राहुल या ममता कौन है पीएम मोदी के टक्कर का राष्ट्रीय चेहरा?
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* लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहुर का रास्ता दिखान के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन हुआ था। साल 2023 में जुलाई के महीने में 'इंडिया' गठबंधन की नींव रखी गई थी। तब सबसे बड़ा सवाल था कि गठबंधन का चेहरा कौन होगा। कांग्रेस गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी थी इसलिए राहुल गांधी का नाम पर सभी सहमत हुए। हालांकि, ममता बनर्जी भी अप्रत्यक्ष रूप से दावेदारी में पीछे नहीं थे। इस साल जून में जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो यह सवाल कुछ दिनों के लिए उठना बंद हो गया था। हालांकि, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद ये प्रश्न फिर से खड़ा हो गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार और महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के खराब प्रदर्शन ने विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व संकट को और गहरा कर दिया। संसदीय चुनाव में इन दोनों राज्यों में 'इंडिया' गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा था।इंडिया गठबंधन ने 234 सीटें जीती थीं और कांग्रेस की इसमें 99 सीटों की हिस्सेदारी थी। इसके बाद कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर गठबंधन के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही हैं। *राहुल को लेकर बदल रहे सहयोगियों के सुर* पिछले बीस साल से कांग्रेस के सहयोगी रहे लालू यादव के तेवर भी बदल चुके हैं।लालू यादव का भी कहना है कि, ममता को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व दे देना चाहिए। पत्रकारों ने जब उनसे कहा कांग्रेस ने ममता को नेतृत्व देने की मांग पर आपत्ति जताई है तो उन्होंने कहा, कांग्रेस के विरोध से कुछ नहीं होने वाला है। ममता को नेतृत्व दिया जाना चाहिए। लोकसभा चुनाव से पहले लालू ने राहुल की शादी को लेकर कहा था कि आप दूल्हा बनिए, हम बाराती बनने के लिए तैयार हैं। राजनीति के जानकारों ने उस समय लालू के इस बयान को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व से जोड़कर भी देखा था। वहीं लालू आज ममता बनर्जी की वकालत कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन में 37 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी कांग्रेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है और अखिलेश यादव की ममता बनर्जी से राजनीतिक नज़दीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तनातनी भी देखने को मिली थी। सपा ने भी ममता के नाम का समर्थन किया है।शरद पवार इस मुद्दे पर पहले ही ममता का समर्थन कर चुके हैं। टीम “इंडिया” में कैप्टन की कुर्सी को लेकर अंदरूनी झगड़े के बीच सवाल ये उठता है कि आखिर राहुल गांधी और ममता बनर्जी में कौन प्रधानमंत्री मोदी की टक्कर में राष्ट्रीय चेहरा साबित हो सकता है। *बंगाल में मजबूत हुईं ममता* इंडिया गठबंधन के नाते के रूप में ममता बनर्जी के दावेदारी की बात करें तो, जहां कांग्रेस बीजेपी के मुक़ाबले कई मोर्चों पर कमज़ोर साबित हुई है वहीं ममता के नेतृत्व में टीएमसी ने बीजेपी को लगातार चुनौती दी है। 2014 में जब मोदी ने पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी तब बीजेपी बंगाल में सिर्फ़ दो सीटें जीत पाई थी। इस चुनाव में ममता ने 34 सीटें जीती थीं। 2016 में ममता ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बनी रहीं। इसके बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल पर अपना फ़ोकस बढ़ाया और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा भी मिला। बीजेपी ने 18 सीट जीतीं और टीएमसी के खाते में 22 आईं। टीएमसी को 12 सीटों का नुक़सान हुआ लेकिन अब भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी टीएमसी ही थी। दो साल बीद 2021 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पूरा जोर लगाया। चुनाव से पहले कई नेता तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में चले गए। इसमें सुवेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेता भी शामिल थे।लेकिन ममता ने राज्य में वापसी करते हुए 200 से ज़्यादा सीटें जीतीं और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं। 2024 का लोकसभा चुनाव उन्होंने अकेले लड़ा और सबसे ज़्यादा 29 सीटें जीतीं। इसके बाद टीएमसी सीटों के मामले में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। *तीन बार सीएम रहकर भी बंगाल का हाल* हालांकि, ऐसा नहीं है कि ममता अपने राज्य के बाहर भीड़ खींचने वाली नेता हैं। न ही ऐसा कोई सबूत है कि कोलकाता में पिछले 13 सालों में उनका शासन प्रेरणादायक रहा है। मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का इस्तेमाल खुद को कुशल प्रशासक के तौर पर स्थापित करने के लिए किया था। ममता के लंबे कार्यकाल से बंगाल की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। उनकी शानदार चुनावी सफलता के पीछे मुस्लिम समर्थन, दबंग रणनीति का हाथ है। खुशकिस्मती से यह फॉर्मूला भारत के ज्यादातर हिस्सों में काम नहीं कर सकता।तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बंगाल से बाहर नहीं है। ममता दूसरे क्षेत्रीय दलों के नेताओं के लिए खतरा नहीं मानी जाती हैं।
फडणवीस का महाराष्ट्र चुनाव में विदेशी दखल का दावा, सोनिया के सोरोस कनेक्शन के बाद राहुल की भारत जोड़ों यात्रा पर सवाल

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भाजपा ने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी का नाम अमेरिका कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जोड़ा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की एक संस्था में सोनिया गांधी को-चेयरपर्सन हैं। जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र देश की बात करते हैं। भाजपा ने कहा कि ऐसे में सोनिया गांधी देश विरोधी लोगों के साथ काम करती हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में अर्बन नक्सल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल हुआ है। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भारतीय चुनावों में विदेशी दखलअंदाजी के सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर लाने की बात हुई थी।

चुनाव में आतंकी फंडिंग?

फडणवीस ने नासिक के मालेगांव जिले में चल रही एक जांच का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि इस साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की कि उनके खातों में 114 करोड़ रुपये बेनामी जमा किए गए हैं। आरोपी सिराज मोहम्मद ने 14 लोगों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल करके नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक, मालेगांव में 14 खाते खोले। सीएम ने कहा कि इस तरह जमा किए गए 114 करोड़ रुपये को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य खातों में भेज दिया गया। यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है। बल्कि 21 राज्यों में फैला है। 201 खातों में 1000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस 1000 करोड़ में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए और 100 करोड़ रुपये महाराष्ट्र चुनाव में अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए गए। फडणवीस ने आगे कहा कि एटीएस आतंकी फंडिंग के तहत इसकी जांच कर रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक और बड़ा हमला बोला। गंभीर आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल में एक बैठक हुई थी। जिसमें ईवीएम का विरोध करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में महाराष्ट्र और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस बैठक में 40 अर्बन नक्सन संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को लेकर 180 संगठनों ने बैठक की थी। इन संगठनों के संबंध भारत जोड़ो अभियान से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन 40 संगठनों ने राज्य चुनाव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे भी प्रकाशित किए। फडणवीस ने पूर्व राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल का हवाला देते हुए कहा कि इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अपने इस दावे के सबूत होने की भी बात कही।

देवेंद्र फडणवीस ने 72 फ्रंटल संगठनों का किया जिक्र

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र सरकार ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का जिक्र किया था, जिनमें से 7 संगठन आपके भारत जोड़ो के हैं। एंटी-नक्सल ऑपरेशन में जिन 13 संगठनों के नाम लिए गए, उनका संबंध भारत जोड़ो से है।

राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी लाई प्रिविलेज मोशन, लोकसभा से निलंबित करने की मांग

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संसद के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है। ये पूरा सत्र काफी हंगामेदार रहा और आखिरी दिन भी हंगामे के आसार हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के लोकसभा से निलंबन की मांग की है। इसके लिए उन्होंने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन के अपमान का नोटिस दिया है। इधर, आज बीजेपी और विपक्ष दोनों में प्रदर्शन की रेस है। आज सदन में धक्कामुक्की कांड का मुद्दा बहुत गरमा सकता है। बीजेपी सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस आज देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान और लोकसभा नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के लोकसभा से निलंबन की मांग की है। इसके लिए उन्होंने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन के अपमान का नोटिस दिया है। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस भेजा है। उन्होंने स्पीकर से मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने को कहा है। दुबे ने साथ ही यह भी अपील की है कि जब तक समिति इस मामले में फैसला नहीं करती, राहुल गांधी को लोकसभा से निलंबित कर दिया जाए। बीजेपी सांसद ने अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाने के लिए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

आंबेडकर विवाद को लेकर पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। संसद में पिछले दो दिनों से इसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। गुरुवार संसद में हुए धक्कामुक्की में बीजेपी के दो (प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत) सांसद घायल हो गए थे. दोनों को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों सासंदों के सिर में चोट लगी थी। सांरगी को टांके भी लगे थे।

राहुल गांधी के खिलाफ हत्या की कोशिश के तहत शिकायत, थाने पहुंचे बांसुरी और अनुराग

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संसद में बीजेपी सांसदों के साथ ही धक्‍का-मुक्‍की के मामले ने तूल पकड़ लिया है।बीजेपी ने संसद में अपने सांसदों के खिलाफ हुई कथित धक्‍का-मुक्‍की के मामले को लेकर संसद मार्ग थाने में शिकायत दी है। बीजेपी ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता के खिलाफ हत्‍या के प्रयास के का मामला दर्ज करने की मांग की है।अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज समेत एनडीए के तीन सांसदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत दर्ज कराने के बाद सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी का जिस तरह का रवैया है, उन्हें लगता है की वह कानून से ऊपर हैं। गांधी परिवार अपने आप को कानून से ऊपर समझता है। राहुल गांधी ने नागालैंड की महिला सांसद से भी बेहद अहंकारपूर्ण तरीके से बदसलूकी की थी। शारीरिक हमला करना और उकसाने का काम राहुल गांधी ने किया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि जैसे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे।

राहुल गांधी के खिलाफ इतनी धाराओं में शिकायत

भीमराव अंबेडकर को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर आज संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन हो रहा था। इसी दौरान धक्का मुक्की भी हुई जिसमें बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल गए। अब इस मामले में कांग्रेस पार्टी के महासचिव और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भाजपा ने मामला दर्ज करवा दिया है। संसद में धक्‍का-मुक्‍की के मामले में राहुल गांधी ने के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

धारा 109 हत्या का प्रयास के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

धरा 115 स्वेच्छा से चोट पहुंचाना।

धारा 117 स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना।

धारा 125 दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का काम।

धारा 131 आपराधिक बल का प्रयोग।

धारा 351 आपराधिक धमकी देने का मामला।

बीजेपी के दो सांसद घायल

बता दें कि संसद के दोनों सदनों में गुरूवार को भी हंगामा हुआ। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है। पीएम मोदी ने फोन पर सांसदों का हालचाल जाना है।

राहुल गांधी मेरे बेहद पास आकर चिल्लाने लगे”,बीजेपी महिला सांसद कोन्याक का दावा, सभापति से की शिकायत

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संसद में हुई धक्का-मुक्की में बीजेपी के दो सांसद घायल हुए हैं। ये मामला यहीं थमता नहीं दिख रहा है।अब नागालैंड की महिला सांसद ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने उनके साथ बदसलूकी की है। बीजेपी की नागालैंड से सांसद एस फैनोंग कोन्याक ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की है कि राहुल गांधी ने उनके साथ मिसविहेब किया है।

संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद परिसर में विपक्ष और सत्ताधारी एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हुई। बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी घायल हो गए। पार्टी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सारंगी को धक्का देने का आरोप लगाया। इस धक्का-मुक्की में भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। अब बीजेपी की राज्यसभा सदस्य एस फैनोंग कोन्याक ने दावा किया कि वह राहुल गांधी के अचानक पास आने और चिल्लाने से असहज महसूस कर रही थीं।

कोन्याक ने सदन में सभापति जगदीप धनखड़ को घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया, विपक्ष के नेता राहुल गांधी करीब आए, मुझे यह पसंद नहीं आया और उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। आज जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए। मैंने सभापति से भी शिकायत की है। बीजेपी की राज्यसभा सांसद एस फैनोंग कोन्याक ने सभापति को भेजे अपने शिकायती पत्र में कहा, विपक्षी नेता राहुल गांधी ने मेरी गरिमा और आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा, मैं सदन में सुरक्षा की मांग करती हूं।

धनखड़ को लिखे पत्र में बीजेपी सांसद ने लिखा, "मैं, एस. फागनोन कोन्याक, संसद सदस्य (राज्यसभा) माननीय डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की और से किए गए अत्याचारों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही थी। मैं अपने हाथ में एक तख्ती लेकर मकर द्वार की सीढ़ी के ठीक नीचे खड़ी थी। सुरक्षा कर्मियों ने अन्य दलों के माननीय सांसदों के प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार पर एक रास्ता बना रखा था। अचानक, विपक्ष के नेता राहुल गांधी अन्य पार्टी सदस्यों के साथ मेरे सामने आ गए, जबकि उनके लिए एक रास्ता बनाया गया था। उन्होंने ऊंची आवाज में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी शारीरिक निकटता इतनी करीब थी कि एक महिला सदस्य होने के नाते मुझे बेहद असहज महसूस हुआय़ मैं भारी मन से और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की निंदा करते हुए एक तरफ हट गई, लेकिन मुझे लगा कि किसी भी संसद सदस्य को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं नागालैंड के एसटी समुदाय से हूं और मैं एक महिला सदस्य हूं। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मेरी गरिमा और आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। इसलिए माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपकी सुरक्षा चाहती हूं।"

इससे पहले राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर संसद के प्रवेश द्वार पर बीजेपी की महिला सांसदों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया और हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ गई।

संसद में एक बार के स्थगन के बाद 2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, बीजेपी की ओर से राहुल गांधी के कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया गया। बीजेपी ने इसके लिए उनसे और कांग्रेस से सदन तथा पूरे देश से माफी की मांग की।

नेहरू से जुड़े जो पेपर सोनिया गांधी के पास वो लौटाएं, पीएम मेमोरियल की राहुल गांधी को चिट्ठी
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* प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी ने मांग की है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के निजी पत्र, जो सोनिया गांधी ने लिए थे, उन्हें वापस किया जाए। संग्रहालय ने इसे लेकर राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। ये पत्र साल 2008 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में सोनिया गांधी ने मंगवाए थे। प्रधानमंत्री संग्रहालय के सदस्य रिजवान कादरी की तरफ से राहुल गांधी को 10 दिसंबर को यह पत्र लिखा गया।रिजवान कादरी ने राहुल गांधी से नेहरू से जुड़े दस्तावेजों को लौटाने की गुजारिश की है। नेहरू से जुड़े कुछ जरूरी कागजात सोनिया गांधी के पास हैं जिन्हें उन्होंने 2008 में मंगवा लिया था। ये वे दस्तावेज हैं जो मेमोरियल को दान किए गए थे। इनमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन जैसी हस्तियों के साथ हुए पत्राचार हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मेमोरियल के वर्तमान सदस्यों में से एक ने कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वापस देने में मदद मांगी है। इस पत्र में कादरी ने राहुल गांधी से अपील की कि वे सोनिया गांधी को दिए गए पत्रों, फोटो प्रति और डिजिटल प्रति को वापस करें। इससे पहले संग्रहालय द्वारा सितंबर में भी सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था। कादरी ने लेटर लिखकर कहा है कि 2008 में तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष ने ‘दान किए गए’ दस्तावेजों का कुछ हिस्सा वापस लेने के लिए अपना प्रतिनिधि भेजा था। राहुल गांधी से सहयोग की मांग करते हुए कादरी ने अपने पत्र में कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड’ ने 1971 में जवाहरलाल नेहरू के निजी कागजात पीएमएमएल को ट्रांसफर किए थे। ये दस्तावेज भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर की बेहद अमूल्य जानकारी देते हैं। एनएमएमएल सोसायटी (अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय, या पीएमएमएल) ने इस साल फरवरी में अपनी पिछली वार्षिक आम बैठक के दौरान इस पर चर्चा की थी। कादरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली पीएमएमएल सोसाइटी के 29 सदस्यों में से एक हैं। पंडित नेहरू के ये निजी पत्र बेहद ऐतिहासिक माने जाते हैं। पहले ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल के पास थे, जिन्हें साल 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को दिए गए। अब इसी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में जाना जाता है। जिन पत्रों की मांग की गई है, उनमें पंडित नेहरू और एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत आदि महान विभूतियों के बीच हुई बातचीत पर आधारित हैं।
संविधान या मनुस्मृति, राहुल गांधी ने सरकार से पूछा- आप किसे मानते हैं?
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* लोकसभा में संविधान पर चर्चा चल रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी संविधा दिवस पर चल रही चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान हमारी आवाज है। हमारा संविधान जीवन का दर्शन है। संविधान नए भारत का दस्तावेज है। जब हम संविधान को देखते हैं तो हम देख सकते हैं कि संविधान में महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर, पंडित नेहरू के विचार दिखते हैं, लेकिन ये विचार कहां से आए। ये विचार भगवान शिव, गुरु नानक, भगवान बासवन्ना, कबीर आदि से आए। हमारा संविधान बिना हमारी प्राचीन विरासत के बिना नहीं बन सकता था। *वीर सावरकर का नाम कर बीजेपी को घेरा* संविधान पर राहुल गांधी ने बोलते हुए एक बार फिर वीर सावरकर पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सदन में मनु स्मृति की प्रतियों को दिखाते हुए सरकार पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि मैं अपने भाषण की शुरुआत न सिर्फ बीजेपी बल्कि आरएसएस के आधुनिक विचारों की व्याख्या करने वाले उनके सबसे बड़े नेता ने भारत के संविधान को लेकर क्या कहा था और भारत को कैसे चलना चाहिए, उसके बारे में वह क्या सोचते हैं, उनके कोट से करूंगा। उन्होंने कहा था कि संविधान के बारे में सबसे खराब बात ये है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति एक ऐसा धर्मग्रंथ है जो वेद, पुराण के बाद सबसे ज्यादा पूजनीय है, ये प्राचीन काल से हमारी संस्कृति, हमारे विचार, परंपराओं का आधार रही है। ये किताब सदियों से हमारे देश की अध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को परिलक्षित करती रही है। ये शब्द हैं सावरकर के। सावरकर अपनी लेखनी में साफ-साफ कह रहे हैं कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। वह कह रहे हैं कि भारत को संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति से चलना चाहिए। आप संविधान की बात कर रहे हैं तो बताइए क्या आप अपने नेता की बात से सहमत हैं? *राहुल गांधी ने किया एकलव्य का जिक्र* राहुल गांधी ने अपने भाषण में द्रोणाचार्य और एकलव्य का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा कि जैसे पहले हिंदुस्तान चलाया जाता था, वैसे ही आप आज भी चलाना चाहते हैं। पहले जब मैं जब छोटा था, तब दिल्ली के आसपास, एम्स के पास ही जंगल था। वैसे ही जंगल में हजारों साल पहले एक बच्चा सुबह उठकर तपस्या करता था। हर रोज सुबह वो धनुष उठाकर तीर कमान चलाता था और घंटे उसने तपस्या की और वर्षों तक तपस्या की। उसका नाम एकलव्य था। जब वह द्रोणाचार्य के पास पहुंचा तो गुरु द्रोणाचार्य ने उसे सिखाने से मना कर दिया कि आप स्वर्ण जाति से नहीं है तो मैं आपको नहीं सिखा सकता। *आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रहे-राहुल गांधी* राहुल गांधी ने कहा कि जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जब आप अडानी को धारावी का बिजनेस देते हैं तो आप धारावी के छोटे व्यापारियों का अंगूठा काटते हैं। जब आप बंदरगाह, एयरपोर्ट अडानी को देते हैं तो जो लोग ईमानदारी से व्यापार करते हैं आप उनका अंगूठा काटते हैं। लेटेरल एंट्री देकर देश के युवाओं का अंगूठा काटते हैं। देश के युवा प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी करते हैं। तो पेपर लीक कराकर आप उनका अंगूठा काटते हैं। देश के हजारों युवा सेना में जाने के लिए मेहनत करते थे, तो आपने अग्निवीर लाकर उनका अंगूठा काटा। किसान आपसे एमएसपी मांगते हैं, मगर आप अदाणी-अंबानी को फायदा पहुंचाते हो तो आप किसानों का अंगूठा काटने का काम करते हैं। संविधान में कहीं नहीं लिखा कि एकाधिकार होना चाहिए, अग्निवीर होना चाहिए। संविधान में ये नहीं लिखा कि देश के युवाओं का अंगूठा काटना चाहिए। *बीजेपी के लोग संविधान पर हमला करते हैं- राहुल गांधी* अपने भाषण में राहुल गांधी ने हाथरस का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोपी बाहर घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार घर में बंद हैं। पीड़ित परिवार को बेटी का अंतिम संस्कार करने नहीं दिया। मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिला। सीएम ने हाथरस की घटना पर झूठ बोला। आरोपी पीड़ित परिवार को धमकाते हैं। क्या यूपी में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है? राहुल ने कहा बीजेपी के लोग संविधान पर हमला करते हैं। उन्होंने संभल का भी मुद्दा भी उठाया। राहुल ने कहा कि संभल में पांच लोगों की हत्या कर दी गई। ये कहां लिखा है संविधान में। बीजेपी के लोग एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाते हैं। ये कहां लिखा है संविधान में। हमारी और इंडिया गठबंधन की विचारधारा देश में संविधान स्थापित करने की है।
रिजिजू ने बिना नाम लिए राहुल गांधी को जमकर सुनाई खरी-खरी, जानें भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर क्या कहा?

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लोकसभा में संविधान पर चर्चा का आज दूसरा दिन है। संविधान पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों पर गर्व व्यक्त किया और संविधान की भावना के साथ इसके संरेखण पर जोर दिया। अपने संबोधन में रिजिजू ने कहा, मुझे गर्व है कि जब प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल शुरू हुआ, तो उन्होंने संविधान की उसी भावना का पालन करते हुए अपनी सरकार का मंत्र इस देश के सामने रखा. और वह मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।

यूरोपियन यूनियन में 38 फीसदी लोग भेदभाव का शिकार हुए-रिजिजू

संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर हमला बोला। किरेन रिजिजू ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा, 'एक सर्वे है, ग्लोबल सर्वे है। हम सबने पढ़ा है। सेंटर फॉर पॉलिसी ऐनालिसिस इन यूरोपियन यूनियन के सर्वे के मुताबिक ईयू में 38 प्रतिशत लोग भेदभाव का शिकार हैं, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम हैं। फ्रांस में भेदभाव की कई बाते हैं। बुर्का पर प्रतिबंध को लेकर ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपत्ति की और भेदभाव बताया। स्पेन में मुसलमानों के खिलाफ आंतरिक घृणा अपराधों की रिपोर्ट इतनी अधिक है, इसका भी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। पाकिस्तान की स्थिति आप जानते हैं, बांग्लादेश में क्या होता है, आप लोग जानते हैं कि अफगानिस्तान में सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों के साथ क्या हुआ है।

जब कोई समस्या होती है तो भारत की शरण में आते हैं लोग- रिजिजू

रिजिजू ने आगे कहा, चाहे तिब्बत हो या म्यांमार, श्रीलंका हो या बांग्लादेश, पाकिस्तान हो या अफगानिस्तान, अगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार होता है या कोई समस्या आती है, तो सबसे पहले वे भारत आते हैं। भारत सेफ है, इसलिए तो आते हैं। घर-परिवार में भी झगड़े होते हैं। इसको भारत में अल्पसंख्यकों को कोई जगह नहीं दी जा रही है, सिखों को गुरुद्वारा नहीं जाने दिया जा रहा है, मुसलमानों को दरगाह नहीं जाने दिया जा रहा है, ऐसा क्यों कहते हैं। मैं यह कह रहा हूं कि ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे, मैं यह किसी एक पार्टी के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं यह देश के लिए कह रहा हूं।

एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, अपने पूर्वजों से यही सीखा', राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर तंज
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* लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा की शुरुआत हुई सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू की। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमले बोला। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत के संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश करती रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई है। *कांग्रेस शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन हुआ-राजनाथ सिंह* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया। *कांग्रेस ने विरोधियों को चुप करने के लिए किए संशोधन-राजनाथ सिंह* राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए अधिकांश संविधानिक संशोधन या तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा कि आप पहले संविधान संशोधन को ही ले लीजिए, साल 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। ऐसे में तब की कांग्रेस की सरकार ने आरएसएस के साप्ताहिक प्रकाशन ऑर्गेनाइजर और मद्रास से निकलने वाली पत्रिका क्रॉस रोड को प्रतिबंधित कर दिया था। *राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कसा तंज* यही नहीं, लोकसभा के उप नेता ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार तंज कसा। सिंह ने कहा, एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को 'हाईजैक' करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपायी गई हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, आज विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने बचपन से ही यही सीखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है।लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है। हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है।
हम संसद चलने देंगे…लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद बोले राहुल, रखी ये मांग*
#rahul_gandhi_meets_speaker_with_request_to_expunge_remarks_against_him संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। देश की संसद आज एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के टकराव के कारण ठप रही। इसी बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान राहुल ने स्पीकर के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं। राहुल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की और कार्यवाही से अपमानजनक बातें हटाने की मांग की। राहुल ने कहा कि हमारा मकसद है कि संसद चले, सदन में चर्चा हो। वे (सत्ता पक्ष) मुझे क्या कहते हैं, ये मायने नहीं रखता। हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो। वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन हम ये छोड़ेंगे नहीं। वे हम पर आरोप लगाते रहेंगे, लेकिन सदन चलना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वे इस पर गौर करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, संविधान दिवस चर्चा में राहुल गांधी भी बोलेंगे। इसको लेकर समय तय किया जाएगा. कहा जा रहा है कि राजनाथ सिंह संभवतः चर्चा की शुरुआत करेंगे। उसके बाद राहुल गांधी बोल सकते हैं। समय को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इधर, राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। राज्यसभा पहले 12 बजे तक, फिर 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। नोटिस पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा सांसदों के नाम हैं। नोटिस में धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है, ये सामने आना चाहिए।भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि दो दिन से हमारे लोग इस बात को उठा रहे हैं कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल है। यह देश की संप्रभुता पर भी प्रश्नचिह्न है। हम सोरोस पर इसलिए बात करना चाहते हैं, क्योंकि हम आम आदमी के लिए प्रतिबद्ध हैं। चेयर पर आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया। यह मुद्दे को भटकाने के लिए कुत्सित प्रयास है।
राहुल या ममता कौन है पीएम मोदी के टक्कर का राष्ट्रीय चेहरा?
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* लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहुर का रास्ता दिखान के लिए विपक्षी दलों का महागठबंधन हुआ था। साल 2023 में जुलाई के महीने में 'इंडिया' गठबंधन की नींव रखी गई थी। तब सबसे बड़ा सवाल था कि गठबंधन का चेहरा कौन होगा। कांग्रेस गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी थी इसलिए राहुल गांधी का नाम पर सभी सहमत हुए। हालांकि, ममता बनर्जी भी अप्रत्यक्ष रूप से दावेदारी में पीछे नहीं थे। इस साल जून में जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो यह सवाल कुछ दिनों के लिए उठना बंद हो गया था। हालांकि, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के बाद ये प्रश्न फिर से खड़ा हो गया है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार और महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के खराब प्रदर्शन ने विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व संकट को और गहरा कर दिया। संसदीय चुनाव में इन दोनों राज्यों में 'इंडिया' गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहा था।इंडिया गठबंधन ने 234 सीटें जीती थीं और कांग्रेस की इसमें 99 सीटों की हिस्सेदारी थी। इसके बाद कुछ राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर गठबंधन के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही हैं। *राहुल को लेकर बदल रहे सहयोगियों के सुर* पिछले बीस साल से कांग्रेस के सहयोगी रहे लालू यादव के तेवर भी बदल चुके हैं।लालू यादव का भी कहना है कि, ममता को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व दे देना चाहिए। पत्रकारों ने जब उनसे कहा कांग्रेस ने ममता को नेतृत्व देने की मांग पर आपत्ति जताई है तो उन्होंने कहा, कांग्रेस के विरोध से कुछ नहीं होने वाला है। ममता को नेतृत्व दिया जाना चाहिए। लोकसभा चुनाव से पहले लालू ने राहुल की शादी को लेकर कहा था कि आप दूल्हा बनिए, हम बाराती बनने के लिए तैयार हैं। राजनीति के जानकारों ने उस समय लालू के इस बयान को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व से जोड़कर भी देखा था। वहीं लालू आज ममता बनर्जी की वकालत कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन में 37 सीटों के साथ समाजवादी पार्टी कांग्रेस के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है और अखिलेश यादव की ममता बनर्जी से राजनीतिक नज़दीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच तनातनी भी देखने को मिली थी। सपा ने भी ममता के नाम का समर्थन किया है।शरद पवार इस मुद्दे पर पहले ही ममता का समर्थन कर चुके हैं। टीम “इंडिया” में कैप्टन की कुर्सी को लेकर अंदरूनी झगड़े के बीच सवाल ये उठता है कि आखिर राहुल गांधी और ममता बनर्जी में कौन प्रधानमंत्री मोदी की टक्कर में राष्ट्रीय चेहरा साबित हो सकता है। *बंगाल में मजबूत हुईं ममता* इंडिया गठबंधन के नाते के रूप में ममता बनर्जी के दावेदारी की बात करें तो, जहां कांग्रेस बीजेपी के मुक़ाबले कई मोर्चों पर कमज़ोर साबित हुई है वहीं ममता के नेतृत्व में टीएमसी ने बीजेपी को लगातार चुनौती दी है। 2014 में जब मोदी ने पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी तब बीजेपी बंगाल में सिर्फ़ दो सीटें जीत पाई थी। इस चुनाव में ममता ने 34 सीटें जीती थीं। 2016 में ममता ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बनी रहीं। इसके बाद बीजेपी ने पश्चिम बंगाल पर अपना फ़ोकस बढ़ाया और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इसका फायदा भी मिला। बीजेपी ने 18 सीट जीतीं और टीएमसी के खाते में 22 आईं। टीएमसी को 12 सीटों का नुक़सान हुआ लेकिन अब भी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी टीएमसी ही थी। दो साल बीद 2021 में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पूरा जोर लगाया। चुनाव से पहले कई नेता तृणमूल कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में चले गए। इसमें सुवेंदु अधिकारी जैसे बड़े नेता भी शामिल थे।लेकिन ममता ने राज्य में वापसी करते हुए 200 से ज़्यादा सीटें जीतीं और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनी थीं। 2024 का लोकसभा चुनाव उन्होंने अकेले लड़ा और सबसे ज़्यादा 29 सीटें जीतीं। इसके बाद टीएमसी सीटों के मामले में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। *तीन बार सीएम रहकर भी बंगाल का हाल* हालांकि, ऐसा नहीं है कि ममता अपने राज्य के बाहर भीड़ खींचने वाली नेता हैं। न ही ऐसा कोई सबूत है कि कोलकाता में पिछले 13 सालों में उनका शासन प्रेरणादायक रहा है। मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का इस्तेमाल खुद को कुशल प्रशासक के तौर पर स्थापित करने के लिए किया था। ममता के लंबे कार्यकाल से बंगाल की आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। उनकी शानदार चुनावी सफलता के पीछे मुस्लिम समर्थन, दबंग रणनीति का हाथ है। खुशकिस्मती से यह फॉर्मूला भारत के ज्यादातर हिस्सों में काम नहीं कर सकता।तृणमूल कांग्रेस का प्रभाव बंगाल से बाहर नहीं है। ममता दूसरे क्षेत्रीय दलों के नेताओं के लिए खतरा नहीं मानी जाती हैं।
फडणवीस का महाराष्ट्र चुनाव में विदेशी दखल का दावा, सोनिया के सोरोस कनेक्शन के बाद राहुल की भारत जोड़ों यात्रा पर सवाल

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भाजपा ने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी का नाम अमेरिका कारोबारी जॉर्ज सोरोस से जोड़ा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की एक संस्था में सोनिया गांधी को-चेयरपर्सन हैं। जॉर्ज सोरोस वही व्यक्ति हैं जो कश्मीर को भारत से अलग एक स्वतंत्र देश की बात करते हैं। भाजपा ने कहा कि ऐसे में सोनिया गांधी देश विरोधी लोगों के साथ काम करती हैं। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में अर्बन नक्सल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को विधानसभा में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में आतंकी फंडिंग का इस्तेमाल हुआ है। इस मामले की जांच एटीएस कर रही है। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि भारतीय चुनावों में विदेशी दखलअंदाजी के सबूत मिले हैं। उन्होंने नेपाल में हुई एक बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें ईवीएम की जगह बैलेट पेपर लाने की बात हुई थी।

चुनाव में आतंकी फंडिंग?

फडणवीस ने नासिक के मालेगांव जिले में चल रही एक जांच का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि इस साल मालेगांव में कुछ युवाओं ने पुलिस में शिकायत की कि उनके खातों में 114 करोड़ रुपये बेनामी जमा किए गए हैं। आरोपी सिराज मोहम्मद ने 14 लोगों के आधार और पैन विवरण का इस्तेमाल करके नासिक मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक, मालेगांव में 14 खाते खोले। सीएम ने कहा कि इस तरह जमा किए गए 114 करोड़ रुपये को सिराज मोहम्मद और 21 अन्य खातों में भेज दिया गया। यह मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है। बल्कि 21 राज्यों में फैला है। 201 खातों में 1000 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इस 1000 करोड़ में से 600 करोड़ रुपये दुबई भेजे गए और 100 करोड़ रुपये महाराष्ट्र चुनाव में अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए गए। फडणवीस ने आगे कहा कि एटीएस आतंकी फंडिंग के तहत इसकी जांच कर रही है।

भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक और बड़ा हमला बोला। गंभीर आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा कि इस साल 15 नवंबर को नेपाल में एक बैठक हुई थी। जिसमें ईवीएम का विरोध करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में महाराष्ट्र और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस बैठक में 40 अर्बन नक्सन संगठनों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव को लेकर 180 संगठनों ने बैठक की थी। इन संगठनों के संबंध भारत जोड़ो अभियान से है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन 40 संगठनों ने राज्य चुनाव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए और पर्चे भी प्रकाशित किए। फडणवीस ने पूर्व राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल का हवाला देते हुए कहा कि इन संगठनों को पहले भी फ्रंटल संगठन के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने अपने इस दावे के सबूत होने की भी बात कही।

देवेंद्र फडणवीस ने 72 फ्रंटल संगठनों का किया जिक्र

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, 18 फरवरी 2014 को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान केंद्र सरकार ने लोकसभा में 72 फ्रंटल संगठनों का जिक्र किया था, जिनमें से 7 संगठन आपके भारत जोड़ो के हैं। एंटी-नक्सल ऑपरेशन में जिन 13 संगठनों के नाम लिए गए, उनका संबंध भारत जोड़ो से है।

राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी लाई प्रिविलेज मोशन, लोकसभा से निलंबित करने की मांग

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संसद के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है। ये पूरा सत्र काफी हंगामेदार रहा और आखिरी दिन भी हंगामे के आसार हैं। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के लोकसभा से निलंबन की मांग की है। इसके लिए उन्होंने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन के अपमान का नोटिस दिया है। इधर, आज बीजेपी और विपक्ष दोनों में प्रदर्शन की रेस है। आज सदन में धक्कामुक्की कांड का मुद्दा बहुत गरमा सकता है। बीजेपी सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस आज देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान और लोकसभा नेता राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी के लोकसभा से निलंबन की मांग की है। इसके लिए उन्होंने राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और सदन के अपमान का नोटिस दिया है। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस भेजा है। उन्होंने स्पीकर से मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने को कहा है। दुबे ने साथ ही यह भी अपील की है कि जब तक समिति इस मामले में फैसला नहीं करती, राहुल गांधी को लोकसभा से निलंबित कर दिया जाए। बीजेपी सांसद ने अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाने के लिए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।

आंबेडकर विवाद को लेकर पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। संसद में पिछले दो दिनों से इसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। गुरुवार संसद में हुए धक्कामुक्की में बीजेपी के दो (प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत) सांसद घायल हो गए थे. दोनों को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोनों सासंदों के सिर में चोट लगी थी। सांरगी को टांके भी लगे थे।

राहुल गांधी के खिलाफ हत्या की कोशिश के तहत शिकायत, थाने पहुंचे बांसुरी और अनुराग

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संसद में बीजेपी सांसदों के साथ ही धक्‍का-मुक्‍की के मामले ने तूल पकड़ लिया है।बीजेपी ने संसद में अपने सांसदों के खिलाफ हुई कथित धक्‍का-मुक्‍की के मामले को लेकर संसद मार्ग थाने में शिकायत दी है। बीजेपी ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता के खिलाफ हत्‍या के प्रयास के का मामला दर्ज करने की मांग की है।अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज समेत एनडीए के तीन सांसदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत दर्ज कराने के बाद सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी का जिस तरह का रवैया है, उन्हें लगता है की वह कानून से ऊपर हैं। गांधी परिवार अपने आप को कानून से ऊपर समझता है। राहुल गांधी ने नागालैंड की महिला सांसद से भी बेहद अहंकारपूर्ण तरीके से बदसलूकी की थी। शारीरिक हमला करना और उकसाने का काम राहुल गांधी ने किया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि जैसे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे।

राहुल गांधी के खिलाफ इतनी धाराओं में शिकायत

भीमराव अंबेडकर को लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर आज संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन हो रहा था। इसी दौरान धक्का मुक्की भी हुई जिसमें बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल गए। अब इस मामले में कांग्रेस पार्टी के महासचिव और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भाजपा ने मामला दर्ज करवा दिया है। संसद में धक्‍का-मुक्‍की के मामले में राहुल गांधी ने के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की गई है।

धारा 109 हत्या का प्रयास के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

धरा 115 स्वेच्छा से चोट पहुंचाना।

धारा 117 स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना।

धारा 125 दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने का काम।

धारा 131 आपराधिक बल का प्रयोग।

धारा 351 आपराधिक धमकी देने का मामला।

बीजेपी के दो सांसद घायल

बता दें कि संसद के दोनों सदनों में गुरूवार को भी हंगामा हुआ। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। इस दौरान दोनों दलों के सांसदों के बीच मकर द्वार पर धक्कामुक्की की खबर आई। भाजपा सांसद प्रताप सारंगी के सिर में चोट देखी गई। इस दौरान भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें आरएमएल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। सारंगी का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है। पीएम मोदी ने फोन पर सांसदों का हालचाल जाना है।

राहुल गांधी मेरे बेहद पास आकर चिल्लाने लगे”,बीजेपी महिला सांसद कोन्याक का दावा, सभापति से की शिकायत

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संसद में हुई धक्का-मुक्की में बीजेपी के दो सांसद घायल हुए हैं। ये मामला यहीं थमता नहीं दिख रहा है।अब नागालैंड की महिला सांसद ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाया है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने उनके साथ बदसलूकी की है। बीजेपी की नागालैंड से सांसद एस फैनोंग कोन्याक ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत की है कि राहुल गांधी ने उनके साथ मिसविहेब किया है।

संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर के कथित अपमान को लेकर संसद परिसर में विपक्ष और सत्ताधारी एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हुई। बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी घायल हो गए। पार्टी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर सारंगी को धक्का देने का आरोप लगाया। इस धक्का-मुक्की में भाजपा सांसद मुकेश राजपूत भी घायल हो गए। अब बीजेपी की राज्यसभा सदस्य एस फैनोंग कोन्याक ने दावा किया कि वह राहुल गांधी के अचानक पास आने और चिल्लाने से असहज महसूस कर रही थीं।

कोन्याक ने सदन में सभापति जगदीप धनखड़ को घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया, विपक्ष के नेता राहुल गांधी करीब आए, मुझे यह पसंद नहीं आया और उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। आज जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए। मैंने सभापति से भी शिकायत की है। बीजेपी की राज्यसभा सांसद एस फैनोंग कोन्याक ने सभापति को भेजे अपने शिकायती पत्र में कहा, विपक्षी नेता राहुल गांधी ने मेरी गरिमा और आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा, मैं सदन में सुरक्षा की मांग करती हूं।

धनखड़ को लिखे पत्र में बीजेपी सांसद ने लिखा, "मैं, एस. फागनोन कोन्याक, संसद सदस्य (राज्यसभा) माननीय डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की और से किए गए अत्याचारों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही थी। मैं अपने हाथ में एक तख्ती लेकर मकर द्वार की सीढ़ी के ठीक नीचे खड़ी थी। सुरक्षा कर्मियों ने अन्य दलों के माननीय सांसदों के प्रवेश के लिए प्रवेश द्वार पर एक रास्ता बना रखा था। अचानक, विपक्ष के नेता राहुल गांधी अन्य पार्टी सदस्यों के साथ मेरे सामने आ गए, जबकि उनके लिए एक रास्ता बनाया गया था। उन्होंने ऊंची आवाज में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी शारीरिक निकटता इतनी करीब थी कि एक महिला सदस्य होने के नाते मुझे बेहद असहज महसूस हुआय़ मैं भारी मन से और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की निंदा करते हुए एक तरफ हट गई, लेकिन मुझे लगा कि किसी भी संसद सदस्य को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं नागालैंड के एसटी समुदाय से हूं और मैं एक महिला सदस्य हूं। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मेरी गरिमा और आत्मसम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है। इसलिए माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपकी सुरक्षा चाहती हूं।"

इससे पहले राज्यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा तथा केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर संसद के प्रवेश द्वार पर बीजेपी की महिला सांसदों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया और हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ गई।

संसद में एक बार के स्थगन के बाद 2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, बीजेपी की ओर से राहुल गांधी के कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया गया। बीजेपी ने इसके लिए उनसे और कांग्रेस से सदन तथा पूरे देश से माफी की मांग की।

नेहरू से जुड़े जो पेपर सोनिया गांधी के पास वो लौटाएं, पीएम मेमोरियल की राहुल गांधी को चिट्ठी
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* प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी ने मांग की है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के निजी पत्र, जो सोनिया गांधी ने लिए थे, उन्हें वापस किया जाए। संग्रहालय ने इसे लेकर राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। ये पत्र साल 2008 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में सोनिया गांधी ने मंगवाए थे। प्रधानमंत्री संग्रहालय के सदस्य रिजवान कादरी की तरफ से राहुल गांधी को 10 दिसंबर को यह पत्र लिखा गया।रिजवान कादरी ने राहुल गांधी से नेहरू से जुड़े दस्तावेजों को लौटाने की गुजारिश की है। नेहरू से जुड़े कुछ जरूरी कागजात सोनिया गांधी के पास हैं जिन्हें उन्होंने 2008 में मंगवा लिया था। ये वे दस्तावेज हैं जो मेमोरियल को दान किए गए थे। इनमें नेहरू के एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन जैसी हस्तियों के साथ हुए पत्राचार हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मेमोरियल के वर्तमान सदस्यों में से एक ने कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वापस देने में मदद मांगी है। इस पत्र में कादरी ने राहुल गांधी से अपील की कि वे सोनिया गांधी को दिए गए पत्रों, फोटो प्रति और डिजिटल प्रति को वापस करें। इससे पहले संग्रहालय द्वारा सितंबर में भी सोनिया गांधी को भी पत्र लिखा गया था। कादरी ने लेटर लिखकर कहा है कि 2008 में तत्कालीन यूपीए अध्यक्ष ने ‘दान किए गए’ दस्तावेजों का कुछ हिस्सा वापस लेने के लिए अपना प्रतिनिधि भेजा था। राहुल गांधी से सहयोग की मांग करते हुए कादरी ने अपने पत्र में कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड’ ने 1971 में जवाहरलाल नेहरू के निजी कागजात पीएमएमएल को ट्रांसफर किए थे। ये दस्तावेज भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर की बेहद अमूल्य जानकारी देते हैं। एनएमएमएल सोसायटी (अब प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय, या पीएमएमएल) ने इस साल फरवरी में अपनी पिछली वार्षिक आम बैठक के दौरान इस पर चर्चा की थी। कादरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली पीएमएमएल सोसाइटी के 29 सदस्यों में से एक हैं। पंडित नेहरू के ये निजी पत्र बेहद ऐतिहासिक माने जाते हैं। पहले ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल के पास थे, जिन्हें साल 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को दिए गए। अब इसी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को प्रधानमंत्री मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में जाना जाता है। जिन पत्रों की मांग की गई है, उनमें पंडित नेहरू और एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मजा नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत आदि महान विभूतियों के बीच हुई बातचीत पर आधारित हैं।
संविधान या मनुस्मृति, राहुल गांधी ने सरकार से पूछा- आप किसे मानते हैं?
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* लोकसभा में संविधान पर चर्चा चल रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी संविधा दिवस पर चल रही चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बात रखी। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान हमारी आवाज है। हमारा संविधान जीवन का दर्शन है। संविधान नए भारत का दस्तावेज है। जब हम संविधान को देखते हैं तो हम देख सकते हैं कि संविधान में महात्मा गांधी, डॉ. आंबेडकर, पंडित नेहरू के विचार दिखते हैं, लेकिन ये विचार कहां से आए। ये विचार भगवान शिव, गुरु नानक, भगवान बासवन्ना, कबीर आदि से आए। हमारा संविधान बिना हमारी प्राचीन विरासत के बिना नहीं बन सकता था। *वीर सावरकर का नाम कर बीजेपी को घेरा* संविधान पर राहुल गांधी ने बोलते हुए एक बार फिर वीर सावरकर पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने सदन में मनु स्मृति की प्रतियों को दिखाते हुए सरकार पर हमला बोला। राहुल ने कहा कि मैं अपने भाषण की शुरुआत न सिर्फ बीजेपी बल्कि आरएसएस के आधुनिक विचारों की व्याख्या करने वाले उनके सबसे बड़े नेता ने भारत के संविधान को लेकर क्या कहा था और भारत को कैसे चलना चाहिए, उसके बारे में वह क्या सोचते हैं, उनके कोट से करूंगा। उन्होंने कहा था कि संविधान के बारे में सबसे खराब बात ये है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है। मनुस्मृति एक ऐसा धर्मग्रंथ है जो वेद, पुराण के बाद सबसे ज्यादा पूजनीय है, ये प्राचीन काल से हमारी संस्कृति, हमारे विचार, परंपराओं का आधार रही है। ये किताब सदियों से हमारे देश की अध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को परिलक्षित करती रही है। ये शब्द हैं सावरकर के। सावरकर अपनी लेखनी में साफ-साफ कह रहे हैं कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। वह कह रहे हैं कि भारत को संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति से चलना चाहिए। आप संविधान की बात कर रहे हैं तो बताइए क्या आप अपने नेता की बात से सहमत हैं? *राहुल गांधी ने किया एकलव्य का जिक्र* राहुल गांधी ने अपने भाषण में द्रोणाचार्य और एकलव्य का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा कि जैसे पहले हिंदुस्तान चलाया जाता था, वैसे ही आप आज भी चलाना चाहते हैं। पहले जब मैं जब छोटा था, तब दिल्ली के आसपास, एम्स के पास ही जंगल था। वैसे ही जंगल में हजारों साल पहले एक बच्चा सुबह उठकर तपस्या करता था। हर रोज सुबह वो धनुष उठाकर तीर कमान चलाता था और घंटे उसने तपस्या की और वर्षों तक तपस्या की। उसका नाम एकलव्य था। जब वह द्रोणाचार्य के पास पहुंचा तो गुरु द्रोणाचार्य ने उसे सिखाने से मना कर दिया कि आप स्वर्ण जाति से नहीं है तो मैं आपको नहीं सिखा सकता। *आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रहे-राहुल गांधी* राहुल गांधी ने कहा कि जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही आप हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि जब आप अडानी को धारावी का बिजनेस देते हैं तो आप धारावी के छोटे व्यापारियों का अंगूठा काटते हैं। जब आप बंदरगाह, एयरपोर्ट अडानी को देते हैं तो जो लोग ईमानदारी से व्यापार करते हैं आप उनका अंगूठा काटते हैं। लेटेरल एंट्री देकर देश के युवाओं का अंगूठा काटते हैं। देश के युवा प्रतिस्पर्धी परीक्षा की तैयारी करते हैं। तो पेपर लीक कराकर आप उनका अंगूठा काटते हैं। देश के हजारों युवा सेना में जाने के लिए मेहनत करते थे, तो आपने अग्निवीर लाकर उनका अंगूठा काटा। किसान आपसे एमएसपी मांगते हैं, मगर आप अदाणी-अंबानी को फायदा पहुंचाते हो तो आप किसानों का अंगूठा काटने का काम करते हैं। संविधान में कहीं नहीं लिखा कि एकाधिकार होना चाहिए, अग्निवीर होना चाहिए। संविधान में ये नहीं लिखा कि देश के युवाओं का अंगूठा काटना चाहिए। *बीजेपी के लोग संविधान पर हमला करते हैं- राहुल गांधी* अपने भाषण में राहुल गांधी ने हाथरस का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोपी बाहर घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार घर में बंद हैं। पीड़ित परिवार को बेटी का अंतिम संस्कार करने नहीं दिया। मैं हाथरस के पीड़ित परिवार से मिला। सीएम ने हाथरस की घटना पर झूठ बोला। आरोपी पीड़ित परिवार को धमकाते हैं। क्या यूपी में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है? राहुल ने कहा बीजेपी के लोग संविधान पर हमला करते हैं। उन्होंने संभल का भी मुद्दा भी उठाया। राहुल ने कहा कि संभल में पांच लोगों की हत्या कर दी गई। ये कहां लिखा है संविधान में। बीजेपी के लोग एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाते हैं। ये कहां लिखा है संविधान में। हमारी और इंडिया गठबंधन की विचारधारा देश में संविधान स्थापित करने की है।
रिजिजू ने बिना नाम लिए राहुल गांधी को जमकर सुनाई खरी-खरी, जानें भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर क्या कहा?

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लोकसभा में संविधान पर चर्चा का आज दूसरा दिन है। संविधान पर चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों पर गर्व व्यक्त किया और संविधान की भावना के साथ इसके संरेखण पर जोर दिया। अपने संबोधन में रिजिजू ने कहा, मुझे गर्व है कि जब प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल शुरू हुआ, तो उन्होंने संविधान की उसी भावना का पालन करते हुए अपनी सरकार का मंत्र इस देश के सामने रखा. और वह मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।

यूरोपियन यूनियन में 38 फीसदी लोग भेदभाव का शिकार हुए-रिजिजू

संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर हमला बोला। किरेन रिजिजू ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा, 'एक सर्वे है, ग्लोबल सर्वे है। हम सबने पढ़ा है। सेंटर फॉर पॉलिसी ऐनालिसिस इन यूरोपियन यूनियन के सर्वे के मुताबिक ईयू में 38 प्रतिशत लोग भेदभाव का शिकार हैं, जिसमें ज्यादातर मुस्लिम हैं। फ्रांस में भेदभाव की कई बाते हैं। बुर्का पर प्रतिबंध को लेकर ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपत्ति की और भेदभाव बताया। स्पेन में मुसलमानों के खिलाफ आंतरिक घृणा अपराधों की रिपोर्ट इतनी अधिक है, इसका भी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। पाकिस्तान की स्थिति आप जानते हैं, बांग्लादेश में क्या होता है, आप लोग जानते हैं कि अफगानिस्तान में सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों के साथ क्या हुआ है।

जब कोई समस्या होती है तो भारत की शरण में आते हैं लोग- रिजिजू

रिजिजू ने आगे कहा, चाहे तिब्बत हो या म्यांमार, श्रीलंका हो या बांग्लादेश, पाकिस्तान हो या अफगानिस्तान, अगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार होता है या कोई समस्या आती है, तो सबसे पहले वे भारत आते हैं। भारत सेफ है, इसलिए तो आते हैं। घर-परिवार में भी झगड़े होते हैं। इसको भारत में अल्पसंख्यकों को कोई जगह नहीं दी जा रही है, सिखों को गुरुद्वारा नहीं जाने दिया जा रहा है, मुसलमानों को दरगाह नहीं जाने दिया जा रहा है, ऐसा क्यों कहते हैं। मैं यह कह रहा हूं कि ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे, मैं यह किसी एक पार्टी के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं यह देश के लिए कह रहा हूं।

एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, अपने पूर्वजों से यही सीखा', राजनाथ सिंह का राहुल गांधी पर तंज
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* लोकसभा में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा की शुरुआत हुई सत्ता पक्ष की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू की। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमले बोला। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत के संविधान निर्माण के काम को हाईजैक करने की कोशिश करती रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई है। *कांग्रेस शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन हुआ-राजनाथ सिंह* रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लोग संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं। लेकिन ये समझने की जरूरत है कि किसने संविधान का सम्मान किया है और किसने अपमान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में कुल 62 बार संविधान संशोधन किया गया।कांग्रेस ने न केवल संविधान संशोधन किया है बल्कि दुर्भावना के साथ-साथ धीरे-धीरे संविधान को बदलने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब देश के पीएम थे,तो उस समय लगभग 17 बार संविधान में बदलाव किया गया। इंदिरा गांधी के समय लगभग 28 बार संविधान में बदलाव किए गए। राजीव गांधी के समय लगभग 10 बार और मनमोहन सिंह के वक्त 7 बार संविधान में बदलाव किया गया। *कांग्रेस ने विरोधियों को चुप करने के लिए किए संशोधन-राजनाथ सिंह* राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए अधिकांश संविधानिक संशोधन या तो विरोधियों और आलोचकों को चुप कराने के लिए किए गए या तो गलत नीतियों को लागू करने के लिए किए गए। उन्होंने कहा कि आप पहले संविधान संशोधन को ही ले लीजिए, साल 1950 में प्रेस में कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की आलोचना हो रही थी। ऐसे में तब की कांग्रेस की सरकार ने आरएसएस के साप्ताहिक प्रकाशन ऑर्गेनाइजर और मद्रास से निकलने वाली पत्रिका क्रॉस रोड को प्रतिबंधित कर दिया था। *राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कसा तंज* यही नहीं, लोकसभा के उप नेता ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार तंज कसा। सिंह ने कहा, एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को 'हाईजैक' करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपायी गई हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, आज विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने बचपन से ही यही सीखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है।लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है। हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है।
हम संसद चलने देंगे…लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद बोले राहुल, रखी ये मांग*
#rahul_gandhi_meets_speaker_with_request_to_expunge_remarks_against_him संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। देश की संसद आज एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के टकराव के कारण ठप रही। इसी बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान राहुल ने स्पीकर के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं। राहुल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की और कार्यवाही से अपमानजनक बातें हटाने की मांग की। राहुल ने कहा कि हमारा मकसद है कि संसद चले, सदन में चर्चा हो। वे (सत्ता पक्ष) मुझे क्या कहते हैं, ये मायने नहीं रखता। हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो। वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन हम ये छोड़ेंगे नहीं। वे हम पर आरोप लगाते रहेंगे, लेकिन सदन चलना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वे इस पर गौर करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, संविधान दिवस चर्चा में राहुल गांधी भी बोलेंगे। इसको लेकर समय तय किया जाएगा. कहा जा रहा है कि राजनाथ सिंह संभवतः चर्चा की शुरुआत करेंगे। उसके बाद राहुल गांधी बोल सकते हैं। समय को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इधर, राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। राज्यसभा पहले 12 बजे तक, फिर 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। नोटिस पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा सांसदों के नाम हैं। नोटिस में धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है, ये सामने आना चाहिए।भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि दो दिन से हमारे लोग इस बात को उठा रहे हैं कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल है। यह देश की संप्रभुता पर भी प्रश्नचिह्न है। हम सोरोस पर इसलिए बात करना चाहते हैं, क्योंकि हम आम आदमी के लिए प्रतिबद्ध हैं। चेयर पर आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया। यह मुद्दे को भटकाने के लिए कुत्सित प्रयास है।