पटना जिलाधिकारी की बड़ी कार्रवाई, काम में कोताही बरतने पर बड़ी संख्या में बीएलओ के वेतन को रोका

डेस्क : पटना जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेख सिंह ने बड़ी संख्या में बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) पर कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने 986 बीएलओ का वेतन रोक दिया है। यह कार्रवाई निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों की बैठकों में बीएलओ शामिल नहीं होने या फिर काम में लापरवाही बरतने को लेकर की गई है। इनसे स्पष्टीकरण भी पूछा गया है। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर कड़ी कार्रवाई भी होगी। 

डीएम के निर्देश पर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) द्वारा बैठकें की जा रही है। इन बैठकों में अनुपस्थित रहने या फिर पुनरीक्षण कार्यक्रम में खराब प्रदर्शन करनेवाले वाले 986 बीएलओ को चिन्हित किया गया। 

इन सभी से स्पष्टीकरण करते हुए उनका वेतन रोकने निर्देश डीएम ने दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा और कार्य में प्रगति नहीं आयी तो इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। डीएम द्वारा सभी ईआरओ एवं सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (एईआरओ) को बीएलओ के साथ नियमित बैठक कर कार्य में प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। 

मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम में प्रगति की समीक्षा की गयी। जूम एप के माध्यम से आयोजित बैठक में जिलाधिकारी द्वारा विधान सभावार प्रगति की समीक्षा की गयी। सभी ईआरओ और एईआरओ को अपने क्षेत्रों में महाविद्यालयों में निर्वाचन साक्षरता क्लब का आयोजन करें।

छात्र- छात्राओं के बीच इन्टरेक्टिव सेशन आयोजित कर युवा एवं महिला निर्वाचकों को निर्वाचन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही 18 से 19 साल के युवकों एवं युवतियों का नाम मतदाता सूची में शामिल करें। कोचिंग संस्थानों में अभियान चलाकर मतदाता सूची में नाम जुड़वाएं। जेंडर रेशियो में सुधार के लिए विशेष प्रयास करने को कहा गया।

अब मधुर संगीत के साथ मॉर्निग वॉक करेंगे राजधानीवासी, पटना के गंगा नदी किनारे घाटों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम से सुबह बजेगा संगीत

डेस्क : राजधानी पटना वासियों के लिए एक खुशखबरी है। गंगा नदी किनारे रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के तहत विकसित किए गए घाटों पर लोग सुबह में संगीत के साथ सैर करने का आनंद उठा सकेंगे।

पटना स्मार्ट सिटी के तहत कलेक्ट्रेट घाट से लेकर गुलबी घाट तक उच्च क्षमता के सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। साथ ही इन घाटों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया जा रहा है। इससे संगीत भी बजाया जाएगा। अब तक कलेक्ट्रेट घाट, महेन्द्रू घाट, काली घाट, कृष्णा घाट, बहरवा घाट, गोलकपुर घाट, गांधी घाट,पटना कॉलेज घाट, लॉ कॉलेज घाट, वंशी घाट पर 25 फिक्स, 11 पीटीजी कैमरा और ध्वनि यंत्र लगाया जा चुका है। 

अभी रिवर फ्रंट पर सुबह में हजारों की संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक करते हैं। अब कम आवाज में उन्हें मधुर संगीत सुनने को मिलेगा। ऐसा होने से यहां का नजारा और बेहतर होगा। स्वच्छता सर्वे 2023 के तहत गंगा टाउन प्रतियोगिता में इस बार पटना की रैकिंग में बेहतर सुधार की उम्मीद है।

बीपीएससी ने जारी किया शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का परीक्षा शिड्यूल, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : शिक्षक बहाली का इंतजार कर रहे युवक-युवतियों के लिए काम की खबर है। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने गुरुवार को शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण का परीक्षा शिड्यूल जारी कर दिया है। दूसरे चरण की परीक्षा सात दिसंबर से शुरू होगी। परीक्षा सात, आठ, नौ, 10, 14, 15 व 16 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से 230 बजे तक राज्य के विभिन्न जिलों में होगी। इस बार आयोग ने परीक्षा एक पाली में आयोजित करने का फैसला लिया है। पहले चरण की शिक्षक भर्ती के लिए विभिन्न स्तरों पर कई चरण में परीक्षा हुई थी।

पहले चरण में बचे पद भी इसमें शामिल दूसरे चरण की हो रही भर्ती में शिक्षकों के 122286 पद भरे जायेंगे। इसमें बीपीएससी ने शिक्षा विभाग के तहत 69706 और पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अंतर्गत कुल 916 शिक्षकों के पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन पहले ही जारी कर दिया है। इसके साथ ही पहले चरण में शिक्षक नियुक्ति से बचे 50263 और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत कुल 1401 पदों पर बहाली होनी है। इसके साथ ही बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने गुरुवार को एक्स पर जानकारी दी कि इस बार ओएमआर सीट भरने का तरीका बदला रहेगा

परीक्षा की तिथि

10 दिसंबर अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, उर्दू (शिक्षा विभाग के अंतर्गत छठी से आठवीं)

14 दिसंबर प्रधानाध्यापक पद के लिए पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण के तहत

15 दिसंबर पहली से पांचवीं सभी विषय (सामान्य, उर्दू, बांग्ला) शिक्षा व अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग

16 दिसंबर कक्षा 11वीं से 12वीं सभी विषय (शिक्षा विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग )

गिरिराज सिंह ने बिहार में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर तेजस्वी का पलटवार, मंदिर में घंटा बजाने से लोगों का नहीं भरेगा पेट


डेस्क : केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर हो रही साजिश के खिलाफ सीएम नीतीश कुमार से तुरंत एक्शन लेने की मांग की है। 

इधर गिरिराज सिंह की इस मांग पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि इन्हें विकास से कुछ लेना देना नहीं है, ये लोग सिर्फ हिंदू-मुसलमान की राजनीति करते हैं।

गिरिराज सिंह के यह कहने पर कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भारत के बाजारों और बिहार का इस्लामीकरण किया जा रहा है। इसपर तेजस्वी ने कहा कि इसपर कुछ भी बोलना ठीक नहीं है। ये लोग तो सिर्फ हिंदू मुसलमान ही करते हैं। उनमें और हमलोगों में यही फर्क है। हमलोग रोजगार देने की बात करते हैं और विकास की बात करते हैं तो वे लोग हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद की बात करते हैं।

उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग अच्छी तरह से जान ले लोगों का पेट नौकरी देने से भरेगा ना की मंदिर-मस्जिद करने से होगा और ना ही लोगों का पेट मंदिर में घंटा बजाने से होगा। इन लोगों को बस हिंदू-मुसलमान पर राजनीति करना है। नौकरी पाने के लिए यूपी के लोग बिहार आ रहे हैं। 

तेजस्वी ने कहा कि केंद्र में उनकी सरकार है। उनकी सरकार में कितनी मेनुफैक्चरिंग बढ़ी है, उन्हें बताना चाहिए।

बड़ी खबर : राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री वृशिण पटेल को ब्लैकमेल करने की कोशिश, व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर मांगी गई 50 लाख फिरौती

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व राजद के वरिष्ठ नेता वृशिण पटेल को ब्लैक मेल करने की कोशिश की गई है। बताया जा रहा है कि उनके व्हाट्सएप पर अश्लील फोटो भेजकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई थी। जिस तीन व्हाट्सएप नंबर से इसे भेजा गया था और उनसे बात करके 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। हालांकि तीनों नंबर के व्हाट्सएप प्रोफाइल फर्जी निकले हैं।

इसे संचालित करने वाले कौन लोग हैं, इसका पता अभी तक ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) को नहीं चल सका है। पूर्व मंत्री ने 17 नवंबर को ही ईओयू के एसपी से पूरे मामले की लिखित शिकायत की थी। पटेल ने पहले इस पूरे मामले की जानकारी अपने स्थानीय थाना कदमकुआं को दी थी, लेकिन मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण इसे ईओयू को ट्रांसफर किया गया और तफ्तीश शुरू कर दी गई है। जांच में यह भी पता चला कि जिन 3 सिम का उपयोग इसमें किया गया है, उसे कॉल करने के 10 दिन पहले ही फर्जी नाम-पता पर चालू किया गया था। इसे कहां से खरीदा गया और किसके माध्यम से चालू कराया गया है, इसकी तफ्तीश भी की जा रही है।

पूर्व मंत्री को फंसाने में जिस महिला का नाम सामने आया है, उसका भी कनेक्शन इससे उजागर हो जाएगा।

गौरतलबा है कि कुछ महीने पहले सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू से एक महिला ने ठगी कर ली थी। इस मामले में एक महिला और युवक को गिरफ्तार किया गया। दोनों अभी जेल में हैं। जदयू के एक विधायक समेत कुछ अफसरशाह भी चपेट में आ चुके हैं। इनके मामले की जांच भी ईओयू में चल रही है।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर कांग्रेस को ठहराया जिम्मेवार,

विशेष राज्य का दर्जा के लिए सोशल मीडिया पर डाला लंबा पोस्ट


डेस्क : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते कई वर्षों से कर रहे है। अब एकबार फिर उन्होंने इस मांग की बात उठाई है। वहीं उन्होंने अबतक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए सीधे-सीधे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस के शासन में विशेष राज्य के दर्जा देने के लिए कमेटी बनी, कमेटी ने रिपोर्ट भी दिया, इसके बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया।

आम तौर पर नीतीश कुमार पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं। लेकिन आज कैबिनेट मीटिंग में विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। अपने एक्स हैंडल पर सीएम नीतीश कुमार ने लिखा कि 'हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी, परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया।'

 ''देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण की सीमा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है अर्थात सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिये आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा। अर्थात इन सभी वर्गो के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। 

जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रूपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी। 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है। साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये दिये जायेंगे। 

जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी। सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रूपये के बदले 02 लाख रूपये दिये जायेंगे। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी। 

इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया। मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे।''

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर कांग्रेस को ठहराया जिम्मेवार,

डेस्क : बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीते कई वर्षों से कर रहे है। अब एकबार फिर उन्होंने इस मांग की बात उठाई है। वहीं उन्होंने अबतक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए सीधे-सीधे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस के शासन में विशेष राज्य के दर्जा देने के लिए कमेटी बनी, कमेटी ने रिपोर्ट भी दिया, इसके बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया।

आम तौर पर नीतीश कुमार पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं। लेकिन आज कैबिनेट मीटिंग में विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। अपने एक्स हैंडल पर सीएम नीतीश कुमार ने लिखा कि 'हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी, परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया।'

''देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षण की सीमा को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण की सीमा को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है अर्थात सामाजिक रूप से कमजोर तबकों के लिये आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्ववत लागू रहेगा। अर्थात इन सभी वर्गो के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है।

जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रूपये तक की राशि किश्तों में उपलब्ध करायी जायेगी। 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है। साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपये दिये जायेंगे।

जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी। सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रूपये के बदले 02 लाख रूपये दिये जायेंगे। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी।

इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। हमलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गाँधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी माँग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया। मई, 2017 में भी हमलोगों ने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा था। आज कैबिनेट की बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुये केन्द्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे।''

बड़ी खबर : कैबिनेट की बैठक खत्म, इन महत्वपूर्ण एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। बिहार के सरकारी सेवकों के लिए सरकार ने महंगाई भत्ता मे इंजाफ़ा किया है। कैबिनेट ने चार फीसदी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास किया है। डीए को 42 फीसदी से 46 प्रतिशत कर दिया गया है। 1 जुलाई 2023 के प्रभाव से यह लाभ दिया जाएगा। 

नीतीश कैबिनेट ने अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग को पद एवं सेवाओं की रिक्त में आरक्षण,नामांकन में आरक्षण संशोधन अधिनियम को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार की अनुशंसा भेजने का प्रस्ताव पास किया है।

बर्खास्त न्यायिक दंडाधिकारी अंचल द्विवेदी को फिर से सेवा में बहाल करने की स्वीकृति दी गई है। बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलीटेक्निक संस्थानों के लिए परामर्शी नीति की स्वीकृति दी गई है। सुदूर पंचायत एवं प्रखंड को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर 3600 बसों पर सरकार अनुदान देगी। प्रति बस ₹500000 का अनुदान भुगतान के लिए 180 करोड़ की स्वीकृति मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत दी गई है।

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए 100 करोड रुपए बजट का प्रबंध अनुदान के रूप में किया गया है। भवन प्रमंडल राजेंद्र नगर पटना के तत्कालीन सहायक अभियंता बृजा सिंह को निगरानी ने 2017 में ही गिरफ्तार किया था। कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें सेवा से बर्खास्तगी का दंड दिया गया है। 

बिहार लॉजिस्टिक पॉलिसी 2023 के गठन की स्वीकृति दी गई है। प्रशासनिक कार्यों के संपादन के लिए मोबाइल फोन की अनुमान्यता एवं उसकी खरीद के लिए निर्धारित राशि को बढ़ाया गया है। पटना हाई कोर्ट में अनुवादक के 60 पद एवं अनुवादक सह प्रूफ्र रीडर के 20 पद कुल 80 पदों की सृजन की स्वीकृति दी गई है।

छठ के बाद रेल में बढ़ी यात्रियों की भारी भीड़, सुरक्षा के लिए विभिन्न स्टेशनों पर तैनात किए गये 1 हजार पुलिसकर्मी

डेस्क : छठ पर्व के समापन के बाद अब परदेश के अपने-अपने घरों पर आए लोग काम-धंधे पर लौटने लगे है। जिसकी वजहर से रेलवे में भारी भीड़ उमड़नी शुरु हो गई है। रेलवे स्टेशनों पर बढ़ रही यात्रियों की भीड़ को देखते हुए रेल पुलिस ने सुरक्षा इंतजाम को सख्त कर दिया है। प्लेटफार्म से लेकर ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न स्टेशनों पर एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। खासकर राजधानी पटना के राजेंद्रनगर, पाटलिपुत्र, दानापुर व पटना जंक्शन पर रेल पुलिस विशेष नजर रख रही है।

रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि जिन ट्रेनों में ज्यादा भीड़ है उनमें अतिरिक्त बलों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा ट्रेनों में लाइन लगाकर यात्रियों को चढ़ाया जा रहा है, ताकि किसी तरह का हादसा न हो। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रेल पुलिस और आरपीएफ संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रही है। आरपीएफ की ओर से भी अतिरिक्त जवानों को सुरक्षा व्यवस्था के लिये लगाया गया है। पटना जंक्शन पर प्लेटफॉर्म नंबर एक और दस पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। ट्रेनों में सक्रिय साइबर गिरोह पर भी नजर रखी जा रही है। दरअसल भीड़ के वक्त इस गैंग के सदस्य यात्रियों का मोबाइल चोरी कर रुपये उड़ा लिये जाते हैं।

उन्होंने बताया कि रेल पुलिस भीड़ के वक्त सक्रिय रहने वाले नशाखुरानी गिरोह के अपराधियों पर खास नजर रख रही है। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि अपरिचित लोगों से ट्रेन के भीतर दोस्ती न करें। खासकर अगर कोई कुछ खाने को दें तो उससे परहेज करें। यह गिरोह सामान लेकर फरार हो जाता है।

डीएम की सरकारी गाड़ी ने चार लोगों को रौंदा, तीन की मौत

डेस्क : बिहार के मधेपुरा जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां बीते मंगलवार सुबह करीब 8 बजे फुलपरास थाना चौक से पूरब एनएच-57 पर जिले के डीएम विजय प्रकाश मीणा के सरकारी वाहन ने मां-बेटी समेत चार लोगों को कुचल दिया। इनमें तीन की मौत हो गई। मां व तीन साल की मासूम की मौके पर ही जान चली गई, जबकि घायल दो मजदूरों में से एक ने इलाज के दौरान दरभंगा में दम तोड़ दिया। 

एसपी सुशील कुमार के निर्देश पर मंगलवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई। मृतिका की गोतनी मीणादेवी के फर्दबयान पर वाहन चालक पर हिट एंड रन मामले में केस दर्ज किया गया है। इसकी पुष्टि फुलपरास थानाध्यक्ष ललन प्रसाद चौधरी ने की है। चालक पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया गया है। अभी तक चालक का नाम उजागर नहीं हुआ है।

ग्रामीणों के अनुसार, हादसे के बाद गाड़ी के चालक समेत उसमें बैठे दो लोग भाग निकले। आक्रोशित लोगों ने एनएच जाम कर प्रदर्शन किया। डीएम ने कहा कि उनकी गाड़ी मरम्मत के लिए गई थी, हादसे के समय वह उसमें नहीं थे।