आज 25 करोड़ कामगारों की देशव्यापी हड़ताल, झारखंड में भी दिखेगा असर: बैंकिंग से कोयला खदानों तक कामकाज प्रभावित

रांची, झारखंड: आज देश भर में लगभग 25 करोड़ कामगार देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे, जिसका व्यापक असर झारखंड में भी देखने को मिलेगा. यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनकी सहयोगी इकाइयों द्वारा बुलाई गई है. यूनियनों के संयुक्त मंच ने इसे 'भारत बंद' का नाम दिया है.

झारखंड में हड़ताल का व्यापक समर्थन

जानकारी के अनुसार, झारखंड के मजदूर संगठन भी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सक्रिय रूप से शामिल होंगे. भारतीय मजदूर संघ और उससे जुड़े संगठनों को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख मजदूर संगठन इस आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं. कई राजनीतिक दलों ने भी इस आम हड़ताल को अपना समर्थन दिया है.

कोयला, बैंक, केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकार के कर्मचारी, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, बीड़ी, बॉक्साइट, स्टील, परिवहन उद्योग से जुड़े कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है. इसके अलावा, कई अन्य संगठनों ने इस आम हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए मंगलवार को राजधानी रांची में मशाल जुलूस भी निकाला गया, जिसमें सीटू, एटक, एक्टू, एचएमएस, इंटक आदि संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की.

कोयला उद्योग में आंदोलन को सफल बनाने के लिए मजदूर संगठनों ने गेट और पीट मीटिंग का आयोजन किया. मजदूरों को बताया गया कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी कानून ला रही है, जो देश हित में नहीं है. झारखंड में सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल (कुछ खदान) के साथ-साथ सीएमपीडीआई (CMPDI) में भी मजदूरों को हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया गया है. रांची स्थित एचईसी (HEC) में भी विभिन्न श्रमिक संगठनों, जैसे एटक से संबद्ध हटिया कामगार यूनियन, सीटू से संबद्ध हटिया मजदूर यूनियन और इंटक से संबद्ध हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन ने कामकाज बंद रखने का आह्वान किया है. केंद्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी परिसंघ ने भी केंद्रीय कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने का आह्नान किया है.

प्रमुख मांगें

इस हड़ताल की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाए.

सभी मजदूरों के लिए ₹26,000 न्यूनतम वेतन और ₹9,000 न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित हो.

पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए.

महंगाई पर रोक लगे और आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाई जाए.

सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए.

यूनियन बनाने और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकारों का सम्मान हो.

शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पानी जैसी जरूरतों की सार्वजनिक गारंटी हो.

बिजली का निजीकरण रोका जाए और स्मार्ट मीटर बंद किए जाएं.

किसानों को फसल पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी मिले.

वन अधिकार कानून में जनविरोधी संशोधन रद्द हों.

इन सेवाओं पर पड़ेगा बंद का असर

आज की हड़ताल के कारण निम्नलिखित सेवाएं प्रभावित होंगी:

बैंकिंग सेवाएं

बीमा कंपनियों का कामकाज

पोस्ट ऑफिस सेवाएं

कोयला खदानों का संचालन

राज्य परिवहन सेवाएं (सरकारी बसें)

हाईवे और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम

सरकारी फैक्ट्रियों और सार्वजनिक उपक्रमों का प्रोडक्शन

इन सेवाओं को बंद से राहत

हालांकि, कुछ सेवाओं को इस बंद से राहत दी गई है:

निजी क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां सामान्य रूप से काम करेंगी.

अस्पताल और मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी.

निजी स्कूल-कॉलेज और ऑनलाइन सेवाएं भी प्रभावित नहीं होंगी.

यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल केंद्र सरकार पर अपनी नीतियों की समीक्षा करने और कामगारों व किसानों की मांगों पर ध्यान देने का दबाव बनाने का एक बड़ा प्रयास है.

*रक्तदान महादान,रोटरी नववर्ष 2025-26 की शुरुआत रक्तदान के साथ*
सुलतानपुर,रोटरी क्लब परिवार ने परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी रोटरी नववर्ष 2025-26 का शुभारंभ रक्तदान जैसे पुनीत कार्य से किया। यह रक्तदान शिविर स्थानीय मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में आयोजित किया गया! जिसमें क्लब के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिविर का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव, CMS डॉ. आर. के. मिश्रा, सहमंडलाध्यक्ष रोटेरियन नीरव पांडेय, अध्यक्ष रोटेरियन अखिल अग्रवाल, तथा सचिव रोटेरियन डॉ. अभिषेक पांडेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर अनेक विशिष्ट रोटेरियन सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं: जोनल सेक्रेटरी संजय केसरवानी, रक्तदान शिविर चेयरमैन निमेन्द्र गोयल, डॉ. रवि त्रिपाठी,डॉ.अमित पांडेय, मनमोहित सिंह,वेद प्रकाश जायसवाल, अलंकार टंडन,श्वेता अग्रवाल,डॉ.मीनू पांडेय,प्रतिमा सिंह,तथा सागर तिवारी। शिविर के दौरान कुल 11 यूनिट रक्त एकत्र किया गया,जिसमें रोटेरियन दिल से केशव अग्रवाल द्वारा भी एक यूनिट रक्तदान किया गया। रोटरी परिवार के इस प्रयास से न केवल समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैली है, बल्कि यह भी सिद्ध हुआ है कि रोटरी सेवा के माध्यम से समाज के लिए संकल्पित है।
क्या कोविड वैक्सीन बन रही अचानक मौतों की वजह? ICMR और AIIMS ने दिया जवाब

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पिछले कुछ महीनों में अचानक मौतों की खबरों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इन मौतों का कनेक्शन कोविड-19 की वैक्सीन से जोड़ा जा रहा है। कई लोगों ने कोविड वैक्सीन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अहम बयान जारी कर लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है। मंत्रालय ने साफ किया है कि कोविड वैक्सीनेशन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो बड़ी वैज्ञानिक स्टडीज का हवाला देते हुए कहा कि कोविड-19 वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं है।देश की दो सबसे बड़ी मेडिकल संस्थाओं ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) और AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ने बड़ी और गहरी जांच की है, जिसमें साफ कहा गया है कि कोविड वैक्सीन और अचानक मौतों का कोई सीधा संबंध नहीं है।

ICMR और AIIMS की स्टडी में क्या?

-इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने 19 राज्यों के 47 अस्पतालों में 18 से 45 साल के युवाओं की अचानक हुई मौतों का विश्लेषण किया। इसमें साफ था कि कोविड वैक्सीन से इन मौतों का कोई संबंध नहीं है।

-दूसरी स्टडी AIIMS और ICMR द्वारा मिलकर की जा रही है, जो अभी चल रही है। शुरुआती तौर पर इसके रिजल्ट बताते हैं कि इन मौतों के पीछे प्रमुख कारण हार्ट अटैक ही है, और यह वैक्सीन से नहीं जुड़ा है. इसके अलावा, अधिकतर मामलों में जेनेटिक म्यूटेशन या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं भी पाई गईं.

सरकार ने अपील क्या की?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन भारत में पूरी तरह सुरक्षित है और करोड़ों लोगों की जान बचाने में इसकी भूमिका रही है। गंभीर रिएक्शन के मामले बेहद ही कम हैं। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, इस तरह के अटकलें बिना वैज्ञानिक आधार के होती हैं और ये जनता के मन में वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करती हैं। हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए, न कि अफवाहों पर।

कर्नाटक के हासन में 20 लोगों की हार्ट अटैक से मौत

AIIMS और ICMR की रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब कर्नाटक के हासन जिले में हो रही मौतों ने लोगों डरा दिया है। दरअसल, कर्नाटक के हासन जिले में मई के आखिरी हफ्ते से लेकर जून के आखिरी हफ्ते तक 20 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इनमें से 9 लोग 30 साल से भी कम उम्र के थे। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर को कोई पुरानी बीमारी नहीं थी और उन्हें कोई लक्षण भी नहीं दिखे थे।

सिद्दारमैया का चौंकाने वाला बयान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने एक विशेषज्ञ समिति को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। सिद्दारमैया ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए एक चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि कोविड-19 वैक्सीन का भी इन मौतों में कोई कनेक्शन हो। उन्होंने कहा, हम यह नजरअंदाज नहीं कर सकते कि वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई और इसे बिना टेस्टिंग के लोगों को लगाया गया। अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में भी वैक्सीन और हार्ट संबंधी समस्याओं के कुछ लिंक सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भदोही दौरा: कालीन उद्योग को सराहा, गंगा पर बहुप्रतीक्षित पुल निर्माण की घोषणा, बैठक कर अफसरों का पेंच

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने भदोही दौरे के दौरान जिले को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने जहां भदोही के प्रसिद्ध कालीन उद्योग की जमकर सराहना की, वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई बड़े एलान भी किए। बता दें कि सोमवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भदोही दौरे पर रहे। वह दोपहर 1.40 बजे भदोही पुलिस लाइन पहुंचे।

पुलिस लाइन में बीजेपी नेताओं एवं पार्टी पदाधिकारियों संग उन्होंने वार्ता किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यालय के पास सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में निर्माणाधीन 50 बेड क्रिटिकल केयर ब्लॉक का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण करते हुए मरीजों-तीमारदारों से हालचाल एवं व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद सीएम ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर प्रदेशव्यापी वृहद पौधरोपण 'एक पेड़, मां के नाम' कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्ट्रेट परिसर में पेड़ रोपित कर किया।

तत्पश्चात भदोही कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों संग विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। सीएम के भ्रमण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही, प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा।

CM प्रेस ब्रीफिंग -------

•‘एक पेड़, मां के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ-

सीएम योगी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर प्रदेशव्यापी वृक्षारोपण अभियान ‘एक पेड़, मां के नाम’ का शुभारंभ किया। उन्होंने भदोही कलेक्ट्रेट परिसर में स्वयं एक पौधा रोपित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आमजन से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर व्यक्ति एक - एक पौधे जरूर लगाए।

•कालीन उद्योग को बताया प्रदेश की शान-

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही के कालीन उद्योग ने प्रदेश और देश की विश्वभर में पहचान दिलाई है। उन्होंने बताया कि देशभर में भदोही अकेले 60% कार्पेट उत्पादन और निर्यात करता है। यह क्षेत्र की शिल्पकला और मेहनतकश लोगों की प्रतिभा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार हस्तशिल्प और कालीन उद्योग को और अधिक बढ़ावा देने के लिए विशेष सहयोग प्रदान करेगी।

•स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछली सरकारों पर साधा निशाना-

सीएम योगी ने सरपतहां स्थित निर्माणाधीन 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक और डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण किया। प्रेस ब्रीफिंग में उसकी चर्चा करते हुए सीएम ने पिछली सरकारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। कहा कि, “सौ शैय्या अस्पताल के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार पिछली सरकार में हुआ, जिसे हमारी सरकार धीरे-धीरे सुधार रही है।”

•बहुप्रतीक्षित डेंगूरपुर-धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण की स्वीकृति-

जनप्रतिनिधियों की मांग पर भदोही वासियों को बड़ी सौगात देते हुए मुख्यमंत्री ने डीघ ब्लॉक के डेंगूरपुर-धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण को स्वीकृति दी। यह पुल लंबे समय से जनता की मांग में शामिल था और अब इसके निर्माण के शुरुआत की राह प्रशस्त होगी।

•शिक्षा और बुनियादी ढांचे में बड़े एलान-

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर जमीन उपलब्ध होती है , तो ज्ञानपुर स्थित काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय को स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित कराएंगे।

•भदोही को मिलेगा मेडिकल कॉलेज-

सीएम योगी ने कहा कि अभी हम सौ शैय्या अस्पताल में 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना करा रहे हैं। आगे भदोही में पीपीपी मॉडल पर एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी कराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर भी मिलेंगे।

•मुख्यालय पर बनेगा मल्टीपरपज हॉल, अधिकारियों के आवासीय सुविधा-

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले से एक छोटा सा ऑडिटोरियम मुख्यालय पर बनने के लिए स्वीकृत था, जिसे हमने मल्टीपर्पज हॉल के रूप में निर्माण के लिए प्रस्तावित किया है। एवं अधिकारियों कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा की भी बात कही। उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा जल्द ही उक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण के लिए पुनः भदोही दौरे पर आप सभी के बीच आऊं।

सिपाही भर्ती में चयनित महिला अभ्यर्थियों के लिए ट्रेनिंग गाइडलाइन जारी, गर्भवती होने पर छोड़नी होगी ट्रेनिंग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस भर्ती के तहत चयनित 60,244 अभ्यर्थियों में से 12,048 महिलाएं शामिल हैं। इन महिला सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिनका पालन अनिवार्य होगा।

नियमों के अनुसार, गर्भवती महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं बन सकेंगी। यदि किसी महिला सिपाही को प्रशिक्षण के दौरान गर्भावस्था की पुष्टि होती है, तो उसे प्रशिक्षण से तत्काल वापस भेजा जाएगा। हालांकि, डिलीवरी के बाद उन्हें एक वर्ष के भीतर अगली प्रशिक्षण सत्र में फिर से शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।

महिला प्रशिक्षु की ट्रेनिंग अवधि यदि साढ़े चार माह से कम बची हो, तो उन्हें पूरी ट्रेनिंग फिर से नए सिरे से करनी होगी। लेकिन अगर प्रशिक्षण का बड़ा हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है, तो वह वहीं से दोबारा शुरू कर सकती हैं, जहां से उन्होंने छोड़ा था।

इसके अलावा, प्रशिक्षण शुरू होने से पहले या इसके दौरान गर्भपात की स्थिति में महिला को जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। यदि महिला उत्तर प्रदेश से बाहर की निवासी है, तो उसे प्रशिक्षण स्थल के जिले के CMO से यह प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।

यदि किसी महिला ने प्रशिक्षण शुरू होने से एक साल पहले ही प्रसव कराया है, तो उसे भी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। इन नियमों का उद्देश्य महिला सिपाहियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखना है।

कोरबा: प्रसव के दौरान महिला और नवजात की मौत, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

कोरबा। जिले के अजगरबहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। पहाड़ी कोरवा समाज की महिला महिमंगई और उसके नवजात की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई। मृतका राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले कोरवा जनजाति से थी। परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

घटना ग्राम पंचायत चुहिया के भटगांव क्षेत्र की है। महिला को रात में प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने महतारी एक्सप्रेस 102 को कॉल कर अजगरबहार स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। ड्यूटी पर मौजूद भुवनेश्वरी चंद्रवंशी ने नॉर्मल डिलीवरी कराई। शुरुआत में मां और बच्चा दोनों स्वस्थ थे, लेकिन कुछ समय बाद दोनों की हालत बिगड़ गई और रात करीब 2.30 बजे मौत हो गई।

परिवार वालों का आरोप है कि उस वक्त अस्पताल प्रभारी विमलेश्वरी अनुपस्थित थीं। अगर समय पर इलाज या रेफर किया जाता, तो दोनों की जान बच सकती थी।

CMHO डॉ. एसएन केसरी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में बच्चा गर्भ में ही मृत पाया गया था। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने किया कॉमरेड्स मैराथन पूरा

आज से दस साल पहले, पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने कभी नहीं सोचा था कि वह लंबी दौड़ में हिस्सा लेंगी। उनका शारीरिक गतिविधियों से जुड़ाव सिर्फ छोटे रनों तक सीमित था। लेकिन 2014 में उन्होंने 7 किलोमीटर से दौड़ना शुरू किया, और आज एक दशक बाद, उन्होंने दुनिया की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन — कॉमरेड्स मैराथन — को पूरा कर लिया।

इस वर्ष प्रीति ने कॉमरेड्स मैराथन के 98वें संस्करण को 10 घंटे 49 मिनट और 36 सेकंड में पूरा किया और रेस कैटेगरी में कांस्य पदक हासिल किया। यह दौड़ न केवल दुनिया की सबसे पुरानी अल्ट्रा मैराथन है, बल्कि बेहद कठिन भी मानी जाती है। इस वर्ष की “डाउन रन” दौड़ पीटरमैरिट्जबर्ग से डर्बन तक लगभग 90 किलोमीटर तक फैली थी, जो दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलु-नेटाल प्रांत में होती है।

“कॉमरेड्स सिर्फ एक दौड़ नहीं है — यह जुनून और उद्देश्य की एक तीर्थयात्रा है,” प्रीति ने कहा। “दूरी तो कठिन है ही, लेकिन असली परीक्षा इसके उतार-चढ़ाव वाले मार्ग की होती है।”

प्रीति ने इस पल के लिए वर्षों से तैयारी की थी। उन्होंने पहली बार 2020 में दौड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण वह रेस रद्द हो गई। 2024 में फिर से जब वह दौड़ने की सोच रही थीं, तो कॉमरेड्स मैराथन की तारीख लोकसभा चुनावों से टकरा गई। उन्होंने उस समय 65 किलोमीटर की “कास अल्ट्रा” रेस की प्रैक्टिस दौड़ पूरी की, लेकिन कॉमरेड्स नहीं दौड़ सकीं। अंततः उन्होंने 2025 में दौड़ने का निर्णय लिया।

इस रेस के लिए उन्होंने एक साल पहले से तैयारी शुरू की। अंतिम छह महीनों में वह हाई-प्रोटीन डाइट पर रहीं — चावल, गेहूं, मक्का और दूध पूरी तरह बंद कर दिए। उन्होंने हर दूसरे रविवार लंबी दूरी की दौड़ की, और कठिन चढ़ाई की ट्रेनिंग के लिए अरे कॉलोनी, मालाबार हिल, पारसिक हिल, लोनावला, सतारा, एडिनबर्ग और लंदन में अभ्यास किया। सिर्फ अंतिम चार महीनों में उन्होंने 1128 किलोमीटर की दौड़ पूरी की — वह भी 35 डिग्री की गर्मी में, जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी।

डर्बन में जब उन्होंने फिनिश लाइन पार की, तो दर्शकों के नारों “कम ऑन इंडिया!” और “नमस्ते इंडिया!” ने उनका स्वागत किया। प्रीति ने कहा, “यह गर्व का क्षण था — 425 भारतीय धावकों के साथ दौड़ना, हर एक की आत्मा में देश की भावना झलक रही थी। दौड़ खत्म हो चुकी है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की ऊर्जा अब भी मेरे अंदर गूंज रही है।”

उन्होंने अपने क दीपक लोंधे (Striders Miles) का विशेष धन्यवाद किया, जिनकी ट्रेनिंग और विश्वास ने इस लक्ष्य को संभव बनाया। साथ ही उन्होंने अपने परिवार और शुभचिंतकों का भी आभार प्रकट किया।

इस वर्ष की दौड़ भावनात्मक रूप से और भी खास थी। फिनिशर्स में महाराष्ट्र पुलिस के सात अधिकारी, 26/11 हमले में घायल हुए एक नेवी कमांडो, एक विकलांग धावक जिनका बायां हाथ नहीं है, और जलगांव की 65 वर्षीय विद्या ताई शामिल थीं। “इन सभी की साहसिक कहानियों ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। यह सिर्फ एक मैराथन नहीं थी — यह एक आंदोलन था।”

प्रीति का यह पहला अनुभव नहीं था। उन्होंने अब तक 25 हाफ मैराथन, 15 फुल मैराथन (जिनमें दो वर्ल्ड मेजर — बर्लिन और लंदन मैराथन शामिल हैं), दो बार 65 किमी की दौड़, और चार बार 50 किमी की अल्ट्रा मैराथन पूरी की है। हाल ही में, अप्रैल 2025 में उन्होंने लंदन मैराथन में भाग लिया। प्रीति दो बार की गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी हैं।

1921 में स्थापित कॉमरेड्स मैराथन को “अल्टीमेट ह्यूमन रेस” कहा जाता है। हर साल इसमें लगभग 20,000 धावक हिस्सा लेते हैं। 2025 की दौड़ में 20,972 प्रतिभागियों में से रिकॉर्ड 18,194 लोगों ने इसे पूरा किया — जो 86.75% की फिनिशिंग दर को दर्शाता है।

अब जब प्रीति “आमची मुंबई” लौट आई हैं, वह कहती हैं: “मैं सिर्फ एक पदक लेकर नहीं लौटी — बल्कि ढेरों यादें, नई दोस्तियाँ और कहानियाँ साथ लेकर आई हूं जो जीवन भर मेरे साथ रहेंगी।”

प्रसूता की मौत का मामला: जांच में अस्पताल प्रभारी, डॉक्टर और मेल नर्स पाए गए दोषी, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

रायपुर- बीरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता साक्षी निषाद की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में अस्पताल की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है और तीन जिम्मेदार कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है।

जिम्मेदार पाए गए ये अधिकारी और कर्मचारी

जांच में अस्पताल प्रभारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और मेल स्टाफ नर्स को दोषी माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी की डिलीवरी के बाद अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, और देखभाल का जिम्मा मेल नर्स पर था, जिसने मृतका के परिजनों से अशोभनीय व्यवहार भी किया था।

जांच समिति में शामिल रहे ये विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति में डॉ. संजीव वोहरा – जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. निर्मला यादव – स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. चंद्रा राव – एनेस्थिसिया विशेषज्ञ, डॉ. प्रीति नारायण – नोडल अधिकारी, मातृत्व शाखा शामिल थे। इन सभी ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

जानिए क्या था मामला ?

22 वर्षीय साक्षी निषाद की डिलीवरी के करीब 12 घंटे बाद देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। परिजनों के अनुसार, वार्ड ब्वॉय द्वारा दिए गए इंजेक्शन और पानी पिलाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई, लेकिन समय पर कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। दर्द से कराहती साक्षी की कुछ देर बाद मौत हो गई। इस दौरान स्टाफ द्वारा परिजनों से दुर्व्यवहार भी किया गया।

रिपोर्ट मिलने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करेगा। मृतका के पति दीपक निषाद पहले ही CMHO और थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट पर जल्द ही उच्चस्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

महाराष्ट्र में फिर चढ़ा सियासी पारा, सीएम फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात

#cmdevendrafadnavisrajthackeray_meeting

महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली।अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आगामी नगर निगम चुनावों के बीच हुई यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

नगर निगम चुनावों से पहले मुलाकात अहम

यह मुलाकात इसीलिए और भी ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि यह आगामी नगर निगम चुनावों से पहले हुई है। हालांकि, बैठक दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे दोस्त हैं और हो सकता है कि उन्होंने राज्य से संबंधित विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए मुलाकात की हो।

पहले मिले उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के संकेत

इससे पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 6 जून को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में दोनों ठाकरे बद्रर्स के साथ आने के संकेत मिल रहे थे। सड़कों पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर भी नजर आने लगे थे।मुंबई के गिरगांव इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।

संकल्प से सिद्धि तक: मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियों को किया बयां, छत्तीसगढ़ सरकार के कामों का भी किया जिक्र

रायपुर- मुख्यमंत्री ने केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर “संकल्प से सिद्धि” अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा मोदी सरकार के 11 साल शानदार और ऐतिहासिक रहे है।छत्तीसगढ़ से PM मोदी का गहरा लगाव है। मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था आज चौथे नंबर पर है।

संकल्प से सिद्धि तक: मोदी सरकार की उपलब्धियों को किया बयां

उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा पिछली सरकार ने गरीबों का आवास छीना था। हमारी सरकार 18 लाख आवास की स्वीकृति दी है।

छत्तीसगढ में महिलाओं से लेकर किसानों तक से किया वादा पूरा

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा किया। 70 लाख महिलाओं के खाते में एक हजार भेज रहे है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि दे रहे है। रामलला योजना में हजारों लोग अयोध्या पहुंचे हैं। PM मोदी का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। आदिवासी समाज का मान सम्मान बहुत बढ़ा है।

जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कुछ देशों ने पीएम मोदी को भगवान हनुमान का दर्ज दिया। जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। CM विष्णु देव साय ने कहा PSC गड़बड़ी की CBI जांच करायी गयी है। गड़बड़ी करने वाले लोग आज जेल में हैं। CM साय ने कहा कांग्रेस और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की कथनी और करनी में कोई तुलना नहीं है। कांग्रेस की PHD झूठ बोलने में है। झूठ बोलकर उनके चेहरे में सिकन नहीं होती।

नक्सल मोर्चे पर उपलब्धि

मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियोंको बयां करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल कार्रवाई पर बड़ी सफलता मिली। अब बस्तर नक्सलमुक्त होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावना है मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद खत्म हो। जवान उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।

छत्तीसगढ़ में खत्म हो सकता है फाइव डे सिस्टम

छत्तीसगढ़ में फाइव डे वर्किंग सिस्टम खत्म हो सकता है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “फाइव डे वर्किंग को खत्म करने पर विचार करेंगे”, और यह भी बताया कि अधिकारी-कर्मचारी खुद 6 दिन कार्य दिवस करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।

आज 25 करोड़ कामगारों की देशव्यापी हड़ताल, झारखंड में भी दिखेगा असर: बैंकिंग से कोयला खदानों तक कामकाज प्रभावित

रांची, झारखंड: आज देश भर में लगभग 25 करोड़ कामगार देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे, जिसका व्यापक असर झारखंड में भी देखने को मिलेगा. यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनकी सहयोगी इकाइयों द्वारा बुलाई गई है. यूनियनों के संयुक्त मंच ने इसे 'भारत बंद' का नाम दिया है.

झारखंड में हड़ताल का व्यापक समर्थन

जानकारी के अनुसार, झारखंड के मजदूर संगठन भी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सक्रिय रूप से शामिल होंगे. भारतीय मजदूर संघ और उससे जुड़े संगठनों को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख मजदूर संगठन इस आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं. कई राजनीतिक दलों ने भी इस आम हड़ताल को अपना समर्थन दिया है.

कोयला, बैंक, केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकार के कर्मचारी, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, बीड़ी, बॉक्साइट, स्टील, परिवहन उद्योग से जुड़े कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है. इसके अलावा, कई अन्य संगठनों ने इस आम हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए मंगलवार को राजधानी रांची में मशाल जुलूस भी निकाला गया, जिसमें सीटू, एटक, एक्टू, एचएमएस, इंटक आदि संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की.

कोयला उद्योग में आंदोलन को सफल बनाने के लिए मजदूर संगठनों ने गेट और पीट मीटिंग का आयोजन किया. मजदूरों को बताया गया कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी कानून ला रही है, जो देश हित में नहीं है. झारखंड में सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल (कुछ खदान) के साथ-साथ सीएमपीडीआई (CMPDI) में भी मजदूरों को हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया गया है. रांची स्थित एचईसी (HEC) में भी विभिन्न श्रमिक संगठनों, जैसे एटक से संबद्ध हटिया कामगार यूनियन, सीटू से संबद्ध हटिया मजदूर यूनियन और इंटक से संबद्ध हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन ने कामकाज बंद रखने का आह्वान किया है. केंद्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी परिसंघ ने भी केंद्रीय कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने का आह्नान किया है.

प्रमुख मांगें

इस हड़ताल की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाए.

सभी मजदूरों के लिए ₹26,000 न्यूनतम वेतन और ₹9,000 न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित हो.

पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए.

महंगाई पर रोक लगे और आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाई जाए.

सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए.

यूनियन बनाने और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकारों का सम्मान हो.

शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पानी जैसी जरूरतों की सार्वजनिक गारंटी हो.

बिजली का निजीकरण रोका जाए और स्मार्ट मीटर बंद किए जाएं.

किसानों को फसल पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी मिले.

वन अधिकार कानून में जनविरोधी संशोधन रद्द हों.

इन सेवाओं पर पड़ेगा बंद का असर

आज की हड़ताल के कारण निम्नलिखित सेवाएं प्रभावित होंगी:

बैंकिंग सेवाएं

बीमा कंपनियों का कामकाज

पोस्ट ऑफिस सेवाएं

कोयला खदानों का संचालन

राज्य परिवहन सेवाएं (सरकारी बसें)

हाईवे और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम

सरकारी फैक्ट्रियों और सार्वजनिक उपक्रमों का प्रोडक्शन

इन सेवाओं को बंद से राहत

हालांकि, कुछ सेवाओं को इस बंद से राहत दी गई है:

निजी क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां सामान्य रूप से काम करेंगी.

अस्पताल और मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी.

निजी स्कूल-कॉलेज और ऑनलाइन सेवाएं भी प्रभावित नहीं होंगी.

यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल केंद्र सरकार पर अपनी नीतियों की समीक्षा करने और कामगारों व किसानों की मांगों पर ध्यान देने का दबाव बनाने का एक बड़ा प्रयास है.

*रक्तदान महादान,रोटरी नववर्ष 2025-26 की शुरुआत रक्तदान के साथ*
सुलतानपुर,रोटरी क्लब परिवार ने परंपरा को निभाते हुए इस वर्ष भी रोटरी नववर्ष 2025-26 का शुभारंभ रक्तदान जैसे पुनीत कार्य से किया। यह रक्तदान शिविर स्थानीय मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में आयोजित किया गया! जिसमें क्लब के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। शिविर का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. सलिल श्रीवास्तव, CMS डॉ. आर. के. मिश्रा, सहमंडलाध्यक्ष रोटेरियन नीरव पांडेय, अध्यक्ष रोटेरियन अखिल अग्रवाल, तथा सचिव रोटेरियन डॉ. अभिषेक पांडेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर अनेक विशिष्ट रोटेरियन सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं: जोनल सेक्रेटरी संजय केसरवानी, रक्तदान शिविर चेयरमैन निमेन्द्र गोयल, डॉ. रवि त्रिपाठी,डॉ.अमित पांडेय, मनमोहित सिंह,वेद प्रकाश जायसवाल, अलंकार टंडन,श्वेता अग्रवाल,डॉ.मीनू पांडेय,प्रतिमा सिंह,तथा सागर तिवारी। शिविर के दौरान कुल 11 यूनिट रक्त एकत्र किया गया,जिसमें रोटेरियन दिल से केशव अग्रवाल द्वारा भी एक यूनिट रक्तदान किया गया। रोटरी परिवार के इस प्रयास से न केवल समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैली है, बल्कि यह भी सिद्ध हुआ है कि रोटरी सेवा के माध्यम से समाज के लिए संकल्पित है।
क्या कोविड वैक्सीन बन रही अचानक मौतों की वजह? ICMR और AIIMS ने दिया जवाब

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पिछले कुछ महीनों में अचानक मौतों की खबरों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। इन मौतों का कनेक्शन कोविड-19 की वैक्सीन से जोड़ा जा रहा है। कई लोगों ने कोविड वैक्सीन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अहम बयान जारी कर लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की है। मंत्रालय ने साफ किया है कि कोविड वैक्सीनेशन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो बड़ी वैज्ञानिक स्टडीज का हवाला देते हुए कहा कि कोविड-19 वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं है।देश की दो सबसे बड़ी मेडिकल संस्थाओं ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) और AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ने बड़ी और गहरी जांच की है, जिसमें साफ कहा गया है कि कोविड वैक्सीन और अचानक मौतों का कोई सीधा संबंध नहीं है।

ICMR और AIIMS की स्टडी में क्या?

-इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने 19 राज्यों के 47 अस्पतालों में 18 से 45 साल के युवाओं की अचानक हुई मौतों का विश्लेषण किया। इसमें साफ था कि कोविड वैक्सीन से इन मौतों का कोई संबंध नहीं है।

-दूसरी स्टडी AIIMS और ICMR द्वारा मिलकर की जा रही है, जो अभी चल रही है। शुरुआती तौर पर इसके रिजल्ट बताते हैं कि इन मौतों के पीछे प्रमुख कारण हार्ट अटैक ही है, और यह वैक्सीन से नहीं जुड़ा है. इसके अलावा, अधिकतर मामलों में जेनेटिक म्यूटेशन या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं भी पाई गईं.

सरकार ने अपील क्या की?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन भारत में पूरी तरह सुरक्षित है और करोड़ों लोगों की जान बचाने में इसकी भूमिका रही है। गंभीर रिएक्शन के मामले बेहद ही कम हैं। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, इस तरह के अटकलें बिना वैज्ञानिक आधार के होती हैं और ये जनता के मन में वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करती हैं। हमें विज्ञान पर भरोसा करना चाहिए, न कि अफवाहों पर।

कर्नाटक के हासन में 20 लोगों की हार्ट अटैक से मौत

AIIMS और ICMR की रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब कर्नाटक के हासन जिले में हो रही मौतों ने लोगों डरा दिया है। दरअसल, कर्नाटक के हासन जिले में मई के आखिरी हफ्ते से लेकर जून के आखिरी हफ्ते तक 20 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इनमें से 9 लोग 30 साल से भी कम उम्र के थे। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर को कोई पुरानी बीमारी नहीं थी और उन्हें कोई लक्षण भी नहीं दिखे थे।

सिद्दारमैया का चौंकाने वाला बयान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने एक विशेषज्ञ समिति को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। सिद्दारमैया ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए एक चौंकाने वाली बात कही। उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि कोविड-19 वैक्सीन का भी इन मौतों में कोई कनेक्शन हो। उन्होंने कहा, हम यह नजरअंदाज नहीं कर सकते कि वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई और इसे बिना टेस्टिंग के लोगों को लगाया गया। अंतरराष्ट्रीय रिसर्च में भी वैक्सीन और हार्ट संबंधी समस्याओं के कुछ लिंक सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भदोही दौरा: कालीन उद्योग को सराहा, गंगा पर बहुप्रतीक्षित पुल निर्माण की घोषणा, बैठक कर अफसरों का पेंच

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने भदोही दौरे के दौरान जिले को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने जहां भदोही के प्रसिद्ध कालीन उद्योग की जमकर सराहना की, वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में कई बड़े एलान भी किए। बता दें कि सोमवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भदोही दौरे पर रहे। वह दोपहर 1.40 बजे भदोही पुलिस लाइन पहुंचे।

पुलिस लाइन में बीजेपी नेताओं एवं पार्टी पदाधिकारियों संग उन्होंने वार्ता किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यालय के पास सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में निर्माणाधीन 50 बेड क्रिटिकल केयर ब्लॉक का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण करते हुए मरीजों-तीमारदारों से हालचाल एवं व्यवस्था की जानकारी ली। इसके बाद सीएम ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर प्रदेशव्यापी वृहद पौधरोपण 'एक पेड़, मां के नाम' कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्ट्रेट परिसर में पेड़ रोपित कर किया।

तत्पश्चात भदोही कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों संग विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। सीएम के भ्रमण के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही, प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहा।

CM प्रेस ब्रीफिंग -------

•‘एक पेड़, मां के नाम’ कार्यक्रम का शुभारंभ-

सीएम योगी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर प्रदेशव्यापी वृक्षारोपण अभियान ‘एक पेड़, मां के नाम’ का शुभारंभ किया। उन्होंने भदोही कलेक्ट्रेट परिसर में स्वयं एक पौधा रोपित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। आमजन से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर व्यक्ति एक - एक पौधे जरूर लगाए।

•कालीन उद्योग को बताया प्रदेश की शान-

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही के कालीन उद्योग ने प्रदेश और देश की विश्वभर में पहचान दिलाई है। उन्होंने बताया कि देशभर में भदोही अकेले 60% कार्पेट उत्पादन और निर्यात करता है। यह क्षेत्र की शिल्पकला और मेहनतकश लोगों की प्रतिभा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार हस्तशिल्प और कालीन उद्योग को और अधिक बढ़ावा देने के लिए विशेष सहयोग प्रदान करेगी।

•स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछली सरकारों पर साधा निशाना-

सीएम योगी ने सरपतहां स्थित निर्माणाधीन 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक और डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण किया। प्रेस ब्रीफिंग में उसकी चर्चा करते हुए सीएम ने पिछली सरकारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। कहा कि, “सौ शैय्या अस्पताल के निर्माण में भारी भ्रष्टाचार पिछली सरकार में हुआ, जिसे हमारी सरकार धीरे-धीरे सुधार रही है।”

•बहुप्रतीक्षित डेंगूरपुर-धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण की स्वीकृति-

जनप्रतिनिधियों की मांग पर भदोही वासियों को बड़ी सौगात देते हुए मुख्यमंत्री ने डीघ ब्लॉक के डेंगूरपुर-धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण को स्वीकृति दी। यह पुल लंबे समय से जनता की मांग में शामिल था और अब इसके निर्माण के शुरुआत की राह प्रशस्त होगी।

•शिक्षा और बुनियादी ढांचे में बड़े एलान-

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर जमीन उपलब्ध होती है , तो ज्ञानपुर स्थित काशी नरेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय को स्टेट यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित कराएंगे।

•भदोही को मिलेगा मेडिकल कॉलेज-

सीएम योगी ने कहा कि अभी हम सौ शैय्या अस्पताल में 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना करा रहे हैं। आगे भदोही में पीपीपी मॉडल पर एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना भी कराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर भी मिलेंगे।

•मुख्यालय पर बनेगा मल्टीपरपज हॉल, अधिकारियों के आवासीय सुविधा-

प्रेस ब्रीफिंग में मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि पहले से एक छोटा सा ऑडिटोरियम मुख्यालय पर बनने के लिए स्वीकृत था, जिसे हमने मल्टीपर्पज हॉल के रूप में निर्माण के लिए प्रस्तावित किया है। एवं अधिकारियों कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा की भी बात कही। उन्होंने कहा कि प्रयास रहेगा जल्द ही उक्त परियोजनाओं के शिलान्यास एवं लोकार्पण के लिए पुनः भदोही दौरे पर आप सभी के बीच आऊं।

सिपाही भर्ती में चयनित महिला अभ्यर्थियों के लिए ट्रेनिंग गाइडलाइन जारी, गर्भवती होने पर छोड़नी होगी ट्रेनिंग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस भर्ती के तहत चयनित 60,244 अभ्यर्थियों में से 12,048 महिलाएं शामिल हैं। इन महिला सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिनका पालन अनिवार्य होगा।

नियमों के अनुसार, गर्भवती महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं बन सकेंगी। यदि किसी महिला सिपाही को प्रशिक्षण के दौरान गर्भावस्था की पुष्टि होती है, तो उसे प्रशिक्षण से तत्काल वापस भेजा जाएगा। हालांकि, डिलीवरी के बाद उन्हें एक वर्ष के भीतर अगली प्रशिक्षण सत्र में फिर से शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।

महिला प्रशिक्षु की ट्रेनिंग अवधि यदि साढ़े चार माह से कम बची हो, तो उन्हें पूरी ट्रेनिंग फिर से नए सिरे से करनी होगी। लेकिन अगर प्रशिक्षण का बड़ा हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है, तो वह वहीं से दोबारा शुरू कर सकती हैं, जहां से उन्होंने छोड़ा था।

इसके अलावा, प्रशिक्षण शुरू होने से पहले या इसके दौरान गर्भपात की स्थिति में महिला को जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। यदि महिला उत्तर प्रदेश से बाहर की निवासी है, तो उसे प्रशिक्षण स्थल के जिले के CMO से यह प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।

यदि किसी महिला ने प्रशिक्षण शुरू होने से एक साल पहले ही प्रसव कराया है, तो उसे भी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। इन नियमों का उद्देश्य महिला सिपाहियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखना है।

कोरबा: प्रसव के दौरान महिला और नवजात की मौत, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

कोरबा। जिले के अजगरबहार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। पहाड़ी कोरवा समाज की महिला महिमंगई और उसके नवजात की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई। मृतका राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले कोरवा जनजाति से थी। परिवार ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

घटना ग्राम पंचायत चुहिया के भटगांव क्षेत्र की है। महिला को रात में प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने महतारी एक्सप्रेस 102 को कॉल कर अजगरबहार स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। ड्यूटी पर मौजूद भुवनेश्वरी चंद्रवंशी ने नॉर्मल डिलीवरी कराई। शुरुआत में मां और बच्चा दोनों स्वस्थ थे, लेकिन कुछ समय बाद दोनों की हालत बिगड़ गई और रात करीब 2.30 बजे मौत हो गई।

परिवार वालों का आरोप है कि उस वक्त अस्पताल प्रभारी विमलेश्वरी अनुपस्थित थीं। अगर समय पर इलाज या रेफर किया जाता, तो दोनों की जान बच सकती थी।

CMHO डॉ. एसएन केसरी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में बच्चा गर्भ में ही मृत पाया गया था। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने किया कॉमरेड्स मैराथन पूरा

आज से दस साल पहले, पत्रकार प्रीति सोमपुरा ने कभी नहीं सोचा था कि वह लंबी दौड़ में हिस्सा लेंगी। उनका शारीरिक गतिविधियों से जुड़ाव सिर्फ छोटे रनों तक सीमित था। लेकिन 2014 में उन्होंने 7 किलोमीटर से दौड़ना शुरू किया, और आज एक दशक बाद, उन्होंने दुनिया की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन — कॉमरेड्स मैराथन — को पूरा कर लिया।

इस वर्ष प्रीति ने कॉमरेड्स मैराथन के 98वें संस्करण को 10 घंटे 49 मिनट और 36 सेकंड में पूरा किया और रेस कैटेगरी में कांस्य पदक हासिल किया। यह दौड़ न केवल दुनिया की सबसे पुरानी अल्ट्रा मैराथन है, बल्कि बेहद कठिन भी मानी जाती है। इस वर्ष की “डाउन रन” दौड़ पीटरमैरिट्जबर्ग से डर्बन तक लगभग 90 किलोमीटर तक फैली थी, जो दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलु-नेटाल प्रांत में होती है।

“कॉमरेड्स सिर्फ एक दौड़ नहीं है — यह जुनून और उद्देश्य की एक तीर्थयात्रा है,” प्रीति ने कहा। “दूरी तो कठिन है ही, लेकिन असली परीक्षा इसके उतार-चढ़ाव वाले मार्ग की होती है।”

प्रीति ने इस पल के लिए वर्षों से तैयारी की थी। उन्होंने पहली बार 2020 में दौड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण वह रेस रद्द हो गई। 2024 में फिर से जब वह दौड़ने की सोच रही थीं, तो कॉमरेड्स मैराथन की तारीख लोकसभा चुनावों से टकरा गई। उन्होंने उस समय 65 किलोमीटर की “कास अल्ट्रा” रेस की प्रैक्टिस दौड़ पूरी की, लेकिन कॉमरेड्स नहीं दौड़ सकीं। अंततः उन्होंने 2025 में दौड़ने का निर्णय लिया।

इस रेस के लिए उन्होंने एक साल पहले से तैयारी शुरू की। अंतिम छह महीनों में वह हाई-प्रोटीन डाइट पर रहीं — चावल, गेहूं, मक्का और दूध पूरी तरह बंद कर दिए। उन्होंने हर दूसरे रविवार लंबी दूरी की दौड़ की, और कठिन चढ़ाई की ट्रेनिंग के लिए अरे कॉलोनी, मालाबार हिल, पारसिक हिल, लोनावला, सतारा, एडिनबर्ग और लंदन में अभ्यास किया। सिर्फ अंतिम चार महीनों में उन्होंने 1128 किलोमीटर की दौड़ पूरी की — वह भी 35 डिग्री की गर्मी में, जो अपने आप में एक बड़ी चुनौती थी।

डर्बन में जब उन्होंने फिनिश लाइन पार की, तो दर्शकों के नारों “कम ऑन इंडिया!” और “नमस्ते इंडिया!” ने उनका स्वागत किया। प्रीति ने कहा, “यह गर्व का क्षण था — 425 भारतीय धावकों के साथ दौड़ना, हर एक की आत्मा में देश की भावना झलक रही थी। दौड़ खत्म हो चुकी है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका की ऊर्जा अब भी मेरे अंदर गूंज रही है।”

उन्होंने अपने क दीपक लोंधे (Striders Miles) का विशेष धन्यवाद किया, जिनकी ट्रेनिंग और विश्वास ने इस लक्ष्य को संभव बनाया। साथ ही उन्होंने अपने परिवार और शुभचिंतकों का भी आभार प्रकट किया।

इस वर्ष की दौड़ भावनात्मक रूप से और भी खास थी। फिनिशर्स में महाराष्ट्र पुलिस के सात अधिकारी, 26/11 हमले में घायल हुए एक नेवी कमांडो, एक विकलांग धावक जिनका बायां हाथ नहीं है, और जलगांव की 65 वर्षीय विद्या ताई शामिल थीं। “इन सभी की साहसिक कहानियों ने मुझे गहराई से प्रेरित किया। यह सिर्फ एक मैराथन नहीं थी — यह एक आंदोलन था।”

प्रीति का यह पहला अनुभव नहीं था। उन्होंने अब तक 25 हाफ मैराथन, 15 फुल मैराथन (जिनमें दो वर्ल्ड मेजर — बर्लिन और लंदन मैराथन शामिल हैं), दो बार 65 किमी की दौड़, और चार बार 50 किमी की अल्ट्रा मैराथन पूरी की है। हाल ही में, अप्रैल 2025 में उन्होंने लंदन मैराथन में भाग लिया। प्रीति दो बार की गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी हैं।

1921 में स्थापित कॉमरेड्स मैराथन को “अल्टीमेट ह्यूमन रेस” कहा जाता है। हर साल इसमें लगभग 20,000 धावक हिस्सा लेते हैं। 2025 की दौड़ में 20,972 प्रतिभागियों में से रिकॉर्ड 18,194 लोगों ने इसे पूरा किया — जो 86.75% की फिनिशिंग दर को दर्शाता है।

अब जब प्रीति “आमची मुंबई” लौट आई हैं, वह कहती हैं: “मैं सिर्फ एक पदक लेकर नहीं लौटी — बल्कि ढेरों यादें, नई दोस्तियाँ और कहानियाँ साथ लेकर आई हूं जो जीवन भर मेरे साथ रहेंगी।”

प्रसूता की मौत का मामला: जांच में अस्पताल प्रभारी, डॉक्टर और मेल नर्स पाए गए दोषी, हो सकती है बड़ी कार्रवाई

रायपुर- बीरगांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता साक्षी निषाद की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में अस्पताल की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है और तीन जिम्मेदार कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है।

जिम्मेदार पाए गए ये अधिकारी और कर्मचारी

जांच में अस्पताल प्रभारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और मेल स्टाफ नर्स को दोषी माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, साक्षी की डिलीवरी के बाद अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, और देखभाल का जिम्मा मेल नर्स पर था, जिसने मृतका के परिजनों से अशोभनीय व्यवहार भी किया था।

जांच समिति में शामिल रहे ये विशेषज्ञ

स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति में डॉ. संजीव वोहरा – जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. निर्मला यादव – स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. चंद्रा राव – एनेस्थिसिया विशेषज्ञ, डॉ. प्रीति नारायण – नोडल अधिकारी, मातृत्व शाखा शामिल थे। इन सभी ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।

जानिए क्या था मामला ?

22 वर्षीय साक्षी निषाद की डिलीवरी के करीब 12 घंटे बाद देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। परिजनों के अनुसार, वार्ड ब्वॉय द्वारा दिए गए इंजेक्शन और पानी पिलाने के बाद उसकी हालत और बिगड़ गई, लेकिन समय पर कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। दर्द से कराहती साक्षी की कुछ देर बाद मौत हो गई। इस दौरान स्टाफ द्वारा परिजनों से दुर्व्यवहार भी किया गया।

रिपोर्ट मिलने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई करेगा। मृतका के पति दीपक निषाद पहले ही CMHO और थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट पर जल्द ही उच्चस्तरीय निर्णय लिया जाएगा।

महाराष्ट्र में फिर चढ़ा सियासी पारा, सीएम फडणवीस और राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात

#cmdevendrafadnavisrajthackeray_meeting

महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। ये मीटिंग मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में करीब डेढ़ घंटे तक चली।अचानक हुई इस मीटिंग के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आगामी नगर निगम चुनावों के बीच हुई यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

नगर निगम चुनावों से पहले मुलाकात अहम

यह मुलाकात इसीलिए और भी ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि यह आगामी नगर निगम चुनावों से पहले हुई है। हालांकि, बैठक दौरान दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

वहीं, बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि दोनों नेता अच्छे दोस्त हैं और हो सकता है कि उन्होंने राज्य से संबंधित विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए मुलाकात की हो।

पहले मिले उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने के संकेत

इससे पहले तक इस तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ आ सकते हैं। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 6 जून को अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए थे। उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी, वही होगा।

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना को पिछले कुछ चुनावों में हार का ही सामना करना पड़ा है। ऐसे में दोनों ठाकरे बद्रर्स के साथ आने के संकेत मिल रहे थे। सड़कों पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर भी नजर आने लगे थे।मुंबई के गिरगांव इलाके में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के संभावित गठबंधन को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।

संकल्प से सिद्धि तक: मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियों को किया बयां, छत्तीसगढ़ सरकार के कामों का भी किया जिक्र

रायपुर- मुख्यमंत्री ने केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर “संकल्प से सिद्धि” अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा मोदी सरकार के 11 साल शानदार और ऐतिहासिक रहे है।छत्तीसगढ़ से PM मोदी का गहरा लगाव है। मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था आज चौथे नंबर पर है।

संकल्प से सिद्धि तक: मोदी सरकार की उपलब्धियों को किया बयां

उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ट्रिपल तलाक और अनुच्छेद 370 को खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया। मुख्यमंत्री साय ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा पिछली सरकार ने गरीबों का आवास छीना था। हमारी सरकार 18 लाख आवास की स्वीकृति दी है।

छत्तीसगढ में महिलाओं से लेकर किसानों तक से किया वादा पूरा

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने किसानों से किया वादा पूरा किया। 70 लाख महिलाओं के खाते में एक हजार भेज रहे है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को राशि दे रहे है। रामलला योजना में हजारों लोग अयोध्या पहुंचे हैं। PM मोदी का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। आदिवासी समाज का मान सम्मान बहुत बढ़ा है।

जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कुछ देशों ने पीएम मोदी को भगवान हनुमान का दर्ज दिया। जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। CM विष्णु देव साय ने कहा PSC गड़बड़ी की CBI जांच करायी गयी है। गड़बड़ी करने वाले लोग आज जेल में हैं। CM साय ने कहा कांग्रेस और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की कथनी और करनी में कोई तुलना नहीं है। कांग्रेस की PHD झूठ बोलने में है। झूठ बोलकर उनके चेहरे में सिकन नहीं होती।

नक्सल मोर्चे पर उपलब्धि

मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर छत्तीसगढ़ पुलिस की उपलब्धियोंको बयां करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल कार्रवाई पर बड़ी सफलता मिली। अब बस्तर नक्सलमुक्त होने की कगार पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावना है मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद खत्म हो। जवान उत्साह के साथ काम कर रहे हैं। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है।

छत्तीसगढ़ में खत्म हो सकता है फाइव डे सिस्टम

छत्तीसगढ़ में फाइव डे वर्किंग सिस्टम खत्म हो सकता है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “फाइव डे वर्किंग को खत्म करने पर विचार करेंगे”, और यह भी बताया कि अधिकारी-कर्मचारी खुद 6 दिन कार्य दिवस करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।