2024: गाज़ा के लिए युद्ध और संकट का वर्ष, 2025 में शांति और सुधार की उम्मीदें

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Aljazeera

2024 गाज़ा के लिए युद्ध और दुख का वर्ष था, जो मुख्य रूप से चल रहे संघर्ष और मानवतावादी संकटों के कारण था। कई कारणों ने इसे इस क्षेत्र के लिए एक कष्टपूर्ण और विनाशकारी वर्ष बना दिया:

1. बढ़ता हुआ सैन्य संघर्ष: गाज़ा पट्टी में हमास और इजरायली बलों के बीच लगातार सैन्य अभियानों और हवाई हमलों का सामना करना पड़ा। 2023 में हिंसा के बाद, 2024 में यह संघर्ष और बढ़ा, जिसके कारण भारी नागरिक हताहत और व्यापक तबाही हुई। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर उकसावे का आरोप लगाते रहे, लेकिन आमतौर पर नागरिक संघर्ष के बीच फंसे रहते थे और हिंसा का सबसे अधिक शिकार बने।

2. मानवतावादी संकट: गाज़ा की पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचा, जो पहले ही संघर्ष से प्रभावित था, और अधिक तबाह हो गया। स्वास्थ्य देखभाल, बिजली, स्वच्छ पानी और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। अस्पताल, जो पहले ही पूरी क्षमता पर चल रहे थे, बढ़ती हुई संख्या में घायलों का इलाज करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। कई इलाकों में बुनियादी आवश्यकताओं की भारी कमी हो गई, जिससे गाज़ा की आबादी, जो पहले से ही दुनिया में सबसे गरीब और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है, भारी संकट का सामना कर रही थी।

3. नकबंदी और घेराबंदी: इजराइल द्वारा गाज़ा की घेराबंदी, जो कि एक दशक से अधिक समय से लागू थी, संकट को और बढ़ाती रही। यह घेराबंदी आवश्यक वस्तुओं, जैसे खाद्य पदार्थ, चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन के आंतरिक और बाहरी आंदोलन को गंभीर रूप से सीमित करती है। गाज़ा में वस्तुओं के आने-जाने पर पाबंदी और सीमा पार करने वाले मार्गों की बंदी ने यहां के आर्थिक और सामाजिक हालात को और बिगाड़ दिया।

4. जान-माल का नुकसान और विस्थापन: हिंसा के कारण अनगिनत मौतें और लोग घायल हुए, विशेष रूप से गाज़ा की नागरिक आबादी में। कई परिवारों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वे आश्रय के लिए शरणार्थी शिविरों में पहुंचे। विस्थापन और आपातकालीन सहायता की कमी ने संकट को और बढ़ा दिया।

5. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विफलताएँ: संघर्ष को शांत करने या युद्धविराम पर बातचीत करने के कूटनीतिक प्रयास काफी हद तक अप्रभावी रहे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को हल करने में असमर्थ था, और इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की तनावपूर्ण स्थिति और फिलिस्तीनी गुटों के बीच आंतरिक विभाजन ने शांति प्रयासों को जटिल बना दिया। शांति की ओर स्पष्ट रास्ते की कमी ने हिंसा को गाज़ा में निरंतर वास्तविकता बना दिया।

2025 में गाज़ा क्या उम्मीद करता है:

2025 में, गाज़ा के लोग शांति, स्थिरता और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि इसका आकलन करना अभी कठिन है। कुछ संभावनाएँ जो गाज़ा में हो सकती हैं:

1. मानवतावादी सहायता और पुनर्निर्माण: गाज़ा के लोग आशा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, ताकि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सके। अस्पतालों, स्कूलों और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए प्रयास किए जा सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

2. राजनीतिक समाधान की उम्मीद: गाज़ा के निवासी शांति और स्थिरता की दिशा में एक स्थायी समाधान की आशा करते हैं। यह उम्मीद की जाती है कि कूटनीतिक प्रयास, संघर्ष के समाधान के लिए, एक नई दिशा में बढ़ेंगे, जिससे हिंसा में कमी आएगी और भविष्य में युद्ध की संभावना कम होगी।

3. घेराबंदी में राहत: गाज़ा के लोग यह उम्मीद करते हैं कि सीमा पार व्यापार, यात्रा और आपूर्ति में राहत मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। हालांकि, यह निर्भर करेगा कि इजराइल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच तनावों में कितनी कमी आती है।

4. शांति और सुरक्षा की तलाश: गाज़ा के लोग 2025 में शांति की उम्मीद करते हैं, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें और अपने बच्चों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य दे सकें। यह उम्मीद की जाती है कि दोनों पक्षों के बीच तनाव कम हो और संघर्ष के समापन के प्रयास सफल हों।

2024 गाज़ा के लिए बढ़ते सैन्य संघर्ष, बिगड़ती मानवतावादी स्थिति और निवासियों के लिए राहत की कमी का वर्ष था। इस वर्ष में हिंसा बढ़ी, नागरिकों का दुख बढ़ा, और संघर्ष में फंसे लोगों के लिए निराशा और अधिक बढ़ गई। 2025 में गाज़ा के लोग शांति, सुरक्षा, और विकास की उम्मीद करते हैं, लेकिन इस दिशा में प्रगति की राह मुश्किल और अनिश्चित है।

Mr. Praveen Rawal, Founder of Prem Gold Private Limited, Celebrates 21 Years of Excellence in the Industry.

Prem Gold Private Limited, a trusted name in the jewellery industry, is proud to celebrate 21 years of exceptional service, innovation, and customer satisfaction. Founded by Mr. Praveen Rawal, the store has established itself as a pillar of quality craftsmanship and a go-to destination for those seeking elegant, timeless jewellery. Since opening its doors in 2003, Prem Gold Private Limited has become synonymous with trust, luxury, and dedication. Over the past two decades, Praveen Rawal has built a brand that prioritises customer satisfaction, offering everything from stunning engagement rings and custom-made pieces to exquisite necklaces, bracelets, and many more. With a passion for quality and a keen eye for design, Praveen Rawal has crafted a jewellery business that has served thousands of happy customers in Chakan and beyond.

“It's been an incredible journey,” says Praveen Rawal, Founder & Director of Prem Gold Private Limited. “Over the years, we have not only provided beautiful jewellery but have also cultivated lasting relationships with our customers. I believe that every piece we create has a story and being part of our clients’ milestones – whether it’s an engagement, wedding, or a special occasion – has been truly rewarding.”

A Legacy of Trust and Craftsmanship

With a focus on both exceptional design and unmatched customer service, Prem Gold Private Limited has earned a reputation for quality. The store’s experienced team of jewellers and designers work closely with each client to ensure every piece of jewellery meets their exact vision and preferences. This commitment to personalisation, combined with the use of only the finest materials, has helped the store gain a loyal following and widespread recognition.

Beyond traditional design, Prem Gold Private Limited is also known for its innovative approach to jewellery creation. Praveen has continually pushed boundaries, introducing new collections each year that blend classic elegance with modern sensibilities. Whether through custom designs or exclusive collections, Prem Gold Private Limited continues to stay ahead of trends while maintaining the integrity of timeless beauty.

Recognising Milestones and Celebrating Success

To mark this significant Milestone, Prem Gold Private Limited is launching this year an exclusive mobile app to commemorate 21 years of excellence. The app designed to provide a seamless, secure, and personalised experience for our valuable customers.

We are excited to bring this innovative solution to our customers as we continue to adapt to their evolving needs, "said Mr. Praveen Rawal, Founder & Director of Prem Gold Private Limited.” The mobile app will offer convenience, security, and the same quality of service that our customers have come to expect over the past two decades."

Looking Toward the Future

As Prem Gold Private Limited looks to the future, Mr. Praveen Rawal remains committed to providing exceptional jewellery and unparalleled customer service. With an expanding online presence and plans for further community engagement, the brand is poised for continued growth and success.

“I’m incredibly proud of what we’ve accomplished over the past 21 years,” says Mr. Praveen Rawal “But I know this is just the beginning. Our commitment to our customers and our craft will always be at the heart of everything we do. I’m excited for what the future holds for Prem Gold Private Limited and the opportunity to continue serving our wonderful customers for many years to come.”

About Prem Gold Private Limited

Founded by Mr. Praveen Rawal,

Prem Gold Private Limited is a premier jewellery store based in Chakan, Maharashtra. Known for its commitment to craftsmanship, personalised service, and attention to detail, the shop offers a wide range of fine jewellery, including custom designs, engagement rings, wedding bands and many more. With a focus on customer satisfaction and quality, Prem Gold Private Limited has built a loyal clientele and is recognised as a leading destination for luxury jewellery in Chakan and beyond.

For more information, contact:

Mr. Praveen Rawal - Founder & Director, Prem Gold Private Limited.

Email: www.premgold.in

मनमोहन सिंह के निधन पर इंटरनेशनल मीडिया में क्या-क्या कहा गया?
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* भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वह अचानक घर पर बेहोश हो गए थे जिसके बाद उन्हें गुरुवार रात 8 बजकर 6 मिनट पर एम्स में भर्ती कराया गया था। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, रात 9 बजकर 51 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। भारत में आधुनिक आर्थिक बदलाव के प्रमुख वास्तुकार मनमोहन सिंह के निधन पर शुक्रवार को सुबह-सुबह ही विश्वभर के नेताओं की ओर से शोक संवेदनाएं आने लगीं। वहीं, मनमोहन सिंह के निधन की ख़बर को विदेशी मीडिया में भी अच्छी ख़ासी जगह मिली है। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में मनमोहन सिंह के निधन पर खबर लिखा भारत में एक गतिशील परिवर्तन के नायक भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वाशिंगटन पोस्ट ने आगे लिखा कि उनकी आर्थिक नीतियों की वजह से भारत एक आर्थिक शक्ति बनकर उभरा। पर उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों से उनकी विरासत को दाग भी लगाय़ अमेरिकी मीडिया संस्थान द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मनमोहन सिंह के निधन को कवर करते हुए लिखा है, भारत के बाजार में हुए सुधारों के जनक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि मनमोहन सिंह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री थे। उन्होंने एक साधारण शुरुआत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने का सफर तय किया। भारत जैसा देश जहां की राजनीति बहुत ही उग्र है, उसमें भी वो एक गरिमापूर्ण आचरण के साथ खड़े रहे। 3 दशक पहले उन्हीं के प्रयासों से भारत के बाजार को दुनियाभर के लिए खोल दिया था। रॉयटर्स ने हेडलाइन लगाई 'भारत के अनिच्छुक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन'। रॉयटर्स ने आगे लिखा कि मनमोहन सिंह को 'Reluctant King' यानी 'अनिच्छुक राजा' कहा जाता था। वो एक बहुत ही मृदुभाषी व्यक्ति थे। साथ ही उनका नाम भारत के सबसे सफल नेताओं में गिना जाता है। करोड़ों भारतीय लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का क्रेडिट मनमोहन सिंह को ही जाता है। ब्रितानी अख़बार फाइनैंशियल टाइम्स ने लिखा है, "1991 से 1996 तक वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था को दशकों के अलगाव और ठहराव को दूर करने के लिए कई अहम फ़ैसले किए थे। मनमोहन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निजी निवेश के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का दरवाज़ा खोला था। फ़ाइनैंशियल टाइम्स ने आगे लिखा है, ऑक्सफोर्ड ट्रेंड अर्थशास्त्री अपनी सौम्यता, विनम्रता और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। अमेरिकी मीडिया आउटलेट ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि मनमोहन सिंह की व्यक्तिगत कहानी लोगों को आत्मविश्वास से भर देती है। 15 साल का सिख शरणार्थी लड़का, जिसके परिवार को 1947 में भारत के विभाजन के बाद अपना घर-बार छोड़ना पड़ा। बाद में यही लड़का ऑक्सफ़र्ड और कैंब्रिज में पढ़ने जाता है और टॉप का टेक्नोक्रेट बनता है। ब्लूमबर्ग ने लिखा है, मनमोहन सिंह का निधन तब हुआ है, जब भारत में योग्य लोगों की कमी दिख रही है, विकास समावेशी नहीं है, ज़्यादातर उद्योगपतियों को लग रहा है कि आर्थिक शक्ति का केंद्रीकरण हो रहा है, मध्य वर्ग टैक्स से परेशान है और ग़रीब व्यवस्था से बाहर हो रहा है। भारत में धार्मिक बखेड़ा बढ़ रहा है और नीति निर्माता किसी भी तरह सत्ता हासिल करने में लगे हैं।
The Future of RFID Labels: Insights from Marks Print’s Experts

The world of labels and tagging is undergoing a significant transformation, driven by advancements in Radio Frequency Identification (RFID) technology. Marks Print, a leader in label printing and a pioneer in RFID-enabled solutions, shares its insights on the future of RFID labels and their growing impact across industries.

As RFID technology gains traction, it is reshaping how businesses manage operations, optimize supply chains, and deliver enhanced customer experiences. Marks Print’s experts believe this evolution is just beginning and that RFID labels will play an increasingly critical role in a connected and data-driven world.

What Are RFID Labels?

RFID labels are more than just tags; they are intelligent tools embedded with microchips and antennas capable of transmitting data wirelessly. These labels use radio waves to identify, track, and manage items in real time, offering businesses a superior alternative to traditional barcodes.

Key Benefits of RFID Labels:

· Real-Time Tracking: Enables precise inventory management and reduces manual errors.

· Scalability: Suitable for operations of any size, from small businesses to global enterprises.

· Improved Efficiency: Streamlines processes like shipping, receiving, and stocking.

· Enhanced Security: Protects against theft and counterfeit products.

Emerging Trends in RFID Technology

Marks Print’s experts highlight several key trends shaping the future of RFID labels:

1. Integration with IoT

As the Internet of Things (IoT) expands, RFID technology is becoming a cornerstone of connected ecosystems. RFID labels integrated with IoT devices allow businesses to monitor and manage assets remotely, creating a seamless flow of information.

2. Sustainability in RFID Materials

With a growing emphasis on environmental responsibility, the industry is moving toward eco-friendly RFID labels. Marks Print is actively researching and developing sustainable materials to minimize the environmental impact of its RFID products.

3. Smarter Applications

Beyond inventory tracking, RFID labels are now being used for applications like temperature monitoring, anti-counterfeiting, and personalized customer experiences. These advancements are transforming industries such as healthcare, retail, and logistics.

4. Increased Adoption in the Garment Industry

RFID is revolutionizing the garment sector, offering real-time tracking of clothing items from production to the sales floor. Marks Print has developed RFID tags tailored for the garment industry, enabling better inventory control and reducing shrinkage.

5. Cost-Effective Solutions

As technology advances, the cost of RFID labels is decreasing, making them accessible to a wider range of businesses. This democratization is expected to drive adoption even among small and medium enterprises.

Marks Print’s Contribution to the RFID Revolution

Marks Print has been at the forefront of RFID innovation, delivering high-quality RFID-enabled labels and tags for diverse industries. With a state-of-the-art manufacturing setup that includes advanced encoding, digital data writing, and rigorous testing, Marks Print ensures that its products meet global standards.

“RFID technology is the future of labeling, and we are committed to driving this transformation,” says Dhirendra Rawat, proprietor of Marks Print. “Our goal is to provide businesses with smart solutions that optimize operations, enhance security, and deliver measurable results.”

Marks Print’s RFID labels are designed with versatility in mind, catering to industries such as:

· Retail and Garments: Enabling better inventory management and customer experiences.

· Logistics and Supply Chain: Providing real-time tracking and reducing operational inefficiencies.

· Healthcare: Ensuring the safety and authenticity of medical products.

The Road Ahead: What to Expect

Marks Print’s experts predict several key developments in RFID technology over the next decade:

1. Universal Standards

Standardized protocols for RFID implementation will make it easier for businesses across industries to adopt the technology seamlessly.

2. Advanced Analytics

The integration of RFID with analytics platforms will enable businesses to derive actionable insights, improving decision-making and operational efficiency.

3. Customization at Scale

RFID labels will become more customizable, allowing businesses to tailor their functionality to specific needs.

4. Wider Accessibility

As production costs continue to decline, even small businesses will be able to leverage RFID technology, democratizing its benefits across industries.

Marks Print’s Vision for the Future

Marks Print is not only embracing the future of RFID technology but also actively shaping it. The company is investing in research and development to create innovative, cost-effective, and sustainable RFID solutions.

By combining advanced technology with industry expertise, Marks Print aims to remain a trusted partner for businesses navigating the transition to RFID-enabled operations. Whether it’s improving supply chain efficiency, enhancing product security, or delivering exceptional customer experiences, Marks Print is committed to helping businesses unlock the full potential of RFID technology.

“The future of RFID labels is limitless,” adds Rawat. “At Marks Print, we are proud to be at the forefront of this evolution, helping businesses harness the power of innovation and technology.”

Conclusion

As RFID technology continues to revolutionize industries, Marks Print is leading the way with its expertise, innovation, and commitment to quality. The future of RFID labels is bright, and with companies like Marks Print driving the change, businesses can look forward to smarter, more efficient, and sustainable solutions.

For more information or to inquire about RFID tags and labels, visit www.marksprint.co.in or contact

WhatsApp पर एक क्लिक और सारे राज दफन, नहीं खोल पाएगा कोई पोल

आपके वॉट्सऐप पर कुछ पर्सनल चैट्स हैं जिन्हें आप छिपाना चाहते हैं. तो ये आप आसानी से कर सकते हैं. आपके वॉट्सऐप पर एक फीचर है जिसकी मदद से आपकी प्राइवेट चैट भी हाइड हो जाएगी. इसके बाद कोई आपकी चैट नहीं देख पाएगा. कई बार फैमिली, दोस्त या पार्टनर फोटो-वीडियो क्लिक या सेंड करने के लिए फोन मांग ही लेते हैं. ऐसे सारे राज खुलकर उनके साथ सामने आ सकते हैं. इन्हें हाइड करके रखने का यहीं सबसे आसान तरीका है.

वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर

ऐप में वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर मिलता है. इस फीचर को ज्यादातर लोगों ने देखा होगा. लेकिन यूज नहीं किया. इस फीचर का काम आपकी प्राइवेट चैट पर लॉक लगाना है.

अगर फोन किसी और के हाथ में और आपसे दूर है तो कोई भी इस चैट को नहीं खोल पाएगा. यहां जानें कि आप इस फीचर को किस तरह से यूज कर सकते हैं. कैसे प्राइवेट लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड सेट कर सकते हैं.

WhatsApp चैट को हाइड करने का प्रोसेस

वॉट्सऐप चैट को हाइड करना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें. इसके लिए उस चैट पर लॉन्ग प्रेस करें. चैट सलेक्ट करने के बाद ऊपर की तरफ राइड साइड में बनी थ्री डॉट पर क्लिक करें. .

इसके बाद Lock Chat वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. इस ऑप्शन पर जाने के बाद कंफर्म करें. फोन में फिंगरप्रिंट लॉक लगा या पिन दोनों में से जो लॉक सेट है. वो वॉट्सऐप चैट लॉक पर भी सेट करें.

आप पासवर्ड अलग-अलग रख सकते हैं.

कंफर्म करते ही चैट डायरेक्ट लॉक्ड चैट फोल्डर में पहुंच जाएगी. ये आपके फोन के पिन या फिंगरप्रिंट सेंसर से ही ओपन होगा.

ध्यान रहे कि अगर आपके फोन का पिन या पैटर्न किसी दूसरे को पता है तो आप लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड क्रिएट कर सकते हैं. इस सीक्रेट कोड को डाले बिना कोई इस फोल्डर तक नहीं पहुंच पाएगा.

लॉक्ड चैट फोल्डर हाइड

सीक्रेट कोड के अलावा आप अपने लॉक्ड चैट के फोल्डर को भी चैट लिस्ट से गायब कर सकते हैं. फोल्डर और चैट हाइड होने के बाद लॉक्ड चैट को सर्च करने के लिए सर्चबार में अपना सीक्रेट कोड डालना होगा. सीक्रेट कोड डालते ही लॉक्ड चैट का फोल्डर शो हो जाएगा.

नो डिटेंशन पॉलिसी' क्या था वो नियम जिसे केन्द्र सरकार ने किया खत्म? तमिलनाडु ने किया विरोध

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5वीं से लेकर 8वीं क्लास में फेल होने वाले बच्चों को अब अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' (No Detention Policy) खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले छात्रों को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। नए नियम के तहत अब उनको फेल ही माना जायेगा। पास होने के लिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। जब तक वे पास नहीं होते, तब तक उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा।

नो-डिटेंशन पॉलिसी क्या है?

शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी राइट टू एजुकेशन (आरटीई) में नो-डिटेंशन पॉलिसी का जिक्र है। इसके मुताबिक, किसी भी छात्र को तब तक फेल या स्कूल से निकाला नहीं जा सकता, जब तक वह क्लास 1 से 8 तक की प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता। यानी अगर कोई बच्चा क्लास 8 तक परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे अगली क्लास में प्रमोट करने का प्रावधान है।

ये पॉलिसी क्यों रखी गई थी?

साल 2010-11 से 8वीं क्लास तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद बच्चों को फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। ताकि बच्चों में हीन भावना न आए या वो सुसाइड जैसा कदम न उठा लें। कमजोर बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह बेसिक एजुकेशन हासिल कर सके।

कैसे बनी ये पॉलिसी?

जुलाई 2018 में लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था। इसमें स्कूलों में लागू ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म करने की बात थी। 2019 में ये बिल राज्य सभा में पास हुआ। इसके बाद ये कानून बन गया। राज्य सरकारों को ये हक था कि वो ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' हटा सकते हैं या लागू रख सकते हैं। यानी राज्य सरकार ये फैसला ले सकती थीं कि 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को प्रमोट किया जाए या क्लास रिपीट करवाई जाए।

पॉलिसी से क्या हुई दिक्कत?

इस पॉलिसी से शिक्षा के लेवल में धीरे धीरे गिरावट आने लगी. यानी बच्चे बिना पढ़े और मेहनत किए अगली क्लास में पहुंच जाते थे. इसका सीधा असर बोर्ड एग्जाम में देखा जा सकता था. इसलिए काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया. इस पॉलिसी से बच्चों में लापरवाही बढ़ी, उन्हें फेल होने का डर नहीं रहा.

खत्म होने का किस पर होगा असर?

यह बदलाव केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 3,000 से ज़्यादा स्कूलों पर लागू होता है, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल शामिल हैं, लेकिन राज्यों को इस नीति को अपनाने या अस्वीकार करने की आजादी है। शिक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, "चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। पहले ही 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेश कक्षा 5 और 8 के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' से बाहर हो चुके हैं।"

विरोध में आया तमिलनाडु

तमिलनाडु में 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को आगे प्रमोट किया जाता रहेगा. इस पर राज्य सरकार ने रोक नहीं लगाई है। इस बीच स्कूली शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने कहा कि राज्य में कक्षा 8 तक ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ का पालन जारी रहेगा।मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन नहीं करता है और केंद्र के इस फैसले से तमिलनाडु के स्कूलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, सिवाय उन स्कूलों के जो केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं।

वर्ष 2024-25 के लिए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार का द्वितीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित हुआ। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट आज विधानसभा में पारित किया गया। आज पारित हुए अनुपूरक बजट को मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 55 हजार 580 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए और द्वितीय अनुपूरक बजट का 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए शामिल है।
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय को अमल में लाते हुए 8 लाख हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए पहली किस्त जारी की जा चुकी है। श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में 5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी। हमारी सरकार ने खरीफ वर्ष 2023 में रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से किसानों को 13 हजार 320 करोड़ रूपए भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान सरकार जल्द करेगी। 
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कि हम लोग सरकार बनने के तीसरे महीने से ही महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं। यह योजना राज्य की महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखेगी। इस योजना की लाभार्थी महिलाओं को ग्रामीण विकास बैंक द्वारा महतारी सशक्तीकरण योजना के माध्यम से 9 प्रतिशत ब्याज पर 25 हजार रूपए का लोन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वनांचलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया है। राज्य के साढ़े 12 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को राजमोहिनी देवी तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीमा का लाभ मिल रहा है। उनके लिए चरण पादुका योजना दोबारा शुरू कर रहे हैं। 
 
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य शासन तेज आर्थिक और सुधारवादी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25वें वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप मनाया जाएगा। इसके तहत अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क, पुल, अस्पतालों और रेल लाईनों में पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 30 हजार करोड़ रूपए के सड़कों का काम आगे बढ़ रहा है। इनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के साथ ही रायपुर के सरोना चौक, तेलीबांधा चौक और धनेली में फ्लाई ओवर के निर्माण शामिल है। श्री चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के अधोसंरचना की मजबूती के लिए भी हम पर्याप्त राशि दे रहे हैं। गीदम, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और मनेन्द्रगढ़ में 4 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 1280 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 232 करोड़, सिम्स बिलासपुर के लिए 700 करोड़ और अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए 109 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं।
 
अनुपूरक बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। तीसरे अनुपूरक बजट में प्रावधानित 806 करोड़ रूपए में से 508 करोड़ रूपए पूंजीगत व्यय के लिए और 298 करोड़ रूपए राजस्व व्यय के लिए है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 250 करोड़ रूपए, नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के लिए 200 करोड़ रूपए और मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 
 
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि द्वितीय अनुपूरक बजट मेें घरेलू विमान सेवा (उड़ान योजना) के लिए 25 करोड़ रूपए, हस्तशिल्प उत्पादों को राजधानी रायपुर में एक जगह उपलब्ध कराने के लिए बनाए जा रहे यूनिटी मॉल के 19 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में चित्रोत्पला फिल्म सिटी, बस्तर ओलंपिक, नियद नेल्लानार, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम जनमन योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के लिए भी प्रमुखता से प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं को जॉब-सीकर्स (JOB-SEEKER) से जॉब-क्रिएटर्स (JOB-CREATERS)  बनाने और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के लिए नई औद्योगिक नीति में जोर दिया गया है।
गया पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत 02 मोबाईल बरामद कर वास्तविक धारक को सौंपा गया: एसएसपी

गया। बिहार के गया में गया एसएसपी आशीष भारती ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि गया पुलिस के द्वारा गया जिले में ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुम-चोरी हुए मोबाईल फोन की बरामदगी कर उसके वास्तविक धारक को सौंपा जा रहा है।

इसी क्रम में आज कुल 02 मोबाईल बरामद कर उनके वास्तविक धारक को सौंपा गया है। एसएसपी ने बताया कि जनवरी 2023 से 30 नवंबर 2024 तक कुल 752 मोबाईल एक करोड़ पच्चास लाख चालीस हजार का बरामद कर वितरण किया जा चुका है।

अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट आई सामने, जानें क्या हुआ खुलासा

देश के बहुचर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस में एक के बाद एक ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं, जो कि सच में हैरान कर देने वाली हैं. 24 पन्नों के सुसाइड नोट, वीडियो, घर में लटके लेटर के बाद अब अतुल और पत्नी निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट सामने आई है. इमें अतुल अपनी बीवी निकिता से बेटे व्योम के बारे में बात करते दिखे. लेकिन निकिता ने पहले तो अतुल को कोई रिप्लाई नहीं दिया. फिर बाद में सिर्फ एक रिप्लाई दिया, वो भी ऐसा जिससे पता चलता है कि वो अतुल को उसके बेटे से बात तक नहीं करने दिया जाता था.

WhatsApp चैट 2021 की है. उस समय निकिता अपने बेटे व्योम के साथ जौनपुर में थी. अतुल ने आरोप लगाया था कि साढ़े तीन साल तक निकिता ने उसे बेटे से बात नहीं करने दी. न ही उसका चेहरा दिखाया. चैट में अतुल ने हर बार यही लिखा- फ्री हो तो बाबू के साथ कॉल करवा दो. रोज-रोज अतुल मैसेज करते लेकिन निकिता उन्हें रिप्लाई नहीं करती. फिर एक दिन 26 जून को निकिता ने लिखा- नहीं कराएंगे वीडियो कॉल.

अतुल ने इस बारे में बेटे व्योम को जो लेटर लिखा है, उसमें भी जिक्र किया है. अतुल ने कहा- मैं अपने बेटे की शक्ल तक देखने के लिए तरसता रहा. मैं उसकी शक्ल तक भूल गया हूं. फोटो देखता हूं तभी उसका चेहरा याद आता है. बेटे को औजार बनाकर निकिता और उसके घर वाले मुझसे पैसे ऐंठ रहे हैं. लेकिन जब मैं रहूंगा ही नहीं तो कौन उन्हें पैसे देगा. जब मैं मर जाऊंगा तो न ही पैसे देने की जरूरत पड़ेगी. न ही वो लोग मेरे मम्मी पापा को परेशान कर पाएंगे.

बेटे के नाम एक खत

इसके साथ ही अतुल ने बेटे को लिखा- बेटा एक न एक दिन अपने पापा को जरूर समझोगे. तुम किसी पर भी भरोसा मत करना. सभी तुम्हारा इस्तेमाल कर रहे हैं. मैं तुम्हें एक गिफ्ट दे रहा हूं. लेकिन इसे तभी खोलना जब साल 2038 आएगा. अतुल ने तो बेटे के लिए कार खरीदने के लिए पैसे भी जोड़ने शुरू कर दिए थे. सुसाइड नोट के मुताबिक, अतुल इस हद तक टूट गया था कि उसे मौत को गले लगाना ही एक सॉल्यूशन लगा.

बेटे को देखने के लिए तरस गए

अतुल के भाई विकास सुभाष ने भी बताया कि अतुल की शादी 2019 में हुई थी. उनकी पत्नी और उसके पूरे परिवार ने उन्हें कई संगीन झूठे मामलों में फंसाया था. साल 2021 में ही भाभी निकिता अपने बेटे अपने साथ लेकर चली गई थी. उसके बाद से अतुल ने कभी अपने बेटे को नहीं देखा. अंतिम समय तक वो बेटे से मिलने के लिए तरसता रहा. इससे अतुल बहुत परेशान रहने लगे थे.

डिप्रेशन की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. पुलिस ने अतुल के परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है. जब पुलिस निकिता के घर पहुंची तो उसका परिवार फरार था. बताया जा रहा है कि निकिता दिल्ली में है. जल्द ही सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, उनमें निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुनील शामिल हैं.

Best AI Powered Social Media Management Tool

 

In today’s hyper-connected world, social media has become an indispensable tool for businesses, influencers, and individuals alike. Managing multiple social media platforms can be overwhelming, but advanced tools like Posttely are here to revolutionize the way we handle social media management.Whether you are a marketer aiming to grow your brand, an influencer striving to boost your engagement, or a business seeking a seamless online presence, Posttely offers a one-stop solution to all your social media needs.

About Posttely

Posttely, founded by Pintu Burman, is a next-generation social media management platform designed to empower users to manage their digital footprints effortlessly. Pintu Burman envisioned Posttely as more than just a tool—it’s a complete ecosystem for creating, curating, and optimizing content across platforms.

From its inception, Posttely has aimed to bridge the gap between creativity and strategy, ensuring that users can focus on their content while the tool handles the complexities of scheduling, analytics, and audience engagement.

Key Features of Posttely

Posttely boasts a suite of powerful features tailored to meet the diverse needs of its users. Let’s dive into what makes this platform a top choice:

1. Multi-Platform Integration

Posttely supports seamless integration with all leading social media platforms, including Facebook, Instagram, Twitter, LinkedIn, and more. With a single dashboard, users can connect, monitor, and manage multiple accounts simultaneously.

2. Advanced Content Scheduling

Stay ahead of the game by scheduling posts days, weeks, or even months in advance. Posttely ensures that your content is published at the optimal time to maximize audience reach and engagement.

3. Analytics and Reporting

Measure the success of your campaigns with detailed analytics. Posttely provides insights into audience behavior, engagement rates, and post performance, helping you make data-driven decisions to refine your social media strategies.

4. Team Collaboration

For businesses and agencies, collaboration is key. Posttely allows team members to work together on content creation, approval workflows, and campaign management, ensuring smooth coordination and efficiency.

5. Template Library and Design Tools

No design experience? No problem! Posttely offers a library of professionally designed templates that you can customize to suit your brand’s needs. These tools make it easy to create stunning visuals that captivate your audience.

6. Post Previews Across Platforms

Consistency matters. With Posttely’s post preview feature, you can see exactly how your posts will appear on different platforms before hitting publish.

7. AI-Driven Suggestions

Leverage the power of AI to identify trending hashtags, suggest engaging keywords, and recommend content ideas that align with your target audience’s preferences.

8. Content Calendar

Plan and visualize your content strategy with Posttely’s interactive content calendar. This feature ensures that you never miss an important event or promotional opportunity.

9. Customer Support and Resources

Posttely offers unparalleled customer support, with a team available to assist users 24/7. Additionally, the platform includes a wealth of resources like tutorials, webinars, and blogs to help users get the most out of their experience.

Why Choose Posttely?

Posttely is more than just a tool—it’s a partner in your social media journey. Here’s why thousands of users trust Posttely:

Ease of Use: The intuitive interface makes it accessible for both beginners and professionals.

Customizable Plans: Tailor the platform to suit your unique requirements, from small businesses to enterprise-level operations.

Constant Innovation: Regular updates ensure that Posttely stays ahead of the curve, adapting to new trends and platform updates.

Affordability: Posttely provides a cost-effective solution without compromising on quality or features.

Who Can Benefit from Posttely?

Posttely is designed for a wide range of users, including:

Small Businesses: Boost your brand visibility and connect with your audience without hiring a full-time social media manager.

Marketing Agencies: Manage multiple client accounts efficiently with Posttely’s collaborative tools.

Content Creators and Influencers: Focus on creating great content while Posttely handles scheduling and analytics.

Enterprises: Streamline large-scale social media campaigns and foster team collaboration across departments.

Explore Posttely

Ready to elevate your social media game? Posttely has everything you need to stay organized, save time, and achieve your goals.

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2024: गाज़ा के लिए युद्ध और संकट का वर्ष, 2025 में शांति और सुधार की उम्मीदें

#whatdoesnewyearholdforgaza

Aljazeera

2024 गाज़ा के लिए युद्ध और दुख का वर्ष था, जो मुख्य रूप से चल रहे संघर्ष और मानवतावादी संकटों के कारण था। कई कारणों ने इसे इस क्षेत्र के लिए एक कष्टपूर्ण और विनाशकारी वर्ष बना दिया:

1. बढ़ता हुआ सैन्य संघर्ष: गाज़ा पट्टी में हमास और इजरायली बलों के बीच लगातार सैन्य अभियानों और हवाई हमलों का सामना करना पड़ा। 2023 में हिंसा के बाद, 2024 में यह संघर्ष और बढ़ा, जिसके कारण भारी नागरिक हताहत और व्यापक तबाही हुई। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर उकसावे का आरोप लगाते रहे, लेकिन आमतौर पर नागरिक संघर्ष के बीच फंसे रहते थे और हिंसा का सबसे अधिक शिकार बने।

2. मानवतावादी संकट: गाज़ा की पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचा, जो पहले ही संघर्ष से प्रभावित था, और अधिक तबाह हो गया। स्वास्थ्य देखभाल, बिजली, स्वच्छ पानी और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। अस्पताल, जो पहले ही पूरी क्षमता पर चल रहे थे, बढ़ती हुई संख्या में घायलों का इलाज करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। कई इलाकों में बुनियादी आवश्यकताओं की भारी कमी हो गई, जिससे गाज़ा की आबादी, जो पहले से ही दुनिया में सबसे गरीब और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है, भारी संकट का सामना कर रही थी।

3. नकबंदी और घेराबंदी: इजराइल द्वारा गाज़ा की घेराबंदी, जो कि एक दशक से अधिक समय से लागू थी, संकट को और बढ़ाती रही। यह घेराबंदी आवश्यक वस्तुओं, जैसे खाद्य पदार्थ, चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन के आंतरिक और बाहरी आंदोलन को गंभीर रूप से सीमित करती है। गाज़ा में वस्तुओं के आने-जाने पर पाबंदी और सीमा पार करने वाले मार्गों की बंदी ने यहां के आर्थिक और सामाजिक हालात को और बिगाड़ दिया।

4. जान-माल का नुकसान और विस्थापन: हिंसा के कारण अनगिनत मौतें और लोग घायल हुए, विशेष रूप से गाज़ा की नागरिक आबादी में। कई परिवारों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वे आश्रय के लिए शरणार्थी शिविरों में पहुंचे। विस्थापन और आपातकालीन सहायता की कमी ने संकट को और बढ़ा दिया।

5. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विफलताएँ: संघर्ष को शांत करने या युद्धविराम पर बातचीत करने के कूटनीतिक प्रयास काफी हद तक अप्रभावी रहे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को हल करने में असमर्थ था, और इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की तनावपूर्ण स्थिति और फिलिस्तीनी गुटों के बीच आंतरिक विभाजन ने शांति प्रयासों को जटिल बना दिया। शांति की ओर स्पष्ट रास्ते की कमी ने हिंसा को गाज़ा में निरंतर वास्तविकता बना दिया।

2025 में गाज़ा क्या उम्मीद करता है:

2025 में, गाज़ा के लोग शांति, स्थिरता और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि इसका आकलन करना अभी कठिन है। कुछ संभावनाएँ जो गाज़ा में हो सकती हैं:

1. मानवतावादी सहायता और पुनर्निर्माण: गाज़ा के लोग आशा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, ताकि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सके। अस्पतालों, स्कूलों और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए प्रयास किए जा सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

2. राजनीतिक समाधान की उम्मीद: गाज़ा के निवासी शांति और स्थिरता की दिशा में एक स्थायी समाधान की आशा करते हैं। यह उम्मीद की जाती है कि कूटनीतिक प्रयास, संघर्ष के समाधान के लिए, एक नई दिशा में बढ़ेंगे, जिससे हिंसा में कमी आएगी और भविष्य में युद्ध की संभावना कम होगी।

3. घेराबंदी में राहत: गाज़ा के लोग यह उम्मीद करते हैं कि सीमा पार व्यापार, यात्रा और आपूर्ति में राहत मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। हालांकि, यह निर्भर करेगा कि इजराइल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच तनावों में कितनी कमी आती है।

4. शांति और सुरक्षा की तलाश: गाज़ा के लोग 2025 में शांति की उम्मीद करते हैं, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें और अपने बच्चों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य दे सकें। यह उम्मीद की जाती है कि दोनों पक्षों के बीच तनाव कम हो और संघर्ष के समापन के प्रयास सफल हों।

2024 गाज़ा के लिए बढ़ते सैन्य संघर्ष, बिगड़ती मानवतावादी स्थिति और निवासियों के लिए राहत की कमी का वर्ष था। इस वर्ष में हिंसा बढ़ी, नागरिकों का दुख बढ़ा, और संघर्ष में फंसे लोगों के लिए निराशा और अधिक बढ़ गई। 2025 में गाज़ा के लोग शांति, सुरक्षा, और विकास की उम्मीद करते हैं, लेकिन इस दिशा में प्रगति की राह मुश्किल और अनिश्चित है।

Mr. Praveen Rawal, Founder of Prem Gold Private Limited, Celebrates 21 Years of Excellence in the Industry.

Prem Gold Private Limited, a trusted name in the jewellery industry, is proud to celebrate 21 years of exceptional service, innovation, and customer satisfaction. Founded by Mr. Praveen Rawal, the store has established itself as a pillar of quality craftsmanship and a go-to destination for those seeking elegant, timeless jewellery. Since opening its doors in 2003, Prem Gold Private Limited has become synonymous with trust, luxury, and dedication. Over the past two decades, Praveen Rawal has built a brand that prioritises customer satisfaction, offering everything from stunning engagement rings and custom-made pieces to exquisite necklaces, bracelets, and many more. With a passion for quality and a keen eye for design, Praveen Rawal has crafted a jewellery business that has served thousands of happy customers in Chakan and beyond.

“It's been an incredible journey,” says Praveen Rawal, Founder & Director of Prem Gold Private Limited. “Over the years, we have not only provided beautiful jewellery but have also cultivated lasting relationships with our customers. I believe that every piece we create has a story and being part of our clients’ milestones – whether it’s an engagement, wedding, or a special occasion – has been truly rewarding.”

A Legacy of Trust and Craftsmanship

With a focus on both exceptional design and unmatched customer service, Prem Gold Private Limited has earned a reputation for quality. The store’s experienced team of jewellers and designers work closely with each client to ensure every piece of jewellery meets their exact vision and preferences. This commitment to personalisation, combined with the use of only the finest materials, has helped the store gain a loyal following and widespread recognition.

Beyond traditional design, Prem Gold Private Limited is also known for its innovative approach to jewellery creation. Praveen has continually pushed boundaries, introducing new collections each year that blend classic elegance with modern sensibilities. Whether through custom designs or exclusive collections, Prem Gold Private Limited continues to stay ahead of trends while maintaining the integrity of timeless beauty.

Recognising Milestones and Celebrating Success

To mark this significant Milestone, Prem Gold Private Limited is launching this year an exclusive mobile app to commemorate 21 years of excellence. The app designed to provide a seamless, secure, and personalised experience for our valuable customers.

We are excited to bring this innovative solution to our customers as we continue to adapt to their evolving needs, "said Mr. Praveen Rawal, Founder & Director of Prem Gold Private Limited.” The mobile app will offer convenience, security, and the same quality of service that our customers have come to expect over the past two decades."

Looking Toward the Future

As Prem Gold Private Limited looks to the future, Mr. Praveen Rawal remains committed to providing exceptional jewellery and unparalleled customer service. With an expanding online presence and plans for further community engagement, the brand is poised for continued growth and success.

“I’m incredibly proud of what we’ve accomplished over the past 21 years,” says Mr. Praveen Rawal “But I know this is just the beginning. Our commitment to our customers and our craft will always be at the heart of everything we do. I’m excited for what the future holds for Prem Gold Private Limited and the opportunity to continue serving our wonderful customers for many years to come.”

About Prem Gold Private Limited

Founded by Mr. Praveen Rawal,

Prem Gold Private Limited is a premier jewellery store based in Chakan, Maharashtra. Known for its commitment to craftsmanship, personalised service, and attention to detail, the shop offers a wide range of fine jewellery, including custom designs, engagement rings, wedding bands and many more. With a focus on customer satisfaction and quality, Prem Gold Private Limited has built a loyal clientele and is recognised as a leading destination for luxury jewellery in Chakan and beyond.

For more information, contact:

Mr. Praveen Rawal - Founder & Director, Prem Gold Private Limited.

Email: www.premgold.in

मनमोहन सिंह के निधन पर इंटरनेशनल मीडिया में क्या-क्या कहा गया?
#what_foreign_media_published_on_manmohan_singh_death
* भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वह अचानक घर पर बेहोश हो गए थे जिसके बाद उन्हें गुरुवार रात 8 बजकर 6 मिनट पर एम्स में भर्ती कराया गया था। मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, रात 9 बजकर 51 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। भारत में आधुनिक आर्थिक बदलाव के प्रमुख वास्तुकार मनमोहन सिंह के निधन पर शुक्रवार को सुबह-सुबह ही विश्वभर के नेताओं की ओर से शोक संवेदनाएं आने लगीं। वहीं, मनमोहन सिंह के निधन की ख़बर को विदेशी मीडिया में भी अच्छी ख़ासी जगह मिली है। अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में मनमोहन सिंह के निधन पर खबर लिखा भारत में एक गतिशील परिवर्तन के नायक भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वाशिंगटन पोस्ट ने आगे लिखा कि उनकी आर्थिक नीतियों की वजह से भारत एक आर्थिक शक्ति बनकर उभरा। पर उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों से उनकी विरासत को दाग भी लगाय़ अमेरिकी मीडिया संस्थान द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मनमोहन सिंह के निधन को कवर करते हुए लिखा है, भारत के बाजार में हुए सुधारों के जनक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि मनमोहन सिंह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री थे। उन्होंने एक साधारण शुरुआत के प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने का सफर तय किया। भारत जैसा देश जहां की राजनीति बहुत ही उग्र है, उसमें भी वो एक गरिमापूर्ण आचरण के साथ खड़े रहे। 3 दशक पहले उन्हीं के प्रयासों से भारत के बाजार को दुनियाभर के लिए खोल दिया था। रॉयटर्स ने हेडलाइन लगाई 'भारत के अनिच्छुक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन'। रॉयटर्स ने आगे लिखा कि मनमोहन सिंह को 'Reluctant King' यानी 'अनिच्छुक राजा' कहा जाता था। वो एक बहुत ही मृदुभाषी व्यक्ति थे। साथ ही उनका नाम भारत के सबसे सफल नेताओं में गिना जाता है। करोड़ों भारतीय लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का क्रेडिट मनमोहन सिंह को ही जाता है। ब्रितानी अख़बार फाइनैंशियल टाइम्स ने लिखा है, "1991 से 1996 तक वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था को दशकों के अलगाव और ठहराव को दूर करने के लिए कई अहम फ़ैसले किए थे। मनमोहन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निजी निवेश के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का दरवाज़ा खोला था। फ़ाइनैंशियल टाइम्स ने आगे लिखा है, ऑक्सफोर्ड ट्रेंड अर्थशास्त्री अपनी सौम्यता, विनम्रता और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। अमेरिकी मीडिया आउटलेट ब्लूमबर्ग ने लिखा है कि मनमोहन सिंह की व्यक्तिगत कहानी लोगों को आत्मविश्वास से भर देती है। 15 साल का सिख शरणार्थी लड़का, जिसके परिवार को 1947 में भारत के विभाजन के बाद अपना घर-बार छोड़ना पड़ा। बाद में यही लड़का ऑक्सफ़र्ड और कैंब्रिज में पढ़ने जाता है और टॉप का टेक्नोक्रेट बनता है। ब्लूमबर्ग ने लिखा है, मनमोहन सिंह का निधन तब हुआ है, जब भारत में योग्य लोगों की कमी दिख रही है, विकास समावेशी नहीं है, ज़्यादातर उद्योगपतियों को लग रहा है कि आर्थिक शक्ति का केंद्रीकरण हो रहा है, मध्य वर्ग टैक्स से परेशान है और ग़रीब व्यवस्था से बाहर हो रहा है। भारत में धार्मिक बखेड़ा बढ़ रहा है और नीति निर्माता किसी भी तरह सत्ता हासिल करने में लगे हैं।
The Future of RFID Labels: Insights from Marks Print’s Experts

The world of labels and tagging is undergoing a significant transformation, driven by advancements in Radio Frequency Identification (RFID) technology. Marks Print, a leader in label printing and a pioneer in RFID-enabled solutions, shares its insights on the future of RFID labels and their growing impact across industries.

As RFID technology gains traction, it is reshaping how businesses manage operations, optimize supply chains, and deliver enhanced customer experiences. Marks Print’s experts believe this evolution is just beginning and that RFID labels will play an increasingly critical role in a connected and data-driven world.

What Are RFID Labels?

RFID labels are more than just tags; they are intelligent tools embedded with microchips and antennas capable of transmitting data wirelessly. These labels use radio waves to identify, track, and manage items in real time, offering businesses a superior alternative to traditional barcodes.

Key Benefits of RFID Labels:

· Real-Time Tracking: Enables precise inventory management and reduces manual errors.

· Scalability: Suitable for operations of any size, from small businesses to global enterprises.

· Improved Efficiency: Streamlines processes like shipping, receiving, and stocking.

· Enhanced Security: Protects against theft and counterfeit products.

Emerging Trends in RFID Technology

Marks Print’s experts highlight several key trends shaping the future of RFID labels:

1. Integration with IoT

As the Internet of Things (IoT) expands, RFID technology is becoming a cornerstone of connected ecosystems. RFID labels integrated with IoT devices allow businesses to monitor and manage assets remotely, creating a seamless flow of information.

2. Sustainability in RFID Materials

With a growing emphasis on environmental responsibility, the industry is moving toward eco-friendly RFID labels. Marks Print is actively researching and developing sustainable materials to minimize the environmental impact of its RFID products.

3. Smarter Applications

Beyond inventory tracking, RFID labels are now being used for applications like temperature monitoring, anti-counterfeiting, and personalized customer experiences. These advancements are transforming industries such as healthcare, retail, and logistics.

4. Increased Adoption in the Garment Industry

RFID is revolutionizing the garment sector, offering real-time tracking of clothing items from production to the sales floor. Marks Print has developed RFID tags tailored for the garment industry, enabling better inventory control and reducing shrinkage.

5. Cost-Effective Solutions

As technology advances, the cost of RFID labels is decreasing, making them accessible to a wider range of businesses. This democratization is expected to drive adoption even among small and medium enterprises.

Marks Print’s Contribution to the RFID Revolution

Marks Print has been at the forefront of RFID innovation, delivering high-quality RFID-enabled labels and tags for diverse industries. With a state-of-the-art manufacturing setup that includes advanced encoding, digital data writing, and rigorous testing, Marks Print ensures that its products meet global standards.

“RFID technology is the future of labeling, and we are committed to driving this transformation,” says Dhirendra Rawat, proprietor of Marks Print. “Our goal is to provide businesses with smart solutions that optimize operations, enhance security, and deliver measurable results.”

Marks Print’s RFID labels are designed with versatility in mind, catering to industries such as:

· Retail and Garments: Enabling better inventory management and customer experiences.

· Logistics and Supply Chain: Providing real-time tracking and reducing operational inefficiencies.

· Healthcare: Ensuring the safety and authenticity of medical products.

The Road Ahead: What to Expect

Marks Print’s experts predict several key developments in RFID technology over the next decade:

1. Universal Standards

Standardized protocols for RFID implementation will make it easier for businesses across industries to adopt the technology seamlessly.

2. Advanced Analytics

The integration of RFID with analytics platforms will enable businesses to derive actionable insights, improving decision-making and operational efficiency.

3. Customization at Scale

RFID labels will become more customizable, allowing businesses to tailor their functionality to specific needs.

4. Wider Accessibility

As production costs continue to decline, even small businesses will be able to leverage RFID technology, democratizing its benefits across industries.

Marks Print’s Vision for the Future

Marks Print is not only embracing the future of RFID technology but also actively shaping it. The company is investing in research and development to create innovative, cost-effective, and sustainable RFID solutions.

By combining advanced technology with industry expertise, Marks Print aims to remain a trusted partner for businesses navigating the transition to RFID-enabled operations. Whether it’s improving supply chain efficiency, enhancing product security, or delivering exceptional customer experiences, Marks Print is committed to helping businesses unlock the full potential of RFID technology.

“The future of RFID labels is limitless,” adds Rawat. “At Marks Print, we are proud to be at the forefront of this evolution, helping businesses harness the power of innovation and technology.”

Conclusion

As RFID technology continues to revolutionize industries, Marks Print is leading the way with its expertise, innovation, and commitment to quality. The future of RFID labels is bright, and with companies like Marks Print driving the change, businesses can look forward to smarter, more efficient, and sustainable solutions.

For more information or to inquire about RFID tags and labels, visit www.marksprint.co.in or contact

WhatsApp पर एक क्लिक और सारे राज दफन, नहीं खोल पाएगा कोई पोल

आपके वॉट्सऐप पर कुछ पर्सनल चैट्स हैं जिन्हें आप छिपाना चाहते हैं. तो ये आप आसानी से कर सकते हैं. आपके वॉट्सऐप पर एक फीचर है जिसकी मदद से आपकी प्राइवेट चैट भी हाइड हो जाएगी. इसके बाद कोई आपकी चैट नहीं देख पाएगा. कई बार फैमिली, दोस्त या पार्टनर फोटो-वीडियो क्लिक या सेंड करने के लिए फोन मांग ही लेते हैं. ऐसे सारे राज खुलकर उनके साथ सामने आ सकते हैं. इन्हें हाइड करके रखने का यहीं सबसे आसान तरीका है.

वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर

ऐप में वॉट्सऐप चैट लॉक फीचर मिलता है. इस फीचर को ज्यादातर लोगों ने देखा होगा. लेकिन यूज नहीं किया. इस फीचर का काम आपकी प्राइवेट चैट पर लॉक लगाना है.

अगर फोन किसी और के हाथ में और आपसे दूर है तो कोई भी इस चैट को नहीं खोल पाएगा. यहां जानें कि आप इस फीचर को किस तरह से यूज कर सकते हैं. कैसे प्राइवेट लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड सेट कर सकते हैं.

WhatsApp चैट को हाइड करने का प्रोसेस

वॉट्सऐप चैट को हाइड करना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें. इसके लिए उस चैट पर लॉन्ग प्रेस करें. चैट सलेक्ट करने के बाद ऊपर की तरफ राइड साइड में बनी थ्री डॉट पर क्लिक करें. .

इसके बाद Lock Chat वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. इस ऑप्शन पर जाने के बाद कंफर्म करें. फोन में फिंगरप्रिंट लॉक लगा या पिन दोनों में से जो लॉक सेट है. वो वॉट्सऐप चैट लॉक पर भी सेट करें.

आप पासवर्ड अलग-अलग रख सकते हैं.

कंफर्म करते ही चैट डायरेक्ट लॉक्ड चैट फोल्डर में पहुंच जाएगी. ये आपके फोन के पिन या फिंगरप्रिंट सेंसर से ही ओपन होगा.

ध्यान रहे कि अगर आपके फोन का पिन या पैटर्न किसी दूसरे को पता है तो आप लॉक्ड चैट के लिए सीक्रेट कोड क्रिएट कर सकते हैं. इस सीक्रेट कोड को डाले बिना कोई इस फोल्डर तक नहीं पहुंच पाएगा.

लॉक्ड चैट फोल्डर हाइड

सीक्रेट कोड के अलावा आप अपने लॉक्ड चैट के फोल्डर को भी चैट लिस्ट से गायब कर सकते हैं. फोल्डर और चैट हाइड होने के बाद लॉक्ड चैट को सर्च करने के लिए सर्चबार में अपना सीक्रेट कोड डालना होगा. सीक्रेट कोड डालते ही लॉक्ड चैट का फोल्डर शो हो जाएगा.

नो डिटेंशन पॉलिसी' क्या था वो नियम जिसे केन्द्र सरकार ने किया खत्म? तमिलनाडु ने किया विरोध

#whatisthenodetentionpolicyforclasses5thand8th

5वीं से लेकर 8वीं क्लास में फेल होने वाले बच्चों को अब अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' (No Detention Policy) खत्म कर दी है। पहले इस नियम के तहत फेल होने वाले छात्रों को दूसरी क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। नए नियम के तहत अब उनको फेल ही माना जायेगा। पास होने के लिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। जब तक वे पास नहीं होते, तब तक उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा।

नो-डिटेंशन पॉलिसी क्या है?

शिक्षा के अधिकार अधिनियम यानी राइट टू एजुकेशन (आरटीई) में नो-डिटेंशन पॉलिसी का जिक्र है। इसके मुताबिक, किसी भी छात्र को तब तक फेल या स्कूल से निकाला नहीं जा सकता, जब तक वह क्लास 1 से 8 तक की प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता। यानी अगर कोई बच्चा क्लास 8 तक परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे अगली क्लास में प्रमोट करने का प्रावधान है।

ये पॉलिसी क्यों रखी गई थी?

साल 2010-11 से 8वीं क्लास तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद बच्चों को फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था। ताकि बच्चों में हीन भावना न आए या वो सुसाइड जैसा कदम न उठा लें। कमजोर बच्चे भी बाकी बच्चों की तरह बेसिक एजुकेशन हासिल कर सके।

कैसे बनी ये पॉलिसी?

जुलाई 2018 में लोकसभा में राइट टु एजुकेशन को संशोधित करने के लिए बिल पेश किया गया था। इसमें स्कूलों में लागू ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म करने की बात थी। 2019 में ये बिल राज्य सभा में पास हुआ। इसके बाद ये कानून बन गया। राज्य सरकारों को ये हक था कि वो ‘नो डिटेंशन पॉलिसी' हटा सकते हैं या लागू रख सकते हैं। यानी राज्य सरकार ये फैसला ले सकती थीं कि 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को प्रमोट किया जाए या क्लास रिपीट करवाई जाए।

पॉलिसी से क्या हुई दिक्कत?

इस पॉलिसी से शिक्षा के लेवल में धीरे धीरे गिरावट आने लगी. यानी बच्चे बिना पढ़े और मेहनत किए अगली क्लास में पहुंच जाते थे. इसका सीधा असर बोर्ड एग्जाम में देखा जा सकता था. इसलिए काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया. इस पॉलिसी से बच्चों में लापरवाही बढ़ी, उन्हें फेल होने का डर नहीं रहा.

खत्म होने का किस पर होगा असर?

यह बदलाव केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे 3,000 से ज़्यादा स्कूलों पर लागू होता है, जिसमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूल शामिल हैं, लेकिन राज्यों को इस नीति को अपनाने या अस्वीकार करने की आजादी है। शिक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, "चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। पहले ही 16 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेश कक्षा 5 और 8 के लिए 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' से बाहर हो चुके हैं।"

विरोध में आया तमिलनाडु

तमिलनाडु में 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले छात्रों को आगे प्रमोट किया जाता रहेगा. इस पर राज्य सरकार ने रोक नहीं लगाई है। इस बीच स्कूली शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने कहा कि राज्य में कक्षा 8 तक ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ का पालन जारी रहेगा।मंत्री ने कहा कि तमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन नहीं करता है और केंद्र के इस फैसले से तमिलनाडु के स्कूलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, सिवाय उन स्कूलों के जो केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं।

वर्ष 2024-25 के लिए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार का द्वितीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पारित हुआ। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट आज विधानसभा में पारित किया गया। आज पारित हुए अनुपूरक बजट को मिलाकर चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 55 हजार 580 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए और द्वितीय अनुपूरक बजट का 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए शामिल है।
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय को अमल में लाते हुए 8 लाख हितग्राहियों को आवास निर्माण के लिए पहली किस्त जारी की जा चुकी है। श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में 5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होती थी। हमारी सरकार ने खरीफ वर्ष 2023 में रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। कृषक उन्नति योजना के माध्यम से किसानों को 13 हजार 320 करोड़ रूपए भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक मजदूर योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को राशि का भुगतान सरकार जल्द करेगी। 
 
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अनुपूरक बजट पर चर्चा के जवाब में कहा कि हम लोग सरकार बनने के तीसरे महीने से ही महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दे रहे हैं। यह योजना राज्य की महिलाओं के सामाजिक सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखेगी। इस योजना की लाभार्थी महिलाओं को ग्रामीण विकास बैंक द्वारा महतारी सशक्तीकरण योजना के माध्यम से 9 प्रतिशत ब्याज पर 25 हजार रूपए का लोन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वनांचलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों का मानदेय 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया है। राज्य के साढ़े 12 लाख परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। तेन्दूपत्ता संग्राहकों को राजमोहिनी देवी तेन्दूपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत बीमा का लाभ मिल रहा है। उनके लिए चरण पादुका योजना दोबारा शुरू कर रहे हैं। 
 
मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि राज्य शासन तेज आर्थिक और सुधारवादी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ स्थापना के 25वें वर्ष को अटल निर्माण वर्ष के रूप मनाया जाएगा। इसके तहत अधोसंरचना विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क, पुल, अस्पतालों और रेल लाईनों में पूंजीगत व्यय के लिए पर्याप्त राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 30 हजार करोड़ रूपए के सड़कों का काम आगे बढ़ रहा है। इनमें 4 राष्ट्रीय राजमार्गों को फोरलेन करने के साथ ही रायपुर के सरोना चौक, तेलीबांधा चौक और धनेली में फ्लाई ओवर के निर्माण शामिल है। श्री चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के अधोसंरचना की मजबूती के लिए भी हम पर्याप्त राशि दे रहे हैं। गीदम, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा और मनेन्द्रगढ़ में 4 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए 1280 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। रायपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 232 करोड़, सिम्स बिलासपुर के लिए 700 करोड़ और अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए 109 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं।
 
अनुपूरक बजट पर चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। तीसरे अनुपूरक बजट में प्रावधानित 806 करोड़ रूपए में से 508 करोड़ रूपए पूंजीगत व्यय के लिए और 298 करोड़ रूपए राजस्व व्यय के लिए है। इसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 250 करोड़ रूपए, नगरीय निकायों में अधोसंरचना विकास के लिए 200 करोड़ रूपए और मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 100 करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। 
 
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि द्वितीय अनुपूरक बजट मेें घरेलू विमान सेवा (उड़ान योजना) के लिए 25 करोड़ रूपए, हस्तशिल्प उत्पादों को राजधानी रायपुर में एक जगह उपलब्ध कराने के लिए बनाए जा रहे यूनिटी मॉल के 19 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में चित्रोत्पला फिल्म सिटी, बस्तर ओलंपिक, नियद नेल्लानार, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पीएम जनमन योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जैसी योजनाओं के लिए भी प्रमुखता से प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के युवाओं को जॉब-सीकर्स (JOB-SEEKER) से जॉब-क्रिएटर्स (JOB-CREATERS)  बनाने और सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के लिए नई औद्योगिक नीति में जोर दिया गया है।
गया पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत 02 मोबाईल बरामद कर वास्तविक धारक को सौंपा गया: एसएसपी

गया। बिहार के गया में गया एसएसपी आशीष भारती ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि गया पुलिस के द्वारा गया जिले में ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुम-चोरी हुए मोबाईल फोन की बरामदगी कर उसके वास्तविक धारक को सौंपा जा रहा है।

इसी क्रम में आज कुल 02 मोबाईल बरामद कर उनके वास्तविक धारक को सौंपा गया है। एसएसपी ने बताया कि जनवरी 2023 से 30 नवंबर 2024 तक कुल 752 मोबाईल एक करोड़ पच्चास लाख चालीस हजार का बरामद कर वितरण किया जा चुका है।

अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट आई सामने, जानें क्या हुआ खुलासा

देश के बहुचर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस में एक के बाद एक ऐसी जानकारियां सामने आ रही हैं, जो कि सच में हैरान कर देने वाली हैं. 24 पन्नों के सुसाइड नोट, वीडियो, घर में लटके लेटर के बाद अब अतुल और पत्नी निकिता सिंघानिया की WhatsApp चैट सामने आई है. इमें अतुल अपनी बीवी निकिता से बेटे व्योम के बारे में बात करते दिखे. लेकिन निकिता ने पहले तो अतुल को कोई रिप्लाई नहीं दिया. फिर बाद में सिर्फ एक रिप्लाई दिया, वो भी ऐसा जिससे पता चलता है कि वो अतुल को उसके बेटे से बात तक नहीं करने दिया जाता था.

WhatsApp चैट 2021 की है. उस समय निकिता अपने बेटे व्योम के साथ जौनपुर में थी. अतुल ने आरोप लगाया था कि साढ़े तीन साल तक निकिता ने उसे बेटे से बात नहीं करने दी. न ही उसका चेहरा दिखाया. चैट में अतुल ने हर बार यही लिखा- फ्री हो तो बाबू के साथ कॉल करवा दो. रोज-रोज अतुल मैसेज करते लेकिन निकिता उन्हें रिप्लाई नहीं करती. फिर एक दिन 26 जून को निकिता ने लिखा- नहीं कराएंगे वीडियो कॉल.

अतुल ने इस बारे में बेटे व्योम को जो लेटर लिखा है, उसमें भी जिक्र किया है. अतुल ने कहा- मैं अपने बेटे की शक्ल तक देखने के लिए तरसता रहा. मैं उसकी शक्ल तक भूल गया हूं. फोटो देखता हूं तभी उसका चेहरा याद आता है. बेटे को औजार बनाकर निकिता और उसके घर वाले मुझसे पैसे ऐंठ रहे हैं. लेकिन जब मैं रहूंगा ही नहीं तो कौन उन्हें पैसे देगा. जब मैं मर जाऊंगा तो न ही पैसे देने की जरूरत पड़ेगी. न ही वो लोग मेरे मम्मी पापा को परेशान कर पाएंगे.

बेटे के नाम एक खत

इसके साथ ही अतुल ने बेटे को लिखा- बेटा एक न एक दिन अपने पापा को जरूर समझोगे. तुम किसी पर भी भरोसा मत करना. सभी तुम्हारा इस्तेमाल कर रहे हैं. मैं तुम्हें एक गिफ्ट दे रहा हूं. लेकिन इसे तभी खोलना जब साल 2038 आएगा. अतुल ने तो बेटे के लिए कार खरीदने के लिए पैसे भी जोड़ने शुरू कर दिए थे. सुसाइड नोट के मुताबिक, अतुल इस हद तक टूट गया था कि उसे मौत को गले लगाना ही एक सॉल्यूशन लगा.

बेटे को देखने के लिए तरस गए

अतुल के भाई विकास सुभाष ने भी बताया कि अतुल की शादी 2019 में हुई थी. उनकी पत्नी और उसके पूरे परिवार ने उन्हें कई संगीन झूठे मामलों में फंसाया था. साल 2021 में ही भाभी निकिता अपने बेटे अपने साथ लेकर चली गई थी. उसके बाद से अतुल ने कभी अपने बेटे को नहीं देखा. अंतिम समय तक वो बेटे से मिलने के लिए तरसता रहा. इससे अतुल बहुत परेशान रहने लगे थे.

डिप्रेशन की वजह से ही उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. पुलिस ने अतुल के परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया है. जब पुलिस निकिता के घर पहुंची तो उसका परिवार फरार था. बताया जा रहा है कि निकिता दिल्ली में है. जल्द ही सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है, उनमें निकिता, उसकी मां निशा, भाई अनुराग और चाचा सुनील शामिल हैं.

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