चुनाव आयोग की बड़ी तैयारी, देशभर में SIR शुरू करने को लेकर बुलाई अहम बैठक

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बिहार के बाद अब चुनाव आयोग मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रही है। इन्हीं तैयारियों पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग राज्यों के अपने अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहा है। बैठक की अगुवाई मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया। बैठक में आयोग के वरिष्ठ अधिकारी एसआईआर नीति पर प्रस्तुति दी। वहीं बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसआईआर लागू करने में राज्य के अनुभव साझा किया।

इस साल होने वाले चुनावों से पहले शुरू होगी एसआईआर

आयोग ने कहा है कि बिहार के बाद, एसआईआर पूरे देश में लागू किया जाएगा। ऐसे संकेत हैं कि यह प्रक्रिया इस साल के अंत में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हो जाएगी। इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है।

क्या है एसआआर का उद्देश्य

इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है। बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध विदेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस गहन समीक्षा के तहत चुनाव अधिकारी त्रुटिरहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। विपक्षी दलों की ओर से भाजपा की मदद के लिए चुनाव आयोग पर मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी करने के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने गहन संशोधन में अतिरिक्त कदम उठाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध प्रवासी मतदाता सूची में शामिल न हों।

सीपी राधाकृष्णन बने देश के अगले उपराष्ट्रपति, चुनाव में 15 वोट इनवैलिड, जानें मतदान का पूरा गणित

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भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को चुनाव हुआ। इस चुनाव एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी बी सुदर्शन रेड्डी को शिकस्त दी। सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। एनडीए ने दो-तिहाई वोट हासिल कर जीत दर्ज की।

मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में 767 सांसदों ने वोट डाले, जिसमें से 15 वोट अमान्य घोषित कर दिया है। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार, कुल 781 सांसद इस चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा थे। इनमें से 767 सांसदों ने मतदान किया। 14 सांसदों ने मतदान से परहेज किया, इसमें बीजू जनता दल (7 सांसद), भारत राष्ट्र समिति (4 सांसद), शिरोमणि अकाली दल (1 सांसद) और पंजाब के दो निर्दलीय सांसद शामिल थे।

बीजेपी का दावा है कि 14 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति चुनाव में महाराष्ट्र और झारखंड के राजनीतिक दलों के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग में भी हिस्सा लिया। दरअसल, सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले झारखंड के राज्यपाल थे। इस आधार पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने दोनों राज्यों के राजनीतिक दलों को एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग डालने का आग्रह किया। राजस्थान के भी कुछ सांसदों के क्रॉस वोटिंग में शामिल होने की संभावना है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, पीएम मोदी ने डाला वोट, जानें क्या कहता है वोटों का गणित?

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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करने संसद भवन पहुंचे। इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से है। मतगणना शाम में होगी।

इस चुनाव में सत्तापक्ष यानी एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन हैं तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी हैं। इन दोनों के बीच में ही टक्कर है और जो जीतेगा उसे उपराष्ट्रपति की गद्दी पर बैठाया जाएगा। चुनाव से पहले जानते हैं वोटों का गणित।

जीत के लिए कुल 386 वोटों की जरूरत

लोकसभा में सांसदों की संख्या 542 है जबकि राज्यसभा में 239 सांसद हैं। दोनों सदनों को मिलाकर कुल वोट करने वाले सांसदों की संख्या 781 होती है। कुल सांसदों के हिसाब से जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को कुल 391 वोटों की जरूरत पड़ेगी। इसी बीच नवीन पटनायक की बीजेडी, चंद्रशेखर राव की बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से अलग रहने की घोषणा कर दी है, जिससे अब जीत के आंकड़ें में थोड़ा फेरबदल होगा। नवीन पटनायक की बीजेडी, शिरोमणि अकाली दल और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बीआरएस को हटा दें तो वोट करने वाले बचे कुल सांसदों की संख्या 770 पर आ जाती है। इन दोनों ने खुद को चुनाव से बाहर रखने का फैसला किया है। इस हिसाब से एक उम्मीदवार को जीत के लिए 386 वोट चाहिए।

एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 425

एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 425 है। इसके अलावा जगन रेड्डी के दल का समर्थन (11 सांसद) भी जोड़ लेते हैं तो यह संख्या 436 पहुंच जाती है। दूसरी ओर इंडिया ब्लॉक के पास सांसदों की संख्या 324 है। यानी दोनों के बीच कुल 112 वोटों का अंतर है। यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि फिलहाल निर्दलीय और स्वाति मालीवाल, गिरधारी लाल यादव जैसे अपने दल से अलग थलग सांसदों को मिलाकर 10 ऐसे हैं जिनका वोट किस तरफ जाएगा या वो वोट करेंगे या नहीं करेंगे ये साफ नहीं है। कुल मिलाकर आकंड़ों के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार की जीत महज औपचारिकता ही दिखती है।

राधाकृष्णन या सुदर्शन...कौन बनेगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? जानें एनडीए और इंडिया में किसका पड़ला भारी

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उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए कल यानी 9 सितंबर को वोटिंग होनी है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। नतीजा भी देर शाम तक सामने आ जाएगा। एनडीए ने मैदान में सी पी राधाकृष्णन को उतारा है तो इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों जीत का दावा कर रहे हैं।

जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जीत सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं। इस लिहाज से एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के पास सांसदों की संख्या ज्यादा है और 'इंडिया' ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी उनसे पिछड़ सकते हैं। दरअसल, लोकसभा और राज्यसभा में कुल मिलाकर 781 सदस्य हैं। इसमें एनडीए को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 439 है और इंडिया गठबंधन को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 327 है। हालांकि, जीत का अंतर पिछले चुनावों जितना बड़ा होना मुश्किल लग रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं। इसमें राज्यसभा के मनोनीत सांसद भी वोट डालते हैं। इसके लिए व्हिप जारी नहीं होता और गुप्त मतदान होता है। यानी सांसद अपनी मर्जी के हिसाब से वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, मोटे तौर पर पार्टी लाइन के हिसाब से ही वोट डाले जाते हैं। हालांकि, पहले के चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती आई है और इस बार भी इसकी संभावना है।

बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया था। वराहगिरि वेंकट गिरि और रामास्वामी वेंकटरमन के बाद धनखड़ मध्यावधि में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इतिहास में यह पहली बार है कि दोनों प्रमुख उम्मीदवार दक्षिणी राज्यों से हैं, क्योंकि राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं।

अक्टूबर में होगी बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा, जानें संभावित तारीख

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। हालांकि, अब तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में विधानसभा चुनाव छठ पूजा के बाद हो सकते हैं। साथ ही माना जा रहा है कि बिहार में इस बार दो या तीन चरणों में मतदान कराया जाएगा।

22 नवंबर तक पूरी हो सकती है चुनावी प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद चुनाव की घोषणा होगी। पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर की तय समय-सीमा से पहले ही पूरी कर ली जाएगी। कहा जा रहा है कि नवंबर में दो या तीन चरणों में बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो सकती है। सूत्रों की मानें तो 15 से 20 नवंबर के बीच मतगणना भी संभव है।

30 सितंबर को जारी हो सकती है वोटर लिस्ट

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटर लिस्ट 30 सितंबर को जारी की जा सकती है। वोटर लिस्ट जारी होने के बाद भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। अगर अक्टूबर के पहले हफ़्ते में चुनाव का ऐलान होता है तो 30 दिनों के बाद ही चुनाव कराया जा सकता है। छठ 26 और 27 अक्टूबर को है। तो ऐसे में मना जा रहा है कि नवंबर के पहले हफ्ते में पहले चरण का चुनाव हो सकता है।

पिछली बार कब हुआ था चुनाव?

बिहार में पिछली बार यानी कि साल 2020 में 243 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हुए थे। पहले चरण में 71 सीटों के लिए चुनाव 28 अक्तूबर, 94 सीटों पर दूसरे चरण का चुनाव 3 नवंबर, बची हुईं 78 सीटों पर तीसरे चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ था। वोंटों की गिनती 10 नवंबर को शुरू हुई थी। 2020 चुनाव में बीजेपी, 74 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर रही थी। इसे 43 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने 19 सीटें जीती। सभी वाम दलों ने कुल 16 सीटें जीती थी। सबसे ज्‍यादा भाकपा माले ने 12 सीटें जीती थीं।

झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ठोकी ताल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द होगी बात

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बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी ताल ठोक दी है। जेएमएम बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झामुमो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगी। पार्टी ने अपनी इच्छा महागठबंधन के घटक दलों को बता दी है। यह जानकारी झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बिहार में विधानसभावार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झारखंड में झामुमो कांग्रेस, राजद और माले के साथ गठबंधन में है। अब इन दलों के नेतृत्व को अंतिम फैसला करना है। भट्टाचार्य ने कहा कि औपचारिक घोषणा होने पर तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन यह तय है कि झामुमो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत में सहयोग करेगी।

जेएमएम ने 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा

बताया जा रहा है कि झामुमो ने इस बार बिहार में सक्रिय दावेदारी पेश करते हुए 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में अपने बिहार प्रवास के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी भाग लिया था। सीएम हेमंत सोरेन के पटना प्रवास के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने झामुमो की तैयारी और 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा।

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति!

झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में हमारी हिस्सेदारी तय हो गई है। हमारी राजनीतिक क्षमता के अनुसार मान-सम्मान मिलेगा. हमने 12 सीटों की सूची सौंपी है, जिनमें से 8 पर हमारा मजबूत जनाधार है। सीट शेयरिंग पर सकारात्मक बातें हुई हैं, अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी है।

जेएमएम को मिल सकेंगी इतनी सीटें

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में पहले से मौजूद राजद और कांग्रेस जैसे मजबूत घटक दल अपने हिस्से की सीटें कम नहीं करेंगे। ऐसे में झामुमो को एक या दो से अधिक सीटें मिलना मुश्किल माना जा रहा है। पिछले चुनाव में तो झामुमो को गठबंधन में एक भी सीट नहीं दी गई थी। वजह यह बताई गई थी कि झामुमो का बिहार में मजबूत संगठन और वोट बैंक मौजूद नहीं है।

दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे संभालेंगे पिता की राजनीतिक विरासत, सोमेश सोरेन लड़ेंगे घाटशिला उपचुनाव

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झारखंड के पूर्व शिक्षा एवं निबंधन मंत्री स्व. रामदास सोरेन के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अब उनके बेटे सोमेश सोरेन संभालेंगे। झामुमो के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन घाटशिला विधानसभा से उपचुनाव लड़ेंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी ने सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा कर दी है, जिसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी दी गई है।

उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया

दिवगंत विधायक एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र सोमेश सोरेन मंगलवार को सक्रिय रूप से राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निकले। जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित आवास में पिता स्वर्गीय रामदास सोरेन की तस्वीर को नमन और माता का चरण स्पर्श कर पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन ने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया।

सोशल मीडिया पर शोयर किया पोस्ट

रामदास सोरेन की तस्वीर पर नमन कर सोमेश ने अपने सोशल मीडिया पेज पर संवाद साझा किया। लिखा- पिताजी का आशीर्वाद लेकर मैं घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की ओर प्रस्थान कर रहा हूं। विधानसभा के स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना ही मेरा प्रमुख उद्देश्य है।

पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प

सोमेश चंद्र सोरेन ने कहा कि वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ायेंगे और घाटशिला की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षा, विकास और समाज सेवा उनकी प्राथमिकता होगी तथा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।

रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई सीट

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे रामदास सोरेन का 15 अगस्त 2025 को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद घाटशिला विधानसभा की राजनीति में हलचल बढ़ गयी है। घाटशिला विधानसभा सीट के उप चुनाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। मंगलवार को निर्वाचक सूची का प्रकाशन भी कर दिया गया।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, एकजुट हुआ विपक्ष

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कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के बाद चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लग रहे हैं। राहुल गांधी की तरफ से बीते दिनों एक प्रेजेंटेशन भी दी गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल देखने को मिला था। कांग्रेस के आरोपों के बाद चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की गई थी। इसमें आयोग ने अपना पक्ष रखा था और विपक्षी दलों को चेतावनी दी थी कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति न करें। अब विपक्ष ने चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया ब्लॉक की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लोन की बात कही है। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दफ्तर में विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया।

इंडिया गठबंधन की नारजगी की वजह

इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान तमाम राजनीतिक दल मुख्य चुनाव आयुक्त से नाखुश नजर आ रहे हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह बीते दिन चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस को माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों को सीधी चेतावनी दी थी कि गड़बड़ियों को लेकर सबूत देना होगा और 1 हफ्ते के भीतर हलफनामा भी दाखिल करना होगा।

संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया- गौरव गोगोई

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त ने भाजपा से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया है।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इससे पहले चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर वोट चोरी के आरोपों पर सफाई दी थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना था कि आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर दल का जन्म चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन से होता है। सीईसी का कहना था कि चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं। चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की चुनौती, कहा-लिखित में प्रमाणित करें, शुक्रवार 3 बजे तक मांगा जवाब

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र के चुनाव का डेटा दिखाकर आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है और 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए। कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया। राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उन्हें पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इस पत्र में उनसे कहा गया है कि वह निर्वाचन नियमों के तहत शपथपत्र भरकर उन मतदाताओं के नाम दें, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है।

कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र भेजा है। ये पत्र सीईओ कर्नाटक के साथ मीटिंग और राहुल गांधी की आज की प्रेसवार्ता को लेकर है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलने और ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा गया था। 8 अगस्त 2025 को दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच का समय निश्चित किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि मतदाता सूचियाँ पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के मुताबिक इसे तैयार किया जाता है। चुनाव आयोग का कहना है कि नवीनतम मतदाता सूचियाँ कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तैयार की जाती हैं।

राहुल ने लगाया 'वोट की चोरी' का आरोप

राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि लाखों ऐसे नाम जोड़े गए हैं, जो अयोग्य हैं और वहीं लाखों योग्य मतदाताओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं। राहुल ने इसे 'वोट की चोरी' बताया और कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता अब सवालों के घेरे में है।

राहुल गांधी ने कहा- चुनाव आयोग क्राइम में हिस्सेदार

राहुल ने कहा है कि मैं ये सब पब्लिकली कह रहा हूं और ये डेटा हमारा नहीं चुनाव आयोग का है। उन्होंने ये नहीं कहा कि ये वोटर लिस्ट गलत है। राहुल गांधी ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग डिजिटल डेटा नहीं देता है, इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं देता है, सीसीटीवी नहीं देता है तो वो क्राइम में हिस्सेदार हैं।

चुनाव आयोग की बड़ी तैयारी, देशभर में SIR शुरू करने को लेकर बुलाई अहम बैठक

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बिहार के बाद अब चुनाव आयोग मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रही है। इन्हीं तैयारियों पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग राज्यों के अपने अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहा है। बैठक की अगुवाई मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया। बैठक में आयोग के वरिष्ठ अधिकारी एसआईआर नीति पर प्रस्तुति दी। वहीं बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसआईआर लागू करने में राज्य के अनुभव साझा किया।

इस साल होने वाले चुनावों से पहले शुरू होगी एसआईआर

आयोग ने कहा है कि बिहार के बाद, एसआईआर पूरे देश में लागू किया जाएगा। ऐसे संकेत हैं कि यह प्रक्रिया इस साल के अंत में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हो जाएगी। इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है।

क्या है एसआआर का उद्देश्य

इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है। बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध विदेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस गहन समीक्षा के तहत चुनाव अधिकारी त्रुटिरहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। विपक्षी दलों की ओर से भाजपा की मदद के लिए चुनाव आयोग पर मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी करने के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने गहन संशोधन में अतिरिक्त कदम उठाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध प्रवासी मतदाता सूची में शामिल न हों।

सीपी राधाकृष्णन बने देश के अगले उपराष्ट्रपति, चुनाव में 15 वोट इनवैलिड, जानें मतदान का पूरा गणित

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भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को चुनाव हुआ। इस चुनाव एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी बी सुदर्शन रेड्डी को शिकस्त दी। सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। एनडीए ने दो-तिहाई वोट हासिल कर जीत दर्ज की।

मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में 767 सांसदों ने वोट डाले, जिसमें से 15 वोट अमान्य घोषित कर दिया है। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार, कुल 781 सांसद इस चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा थे। इनमें से 767 सांसदों ने मतदान किया। 14 सांसदों ने मतदान से परहेज किया, इसमें बीजू जनता दल (7 सांसद), भारत राष्ट्र समिति (4 सांसद), शिरोमणि अकाली दल (1 सांसद) और पंजाब के दो निर्दलीय सांसद शामिल थे।

बीजेपी का दावा है कि 14 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति चुनाव में महाराष्ट्र और झारखंड के राजनीतिक दलों के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग में भी हिस्सा लिया। दरअसल, सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इससे पहले झारखंड के राज्यपाल थे। इस आधार पर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व ने दोनों राज्यों के राजनीतिक दलों को एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग डालने का आग्रह किया। राजस्थान के भी कुछ सांसदों के क्रॉस वोटिंग में शामिल होने की संभावना है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, पीएम मोदी ने डाला वोट, जानें क्या कहता है वोटों का गणित?

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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करने संसद भवन पहुंचे। इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से है। मतगणना शाम में होगी।

इस चुनाव में सत्तापक्ष यानी एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन हैं तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी हैं। इन दोनों के बीच में ही टक्कर है और जो जीतेगा उसे उपराष्ट्रपति की गद्दी पर बैठाया जाएगा। चुनाव से पहले जानते हैं वोटों का गणित।

जीत के लिए कुल 386 वोटों की जरूरत

लोकसभा में सांसदों की संख्या 542 है जबकि राज्यसभा में 239 सांसद हैं। दोनों सदनों को मिलाकर कुल वोट करने वाले सांसदों की संख्या 781 होती है। कुल सांसदों के हिसाब से जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को कुल 391 वोटों की जरूरत पड़ेगी। इसी बीच नवीन पटनायक की बीजेडी, चंद्रशेखर राव की बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से अलग रहने की घोषणा कर दी है, जिससे अब जीत के आंकड़ें में थोड़ा फेरबदल होगा। नवीन पटनायक की बीजेडी, शिरोमणि अकाली दल और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बीआरएस को हटा दें तो वोट करने वाले बचे कुल सांसदों की संख्या 770 पर आ जाती है। इन दोनों ने खुद को चुनाव से बाहर रखने का फैसला किया है। इस हिसाब से एक उम्मीदवार को जीत के लिए 386 वोट चाहिए।

एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 425

एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 425 है। इसके अलावा जगन रेड्डी के दल का समर्थन (11 सांसद) भी जोड़ लेते हैं तो यह संख्या 436 पहुंच जाती है। दूसरी ओर इंडिया ब्लॉक के पास सांसदों की संख्या 324 है। यानी दोनों के बीच कुल 112 वोटों का अंतर है। यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि फिलहाल निर्दलीय और स्वाति मालीवाल, गिरधारी लाल यादव जैसे अपने दल से अलग थलग सांसदों को मिलाकर 10 ऐसे हैं जिनका वोट किस तरफ जाएगा या वो वोट करेंगे या नहीं करेंगे ये साफ नहीं है। कुल मिलाकर आकंड़ों के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार की जीत महज औपचारिकता ही दिखती है।

राधाकृष्णन या सुदर्शन...कौन बनेगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? जानें एनडीए और इंडिया में किसका पड़ला भारी

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उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए कल यानी 9 सितंबर को वोटिंग होनी है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। नतीजा भी देर शाम तक सामने आ जाएगा। एनडीए ने मैदान में सी पी राधाकृष्णन को उतारा है तो इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों जीत का दावा कर रहे हैं।

जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जीत सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं। इस लिहाज से एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के पास सांसदों की संख्या ज्यादा है और 'इंडिया' ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी उनसे पिछड़ सकते हैं। दरअसल, लोकसभा और राज्यसभा में कुल मिलाकर 781 सदस्य हैं। इसमें एनडीए को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 439 है और इंडिया गठबंधन को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 327 है। हालांकि, जीत का अंतर पिछले चुनावों जितना बड़ा होना मुश्किल लग रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं। इसमें राज्यसभा के मनोनीत सांसद भी वोट डालते हैं। इसके लिए व्हिप जारी नहीं होता और गुप्त मतदान होता है। यानी सांसद अपनी मर्जी के हिसाब से वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, मोटे तौर पर पार्टी लाइन के हिसाब से ही वोट डाले जाते हैं। हालांकि, पहले के चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती आई है और इस बार भी इसकी संभावना है।

बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया था। वराहगिरि वेंकट गिरि और रामास्वामी वेंकटरमन के बाद धनखड़ मध्यावधि में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इतिहास में यह पहली बार है कि दोनों प्रमुख उम्मीदवार दक्षिणी राज्यों से हैं, क्योंकि राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं।

अक्टूबर में होगी बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा, जानें संभावित तारीख

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। हालांकि, अब तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में विधानसभा चुनाव छठ पूजा के बाद हो सकते हैं। साथ ही माना जा रहा है कि बिहार में इस बार दो या तीन चरणों में मतदान कराया जाएगा।

22 नवंबर तक पूरी हो सकती है चुनावी प्रक्रिया

सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। दुर्गा पूजा और दशहरा के बाद चुनाव की घोषणा होगी। पूरी चुनावी प्रक्रिया 22 नवंबर की तय समय-सीमा से पहले ही पूरी कर ली जाएगी। कहा जा रहा है कि नवंबर में दो या तीन चरणों में बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो सकती है। सूत्रों की मानें तो 15 से 20 नवंबर के बीच मतगणना भी संभव है।

30 सितंबर को जारी हो सकती है वोटर लिस्ट

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटर लिस्ट 30 सितंबर को जारी की जा सकती है। वोटर लिस्ट जारी होने के बाद भी चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। अगर अक्टूबर के पहले हफ़्ते में चुनाव का ऐलान होता है तो 30 दिनों के बाद ही चुनाव कराया जा सकता है। छठ 26 और 27 अक्टूबर को है। तो ऐसे में मना जा रहा है कि नवंबर के पहले हफ्ते में पहले चरण का चुनाव हो सकता है।

पिछली बार कब हुआ था चुनाव?

बिहार में पिछली बार यानी कि साल 2020 में 243 सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हुए थे। पहले चरण में 71 सीटों के लिए चुनाव 28 अक्तूबर, 94 सीटों पर दूसरे चरण का चुनाव 3 नवंबर, बची हुईं 78 सीटों पर तीसरे चरण का चुनाव 7 नवंबर को हुआ था। वोंटों की गिनती 10 नवंबर को शुरू हुई थी। 2020 चुनाव में बीजेपी, 74 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू तीसरे नंबर पर रही थी। इसे 43 सीटें मिली थीं। कांग्रेस ने 19 सीटें जीती। सभी वाम दलों ने कुल 16 सीटें जीती थी। सबसे ज्‍यादा भाकपा माले ने 12 सीटें जीती थीं।

झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ठोकी ताल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द होगी बात

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बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी ताल ठोक दी है। जेएमएम बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झामुमो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगी। पार्टी ने अपनी इच्छा महागठबंधन के घटक दलों को बता दी है। यह जानकारी झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बिहार में विधानसभावार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झारखंड में झामुमो कांग्रेस, राजद और माले के साथ गठबंधन में है। अब इन दलों के नेतृत्व को अंतिम फैसला करना है। भट्टाचार्य ने कहा कि औपचारिक घोषणा होने पर तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन यह तय है कि झामुमो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत में सहयोग करेगी।

जेएमएम ने 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा

बताया जा रहा है कि झामुमो ने इस बार बिहार में सक्रिय दावेदारी पेश करते हुए 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में अपने बिहार प्रवास के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी भाग लिया था। सीएम हेमंत सोरेन के पटना प्रवास के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने झामुमो की तैयारी और 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा।

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति!

झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में हमारी हिस्सेदारी तय हो गई है। हमारी राजनीतिक क्षमता के अनुसार मान-सम्मान मिलेगा. हमने 12 सीटों की सूची सौंपी है, जिनमें से 8 पर हमारा मजबूत जनाधार है। सीट शेयरिंग पर सकारात्मक बातें हुई हैं, अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी है।

जेएमएम को मिल सकेंगी इतनी सीटें

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में पहले से मौजूद राजद और कांग्रेस जैसे मजबूत घटक दल अपने हिस्से की सीटें कम नहीं करेंगे। ऐसे में झामुमो को एक या दो से अधिक सीटें मिलना मुश्किल माना जा रहा है। पिछले चुनाव में तो झामुमो को गठबंधन में एक भी सीट नहीं दी गई थी। वजह यह बताई गई थी कि झामुमो का बिहार में मजबूत संगठन और वोट बैंक मौजूद नहीं है।

दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे संभालेंगे पिता की राजनीतिक विरासत, सोमेश सोरेन लड़ेंगे घाटशिला उपचुनाव

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झारखंड के पूर्व शिक्षा एवं निबंधन मंत्री स्व. रामदास सोरेन के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत अब उनके बेटे सोमेश सोरेन संभालेंगे। झामुमो के दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे सोमेश सोरेन घाटशिला विधानसभा से उपचुनाव लड़ेंगे। घाटशिला विधानसभा कमेटी ने सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा कर दी है, जिसकी जानकारी प्रदेश आलाकमान को भी दी गई है।

उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया

दिवगंत विधायक एवं राज्य सरकार के पूर्व मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद उनके बड़े पुत्र सोमेश सोरेन मंगलवार को सक्रिय रूप से राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए निकले। जमशेदपुर के घोड़ाबांधा स्थित आवास में पिता स्वर्गीय रामदास सोरेन की तस्वीर को नमन और माता का चरण स्पर्श कर पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन ने घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में अपनी दावेदारी का ऐलान किया।

सोशल मीडिया पर शोयर किया पोस्ट

रामदास सोरेन की तस्वीर पर नमन कर सोमेश ने अपने सोशल मीडिया पेज पर संवाद साझा किया। लिखा- पिताजी का आशीर्वाद लेकर मैं घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की ओर प्रस्थान कर रहा हूं। विधानसभा के स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना ही मेरा प्रमुख उद्देश्य है।

पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प

सोमेश चंद्र सोरेन ने कहा कि वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ायेंगे और घाटशिला की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षा, विकास और समाज सेवा उनकी प्राथमिकता होगी तथा क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे।

रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई सीट

बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और तीन बार विधायक रहे रामदास सोरेन का 15 अगस्त 2025 को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद घाटशिला विधानसभा की राजनीति में हलचल बढ़ गयी है। घाटशिला विधानसभा सीट के उप चुनाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। मंगलवार को निर्वाचक सूची का प्रकाशन भी कर दिया गया।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी, एकजुट हुआ विपक्ष

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कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। बिहार में वोटर लिस्ट की गहन जांच के बाद चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लग रहे हैं। राहुल गांधी की तरफ से बीते दिनों एक प्रेजेंटेशन भी दी गई थी, जिसके बाद जमकर बवाल देखने को मिला था। कांग्रेस के आरोपों के बाद चुनाव आयोग की तरफ से रविवार को प्रेस कांफ्रेंस की गई थी। इसमें आयोग ने अपना पक्ष रखा था और विपक्षी दलों को चेतावनी दी थी कि उनके कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति न करें। अब विपक्ष ने चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी में है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया ब्लॉक की बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लोन की बात कही है। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दफ्तर में विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया।

इंडिया गठबंधन की नारजगी की वजह

इंडिया गठबंधन की बैठक के दौरान तमाम राजनीतिक दल मुख्य चुनाव आयुक्त से नाखुश नजर आ रहे हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह बीते दिन चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस को माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों को सीधी चेतावनी दी थी कि गड़बड़ियों को लेकर सबूत देना होगा और 1 हफ्ते के भीतर हलफनामा भी दाखिल करना होगा।

संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया- गौरव गोगोई

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा, मुख्य चुनाव आयुक्त ने भाजपा से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमजोर किया गया है।

चुनाव आयोग ने क्या कहा?

इससे पहले चुनाव आयोग ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर वोट चोरी के आरोपों पर सफाई दी थी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का कहना था कि आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, क्योंकि हर दल का जन्म चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन से होता है। सीईसी का कहना था कि चुनाव आयोग के लिए, कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समकक्ष हैं। चाहे किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी हो, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग की चुनौती, कहा-लिखित में प्रमाणित करें, शुक्रवार 3 बजे तक मांगा जवाब

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र के चुनाव का डेटा दिखाकर आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा चुनाव में धांधली हुई है और 40 लाख वोट रहस्यमयी तरीके से जोड़े गए। कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया। राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने उन्हें पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इस पत्र में उनसे कहा गया है कि वह निर्वाचन नियमों के तहत शपथपत्र भरकर उन मतदाताओं के नाम दें, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है।

कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को पत्र भेजा है। ये पत्र सीईओ कर्नाटक के साथ मीटिंग और राहुल गांधी की आज की प्रेसवार्ता को लेकर है। पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल से कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलने और ज्ञापन सौंपने के लिए समय मांगा गया था। 8 अगस्त 2025 को दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच का समय निश्चित किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि मतदाता सूचियाँ पारदर्शी तरीके से तैयार की जाती हैं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के मुताबिक इसे तैयार किया जाता है। चुनाव आयोग का कहना है कि नवीनतम मतदाता सूचियाँ कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर तैयार की जाती हैं।

राहुल ने लगाया 'वोट की चोरी' का आरोप

राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और कुछ अन्य राज्यों की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने कहा कि लाखों ऐसे नाम जोड़े गए हैं, जो अयोग्य हैं और वहीं लाखों योग्य मतदाताओं के नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं। राहुल ने इसे 'वोट की चोरी' बताया और कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और विश्वसनीयता अब सवालों के घेरे में है।

राहुल गांधी ने कहा- चुनाव आयोग क्राइम में हिस्सेदार

राहुल ने कहा है कि मैं ये सब पब्लिकली कह रहा हूं और ये डेटा हमारा नहीं चुनाव आयोग का है। उन्होंने ये नहीं कहा कि ये वोटर लिस्ट गलत है। राहुल गांधी ने कहा है कि अगर चुनाव आयोग डिजिटल डेटा नहीं देता है, इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं देता है, सीसीटीवी नहीं देता है तो वो क्राइम में हिस्सेदार हैं।