*occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day*

Khabar kolkata sports Desk: On the occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day, CAB President Snehasish Ganguly hoisted the association colours at the Eden Gardens on Tuesday in presence of CAB Vice President Amalendu Biswas, CAB Hony Secretary Naresh Ojha, former CAB office bearer Bablu Koley, CAB member Robi Mitra, former CAB President and current IPL Governing Council member Abhishek Dalmiya and other CAB officials, members.

ट्रंप की टीम में एक और भारतवंशी, कुश देसाई बने डेप्युटी प्रेस सेक्रेटरी

#trump_appointed_former_indian_american_journalist_as_deputy_press_secretary

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम में एक और भारतीय मूल के शख्स को एंट्री मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी पूर्व पत्रकार कुश देसाई को अपना उप प्रेस सचिव नियुक्त किया है. ‘व्हाइट हाउस’ ने यह घोषणा की। बता दे कि राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के कई लोगों पर भरोसा जताया है। कुश देसाई भी इसी कड़ी का हिस्सा हैं।

देसाई इससे पहले रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के लिए डिप्टी कम्युनिकेशन डायरेक्टर और आयोवा रिपब्लिकन पार्टी के कम्युनिकेशन डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे। वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी में डिप्टी बैटलग्राउंड स्टेट्स और पेंसिल्वेनिया कम्युनिकेशंस डायरेक्टर भी थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने खास तौर पर पेंसिल्वेनिया में प्रमुख बैटलग्राउंड स्टेट्स में मैसेजिंग और नैरेटिव सेट करने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने सभी सात बैटलग्राउंड स्टेट्स में जीत हासिल की।

ट्रंप की कैबिनेट में ये भारतवंशी शामिल

• काश पटेल- ट्रंप ने भारतवंशी काश पटेल को अमेरिका का नया एफबीआई चीफ बनाया है।

• जय भट्टाचार्य- ट्रंप ने जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ (एआईएच) का निदेशक बनाया है।

• तुलसी गबार्ड- ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर बनाया है। वह हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं।

• हरमीत के ढिल्लों- ट्रंप ने ढिल्लों को न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में नामित किया।

बेहद प्रगतिशील कानून, इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं”, यूसीसी के समर्थन में बोले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

#formercjiranjangogoisupportsuniformcivil_code

भारत में समान नागरिक संहिता सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का मुख्य एजेंडा रहा है। हालांकि केन्द्र की मोदी सरकार इसे अब तक लागू नहीं करा सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक रैली में अपने भाषण में यूसीसी का मुद्दा उठाकर इसे ताजा हवा दे दी थी। उन्होंने कहा था कि हमारे देश में अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकते हैं। वहीं, विभिन्न मुस्लिम संगठनोंने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन माना है। इस बीच भारत के पूर्व चीफ जस्टिस और वर्तमान राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की वकालत की है।

भारत के पू्र्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को 'बेहद प्रगतिशील कानून' बताया। उन्होंने यूसीसी को राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय के लिए जरूरी बताते हुए इसे लागू करने के लिए आम सहमति पर जोर दिया।

पूर्व सीजेआई सूरत में सूरत लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे थे। यूसीसी का समर्थन करते हुए गोगोई ने कहा कि यह कई पुरानी रीतियों को बदलेगा जो अब कानून बन गई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूसीसी संवैधानिक है इसका जिक्र अनुच्छेद 44 में है। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू होने पर सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, एक ही कानून होगा। यह शादी, तलाक, गोद लेना, विरासत और गुजारा भत्ता जैसे मामलों पर लागू होगा।

गोवा में यूसीसी का दिया उदाहरण

गोगोई ने कहा कि गोवा में यूसीसी शानदार तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम सहमति बनाने और गलत सूचनाओं को रोकने की जरूरत है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश के अनुसार यूसीसी का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी शाहबानो मामले से लेकर मुस्लिम महिलाओं के गुजारा भत्ता मांगने के अधिकार से संबंधित पांच मामलों में कहा कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश को एकजुट करने तथा सामाजिक न्याय को प्रभावित करने वाले नागरिक और व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले विभिन्न कानूनों के कारण लंबित मामलों से निपटने का एक तरीका है।

सरकार जल्दबाजी न करें, आम सहमति बनाएं

पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा, इस मामले में आम सहमति बनाने की जरूरत है और इसे लेकर फैलाई जा रही गलत खबरों की जांच भी करने की आवश्यता है। आज हमारे देश में अलग-अलग रीति-रिवाज हैं, परंपराएं हैं। इतनी विभन्नता से सामाजिक न्याय के मामलों पर असर होता है। कोई भी देश इतने ज्यादा कानून नहीं रख सकता। यूसीसी हमारे देश को एकजुट कर सकता है।

20 मिनट लेट होती तो...' हसीना बोलीं- रची गई थी मेरी हत्या की साजिश

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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने पिछले साल उनके सरकारी आवास पर हुए आंदोलनकारियों के हमले को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार अपना दर्द बयां किया है। हसीना ने एक ऑडियो टेप जारी कर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर मैं अपनी बहन के साथ उस दिन 20 मिनट पहले अपने सरकारी आवास से नहीं निकलती तो वो दिन हमारा आखिर दिन हो सकता था। बता दें कि बीते साल पांच अगस्त को समय शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर अपनी जान बचाकर भारत जाना पड़ा था।

शेख हसीना का ये ऑडियो बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गया। इस ऑडियो में शेख हसीना अल्लाह का शुक्रिया अदा करते भी दिख रही हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें मारने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया है। शेख हसीना ने शुक्रवार रात को फेसबुक पर अपनी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के पेज पर एक ऑडियो संदेश में यह बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, रेहाना और मैं बच गए, हम केवल 20-25 मिनट के अंतराल से मौत से बच गए।

हसीना ने दावा किया है कि उनकी हत्या की कई बार साजिशें रची गई थीं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 21 अगस्त को हुई हत्याओं से बचना, कोटालीपारा में हुए विशाल बम विस्फोट से बचना या पांच अगस्त 2024 को जीवित बचना अल्लाह की इच्छा है। अल्लाह का हाथ ही होगा। अगर अल्लाह की इच्छा न होती, तो मैं अब तक जिंदा नहीं बची होती। उन्होंने कहा, 'आपने बाद में देखा कि कैसे मुझे मारने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, अल्लाह की दया है कि मैं अभी भी जिंदा हूं क्योंकि अल्लाह चाहता है कि मैं कुछ और करूं।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वीजा अवधि को बड़ा दिया था। वह पिछले साल अगस्त से भारत में रह रही हैं। इस बीच खबर ये भी आई थी कि बांग्लादेश ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है। हालांकि वीजा अवधि बढ़ने से हसीना के लिए अधिक समय तक भारत में रहने का रास्ता साफ हो गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार, भारत से पूर्व पीएम के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल और बुशरा बीबी को 7 साल की सजा, जानें पूरा मामला

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पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को दोषी करार दिया है। पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। जबकि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल की सजा सुनाई गई है। इमरान खान पर 10 लाख रुपये और उनकी पत्नी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अगर वे दोनों जुर्माना नहीं भर पाते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री को छह महीने और बुशरा को तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

अल-कादिर ट्रस्ट मामले में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बनी अस्थायी अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच जज नासिर जावेद राणा ने यह फैसला सुनाया। इमरान खान पिछले 18 महीने से अडियाला जेल में बंद हैं। फैसला सुनाए जाने के बाद बुशरा बीबी को भी अदालत से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

पाक अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला बह्रिया टाउन से जुड़ी जमीन और पैसे के लेन-देन से जुड़ा है, जिसमे इमरान खान पर भ्रष्टाचार का आरोप है। यह इमरान खान के पीएम कार्यकाल के दौरान हुआ था। इमरान खान और बुशरा बीबी पर आरोप लगा था कि उन्होंने बह्रिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल जमीन हासिल की। अदालत ने इन आरोपों को ठीक पाते हुए इमरान और बुशरा को दोषी ठहराया।

भ्रष्टाचार रोधी अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने 18 दिसंबर को ही इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी। इस मामले में पहले वे तीन बार फैसला टाल चुके हैं। फैसले का एलान होते ही पुलिस बुशरा बीबी को हिरासत में ले लिया। फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्ट आचरण और अधिकार के दुरुपयोग का दोषी ठहराया गया है। जबकि बुशरा बीबी को अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दोषी माना गया। न्यायाधीश ने अधिकारियों को अल-कादिर ट्रस्ट विवि को सरकार को सौंपने के निर्देश दिए। फैसले के बाद अदियाला जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इमरान और बुशरा के खिलाफ यह मामला दिसंबर, 2023 में शुरू हुआ था, जब एनएबी (नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) ने इमरान और उनकी पत्नी के खिलाफ अल-कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। दोनों पर ब्लैक मनी का बह्रिया टाउन, कराची की जमीन के भुगतान के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया। इमरान और बुशरा बीबी ने कथित तौर बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपए और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की ताकि 50 अरब रुपए को वैध बनाया जा सके।

*First-ever CAB U-16 Girl's School tournament gets underway*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: CAB President Snehasish Ganguly and India legend Jhulan Goswami wished all the players good luck as the first ever CAB Under-16 Girl’s School Cricket Tournament featuring eight schools got underway at the Rajasthan Ground on Tuesday.

"It is indeed a moment of great joy that women's cricket in Bengal is scaling higher. From junior to senior level, each and every team has impressed this season. The U-16 Girl's School Cricket Tournament for the first time will boost women's cricket. I wish all the players the best for the tournament. Jhulan is here to inspire all the girls. She is a legend, and all the youngsters look up to her as inspiration," Mr Ganguly said during the inauguration ceremony.

Jhulan said, "I am happy to be here for the tournament. Just like Bengal Women’s cricket is showing huge improvement, this U-16 Girl's School tournament will also help create talent for the future. I wish all the players the best. This season, every Bengal Women’s team has performed well, and now the hope rests on our Under-19 and Under-23 team who have made the knockouts."

Also present for the ocassion were CAB Joint Secretary Debabrata Das; CAB Treasurer Prabir Chakrabarty; Tour, Fixture and Technical Committee Chairman Sanjay Das, Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick along with former and senior Women's cricketers.

The opening day will be a double-header clash with South Point High School taking on The Heritage School at the Rajasthan Ground, while Purwanchal Vidyamandir will face Rabindra Path Bhavan Academy at AIS Alampur Ground.

The One-Day League-cum-knockout tournament, featuring eight teams, has been divided into two groups. After the league stage, the top two teams from each group will progress into the semifinals with its winners facing each other in the summit clash.

Pic Courtesy by: CAB

मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू, केंद्र सरकार ने परिवार को दिए ये विकल्प

#manmohansinghformerpmmemorialtrustprocessoptionsgiventofamily

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हुआ था। अब उनके स्मारक को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर उनके परिवार को कुछ विकल्प दिए हैं। इन विकल्पों में राष्ट्रीय स्मृति स्थल समेत कुछ अन्य स्थानों का नाम शामिल है, जहां उनका स्मारक बनाए जाने की संभावना है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, परिवार की ओर से स्मारक की जगह चुनने के बाद, ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। यह ट्रस्ट स्मारक निर्माण की योजना और उसके बाद की सभी गतिविधियों की देखरेख करेगा। परिवार की तरफ से अभी तक किसी खास जगह को लेकर फैसला नहीं लिया गया है। स्मारक की जमीन के लिए ट्रस्ट आवेदन करेगा। जमीन आवंटन के बाद सीपीडब्ल्यूडी के साथ एमओयू पर दस्तखत होंगे। इसके बाद ही स्मारक बनाने का काम शुरू हो सकेगा।

इन जगहों पर बनाया जा सकता है स्मारक

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ था। इसके बाद उनके स्मारक को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार ने मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है।

शहरी विकास मंत्रालय ने किया दौरा

शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने स्मारक के लिए राजघाट और उसके आसपास के इलाके का दौरा किया है। यह भी संभावना है कि डॉ मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए नेहरू-गांधी परिवार के नेताओं की समाधि के पास जगह दी जाए। यहां पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि है।

बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। बीते दिनोंकांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है। इस पर बीजेपी की ओर से जवाब भी दिया गया था। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि कोई अपमान नहीं किया गया।

दिलजीत दोसांझ ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को दिया ट्रिब्यूट, सुप्रिया श्रीनेत ने गायक को सराहा
#supriya_shrinate_praised_diljit_dosanjh_for_dedicating_concert_to_former_pm

* पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ ने गुवाहाटी में अपने एक शो को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समर्पित किया। इसकी कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दिलजीत दोसांझ को मनोरंजन जगत के उन लोगों से अलग करता है, जिन्होंने पूर्व पीएम के प्रति सम्मान व्यक्त नहीं किया। बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। गायक ने रविवार को इंस्टाग्राम पर अपने शो का एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में दिलजीत ने पूर्व प्रधानमंत्री को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।दिलजीत ने कहा कि वे एक शालीन व्यक्ति थे, जो कभी भी किसी को असभ्य तरीके से जवाब नहीं देते थे। उन्होंने कहा, आज का कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समर्पित है। उन्होंने बहुत ही सादा जीवन जिया. वे कभी भी पलटकर जवाब नहीं देते थे या बुरी बातें नहीं करते थे, जो राजनीति जैसे पेशे में असंभव है। इसके बाद उन्होंने पूर्व पीएम द्वारा कही गई एक शायरी कही, जैसा कि उन्होंने कहा, हजारों जवाबों से मेरी खामोशी अच्छी, न जाने कितने सवालों की आबरू ढक लेती है। गायक ने युवाओं से इसे सीखने का आग्रह किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा, "आज का कॉन्सर्ट डॉ. मनमोहन सिंह जी को समर्पित है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का लंबी बीमारी के बाद 26 दिसंबर को निधन हो गया। फिल्म जगत के कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा और उनके योगदान को याद किया। गायक दिलजीत दोसांझ के इस कदम की कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने तारीफ की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि भीड़ से अलग खड़े होने और चमकने के लिए एक साहसी व्यक्ति की जरूरत होती है। दिलजीत दोसांझ ने अपना संगीत कार्यक्रम डॉ. मनमोहन सिंह जी को समर्पित किया। यह एक ऐसा भाव है जो उन्हें फिल्म उद्योग के अधिकांश लोगों से अलग करता है। वे कायर लोग हैं, जिनमें भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक व्यक्त करने की भी शालीनता नहीं थी।
“वो मेरे दोस्त और मार्गदर्शक थे, उनका जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति” मनमोहन सिंह के निधन पर सोनिया गांधी का शोक संदेश

#sonia_gandhi_condolence_on_former_pm_dr_manmohan_singh 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वे 92 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी गई और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।केंद्रीय सरकार ने उनके सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इधर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को शाम को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किया और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी गई। कांग्रेस की संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। 

कांग्रेस ने सोशल साइट एक्स पर सोनिय गांधी का शोक संदेश जारी किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता का प्रतीक था। उन्होंने पूरे दिल से देश की सेवा की। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों का जीवन बदल दिया। मेरे लिए डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। वे बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे और अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ थे।

उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसे नेता को खो दिया है जो बुद्धिमता, कुलीनता और विनम्रता के प्रतीक थे, जिन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की। कांग्रेस पार्टी के लिए एक उज्ज्वल और प्रिय मार्गदर्शक, उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों के जीवन को बदल दिया और उन्हें सशक्त बनाया। सोनिया गांधी ने कहा कि भारत के लोग उन्हें उनके शुद्ध हृदय और उत्तम बुद्धि के लिए प्यार करते थे। उनकी सलाह, बुद्धिमानीपूर्ण सलाह और विचारों को हमारे देश के राजनीतिक स्पेक्ट्रम में उत्सुकता से मांगा जाता था और उनका बहुत सम्मान किया जाता था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत अन्य नेताओं ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए कांग्रेस मुख्यालय में मुलाकात की। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग रद्द कर दी गई। कांग्रेस स्थापना दिवस से जुड़े आयोजन भी कैंसिल हो गए हैं। पार्टी के इवेंट 3 जनवरी के बाद शुरू होंगे।

मेरी गड्डी तो यह है…”जब मारुति-800 को निहारे हुए कहते थे मनमोहन सिंह, 3 साल बॉडीगार्ड रहे यूपी के मंत्री ने शेयर की यादें

#yogi_cabinet_minister_asim_arun_told_story_of_former_pm_manmohan_singh

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनसे जुड़े तमाम किस्से और कहानियां लोग याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार में मंत्री और पूर्व पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर उनसे जुड़ी यादों को साझा किया है। अरुण असीम एक जमाने में मनमोहन सिंह की एसपीजी टीम में बॉडीगॉर्ड थे। असीम अरुण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सिक्योरिटी चीफ रह चुके हैं। वह 2004 से 2008 के बीच उनकी 22 लोगों की कमांडो टीम का हिस्सा थे। उन्होंने उस दौरान का एक किस्सा बताया है।

योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। उन्होंने बताया कि एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। अगर एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी मेरी थी।

उन्होंने आगे लिखा, 'डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।

बता दें कि असीम अरुण एनएसजी से ब्लैक कैट कमांडो ट्रेनिंग पाने वाले पहले आईपीएस अधिकारी 2004 में बने। वे अब योगी सरकार में मंत्री भी हैं।

*occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day*

Khabar kolkata sports Desk: On the occasion of The Cricket Association of Bengal’s 97th Foundation Day, CAB President Snehasish Ganguly hoisted the association colours at the Eden Gardens on Tuesday in presence of CAB Vice President Amalendu Biswas, CAB Hony Secretary Naresh Ojha, former CAB office bearer Bablu Koley, CAB member Robi Mitra, former CAB President and current IPL Governing Council member Abhishek Dalmiya and other CAB officials, members.

ट्रंप की टीम में एक और भारतवंशी, कुश देसाई बने डेप्युटी प्रेस सेक्रेटरी

#trump_appointed_former_indian_american_journalist_as_deputy_press_secretary

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम में एक और भारतीय मूल के शख्स को एंट्री मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी पूर्व पत्रकार कुश देसाई को अपना उप प्रेस सचिव नियुक्त किया है. ‘व्हाइट हाउस’ ने यह घोषणा की। बता दे कि राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के कई लोगों पर भरोसा जताया है। कुश देसाई भी इसी कड़ी का हिस्सा हैं।

देसाई इससे पहले रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के लिए डिप्टी कम्युनिकेशन डायरेक्टर और आयोवा रिपब्लिकन पार्टी के कम्युनिकेशन डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे। वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी में डिप्टी बैटलग्राउंड स्टेट्स और पेंसिल्वेनिया कम्युनिकेशंस डायरेक्टर भी थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने खास तौर पर पेंसिल्वेनिया में प्रमुख बैटलग्राउंड स्टेट्स में मैसेजिंग और नैरेटिव सेट करने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने सभी सात बैटलग्राउंड स्टेट्स में जीत हासिल की।

ट्रंप की कैबिनेट में ये भारतवंशी शामिल

• काश पटेल- ट्रंप ने भारतवंशी काश पटेल को अमेरिका का नया एफबीआई चीफ बनाया है।

• जय भट्टाचार्य- ट्रंप ने जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ’ (एआईएच) का निदेशक बनाया है।

• तुलसी गबार्ड- ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर बनाया है। वह हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं।

• हरमीत के ढिल्लों- ट्रंप ने ढिल्लों को न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में नामित किया।

बेहद प्रगतिशील कानून, इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं”, यूसीसी के समर्थन में बोले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

#formercjiranjangogoisupportsuniformcivil_code

भारत में समान नागरिक संहिता सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का मुख्य एजेंडा रहा है। हालांकि केन्द्र की मोदी सरकार इसे अब तक लागू नहीं करा सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक रैली में अपने भाषण में यूसीसी का मुद्दा उठाकर इसे ताजा हवा दे दी थी। उन्होंने कहा था कि हमारे देश में अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकते हैं। वहीं, विभिन्न मुस्लिम संगठनोंने इसे अल्पसंख्यक अधिकारों का उल्लंघन माना है। इस बीच भारत के पूर्व चीफ जस्टिस और वर्तमान राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की वकालत की है।

भारत के पू्र्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को 'बेहद प्रगतिशील कानून' बताया। उन्होंने यूसीसी को राष्ट्रीय एकता और सामाजिक न्याय के लिए जरूरी बताते हुए इसे लागू करने के लिए आम सहमति पर जोर दिया।

पूर्व सीजेआई सूरत में सूरत लिटरेचर फेस्टिवल में पहुंचे थे। यूसीसी का समर्थन करते हुए गोगोई ने कहा कि यह कई पुरानी रीतियों को बदलेगा जो अब कानून बन गई हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यूसीसी संवैधानिक है इसका जिक्र अनुच्छेद 44 में है। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू होने पर सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनका धर्म कोई भी हो, एक ही कानून होगा। यह शादी, तलाक, गोद लेना, विरासत और गुजारा भत्ता जैसे मामलों पर लागू होगा।

गोवा में यूसीसी का दिया उदाहरण

गोगोई ने कहा कि गोवा में यूसीसी शानदार तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम सहमति बनाने और गलत सूचनाओं को रोकने की जरूरत है। पूर्व प्रधान न्यायाधीश के अनुसार यूसीसी का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी शाहबानो मामले से लेकर मुस्लिम महिलाओं के गुजारा भत्ता मांगने के अधिकार से संबंधित पांच मामलों में कहा कि सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता देश को एकजुट करने तथा सामाजिक न्याय को प्रभावित करने वाले नागरिक और व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले विभिन्न कानूनों के कारण लंबित मामलों से निपटने का एक तरीका है।

सरकार जल्दबाजी न करें, आम सहमति बनाएं

पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा, इस मामले में आम सहमति बनाने की जरूरत है और इसे लेकर फैलाई जा रही गलत खबरों की जांच भी करने की आवश्यता है। आज हमारे देश में अलग-अलग रीति-रिवाज हैं, परंपराएं हैं। इतनी विभन्नता से सामाजिक न्याय के मामलों पर असर होता है। कोई भी देश इतने ज्यादा कानून नहीं रख सकता। यूसीसी हमारे देश को एकजुट कर सकता है।

20 मिनट लेट होती तो...' हसीना बोलीं- रची गई थी मेरी हत्या की साजिश

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बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने पिछले साल उनके सरकारी आवास पर हुए आंदोलनकारियों के हमले को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार अपना दर्द बयां किया है। हसीना ने एक ऑडियो टेप जारी कर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा है कि अगर मैं अपनी बहन के साथ उस दिन 20 मिनट पहले अपने सरकारी आवास से नहीं निकलती तो वो दिन हमारा आखिर दिन हो सकता था। बता दें कि बीते साल पांच अगस्त को समय शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़कर अपनी जान बचाकर भारत जाना पड़ा था।

शेख हसीना का ये ऑडियो बांग्लादेश अवामी लीग पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गया। इस ऑडियो में शेख हसीना अल्लाह का शुक्रिया अदा करते भी दिख रही हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उन्हें मारने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया है। शेख हसीना ने शुक्रवार रात को फेसबुक पर अपनी पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग के पेज पर एक ऑडियो संदेश में यह बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा, रेहाना और मैं बच गए, हम केवल 20-25 मिनट के अंतराल से मौत से बच गए।

हसीना ने दावा किया है कि उनकी हत्या की कई बार साजिशें रची गई थीं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 21 अगस्त को हुई हत्याओं से बचना, कोटालीपारा में हुए विशाल बम विस्फोट से बचना या पांच अगस्त 2024 को जीवित बचना अल्लाह की इच्छा है। अल्लाह का हाथ ही होगा। अगर अल्लाह की इच्छा न होती, तो मैं अब तक जिंदा नहीं बची होती। उन्होंने कहा, 'आपने बाद में देखा कि कैसे मुझे मारने की योजना बनाई गई थी। हालांकि, अल्लाह की दया है कि मैं अभी भी जिंदा हूं क्योंकि अल्लाह चाहता है कि मैं कुछ और करूं।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वीजा अवधि को बड़ा दिया था। वह पिछले साल अगस्त से भारत में रह रही हैं। इस बीच खबर ये भी आई थी कि बांग्लादेश ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है। हालांकि वीजा अवधि बढ़ने से हसीना के लिए अधिक समय तक भारत में रहने का रास्ता साफ हो गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार, भारत से पूर्व पीएम के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल और बुशरा बीबी को 7 साल की सजा, जानें पूरा मामला

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पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को दोषी करार दिया है। पूर्व पीएम इमरान खान को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। जबकि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल की सजा सुनाई गई है। इमरान खान पर 10 लाख रुपये और उनकी पत्नी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अगर वे दोनों जुर्माना नहीं भर पाते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री को छह महीने और बुशरा को तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

अल-कादिर ट्रस्ट मामले में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बनी अस्थायी अदालत में कड़ी सुरक्षा के बीच जज नासिर जावेद राणा ने यह फैसला सुनाया। इमरान खान पिछले 18 महीने से अडियाला जेल में बंद हैं। फैसला सुनाए जाने के बाद बुशरा बीबी को भी अदालत से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

पाक अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला बह्रिया टाउन से जुड़ी जमीन और पैसे के लेन-देन से जुड़ा है, जिसमे इमरान खान पर भ्रष्टाचार का आरोप है। यह इमरान खान के पीएम कार्यकाल के दौरान हुआ था। इमरान खान और बुशरा बीबी पर आरोप लगा था कि उन्होंने बह्रिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपये और सैकड़ों कनाल जमीन हासिल की। अदालत ने इन आरोपों को ठीक पाते हुए इमरान और बुशरा को दोषी ठहराया।

भ्रष्टाचार रोधी अदालत के जज नासिर जावेद राणा ने 18 दिसंबर को ही इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी। इस मामले में पहले वे तीन बार फैसला टाल चुके हैं। फैसले का एलान होते ही पुलिस बुशरा बीबी को हिरासत में ले लिया। फैसले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्ट आचरण और अधिकार के दुरुपयोग का दोषी ठहराया गया है। जबकि बुशरा बीबी को अवैध गतिविधियों में शामिल होने का दोषी माना गया। न्यायाधीश ने अधिकारियों को अल-कादिर ट्रस्ट विवि को सरकार को सौंपने के निर्देश दिए। फैसले के बाद अदियाला जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इमरान और बुशरा के खिलाफ यह मामला दिसंबर, 2023 में शुरू हुआ था, जब एनएबी (नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो) ने इमरान और उनकी पत्नी के खिलाफ अल-कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट से जुड़े भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। दोनों पर ब्लैक मनी का बह्रिया टाउन, कराची की जमीन के भुगतान के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया। इमरान और बुशरा बीबी ने कथित तौर बहरिया टाउन लिमिटेड से अरबों रुपए और सैकड़ों कनाल की जमीन हासिल की ताकि 50 अरब रुपए को वैध बनाया जा सके।

*First-ever CAB U-16 Girl's School tournament gets underway*

Sports

Khabar kolkata sports Desk: CAB President Snehasish Ganguly and India legend Jhulan Goswami wished all the players good luck as the first ever CAB Under-16 Girl’s School Cricket Tournament featuring eight schools got underway at the Rajasthan Ground on Tuesday.

"It is indeed a moment of great joy that women's cricket in Bengal is scaling higher. From junior to senior level, each and every team has impressed this season. The U-16 Girl's School Cricket Tournament for the first time will boost women's cricket. I wish all the players the best for the tournament. Jhulan is here to inspire all the girls. She is a legend, and all the youngsters look up to her as inspiration," Mr Ganguly said during the inauguration ceremony.

Jhulan said, "I am happy to be here for the tournament. Just like Bengal Women’s cricket is showing huge improvement, this U-16 Girl's School tournament will also help create talent for the future. I wish all the players the best. This season, every Bengal Women’s team has performed well, and now the hope rests on our Under-19 and Under-23 team who have made the knockouts."

Also present for the ocassion were CAB Joint Secretary Debabrata Das; CAB Treasurer Prabir Chakrabarty; Tour, Fixture and Technical Committee Chairman Sanjay Das, Observers Committee Chairman Srimanta Kumar Mallick along with former and senior Women's cricketers.

The opening day will be a double-header clash with South Point High School taking on The Heritage School at the Rajasthan Ground, while Purwanchal Vidyamandir will face Rabindra Path Bhavan Academy at AIS Alampur Ground.

The One-Day League-cum-knockout tournament, featuring eight teams, has been divided into two groups. After the league stage, the top two teams from each group will progress into the semifinals with its winners facing each other in the summit clash.

Pic Courtesy by: CAB

मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू, केंद्र सरकार ने परिवार को दिए ये विकल्प

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हुआ था। अब उनके स्मारक को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर उनके परिवार को कुछ विकल्प दिए हैं। इन विकल्पों में राष्ट्रीय स्मृति स्थल समेत कुछ अन्य स्थानों का नाम शामिल है, जहां उनका स्मारक बनाए जाने की संभावना है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, परिवार की ओर से स्मारक की जगह चुनने के बाद, ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। यह ट्रस्ट स्मारक निर्माण की योजना और उसके बाद की सभी गतिविधियों की देखरेख करेगा। परिवार की तरफ से अभी तक किसी खास जगह को लेकर फैसला नहीं लिया गया है। स्मारक की जमीन के लिए ट्रस्ट आवेदन करेगा। जमीन आवंटन के बाद सीपीडब्ल्यूडी के साथ एमओयू पर दस्तखत होंगे। इसके बाद ही स्मारक बनाने का काम शुरू हो सकेगा।

इन जगहों पर बनाया जा सकता है स्मारक

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ था। इसके बाद उनके स्मारक को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार ने मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है।

शहरी विकास मंत्रालय ने किया दौरा

शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने स्मारक के लिए राजघाट और उसके आसपास के इलाके का दौरा किया है। यह भी संभावना है कि डॉ मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए नेहरू-गांधी परिवार के नेताओं की समाधि के पास जगह दी जाए। यहां पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि है।

बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। बीते दिनोंकांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है। इस पर बीजेपी की ओर से जवाब भी दिया गया था। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि कोई अपमान नहीं किया गया।

दिलजीत दोसांझ ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को दिया ट्रिब्यूट, सुप्रिया श्रीनेत ने गायक को सराहा
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* पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ ने गुवाहाटी में अपने एक शो को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समर्पित किया। इसकी कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दिलजीत दोसांझ को मनोरंजन जगत के उन लोगों से अलग करता है, जिन्होंने पूर्व पीएम के प्रति सम्मान व्यक्त नहीं किया। बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। गायक ने रविवार को इंस्टाग्राम पर अपने शो का एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में दिलजीत ने पूर्व प्रधानमंत्री को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।दिलजीत ने कहा कि वे एक शालीन व्यक्ति थे, जो कभी भी किसी को असभ्य तरीके से जवाब नहीं देते थे। उन्होंने कहा, आज का कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समर्पित है। उन्होंने बहुत ही सादा जीवन जिया. वे कभी भी पलटकर जवाब नहीं देते थे या बुरी बातें नहीं करते थे, जो राजनीति जैसे पेशे में असंभव है। इसके बाद उन्होंने पूर्व पीएम द्वारा कही गई एक शायरी कही, जैसा कि उन्होंने कहा, हजारों जवाबों से मेरी खामोशी अच्छी, न जाने कितने सवालों की आबरू ढक लेती है। गायक ने युवाओं से इसे सीखने का आग्रह किया। उन्होंने कैप्शन में लिखा, "आज का कॉन्सर्ट डॉ. मनमोहन सिंह जी को समर्पित है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का लंबी बीमारी के बाद 26 दिसंबर को निधन हो गया। फिल्म जगत के कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा और उनके योगदान को याद किया। गायक दिलजीत दोसांझ के इस कदम की कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने तारीफ की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि भीड़ से अलग खड़े होने और चमकने के लिए एक साहसी व्यक्ति की जरूरत होती है। दिलजीत दोसांझ ने अपना संगीत कार्यक्रम डॉ. मनमोहन सिंह जी को समर्पित किया। यह एक ऐसा भाव है जो उन्हें फिल्म उद्योग के अधिकांश लोगों से अलग करता है। वे कायर लोग हैं, जिनमें भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक व्यक्त करने की भी शालीनता नहीं थी।
“वो मेरे दोस्त और मार्गदर्शक थे, उनका जाना मेरी व्यक्तिगत क्षति” मनमोहन सिंह के निधन पर सोनिया गांधी का शोक संदेश

#sonia_gandhi_condolence_on_former_pm_dr_manmohan_singh 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वे 92 साल के थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनके आवास पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी गई और शोक प्रस्ताव पारित किया गया।केंद्रीय सरकार ने उनके सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इधर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को शाम को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किया और पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी गई। कांग्रेस की संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी। 

कांग्रेस ने सोशल साइट एक्स पर सोनिय गांधी का शोक संदेश जारी किया। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता का प्रतीक था। उन्होंने पूरे दिल से देश की सेवा की। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों का जीवन बदल दिया। मेरे लिए डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। वे बहुत ही विनम्र स्वभाव के थे और अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ थे।

उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसे नेता को खो दिया है जो बुद्धिमता, कुलीनता और विनम्रता के प्रतीक थे, जिन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की। कांग्रेस पार्टी के लिए एक उज्ज्वल और प्रिय मार्गदर्शक, उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीयों के जीवन को बदल दिया और उन्हें सशक्त बनाया। सोनिया गांधी ने कहा कि भारत के लोग उन्हें उनके शुद्ध हृदय और उत्तम बुद्धि के लिए प्यार करते थे। उनकी सलाह, बुद्धिमानीपूर्ण सलाह और विचारों को हमारे देश के राजनीतिक स्पेक्ट्रम में उत्सुकता से मांगा जाता था और उनका बहुत सम्मान किया जाता था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत अन्य नेताओं ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक के लिए कांग्रेस मुख्यालय में मुलाकात की। इस बीच, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी मीटिंग रद्द कर दी गई। कांग्रेस स्थापना दिवस से जुड़े आयोजन भी कैंसिल हो गए हैं। पार्टी के इवेंट 3 जनवरी के बाद शुरू होंगे।

मेरी गड्डी तो यह है…”जब मारुति-800 को निहारे हुए कहते थे मनमोहन सिंह, 3 साल बॉडीगार्ड रहे यूपी के मंत्री ने शेयर की यादें

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे। मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनसे जुड़े तमाम किस्से और कहानियां लोग याद कर रहे हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार में मंत्री और पूर्व पुलिस अधिकारी असीम अरुण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर उनसे जुड़ी यादों को साझा किया है। अरुण असीम एक जमाने में मनमोहन सिंह की एसपीजी टीम में बॉडीगॉर्ड थे। असीम अरुण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सिक्योरिटी चीफ रह चुके हैं। वह 2004 से 2008 के बीच उनकी 22 लोगों की कमांडो टीम का हिस्सा थे। उन्होंने उस दौरान का एक किस्सा बताया है।

योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। उन्होंने बताया कि एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। अगर एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी मेरी थी।

उन्होंने आगे लिखा, 'डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।

बता दें कि असीम अरुण एनएसजी से ब्लैक कैट कमांडो ट्रेनिंग पाने वाले पहले आईपीएस अधिकारी 2004 में बने। वे अब योगी सरकार में मंत्री भी हैं।