20 साल बाद साथ आए ठाकरे ब्रदर्स, बीएमसी चुनाव से पहले एमएनएस-शिव सेना में गठबंधन

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महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक है। महाराष्ट्र की सियासत में ठाकरे बंधुओं ने एक बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। 20 साल बाद उद्धव-राज ठाकरे एक साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। ठाकरे भाईयों ने मुंबई के वरली स्थित होटल ब्लू में शिवसेना यूबीटी और मनसे के गठबंधन का आधिकारिक ऐलान किया।

शिवसेना (यूबीटी) और मनसे मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ेंगे। बुधवार को दोनों भाईयों ने संयुक्त प्रेस वार्ता करके इसका एलान किया। घोषणा से पहले उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने अपने परिवारों के साथ शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

दोनों भाईयों ने एक ही माइक से की बात

प्रेस कांफ्रेंस में दोनों भाईयों ने एक ही माइक से अपनी बात रखी। उद्धव ठाकरे जहां बीजेपी पर हमलावर रहे तो वहीं राज ठाकरे ने साफ कर दिया कि अगल मेयर मराठी होगा और हमारा होगा। उद्धव ठाकरे ने यह तक कह दिया कि दिल्ली में बैठे लोग महाराष्ट्र से मुंबई को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। हम उन्हें खत्म कर देंगे।

नासिक चुनाव के लिए भी साथ आए ठाकरे ब्रदर्स

राज ठाकरे ने मंच से कहा, ‘मैं अब ऑफिशियली अपने अलायंस की घोषणा कर रहा हूं। यह अलायंस नासिक म्युनिसिपैलिटी चुनाव के लिए भी है। आज हमारी मीटिंग के बाद हम दूसरे कॉर्पोरेशन्स के लिए भी घोषणा करेंगे। मुंबई का मेयर एक महाराष्ट्रियन होगा और वह हमारी पार्टी से होगा।

सीट बंटवारे पर क्या बोले ठाकरे ब्रदर्स

दोनों भाईयों ने शिवसेना यूबीटी-महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गठबंधन का ऐलान कर दिया है लेकिन मुंबई की 227 सीटों पर कौन कितनी पर लड़ेगा? इसका ऐलान नहीं किया। राज ठाकरे ने यह कह दिया की सीटों की संख्या मायने नहीं रखती है।

चुनाव टालने के लिए यूनुस ने कराई उस्मान हादी की हत्या' छात्र नेता के भाई का गंभीर आरोप

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बांग्लादेश में इंकबाल मंच के प्रवक्ता और छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर बवाल जारी है। इस बीच बांग्लादेश की कमाल संभाल रहे अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस सवालों के घेरे में हैं। अब उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाया है। हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने मोहम्मद यूनुस को हत्या का आरोपी बताते हुए कहा है कि सरकार ने आगामी राष्ट्रीय चुनाव को पटरी से उतारने के लिए हत्या की साजिश रची।

चुनावी माहौल को अस्थिर करने के लिए हत्या का आरोप

बांग्लादेश में युवा नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में भड़के विरोध प्रदर्शनों के बीच अब उनके परिवार ने अंतरिम सरकार पर सीधा और गंभीर आरोप लगाया है। हादी के उमर हादी ने खुलकर कहा है कि उनके भाई की हत्या आगामी चुनाव रद्द कराने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि सत्ता में बैठे लोगों के एक गुट ने जानबूझकर इस हत्या को अंजाम दिया, ताकि चुनावी माहौल को अस्थिर किया जा सके और राजनीतिक फायदा उठाया जा सके।

साजिश रचकर हत्या को अंजाम देने का आरोप

ढाका के शाहबाग इलाके में राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने आयोजित शहीदी शपथ कार्यक्रम में बोलते हुए उमर हादी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार के अनुसार, उन्होंने कहा यह आप ही हैं जिन्होंने उस्मान हादी को मरवाया और अब उसी मुद्दे को लेकर चुनाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर मौजूद एक खास गुट ने साजिश रचकर इस हत्या को अंजाम दिया।

न्याय नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़ दीजिए- उमर हादी

उमर हादी ने बेहद तीखे शब्दों में कहा, ‘अगर आप न्याय नहीं दे सकते, तो सत्ता छोड़ दीजिए। आपने उस्मान हादी को मार डाला और अब उसी की लाश दिखाकर चुनाव टालना चाहते हैं।’ उन्होंने साफ कहा कि अगर उनके भाई को न्याय नहीं मिला, तो मौजूदा सत्ता को भी देश छोड़ना पड़ेगा. यह बयान भीड़ में मौजूद लोगों के गुस्से और अविश्वास की भावना को साफ दिखाता है।

आम चुनाव में उम्मीदवार थे उस्मान हादी

बता दें कि उस्मान हादी आगामी 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार थे। उमर हादी का यह भी आरोप है कि उनके भाई की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने किसी भी एजेंसी या विदेशी आकाओं के आगे झुकने से इनकार कर दिया था।

केरल निकाय चुनाव परिणाम: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, जानें पीएम मोदी ने क्या कहा?

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केरल की राजनीति में शनिवार को एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए ने पहली बार तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भाजपा ने सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के 45 साल पुराने किले को ध्वस्त कर दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए तिरुवनंतपुरम नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा है, जिसने 101 वार्डों में से 50 पर जीत हासिल की है। इस परिणाम के साथ ही एलडीएफ का 45 साल का शासन समाप्त हो गया है और सत्तारूढ़ गठबंधन को केवल 29 वार्डों में ही जीत मिली है।

पीएम मोदी बोले-केरल की राजनीति का निर्णायक मोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए को मिले जनादेश पर खुशी जताई है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इसे केरल की राजनीति का निर्णायक मोड़ बताया।

केरल के लोगों का दिल से आभार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लिखा, केरल के उन सभी लोगों का मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने राज्य में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों को समर्थन दिया। केरल की जनता अब यूडीएफ और एलडीएफ दोनों से ऊब चुकी है। उन्हें भरोसा है कि सुशासन देने और सभी के लिए अवसरों से भरा विकसित केरल बनाने का काम केवल एनडीए ही कर सकता है।

पीएम मोदी ने जताया कार्यकर्ताओं का आभार

पीएम मोदी ने हैशटैग ‘विकसित तिरुवनंतपुरम’ के साथ कहा, 'हमारी पार्टी इस जीवंत शहर के विकास और लोगों के जीवन की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता पार्टी की ताकत हैं और सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा, भाजपा के सभी मेहनती कार्यकर्ताओं का मैं आभारी हूं, जिन्होंने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार परिणाम सुनिश्चित करने के लिए लोगों के बीच जाकर काम किया।”

विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा को संजीवनी

यह जीत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि वामपंथी दलों का इस निगम पर पिछले साढ़े चार दशकों से एकछत्र राज था। राजधानी में मिली यह कामयाबी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए संजीवनी का काम करेगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010 में भाजपा के पास यहां सिर्फ 6 पार्षद थे। 2015 में यह संख्या बढ़कर 35 हो गई थी, हालांकि 2020 में यह थोड़ी घटकर 34 रह गई थी, लेकिन तब भी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बनी रही। इस बार 50 सीटें जीतकर पार्टी ने स्पष्ट बहुमत के करीब पहुंचकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।

2014 के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ रची गई साजिश! पूर्व सांसद का सीआईए-मोसाद को लेकर चौंकाने वाला दावा

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कुमार केतकर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुमार केतकर ने दावा का है कि सीआईए और मोसाद, जो अमेरिका और इजराइल की जासूसी एजेंसियां हैं, ने 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की साजिश रची थी।

कांग्रेस की हार सीआईए और मोसाद की साजिश!

मुंबई में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में बुधवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुमार केतकर ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी हार किसी सामान्य राजनीतिक परिवर्तन का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और इजराइल की मोसाद की कथित साजिश थी।

केतकर ने समझाया आंकड़ों का गणित

केतकर ने कहा कि दोनों एजेंसियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया था कि कांग्रेस का सीट संख्या 206 से आगे न बढ़े और पार्टी सत्ता से बाहर हो जाए। केतकर ने याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस ने 145 सीटें जीती थीं और 2009 में यह आंकड़ा बढ़कर 206 हो गया था। उन्होंने कहा कि अगर यही ट्रेंड जारी रहता तो 2014 में कांग्रेस को 250 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए थीं और वह आराम से सत्ता में वापस आ जाती। लेकिन अचानक सीटें घटकर सिर्फ 44 रह गईं। यह सामान्य जनादेश नहीं था।

भारत के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की रणनीति

केतकर ने कहा कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने तय किया था कि किसी भी हाल में कांग्रेस को 206 सीटों से ज्यादा नहीं मिलने दी जाए। सीआईए और मोसाद ने डेटा इकट्ठा किया, रणनीति बनाई और ऐसा माहौल बनाया कि कांग्रेस सत्ता में न लौट सके। केतकर के मुताबिक, इन एजेंसियों को डर था कि यदि यूपीए दोबारा स्थिर सरकार बनाती, तो भारत की नीतियों पर उनका प्रभाव सीमित हो जाता और वे अपनी इच्छानुसार हस्तक्षेप नहीं कर पाते।

अपने अनुकूल सरकार बनाने की साजिश का आरोप

पूर्व पत्रकार रहे केतकर ने दावा किया कि इन विदेशी खुफिया एजेंसियों का उद्देश्य भारत में ऐसी सरकार तैयार करना था जो उनके लिए अनुकूल हो और उनकी नीतियों को आसानी से लागू कर सके। केतकर के मुताबिक, अगर कांग्रेस की स्थिर सरकार लौटती या गठबंधन सरकार मजबूत स्थिति में आती, तो विदेशी एजेंसियों के लिए भारत में हस्तक्षेप करना मुश्किल हो जाता है।

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका, कहा- चुनाव आयोग के अधिकारों को चुनौती नहीं दी जा सकती

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सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की वैधता पर बहस शुरू हुई। देश के 12 राज्यों में चल रहे एसआईआर पर विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट से साफ कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके पास ऐसा करने का पूरा संवैधानिक और कानूनी अधिकार है। शीर्ष अदालत ने इस प्रक्रिया को रोकने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि अगर इसमें कोई अनियमितता सामने आई तो वह तुरंत सुधार के आदेश देगा।

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें एसआईआर की वैधता को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एसआईआर के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने बुधवार को पहले केरल का मुद्दा उठा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने के आधार पर फिलहाल एसआइआर टालने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए दो दिसंबर की तारीख तय कर दी। फिर तमिलनाडु का मुद्दा उठा, जहां कई याचिकाओं के जरिये एसआइआर को चुनौती दी गई है। इस पर और बंगाल के मामले में भी आयोग को जवाब देने का निर्देश देते हुए नौ दिसंबर की तारीख तय की गई।

याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं पर नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी डालने पर सवाल उठाया। उन्होंने दलील दी कि देश में लाखों-करोड़ों लोग निरक्षर हैं जो फॉर्म नहीं भर सकते। उनका कहना था कि मतदाता गणना फॉर्म भरवाना ही अपने आप में लोगों को सूची से बाहर करने का हथियार बन गया है। सिब्बल ने कोर्ट से सवाल किया कि मतदाता को गणना फॉर्म भरने के लिए क्यों कहा जा रहा है? चुनाव आयोग को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं? आधार कार्ड में जन्म तिथि और निवास स्थान दर्ज है। 18 साल से ऊपर कोई व्यक्ति अगर स्व-घोषणा कर दे कि वह भारतीय नागरिक है तो उसे मतदाता सूची में शामिल करने के लिए यही काफी होना चाहिए।

“मतदाता सूची को शुद्ध-अपडेट रखना आयोग का संवैधानिक दायित्व”

इस पर सीजेआई सूर्याकांत ने कहा कि आपने दिल्ली में चुनाव लड़ा है, वहां बहुत लोग वोट डालने नहीं आते. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव त्योहार की तरह मनाया जाता है। वहां हर व्यक्ति को पता होता है कि गांव का निवासी कौन है और कौन नहीं। वहां अधिकतम मतदान होता है और लोग अपने वोट को लेकर बहुत सजग रहते हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मतदाता सूची को शुद्ध और अपडेट रखना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है और इसके लिए वह जरूरी कदम उठा सकता है।

“एसआईआर को लेकर कोई ठोस शिकायत नहीं”

बेंच ने स्पष्ट किया कि एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस शिकायत अभी तक सामने नहीं आई है, इसलिए इसे रोकने का कोई आधार नहीं बनता। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर कोई वास्तविक शिकायत या अनियमितता सामने आती है तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा और सुधार के आदेश देगा।

मोकामा से जीते बाहुबली अनंत सिंह, RJD की वीणा देवी को 29 हजार वोटों से दी मात

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मोकामा से अनंत सिंह ने जीत दर्ज कर ली। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मोकामा की विधानसभा सीट पर एक बार फिर से अनंत सिंह का परचम लहराया है। वह पहले राउंड से ही लगातार बढ़त बनाए हुए थे। उनके खिलाफ लड़ रही सूरजभान सिंह की पत्नी और आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी को हार का सामना करना पड़ा।

वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हराया

जेडीयू के बाहुबली उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को कुल 81,692 वोट मिले। उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की प्रत्याशी वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हरा दिया। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की वीना देवी को 51,982 वोट मिले। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष को 11,231 वोट मिले।

मोकामा में जश्न का माहौल

मोकामा में जश्न की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसमें उनके आवास पर हलवाई खाना बनाने में लगे हुए हैं। काउंटिंग शुरू होने के बाद से ही आवास पर ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए थे। जीत के साथ ही अब उनको इंतजार है तो केवल अपने नेता की, जो फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं

मतदान से ठीक पहले हुए थे गिरफ़्तार

बता दें कि मोकामा सीट जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को मतदान से ठीक पहले गिरफ़्तार किए जाने की वजह से सीट चर्चा में है। मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह मुख्य आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ही दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या में अनंत सिंह स्वयं शामिल थे। इस हत्याकांड को लेकर अनंत सिंह और जेडीयू सहित एनडीए पर विपक्षी दलों ने जमकर हमले किए थे। अनंत सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था।

मोकामा में अनंत कुमार सिंह का दबदबा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 58 साल के अनंत सिंह और उनके परिवार का पिछले 35 साल से दबदबा है। सन 2000 के बिहार के विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को मोकामा सीट पर हराया था। सूरजभान सिंह की पहले दिलीप सिंह से दोस्ती थी। लेकिन सन 2000 के बाद उनके संबंधों में बदलाव आ गया। अनंत कुमार सिंह के भाई दिलीप सिंह राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे थे। दिलीप सिंह साल मोकामा सीट पर सन 1990 और 1995 में जीते थे। इसके बाद सन 2005 से अनंत सिंह इस क्षेत्र से जीत रहे हैं। अनंत सिंह जेडीयू से पहले आरजेडी में रहे, निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन वे कभी हारे नहीं।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

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बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

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बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में इस बार किसकी सरकार? वोटों की गिनती शुरू, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती जारी

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। राज्य के 38 जिलों के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन रही है या फिर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है और तेजस्वी यादव सत्ता संभालेंगे।

सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। कुछ देर में अलग-अलग सीटों से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की नजर राघोपुर, तारापुर, सीवान से लेकर महुआ विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

एनडीए और महागठबंधन के बीच महामुकाबला

बिहार चुनाव में, मुकाबला मुख्य रूप से जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।

20 साल बाद साथ आए ठाकरे ब्रदर्स, बीएमसी चुनाव से पहले एमएनएस-शिव सेना में गठबंधन

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महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन ऐतिहासिक है। महाराष्ट्र की सियासत में ठाकरे बंधुओं ने एक बड़ा फैसला लेकर सबको चौंका दिया है। 20 साल बाद उद्धव-राज ठाकरे एक साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं। ठाकरे भाईयों ने मुंबई के वरली स्थित होटल ब्लू में शिवसेना यूबीटी और मनसे के गठबंधन का आधिकारिक ऐलान किया।

शिवसेना (यूबीटी) और मनसे मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ेंगे। बुधवार को दोनों भाईयों ने संयुक्त प्रेस वार्ता करके इसका एलान किया। घोषणा से पहले उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने अपने परिवारों के साथ शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

दोनों भाईयों ने एक ही माइक से की बात

प्रेस कांफ्रेंस में दोनों भाईयों ने एक ही माइक से अपनी बात रखी। उद्धव ठाकरे जहां बीजेपी पर हमलावर रहे तो वहीं राज ठाकरे ने साफ कर दिया कि अगल मेयर मराठी होगा और हमारा होगा। उद्धव ठाकरे ने यह तक कह दिया कि दिल्ली में बैठे लोग महाराष्ट्र से मुंबई को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। हम उन्हें खत्म कर देंगे।

नासिक चुनाव के लिए भी साथ आए ठाकरे ब्रदर्स

राज ठाकरे ने मंच से कहा, ‘मैं अब ऑफिशियली अपने अलायंस की घोषणा कर रहा हूं। यह अलायंस नासिक म्युनिसिपैलिटी चुनाव के लिए भी है। आज हमारी मीटिंग के बाद हम दूसरे कॉर्पोरेशन्स के लिए भी घोषणा करेंगे। मुंबई का मेयर एक महाराष्ट्रियन होगा और वह हमारी पार्टी से होगा।

सीट बंटवारे पर क्या बोले ठाकरे ब्रदर्स

दोनों भाईयों ने शिवसेना यूबीटी-महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के गठबंधन का ऐलान कर दिया है लेकिन मुंबई की 227 सीटों पर कौन कितनी पर लड़ेगा? इसका ऐलान नहीं किया। राज ठाकरे ने यह कह दिया की सीटों की संख्या मायने नहीं रखती है।

चुनाव टालने के लिए यूनुस ने कराई उस्मान हादी की हत्या' छात्र नेता के भाई का गंभीर आरोप

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बांग्लादेश में इंकबाल मंच के प्रवक्ता और छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या को लेकर बवाल जारी है। इस बीच बांग्लादेश की कमाल संभाल रहे अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस सवालों के घेरे में हैं। अब उस्मान हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाया है। हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने मोहम्मद यूनुस को हत्या का आरोपी बताते हुए कहा है कि सरकार ने आगामी राष्ट्रीय चुनाव को पटरी से उतारने के लिए हत्या की साजिश रची।

चुनावी माहौल को अस्थिर करने के लिए हत्या का आरोप

बांग्लादेश में युवा नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देशभर में भड़के विरोध प्रदर्शनों के बीच अब उनके परिवार ने अंतरिम सरकार पर सीधा और गंभीर आरोप लगाया है। हादी के उमर हादी ने खुलकर कहा है कि उनके भाई की हत्या आगामी चुनाव रद्द कराने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने दावा किया कि सत्ता में बैठे लोगों के एक गुट ने जानबूझकर इस हत्या को अंजाम दिया, ताकि चुनावी माहौल को अस्थिर किया जा सके और राजनीतिक फायदा उठाया जा सके।

साजिश रचकर हत्या को अंजाम देने का आरोप

ढाका के शाहबाग इलाके में राष्ट्रीय संग्रहालय के सामने आयोजित शहीदी शपथ कार्यक्रम में बोलते हुए उमर हादी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार के अनुसार, उन्होंने कहा यह आप ही हैं जिन्होंने उस्मान हादी को मरवाया और अब उसी मुद्दे को लेकर चुनाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के भीतर मौजूद एक खास गुट ने साजिश रचकर इस हत्या को अंजाम दिया।

न्याय नहीं दे सकते तो सत्ता छोड़ दीजिए- उमर हादी

उमर हादी ने बेहद तीखे शब्दों में कहा, ‘अगर आप न्याय नहीं दे सकते, तो सत्ता छोड़ दीजिए। आपने उस्मान हादी को मार डाला और अब उसी की लाश दिखाकर चुनाव टालना चाहते हैं।’ उन्होंने साफ कहा कि अगर उनके भाई को न्याय नहीं मिला, तो मौजूदा सत्ता को भी देश छोड़ना पड़ेगा. यह बयान भीड़ में मौजूद लोगों के गुस्से और अविश्वास की भावना को साफ दिखाता है।

आम चुनाव में उम्मीदवार थे उस्मान हादी

बता दें कि उस्मान हादी आगामी 12 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में उम्मीदवार थे। उमर हादी का यह भी आरोप है कि उनके भाई की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने किसी भी एजेंसी या विदेशी आकाओं के आगे झुकने से इनकार कर दिया था।

केरल निकाय चुनाव परिणाम: तिरुवनंतपुरम में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, जानें पीएम मोदी ने क्या कहा?

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केरल की राजनीति में शनिवार को एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए ने पहली बार तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भाजपा ने सीपीआई(एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के 45 साल पुराने किले को ध्वस्त कर दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए तिरुवनंतपुरम नगर निगम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा है, जिसने 101 वार्डों में से 50 पर जीत हासिल की है। इस परिणाम के साथ ही एलडीएफ का 45 साल का शासन समाप्त हो गया है और सत्तारूढ़ गठबंधन को केवल 29 वार्डों में ही जीत मिली है।

पीएम मोदी बोले-केरल की राजनीति का निर्णायक मोड़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए को मिले जनादेश पर खुशी जताई है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इसे केरल की राजनीति का निर्णायक मोड़ बताया।

केरल के लोगों का दिल से आभार-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने लिखा, केरल के उन सभी लोगों का मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने राज्य में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा और एनडीए उम्मीदवारों को समर्थन दिया। केरल की जनता अब यूडीएफ और एलडीएफ दोनों से ऊब चुकी है। उन्हें भरोसा है कि सुशासन देने और सभी के लिए अवसरों से भरा विकसित केरल बनाने का काम केवल एनडीए ही कर सकता है।

पीएम मोदी ने जताया कार्यकर्ताओं का आभार

पीएम मोदी ने हैशटैग ‘विकसित तिरुवनंतपुरम’ के साथ कहा, 'हमारी पार्टी इस जीवंत शहर के विकास और लोगों के जीवन की सुगमता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता पार्टी की ताकत हैं और सभी को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा, भाजपा के सभी मेहनती कार्यकर्ताओं का मैं आभारी हूं, जिन्होंने तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार परिणाम सुनिश्चित करने के लिए लोगों के बीच जाकर काम किया।”

विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा को संजीवनी

यह जीत इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि वामपंथी दलों का इस निगम पर पिछले साढ़े चार दशकों से एकछत्र राज था। राजधानी में मिली यह कामयाबी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के लिए संजीवनी का काम करेगी। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010 में भाजपा के पास यहां सिर्फ 6 पार्षद थे। 2015 में यह संख्या बढ़कर 35 हो गई थी, हालांकि 2020 में यह थोड़ी घटकर 34 रह गई थी, लेकिन तब भी पार्टी मुख्य विपक्षी दल बनी रही। इस बार 50 सीटें जीतकर पार्टी ने स्पष्ट बहुमत के करीब पहुंचकर अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।

2014 के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ रची गई साजिश! पूर्व सांसद का सीआईए-मोसाद को लेकर चौंकाने वाला दावा

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद कुमार केतकर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर बड़ा बयान दिया है। कुमार केतकर ने दावा का है कि सीआईए और मोसाद, जो अमेरिका और इजराइल की जासूसी एजेंसियां हैं, ने 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार की साजिश रची थी।

कांग्रेस की हार सीआईए और मोसाद की साजिश!

मुंबई में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में बुधवार को कांग्रेस नेता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुमार केतकर ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी हार किसी सामान्य राजनीतिक परिवर्तन का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और इजराइल की मोसाद की कथित साजिश थी।

केतकर ने समझाया आंकड़ों का गणित

केतकर ने कहा कि दोनों एजेंसियों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया था कि कांग्रेस का सीट संख्या 206 से आगे न बढ़े और पार्टी सत्ता से बाहर हो जाए। केतकर ने याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस ने 145 सीटें जीती थीं और 2009 में यह आंकड़ा बढ़कर 206 हो गया था। उन्होंने कहा कि अगर यही ट्रेंड जारी रहता तो 2014 में कांग्रेस को 250 से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए थीं और वह आराम से सत्ता में वापस आ जाती। लेकिन अचानक सीटें घटकर सिर्फ 44 रह गईं। यह सामान्य जनादेश नहीं था।

भारत के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने की रणनीति

केतकर ने कहा कुछ अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने तय किया था कि किसी भी हाल में कांग्रेस को 206 सीटों से ज्यादा नहीं मिलने दी जाए। सीआईए और मोसाद ने डेटा इकट्ठा किया, रणनीति बनाई और ऐसा माहौल बनाया कि कांग्रेस सत्ता में न लौट सके। केतकर के मुताबिक, इन एजेंसियों को डर था कि यदि यूपीए दोबारा स्थिर सरकार बनाती, तो भारत की नीतियों पर उनका प्रभाव सीमित हो जाता और वे अपनी इच्छानुसार हस्तक्षेप नहीं कर पाते।

अपने अनुकूल सरकार बनाने की साजिश का आरोप

पूर्व पत्रकार रहे केतकर ने दावा किया कि इन विदेशी खुफिया एजेंसियों का उद्देश्य भारत में ऐसी सरकार तैयार करना था जो उनके लिए अनुकूल हो और उनकी नीतियों को आसानी से लागू कर सके। केतकर के मुताबिक, अगर कांग्रेस की स्थिर सरकार लौटती या गठबंधन सरकार मजबूत स्थिति में आती, तो विदेशी एजेंसियों के लिए भारत में हस्तक्षेप करना मुश्किल हो जाता है।

एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का विपक्ष को झटका, कहा- चुनाव आयोग के अधिकारों को चुनौती नहीं दी जा सकती

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सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की वैधता पर बहस शुरू हुई। देश के 12 राज्यों में चल रहे एसआईआर पर विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट से साफ कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके पास ऐसा करने का पूरा संवैधानिक और कानूनी अधिकार है। शीर्ष अदालत ने इस प्रक्रिया को रोकने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि अगर इसमें कोई अनियमितता सामने आई तो वह तुरंत सुधार के आदेश देगा।

सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें एसआईआर की वैधता को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एसआईआर के खिलाफ दायर तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने बुधवार को पहले केरल का मुद्दा उठा, जहां स्थानीय निकाय चुनाव होने के आधार पर फिलहाल एसआइआर टालने की मांग की गई है। कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए दो दिसंबर की तारीख तय कर दी। फिर तमिलनाडु का मुद्दा उठा, जहां कई याचिकाओं के जरिये एसआइआर को चुनौती दी गई है। इस पर और बंगाल के मामले में भी आयोग को जवाब देने का निर्देश देते हुए नौ दिसंबर की तारीख तय की गई।

याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस की शुरुआत करते हुए कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं पर नागरिकता साबित करने की जिम्मेदारी डालने पर सवाल उठाया। उन्होंने दलील दी कि देश में लाखों-करोड़ों लोग निरक्षर हैं जो फॉर्म नहीं भर सकते। उनका कहना था कि मतदाता गणना फॉर्म भरवाना ही अपने आप में लोगों को सूची से बाहर करने का हथियार बन गया है। सिब्बल ने कोर्ट से सवाल किया कि मतदाता को गणना फॉर्म भरने के लिए क्यों कहा जा रहा है? चुनाव आयोग को यह तय करने का अधिकार किसने दिया कि कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक है या नहीं? आधार कार्ड में जन्म तिथि और निवास स्थान दर्ज है। 18 साल से ऊपर कोई व्यक्ति अगर स्व-घोषणा कर दे कि वह भारतीय नागरिक है तो उसे मतदाता सूची में शामिल करने के लिए यही काफी होना चाहिए।

“मतदाता सूची को शुद्ध-अपडेट रखना आयोग का संवैधानिक दायित्व”

इस पर सीजेआई सूर्याकांत ने कहा कि आपने दिल्ली में चुनाव लड़ा है, वहां बहुत लोग वोट डालने नहीं आते. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव त्योहार की तरह मनाया जाता है। वहां हर व्यक्ति को पता होता है कि गांव का निवासी कौन है और कौन नहीं। वहां अधिकतम मतदान होता है और लोग अपने वोट को लेकर बहुत सजग रहते हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि मतदाता सूची को शुद्ध और अपडेट रखना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है और इसके लिए वह जरूरी कदम उठा सकता है।

“एसआईआर को लेकर कोई ठोस शिकायत नहीं”

बेंच ने स्पष्ट किया कि एसआईआर की प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस शिकायत अभी तक सामने नहीं आई है, इसलिए इसे रोकने का कोई आधार नहीं बनता। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि अगर कोई वास्तविक शिकायत या अनियमितता सामने आती है तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा और सुधार के आदेश देगा।

मोकामा से जीते बाहुबली अनंत सिंह, RJD की वीणा देवी को 29 हजार वोटों से दी मात

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मोकामा से अनंत सिंह ने जीत दर्ज कर ली। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मोकामा की विधानसभा सीट पर एक बार फिर से अनंत सिंह का परचम लहराया है। वह पहले राउंड से ही लगातार बढ़त बनाए हुए थे। उनके खिलाफ लड़ रही सूरजभान सिंह की पत्नी और आरजेडी प्रत्याशी वीणा देवी को हार का सामना करना पड़ा।

वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हराया

जेडीयू के बाहुबली उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को कुल 81,692 वोट मिले। उन्होंने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की प्रत्याशी वीणा देवी को 29710 मतों के अंतर से हरा दिया। उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी आरजेडी की वीना देवी को 51,982 वोट मिले। जन सुराज पार्टी के प्रियदर्शी पीयूष को 11,231 वोट मिले।

मोकामा में जश्न का माहौल

मोकामा में जश्न की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसमें उनके आवास पर हलवाई खाना बनाने में लगे हुए हैं। काउंटिंग शुरू होने के बाद से ही आवास पर ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गए थे। जीत के साथ ही अब उनको इंतजार है तो केवल अपने नेता की, जो फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं

मतदान से ठीक पहले हुए थे गिरफ़्तार

बता दें कि मोकामा सीट जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को मतदान से ठीक पहले गिरफ़्तार किए जाने की वजह से सीट चर्चा में है। मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह मुख्य आरोपी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ही दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि हत्या में अनंत सिंह स्वयं शामिल थे। इस हत्याकांड को लेकर अनंत सिंह और जेडीयू सहित एनडीए पर विपक्षी दलों ने जमकर हमले किए थे। अनंत सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था।

मोकामा में अनंत कुमार सिंह का दबदबा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 58 साल के अनंत सिंह और उनके परिवार का पिछले 35 साल से दबदबा है। सन 2000 के बिहार के विधानसभा चुनाव में सूरजभान सिंह ने अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह को मोकामा सीट पर हराया था। सूरजभान सिंह की पहले दिलीप सिंह से दोस्ती थी। लेकिन सन 2000 के बाद उनके संबंधों में बदलाव आ गया। अनंत कुमार सिंह के भाई दिलीप सिंह राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री भी रहे थे। दिलीप सिंह साल मोकामा सीट पर सन 1990 और 1995 में जीते थे। इसके बाद सन 2005 से अनंत सिंह इस क्षेत्र से जीत रहे हैं। अनंत सिंह जेडीयू से पहले आरजेडी में रहे, निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन वे कभी हारे नहीं।

बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो बाकी जगह नहीं हो पाएगा, रुझान पर बौखला गए अखिलेश यादव

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी मतगणना में एनडीए गठबंधन बड़ी जीत की ओर बढ़ रहा है। वहीं, महागठबंधन की हालत खस्ता है। चुनाव परिणाम के रुझानों में जदयू, भाजपा और अन्य दलों का गठबंधन की जीत और राजद, कांग्रेस आदि के महागठबंधन की हार पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर महागठबंधन की हार की ठीकरा फोड़ दिया है।

अब आगे हम ये खेल इनको नहीं खेलने देंगे-अखिलेश

अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बौखलाहट जाहिर की। अखिलेश यादव ने लिखा, 'बिहार में जो खेल एसआईआर ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, यूपी और बाक़ी जगह पर अब नहीं हो पायेगा क्योंकि इस चुनावी साजिश का अब भंडाफोड़ हो चुका है। अब आगे हम ये खेल, इनको नहीं खेलने देंगे।

भाजपा दल नहीं छल है-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सीसीटीवी की तरह हमारा ‘पीपीटीवी’ मतलब ‘पीडीए प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं छल है।'

क्या है ‘पीपीटीवी’?

बता दें कि ‘पीपीटीवी’ वाला विचार अखिलेश ने पहले भी 12 नवंबर को एक्स पर साझा किया था, जहां उन्होंने लिखा था, “हम एसआईआर के लिए सीसीटीवी की तरह ‘पीपीटीवी’ लगाएंगे। पीडीए प्रहरी का चुनाव आयोग के लिए मूल संदेश है: तू जहाँ-जहाँ चलेगा, मेरा साया साथ होगा।” सपा नेताओं का दावा है कि यह तंत्र युवा कार्यकर्ताओं के साथ डिजिटल टूल्स पर आधारित होगा, जो वोटर लिस्ट, बूथ मैनेजमेंट और मतगणना पर सतर्क निगरानी रखेगा

Bihar Chunav Result: रूझानों में एनडीए को बहुमत, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी

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बिहार विधानसभा के कुल 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है। चुनाव के रुझान आने लगे हैं। चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट results.eci.gov.in पर रूझान जारी कर दिया है। शुरुआती रुझान में एनडीए को भारी बढ़त दिख रही है। रुझान में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही है।

भाजपा सबसे आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों में भाजपा सबसे ज्यादा 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 76 सीटों पर आगे है। राजद इतिहास का दूसरा सबसे बुरा प्रदर्शन करती दिख रही है। वह केवल 34 सीटों पर आगे है। लोजपा 22 सीटों पर आगे चल रही है।कांग्रेस का भी बुरा हाल है, वो मात्र 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

एनडीए ने पार किया बहुमत का आंकड़ा

बहुमत के लिए 243 सदस्यीय विधानसभा में 122 सीटें चाहिए। इस लिहाज से एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। एनडीए को इस चुनाव में 190 के करीब सीटें मिलती दिख रही है।

किस पार्टी को कितनी बढ़त?

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 84 84

Janata Dal (United) - JD(U) 0 76 76

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 34 34

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 22 22

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 5 5

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 5 5

Rashtriya Lok Morcha - RSHTLKM 0 3 3

All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen - AIMIM 0 3 3

Communist Party of India (Marxist) - CPI(M) 0 2 2

Vikassheel Insaan Party - VSIP 0 1 1

Bahujan Samaj Party - BSP 0 1 1

Total 0 243 243

बिहार में मतों की गिनती जारी, शुरुआती रुझानों में बीजेपी को बढ़त

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरण में मतदान के के बाद नई सरकार चुनने के लिए कुछ ही देर में वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि अगले पांच साल तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

रुझानों में बीजेपी आगे

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शुरूआती रुझानों में बीजेपी आगे चल रही है। चुनाव आयोग की साइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी 28 सीटों पर बढ़त बने हुए है। जेडीयू 20 सीटों पर आगे है। वहीं, आरजेडी 17 और कांग्रेस 3 सीटों पर आगे चल रही है।

कौन कितनी सीटों पर आगेः

Party Won Leading Total

Bharatiya Janata Party - BJP 0 28 28

Janata Dal (United) - JD(U) 0 20 20

Rashtriya Janata Dal - RJD 0 17 17

Lok Janshakti Party (Ram Vilas) - LJPRV 0 7 7

Indian National Congress - INC 0 3 3

Communist Party of India (Marxist-Leninist) (Liberation) - CPI(ML)(L) 0 1 1

The Plurals Party - TPLRSP 0 1 1

Hindustani Awam Morcha (Secular) - HAMS 0 1 1

Total 0 78 78

बिहार में इस बार किसकी सरकार? वोटों की गिनती शुरू, सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती जारी

#biharelectionresults_2025

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है और कुछ ही देर में रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। राज्य के 38 जिलों के सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। दोपहर तक साफ हो जाएगा कि बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन रही है या फिर बिहार की जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है और तेजस्वी यादव सत्ता संभालेंगे।

सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती हो रही है। कुछ देर में अलग-अलग सीटों से शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की नजर राघोपुर, तारापुर, सीवान से लेकर महुआ विधानसभा सीट पर लगी हुई है।

एनडीए और महागठबंधन के बीच महामुकाबला

बिहार चुनाव में, मुकाबला मुख्य रूप से जनता दल-यूनाइटेड के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राजद के तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। इस बार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) की मौजूदगी कई सीटों पर चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकती है।