उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

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भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेगी कांग्रेस? जानें जयराम रमेश ने क्या कहा

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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार महाभियोग लाने की तैयारी में है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद के मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा।

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, 'सरकार महाभियोग नहीं चला सकती। संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं। लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है।

जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थ करेगी कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा और उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 'हमें ऐसा करने के लिए बाध्य' कर दिया है।

न्यायमूर्ति शेखर यादव पर भी कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा, पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है।

क्या है जस्टिस वर्मा का कैश कांड

जस्टिस वर्मा के लुटियंस स्थित बंगले पर 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगी थी। इसे अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बुझाया था। घटना के वक्त जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। 21 मार्च को कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिला था। काफी नोट जल गए थे। 22 मार्च को सीजे आई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की इंटरनल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। पैनल ने 4 मई को CJI को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट के आधार पर ‘इन-हाउस प्रोसीजर’ के तहत CJI खन्ना ने सरकार से जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी। जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन थीं।

झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त: राहुल गांधी से मिलेंगे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक

नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) में जारी अंदरूनी कलह और गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी की सर्वोच्च कमान ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) समेत राज्य के सभी विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तलब किया है। यह महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी में एकजुटता बेहद आवश्यक मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के कांग्रेस नेता और विधायक आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश इकाई में व्याप्त मतभेदों को सुलझाना और पार्टी के भीतर एकजुटता स्थापित करना है। लंबे समय से झारखंड कांग्रेस के भीतर विभिन्न गुटों के बीच खींचतान की खबरें आ रही हैं, जिससे पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और वह चाहता है कि प्रदेश इकाई मिलकर काम करे।

यह बैठक सिर्फ गुटबाजी को खत्म करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें राज्य में पार्टी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठन को मजबूत करने के उपाय और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी गहन चर्चा होने की उम्मीद है। राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सभी नेताओं से संवाद कर उनकी चिंताओं को समझेंगे और उन्हें पार्टी हित में एकजुट होकर काम करने का संदेश देंगे।

झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक है और इसमें प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व विशेष रूप से गुटबाजी को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि इसका असर पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर पड़े।

हाल के दिनों में, झारखंड कांग्रेस के भीतर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है। इस बैठक को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के साथ इस बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस में कितनी एकजुटता आ पाती है और क्या पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।

दिल्ली में राहुल-खरगे के साथ झारखंड कांग्रेस के मंत्री-विधायकों की बैठक, परिवार की तरह मिलकर करने की मिली सलाह

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झारखंड में कांग्रेस के विधायकों और कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने दिल्ली दरबार में हाजरी लगाई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सभी मंत्री और विधायकों की क्लास ली। ये बैठक कई घंटों तक चली। बैठक में सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के कार्यों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि सरकार किस तरह जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से आगे बढ़ रही है। पिछले आठ महीनों में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी गई।

झारखंड कांग्रेस सांसद, झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री, कांग्रेस विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात कर बैठक की।

आपसी तालमेल बनाए रखने की सलाह

बैठक में सरकार और संगठन को लेकर कुछ विधायकों ने अपनी पीड़ा राहुल गांधी के समक्ष रखी। विधायकों ने कहा कि सरकार के मंत्री उन्हें तरजीह नहीं दे रहे हैं। सभी की बातें सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि आपसी तालमेल से संगठन और सरकार के माध्यम से चल रहे विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी से जोड़ने की अपील की।

मंत्रियों ने आगामी योजनाओं से कराया अवगत

बैठक में सभी मंत्रियों ने विभागवार अपने-अपने विभागों द्वारा जनहित के संपन्न हुए कार्यो और आगामी योजनाओं से अवगत कराया। इसी क्रम में कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों एवं महागठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से जारी चुनावी घोषणा पत्र पर भी चर्चा करते हुए उस दिशा में झारखंड सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी भी खड़गे और राहुल गांधी को दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस नेताओं को अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक रूप से ना बोलने की सलाह दी।

ट्रंप की बड़ी राजनीतिक जीत, जानें क्या है 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' जो भारी विरोध के बाद हुआ पास?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी जीत हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चर्चित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' गुरुवार देर रात पास हो गया। इस बिल को पास कराने में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अहम कड़ी साबित हुए। ट्रंप के महत्वाकांक्षी कर छूट और खर्च कटौती वाले इस विधेयक के पक्ष और विपक्ष में 50-50 वोट पड़े, जिसके बाद वेंस ने अपना वोट डालकर इसे मंजूरी दिलाई। बता दें कि इसी बिल के कारण डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच तनातनी हुई।

वन बिग ब्यूटिफुल बिल को टैक्स छूट और व्यय कटौती विधेयक के नाम से जाना जाता है। रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों के समर्थन से अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 4,500 अरब डॉलर के कर छूट और व्यय कटौती विधेयक को गुरुवार को पारित कर दिया। प्रतिनिधि सभा से पहले इस बिल को सीनेट से मंजूरी मिल चुकी है।

हस्ताक्षर समारोह का होगा आयोजन

ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन ने अभी-अभी वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट पारित किया है। हमारी पार्टी पहले से कहीं ज्यादा एकजुट है। अब ट्रंप ने 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिल पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'हम कल वॉइट हाउस में शाम 4 बजे (अमेरिकी समयानुसार) हस्ताक्षर समारोह का आयोजन करने जा रहे हैं। कांग्रेस के सभी सदस्य और सीनेटर आमंत्रित हैं। हम सब मिलकर अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता और हमारे नए स्वर्ण युग की शुरुआत का जश्न मनाएंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग पहले से कहीं अधिक समृद्ध, सुरक्षित और गौरवान्वित होंगे।

विधेयक 214 के मुकाबले 218 मतों से पारित

निचले सदन प्रतिनिधि सभा में यह विधेयक 214 के मुकाबले 218 मतों से पारित किया गया। इस विधेयक का विरोध करने के लिए रिपब्लिकन के दो सदस्य डेमोक्रेट पार्टी के साथ हो गए जो इसका पहले से विरोध कर रह थे। डेमोक्रेटिक पार्टी नेता और न्यूयॉर्क से सदस्य हकीम जेफ्रीस ने विधेयक के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ भाषण देकर आठ घंटे से अधिक समय तक सदन में मतदान में देरी कराई। सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा, हमें एक बड़ा काम पूरा करना है। एक बड़े खूबसूरत विधेयक के साथ हम इस देश को पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध बनाने जा रहे हैं।

विधेयक में क्या है खास

इस विधेयक में टैक्स कटौती, सेना का बजट, रक्षा और ऊर्जा उत्पादन के लिए बढ़े हुए खर्च, साथ ही स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में कटौती जैसे प्रमुख प्रावधान शामिल हैं। ये बिल अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन के लिए खर्च बढ़ाने से भी जुड़ा है। जबकि अन्य विपक्षी का मानना है कि इस खर्च का असर देश के स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर पड़ने की संभावनाएं हैं। इसी वजह से उद्योगपति एलन मस्क समेत एक बड़ा वर्ग इस बिल के खिलाफ है और और आलोचना कर रहा है।

इस पैकेज की प्राथमिकता ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान लागू 4.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के टैक्स छूट को लागू करना है। कर्मचारियों को टिप और ओवरटाइम वेतन में कटौती की अनुमति मिलेगी। प्रति वर्ष 75,000 अमेरिकी डॉलर से कम कमाने वाले अधिकांश वृद्धों के लिए 6,000 अमेरिकी डॉलर की कटौती।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर की मोदी सरकार की सराहना, बोले- खत्म हुई बड़ी समस्या

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शशि थरूर के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से बड़ी समस्या का अंत हो गया है। सलमान खुर्शीद का ये बयान शशि थरूर के बाद पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

आतंकवाद पर भारत की नीति को साफ करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सरकार ने दुनियाभर के 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है।

सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी- खुर्शीद

अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।

आज कश्मीर में तरक्की हो रही है- खुर्शीद

खुर्शीद ने बताया कि इसके बाद हुए चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ और आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो तरक्की हो रही है, उसे कोई पीछे ले जाने की सोच भी नहीं सकता। ऐसा करना उचित नहीं होगा।

केंद्र के ऑल पार्टी डेलिगेशन पर उठ रहे सवाल, कांग्रेस की नाराजगी के बाद आया शशि थरूर का बयान

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। हालांकि, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जाहिर की जा रही है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर का भी नाम शामिल है, जिसे लेकर कांग्रेस खफा है।

संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडलों में शामिल नामों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसको लेकर एक सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मैं इस मुद्दे में नहीं पड़ूंगा।

बता दें कि थरूर को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने के लिए चुना है। उनका समूह अमेरिका और चार अन्य देशों का दौरा करेगा। हांलांकि, कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए अपनी ओर से जिन चार नेताओं के नाम सरकार को भेजे थे, उनमें थरूर का नाम शामिल नहीं था।

रिजिजू के दावे को बताया झूठा

सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे जाने के बाद, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम दिए थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किरेन रिजिजू का ये दावा झूठा है कि सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस से चार नाम नहीं मांगे थे। उन्होंने ये भी कहा कि प्रतिनिधिमंडलों के लिए नामों की स्वीकृति ना लेकर सरकार ने तुच्छ राजनीति की है।

पीएम मोदी का विमर्श पंचर हो चुका-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने आगे कहा कि विदेशी दौरों पर कांग्रेस के बारे में बुरा-भला कहने और उसे बदनाम करने वाले प्रधानमंत्री मोदी अब उसकी मदद ले रहे हैं क्योंकि उनका विमर्श पंचर हो चुका है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सियासत तेज, जानें थरूर को लेकर जयराम रमेश ने क्या कहा?

#congress_did_not_give_tharoor_s_name_for_the_all_party_delegation

केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों में सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नाम की हो रही है। शशि थरूर ने नाम पर कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। दरअसल कांग्रेस ने इस डेलिगेशन के लिए 4 नामों का ऐलान किया है, जिसमें शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर जानकारी शेयर करते हुए बताया कि शुक्रवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता से फोन पर बातचीत की थी। जिसमें राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने वाले चार सांसदों के नाम मंत्री जी को सुझाए, जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे। हालांकि किरेन रिजिजू ने राहुल के सुझाए हुए नामों में से किसी को भी नहीं चुना है। यही कारण है कि अब शशि थरूर की नियुक्ती पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, हम सीधी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सरकार किस तरह के बैट से खेल रही है, ये समझ नहीं आ रहा। यह एक गंभीर राष्ट्रीय मसला है, कोई पॉलिटिकल स्पिन ज़ोन नहीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है और विपक्ष को केवल दिखावे के लिए साथ लाने की कोशिश कर रही है। रमेश ने कहा, 1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ था, वहां स्पष्ट नैरेटिव था. लेकिन आज सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कोई और अधिक गहरे कारण”, कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई?

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देश की सियासत में सोमवार को उस वक्त उबाल आ गया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा दिया। इस्तीफे के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पीछे कहीं ज्यादा गंभीर कारण हैं। यह उनकी ओर से बताए गए स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर हो सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पोस्ट में कहा- इस अप्रत्याशित इस्तीफे में जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। पीएम मोदी धनखड़ को मन बदलने के लिए मनाएं। यह राष्ट्रहित में होगा। खासतौर पर कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।

जयराम रमेश ने कहा- मैं आज शाम (21 जुलाई) लगभग 5 बजे तक कई अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।

इसके पीछे कुछ और गहरे कारण- जयराम रमेश

जयराम ने लिखा, 'इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। शाम 7.30 बजे उनसे फोन पर बात की थी। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए, लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।

विपक्ष को जगह देने की कोशिश की- जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते अहंकार की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की जरूरत पर जोर दिया। मौजूदा ‘जी2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।

उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाने वालों की नीयत पर सवाल

अंत में जयराम रमेश ने कहा कि वह नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है। जगदीप धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप के दावे से गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा सवाल, पीएम से संसद में जवाब की मांग

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भारत-पाकिस्तान जंग पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों से एक बार फिर देश की सियासत गरमा गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच एक बार फिर मध्यस्थता का दावा किया। ट्रंप ने दावा ने दावा किया की इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए हैं। ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। साथ ही कांग्रेस ने इस बारे में पीएम मोदी से संसद में स्पष्टीकरण की मांग की है।

कांग्रेस का केंद्र सरकार से 3 सवाल

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से 3 सवाल किए हैं। पहला- क्या ट्रम्प ने वाकई सीजफायर रुकवाई, वे इसका 24 बार जिक्र कर चुके हैं। दूसरा- क्या ट्रम्प ने व्यापार की धमकी देकर जंग रुकवाई, तीसरा- जंग में 5 लड़ाकू विमान किसके गिरे।

पीएम मोदी संसद में जवाब दें, कोई सब्स्टीट्यूट नहीं चाहिए-जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसद शुरू होने वाली है और प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। कोई और नेता नहीं चलेगा। कांग्रेस और पूरा विपक्ष विशेष चर्चा की मांग करेगा और प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए। हमें कोई सब्स्टीट्यूट बल्लेबाज नहीं चाहिए। केवल प्रधानमंत्री को ही जवाब देना होगा। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की लंबे समय से दोस्ती रही है। फिर चाहे सितंबर 2019 में हाउडी मोदी और फरवरी 2020 में नमस्ते ट्रम्प का आयोजन हो, दोनों का गले मिलने का रिश्ता रहा है। अब पीएम मोदी को संसद में खुद बयान देना होगा

ट्रंप मुद्दे पर हंगामे के आसार

दरअसल, ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान दावा किया कि मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सच में 5 जेट गिरे थे। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि ये विमान किस देश के गिरे थे। संसद के मानसून सत्र से महज दो दिन पहले ट्रंप ने ये बयान दिया है। मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस मुद्दे पर हंगामे के आसार हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन करेगी कांग्रेस? जानें जयराम रमेश ने क्या कहा

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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार महाभियोग लाने की तैयारी में है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए संसद के मानसून सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है। कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा।

न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, 'सरकार महाभियोग नहीं चला सकती। संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं। लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए। हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है।

जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए प्रस्ताव का समर्थ करेगी कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा और उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे, क्योंकि तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 'हमें ऐसा करने के लिए बाध्य' कर दिया है।

न्यायमूर्ति शेखर यादव पर भी कार्रवाई की मांग

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने आगे कहा, पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है।

क्या है जस्टिस वर्मा का कैश कांड

जस्टिस वर्मा के लुटियंस स्थित बंगले पर 14 मार्च की रात 11:35 बजे आग लगी थी। इसे अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने बुझाया था। घटना के वक्त जस्टिस वर्मा शहर से बाहर थे। 21 मार्च को कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जस्टिस वर्मा के घर से 15 करोड़ कैश मिला था। काफी नोट जल गए थे। 22 मार्च को सीजे आई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा पर लगे आरोपों की इंटरनल जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। पैनल ने 4 मई को CJI को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया था। रिपोर्ट के आधार पर ‘इन-हाउस प्रोसीजर’ के तहत CJI खन्ना ने सरकार से जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश की थी। जांच समिति में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस अनु शिवरामन थीं।

झारखंड कांग्रेस में गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त: राहुल गांधी से मिलेंगे प्रदेश अध्यक्ष और विधायक

नई दिल्ली: झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) में जारी अंदरूनी कलह और गुटबाजी पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ा रुख अपना लिया है। पार्टी की सर्वोच्च कमान ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Rajesh Thakur) समेत राज्य के सभी विधायकों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तलब किया है। यह महत्वपूर्ण कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी में एकजुटता बेहद आवश्यक मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, झारखंड के कांग्रेस नेता और विधायक आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश इकाई में व्याप्त मतभेदों को सुलझाना और पार्टी के भीतर एकजुटता स्थापित करना है। लंबे समय से झारखंड कांग्रेस के भीतर विभिन्न गुटों के बीच खींचतान की खबरें आ रही हैं, जिससे पार्टी की छवि और कार्यप्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। केंद्रीय नेतृत्व इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है और वह चाहता है कि प्रदेश इकाई मिलकर काम करे।

यह बैठक सिर्फ गुटबाजी को खत्म करने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें राज्य में पार्टी की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, संगठन को मजबूत करने के उपाय और आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी गहन चर्चा होने की उम्मीद है। राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से सभी नेताओं से संवाद कर उनकी चिंताओं को समझेंगे और उन्हें पार्टी हित में एकजुट होकर काम करने का संदेश देंगे।

झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। इस बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एक सामान्य संगठनात्मक बैठक है और इसमें प्रदेश के मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि केंद्रीय नेतृत्व विशेष रूप से गुटबाजी को लेकर चिंतित है और वह नहीं चाहता कि इसका असर पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर पड़े।

हाल के दिनों में, झारखंड कांग्रेस के भीतर कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से मतभेद सामने आए हैं, जिससे पार्टी आलाकमान की चिंता बढ़ी है। इस बैठक को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब देखना यह है कि राहुल गांधी के साथ इस बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस में कितनी एकजुटता आ पाती है और क्या पार्टी राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत कर पाएगी।

दिल्ली में राहुल-खरगे के साथ झारखंड कांग्रेस के मंत्री-विधायकों की बैठक, परिवार की तरह मिलकर करने की मिली सलाह

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झारखंड में कांग्रेस के विधायकों और कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने दिल्ली दरबार में हाजरी लगाई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सभी मंत्री और विधायकों की क्लास ली। ये बैठक कई घंटों तक चली। बैठक में सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के कार्यों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि सरकार किस तरह जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता से आगे बढ़ रही है। पिछले आठ महीनों में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी भी दी गई।

झारखंड कांग्रेस सांसद, झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री, कांग्रेस विधायक, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के राजू के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात कर बैठक की।

आपसी तालमेल बनाए रखने की सलाह

बैठक में सरकार और संगठन को लेकर कुछ विधायकों ने अपनी पीड़ा राहुल गांधी के समक्ष रखी। विधायकों ने कहा कि सरकार के मंत्री उन्हें तरजीह नहीं दे रहे हैं। सभी की बातें सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि आपसी तालमेल से संगठन और सरकार के माध्यम से चल रहे विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने संगठन को मजबूत करने और अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी से जोड़ने की अपील की।

मंत्रियों ने आगामी योजनाओं से कराया अवगत

बैठक में सभी मंत्रियों ने विभागवार अपने-अपने विभागों द्वारा जनहित के संपन्न हुए कार्यो और आगामी योजनाओं से अवगत कराया। इसी क्रम में कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों एवं महागठबंधन द्वारा संयुक्त रूप से जारी चुनावी घोषणा पत्र पर भी चर्चा करते हुए उस दिशा में झारखंड सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी भी खड़गे और राहुल गांधी को दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस नेताओं को अंदरूनी मसलों पर सार्वजनिक रूप से ना बोलने की सलाह दी।

ट्रंप की बड़ी राजनीतिक जीत, जानें क्या है 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' जो भारी विरोध के बाद हुआ पास?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बड़ी जीत हुई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चर्चित 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' गुरुवार देर रात पास हो गया। इस बिल को पास कराने में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अहम कड़ी साबित हुए। ट्रंप के महत्वाकांक्षी कर छूट और खर्च कटौती वाले इस विधेयक के पक्ष और विपक्ष में 50-50 वोट पड़े, जिसके बाद वेंस ने अपना वोट डालकर इसे मंजूरी दिलाई। बता दें कि इसी बिल के कारण डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच तनातनी हुई।

वन बिग ब्यूटिफुल बिल को टैक्स छूट और व्यय कटौती विधेयक के नाम से जाना जाता है। रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों के समर्थन से अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 4,500 अरब डॉलर के कर छूट और व्यय कटौती विधेयक को गुरुवार को पारित कर दिया। प्रतिनिधि सभा से पहले इस बिल को सीनेट से मंजूरी मिल चुकी है।

हस्ताक्षर समारोह का होगा आयोजन

ट्रंप ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन ने अभी-अभी वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट पारित किया है। हमारी पार्टी पहले से कहीं ज्यादा एकजुट है। अब ट्रंप ने 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बिल पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'हम कल वॉइट हाउस में शाम 4 बजे (अमेरिकी समयानुसार) हस्ताक्षर समारोह का आयोजन करने जा रहे हैं। कांग्रेस के सभी सदस्य और सीनेटर आमंत्रित हैं। हम सब मिलकर अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता और हमारे नए स्वर्ण युग की शुरुआत का जश्न मनाएंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग पहले से कहीं अधिक समृद्ध, सुरक्षित और गौरवान्वित होंगे।

विधेयक 214 के मुकाबले 218 मतों से पारित

निचले सदन प्रतिनिधि सभा में यह विधेयक 214 के मुकाबले 218 मतों से पारित किया गया। इस विधेयक का विरोध करने के लिए रिपब्लिकन के दो सदस्य डेमोक्रेट पार्टी के साथ हो गए जो इसका पहले से विरोध कर रह थे। डेमोक्रेटिक पार्टी नेता और न्यूयॉर्क से सदस्य हकीम जेफ्रीस ने विधेयक के खिलाफ रिकॉर्ड तोड़ भाषण देकर आठ घंटे से अधिक समय तक सदन में मतदान में देरी कराई। सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कहा, हमें एक बड़ा काम पूरा करना है। एक बड़े खूबसूरत विधेयक के साथ हम इस देश को पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध बनाने जा रहे हैं।

विधेयक में क्या है खास

इस विधेयक में टैक्स कटौती, सेना का बजट, रक्षा और ऊर्जा उत्पादन के लिए बढ़े हुए खर्च, साथ ही स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में कटौती जैसे प्रमुख प्रावधान शामिल हैं। ये बिल अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन के लिए खर्च बढ़ाने से भी जुड़ा है। जबकि अन्य विपक्षी का मानना है कि इस खर्च का असर देश के स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर पड़ने की संभावनाएं हैं। इसी वजह से उद्योगपति एलन मस्क समेत एक बड़ा वर्ग इस बिल के खिलाफ है और और आलोचना कर रहा है।

इस पैकेज की प्राथमिकता ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान लागू 4.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के टैक्स छूट को लागू करना है। कर्मचारियों को टिप और ओवरटाइम वेतन में कटौती की अनुमति मिलेगी। प्रति वर्ष 75,000 अमेरिकी डॉलर से कम कमाने वाले अधिकांश वृद्धों के लिए 6,000 अमेरिकी डॉलर की कटौती।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, रूसी खुफिया एजेंट थे 150 से अधिक कांग्रेसी सांसद

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। निशिकांत दुबे ने सोमवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए द्वारा 2011 में जारी एक दस्तावेज शेयर कर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को रूस से फंडिंग मिली थी। इन सांसदों ने रूस के एजेंट के तौर पर काम किया था।

निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, कांग्रेस, भ्रष्टाचार और गुलामी। यह अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज सीआईए द्वारा 2011 में जारी किया गया था। इसके अनुसार, दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से अधिक कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस द्वारा फंड किया गया था, जो रूस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे?

रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में

बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि पत्रकारों का एक समूह उनका एजेंट था। रूस ने कुल 16,000 समाचार प्रकाशित कराए थे। इसका अमेरिकी खुफिया एजेंसी के दस्तावेज में जिक्र है। उस समय के आसपास रूसी खुफिया एजेंसियों के 1100 लोग भारत में थे, जो नौकरशाहों, व्यापारिक संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और राय निर्माताओं को अपनी जेब में रखकर भारत की नीतियों को आकार और सूचनाएं भी दे रहे थे।

सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर की मोदी सरकार की सराहना, बोले- खत्म हुई बड़ी समस्या

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शशि थरूर के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से बड़ी समस्या का अंत हो गया है। सलमान खुर्शीद का ये बयान शशि थरूर के बाद पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

आतंकवाद पर भारत की नीति को साफ करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सरकार ने दुनियाभर के 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है।

सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी- खुर्शीद

अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।

आज कश्मीर में तरक्की हो रही है- खुर्शीद

खुर्शीद ने बताया कि इसके बाद हुए चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ और आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो तरक्की हो रही है, उसे कोई पीछे ले जाने की सोच भी नहीं सकता। ऐसा करना उचित नहीं होगा।

केंद्र के ऑल पार्टी डेलिगेशन पर उठ रहे सवाल, कांग्रेस की नाराजगी के बाद आया शशि थरूर का बयान

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। हालांकि, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जाहिर की जा रही है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर का भी नाम शामिल है, जिसे लेकर कांग्रेस खफा है।

संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडलों में शामिल नामों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसको लेकर एक सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मैं इस मुद्दे में नहीं पड़ूंगा।

बता दें कि थरूर को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने के लिए चुना है। उनका समूह अमेरिका और चार अन्य देशों का दौरा करेगा। हांलांकि, कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए अपनी ओर से जिन चार नेताओं के नाम सरकार को भेजे थे, उनमें थरूर का नाम शामिल नहीं था।

रिजिजू के दावे को बताया झूठा

सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे जाने के बाद, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम दिए थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किरेन रिजिजू का ये दावा झूठा है कि सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस से चार नाम नहीं मांगे थे। उन्होंने ये भी कहा कि प्रतिनिधिमंडलों के लिए नामों की स्वीकृति ना लेकर सरकार ने तुच्छ राजनीति की है।

पीएम मोदी का विमर्श पंचर हो चुका-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने आगे कहा कि विदेशी दौरों पर कांग्रेस के बारे में बुरा-भला कहने और उसे बदनाम करने वाले प्रधानमंत्री मोदी अब उसकी मदद ले रहे हैं क्योंकि उनका विमर्श पंचर हो चुका है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सियासत तेज, जानें थरूर को लेकर जयराम रमेश ने क्या कहा?

#congress_did_not_give_tharoor_s_name_for_the_all_party_delegation

केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों में सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नाम की हो रही है। शशि थरूर ने नाम पर कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। दरअसल कांग्रेस ने इस डेलिगेशन के लिए 4 नामों का ऐलान किया है, जिसमें शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर जानकारी शेयर करते हुए बताया कि शुक्रवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता से फोन पर बातचीत की थी। जिसमें राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने वाले चार सांसदों के नाम मंत्री जी को सुझाए, जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे। हालांकि किरेन रिजिजू ने राहुल के सुझाए हुए नामों में से किसी को भी नहीं चुना है। यही कारण है कि अब शशि थरूर की नियुक्ती पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, हम सीधी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सरकार किस तरह के बैट से खेल रही है, ये समझ नहीं आ रहा। यह एक गंभीर राष्ट्रीय मसला है, कोई पॉलिटिकल स्पिन ज़ोन नहीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है और विपक्ष को केवल दिखावे के लिए साथ लाने की कोशिश कर रही है। रमेश ने कहा, 1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ था, वहां स्पष्ट नैरेटिव था. लेकिन आज सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में है।