उत्तर प्रदेश बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल राज्य

*पूंजीगत व्यय, निवेश में यूपी शीर्ष पर - CAG रिपोर्ट*

*CM के मार्गदर्शन में राज्य की वित्तीय सेहत मजबूत*

*UP ने निवेश और पूंजीगत खर्च में रचा नया इतिहास*

लखनऊ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रकाशित राज्य के वित्त लेखे 2022-2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश वित्तीय अनुशासन और निवेश के मामले में देश के सभी 28 राज्यों में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1,03,237 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया, जो देश में सबसे अधिक है। यह राशि राज्य की शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने लिया गया ऋण केवल विकास और पूंजी निर्माण के कार्यों पर खर्च किया है। यह एक आदर्श वित्तीय स्थिति मानी जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न केवल राजस्व व्यय पर नियंत्रण रखा, बल्कि निवेश और पूंजीगत खर्च में नया इतिहास रचा है। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और विकास उन्मुख व्यय ने यूपी को देश का “फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट” बना दिया है।
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां उसके राजस्व व्यय से अधिक रही हैं, अर्थात राज्य राजस्व बचत की स्थिति में है। राज्य का स्वयं का राजस्व (कर एवं करेतर) राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% के बीच रहा। प्रदेश ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो महाराष्ट्र (3.81%), गुजरात (3.64%) और बिहार (1.65%) से कहीं अधिक है। इसके साथ ही, 2013-14 से 2022-23 में केंद्रीय करों में सर्वाधिक राशि उत्तर प्रदेश को ही प्राप्त हुई है।
उत्तर प्रदेश ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो हरियाणा (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है। प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 12.43% वेतन पर खर्च किया, जबकि 16 राज्यों ने 20% से अधिक खर्च किया। वहीं, पेंशन पर व्यय कुल व्यय का 12.15% रहा, जो कई राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश 15%+) से कम है। इसी तरह, ब्याज भुगतान कुल व्यय का 8.90% रहा, जबकि 10 राज्यों ने इस मद में 10% से अधिक खर्च किया। सब्सिडी पर व्यय मात्र 4.40% रहा, जबकि पंजाब ने अपने व्यय का 17% सब्सिडी पर व्यय किया।
राज्य ने वृहद निर्माण कार्यों पर कुल व्यय का 11.89% खर्च किया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सहायता अनुदान (सामान्य एवं वेतन) पर 22.85% व्यय किया, जो अन्य बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कम है। इसी तरह, सहायता अनुदान (पूंजी सृजन) पर 2.27% व्यय किया, जबकि असम, झारखंड और त्रिपुरा में यह 5% से अधिक रहा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट के सभी मानकों का पालन किया। राज्य की कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% रही, जबकि कुल प्रत्याभूतियां मात्र 7.56% रहीं। यह सरकार के वित्तीय अनुशासन और स्थिरता का प्रमाण है।
मेडिकल कॉलेज में CME एवं Prestigious Orations का हुआ भव्य आयोजन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।शनिवार को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में CME एवं ऑरेशन का भव्य आयोजन हुआ इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रवीण पटेल सांसद फूलपुर अध्यक्ष डॉ.ज्योति भूषण विभागाध्यक्ष सर्जरी विभाग डॉ वैभव श्रीवास्तव सचिव डॉ पंकज कामरा मंचासीन रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो.डॉ.वी.के. पाण्डेय प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि MLN Medical College हमेशा से शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामाजिक सेवा का केन्द्र रहा है और ऐसे आयोजन उस परम्परा को और मजबूत करते हैं।मुख्य अतिथि प्रवीण पटेल ने कहा कि राजनीति और चिकित्सा दोनो ही आम जनता की सेवा का उत्कृष्ट मंच प्रदान करते हैं। आज इस ऐतिहासिक संस्थान में आना मेरे लिए गर्व की बात है।Alumni Orations जैसे आयोजन न सिर्फ डॉक्टरों को बल्कि समाज को भी नई दिशा देते है।मुझे गर्व है कि हमारे इस ऐतिहासिक मेडिकल कॉलेज में भी अब किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने जा रहा है इसके लिए मैं सभी को बधाई देता हूं।सचिव डॉ पंकज कमरा ने सभी को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि युवा डॉक्टरो को सही मार्गदर्शन और अनुशासन ही उन्हें भविष्य का स्तंभ बनाता है।यह आयोजन उस उद्देश्य को पूरा करता है।Alumni CME एवं Prestigious Orations 2025 में अमेरिका से आए विश्वविख्यात ट्रांसप्लांट सर्जन प्रो. डॉ.अजय खन्ना ने Multi Organ Transplantation विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और बेहतर इम्यूनो-सप्रेशन रणनीतियों ने यकृत गुर्दा आंत्र एवं मल्टीविसरल ट्रांसप्लांट को पहले से कहीं अधिक सफल और सुरक्षित बना दिया है।डॉ. खन्ना ने ज़ोर देकर कहा कि भारत जैसे देशो में भी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं और आने वाले समय में अंग प्रत्यारोपण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बन सकता है।उनका व्याख्यान विद्यार्थियों और चिकित्सकों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी रहा।इसके बाद प्रो.डॉ.प्रोबाल नियोगी ने Vanishing Touch:The Erosion of Clinical Examination विषय पर बोलते हुए आधुनिक युग में तकनीक पर बढ़ती निर्भरता की चर्चा की।उन्होंने कहा कि डॉक्टर की पहचान उसकी क्लिनिकल परीक्षा क्षमता से होती है और यदि यह परंपरा क्षीण होती गई तो चिकित्सा विज्ञान की आत्मा प्रभावित होगी।डॉ. कुशल मित्तल ने अपने व्याख्यान Decoding Yourself में आत्ममंथन आत्मविश्लेषण और आत्मविकास पर विशेष बल दिया।उन्होंने कहा कि चिकित्सक केवल शल्य कौशल से ही महान नहीं बनता बल्कि आत्मचेतना और मानवीय संवेदनशीलता भी उसकी पहचान होती है।अंत में प्रो. डॉ.एस.पी.सिंह जो रिकॉर्डधारी नेत्र शल्य चिकित्सक रहे है ने Precision, Prediction and Perfection in Cataract Surgery विषय पर व्याख्यान दिया।उन्होंने बताया कि कैसे उन्नत तकनीकों और सटीक पूर्वानुमान ने मोतियाबिन्द शल्य चिकित्सा को नया आयाम दिया है और मरीजों को चश्मा-मुक्त जीवन उपलब्ध कराया जा सकता है। आयोजन सचिव डॉ.संतोष सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह आयोजन प्रयागराज और पूरे प्रदेश के लिए गौरव का अवसर है जहां विश्वविख्यात विशेषज्ञों ने अपना ज्ञान और अनुभव साझा किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक डॉ.शरद जैन उप प्राचार्य डॉ.मोहित जैन और कोषाध्यक्ष डॉ.बैजनाथ गुप्ता की विशेष भूमिका रही।संचालन पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ कचनार वर्मा वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ऋतु जैन फिजिशियन डॉ अनुभा वर्मा डॉ ऋचा सिंह एवं डॉ सुबिया अंसारी ने किया।इस अवसर पर कॉलेज परिवार और बड़ी संख्या में उपस्थित चिकित्सकों व छात्रों ने वक्ताओ के विचारो को आत्मसात किया।

एलुमनी सीएमई एवं प्रेस्टीजियस ओरेशंस 2025 का भव्य आयोजन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज। मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के Alumni Welfare Association और सर्जरी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 11 अक्टूबर 2025 को Alumni CME एवं Prestigious Orations 2025 का भव्य आयोजन किया जाएगा।इस आयोजन में देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त चिकित्सक शामिल होंगे और अपने अनुभव व शोध कार्यों से चिकित्सक समुदाय एवं आम जनता दोनों को लाभान्वित करेंगे।शाम को आयोजित Alumni Orations में चार प्रतिष्ठित स्मृति व्याख्यान होंगे—रिकॉर्डधारी नेत्र चिकित्सक एवं पूर्व प्राचार्य प्रो.(डॉ.)एस.पी. सिंह, प्रो.डी.बी.चंद्रा Oration में “Precision, Prediction and Perfection in Cataract Surgery”विषय पर चर्चा करेंगे।अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग में ट्रांसप्लांट सर्जरी के प्रमुख विशेषज्ञ प्रो.डॉ.अजय खन्ना प्रो. प्रीतम दास Oration में “Multi Organ Transplantation”विषय पर व्याख्यान देगे।प्रोफेसर खन्ना अमेरिका में एक साथ लिवर,पेनक्रियाज एवं किडनी का ट्रांसप्लांट करके रिकॉर्ड बना चुके है।सर्जन एसोसिएशन के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रभारी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.प्रोबाल नियोगी प्रो.आर.के. अग्रवाल Oration में “Vanishing Touch:The Erosion of Clinical Examination” विषय पर अपने विचार रखेंगे।प्रो. एस.आर.सिंह Oration में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मुंबई के वरिष्ठ सर्जन डॉ कुशल मित्तल Decoding Yourself विषय पर बोलेंगे।डॉ.ज्योति भूषण अध्यक्ष ने बताया कि यह कार्यक्रम कॉलेज की गौरव शाली परम्परा और चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक होगा।डॉ. शरद जैन संयोजक ने कहा कि Alumni और वर्तमान विद्यार्थियों का यह संगम संस्थान की पहचान को और मजबूत करेगा।डॉ.मोहित जैन उप प्राचार्य ने कहा कि यह आयोजन छात्रों और युवा चिकित्सकों को नई दिशा देगा और उन्हें प्रख्यात सर्जनों से सीखने का अवसर मिलेगा।डॉ. बैजनाथ गुप्ता (कोषाध्यक्ष) ने कहा कि ऐसे आयोजन Alumni Welfare Association की सक्रियता और योगदान को और सशक्त बनाते हैं तथा यह सम्मेलन भविष्य के चिकित्सकों के लिए प्रेरणादायक साबित होगा।सचिव डॉ. पंकज कामरा एवं आयोजन सचिव डॉ.संतोष सिंह ने बताया कि इस बार Alumni Orations 2025 में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ शामिल होंगे जिनके व्याख्यान से चिकित्सक समुदाय ही नहीं बल्कि आम जनता भी आधुनिक चिकित्सा तकनीकों व उनके लाभों से परिचित होगी।सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ.वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ सुबह 9:00 बजे Surgeons’ Reunion 2025 से होगा, जिसमें विभाग से शिक्षा प्राप्त कर चुके पूर्व छात्र शामिल होंगे और अपने अनुभव व यादें साझा करेंगे।यह आयोजन पुरानी और नई पीढ़ियों के बीच सेतु का कार्य करेगा और विभागीय परम्परा को और भी समृद्ध बनाएगा।

CII Brings Global Mobility Future to Pune: NexGen Mobility Show 2025 Kicks Off on 9 October

Pune 7 October 2025: The Confederation of Indian Industry (CII) Western Region is set to host its flagship International Exhibition and Conference for the automobile industry - the 3rd Edition of the CII NexGen Mobility Show 2025, scheduled from October 9 to 11, 2025 at Pune International Exhibition Centre, Moshi.

Under the theme "Innovate. Integrate. Impact: The Future of Mobility," the event will bring together the entire automotive value chain said Mr Arvind Goel, Chairman, CII WR Taskforce on Future Mobility & Vice Chairman, Tata Auto Comp Systems Ltd. The show will cover a comprehensive range of topics, including Commercial Vehicles, Passenger Vehicles, Policy and Regulatory Guidelines, EV Business Ecosystem Development, Sustainable Charging Infrastructure, Battery Technology, Automotive Aftermarket, Automotive Materials, Automotive Logistics, EV Manufacturing Innovations and Investments, Rapid Metro, High-speed Trains, Urban Air Mobility, and Infrastructure development.

Mr Akash Passey, Chairman, CII WR Taskforce on R&D, Innovation & Digitalisation & Co-Chairman, CII WR Taskforce on Future Mobility and President, ZF Group India added, "This platform will enable Punekars and participants from across Western India to explore the latest automotive technologies and engage with industry leaders who are shaping the next generation of mobility solutions."

Mr Rajnikant Behera, Chairman, CII Pune Zonal Council & Executive Director, RSB Transmissions (1) Ltd stated that "The Indian automotive industry is currently at a very exciting stage, driven by several mega trends that are set to define and shape the future of mobility. This makes the 'Next Gen Mobility Show' especially significant and timely.

The show will be featuring world-class automobile brands and industry stakeholders, showcasing Internal Combustion Engine (ICE), Electric, Hybrid, Hydrogen, CNG/LNG, and Ethanol/Biofuel Powertrains, alongside traditional and new-age auto components, Electrical and electronic subsystems, Mechanical subsystems, and the latest automobile technology trends driving the future of mobility.

Mr MS Shankar, Co-Chairman, CII WR Taskforce on R&D, Innovation & Digitalisation & Sr Advisor and Head Group Innovation & Technology, ANAND Automotive Pvt Ltd said that through a series of expert-led discussions, the event aims to foster collaboration, innovation, and sustainable growth within India's rapidly evolving mobility ecosystem.

Key highlights include: 9th October 2025-CII Automotive Research & Development Conclave 2025: "Navigating the New Era of Automotive Research Excellence"

10th October 2025-Cll Software Led Mobility Conclave 2025: "Driving India's Software-led Mobility Revolution"

ARAI-AMTIF: 'Navigyaan' - Startup & Innovation Conclave 2025

The CII NexGen Mobility Show 2025 promises to be a dynamic platform for policymakers, industry leaders, innovators, and researchers to exchange ideas, explore business opportunities, and shape the future of sustainable mobility in India and beyond.

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TBI-PBI कार्यक्रम की जांच जरूरी, CHO द्वारा संजीवनी कार्यक्रम में लापरवाही उजागर — रिपोर्ट के आधार पर मानदेय रोकने की मांग
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। शासन द्वारा संचालित संजीवनी कार्यक्रम के तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) को अपने-अपने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) पर रहकर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए मरीजों की पहचान और TBI (Tuberculosis Index) के माध्यम से स्क्रीनिंग का कार्य करना होता है। इस कार्य के लिए शासन द्वारा CHO को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल भिन्न दिखाई दे रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकांश CHO अपने क्षेत्र में निर्धारित TBI और PBI (Performance Based Incentive) संबंधी कार्य नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार यदि इनके कार्यों की ब्लॉक स्तर पर जांच की जाए, तो इनका कार्य निष्पादन सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत तक ही पाया जाएगा। इसके बावजूद विभागीय लेन-देन और आपसी समझौते के आधार पर कई CHO TBI-PBI का मानदेय प्राप्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि यह पूरा कार्य "तुम मुझे, मैं तुम्हें" के सिद्धांत पर चल रहा है, जिससे शासन की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं और असली लाभार्थी तक सेवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग से यह मांग उठी है कि मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) बलिया द्वारा सभी ब्लॉकों को आदेश जारी किया जाए कि प्रत्येक CHO से मासिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से ली जाए, और उनके द्वारा किए गए TBI-PBI संबंधी कार्यों की जांच रिपोर्ट के आधार पर मानदेय का भुगतान किया जाए। यदि कोई CHO अपने निर्धारित कार्य जैसे — मरीजों की खोज, स्क्रीनिंग, रिपोर्टिंग, और फॉलो-अप — पूरा नहीं करता है, तो उसका मानदेय रोका जाए या काट लिया जाए। इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन की मुख्य जिम्मेदारी DCPM (District Community Process Manager) की बताई जा रही है, जिन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर CHO अपने क्षेत्र में संजीवनी कार्यक्रम को सही ढंग से लागू करे। जिला स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस योजना की पारदर्शी जांच प्रणाली लागू की जाए, तो न केवल शासन का धन बचाया जा सकेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक पहुँच भी सुनिश्चित होगी। “स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तभी संभव है जब मैदान में कार्यरत कर्मचारी ईमानदारी से अपना दायित्व निभाएं,” एक स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
करूर हादसा: अभिनेता विजय की रैली में भगदड़, 36 की मौत; बड़ी संख्या में लोग घायल

तमिलनाडु के करूर में एक्टर से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति की वजह से कई बच्चों सहित कम से कम 36 लोगों की मारे जाने की खबर है. इसमें हादसे में 50 से अधिक लोग घायल भी हुए है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि 29 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया था. दावा किया जा रहा है कि टीवीके प्रमुख विजय की करूर रैली में भगदड़ जैसी स्थिति में घायल हुए और बेहोश होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. हादसे के बाद राज्य के मंत्री, शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी करूर पहुंच गए हैं.

इस बीच मुख्यमंत्री स्टालिन ने करूर में हुए हादसे के बाद आम जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को करूर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री स्टालिन के कल रविवार को करूर जाने की उम्मीद है.

तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के प्रमुख और अभिनेता-राजनेता विजय की अगुवाई में आज शनिवार को आयोजित एक रैली में भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई और कुछ बच्चों सहित कई लोग बेहोश हो गए. विजय जब जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तब भीड़ लगातार बढ़ती गई और बेकाबू हो गई. इस बीच भीड़ की वजह से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं और कुछ बच्चों सहित कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े.

पार्टी के कार्यकर्ता समेत कई लोग हुए बेहोश

लोगों के बेहोश होते देख कई कार्यकर्ताओं ने वहां पर शोर मचाना शुरू कर दिया. इस पर विजय ने ध्यान दिया और अपना भाषण रोककर खासतौर से तैयार की गई प्रचार बस के ऊपर से पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दी.

हालांकि भारी भीड़ की वजह से एंबुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने के लिए रास्ते से गुजरने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ी. बेहोश लोगों को एंबुलेंस के जरिए पास के अस्पतालों में ले जाया गया और उनमें से कुछ कथित तौर पर अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विजय ने बेकाबू होती स्थिति को समझा और अपना भाषण छोटा करते हुए पहले ही खत्म कर दिया.

CM स्टालिन का मेडिकल सुविधा देने का निर्देश

करूर में जनसभा के दौरान भगदड़ की घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने X पर पोस्ट किया, “करूर से आ रही खबर चिंताजनक है. मैंने पूर्व मंत्री वी. सेंथिलबालाजी, मंत्री सुब्रमण्यम और जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे भीड़ में फंसकर बेहोश हुए और अस्पताल में भर्ती लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करें.”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने पड़ोसी तिरुचिरापल्ली जिले के मंत्री अनबिल महेश को भी युद्धस्तर पर सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा, मैंने एडीजीपी से वहां स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए बात की है. मैं जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं.”

उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे…’ सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सीएम हेमंत सोरेन का पोस्ट

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लद्दाख इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। वजह है 24 सितंबर को लेह में हुई भीषण हिंसा। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब इस मामले में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद सियासत तेज होती दिख रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लद्दाख में सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए है। इससे पहले दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तानाशाही का आरोप लगाया था।

मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने का षड्यंत्र-हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे... जल-जंगल-जमीन, भाषा-संस्कृति-अधिकार की रक्षा एवं देश के लिए समर्पित एक और मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने के लिए किए जा रहे षड्यंत्रों पर पूरे देश की नजर है।"

केजरीवाल ने लगाया राजनीति के तहत प्रताड़ित करने का आरोप

इससे पहले आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कहा कि रावण का भी अंत हुआ था। कंस का भी अंत हुआ था। हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ था और आज उन सब लोगों से लोग नफ़रत करते हैं। आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है। तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत बहुत बुरा होता है।

केजरीवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दूसरे पोस्ट में ये भी कहा, सोनम वांगचुक, जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है। बेहद दुख होता है- देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?

लेह हिंसा में 24 सितंबर को क्या हुआ था?

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर 24 सितंबर को जमकर हिंसा हुई थी। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि सुरक्षा बलों को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान 4 प्रदर्शनकारी मारे गए थे और करीब 70 घायल हुए थे। लेह में हुई हिंसक घटनाओं के दो दिन बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।

सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक

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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।

सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?

सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।

क्या बोले वांगचुक?

वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई। 

विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक

वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।

क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?

सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.

HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था

स्वच्छता ही सेवा 2025 : 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।स्वच्छता ही सेवा 2025 के तहत आज“एक दिन एक घन्टा एक साथ”विशेष कार्यक्रम के साथ 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ हुआ।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने हरी झण्डी दिखाकर नगर निगम प्रयागराज की सुसज्जित सफाई वाहनो को रवाना किया और लगातार 156 घन्टे तक चलने वाले इस ऐतिहासिक स्वच्छता अभियान की शुरुआत की।

अभियान की प्रमुख विशेषताएं।

नगर निगम की सभी गाड़ियो को विशेष सजावट के साथ रोस्टर के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया।156 घन्टे तक निरंतर सफाई कार्य चलाने हेतु नाला-नाली पार्क, सार्वजनिक स्थल GVP, CTU घाट शौचालय स्कूल- कॉलेज सड़क जलाशय सहित डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण एवं पृथक्करण की व्यापक व्यवस्था की गई।इस अवसर पर 3000 से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता की शपथ लेकर अभियान में भागीदारी सुनिश्चित की।

नागवासुकी मंदिर परिसर में सामूहिक श्रमदान “एक दिन एक घंटा एक साथ” कार्यक्रम के तहत महापौर, पार्षदगण और नगर निगम की पूरी टीम ने नागवासुकी मंदिर पर भव्य श्रमदान किया।मंदिर परिसर को पूर्णतः कचरा-मुक्त किया गया।नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सफाई मित्रों की महत्ता और शहर को स्वच्छ रखने में जनभागीदारी का संदेश दिया गया।

महापौर का उद्बोधन

श्रमदान के पश्चात अपने सम्बोधन में उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा-

> प्रयागराज की धरती हमेशा से जनसहभागिता और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण रही है।आज हमने 156 घंटे के इस निरंतर सफाई अभियान की शुरुआत की है।यह केवल सफाई का नही बल्कि मानसिकता बदलने का संकल्प है। बापू के स्वच्छ भारत के सपने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्शों को साकार करने में हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। मैं हर नागरिक से आह्वान करता हूँ कि न केवल इन 156 घंटों के दौरान बल्कि हर दिन अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखने की आदत को जीवन का हिस्सा बनाएं।

महापौर ने अपने हाथों से रंगोली बनाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया।विशेष उपस्थिति इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र कुमार यादव कर निर्धारण अधिकारी संजय ममगाई सभी जोनल अधिकारी स्वच्छता एवं खाद्य निरीक्षक नगर निगम प्रयागराज के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में सम्मानित नागरिक मौजूद रहे।नगर निगम प्रयागराज सभी नागरिकों से अपील करता है कि 2 अक्टूबर तक चलने वाले 156 घन्टे महासफाई अभियान में सक्रिय सहयोग दे और “स्वच्छ प्रयागराज स्वस्थ प्रयागराज”के संकल्प को साकार करे।

_स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान ने गैर संचारी रोग एवं आरोग्यता पर जनसमुदाय को किया सशक्त।_

संजय द्विवेदी प्रयागराज।समग्र स्वास्थ्य और रोकथाम केन्द्रित देखभाल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत "स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान"का सफल आयोजन मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ.एस.के. हंडू के कुशल नेतृत्व में किया गया। यह अभियान"गैर-संचारी रोग (NCDs)और आरोग्यता विषय पर केंद्रित था जिसका उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूकता और प्रारंभिक जांच को बढ़ावा देना है।डॉ.उषा एस.पी.यादव नोडल अधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ महिला एक स्वस्थ परिवार की नींव होती है और स्वस्थ परिवार मिलकर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते है।मुख्य वक्ता डॉ. मृत्युंजय कुमार ने गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी विकारों की बढ़ती चुनौती पर गहन और व्यावहारिक जानकारी साझा की।उन्होंने जीवनशैली में परिवर्तन नियमित जांच और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष बल दिया।

उन्होंने कहा“गैर-संचारी रोगों के विरुद्ध संघर्ष केवल चिकित्सा का विषय नही बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है—जागरूकता रोकथाम और समय पर हस्तक्षेप ही हमारे सबसे सशक्त उपकरण हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कल्पना मिश्रा अपर मुख्य स्वास्थ्य निदेशक (ACHD) और डॉ.रीना अग्रवाल ACMS ने की।दोनों अधिकारियों ने नियमित स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता और समुदाय में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की महत्ता को रेखांकित किया।कार्यक्रम के अंतर्गत 67 प्रतिभागियों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें लम्बाई वजन रक्तचाप(BP)और रैंडम ब्लड शुगर(RBS)की जांच शामिल थी। चिकित्सकीय टीम द्वारा सभी प्रतिभागियों को उनकी रिपोर्ट के आधार पर व्यक्तिगत परामर्श भी प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम में कुल 167 प्रतिभागियों (95 पुरुष और 72 महिला) की सक्रिय उपस्थिति रही जिसमें रेलवे अस्पताल के डॉक्टर चिकित्सा अधिकारी पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ तथा रेलवे चिकित्सा लाभार्थी शामिल रहे। कार्यक्रम ने जागरूकता संवाद और स्वास्थ्य सुधार के लिए प्रतिबद्धता की भावना को और मजबूत किया।यह पहल रेलवे चिकित्सा विभाग द्वारा महिलाओं और परिवारों के बीच स्वास्थ्य, प्रारंभिक पहचान और सशक्त जीवनशैली को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुई।

उत्तर प्रदेश बना वित्तीय अनुशासन का मॉडल राज्य

*पूंजीगत व्यय, निवेश में यूपी शीर्ष पर - CAG रिपोर्ट*

*CM के मार्गदर्शन में राज्य की वित्तीय सेहत मजबूत*

*UP ने निवेश और पूंजीगत खर्च में रचा नया इतिहास*

लखनऊ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा प्रकाशित राज्य के वित्त लेखे 2022-2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश वित्तीय अनुशासन और निवेश के मामले में देश के सभी 28 राज्यों में अग्रणी रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 1,03,237 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय किया, जो देश में सबसे अधिक है। यह राशि राज्य की शुद्ध लोक ऋण प्राप्तियों का 210.68% है, जो यह दर्शाता है कि सरकार ने लिया गया ऋण केवल विकास और पूंजी निर्माण के कार्यों पर खर्च किया है। यह एक आदर्श वित्तीय स्थिति मानी जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने न केवल राजस्व व्यय पर नियंत्रण रखा, बल्कि निवेश और पूंजीगत खर्च में नया इतिहास रचा है। वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और विकास उन्मुख व्यय ने यूपी को देश का “फाइनेंशियल रोल मॉडल स्टेट” बना दिया है।
सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां उसके राजस्व व्यय से अधिक रही हैं, अर्थात राज्य राजस्व बचत की स्थिति में है। राज्य का स्वयं का राजस्व (कर एवं करेतर) राजस्व प्राप्तियों का 45% रहा, जबकि हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे औद्योगिक राज्यों में यह 70-80% के बीच रहा। प्रदेश ने कुल व्यय का 9.39% निवेश पर खर्च किया, जो महाराष्ट्र (3.81%), गुजरात (3.64%) और बिहार (1.65%) से कहीं अधिक है। इसके साथ ही, 2013-14 से 2022-23 में केंद्रीय करों में सर्वाधिक राशि उत्तर प्रदेश को ही प्राप्त हुई है।
उत्तर प्रदेश ने प्रतिबद्ध व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान) पर कुल राजस्व व्यय का 42.57% खर्च किया, जो हरियाणा (55.27%) और तमिलनाडु (50.97%) से कम है। प्रदेश ने अपने कुल व्यय का 12.43% वेतन पर खर्च किया, जबकि 16 राज्यों ने 20% से अधिक खर्च किया। वहीं, पेंशन पर व्यय कुल व्यय का 12.15% रहा, जो कई राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश 15%+) से कम है। इसी तरह, ब्याज भुगतान कुल व्यय का 8.90% रहा, जबकि 10 राज्यों ने इस मद में 10% से अधिक खर्च किया। सब्सिडी पर व्यय मात्र 4.40% रहा, जबकि पंजाब ने अपने व्यय का 17% सब्सिडी पर व्यय किया।
राज्य ने वृहद निर्माण कार्यों पर कुल व्यय का 11.89% खर्च किया, जो इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सहायता अनुदान (सामान्य एवं वेतन) पर 22.85% व्यय किया, जो अन्य बड़े राज्यों जैसे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से कम है। इसी तरह, सहायता अनुदान (पूंजी सृजन) पर 2.27% व्यय किया, जबकि असम, झारखंड और त्रिपुरा में यह 5% से अधिक रहा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश ने एफ.आर.बी.एम. एक्ट के सभी मानकों का पालन किया। राज्य की कुल देयता जीएसडीपी का 29.32% रही, जबकि कुल प्रत्याभूतियां मात्र 7.56% रहीं। यह सरकार के वित्तीय अनुशासन और स्थिरता का प्रमाण है।
मेडिकल कॉलेज में CME एवं Prestigious Orations का हुआ भव्य आयोजन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।शनिवार को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में CME एवं ऑरेशन का भव्य आयोजन हुआ इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रवीण पटेल सांसद फूलपुर अध्यक्ष डॉ.ज्योति भूषण विभागाध्यक्ष सर्जरी विभाग डॉ वैभव श्रीवास्तव सचिव डॉ पंकज कामरा मंचासीन रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो.डॉ.वी.के. पाण्डेय प्राचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि MLN Medical College हमेशा से शैक्षणिक उत्कृष्टता और सामाजिक सेवा का केन्द्र रहा है और ऐसे आयोजन उस परम्परा को और मजबूत करते हैं।मुख्य अतिथि प्रवीण पटेल ने कहा कि राजनीति और चिकित्सा दोनो ही आम जनता की सेवा का उत्कृष्ट मंच प्रदान करते हैं। आज इस ऐतिहासिक संस्थान में आना मेरे लिए गर्व की बात है।Alumni Orations जैसे आयोजन न सिर्फ डॉक्टरों को बल्कि समाज को भी नई दिशा देते है।मुझे गर्व है कि हमारे इस ऐतिहासिक मेडिकल कॉलेज में भी अब किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने जा रहा है इसके लिए मैं सभी को बधाई देता हूं।सचिव डॉ पंकज कमरा ने सभी को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि युवा डॉक्टरो को सही मार्गदर्शन और अनुशासन ही उन्हें भविष्य का स्तंभ बनाता है।यह आयोजन उस उद्देश्य को पूरा करता है।Alumni CME एवं Prestigious Orations 2025 में अमेरिका से आए विश्वविख्यात ट्रांसप्लांट सर्जन प्रो. डॉ.अजय खन्ना ने Multi Organ Transplantation विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और बेहतर इम्यूनो-सप्रेशन रणनीतियों ने यकृत गुर्दा आंत्र एवं मल्टीविसरल ट्रांसप्लांट को पहले से कहीं अधिक सफल और सुरक्षित बना दिया है।डॉ. खन्ना ने ज़ोर देकर कहा कि भारत जैसे देशो में भी इस क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं और आने वाले समय में अंग प्रत्यारोपण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बन सकता है।उनका व्याख्यान विद्यार्थियों और चिकित्सकों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी रहा।इसके बाद प्रो.डॉ.प्रोबाल नियोगी ने Vanishing Touch:The Erosion of Clinical Examination विषय पर बोलते हुए आधुनिक युग में तकनीक पर बढ़ती निर्भरता की चर्चा की।उन्होंने कहा कि डॉक्टर की पहचान उसकी क्लिनिकल परीक्षा क्षमता से होती है और यदि यह परंपरा क्षीण होती गई तो चिकित्सा विज्ञान की आत्मा प्रभावित होगी।डॉ. कुशल मित्तल ने अपने व्याख्यान Decoding Yourself में आत्ममंथन आत्मविश्लेषण और आत्मविकास पर विशेष बल दिया।उन्होंने कहा कि चिकित्सक केवल शल्य कौशल से ही महान नहीं बनता बल्कि आत्मचेतना और मानवीय संवेदनशीलता भी उसकी पहचान होती है।अंत में प्रो. डॉ.एस.पी.सिंह जो रिकॉर्डधारी नेत्र शल्य चिकित्सक रहे है ने Precision, Prediction and Perfection in Cataract Surgery विषय पर व्याख्यान दिया।उन्होंने बताया कि कैसे उन्नत तकनीकों और सटीक पूर्वानुमान ने मोतियाबिन्द शल्य चिकित्सा को नया आयाम दिया है और मरीजों को चश्मा-मुक्त जीवन उपलब्ध कराया जा सकता है। आयोजन सचिव डॉ.संतोष सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह आयोजन प्रयागराज और पूरे प्रदेश के लिए गौरव का अवसर है जहां विश्वविख्यात विशेषज्ञों ने अपना ज्ञान और अनुभव साझा किया।कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक डॉ.शरद जैन उप प्राचार्य डॉ.मोहित जैन और कोषाध्यक्ष डॉ.बैजनाथ गुप्ता की विशेष भूमिका रही।संचालन पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ कचनार वर्मा वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ऋतु जैन फिजिशियन डॉ अनुभा वर्मा डॉ ऋचा सिंह एवं डॉ सुबिया अंसारी ने किया।इस अवसर पर कॉलेज परिवार और बड़ी संख्या में उपस्थित चिकित्सकों व छात्रों ने वक्ताओ के विचारो को आत्मसात किया।

एलुमनी सीएमई एवं प्रेस्टीजियस ओरेशंस 2025 का भव्य आयोजन।

संजय द्विवेदी प्रयागराज। मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के Alumni Welfare Association और सर्जरी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 11 अक्टूबर 2025 को Alumni CME एवं Prestigious Orations 2025 का भव्य आयोजन किया जाएगा।इस आयोजन में देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त चिकित्सक शामिल होंगे और अपने अनुभव व शोध कार्यों से चिकित्सक समुदाय एवं आम जनता दोनों को लाभान्वित करेंगे।शाम को आयोजित Alumni Orations में चार प्रतिष्ठित स्मृति व्याख्यान होंगे—रिकॉर्डधारी नेत्र चिकित्सक एवं पूर्व प्राचार्य प्रो.(डॉ.)एस.पी. सिंह, प्रो.डी.बी.चंद्रा Oration में “Precision, Prediction and Perfection in Cataract Surgery”विषय पर चर्चा करेंगे।अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग में ट्रांसप्लांट सर्जरी के प्रमुख विशेषज्ञ प्रो.डॉ.अजय खन्ना प्रो. प्रीतम दास Oration में “Multi Organ Transplantation”विषय पर व्याख्यान देगे।प्रोफेसर खन्ना अमेरिका में एक साथ लिवर,पेनक्रियाज एवं किडनी का ट्रांसप्लांट करके रिकॉर्ड बना चुके है।सर्जन एसोसिएशन के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रभारी एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.प्रोबाल नियोगी प्रो.आर.के. अग्रवाल Oration में “Vanishing Touch:The Erosion of Clinical Examination” विषय पर अपने विचार रखेंगे।प्रो. एस.आर.सिंह Oration में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मुंबई के वरिष्ठ सर्जन डॉ कुशल मित्तल Decoding Yourself विषय पर बोलेंगे।डॉ.ज्योति भूषण अध्यक्ष ने बताया कि यह कार्यक्रम कॉलेज की गौरव शाली परम्परा और चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक होगा।डॉ. शरद जैन संयोजक ने कहा कि Alumni और वर्तमान विद्यार्थियों का यह संगम संस्थान की पहचान को और मजबूत करेगा।डॉ.मोहित जैन उप प्राचार्य ने कहा कि यह आयोजन छात्रों और युवा चिकित्सकों को नई दिशा देगा और उन्हें प्रख्यात सर्जनों से सीखने का अवसर मिलेगा।डॉ. बैजनाथ गुप्ता (कोषाध्यक्ष) ने कहा कि ऐसे आयोजन Alumni Welfare Association की सक्रियता और योगदान को और सशक्त बनाते हैं तथा यह सम्मेलन भविष्य के चिकित्सकों के लिए प्रेरणादायक साबित होगा।सचिव डॉ. पंकज कामरा एवं आयोजन सचिव डॉ.संतोष सिंह ने बताया कि इस बार Alumni Orations 2025 में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ शामिल होंगे जिनके व्याख्यान से चिकित्सक समुदाय ही नहीं बल्कि आम जनता भी आधुनिक चिकित्सा तकनीकों व उनके लाभों से परिचित होगी।सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ.वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारम्भ सुबह 9:00 बजे Surgeons’ Reunion 2025 से होगा, जिसमें विभाग से शिक्षा प्राप्त कर चुके पूर्व छात्र शामिल होंगे और अपने अनुभव व यादें साझा करेंगे।यह आयोजन पुरानी और नई पीढ़ियों के बीच सेतु का कार्य करेगा और विभागीय परम्परा को और भी समृद्ध बनाएगा।

CII Brings Global Mobility Future to Pune: NexGen Mobility Show 2025 Kicks Off on 9 October

Pune 7 October 2025: The Confederation of Indian Industry (CII) Western Region is set to host its flagship International Exhibition and Conference for the automobile industry - the 3rd Edition of the CII NexGen Mobility Show 2025, scheduled from October 9 to 11, 2025 at Pune International Exhibition Centre, Moshi.

Under the theme "Innovate. Integrate. Impact: The Future of Mobility," the event will bring together the entire automotive value chain said Mr Arvind Goel, Chairman, CII WR Taskforce on Future Mobility & Vice Chairman, Tata Auto Comp Systems Ltd. The show will cover a comprehensive range of topics, including Commercial Vehicles, Passenger Vehicles, Policy and Regulatory Guidelines, EV Business Ecosystem Development, Sustainable Charging Infrastructure, Battery Technology, Automotive Aftermarket, Automotive Materials, Automotive Logistics, EV Manufacturing Innovations and Investments, Rapid Metro, High-speed Trains, Urban Air Mobility, and Infrastructure development.

Mr Akash Passey, Chairman, CII WR Taskforce on R&D, Innovation & Digitalisation & Co-Chairman, CII WR Taskforce on Future Mobility and President, ZF Group India added, "This platform will enable Punekars and participants from across Western India to explore the latest automotive technologies and engage with industry leaders who are shaping the next generation of mobility solutions."

Mr Rajnikant Behera, Chairman, CII Pune Zonal Council & Executive Director, RSB Transmissions (1) Ltd stated that "The Indian automotive industry is currently at a very exciting stage, driven by several mega trends that are set to define and shape the future of mobility. This makes the 'Next Gen Mobility Show' especially significant and timely.

The show will be featuring world-class automobile brands and industry stakeholders, showcasing Internal Combustion Engine (ICE), Electric, Hybrid, Hydrogen, CNG/LNG, and Ethanol/Biofuel Powertrains, alongside traditional and new-age auto components, Electrical and electronic subsystems, Mechanical subsystems, and the latest automobile technology trends driving the future of mobility.

Mr MS Shankar, Co-Chairman, CII WR Taskforce on R&D, Innovation & Digitalisation & Sr Advisor and Head Group Innovation & Technology, ANAND Automotive Pvt Ltd said that through a series of expert-led discussions, the event aims to foster collaboration, innovation, and sustainable growth within India's rapidly evolving mobility ecosystem.

Key highlights include: 9th October 2025-CII Automotive Research & Development Conclave 2025: "Navigating the New Era of Automotive Research Excellence"

10th October 2025-Cll Software Led Mobility Conclave 2025: "Driving India's Software-led Mobility Revolution"

ARAI-AMTIF: 'Navigyaan' - Startup & Innovation Conclave 2025

The CII NexGen Mobility Show 2025 promises to be a dynamic platform for policymakers, industry leaders, innovators, and researchers to exchange ideas, explore business opportunities, and shape the future of sustainable mobility in India and beyond.

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TBI-PBI कार्यक्रम की जांच जरूरी, CHO द्वारा संजीवनी कार्यक्रम में लापरवाही उजागर — रिपोर्ट के आधार पर मानदेय रोकने की मांग
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। शासन द्वारा संचालित संजीवनी कार्यक्रम के तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) को अपने-अपने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) पर रहकर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए मरीजों की पहचान और TBI (Tuberculosis Index) के माध्यम से स्क्रीनिंग का कार्य करना होता है। इस कार्य के लिए शासन द्वारा CHO को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा है। लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल भिन्न दिखाई दे रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकांश CHO अपने क्षेत्र में निर्धारित TBI और PBI (Performance Based Incentive) संबंधी कार्य नहीं कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार यदि इनके कार्यों की ब्लॉक स्तर पर जांच की जाए, तो इनका कार्य निष्पादन सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत तक ही पाया जाएगा। इसके बावजूद विभागीय लेन-देन और आपसी समझौते के आधार पर कई CHO TBI-PBI का मानदेय प्राप्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि यह पूरा कार्य "तुम मुझे, मैं तुम्हें" के सिद्धांत पर चल रहा है, जिससे शासन की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं और असली लाभार्थी तक सेवाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग से यह मांग उठी है कि मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) बलिया द्वारा सभी ब्लॉकों को आदेश जारी किया जाए कि प्रत्येक CHO से मासिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से ली जाए, और उनके द्वारा किए गए TBI-PBI संबंधी कार्यों की जांच रिपोर्ट के आधार पर मानदेय का भुगतान किया जाए। यदि कोई CHO अपने निर्धारित कार्य जैसे — मरीजों की खोज, स्क्रीनिंग, रिपोर्टिंग, और फॉलो-अप — पूरा नहीं करता है, तो उसका मानदेय रोका जाए या काट लिया जाए। इस कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन की मुख्य जिम्मेदारी DCPM (District Community Process Manager) की बताई जा रही है, जिन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर CHO अपने क्षेत्र में संजीवनी कार्यक्रम को सही ढंग से लागू करे। जिला स्तर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस योजना की पारदर्शी जांच प्रणाली लागू की जाए, तो न केवल शासन का धन बचाया जा सकेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक पहुँच भी सुनिश्चित होगी। “स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तभी संभव है जब मैदान में कार्यरत कर्मचारी ईमानदारी से अपना दायित्व निभाएं,” एक स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
करूर हादसा: अभिनेता विजय की रैली में भगदड़, 36 की मौत; बड़ी संख्या में लोग घायल

तमिलनाडु के करूर में एक्टर से नेता बने विजय की रैली में भगदड़ जैसी स्थिति की वजह से कई बच्चों सहित कम से कम 36 लोगों की मारे जाने की खबर है. इसमें हादसे में 50 से अधिक लोग घायल भी हुए है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि 29 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया था. दावा किया जा रहा है कि टीवीके प्रमुख विजय की करूर रैली में भगदड़ जैसी स्थिति में घायल हुए और बेहोश होने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. हादसे के बाद राज्य के मंत्री, शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी करूर पहुंच गए हैं.

इस बीच मुख्यमंत्री स्टालिन ने करूर में हुए हादसे के बाद आम जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने की अपील की है. साथ ही उन्होंने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को करूर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री स्टालिन के कल रविवार को करूर जाने की उम्मीद है.

तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के प्रमुख और अभिनेता-राजनेता विजय की अगुवाई में आज शनिवार को आयोजित एक रैली में भगदड़ जैसी स्थिति देखी गई और कुछ बच्चों सहित कई लोग बेहोश हो गए. विजय जब जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तब भीड़ लगातार बढ़ती गई और बेकाबू हो गई. इस बीच भीड़ की वजह से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं और कुछ बच्चों सहित कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े.

पार्टी के कार्यकर्ता समेत कई लोग हुए बेहोश

लोगों के बेहोश होते देख कई कार्यकर्ताओं ने वहां पर शोर मचाना शुरू कर दिया. इस पर विजय ने ध्यान दिया और अपना भाषण रोककर खासतौर से तैयार की गई प्रचार बस के ऊपर से पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दी.

हालांकि भारी भीड़ की वजह से एंबुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने के लिए रास्ते से गुजरने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ी. बेहोश लोगों को एंबुलेंस के जरिए पास के अस्पतालों में ले जाया गया और उनमें से कुछ कथित तौर पर अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विजय ने बेकाबू होती स्थिति को समझा और अपना भाषण छोटा करते हुए पहले ही खत्म कर दिया.

CM स्टालिन का मेडिकल सुविधा देने का निर्देश

करूर में जनसभा के दौरान भगदड़ की घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने X पर पोस्ट किया, “करूर से आ रही खबर चिंताजनक है. मैंने पूर्व मंत्री वी. सेंथिलबालाजी, मंत्री सुब्रमण्यम और जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे भीड़ में फंसकर बेहोश हुए और अस्पताल में भर्ती लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करें.”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने पड़ोसी तिरुचिरापल्ली जिले के मंत्री अनबिल महेश को भी युद्धस्तर पर सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा, मैंने एडीजीपी से वहां स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के लिए बात की है. मैं जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं.”

उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे…’ सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सीएम हेमंत सोरेन का पोस्ट

#sonamwangchuknsaarrestinternetshutdownjharkhandcmhemantsorenreaction

लद्दाख इन दिनों मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। वजह है 24 सितंबर को लेह में हुई भीषण हिंसा। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब इस मामले में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद सियासत तेज होती दिख रही है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लद्दाख में सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए है। इससे पहले दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तानाशाही का आरोप लगाया था।

मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने का षड्यंत्र-हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, "उम्मीद की एक और किरण सलाखों के पीछे... जल-जंगल-जमीन, भाषा-संस्कृति-अधिकार की रक्षा एवं देश के लिए समर्पित एक और मजबूत आवाज को गुमनाम बनाने के लिए किए जा रहे षड्यंत्रों पर पूरे देश की नजर है।"

केजरीवाल ने लगाया राजनीति के तहत प्रताड़ित करने का आरोप

इससे पहले आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर कहा कि रावण का भी अंत हुआ था। कंस का भी अंत हुआ था। हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ था और आज उन सब लोगों से लोग नफ़रत करते हैं। आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है। तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत बहुत बुरा होता है।

केजरीवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दूसरे पोस्ट में ये भी कहा, सोनम वांगचुक, जो व्यक्ति देश के बारे में सोचता है, शिक्षा के बारे में सोचता है, नए नए आविष्कार करता है, उसको आज केंद्र सरकार का पूरा तंत्र बेहद घटिया राजनीति के तहत प्रताड़ित कर रहा है। बेहद दुख होता है- देश की बागडोर कैसे लोगों के हाथ में है। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?

लेह हिंसा में 24 सितंबर को क्या हुआ था?

लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने, राज्य का दर्जा देने और लद्दाख क्षेत्र के संवेदनशील इकोसिस्टम की सुरक्षा की मांग को लेकर 24 सितंबर को जमकर हिंसा हुई थी। हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि सुरक्षा बलों को मजबूरन आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान 4 प्रदर्शनकारी मारे गए थे और करीब 70 घायल हुए थे। लेह में हुई हिंसक घटनाओं के दो दिन बाद सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया। वांगचुक पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई है।

सोनम वांगचुक को बड़ा झटका, रद्द हुआ NGO का लाइसेंस, विदेशी फंडिंग पर लग गई रोक

#whysonamwangchukngoforeignfundinglicence_cancelled

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया। इस हिंसा में चार लोगों की जान चली गई। उपद्रवियों ने लेह स्थित भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। हालात पर काबू पाने के लिए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा। सरकार ने इस हिंसा के लिए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। अगले दिन उनके एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया।

सोनम वांगचुक की स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। उनके एनजीओ पर विदेशी फंडिंग से जुड़े कानून का बार-बार उल्लंघन करने का आरोप है। सीबीआई ने सोनम वांगचुक के एक संस्थान के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर जांच शुरू कर दी है।

क्यों हुआ पंजीकरण रद्द?

सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि संस्था के कामकाज में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। सरकारी जांच में सामने आया कि संस्था को स्वीडन के एक दाता से करीब 4.93 लाख रुपये मिले थे, जो युवा जागरूकता कार्यक्रमों पर खर्च होने थे। इन कार्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन, प्रवासन और खाद्य सुरक्षा जैसे विषय शामिल थे। लेकिन सरकार ने इस दान को ‘राष्ट्रीय हित के खिलाफ’ बताया। इसके अलावा 19,600 रुपये और 79,200 रुपये जैसी छोटी रकमों के गलत तरीके से एफसीआरए खाते में दाखिल होने की बात भी नोटिस में दर्ज की गई। इन सब बिंदुओं के आधार पर मंत्रालय ने 10 सितंबर को नोटिस जारी किया था, और जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर संस्था का पंजीकरण रद्द कर दिया।

क्या बोले वांगचुक?

वांगचुक ने इसे बदले की कार्रवाई बताते हुए कहा, प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा का दोष उन पर मढ़ा गया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख में दो महीने बाद चुनाव आने वाले हैं, जिसमें लोग पूछ रहे हैं कि पहले जो वादा किया था उसे पूरा करें। इसमें बड़ी आवाज मेरी थी इसलिए उन्होंने मुझे टारगेट किया और डेढ़ महीना पहले मुझे बताया गया कि आपके ऊपर देशद्रोह का एक एफआईआर है। इसके बाद सीबीआई की जांच की बात हुई। 

विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं- वांगचुक

वांगचुक ने कहा, सीबीआई के नोटिस में ये लिखा है कि 2022-24 में आपकी संस्था को विदेशों से फंड मिला, जिसकी अनुमति आपको नहीं है। आपके पास एफसीआरए नहीं है। हमने एफसीआरए नहीं लिया क्योंकि विदेशों से पैसे लेने का हमारा कोई इरादा नहीं था। संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी और इसके लिए उन्होंने हमें फीस अदा की। इसी तरह हमारे आर्टिफिशियल ग्लेशियर को स्विट्जरलैंड की एक यूनिवर्सिटी और इटली की एक संस्था से पैसे मिले।

क्या करता है हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख?

सोनम वांगचुक ने 1994 में स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) की स्थापना की. इसका मकसद लद्दाख के युवाओं को स्थानीय जरूरतों और संस्कृति से जोड़ते हुए प्रासंगिक और व्यावहारिक शिक्षा देना था. बाद में इसी सोच के विस्तार के रूप में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की नींव रखी. SECMOL की नींव 1994 में रखी गई ताकि बच्चे केवल कागजी डिग्री के बोझ तले न दबें बल्कि वास्तविक जीवन कौशल भी सीखें.

HIAL लगभग 2017-18 में आकार लेता है, जिसके पीछे विचार था लद्दाख और हिमालयी क्षेत्र के लिए ऐसे समाधान खोजना जो पर्यावरण-संवेदनशील हों. इसका स्पष्ट उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों का स्थानीय अनुभवों के आधार पर हल निकालना तय किया गया था

स्वच्छता ही सेवा 2025 : 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।स्वच्छता ही सेवा 2025 के तहत आज“एक दिन एक घन्टा एक साथ”विशेष कार्यक्रम के साथ 156 घन्टे महासफाई अभियान का भव्य शुभारम्भ हुआ।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने हरी झण्डी दिखाकर नगर निगम प्रयागराज की सुसज्जित सफाई वाहनो को रवाना किया और लगातार 156 घन्टे तक चलने वाले इस ऐतिहासिक स्वच्छता अभियान की शुरुआत की।

अभियान की प्रमुख विशेषताएं।

नगर निगम की सभी गाड़ियो को विशेष सजावट के साथ रोस्टर के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया।156 घन्टे तक निरंतर सफाई कार्य चलाने हेतु नाला-नाली पार्क, सार्वजनिक स्थल GVP, CTU घाट शौचालय स्कूल- कॉलेज सड़क जलाशय सहित डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण एवं पृथक्करण की व्यापक व्यवस्था की गई।इस अवसर पर 3000 से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता की शपथ लेकर अभियान में भागीदारी सुनिश्चित की।

नागवासुकी मंदिर परिसर में सामूहिक श्रमदान “एक दिन एक घंटा एक साथ” कार्यक्रम के तहत महापौर, पार्षदगण और नगर निगम की पूरी टीम ने नागवासुकी मंदिर पर भव्य श्रमदान किया।मंदिर परिसर को पूर्णतः कचरा-मुक्त किया गया।नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सफाई मित्रों की महत्ता और शहर को स्वच्छ रखने में जनभागीदारी का संदेश दिया गया।

महापौर का उद्बोधन

श्रमदान के पश्चात अपने सम्बोधन में उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा-

> प्रयागराज की धरती हमेशा से जनसहभागिता और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण रही है।आज हमने 156 घंटे के इस निरंतर सफाई अभियान की शुरुआत की है।यह केवल सफाई का नही बल्कि मानसिकता बदलने का संकल्प है। बापू के स्वच्छ भारत के सपने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के आदर्शों को साकार करने में हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी। मैं हर नागरिक से आह्वान करता हूँ कि न केवल इन 156 घंटों के दौरान बल्कि हर दिन अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखने की आदत को जीवन का हिस्सा बनाएं।

महापौर ने अपने हाथों से रंगोली बनाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया।विशेष उपस्थिति इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र कुमार यादव कर निर्धारण अधिकारी संजय ममगाई सभी जोनल अधिकारी स्वच्छता एवं खाद्य निरीक्षक नगर निगम प्रयागराज के अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में सम्मानित नागरिक मौजूद रहे।नगर निगम प्रयागराज सभी नागरिकों से अपील करता है कि 2 अक्टूबर तक चलने वाले 156 घन्टे महासफाई अभियान में सक्रिय सहयोग दे और “स्वच्छ प्रयागराज स्वस्थ प्रयागराज”के संकल्प को साकार करे।

_स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान ने गैर संचारी रोग एवं आरोग्यता पर जनसमुदाय को किया सशक्त।_

संजय द्विवेदी प्रयागराज।समग्र स्वास्थ्य और रोकथाम केन्द्रित देखभाल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत "स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान"का सफल आयोजन मुख्य चिकित्सा निदेशक डॉ.एस.के. हंडू के कुशल नेतृत्व में किया गया। यह अभियान"गैर-संचारी रोग (NCDs)और आरोग्यता विषय पर केंद्रित था जिसका उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूकता और प्रारंभिक जांच को बढ़ावा देना है।डॉ.उषा एस.पी.यादव नोडल अधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वस्थ महिला एक स्वस्थ परिवार की नींव होती है और स्वस्थ परिवार मिलकर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण करते है।मुख्य वक्ता डॉ. मृत्युंजय कुमार ने गैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी विकारों की बढ़ती चुनौती पर गहन और व्यावहारिक जानकारी साझा की।उन्होंने जीवनशैली में परिवर्तन नियमित जांच और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष बल दिया।

उन्होंने कहा“गैर-संचारी रोगों के विरुद्ध संघर्ष केवल चिकित्सा का विषय नही बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है—जागरूकता रोकथाम और समय पर हस्तक्षेप ही हमारे सबसे सशक्त उपकरण हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कल्पना मिश्रा अपर मुख्य स्वास्थ्य निदेशक (ACHD) और डॉ.रीना अग्रवाल ACMS ने की।दोनों अधिकारियों ने नियमित स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता और समुदाय में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की महत्ता को रेखांकित किया।कार्यक्रम के अंतर्गत 67 प्रतिभागियों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें लम्बाई वजन रक्तचाप(BP)और रैंडम ब्लड शुगर(RBS)की जांच शामिल थी। चिकित्सकीय टीम द्वारा सभी प्रतिभागियों को उनकी रिपोर्ट के आधार पर व्यक्तिगत परामर्श भी प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम में कुल 167 प्रतिभागियों (95 पुरुष और 72 महिला) की सक्रिय उपस्थिति रही जिसमें रेलवे अस्पताल के डॉक्टर चिकित्सा अधिकारी पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ तथा रेलवे चिकित्सा लाभार्थी शामिल रहे। कार्यक्रम ने जागरूकता संवाद और स्वास्थ्य सुधार के लिए प्रतिबद्धता की भावना को और मजबूत किया।यह पहल रेलवे चिकित्सा विभाग द्वारा महिलाओं और परिवारों के बीच स्वास्थ्य, प्रारंभिक पहचान और सशक्त जीवनशैली को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध हुई।