बिहार में महागठबंधन से अलग हुई जेएमएम, छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया इस वक्त अपने चरम पर है। राज्य में चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे। पहले फेज में 121 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर थी, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच और स्क्रूटनी चल रही है, जिसमें कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द भी हुए हैं। वहीं, दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है। एक तरफ चुनावी प्रकिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ महागबंधन की रार थमने का नाम नहीं ले रही है।

जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में तकरार की कई बार खबरें सामने आई हैं। हालांकि कई नेताओं की तरफ से ये दावा किया गया कि सब कुछ ठीक है। पहले दौर की वोटिंग के लिए नामांकन खत्म हो चुका है और अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। यही वजह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जेएमएम कुल 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली है।

बिहार की इन सीटों पर चुनाव लड़ेगा जेएमएम

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी बिहार में छह सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। भट्टाचार्य ने कहा, पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। वह छह विधानसभा सीट चकाई, धमदाहा, कटोरिया (सुरक्षित), मनिहारी (सुरक्षित), जमुई और पीरपैंती (सुरक्षित) पर चुनाव लड़ेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी बिहार में अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर विचार करेगी, भट्टाचार्य ने कहा, हम इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं, सीटों की संख्या बढ़कर 10 हो सकती है।

सकारात्मक जवाब नहीं मिला- मनोज पांडे

वहीं, महागठबंधन से अलग होने पर झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा हर पहलू पर बातचीत चल रही थी, लेकिन जब हमें सकारात्मक जवाब नहीं मिला और हमारी मांगी गई सीटों की संख्या भी नहीं दी गई। एक राजनीतिक दल के पास क्या विकल्प बचते हैं? इसलिए, हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

क्या महागठबंधन को भुगतना होगा खामियाजा?

मनोज पांडे ने कहा कि हमें महागठबंधन में कम आंका गया है। जबकि पूरे देश ने हमारे नेता और हमारी पार्टी के करिश्मे को देखा है। हमने कैसे फासीवादी ताकतों को झारखंड में चुनाव हराया था। उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हमारी पार्टी का अच्छा-खासा दबदबा है। अगर हम एकजुट रहते, तो भारत गठबंधन और भी प्रभावशाली प्रदर्शन करता, लेकिन हमें नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए, महागठबंधन को इसके परिणाम भुगतने होंगे

UPASI चुनाव में प्रयागराज के डॉ.संतोष सिंह की शानदार जीत.बने कार्यकारिणी सदस्य

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया UPASI के हाल ही में सम्पन्न Executive Committee Election 2025 में प्रयागराज के प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए Executive Committee Member पद पर भारी मतों से जीत दर्ज की राज्यभर में कुल 926 सर्जनों ने इस ऐतिहासिक ई-वोटिंग चुनाव में भाग लिया।डॉ. सिंह को 509 मत प्राप्त हुए जो उन्हें शीर्ष विजेताओं में स्थान दिलाते है।यह पहली बार था जब राज्य के सर्जनों के लिए इस स्तर का चुनाव ऑनलाइन प्रणाली से सम्पन्न हुआ।

इस चुनाव में प्रयागराज गोरखपुर लखनऊ आगरा कानपुर और अन्य शहरों के वरिष्ठ सर्जनों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की डॉ.संतोष सिंह वर्तमान में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज के सर्जरी विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत है। वे अपने उत्कृष्ट सर्जिकल कौशल शिक्षण क्षमता और मरीजों के प्रति समर्पण के लिए चिकित्सा जगत में विशिष्ट पहचान रखते है।साथ ही वे इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त सचिव हैं तथा पूर्व में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA)उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है।

इन पदों पर रहते हुए उन्होंने चिकित्सकों के अधिकारों और प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ.सिंह ने कहा–“यह सफलता मेरे सभी वरिष्ठ सर्जनों के आशीर्वाद सहकर्मियों के विश्वास और विशेष रूप से आदरणीय प्रो. (डॉ.)प्रबल नियोगी सर के प्रेरणादायक मार्गदर्शन का परिणाम है।उन्होंने सदैव हमें सिखाया है कि सर्जरी केवल तकनीक नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम है।डॉ.सिंह ने कहा कि इस नई जिम्मेदारी के माध्यम से वे चिकित्सा सेवा को ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत रहेगे। उन्होंने कहा–मेरा लक्ष्य है कि आधुनिक सर्जिकल सुविधाएँ सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित न रहें। हर मरीज चाहे वह किसी भी आर्थिक वर्ग से हो उसे सम्मानपूर्वक और समय पर इलाज मिले—यही मेरा मिशन है।उन्होंने आगे बताया कि आने वाले समय में स्वास्थ्य शिविरो सर्जिकल जागरूकता अभियानों और युवा डॉक्टरो के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारंभ की जाएगी जिससे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का स्तर और ऊँचा उठ सके।

डॉ.सिंह ने कहा कि UPASI जैसे प्रतिष्ठित संगठन का उद्देश्य केवल तकनीकी प्रशिक्षण देना नही है बल्कि सर्जनों के बीच संवाद सहयोग और ज्ञान-साझाकरण को भी बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों जैसे लैप्रोस्कोपिक लेज़र और रोबोटिक सर्जरी को राज्य के हर हिस्से तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।साथ ही समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को निःशुल्क सर्जरी व परामर्श सुविधा प्रदान करना भी हमारी प्राथमिकता रहेगी।डॉ.सिंह ने सभी सीनियर डॉक्टरो सहकर्मियो विद्यार्थियों और शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा– यह जीत प्रयागराज के सर्जनो और जनता के विश्वास की जीत है।मैं आप सभी का दिल से धन्यवाद करता हूँ और यह भरोसा दिलाता हूँ कि सर्जरी के क्षेत्र में नई ऊर्जा संवेदना और निष्ठा के साथ कार्य करता रहूँगा।

बिहार में खत्म नहीं हो रही सीट शेरिंग का टेंशन, 12 सीटें मांग रही हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम

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बिहार चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन आज से शुरु हो गए है। लेकिन अभी तक जन सुराज को छोड़कर किसी भी दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं है। एनडीए के साथ साथ महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर माथा पच्ची जारी है। इस बीच महागठबंधन में शामिल झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी अपने लिए बड़ी मांग रख दी है। जेएमएम ने ‘इंडिया’ गठबंधन में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।

जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने के मुताबिक हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी है। बिहार में जेएमएम 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जेएमएम तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीट चाहती है।

सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी

जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात चल रही है। सीट बंटवारे को अगले एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। विनोद कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, हमने पिछले दिनों में पटना में हुई एक बैठक के दौरान बिहार में इंडिया गठबंधन के घटकों के नेताओं को अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। हमने अपने पार्टी नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बैठक के नतीजों के बारे में बता दिया है। अब, मुख्यमंत्री सोरेन इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में जेएमएम की ओर से चुनाव लड़ी जाने वाली सीटों पर अंतिम फैसला लेंगे।

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर तय किए उम्मीदवार

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर उम्मीदवार के नाम फाइनल कर दिए हैं। इस बात के संकेत बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी दिए है। राजेश राम का कहना है कि, हमने अपने उम्मीदवारों के सभी विधानसभा क्षेत्र तय कर लिए है। आने वाले समय में सभी लोग इंडिया गठबंधन की चुनावी ताकत और संघर्ष को देखेंगे। सीटों की आधिकारिक घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।

सीट शेयरिंग पर इन फॉर्मूले पर बन सकती है बात

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची जारी है। इस बीच दो फॉर्मूला सामने आए है। इनमें किसी एक पर मुहर लग सकती है। राज्य में विधानसभा की 243 सीटें है। पहले फार्मूले के तहत आरजेडी 138, कांग्रेस 52, वाम दल 35,वीआईपी पार्टी 15, आरएलजेपी 2, जेएमएम को 1 सीटें दी जा सकती हैं। जबकि दूसरे फॉर्मूले के तहत आरजेडी 130, कांग्रेस 55, वाम दल 35, वीआईपी 18, आरएलजेपी 3, जेएमएम को 2 सीटें मिल सकती हैं।

One Nation One Election पर संगोष्ठी – प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को आगे बढ़ाता रांची विश्वविद्यालय का आयोजन

रांची, 8 अक्टूबर 2025:

रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज़ सभागार में आज “One Nation One Election” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, काजीरंगा (असम) लोकसभा सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा, तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर ओरांव उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ।

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विचार भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। बार-बार होने वाले चुनावों से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है बल्कि विकास कार्यों की गति भी रुक जाती है।”

सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा ने अपने संबोधन में कहा कि “यह पहल देश की एकता, स्थिरता और सुशासन की नींव को और मजबूत करेगी। मोदी जी ने जो दृष्टिकोण रखा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए राजनीति में नई दिशा तय करेगा।”

वहीं समीर ओरांव ने कहा कि “वन नेशन वन इलेक्शन से ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक विकास योजनाओं का कार्यान्वयन और तेजी से हो सकेगा। यह पहल राष्ट्र की लोकतांत्रिक एकजुटता का प्रतीक बनेगी।”

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा मोर्चा प्रदेश प्रभारी विनय जायसवाल, महामंत्री श्री रुपेश सिन्हा, उपाध्यक्ष पूजा सिंह, रांची ज़िला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह, कार्यक्रम संयोजक नीरज कुमार, निदेशक मयंक मिश्रा, विनोद पाठक उपस्थित रहे 

इनके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अमन यादव, पवन पासवान, रणधीर दास, अमित दुबे, धर्मेंद्र शुक्ला, धर्मवीर सिंह, सुमन बाखला, राहुल चौबे, धीरज अग्रवाल, निशांत, आनंद, सुनील यादव समेत सैकड़ों युवा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने किया,

विषय परिवेश का प्रस्तुतीकरण महामंत्री रुपेश सिन्हा ने किया,

जबकि कार्यक्रम का समापन संयोजक नीरज कुमार ने किया।

सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विज़न भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक सुधार है, जो न केवल चुनाव प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि देश की आर्थिक और प्रशासनिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगा।”

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।

बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, निर्वाचन आयोग की लिंक पर चेक कर सकते हैं अपना नाम

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चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कई महीनों से जारी एसआईआर प्रक्रिया के बाद फाइनल मतदाता सूची जारी कर दी है। आयोग ने यह जानकारी अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। कोई भी वोटर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के जरिए से वोटर लिस्ट में अपना डिटेल देख सकता है।

14 लाख से अधिक नए मतदाता लिस्ट में

चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद करीब सात करोड़ 30 लाख से अधिक मतदाताओं की फाइनल सूची जारी की गई। खास बात यह है कि इस बार वोटर लिस्ट में करीब 14 लाख से अधिक नए मतदाता भी शामिल हुए। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है। इधर, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा दी है। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवा दी गई।

बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर कर जानकारी दी गयी। पोस्ट में लिखा गया- विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर को अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। कोई भी मतदाता दिए गए लिंक https://voters.eci.gov.in/ के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम का विवरण देख सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया। कोई भी मतदाता इलेक्शन कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वोटर लिस्ट में अपने नाम का डिटेल देख सकता है। बिहार के वोटर ceoelection.bihar.gov.in या voters.eci.gov.in पर जाकर अपना जिला, विधानसभा क्षेत्र और बूथ चुनकर पीडीएफ लिस्ट डाउनलोड कर सकते हैं। या फिर वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप से भी पूरी सूची आसानी से देखी और डाउनलोड की जा सकती है।

बता दें कि बिहार में एसआईआर को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई, बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। सबसे ज्यादा विवाद पहचान पत्र को लेकर रहा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को भी पहचान पत्र के तौर पर मंजूरी दी, तब जाकर मामला थोड़ा ठंडा हुआ। इसके बाद आज फाइनल वोटर लिस्ट जारी की गई।अब इसी के आधार पर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कराए जाएंगे।

Why Do So Many School Students Fail at Choosing the Right Stream and Career?

Choosing the right academic stream in school is one of the most critical decisions that shapes a student’s future career and overall life satisfaction. Yet, a large number of students in India continue to make misguided choices, often driven by peer pressure, parental expectations, or a lack of proper guidance. This results in disengagement, underperformance, and eventual career dissatisfaction. In this article, Dr. Saji Balakrishnan explores why so many students struggle with stream and career decisions, highlighting systemic gaps in schools, the limited role of parents, and the absence of structured career counselling. Drawing on his expertise in scientific psychometric assessments and mentoring, Dr. Saji sheds light on how the right tools and timely guidance can transform this critical decision-making process. The piece aims to empower parents, educators, and policymakers to create a more supportive ecosystem that leads students from confusion to clarity.

The Importance of Stream Selection in Schools

For every school student, especially after Grade 10, one of the most decisive moments is choosing an academic stream—whether it be Science, Commerce, Humanities, or Vocational pathways. This decision often sets the tone for higher education and future careers. Unfortunately, many students in India make this decision without sufficient clarity about their interests, aptitudes, or long-term goals.

According to Dr. Saji, this misalignment between a student’s natural talents and their chosen academic stream is the root cause of later academic struggles and career dissatisfaction.

Why Students Make the Wrong Choices

1. Peer Pressure

Many students follow their friends’ choices, believing it is the “safe” option. If a peer group selects Science, others join in—even if their strengths lie elsewhere.

2. Parental Expectations

Some parents push children toward careers they see as prestigious—medicine, engineering, or commerce—without realizing their child may have different talents.

3. Lack of Structured Guidance in Schools

Most schools lack scientific career counselling frameworks. Teachers, despite good intentions, usually cannot provide personalized, data-driven guidance.

4. Limited Awareness of Career Options

Students rarely know the full spectrum of career possibilities today, leading them to pick traditional streams over new-age fields like AI, design, or digital media.

Systemic Gaps in Career Guidance

Dr. Saji points out that India’s education system still treats career guidance as an afterthought. Unlike developed nations, schools here rarely introduce students to tools that connect personality traits, aptitudes, and aspirations with potential career streams.

This results in misguided decisions, lowering confidence, performance, and future career satisfaction.

Insights from Dr. Saji’s Counselling Journey

Through the Province Academy of Career Education, Dr. Saji has mentored hundreds of confused students.

One example stands out—a Grade 10 student who was initially pressured to choose Commerce, following his father’s footsteps in business. After undergoing a psychometric test using the PACT-LDP Methodology, it was found that while the student had strong analytical and logical reasoning skills (essential for both Commerce and Chartered Accountancy), he also demonstrated high spatial ability, quantitative aptitude, and a strong inclination toward technology and problem-solving in scientific contexts. With the right guidance, he shifted to the Science stream, pursued Engineering, and today he is thriving as an Engineer in a leading multinational tech company.

Such stories highlight how scientific methods and mentoring can redirect a child’s life toward true fulfillment.

Tools That Transform Student Choices

At Province Academy, Dr. Saji has pioneered:

  • PACT-LDP Methodology – A combination of psychometric tools and expert mentoring that reveals natural talents and aligns them with career choices.

  • Career Sub-Domain Identification Test (C-DIT) – A unique test that matches students’ personality traits with specialized domains in engineering and beyond.

These methods bring clarity, confidence, and direction to students and parents alike.

Parents and Educators: The Missing Link

While tools are vital, Dr. Saji emphasizes that parents and educators must also change their approach. Parents should support exploration rather than impose their aspirations, and schools should integrate career education into the curriculum.

Building a Supportive Ecosystem

The solution lies in collaboration—students, parents, schools, and career mentors working together. With timely guidance, students can avoid wrong stream selections and step into careers where they excel and feel fulfilled.

Conclusion

The recurring issue of wrong stream and career choices is not just an individual misstep—it is a systemic problem. Through his work at the Province Academy of Career Education, Dr. Saji Balakrishnan has shown that the solution lies in psychometric tools, structured mentoring, and early intervention.

By empowering students with clarity, he is ensuring that they not only succeed academically but also live meaningful and satisfying lives.

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चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, वोट चोरी को अब राहुल गांधी ने किसे घेरा?

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी वोट चोरी के आरोपों को धार देने में जुटे हुए हैं। गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रोसेस को हाईजैक कर वोटरों के नाम डिलीट किए गए। उन्होंने कहा कि 14 मिनट में 12 वोट डिलीट किए गए। इस गंभीर आरोप के एक दिन बाद शुक्रवार को कांग्रेस सांसद ने एक बार फिर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा।

राहुल गांधी ने दावा किया है कि सुबह चार बजे भी नाम हटाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर कर सरकार और चुनाव आयोग को फिर से कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'सुबह चार बजे उठो, 36 सेकंड में दो वोटर मिटाओ, फिर सो जाओ। ऐसे भी हुई वोट चोरी।' उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा और चोरों को बचाता रहा।

कांग्रेस के वोटों का नाम डिलीट करने का आरोप

इससे पहले उन्होंने गुरुवार को 31 मिनट के प्रजेंटेशन में वोट चोरी के आरोप लगाए और सबूत दिखाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम डिलीट कर रहा है। राहुल गांधी गुरुवार को अपने साथ कर्नाटक के ऐसे वोटर्स भी लेकर आए, जिनके नाम वोटर्स लिस्ट से डिलीट किए गए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और यूपी में यही हो रहा है।

ईसी ने आरोपों को गलत और निराधार बताया

वहीं, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को गलत और निराधार बताया है। आयोग ने कहा कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है।

इलेक्शन कमीशन की वोट चोरी मामले पर राहुल गांधी को दो टूक, कहा- वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं हो सकता

#electioncommissionofindiasaidrahulgandhiallegationsincorrect

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ आज चुनाव आयोग पर वोट डिलीट करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों पर अब चुनाव आयोग की तरफ से बयान सामने आया है। चुनाव आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राहुल के सभी आरोपों को गलत ठहराया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्वीकार किया कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास किए गए थे और मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग ने खुद एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

चुनाव आयोग के अनुसार, कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन तरीके से किसी का भी नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटा सकता। आयोग ने यह भी कहा कि किसी का नाम हटाने से पहले उसे अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। हालांकि, चुनाव आयोग ने ये माना कि 2023 में आलंद विधानसभा क्षेत्र में कुछ लोगों ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश की थी। इस मामले में खुद आयोग ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

प्रोसेस को हाईजैक कर वोटरों का नाम डिलीट करने का आरोप

इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ 100 फीसदी सबूत रखने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि सोच-समझकर कांग्रेस के वोट काटे गए। प्रोसेस को हाईजैक कर वोटरों के नाम डिलीट किए गए। उन्होंने कहा कि 14 मिनट में 12 वोट डिलीट किए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है।

चुनाव आयोग पर राहुल के आरोप

कांग्रेस सांसद ने कहा, कर्नाटक में अलंद एक निर्वाचन क्षेत्र है। किसी ने 6018 वोटों को हटाने की कोशिश की। हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट हटाए गए। ये संख्या 6018 से कहीं ज्यादा है, लेकिन कोई उन वोटों को हटाते हुए पकड़ा गया, और यह संयोग से हुआ। वहां के बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, 'जब उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने हटाया। उसे पता चला कि वोट हटाने वाला एक पड़ोसी था। उसने अपने पड़ोसी से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने कोई वोट नहीं हटाया। न तो वोट हटाने वाले व्यक्ति को और न ही जिसका वोट हटाया गया था, उसे इस बारे में पता था। किसी और ताकत ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट हटा दिया।

ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने कहा कि हर चुनाव में वोटरों के नाम काटे गए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानता है कि इसके पीछे कौन है। राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र के राजुरा में 6850 वोट काटे गए। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार नहीं बता रहे हैं कि इसके पीछे कौन है। राहुल गांधी ने कहा कि ज्ञानेश कुमार उन लोगों को बचा रहे हैं, जो वोट काट रहे हैं।

बिहार में महागठबंधन से अलग हुई जेएमएम, छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया इस वक्त अपने चरम पर है। राज्य में चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को होंगे। पहले फेज में 121 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर थी, जिसके बाद नामांकन पत्रों की जांच और स्क्रूटनी चल रही है, जिसमें कई प्रत्याशियों के नामांकन रद्द भी हुए हैं। वहीं, दूसरे फेज में 122 सीटों के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है। एक तरफ चुनावी प्रकिया आगे बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ महागबंधन की रार थमने का नाम नहीं ले रही है।

जेएमएम ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में तकरार की कई बार खबरें सामने आई हैं। हालांकि कई नेताओं की तरफ से ये दावा किया गया कि सब कुछ ठीक है। पहले दौर की वोटिंग के लिए नामांकन खत्म हो चुका है और अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। यही वजह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जेएमएम कुल 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली है।

बिहार की इन सीटों पर चुनाव लड़ेगा जेएमएम

झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी बिहार में छह सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। भट्टाचार्य ने कहा, पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया है। वह छह विधानसभा सीट चकाई, धमदाहा, कटोरिया (सुरक्षित), मनिहारी (सुरक्षित), जमुई और पीरपैंती (सुरक्षित) पर चुनाव लड़ेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी बिहार में अधिक सीट पर चुनाव लड़ने पर विचार करेगी, भट्टाचार्य ने कहा, हम इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं, सीटों की संख्या बढ़कर 10 हो सकती है।

सकारात्मक जवाब नहीं मिला- मनोज पांडे

वहीं, महागठबंधन से अलग होने पर झामुमो नेता मनोज पांडे ने कहा हर पहलू पर बातचीत चल रही थी, लेकिन जब हमें सकारात्मक जवाब नहीं मिला और हमारी मांगी गई सीटों की संख्या भी नहीं दी गई। एक राजनीतिक दल के पास क्या विकल्प बचते हैं? इसलिए, हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे।

क्या महागठबंधन को भुगतना होगा खामियाजा?

मनोज पांडे ने कहा कि हमें महागठबंधन में कम आंका गया है। जबकि पूरे देश ने हमारे नेता और हमारी पार्टी के करिश्मे को देखा है। हमने कैसे फासीवादी ताकतों को झारखंड में चुनाव हराया था। उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में हमारी पार्टी का अच्छा-खासा दबदबा है। अगर हम एकजुट रहते, तो भारत गठबंधन और भी प्रभावशाली प्रदर्शन करता, लेकिन हमें नजरअंदाज कर दिया गया। इसलिए, महागठबंधन को इसके परिणाम भुगतने होंगे

UPASI चुनाव में प्रयागराज के डॉ.संतोष सिंह की शानदार जीत.बने कार्यकारिणी सदस्य

संजय द्विवेदी, प्रयागराज।उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया UPASI के हाल ही में सम्पन्न Executive Committee Election 2025 में प्रयागराज के प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डॉ. संतोष कुमार सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए Executive Committee Member पद पर भारी मतों से जीत दर्ज की राज्यभर में कुल 926 सर्जनों ने इस ऐतिहासिक ई-वोटिंग चुनाव में भाग लिया।डॉ. सिंह को 509 मत प्राप्त हुए जो उन्हें शीर्ष विजेताओं में स्थान दिलाते है।यह पहली बार था जब राज्य के सर्जनों के लिए इस स्तर का चुनाव ऑनलाइन प्रणाली से सम्पन्न हुआ।

इस चुनाव में प्रयागराज गोरखपुर लखनऊ आगरा कानपुर और अन्य शहरों के वरिष्ठ सर्जनों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की डॉ.संतोष सिंह वर्तमान में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज के सर्जरी विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत है। वे अपने उत्कृष्ट सर्जिकल कौशल शिक्षण क्षमता और मरीजों के प्रति समर्पण के लिए चिकित्सा जगत में विशिष्ट पहचान रखते है।साथ ही वे इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त सचिव हैं तथा पूर्व में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA)उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके है।

इन पदों पर रहते हुए उन्होंने चिकित्सकों के अधिकारों और प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ.सिंह ने कहा–“यह सफलता मेरे सभी वरिष्ठ सर्जनों के आशीर्वाद सहकर्मियों के विश्वास और विशेष रूप से आदरणीय प्रो. (डॉ.)प्रबल नियोगी सर के प्रेरणादायक मार्गदर्शन का परिणाम है।उन्होंने सदैव हमें सिखाया है कि सर्जरी केवल तकनीक नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का माध्यम है।डॉ.सिंह ने कहा कि इस नई जिम्मेदारी के माध्यम से वे चिकित्सा सेवा को ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत रहेगे। उन्होंने कहा–मेरा लक्ष्य है कि आधुनिक सर्जिकल सुविधाएँ सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित न रहें। हर मरीज चाहे वह किसी भी आर्थिक वर्ग से हो उसे सम्मानपूर्वक और समय पर इलाज मिले—यही मेरा मिशन है।उन्होंने आगे बताया कि आने वाले समय में स्वास्थ्य शिविरो सर्जिकल जागरूकता अभियानों और युवा डॉक्टरो के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारंभ की जाएगी जिससे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का स्तर और ऊँचा उठ सके।

डॉ.सिंह ने कहा कि UPASI जैसे प्रतिष्ठित संगठन का उद्देश्य केवल तकनीकी प्रशिक्षण देना नही है बल्कि सर्जनों के बीच संवाद सहयोग और ज्ञान-साझाकरण को भी बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों जैसे लैप्रोस्कोपिक लेज़र और रोबोटिक सर्जरी को राज्य के हर हिस्से तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।साथ ही समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग को निःशुल्क सर्जरी व परामर्श सुविधा प्रदान करना भी हमारी प्राथमिकता रहेगी।डॉ.सिंह ने सभी सीनियर डॉक्टरो सहकर्मियो विद्यार्थियों और शुभचिंतकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा– यह जीत प्रयागराज के सर्जनो और जनता के विश्वास की जीत है।मैं आप सभी का दिल से धन्यवाद करता हूँ और यह भरोसा दिलाता हूँ कि सर्जरी के क्षेत्र में नई ऊर्जा संवेदना और निष्ठा के साथ कार्य करता रहूँगा।

बिहार में खत्म नहीं हो रही सीट शेरिंग का टेंशन, 12 सीटें मांग रही हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम

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बिहार चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन आज से शुरु हो गए है। लेकिन अभी तक जन सुराज को छोड़कर किसी भी दल ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं है। एनडीए के साथ साथ महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग को लेकर माथा पच्ची जारी है। इस बीच महागठबंधन में शामिल झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भी अपने लिए बड़ी मांग रख दी है। जेएमएम ने ‘इंडिया’ गठबंधन में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।

जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने के मुताबिक हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने आरजेडी को 12 सीटों की सूची सौंपी है। बिहार में जेएमएम 12 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जेएमएम तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीट चाहती है।

सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी

जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन के घटकों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात चल रही है। सीट बंटवारे को अगले एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। विनोद कुमार पांडे ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, हमने पिछले दिनों में पटना में हुई एक बैठक के दौरान बिहार में इंडिया गठबंधन के घटकों के नेताओं को अपनी मंशा से अवगत करा दिया था। हमने अपने पार्टी नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बैठक के नतीजों के बारे में बता दिया है। अब, मुख्यमंत्री सोरेन इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद बिहार में जेएमएम की ओर से चुनाव लड़ी जाने वाली सीटों पर अंतिम फैसला लेंगे।

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर तय किए उम्मीदवार

कांग्रेस ने अपने हिस्से की सभी सीटों पर उम्मीदवार के नाम फाइनल कर दिए हैं। इस बात के संकेत बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने भी दिए है। राजेश राम का कहना है कि, हमने अपने उम्मीदवारों के सभी विधानसभा क्षेत्र तय कर लिए है। आने वाले समय में सभी लोग इंडिया गठबंधन की चुनावी ताकत और संघर्ष को देखेंगे। सीटों की आधिकारिक घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।

सीट शेयरिंग पर इन फॉर्मूले पर बन सकती है बात

महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर माथापच्ची जारी है। इस बीच दो फॉर्मूला सामने आए है। इनमें किसी एक पर मुहर लग सकती है। राज्य में विधानसभा की 243 सीटें है। पहले फार्मूले के तहत आरजेडी 138, कांग्रेस 52, वाम दल 35,वीआईपी पार्टी 15, आरएलजेपी 2, जेएमएम को 1 सीटें दी जा सकती हैं। जबकि दूसरे फॉर्मूले के तहत आरजेडी 130, कांग्रेस 55, वाम दल 35, वीआईपी 18, आरएलजेपी 3, जेएमएम को 2 सीटें मिल सकती हैं।

One Nation One Election पर संगोष्ठी – प्रधानमंत्री मोदी के विज़न को आगे बढ़ाता रांची विश्वविद्यालय का आयोजन

रांची, 8 अक्टूबर 2025:

रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज़ सभागार में आज “One Nation One Election” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, काजीरंगा (असम) लोकसभा सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा, तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर ओरांव उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ।

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विचार भारतीय लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। बार-बार होने वाले चुनावों से न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है बल्कि विकास कार्यों की गति भी रुक जाती है।”

सांसद कामाख्या प्रसाद ताशा ने अपने संबोधन में कहा कि “यह पहल देश की एकता, स्थिरता और सुशासन की नींव को और मजबूत करेगी। मोदी जी ने जो दृष्टिकोण रखा है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए राजनीति में नई दिशा तय करेगा।”

वहीं समीर ओरांव ने कहा कि “वन नेशन वन इलेक्शन से ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों तक विकास योजनाओं का कार्यान्वयन और तेजी से हो सकेगा। यह पहल राष्ट्र की लोकतांत्रिक एकजुटता का प्रतीक बनेगी।”

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में युवा मोर्चा प्रदेश प्रभारी विनय जायसवाल, महामंत्री श्री रुपेश सिन्हा, उपाध्यक्ष पूजा सिंह, रांची ज़िला अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह, कार्यक्रम संयोजक नीरज कुमार, निदेशक मयंक मिश्रा, विनोद पाठक उपस्थित रहे 

इनके अतिरिक्त इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अमन यादव, पवन पासवान, रणधीर दास, अमित दुबे, धर्मेंद्र शुक्ला, धर्मवीर सिंह, सुमन बाखला, राहुल चौबे, धीरज अग्रवाल, निशांत, आनंद, सुनील यादव समेत सैकड़ों युवा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन युवा मोर्चा रांची महानगर अध्यक्ष रोमित नारायण सिंह ने किया,

विषय परिवेश का प्रस्तुतीकरण महामंत्री रुपेश सिन्हा ने किया,

जबकि कार्यक्रम का समापन संयोजक नीरज कुमार ने किया।

सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विज़न भारतीय लोकतंत्र के लिए एक निर्णायक सुधार है, जो न केवल चुनाव प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि देश की आर्थिक और प्रशासनिक क्षमता को भी कई गुना बढ़ाएगा।”

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

बजने वाला है बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल, आज शाम 4 बजे तारीखों का होगा ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इंतजार की घड़ियां खत्म होने जा रही हैं। बिहार चुनाव की तारीखों का आज एलान होगा। निर्वाचन आयोग आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान आज

चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस आज शाम 4 बजे होगी। प्रेस रिलीज के अनुसार चुनाव की प्रेस कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में होगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर देगा। इसमें वोटिंग काउंटिंग से लेकर चुनाव संपन्न होने तक की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।

नई व्यवस्था के तहत होंगे चुनाव

इससे पहले रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि निर्वाचन आयोग बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों में 17 नई पहल लागू करने जा रहा है। इनमें से कुछ पहल मतदान प्रक्रिया से पहले, कुछ उसके दौरान और कुछ प्रक्रिया खत्म होने के बाद से संबंधित हैं। कुमार ने कहा, पहली बार 100 फीसदी मतदान केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा लागू की जा रही है।

मतदाताओं की अधिकतम संख्या घटाकर 1200

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में कुल 90 हजार बूथ रहेंगे। इस बार किसी भी बूथ पर 1,200 से ज्यादा वोटरों का नाम नहीं रहेगा। आम तौर पर 1,500 या उससे अधिक मतदाता होने पर लंबी लाइन लग जाती थी। अब इसे रोका जा सकता है।

एक या दो चरणों में होगा चुनाव

जानकारी के मुताबिक, बिहार में इस बार भी चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाने की संभावना है। चुनावी प्रक्रिया में इस बार ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा, आयोग विशेष रूप से मतदान केंद्रों की सुरक्षा, संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती और मतदाता सुविधा केंद्रों की व्यवस्था पर भी चर्चा करेगा।

बिहार में एसआईआर के बाद फाइनल वोटर लिस्ट जारी, निर्वाचन आयोग की लिंक पर चेक कर सकते हैं अपना नाम

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चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कई महीनों से जारी एसआईआर प्रक्रिया के बाद फाइनल मतदाता सूची जारी कर दी है। आयोग ने यह जानकारी अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। कोई भी वोटर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के जरिए से वोटर लिस्ट में अपना डिटेल देख सकता है।

14 लाख से अधिक नए मतदाता लिस्ट में

चुनाव आयोग ने एसआईआर के बाद करीब सात करोड़ 30 लाख से अधिक मतदाताओं की फाइनल सूची जारी की गई। खास बात यह है कि इस बार वोटर लिस्ट में करीब 14 लाख से अधिक नए मतदाता भी शामिल हुए। इनमें अधिकतर ऐसे हैं जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है। इधर, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने के साथ-साथ हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में भौतिक प्रति भी उपलब्ध करवा दी है। सभी राजनीतिक दलों को भी मतदाता सूची प्रारूप की अंतिम सूची उपलब्ध करवा दी गई।

बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से मंगलवार को सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट शेयर कर कर जानकारी दी गयी। पोस्ट में लिखा गया- विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद 30 सितंबर को अंतिम निर्वाचक सूची का प्रकाशन कर दिया गया है। कोई भी मतदाता दिए गए लिंक https://voters.eci.gov.in/ के माध्यम से मतदाता सूची में अपने नाम का विवरण देख सकते हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया। कोई भी मतदाता इलेक्शन कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वोटर लिस्ट में अपने नाम का डिटेल देख सकता है। बिहार के वोटर ceoelection.bihar.gov.in या voters.eci.gov.in पर जाकर अपना जिला, विधानसभा क्षेत्र और बूथ चुनकर पीडीएफ लिस्ट डाउनलोड कर सकते हैं। या फिर वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप से भी पूरी सूची आसानी से देखी और डाउनलोड की जा सकती है।

बता दें कि बिहार में एसआईआर को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई, बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा। सबसे ज्यादा विवाद पहचान पत्र को लेकर रहा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को भी पहचान पत्र के तौर पर मंजूरी दी, तब जाकर मामला थोड़ा ठंडा हुआ। इसके बाद आज फाइनल वोटर लिस्ट जारी की गई।अब इसी के आधार पर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कराए जाएंगे।

Why Do So Many School Students Fail at Choosing the Right Stream and Career?

Choosing the right academic stream in school is one of the most critical decisions that shapes a student’s future career and overall life satisfaction. Yet, a large number of students in India continue to make misguided choices, often driven by peer pressure, parental expectations, or a lack of proper guidance. This results in disengagement, underperformance, and eventual career dissatisfaction. In this article, Dr. Saji Balakrishnan explores why so many students struggle with stream and career decisions, highlighting systemic gaps in schools, the limited role of parents, and the absence of structured career counselling. Drawing on his expertise in scientific psychometric assessments and mentoring, Dr. Saji sheds light on how the right tools and timely guidance can transform this critical decision-making process. The piece aims to empower parents, educators, and policymakers to create a more supportive ecosystem that leads students from confusion to clarity.

The Importance of Stream Selection in Schools

For every school student, especially after Grade 10, one of the most decisive moments is choosing an academic stream—whether it be Science, Commerce, Humanities, or Vocational pathways. This decision often sets the tone for higher education and future careers. Unfortunately, many students in India make this decision without sufficient clarity about their interests, aptitudes, or long-term goals.

According to Dr. Saji, this misalignment between a student’s natural talents and their chosen academic stream is the root cause of later academic struggles and career dissatisfaction.

Why Students Make the Wrong Choices

1. Peer Pressure

Many students follow their friends’ choices, believing it is the “safe” option. If a peer group selects Science, others join in—even if their strengths lie elsewhere.

2. Parental Expectations

Some parents push children toward careers they see as prestigious—medicine, engineering, or commerce—without realizing their child may have different talents.

3. Lack of Structured Guidance in Schools

Most schools lack scientific career counselling frameworks. Teachers, despite good intentions, usually cannot provide personalized, data-driven guidance.

4. Limited Awareness of Career Options

Students rarely know the full spectrum of career possibilities today, leading them to pick traditional streams over new-age fields like AI, design, or digital media.

Systemic Gaps in Career Guidance

Dr. Saji points out that India’s education system still treats career guidance as an afterthought. Unlike developed nations, schools here rarely introduce students to tools that connect personality traits, aptitudes, and aspirations with potential career streams.

This results in misguided decisions, lowering confidence, performance, and future career satisfaction.

Insights from Dr. Saji’s Counselling Journey

Through the Province Academy of Career Education, Dr. Saji has mentored hundreds of confused students.

One example stands out—a Grade 10 student who was initially pressured to choose Commerce, following his father’s footsteps in business. After undergoing a psychometric test using the PACT-LDP Methodology, it was found that while the student had strong analytical and logical reasoning skills (essential for both Commerce and Chartered Accountancy), he also demonstrated high spatial ability, quantitative aptitude, and a strong inclination toward technology and problem-solving in scientific contexts. With the right guidance, he shifted to the Science stream, pursued Engineering, and today he is thriving as an Engineer in a leading multinational tech company.

Such stories highlight how scientific methods and mentoring can redirect a child’s life toward true fulfillment.

Tools That Transform Student Choices

At Province Academy, Dr. Saji has pioneered:

  • PACT-LDP Methodology – A combination of psychometric tools and expert mentoring that reveals natural talents and aligns them with career choices.

  • Career Sub-Domain Identification Test (C-DIT) – A unique test that matches students’ personality traits with specialized domains in engineering and beyond.

These methods bring clarity, confidence, and direction to students and parents alike.

Parents and Educators: The Missing Link

While tools are vital, Dr. Saji emphasizes that parents and educators must also change their approach. Parents should support exploration rather than impose their aspirations, and schools should integrate career education into the curriculum.

Building a Supportive Ecosystem

The solution lies in collaboration—students, parents, schools, and career mentors working together. With timely guidance, students can avoid wrong stream selections and step into careers where they excel and feel fulfilled.

Conclusion

The recurring issue of wrong stream and career choices is not just an individual misstep—it is a systemic problem. Through his work at the Province Academy of Career Education, Dr. Saji Balakrishnan has shown that the solution lies in psychometric tools, structured mentoring, and early intervention.

By empowering students with clarity, he is ensuring that they not only succeed academically but also live meaningful and satisfying lives.

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चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा, वोट चोरी को अब राहुल गांधी ने किसे घेरा?

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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी वोट चोरी के आरोपों को धार देने में जुटे हुए हैं। गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रोसेस को हाईजैक कर वोटरों के नाम डिलीट किए गए। उन्होंने कहा कि 14 मिनट में 12 वोट डिलीट किए गए। इस गंभीर आरोप के एक दिन बाद शुक्रवार को कांग्रेस सांसद ने एक बार फिर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा।

राहुल गांधी ने दावा किया है कि सुबह चार बजे भी नाम हटाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किए गए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर कर सरकार और चुनाव आयोग को फिर से कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'सुबह चार बजे उठो, 36 सेकंड में दो वोटर मिटाओ, फिर सो जाओ। ऐसे भी हुई वोट चोरी।' उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव का चौकीदार जागता रहा, चोरी देखता रहा और चोरों को बचाता रहा।

कांग्रेस के वोटों का नाम डिलीट करने का आरोप

इससे पहले उन्होंने गुरुवार को 31 मिनट के प्रजेंटेशन में वोट चोरी के आरोप लगाए और सबूत दिखाने का दावा किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना रहा है और उनके नाम डिलीट कर रहा है। राहुल गांधी गुरुवार को अपने साथ कर्नाटक के ऐसे वोटर्स भी लेकर आए, जिनके नाम वोटर्स लिस्ट से डिलीट किए गए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और यूपी में यही हो रहा है।

ईसी ने आरोपों को गलत और निराधार बताया

वहीं, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को गलत और निराधार बताया है। आयोग ने कहा कि कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का वोट डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है।

इलेक्शन कमीशन की वोट चोरी मामले पर राहुल गांधी को दो टूक, कहा- वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं हो सकता

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ आज चुनाव आयोग पर वोट डिलीट करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों पर अब चुनाव आयोग की तरफ से बयान सामने आया है। चुनाव आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राहुल के सभी आरोपों को गलत ठहराया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्वीकार किया कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास किए गए थे और मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग ने खुद एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

चुनाव आयोग के अनुसार, कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन तरीके से किसी का भी नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटा सकता। आयोग ने यह भी कहा कि किसी का नाम हटाने से पहले उसे अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। हालांकि, चुनाव आयोग ने ये माना कि 2023 में आलंद विधानसभा क्षेत्र में कुछ लोगों ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश की थी। इस मामले में खुद आयोग ने एफआईआर दर्ज कराई थी।

प्रोसेस को हाईजैक कर वोटरों का नाम डिलीट करने का आरोप

इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ 100 फीसदी सबूत रखने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि सोच-समझकर कांग्रेस के वोट काटे गए। प्रोसेस को हाईजैक कर वोटरों के नाम डिलीट किए गए। उन्होंने कहा कि 14 मिनट में 12 वोट डिलीट किए गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वोटरों को निशाना बनाया जा रहा है।

चुनाव आयोग पर राहुल के आरोप

कांग्रेस सांसद ने कहा, कर्नाटक में अलंद एक निर्वाचन क्षेत्र है। किसी ने 6018 वोटों को हटाने की कोशिश की। हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में अलंद में कुल कितने वोट हटाए गए। ये संख्या 6018 से कहीं ज्यादा है, लेकिन कोई उन वोटों को हटाते हुए पकड़ा गया, और यह संयोग से हुआ। वहां के बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, 'जब उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने हटाया। उसे पता चला कि वोट हटाने वाला एक पड़ोसी था। उसने अपने पड़ोसी से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि मैंने कोई वोट नहीं हटाया। न तो वोट हटाने वाले व्यक्ति को और न ही जिसका वोट हटाया गया था, उसे इस बारे में पता था। किसी और ताकत ने इस प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया और वोट हटा दिया।

ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को बचा रहे-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता ने कहा कि हर चुनाव में वोटरों के नाम काटे गए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानता है कि इसके पीछे कौन है। राहुल ने कहा कि महाराष्ट्र के राजुरा में 6850 वोट काटे गए। उन्होंने कहा कि ज्ञानेश कुमार नहीं बता रहे हैं कि इसके पीछे कौन है। राहुल गांधी ने कहा कि ज्ञानेश कुमार उन लोगों को बचा रहे हैं, जो वोट काट रहे हैं।