नया फीचर रोलआउट किया गया है। अब यूजर्स इंस्टाग्राम पर भी लाइव लोकेशन शेयर कर सकते हैं। मेटा के अन्य ऐप्स पर पहले से ही यह सुविधा मौजूद थी, लेकिन अब इसे इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए भी कंपनी लेकर आ गई है। ध्यान रखना है कि लोकेशन सिर्फ एक घंटे के लिए ही एक्टिव रहेगी। इसके अलावा यूजर्स के लिए 17 नए स्टिकर पैक भी शामिल किए गए हैं। आप पसंदीदा स्टीकर डायरेक्ट मैसेज के जरिये भेज सकते हैं।

इंस्टाग्राम यूजर्स को नया निकनेम फीचर भी मिला है। इसमें यूजर किसी भी इंडिविजुअल चैट के लिए कोई भी नेम रख सकते हैं। यह फीचर ग्रुप के लिए भी काम करता है। कस्टमाइज करके नाम बदलने वाले इस फीचर को आप अपने दोस्तों के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। निकनेम रखने के लिए ज्यादा झंझट भी नहीं करना है। इसके लिए सिर्फ यूजर की प्रोफाइल पर जाना होता है। इसके बाद निकनेम वाले ऑप्शन पर क्लिक करके कोई भी नेम दे देना है और ओके करना है।
*ट्रंप के आने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के खत्म होने की कितनी उम्मीद, क्या बाइडेन ने बढ़ा दी है मुश्किलें?

#whatturncanrussiaukrainewartakeaftertrump_return 

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा चुने जाने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध अब कौन सा मोड़ ले सकता है, इस पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने की घोषणा होने के तुरंत बाद जेलेंस्की ने ट्रंप को बधाई देते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति स्थापित होने की उम्मीद जाहिर की है। वहीं राष्ट्रपति पुतिन के क्रेमलिन कार्यालय ने भी कहा है कि अमेरिका अगर चाहता है तो मॉस्को बातचीत का विकल्प खुला रखेगा। मगर साथ में रूस ने यह भी कहा कि जब जनवरी में ट्रंप अपना कार्यभार संभालेंगे तो रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका की क्या नई पॉलिसी होगी, इस पर उसकी नजर बनी है।

अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के तहत यूक्रेन को रूस के खिलाफ जंग में पर्याप्त सैन्य सहायता प्राप्त हुई है। यही वजह है कि रूस और अमेरिका के रिश्ते तनाव के चरम पर हैं। हालांकि, ट्रंप की वापसी के बाद उम्मीद की जा रही थी कि यूक्रेन रूस युद्ध रुक सकता है। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान बाइडेन की नीतियों का विरोध किया था। देश की जनता के सामने ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो यूक्रेन जंग शुरू ही नहीं होती।साथ ही व्हाइट हाउस वापसी के बाद उन्होंने जंग खत्म करने का वादा किया है। लेकिन जो बाइडेन के हालिया कदम से ऐसा लग रहा है कि वे ट्रंप के इस वादे को पूरा नहीं होने देंगे।

दरअसल, गाजा और यूक्रेन जंग के लंबा खिंचने के पीछे भी ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की कमजोर नीतियों को जिम्मेदार बताया है। लेकिन बाइडेन ने अपने आखिरी दिनों में यूक्रेन को फ्री हैंड दे दिया है।जो बाइडेन ने यूक्रेन को अमेरिका और पश्चिमी देशों के घातक हथियारों से रूसी जमीन पर हमला करने की छूट दे दी है। अब तक यूक्रेन को लंबी दूरी और घातक हथियारों से रूस पर हमले की परमिशन नहीं थी।

क्या युद्ध को बढ़ावा दे रहे बाइडन?

बाइडेन ने यूक्रेन को एटीएसीएमएस मिसाइलों से रूस पर हमले की मंजूरी दी। अमेरिकी मिसाइलों के यूज पर बाइडन से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद जेलेंस्की के इरादों को जैसे पंख लग गए। इसके बाद यूक्रेन ने रूस पर मिसाइलें दाग भी दी। यूक्रेन ने अमेरिकी और ब्रिटिश मिसाइलों की मदद से रूस पर कई हमले किए। इसके जवाब में रूस की ओर से इस युद्ध में पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया।

बाइडेन के फैसले से युद्ध में नया मोड़ लिया

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन को युद्ध में लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की अनुमति युद्ध में एक नया मोड़ ला दिया है। ट्रंप की वापसी के बाद उम्मीद की जा रही थी कि यूक्रेन रूस युद्ध रुक सकता है। लेकिन बाइडेन ने अपने आखिरी दिनों में यूक्रेन को फ्री हैंड दे दिया है। बाइडेन के इस फैसले का विरोध रूस में बड़े पैमाने पर देखने को मिला है। रूसी पार्लियामेंट के अपर हाउस फेडरेशन काउंसिल के सीनियर मेंबर आंद्रेई क्लिशास ने टेलीग्राम पर अमेरिका के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिमी देशों ने तनाव को इस स्तर तक बढ़ा दिया है कि इससे यूक्रेन का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इसके अलावा रूस के अंतरराष्ट्रीय मामलों के अधिकारी दिमीर दज़बारोव ने कहा कि अगर यूक्रेन रूस के अंदर हमला करता है, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत का कदम होगा।

“बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू करना चाहते हैं”

बाइडेन प्रशासन के इस फैसले पर डोनाल्ड के सबसे बड़े बेटे ट्रंप जूनियर ने राष्ट्रपति बाइडेन और डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता को शांति कायम करने का मौका मिलने से पहले ही, बाइडेन तीसरा विश्व युद्ध शुरू करना चाहते हैं।

महाराष्ट्र में बीजेपी की 'अप्रत्याशित' जीत, राष्ट्रीय राजनीति पर क्या होगा असर?

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“मोदी का मौजिक खत्म हो गया है”, “बीजेपी के बूरे दिन शुरू हो गए है।” इस साल जून में जब लोकसभा तुनाव के परिणाम आए तो इसी तरह की बातें शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा यूपी और महाराष्ट्र ने ही निराश किया था। लेकिन, मई में हुए लोकसभा तुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बातें पूरी तरह से बकवास साबित हुई। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल हुई सीटों ने तो सारे भ्रम को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी पीएम मोदी की राजनीति पर महाराष्ट्र के वोटरों ने एक बार फिर से जो मुहर लगाई है, उसका असर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिल सकता है।

लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह देखा गया था क्योंकि इससे एनडीए के घटक दलों का महत्व बढ़ गया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। हालांकि, एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था, लेकिन एक बात साफ थी कि पीएम मोदी पहले अपने दो कार्यकाल की तरह फैसले लेने से परहेज करेंगे।

सहयोगी दलों की स्थिति भी होगी कमजोर

यही नहीं, महाराष्ट्र में भाजपा की इस जीत से एनडीए के भीतर पार्टी का दबदबा और मजबूत होगा और सहयोगी पार्टियां का दखल अब कमजोर होता दिखाई देगा। क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और भाजपा यहां भी नीतीश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक़ डील कर सकती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे भले केंद्र में मोदी सरकार चल रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को मिल रही लगातार जीत से समीकरण बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से अब बहुत तोलमोल नहीं कर पाएंगे। बीजेपी का मज़बूत होना न केवल विपक्षी पार्टियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि एनडीए के भीतर भी सहयोगी दलों को लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं होगी।

प्रधानमंत्री मोदी अब होंगे और मजबूत

इससे पहले साल 2014 और 2019 में भाजपा ने केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इस बार बहुमत नहीं मिलने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम होती लोकप्रियता से जोड़ा गया था, लेकिन हरियाणा में जीत, जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र की जीत ने एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता पर लग रहे प्रश्न चिह्न को खत्म कर दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे अधिक 149 सीटों पर चुनाव लड़ी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मोदी की लोकप्रियता और नीतियों के अधार पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत को मोदी की जीत बताया जा रहा है। ऐसे में भाजपा के अंदर अब मोदी का रुतबा और मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कहा कि जा सकता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता वैसी ही बनी है।

कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएगी

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में भारी जीत के बाद नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में जो भाषण दिया, उसमें इस बात के कई संकेत दिखे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार अपने उस कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा सकेगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के बाद एक हिचकिचाहट सी महसूस होने लगी थी। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास पर और बढ़ेगा, जिसके आधार में हिंदुत्व का प्रभाव और भारत की प्राचीन विरासत का असर नजर आएगा। इसके साथ ही उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे लगता है कि केंद्र सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और वन नेशन, वन इलेक्शन के अपने इरादे को और ज्यादा हौसले के साथ आगे बढ़ाएगी।

कांग्रेस की कमजोरी फिर सामने

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव केवल बीजेपी के लिए ही नहीं कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीट जीते थे। जिसके बाद से कांग्रेस के नई ऊर्जा के साथ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सोचने पर मजबूर कर देंगे। एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगेंगे। पार्टी को भविष्य की रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

शिव सेना और एनसीपी पर क्या होगा असर?

महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम केवल बीजेपी कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि ये ही शिव सेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव सेना और एनसीपी दोनों बँट चुकी हैं। ऐसे में असली शिव सेना और एनसीपी पर दावेदारी मज़बूत होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार की चुनौतियां बढ़ेंगी क्योंकि उन्हें ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सोचना होगा।

महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत से हिन्दुत्व की राजनीति पर बाल ठाकरे के परिवार की दावेदारी कमज़ोर होगी। यानी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की राजनीति पर शिव सेना से वैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं मिलेगी।

गौतम अडानी पर आरोपों का विश्लेषण: व्यापारिक साम्राज्य के लिए क्या है इसका मतलब

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अमेरिकी न्याय विभाग ने अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अडानी ग्रीन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय राज्य सरकार के अधिकारियों को सौर ऊर्जा अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी या रिश्वत की पेशकश की, जबकि अमेरिका में उन्हीं परियोजनाओं के लिए यह वादा करके धन जुटाया कि कंपनी रिश्वत विरोधी कानूनों का पालन करेगी। यह अमेरिकी संघीय प्रतिभूति कानून के तहत धोखाधड़ी है और अगर साबित हो जाता है, तो आपराधिक दायित्व हो सकते हैं।

अमेरिकी मामला इस आधार पर टिका है कि अडानी ग्रीन ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश और संभवतः तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और जम्मू और कश्मीर (J&K) में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, ताकि उनकी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को बाजार दरों से अधिक पर सौर ऊर्जा खरीदने के लिए राजी किया जा सके। कथित रिश्वत की समय-सीमा 2021 के मध्य से लेकर 2021 के अंत तक की है। बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके और कांग्रेस ने उल्लेखित चार राज्यों पर शासन किया, जबकि जम्मू-कश्मीर प्रभावी रूप से केंद्रीय भाजपा शासन के अधीन था। अडानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए इनकार किया और कहा कि यह सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।

बुधवार शाम पूर्वी समय पर सामने आए आरोपों में, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला न्यायालय के लिए अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने आरोप लगाया कि 2020 और 2024 के बीच, अडानी ग्रीन और संबंधित संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिकी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सामने "कंपनी की रिश्वत विरोधी प्रथाओं को गलत तरीके से पेश करने की साजिश रची"। अभियोग में कहा गया है कि अडानी और अन्य ने उन्हीं निवेशकों से "भ्रष्ट सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों" सहित हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात भी "छिपाई" जिसके लिए वे धन जुटा रहे थे।

जहां भारतीय राज्य फंस गए

SEC की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गौतम और सागर अडानी ने "अपनी व्यक्तिगत भागीदारी और कुल सैकड़ों मिलियन डॉलर का भुगतान करने या भुगतान करने के वादों के माध्यम से" डिस्कॉम से समझौते प्राप्त किए। अडानी के अधिकारियों ने "रिश्वत का हिसाब रखा, रिश्वत के कई रिकॉर्ड बनाए और बनाए रखे" जो उन्हें बिजली खरीदने के लिए सरकारी अधिकारियों को दिए गए थे या वादा किए गए थे। फिर शिकायत में विशिष्ट उदाहरण दिए गए हैं।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि गौतम और सागर अडानी दोनों ने अलग-अलग, एज़्योर से रिश्वत के अपने हिस्से का पुनर्भुगतान मांगा, जिसने एक तिहाई अनुबंध जीते थे। एज़्योर को भी समझौतों से लाभ होगा, क्योंकि SECI एज़्योर से बिजली क्षमता खरीदेगा और डिस्कॉम को बेचेगा। शिकायत में कहा गया है कि इन बातचीत में गौतम अडानी ने बताया कि उन्होंने भारतीय राज्य सरकार के अधिकारियों को बिजली आपूर्ति समझौते में प्रवेश करने के लिए राजी करने के लिए रिश्वत दी। एज़्योर ने अपनी बिजली का हिस्सा देकर इसका भुगतान किया, जिससे वह आंध्र से संबंधित SECI को अडानी ग्रीन को बेच सकता था। अमेरिकी पक्ष से वादा

उसी समय, अगस्त 2021 में, SEC का आरोप है कि अडानी समूह वित्तपोषण के मोर्चे पर आगे बढ़ रहा था। इसकी प्रबंधन समिति ने अडानी ग्रीन को "ऋण प्रतिभूतियों यानी नोट्स जारी करने के माध्यम से" 750 मिलियन डॉलर जुटाने या उधार लेने के लिए अधिकृत करने का फैसला किया। महीने के अंत में, अडानी ग्रीन ने अमेरिका में निवेशकों को "ग्रीन बॉन्ड" के रूप में बॉन्ड बेचने के लिए एक रोड शो किया, जिसका उद्देश्य "पात्र ग्रीन प्रोजेक्ट्स" को फंड करना था।

कैसे हुआ यह उजागर

न तो अभियोग और न ही शिकायत में इस बात का सटीक घटनाक्रम है कि यह योजना कैसे सामने आई और किन स्रोतों का इस्तेमाल किया गया, और कुछ विवरण अस्पष्ट हैं और समयसीमा भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन मोटे तौर पर कानूनी दस्तावेज यही संकेत देते हैं। अप्रैल 2022 में, अडानी ग्रीन के सीईओ विनीत जैन, जिन पर भी अभियोग में आरोप लगाया गया है, ने एक बैठक की तैयारी के लिए एक तस्वीर ली, जिसमें इस बात का विवरण था कि अज़ूर को रिश्वत के अपने हिस्से (लगभग 83 मिलियन डॉलर) के लिए अडानी को कितना देना है। इस दौरान लंबी चर्चाएँ हुईं, उन संभावित विकल्पों पर जिनके माध्यम से अज़ूर अडानी को रिश्वत वापस दे सकता था; एक कर्मचारी, जिस पर भी आरोप लगाया गया था, ने अभियोग के अनुसार "कौन सा भ्रष्ट विकल्प सबसे अच्छा था" पर एक पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार किया। ये वे बातचीत हैं जिनके कारण कथित तौर पर अज़ूर ने आंध्र में अडानी को अपने अधिकार सौंप दिए।

इस योजना में शामिल अडानी ग्रीन और एज़्योर के विभिन्न कर्मचारियों के बीच "इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग" के माध्यम से संचार हुआ, जिसमें से कुछ तब हुआ जब कुछ अभिनेता अमेरिका में थे। इसके बाद, जब SEC से पूछताछ हुई, तो एज़्योर के कर्मचारियों और उसके संस्थागत निवेशक के बीच "दस्तावेजों को दबाने, जानकारी छिपाने और झूठी जानकारी प्रोफाइल करने" के लिए सरकारी जांच में "बाधा डालने, प्रभावित करने और हस्तक्षेप करने" के उद्देश्य से एक समन्वित साजिश रची गई।

अगस्त 2022 में, एज़्योर और संबद्ध कंपनियों के इन प्रतिवादियों में से पाँच ने अपनी भूमिका छिपाते हुए रिश्वत देने की साजिश रचने के आरोप में अडानी को फंसाने की साजिश रची। मार्च 2023 में FBI जांचकर्ताओं ने सागर अडानी से संपर्क किया, उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को हिरासत में लिया और उन्हें और बाद में गौतम अडानी को जांच के बारे में सूचित किया और एक ग्रैंड जूरी समन जारी किया। अभियोग में आरोप लगाया गया है कि बाद के कंपनी बयानों में, अडानी ग्रीन ने अपनी रिश्वत विरोधी प्रथाओं के बारे में "झूठे और भ्रामक बयान" दिए। इसमें गौतम और सागर अडानी पर मीडिया, बाजार, विनियामकों और वित्तीय संस्थानों को दिए गए बयानों में SEC जांच के बारे में अपनी जानकारी के बारे में भ्रामक बयान देने का आरोप लगाया गया है।

साक्ष्य का एक मुख्य स्रोत सागर अडानी का सेलफोन हो सकता है। अभियोग में कहा गया है कि उन्होंने अपने सेलफोन पर दिए गए नोटों का इस्तेमाल रिश्वत की पेशकश और वादे के विवरण को ट्रैक करने के लिए किया। इन नोटों में राज्यों के नाम, अधिकारियों को भुगतान की गई सटीक राशि, बिजली वितरण कंपनी द्वारा खरीदी जाने वाली राशि, दी जाने वाली रिश्वत के लिए प्रति मेगावाट दर और अन्य विवरणों के अलावा सरकारी अधिकारियों के पद शामिल थे।

अडानी का राजनीतिक और रणनीतिक वजन

अडानी भारत के सबसे अमीर, सबसे शक्तिशाली और राजनीतिक रूप से सबसे विवादास्पद व्यापारिक नेताओं में से एक हैं, जिनकी कोयला व्यापार से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा, बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों और बिजली से लेकर रक्षा तक के क्षेत्रों में रुचि है। जिसका बाज़ार पूंजीकरण 200 बिलियन डॉलर से ज़्यादा है, राष्ट्रीय चैंपियन के रूप में पेश करती हैं, जिसने घरेलू स्तर पर भारतीय बुनियादी ढांचे को बढ़ाया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय आर्थिक पदचिह्न का विस्तार किया है, जबकि विपक्षी आवाज़ें समूह की वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अडानी की कथित निकटता, गुजरात में साझा इतिहास और बारी-बारी से संरक्षण को देती हैं और इसे "क्रोनी कैपिटलिज्म" का उदाहरण बताती हैं। लोकसभा चुनावों और हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान, अडानी की भूमिका के इर्द-गिर्द राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगे।

समूह के अमेरिका में सरकार और बाज़ार के साथ मिले-जुले अनुभव रहे हैं। यूएस डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉरपोरेशन, एक आधिकारिक शाखा जो चीन के बुनियादी ढाँचे के प्रयासों का मुक़ाबला करना चाहती है, ने श्रीलंका में एक बंदरगाह परियोजना पर अडानी समूह के साथ भागीदारी की है। अमेरिकी बाज़ार के एक शॉर्ट सेलर, हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह के ख़िलाफ़ कई आरोप लगाए, जिससे पिछले साल इसके बाज़ार मूल्य में नाटकीय रूप से गिरावट आई और घरेलू भारतीय नियामकों द्वारा जाँच की गई। हाल ही में आरोप एक शीर्ष भारतीय विनियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के प्रमुख, के समूह में कथित हितों के टकराव के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।

अडानी समूह ने अतीत में सभी आरोपों से इनकार किया है, लेकिन मौजूदा आरोप व्यवसाय समूह के साथ-साथ इसके संस्थापक की विश्वसनीयता के लिए सबसे गंभीर चुनौती पेश कर सकते हैं। हाल के हफ्तों में, अडानी ने राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर उन्हें बधाई दी है, उन्हें "अटूट दृढ़ता, अडिग धैर्य, अथक दृढ़ संकल्प और अपने विश्वासों पर अडिग रहने का साहस" वाला व्यक्ति बताया है और 15,000 नौकरियों के सृजन के लिए अमेरिका में "ऊर्जा सुरक्षा और लचीले बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं" में $10 बिलियन का निवेश करने का वादा किया है। अडानी को ट्रम्प की ज़रूरत है या नहीं, यह एक अलग मामला है, लेकिन अडानी को इस संकट से उबरने के लिए ताकत के उन सभी गुणों की ज़रूरत हो सकती है, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वे ट्रम्प में उनकी प्रशंसा करते हैं।