2014 के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ रची गई साजिश! पूर्व सांसद का सीआईए-मोसाद को लेकर चौंकाने वाला दावा

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कुमार केतकर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुमार केतकर ने दावा का है कि सीआईए और मोसाद, जो अमेरिका और इजराइल की जासूसी एजेंसियां हैं, ने 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की साजिश रची थी।

कांग्रेस की हार सीआईए और मोसाद की साजिश!

मुंबई में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में बुधवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुमार केतकर ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी हार किसी सामान्य राजनीतिक परिवर्तन का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और इजराइल की मोसाद की कथित साजिश थी।

केतकर ने समझाया आंकड़ों का गणित

केतकर ने कहा कि दोनों एजेंसियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया था कि कांग्रेस का सीट संख्या 206 से आगे न बढ़े और पार्टी सत्ता से बाहर हो जाए। केतकर ने याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस ने 145 सीटें जीती थीं और 2009 में यह आंकड़ा बढ़कर 206 हो गया था। उन्होंने कहा कि अगर यही ट्रेंड जारी रहता तो 2014 में कांग्रेस को 250 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए थीं और वह आराम से सत्ता में वापस आ जाती। लेकिन अचानक सीटें घटकर सिर्फ 44 रह गईं। यह सामान्य जनादेश नहीं था।

भारत के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की रणनीति

केतकर ने कहा कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने तय किया था कि किसी भी हाल में कांग्रेस को 206 सीटों से ज्यादा नहीं मिलने दी जाए। सीआईए और मोसाद ने डेटा इकट्ठा किया, रणनीति बनाई और ऐसा माहौल बनाया कि कांग्रेस सत्ता में न लौट सके। केतकर के मुताबिक, इन एजेंसियों को डर था कि यदि यूपीए दोबारा स्थिर सरकार बनाती, तो भारत की नीतियों पर उनका प्रभाव सीमित हो जाता और वे अपनी इच्छानुसार हस्तक्षेप नहीं कर पाते।

अपने अनुकूल सरकार बनाने की साजिश का आरोप

पूर्व पत्रकार रहे केतकर ने दावा किया कि इन विदेशी खुफिया एजेंसियों का उद्देश्य भारत में ऐसी सरकार तैयार करना था जो उनके लिए अनुकूल हो और उनकी नीतियों को आसानी से लागू कर सके। केतकर के मुताबिक, अगर कांग्रेस की स्थिर सरकार लौटती या गठबंधन सरकार मजबूत स्थिति में आती, तो विदेशी एजेंसियों के लिए भारत में हस्तक्षेप करना मुश्किल हो जाता है।

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका, कहा- चुनाव आयोग के अधिकारों को चुनौती नहीं दी जा सकती

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सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की वैधता पर बहस शुरू हुई। देश के 12 राज्यों में चल रहे एसआईआर पर विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट से साफ कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके पास ऐसा करने का पूरा संवैधानिक और कानूनी अधिकार है। शीर्ष अदालत ने इस प्रक्रिया को रोकने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि अगर इसमें कोई अनियमितता सामने आई तो वह तुरंत सुधार के आदेश देगा।

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें एसआईआर की वैधता को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एसआईआर के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने बुधवार को पहले केरल का मुद्दा उठा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने के आधार पर फिलहाल एसआइआर टालने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए दो दिसंबर की तारीख तय कर दी। फिर तमिलनाडु का मुद्दा उठा, जहां कई याचिकाओं के जरिये एसआइआर को चुनौती दी गई है। इस पर और बंगाल के मामले में भी आयोग को जवाब देने का निर्देश देते हुए नौ दिसंबर की तारीख तय की गई।

याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं पर नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी डालने पर सवाल उठाया। उन्होंने दलील दी कि देश में लाखों-करोड़ों लोग निरक्षर हैं जो फॉर्म नहीं भर सकते। उनका कहना था कि मतदाता गणना फॉर्म भरवाना ही अपने आप में लोगों को सूची से बाहर करने का हथियार बन गया है। सिब्बल ने कोर्ट से सवाल किया कि मतदाता को गणना फॉर्म भरने के लिए क्यों कहा जा रहा है? चुनाव आयोग को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं? आधार कार्ड में जन्म तिथि और निवास स्थान दर्ज है। 18 साल से ऊपर कोई व्यक्ति अगर स्व-घोषणा कर दे कि वह भारतीय नागरिक है तो उसे मतदाता सूची में शामिल करने के लिए यही काफी होना चाहिए।

“मतदाता सूची को शुद्ध-अपडेट रखना आयोग का संवैधानिक दायित्व”

इस पर सीजेआई सूर्याकांत ने कहा कि आपने दिल्ली में चुनाव लड़ा है, वहां बहुत लोग वोट डालने नहीं आते. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव त्योहार की तरह मनाया जाता है। वहां हर व्यक्ति को पता होता है कि गांव का निवासी कौन है और कौन नहीं। वहां अधिकतम मतदान होता है और लोग अपने वोट को लेकर बहुत सजग रहते हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मतदाता सूची को शुद्ध और अपडेट रखना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है और इसके लिए वह जरूरी कदम उठा सकता है।

“एसआईआर को लेकर कोई ठोस शिकायत नहीं”

बेंच ने स्पष्ट किया कि एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस शिकायत अभी तक सामने नहीं आई है, इसलिए इसे रोकने का कोई आधार नहीं बनता। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर कोई वास्तविक शिकायत या अनियमितता सामने आती है तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा और सुधार के आदेश देगा।

मोकामा से जीते बाहुबली अनंत सिंह, RJD की वीणा देवी को 29 हजार वोटों से दी मात

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मोकामा से अनंत सिंह ने जीत दर्ज कर ली। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मोकामा की विधानसभा सीट पर एक बार फिर से अनंत सिंह का परचम लहराया है। वह पहले राउंड से ही लगातार बढ़त बनाए हुए थे। उनके खिलाफ लड़ रही सूरजभान सिंह की पत्नी और आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी को हार का सामना करना पड़ा।

वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हराया

जेडीयू के बाहुबली उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को कुल 81,692 वोट मिले। उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की प्रत्याशी वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हरा दिया। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की वीना देवी को 51,982 वोट मिले। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष को 11,231 वोट मिले।

मोकामा में जश्न का माहौल

मोकामा में जश्न की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसमें उनके आवास पर हलवाई खाना बनाने में लगे हुए हैं। काउंटिंग शुरू होने के बाद से ही आवास पर ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए थे। जीत के साथ ही अब उनको इंतजार है तो केवल अपने नेता की, जो फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं

मतदान से ठीक पहले हुए थे गिरफ़्तार

बता दें कि मोकामा सीट जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को मतदान से ठीक पहले गिरफ़्तार किए जाने की वजह से सीट चर्चा में है। मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह मुख्य आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ही दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या में अनंत सिंह स्वयं शामिल थे। इस हत्याकांड को लेकर अनंत सिंह और जेडीयू सहित एनडीए पर विपक्षी दलों ने जमकर हमले किए थे। अनंत सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था।

मोकामा में अनंत कुमार सिंह का दबदबा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 58 साल के अनंत सिंह और उनके परिवार का पिछले 35 साल से दबदबा है। सन 2000 के बिहार के विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को मोकामा सीट पर हराया था। सूरजभान सिंह की पहले दिलीप सिंह से दोस्ती थी। लेकिन सन 2000 के बाद उनके संबंधों में बदलाव आ गया। अनंत कुमार सिंह के भाई दिलीप सिंह राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे थे। दिलीप सिंह साल मोकामा सीट पर सन 1990 और 1995 में जीते थे। इसके बाद सन 2005 से अनंत सिंह इस क्षेत्र से जीत रहे हैं। अनंत सिंह जेडीयू से पहले आरजेडी में रहे, निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन वे कभी हारे नहीं।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

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बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

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बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में इस बार किसकी सरकार? वोटों की गिनती शुरू, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती जारी

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। राज्य के 38 जिलों के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन रही है या फिर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है और तेजस्वी यादव सत्ता संभालेंगे।

सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। कुछ देर में अलग-अलग सीटों से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की नजर राघोपुर, तारापुर, सीवान से लेकर महुआ विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

एनडीए और महागठबंधन के बीच महामुकाबला

बिहार चुनाव में, मुकाबला मुख्य रूप से जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग कल, मतगणना से पहले कड़ी सुरक्षा में रखे गए EVM

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी शुक्रवार को आने हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में ईवीएम

राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों पर की शुक्रवार को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

सीसीटीवी से निगहबानी

स्ट्रॉन्ग रूम परिसर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेन्ट्रल आर्म्ड पैरामिलिट्री फोर्सेज (सीएपीएफ) को सौंपा गया है, जबकि बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस को दी गई है। इसके अलावा चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी और अन्य सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं।

हर स्ट्रांग रूम में एक कंट्रोल रूम

प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां वरिष्ठ अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे। एक बयान में कहा गया कि संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को प्रतिदिन स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया कि मॉक पोल के दौरान या मतदान के समय दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के साथ-साथ अप्रयुक्त मशीनों को अलग से सुरक्षित रखा गया है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के अनुमान

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान छह और 11 नवंबर को हुआ था। इस बार राज्य में 1951 के बाद का सबसे अधिक 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में चुनाव खत्म होने के बाद आए करीब एक दर्जन एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में एनडीए की वापसी का दावा किया जा रहा है। पोल में जदयू की सीटों में बढ़ोत्तरी का अनुमान व्यक्त किया गया है। मैट्रिज ने जदयू को 67 से 75 तो भाजपा को 65 से 73 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों ने दोनों दलों को करीब-करीब समान सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।

बिहार चुनावः अंतिम चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान शुरू, दिल्ली धमाके के बढ़ाई गई सतर्कता

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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। आज 20 जिलों की 122 सीटों पर शुरू चुका है। वोटिंग के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में 4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए धमाके के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

बिहार में आज इन जिलों में वोटिंग

बिहार में आज गयाजी, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में वोटिंग की जा रही है।

दिल्ली विस्फोट के बाद हो रही वोटिंग

सोमवार शाम को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद बिहार में अंतिम चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। ऐसे में बिहार पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। डीजीपी विनय कुमार ने सभी एसपी को संवेदनशील इलाकों, मतदान केंद्रों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकन्नी हैं। डीजीपी ने बताया कि केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें गश्त बढ़ा रही हैं। सीमा क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। 

4003 बूथें अतिसंविदनशील घोषित

दूसरे चरण के मतदान के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। इनमें से 4109 बूथों को संवेदनशील बनाया गया है। इसमें 4003 अतिसंविदनशील बूथ घोषित हैं। यहां पर चार बजे तक मतदान होगा। कटोरिया, बेलहर, चैनपुर, चेनारी, गोह, नवीनगर, कुटुंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी के (36 बूथ), बोधगया (200 बूथ), रजौली, गोविंदपुर, सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई विधानसभा में बनाए गए बूथों पर शाम चार बजे मतदान होगा। वहीं बोधगया में 106 बूथों पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इन बूथों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात रहने का निर्देश दिया गया है। 

नीतीश के “नवरत्नों” की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, चकाई से सुमित कुमार सिंह, झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, अमरपुर से जयंत राज, छातापुर से नीरज कुमार सिंह बबलू, बेतिया से रेणु देवी, धमदाहा से लेशी सिंह, हरसिद्धि से कृष्णनंदन पासवान और चैनपुर से जमा खान शामिल हैं। वहीं नबीनगर से बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन आनंद का भी फैसला आज जनता कर रही है।

महागठबंधन के इन चेहरों की किस्मत का फैसला

वहीं, दूसरे चरण में महागठबंधन की ओर से राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कटिहार की कदवा सीट से कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, लालगंज से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला और भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम उम्मीदवार हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार का आखिरी दिन आज, सभी दलों के दिग्गज मैदान में

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का प्रचार अभियान आज समाप्त हो जाएगा। दूसरे चरण का प्रचार शाम 5 बजे थम जाएगा। फिर 11 नवंबर को राज्य के 20 जिलों की 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। प्रचार के आखिरी दिन सभी दलों के नेता आज चुनाव प्रचार में जान झोंकने को तैयार हैं।

प्रचार के आखिरी दिन सभी दलों के दिग्गज मैदान में

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सासाराम के फजलगंज स्टेडियम में एनडीए प्रत्याशी स्नेहलता के समर्थन में जनसभा करेंगे, जबकि अरवल में भी उनकी सभा होनी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जिलों में जनसभाएं करेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चार जिलों सीतामढ़ी, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण और मधुबनी में रैलियां करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गोह और मोहनिया में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं करेंगे। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अरवल, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और कैमूर में जनसभाएं करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी किशनगंज और पूर्णिया में दो जनसभाएं करेंगे।

इन जिलो में होने हैं मतदान

दूसरे चरण में पश्चिम और पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिलों में मतदान होना है।

नेपाल सीमा 11 नवंबर तक सील

बिहार चुनाव के दूसरे चरण में नेपाल की सीमा से लगने वाले जिले जैसे अररिया, सीतामढ़ी भी शामिल हैं। इसके चलते मतदान से पहले भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 11 नवंबर की रात तक बॉर्डर पूरी तरह सील रहेगा। इस दौरान सीमा पार आवाजाही पर रोक रहेगी। दिघलबैंक स्थित एसएसबी की 12वीं वाहिनी की एफ कंपनी ने शनिवार को ग्राम समन्वय बैठक की। कंपनी कमांडर प्रिय रंजन चकमा ने सीमावर्ती ग्रामीणों से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

2014 के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ रची गई साजिश! पूर्व सांसद का सीआईए-मोसाद को लेकर चौंकाने वाला दावा

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कुमार केतकर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुमार केतकर ने दावा का है कि सीआईए और मोसाद, जो अमेरिका और इजराइल की जासूसी एजेंसियां हैं, ने 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की साजिश रची थी।

कांग्रेस की हार सीआईए और मोसाद की साजिश!

मुंबई में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में बुधवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुमार केतकर ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी हार किसी सामान्य राजनीतिक परिवर्तन का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और इजराइल की मोसाद की कथित साजिश थी।

केतकर ने समझाया आंकड़ों का गणित

केतकर ने कहा कि दोनों एजेंसियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया था कि कांग्रेस का सीट संख्या 206 से आगे न बढ़े और पार्टी सत्ता से बाहर हो जाए। केतकर ने याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस ने 145 सीटें जीती थीं और 2009 में यह आंकड़ा बढ़कर 206 हो गया था। उन्होंने कहा कि अगर यही ट्रेंड जारी रहता तो 2014 में कांग्रेस को 250 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए थीं और वह आराम से सत्ता में वापस आ जाती। लेकिन अचानक सीटें घटकर सिर्फ 44 रह गईं। यह सामान्य जनादेश नहीं था।

भारत के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की रणनीति

केतकर ने कहा कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने तय किया था कि किसी भी हाल में कांग्रेस को 206 सीटों से ज्यादा नहीं मिलने दी जाए। सीआईए और मोसाद ने डेटा इकट्ठा किया, रणनीति बनाई और ऐसा माहौल बनाया कि कांग्रेस सत्ता में न लौट सके। केतकर के मुताबिक, इन एजेंसियों को डर था कि यदि यूपीए दोबारा स्थिर सरकार बनाती, तो भारत की नीतियों पर उनका प्रभाव सीमित हो जाता और वे अपनी इच्छानुसार हस्तक्षेप नहीं कर पाते।

अपने अनुकूल सरकार बनाने की साजिश का आरोप

पूर्व पत्रकार रहे केतकर ने दावा किया कि इन विदेशी खुफिया एजेंसियों का उद्देश्य भारत में ऐसी सरकार तैयार करना था जो उनके लिए अनुकूल हो और उनकी नीतियों को आसानी से लागू कर सके। केतकर के मुताबिक, अगर कांग्रेस की स्थिर सरकार लौटती या गठबंधन सरकार मजबूत स्थिति में आती, तो विदेशी एजेंसियों के लिए भारत में हस्तक्षेप करना मुश्किल हो जाता है।

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका, कहा- चुनाव आयोग के अधिकारों को चुनौती नहीं दी जा सकती

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सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की वैधता पर बहस शुरू हुई। देश के 12 राज्यों में चल रहे एसआईआर पर विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट से साफ कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके पास ऐसा करने का पूरा संवैधानिक और कानूनी अधिकार है। शीर्ष अदालत ने इस प्रक्रिया को रोकने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि अगर इसमें कोई अनियमितता सामने आई तो वह तुरंत सुधार के आदेश देगा।

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें एसआईआर की वैधता को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एसआईआर के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने बुधवार को पहले केरल का मुद्दा उठा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने के आधार पर फिलहाल एसआइआर टालने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए दो दिसंबर की तारीख तय कर दी। फिर तमिलनाडु का मुद्दा उठा, जहां कई याचिकाओं के जरिये एसआइआर को चुनौती दी गई है। इस पर और बंगाल के मामले में भी आयोग को जवाब देने का निर्देश देते हुए नौ दिसंबर की तारीख तय की गई।

याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं पर नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी डालने पर सवाल उठाया। उन्होंने दलील दी कि देश में लाखों-करोड़ों लोग निरक्षर हैं जो फॉर्म नहीं भर सकते। उनका कहना था कि मतदाता गणना फॉर्म भरवाना ही अपने आप में लोगों को सूची से बाहर करने का हथियार बन गया है। सिब्बल ने कोर्ट से सवाल किया कि मतदाता को गणना फॉर्म भरने के लिए क्यों कहा जा रहा है? चुनाव आयोग को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं? आधार कार्ड में जन्म तिथि और निवास स्थान दर्ज है। 18 साल से ऊपर कोई व्यक्ति अगर स्व-घोषणा कर दे कि वह भारतीय नागरिक है तो उसे मतदाता सूची में शामिल करने के लिए यही काफी होना चाहिए।

“मतदाता सूची को शुद्ध-अपडेट रखना आयोग का संवैधानिक दायित्व”

इस पर सीजेआई सूर्याकांत ने कहा कि आपने दिल्ली में चुनाव लड़ा है, वहां बहुत लोग वोट डालने नहीं आते. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव त्योहार की तरह मनाया जाता है। वहां हर व्यक्ति को पता होता है कि गांव का निवासी कौन है और कौन नहीं। वहां अधिकतम मतदान होता है और लोग अपने वोट को लेकर बहुत सजग रहते हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मतदाता सूची को शुद्ध और अपडेट रखना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है और इसके लिए वह जरूरी कदम उठा सकता है।

“एसआईआर को लेकर कोई ठोस शिकायत नहीं”

बेंच ने स्पष्ट किया कि एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस शिकायत अभी तक सामने नहीं आई है, इसलिए इसे रोकने का कोई आधार नहीं बनता। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर कोई वास्तविक शिकायत या अनियमितता सामने आती है तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा और सुधार के आदेश देगा।

मोकामा से जीते बाहुबली अनंत सिंह, RJD की वीणा देवी को 29 हजार वोटों से दी मात

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मोकामा से अनंत सिंह ने जीत दर्ज कर ली। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मोकामा की विधानसभा सीट पर एक बार फिर से अनंत सिंह का परचम लहराया है। वह पहले राउंड से ही लगातार बढ़त बनाए हुए थे। उनके खिलाफ लड़ रही सूरजभान सिंह की पत्नी और आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी को हार का सामना करना पड़ा।

वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हराया

जेडीयू के बाहुबली उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को कुल 81,692 वोट मिले। उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की प्रत्याशी वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हरा दिया। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की वीना देवी को 51,982 वोट मिले। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष को 11,231 वोट मिले।

मोकामा में जश्न का माहौल

मोकामा में जश्न की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसमें उनके आवास पर हलवाई खाना बनाने में लगे हुए हैं। काउंटिंग शुरू होने के बाद से ही आवास पर ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए थे। जीत के साथ ही अब उनको इंतजार है तो केवल अपने नेता की, जो फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं

मतदान से ठीक पहले हुए थे गिरफ़्तार

बता दें कि मोकामा सीट जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को मतदान से ठीक पहले गिरफ़्तार किए जाने की वजह से सीट चर्चा में है। मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह मुख्य आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ही दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या में अनंत सिंह स्वयं शामिल थे। इस हत्याकांड को लेकर अनंत सिंह और जेडीयू सहित एनडीए पर विपक्षी दलों ने जमकर हमले किए थे। अनंत सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था।

मोकामा में अनंत कुमार सिंह का दबदबा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 58 साल के अनंत सिंह और उनके परिवार का पिछले 35 साल से दबदबा है। सन 2000 के बिहार के विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को मोकामा सीट पर हराया था। सूरजभान सिंह की पहले दिलीप सिंह से दोस्ती थी। लेकिन सन 2000 के बाद उनके संबंधों में बदलाव आ गया। अनंत कुमार सिंह के भाई दिलीप सिंह राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे थे। दिलीप सिंह साल मोकामा सीट पर सन 1990 और 1995 में जीते थे। इसके बाद सन 2005 से अनंत सिंह इस क्षेत्र से जीत रहे हैं। अनंत सिंह जेडीयू से पहले आरजेडी में रहे, निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन वे कभी हारे नहीं।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

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बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में इस बार किसकी सरकार? वोटों की गिनती शुरू, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती जारी

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। राज्य के 38 जिलों के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन रही है या फिर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है और तेजस्वी यादव सत्ता संभालेंगे।

सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। कुछ देर में अलग-अलग सीटों से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की नजर राघोपुर, तारापुर, सीवान से लेकर महुआ विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

एनडीए और महागठबंधन के बीच महामुकाबला

बिहार चुनाव में, मुकाबला मुख्य रूप से जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

बिहार विधानसभा चुनाव की काउंटिंग कल, मतगणना से पहले कड़ी सुरक्षा में रखे गए EVM

#biharelection2025resultandevmsecuritybeforevote_counting

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के परिणाम कल यानी शुक्रवार को आने हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। मतदान में प्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में ईवीएम

राज्य के सभी 38 जिलों में स्थापित 46 केंद्रों पर की शुक्रवार को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में इस्तेमाल किए गए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को दो-स्तरीय सुरक्षा घेरे में रखा गया है।

सीसीटीवी से निगहबानी

स्ट्रॉन्ग रूम परिसर की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा सेन्ट्रल आर्म्ड पैरामिलिट्री फोर्सेज (सीएपीएफ) को सौंपा गया है, जबकि बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस को दी गई है। इसके अलावा चौबीस घंटे सीसीटीवी निगरानी और अन्य सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं।

हर स्ट्रांग रूम में एक कंट्रोल रूम

प्रत्येक स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां वरिष्ठ अधिकारी लगातार ड्यूटी पर रहेंगे। एक बयान में कहा गया कि संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को प्रतिदिन स्ट्रॉन्ग रूमों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। बयान में कहा गया कि मॉक पोल के दौरान या मतदान के समय दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के साथ-साथ अप्रयुक्त मशीनों को अलग से सुरक्षित रखा गया है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के अनुमान

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान छह और 11 नवंबर को हुआ था। इस बार राज्य में 1951 के बाद का सबसे अधिक 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। राज्य में चुनाव खत्म होने के बाद आए करीब एक दर्जन एजेंसियों के एग्जिट पोल्स में एनडीए की वापसी का दावा किया जा रहा है। पोल में जदयू की सीटों में बढ़ोत्तरी का अनुमान व्यक्त किया गया है। मैट्रिज ने जदयू को 67 से 75 तो भाजपा को 65 से 73 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है। इन एजेंसियों ने दोनों दलों को करीब-करीब समान सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।

बिहार चुनावः अंतिम चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान शुरू, दिल्ली धमाके के बढ़ाई गई सतर्कता

#bihar  _

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। आज 20 जिलों की 122 सीटों पर शुरू चुका है। वोटिंग के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में 4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए धमाके के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

बिहार में आज इन जिलों में वोटिंग

बिहार में आज गयाजी, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में वोटिंग की जा रही है।

दिल्ली विस्फोट के बाद हो रही वोटिंग

सोमवार शाम को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद बिहार में अंतिम चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। ऐसे में बिहार पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। डीजीपी विनय कुमार ने सभी एसपी को संवेदनशील इलाकों, मतदान केंद्रों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकन्नी हैं। डीजीपी ने बताया कि केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें गश्त बढ़ा रही हैं। सीमा क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। 

4003 बूथें अतिसंविदनशील घोषित

दूसरे चरण के मतदान के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। इनमें से 4109 बूथों को संवेदनशील बनाया गया है। इसमें 4003 अतिसंविदनशील बूथ घोषित हैं। यहां पर चार बजे तक मतदान होगा। कटोरिया, बेलहर, चैनपुर, चेनारी, गोह, नवीनगर, कुटुंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी के (36 बूथ), बोधगया (200 बूथ), रजौली, गोविंदपुर, सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई विधानसभा में बनाए गए बूथों पर शाम चार बजे मतदान होगा। वहीं बोधगया में 106 बूथों पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इन बूथों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात रहने का निर्देश दिया गया है। 

नीतीश के “नवरत्नों” की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, चकाई से सुमित कुमार सिंह, झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, अमरपुर से जयंत राज, छातापुर से नीरज कुमार सिंह बबलू, बेतिया से रेणु देवी, धमदाहा से लेशी सिंह, हरसिद्धि से कृष्णनंदन पासवान और चैनपुर से जमा खान शामिल हैं। वहीं नबीनगर से बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन आनंद का भी फैसला आज जनता कर रही है।

महागठबंधन के इन चेहरों की किस्मत का फैसला

वहीं, दूसरे चरण में महागठबंधन की ओर से राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कटिहार की कदवा सीट से कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, लालगंज से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला और भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम उम्मीदवार हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार का आखिरी दिन आज, सभी दलों के दिग्गज मैदान में

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण का प्रचार अभियान आज समाप्त हो जाएगा। दूसरे चरण का प्रचार शाम 5 बजे थम जाएगा। फिर 11 नवंबर को राज्य के 20 जिलों की 122 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। प्रचार के आखिरी दिन सभी दलों के नेता आज चुनाव प्रचार में जान झोंकने को तैयार हैं।

प्रचार के आखिरी दिन सभी दलों के दिग्गज मैदान में

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सासाराम के फजलगंज स्टेडियम में एनडीए प्रत्याशी स्नेहलता के समर्थन में जनसभा करेंगे, जबकि अरवल में भी उनकी सभा होनी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोहतास, औरंगाबाद और कैमूर जिलों में जनसभाएं करेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चार जिलों सीतामढ़ी, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण और मधुबनी में रैलियां करेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गोह और मोहनिया में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाएं करेंगे। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अरवल, रोहतास, औरंगाबाद, जहानाबाद और कैमूर में जनसभाएं करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी किशनगंज और पूर्णिया में दो जनसभाएं करेंगे।

इन जिलो में होने हैं मतदान

दूसरे चरण में पश्चिम और पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर जिलों में मतदान होना है।

नेपाल सीमा 11 नवंबर तक सील

बिहार चुनाव के दूसरे चरण में नेपाल की सीमा से लगने वाले जिले जैसे अररिया, सीतामढ़ी भी शामिल हैं। इसके चलते मतदान से पहले भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। 11 नवंबर की रात तक बॉर्डर पूरी तरह सील रहेगा। इस दौरान सीमा पार आवाजाही पर रोक रहेगी। दिघलबैंक स्थित एसएसबी की 12वीं वाहिनी की एफ कंपनी ने शनिवार को ग्राम समन्वय बैठक की। कंपनी कमांडर प्रिय रंजन चकमा ने सीमावर्ती ग्रामीणों से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।