सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर की मोदी सरकार की सराहना, बोले- खत्म हुई बड़ी समस्या

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शशि थरूर के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से बड़ी समस्या का अंत हो गया है। सलमान खुर्शीद का ये बयान शशि थरूर के बाद पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

आतंकवाद पर भारत की नीति को साफ करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सरकार ने दुनियाभर के 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है।

सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी- खुर्शीद

अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।

आज कश्मीर में तरक्की हो रही है- खुर्शीद

खुर्शीद ने बताया कि इसके बाद हुए चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ और आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो तरक्की हो रही है, उसे कोई पीछे ले जाने की सोच भी नहीं सकता। ऐसा करना उचित नहीं होगा।

केंद्र के ऑल पार्टी डेलिगेशन पर उठ रहे सवाल, कांग्रेस की नाराजगी के बाद आया शशि थरूर का बयान

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। हालांकि, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जाहिर की जा रही है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर का भी नाम शामिल है, जिसे लेकर कांग्रेस खफा है।

संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडलों में शामिल नामों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसको लेकर एक सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मैं इस मुद्दे में नहीं पड़ूंगा।

बता दें कि थरूर को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने के लिए चुना है। उनका समूह अमेरिका और चार अन्य देशों का दौरा करेगा। हांलांकि, कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए अपनी ओर से जिन चार नेताओं के नाम सरकार को भेजे थे, उनमें थरूर का नाम शामिल नहीं था।

रिजिजू के दावे को बताया झूठा

सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे जाने के बाद, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम दिए थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किरेन रिजिजू का ये दावा झूठा है कि सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस से चार नाम नहीं मांगे थे। उन्होंने ये भी कहा कि प्रतिनिधिमंडलों के लिए नामों की स्वीकृति ना लेकर सरकार ने तुच्छ राजनीति की है।

पीएम मोदी का विमर्श पंचर हो चुका-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने आगे कहा कि विदेशी दौरों पर कांग्रेस के बारे में बुरा-भला कहने और उसे बदनाम करने वाले प्रधानमंत्री मोदी अब उसकी मदद ले रहे हैं क्योंकि उनका विमर्श पंचर हो चुका है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सियासत तेज, जानें थरूर को लेकर जयराम रमेश ने क्या कहा?

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों में सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नाम की हो रही है। शशि थरूर ने नाम पर कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। दरअसल कांग्रेस ने इस डेलिगेशन के लिए 4 नामों का ऐलान किया है, जिसमें शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर जानकारी शेयर करते हुए बताया कि शुक्रवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता से फोन पर बातचीत की थी। जिसमें राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने वाले चार सांसदों के नाम मंत्री जी को सुझाए, जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे। हालांकि किरेन रिजिजू ने राहुल के सुझाए हुए नामों में से किसी को भी नहीं चुना है। यही कारण है कि अब शशि थरूर की नियुक्ती पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, हम सीधी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सरकार किस तरह के बैट से खेल रही है, ये समझ नहीं आ रहा। यह एक गंभीर राष्ट्रीय मसला है, कोई पॉलिटिकल स्पिन ज़ोन नहीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है और विपक्ष को केवल दिखावे के लिए साथ लाने की कोशिश कर रही है। रमेश ने कहा, 1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ था, वहां स्पष्ट नैरेटिव था. लेकिन आज सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में है।

क्या पहलगाम हमले पर होगी कारगिल समीक्षा समिति जैसी जांच? कांग्रेस का मोदी सरकार से सवाल

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पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव अब कम होता दिख रहा है। दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है और बॉर्डर पर शांति है। हालांकि, इसको लेकर देश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र से सवाल पूछा है कि, क्या सरकार पहलगाम आतंकी हमले को कारगिल समीक्षा समिति जैसी जांच करेगी। वहीं इसके साथ ही कांग्रेस ने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका को लेकर सरकार से सवाल और सर्वदलीय बैठक के साथ-साथ संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

पहलगाम हमले की समीक्षा होगी?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कारगिल युद्ध खत्म होने के तीन दिन बाद, 29 जुलाई 1999 को वाजपेयी सरकार ने 'कारगिल समीक्षा समिति' बनाई थी। इसकी रिपोर्ट 23 फरवरी 2000 को संसद में रखी गई थी, हालांकि उसकी कुछ बातें आज भी गोपनीय हैं – और रहनी भी चाहिए।' उन्होंने लिखा, 'उस कमेटी की अध्यक्षता भारत के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रह्मण्यम ने की थी, जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी के पिता हैं। क्या मोदी सरकार अब 'पहलगाम' की घटना पर वैसी ही कोई जांच कराएगी, भले ही एनआईए जांच कर रही हो?'

ट्रंप के किस दावे पर कांग्रेस कर रही सवाल?

ये सवाल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावे को लेकर उठ रहे हैं। दरअसल, ट्रंप ने कहा, "शनिवार को हमने भारत और पाकिस्तान के बीच एक पूर्ण और तात्कालिक युद्धविराम कराने में मदद की। यह एक स्थायी समझौता है, और हमने एक बड़ा परमाणु टकराव टाल दिया।' उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से कहा कि अगर वे युद्ध बंद करते हैं, तो अमेरिका उनके साथ बड़ा व्यापार करेगा। और अगर नहीं माने, तो कोई व्यापार नहीं होगा। ट्रंप ने यह भी कहा, 'लोगों ने कभी व्यापार को इस तरह से इस्तेमाल नहीं किया जैसे मैंने किया। मैंने कहा – युद्ध बंद करो, तो व्यापार होगा, नहीं तो कुछ नहीं। और उन्होंने युद्ध बंद कर दिया।'

सीजफायर को लेकर किया था ये दावा

इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ। उन्होंने सबसे पहले यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान में संघर्षविराम हो गया है। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने संघर्षविराम की पुष्टि की। इतना ही नहीं, इसके तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने तो यहां तक दावा कर दिया कि दोनों देश किसी तटस्थ देश में बैठक कर विवादों पर बातचीत करेंगे। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया कि इस संघर्षविराम में किसी भी तीसरे देश की भूमिका नहीं है।

ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस का बयान, कहा- सेना पर गर्व है, हम सरकार के साथ

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला ले लिया है। मंगलवार-बुधवार की रात करीब 1 बजकर 30 मिनट पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की। भारतीय सेना की इस कार्रवाई के बाद पूरा देश खुश है। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार जो कदम उठा रही है, हम उसके साथ हैं। हमें भारतीय शस्त्र दलों पर गर्व है।

भारतीय सेना की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस ने कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें तमाम शीर्ष कांग्रेस नेता शामिल हुए हैं। वहीं इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता की। आज हमने वर्किंग कमेटी मीटिंग बुलाई थी। हमारे देश में घटना घटी है और जो सरकार कदम उठा रही है। हम उसका समर्थन करते हैं और उसी के साथ भारतीय सशस्त्र बलों पर भी हम गर्व करते हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर साहसिक कार्रवाई करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया है।

खरगे ने आगे कहा कि पहलगाम हमले के बाद से हमने सरकार की हर कार्रवाई का समर्थन किया था। इस मुद्दे पर कोई भेदभाव नहीं है और हम एकजुट होकर समर्थन कर रहे हैं।पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकवाद के खिलाफ सभी नीति के खिलाफ भारत की नीति साफ है। उन्होंने कहा किभारत देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी स्तर पर एकजुटता की सर्वाधिक स्तर है। कांग्रेस जवानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी है। इतिहास है कि नायकों ने राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखा है और अपनी शहादत दी है।

वहीं इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, हमने कार्यसमिति में चर्चा की। हमारी सेनाओं को पूरा समर्थन। उन्हें शुभकामनाएं। उन्हें ढेर सारा प्यार। कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पूरा समर्थन है। हमें कल सर्वदलीय बैठक के लिए बुलाया गया है।

इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा, हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। जय हिंद!

यह कई लोगों की नींद हराम कर देगा...मंच पर थरूर की मौजूदगी को लेकर पीएम मोदी का राहुल गांधी पर तंज

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केरल दौरे पर हैं। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के साथ मंच साझा किया। केरल के तिरुवनंतपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,900 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ‘विझिनजाम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट’ को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अलावा मंच पर कांग्रेस नेता शशि थरूर भी मौजूद रहे। यहां कांग्रेस का नाम लिए बगैर पीएम ने कहा कि आज का यह इवेंट कई लोगों को नींद हराम कर देगा।

इशारों ही इशारों में राहुल को संदेश

कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी और शशि थरूर की अदावत जगजाहिर है। अब इस पर पीएम मोदी ने भी चुटकी ली है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस पर हमला बोला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे सीएम से कहना चाहूंगा कि आप तो इंडी अलाइंस के मजबूत पिलर रहे हैं। आज शशी थरूर भी बैठे हैं। आज का ये इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा। मैसेज चला गया, जहां जाना था। इसके बाद खुद पीएम मोदी मुस्कुराने लगे। मंच पर मौजूद पिनराई विजयन और शशि थरूर भी इस दौरान मुस्कुराते दिखे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने राहुल गांधी और शशि थरूर के बीच कथित तकरार पर तंज कसा है।

थरूर ने एयरपोर्ट पर की पीएम का आगवानी

इससे पहले पीएम मोदी गुरुवार को केरल पहुंचे थे, जहां सीएम के साथ तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने उनका स्वागत किया था। शशि थरूर ने दिल्ली एयरपोर्ट पर देरी के बावजूद तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर समय से पहुंचकर प्रधानमंत्री की आगवानी की। शशि थरूर ने एक्स पर लिखा, दिल्ली हवाई अड्डे पर देरी होने के बावजूद, मैं समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंच गया और पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी के साथ तस्वीरें भी शेयर कीं। उन्होंने लिखा कि मैं विझिंजम पोर्ट के उद्घाटन का इंतजार कर रहा हूं। मुझे इस परियोजना से शुरू से ही जुड़ने पर गर्व है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ तस्वीरें भी शेयर कीं।

अडानी की तारीफ

पीएम मोदी ने मंच से गौतम अडानी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, मैं अभी पोर्ट का विजीट करके आया हूं। जब गुजरात के लोगों को पता चलेगा कि अडानी ने केरल में इतना बढ़िया पोर्ट बनाया है। ये गुजरात में 30 साल से काम कर रहे हैं, मगर अभी तक ऐसा पोर्ट नहीं बनाया। तब उनको (अडानी को) गुजरात के लोगों से गुस्सा सहन करने के लिए तैयार रहना होगा।

बिहार चुनाव से पहले जात‍ि जनगणना का एलान, राहुल के हाथ से निकला बड़ा मुद्दा

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देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने जाति जनगणना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। केन्द्र की मोदी सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ये बड़ा दांव खेला है। दरअसल, राहुल गांधी जातिगत जनगणना को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपनाते आ रहे थे। ऐसे में चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता था। लेकिन केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का वादा कर कांग्रेस के हाथ से यह मुद्दा छीन लिया है।

फिलहाल देश में पहलगाम हमले के कारण माहौल गर्म है। ऐसे समय में मोदी सरकार ने बहुत बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है। एनडीए सरकार ने तय किया है कि वह 2026 में होने वाली जनगणना के साथ ही देश भर में जातीय जनगणना भी कराएगी। कांग्रेस और खासकर इसके नेता राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनावों से ही इसकी मांग कर रहे थे और इसे उन्होंने अपना सबसे बड़ा मुद्दा बना लिया था। लेकिन, मोदी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से जातीय जनगणना की बात कहकर देश की राजनीति को पूरी तरह से नया मोड़ दे दिया है। इसका सबसे पहला प्रभाव बिहार विधानसभा चुनाव पड़ सकता है।

2024 के लोकसभा चुनावों में खासकर के उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक को इसका फायदा भी मिला था। बीजेपी को उसके ओबीसी और दलित वोट बैंक का नुकसान भी हुआ। क्योंकि, तब कांग्रेस और सहयोगियों ने यह जोरदार प्रचार किया था कि बीजेपी इसीलिए 400 सीटें मांग रही है, ताकि वह संविधान बदलकर आरक्षण को खत्म कर सके। बाद में उन्होंने तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस की अपनी सरकारों पर भी इस तरह की जनगणना की रिपोर्ट जारी करने का दबाव बनाया। इससे भी कांग्रेस यह संदेश देने में सफल रही है कि यदि वह केंद्र में सत्ता में आती है तो वह पूरे देश में जातिगत जनगणना कराएगी। अब जिस तरह से सरकार ने परिस्थितियां पलटने की कोशिश की है, उसके बाद राहुल अपने एजेंडे का किस हद तक फायदा उठा सकेंगे, यह बड़ा सवाल है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है। हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

राहुल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2023 में सबसे पहले जाति जनगणना की मांग की थी। इसके बाद वे देश-विदेश की कई सभाओं और फोरम पर केंद्र से जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। नीचे ग्राफिक में देखें राहुल ने कब और कहां जाति जनगणना की मांग दोहराई

आतंकियों की हिमायती बनें कांग्रेस के ये नेता! बोले- उनके पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे

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पहलगाम अटैक के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का आतंकी की हिमायती बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल पूछा है कि इस बात का क्या प्रमाण है कि धर्म पूछ कर मारा गया है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार की- वडेट्टीवार

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम अटैक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था। यह सब सरकार की विफलता है। इन सब चीजों पर सरकार बात नहीं करती है।

आतंकी को पूछने का समय होता है क्या- वडेट्टीवार

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, वो कहते हैं कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या? वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान? यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

कांग्रेस लगातार उठा रही सरकार पर सवाल

वडेट्टीवार से पहले भी कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सवाल उठाए हैं। इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

पीड़ितों ने किया ये दावा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना में 26 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वह मंजर कैसा था, जब आतंकवादियों की ओर से गोलियां बरसाई जा रही थीं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने मीडिया के सामने दावा किया है कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर इस नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा। शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा। जब आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया कि पर्यटक हिंदू हैं तो गोली चलाकर मार डाला। साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के पीएम मोदी को दे देना।

शशि थरूर कांग्रेस पार्टी में हैं या बीजेपी में', जानें अपनी ही पार्टी में क्यों घिरे तिरुवनंतपुरम सांसद?

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कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर सरकार के पक्ष में बयान दे दिया। दरअसल, कांग्रेस ने सरकार की ओर से सुरक्षा चूक और खुफिया नाकामी को लेकर सवाल उठाए थे। वहीं, शशि थरूर ने पहलगाम हमले को लेकर कहा था कि कोई भी देश कभी भी सौ फीसदी फुलप्रूफ खुफिया जानकारी नहीं रख सकता है। शशि थरूर के बयान पर उदित राज ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता उदित राज का कहना है कि शशि थरूर पहलगाम हमले को लेकर पार्टी लाइन से अलग हट गए हैं। उन्होंने सवाल किया है कि शशि थरूर कांग्रेस पार्टी में हैं या बीजेपी में हैं।

शशि थरूर क्या कहा?

थरूर ने अपने बयान में थरूर ने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी देश के पास कभी भी 100% पुख्ता खुफिया जानकारी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, कोई पूरी तरह से पुख्ता खुफिया जानकारी नहीं थी। कुछ विफलताएं थीं, लेकिन हमारे पास इज़रायल का उदाहरण है, जो सभी के अनुसार दुनिया की सबसे अच्छी खुफिया सेवाएं हैं, जिन्हें सिर्फ़ दो साल पहले 7 अक्टूबर को आश्चर्य हुआ था। मुझे लगता है कि जिस तरह इजरायल युद्ध के अंत तक जवाबदेही की मांग करने का इंतज़ार कर रहा है। उसी तरह, मुझे लगता है कि हमें भी मौजूदा संकट को देखना चाहिए और फिर सरकार से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए।

थरूर ने आगे कहा कि देश के लोग, जिनमें वे भी शामिल हैं, कभी भी उन विभिन्न आतंकी हमलों के बारे में नहीं जान पाते जिन्हें सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया। उन्होंने कहा, हमें केवल उन लोगों के बारे में पता चलता है जिन्हें हम विफल करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा विफलता पर सरकार से सवाल तब पूछा जाना चाहिए जब भारत पहलगाम हत्याकांड का मुंहतोड़ जवाब दे।

खुद की पार्टी को रास नहीं आया थरूर का बयान

शशि थरूर का बयान उनकी खुद की पार्टी को रास नहीं आया, क्योंकि पार्टी के एक अन्य नेता उदित राज ने उनसे सवाल किया कि क्या वह “सुपर-बीजेपी मैन” बनने की कोशिश कर रहे हैं।समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उदित राज ने कहा, मैं शशि थरूर से यह पूछना चाहता हूं कि वह कांग्रेस पार्टी में हैं या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में? क्या वह सुपर-बीजेपी मैन बनने की कोशिश कर रहे हैं?

ऑल पार्टी मीटिंग में झूठ बोलने का आरोप

उदित राज ने ये भी कहा, साल 2013-14 के चुनाव में यह भी कहा गया था कि मोदी जी प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो लाहौर तक घुसकर मारेंगे। शशि थरूर को क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि क्या घुसकर मारे? उन्हें ये भी पूछना चाहिए कि यूपीए सरकार पीओके नहीं ले पाई तो आप पीओके कब ले रहे हैं। शशि थरूर को यह भी पूछना चाहिए कि जो ऑल पार्टी मीटिंग में झूठ बोला कि बैसरन घाटी दो दिन पहले खुला। टूरिस्ट और वहां के ऑपरेटर ने बताया कि ये पूरे साल तक खुला रहता है।

उदित राज का तीखे सवाल

उदित राज ने सवाल किया, क्या शशि थरूर बीजेपी के वकील बन गए हैं? मुझे तो लगता है कि भारतीय जनता पार्टी वाले भी इतना बड़ा वकील नहीं हो पाएंगे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अमेरिका में 9/11 के बाद कौन सी आतंकी घटना हुई थी? चाइना में कौन सी घटना हो गई? इजरायल एक अपवाद है, यहां कोई अपवाद थोड़े ही है। उरी हुआ, पुलवामा की घटना हुई और इसके अलावा भी गुलमर्ग भी हुआ। राजौरी में हुआ। पहलगाम में हुआ।

क्या बीजेपी ने अपना प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है-उदित राज

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, शशि थरूर जी ये तय कर लें कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है? बीजेपी जो दावा कर रही है, ये उनको नजर नहीं आ रहा है? विपक्ष उचित सवाल पूछ रहा है और जिसे सत्ता पक्ष ने भी माना है कि हमारी सिक्योरिटी लैप्स है तो ये उसपर भी लीपापोती कर रहे हैं। मैं तो बड़ा हैरान हूं।

पहलगाम आतंकी हमला मामले में कांग्रेस ने बदला रूख, सरकार से पूछे ये पांच सवाल

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पहलगाम हमला मामले में कल तक सरकार के साथ खड़ी ने अब सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस ने सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि इस हमले से पूरा देश आहत है। मगर कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब देश की जनता चाहती है।

कांग्रेस ने सरकार से पूछे 6 सवाल

कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स पर घटना के बाद का वीडियो पोस्ट करते हुए सरकार से कई सवाल पूछे। कांग्रेस ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमला कई सवाल खड़े करता है...सुरक्षा में चूक कैसे हुई? इंटेलिजेंस फेल कैसे हुआ? आतंकी बॉर्डर के अंदर कैसे आए? 28 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? क्या गृह मंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे? क्या PM मोदी इस चूक की जिम्मेदारी लेंगे?

सरकार को सपोर्ट देने की कही थी बात

इससे एक दिन पहले ही सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'इस हादसे में बहुत से निर्दोष लोग मारे गए हैं, हम सभी ने मिलकर कहा है कि देशहित में सरकार जो भी एक्शन लेगी हम सब एक हैं और हम उन्हें सपोर्ट करेंगे। वहां जो हादसा हुआ है, हम उसकी निंदा करते हैं, हमें देश को पैगाम देना है कि हम सब एक हैं।

सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर की मोदी सरकार की सराहना, बोले- खत्म हुई बड़ी समस्या

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शशि थरूर के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को लेकर बड़ा बयान दिया है और मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की है। खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर सरकार की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से बड़ी समस्या का अंत हो गया है। सलमान खुर्शीद का ये बयान शशि थरूर के बाद पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

आतंकवाद पर भारत की नीति को साफ करने और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सरकार ने दुनियाभर के 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है।

सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी- खुर्शीद

अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।

आज कश्मीर में तरक्की हो रही है- खुर्शीद

खुर्शीद ने बताया कि इसके बाद हुए चुनावों में 65 प्रतिशत मतदान हुआ और आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर में जो तरक्की हो रही है, उसे कोई पीछे ले जाने की सोच भी नहीं सकता। ऐसा करना उचित नहीं होगा।

केंद्र के ऑल पार्टी डेलिगेशन पर उठ रहे सवाल, कांग्रेस की नाराजगी के बाद आया शशि थरूर का बयान

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। हालांकि, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों पर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जाहिर की जा रही है। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर का भी नाम शामिल है, जिसे लेकर कांग्रेस खफा है।

संसद की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने प्रतिनिधिमंडलों में शामिल नामों को लेकर कांग्रेस की आपत्तियों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसको लेकर एक सवाल के जवाब में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, मैं इस मुद्दे में नहीं पड़ूंगा।

बता दें कि थरूर को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने के लिए चुना है। उनका समूह अमेरिका और चार अन्य देशों का दौरा करेगा। हांलांकि, कांग्रेस ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए अपनी ओर से जिन चार नेताओं के नाम सरकार को भेजे थे, उनमें थरूर का नाम शामिल नहीं था।

रिजिजू के दावे को बताया झूठा

सरकार की ओर से प्रतिनिधिमंडल के लिए चार सांसदों के नाम मांगे जाने के बाद, कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य राजा बरार के नाम दिए थे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किरेन रिजिजू का ये दावा झूठा है कि सरकार ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए कांग्रेस से चार नाम नहीं मांगे थे। उन्होंने ये भी कहा कि प्रतिनिधिमंडलों के लिए नामों की स्वीकृति ना लेकर सरकार ने तुच्छ राजनीति की है।

पीएम मोदी का विमर्श पंचर हो चुका-जयराम रमेश

जयराम रमेश ने आगे कहा कि विदेशी दौरों पर कांग्रेस के बारे में बुरा-भला कहने और उसे बदनाम करने वाले प्रधानमंत्री मोदी अब उसकी मदद ले रहे हैं क्योंकि उनका विमर्श पंचर हो चुका है।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सियासत तेज, जानें थरूर को लेकर जयराम रमेश ने क्या कहा?

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केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के डेलिगेशन बनाए हैं। ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्य देशों का दौरा करेगा। इन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों में सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नाम की हो रही है। शशि थरूर ने नाम पर कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। दरअसल कांग्रेस ने इस डेलिगेशन के लिए 4 नामों का ऐलान किया है, जिसमें शशि थरूर का नाम शामिल नहीं है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर जानकारी शेयर करते हुए बताया कि शुक्रवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता से फोन पर बातचीत की थी। जिसमें राहुल गांधी ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने वाले चार सांसदों के नाम मंत्री जी को सुझाए, जो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत के दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करेंगे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे। हालांकि किरेन रिजिजू ने राहुल के सुझाए हुए नामों में से किसी को भी नहीं चुना है। यही कारण है कि अब शशि थरूर की नियुक्ती पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।

जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, हम सीधी क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन सरकार किस तरह के बैट से खेल रही है, ये समझ नहीं आ रहा। यह एक गंभीर राष्ट्रीय मसला है, कोई पॉलिटिकल स्पिन ज़ोन नहीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर भ्रम फैला रही है और विपक्ष को केवल दिखावे के लिए साथ लाने की कोशिश कर रही है। रमेश ने कहा, 1971 में कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हुआ था, वहां स्पष्ट नैरेटिव था. लेकिन आज सरकार डैमेज कंट्रोल मोड में है।

क्या पहलगाम हमले पर होगी कारगिल समीक्षा समिति जैसी जांच? कांग्रेस का मोदी सरकार से सवाल

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पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव अब कम होता दिख रहा है। दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है और बॉर्डर पर शांति है। हालांकि, इसको लेकर देश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र से सवाल पूछा है कि, क्या सरकार पहलगाम आतंकी हमले को कारगिल समीक्षा समिति जैसी जांच करेगी। वहीं इसके साथ ही कांग्रेस ने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका को लेकर सरकार से सवाल और सर्वदलीय बैठक के साथ-साथ संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

पहलगाम हमले की समीक्षा होगी?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'कारगिल युद्ध खत्म होने के तीन दिन बाद, 29 जुलाई 1999 को वाजपेयी सरकार ने 'कारगिल समीक्षा समिति' बनाई थी। इसकी रिपोर्ट 23 फरवरी 2000 को संसद में रखी गई थी, हालांकि उसकी कुछ बातें आज भी गोपनीय हैं – और रहनी भी चाहिए।' उन्होंने लिखा, 'उस कमेटी की अध्यक्षता भारत के रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रह्मण्यम ने की थी, जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर जी के पिता हैं। क्या मोदी सरकार अब 'पहलगाम' की घटना पर वैसी ही कोई जांच कराएगी, भले ही एनआईए जांच कर रही हो?'

ट्रंप के किस दावे पर कांग्रेस कर रही सवाल?

ये सवाल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावे को लेकर उठ रहे हैं। दरअसल, ट्रंप ने कहा, "शनिवार को हमने भारत और पाकिस्तान के बीच एक पूर्ण और तात्कालिक युद्धविराम कराने में मदद की। यह एक स्थायी समझौता है, और हमने एक बड़ा परमाणु टकराव टाल दिया।' उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से कहा कि अगर वे युद्ध बंद करते हैं, तो अमेरिका उनके साथ बड़ा व्यापार करेगा। और अगर नहीं माने, तो कोई व्यापार नहीं होगा। ट्रंप ने यह भी कहा, 'लोगों ने कभी व्यापार को इस तरह से इस्तेमाल नहीं किया जैसे मैंने किया। मैंने कहा – युद्ध बंद करो, तो व्यापार होगा, नहीं तो कुछ नहीं। और उन्होंने युद्ध बंद कर दिया।'

सीजफायर को लेकर किया था ये दावा

इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम हुआ। उन्होंने सबसे पहले यह घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान में संघर्षविराम हो गया है। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने संघर्षविराम की पुष्टि की। इतना ही नहीं, इसके तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने तो यहां तक दावा कर दिया कि दोनों देश किसी तटस्थ देश में बैठक कर विवादों पर बातचीत करेंगे। हालांकि, भारत ने साफ कर दिया कि इस संघर्षविराम में किसी भी तीसरे देश की भूमिका नहीं है।

ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस का बयान, कहा- सेना पर गर्व है, हम सरकार के साथ

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का भारत ने बदला ले लिया है। मंगलवार-बुधवार की रात करीब 1 बजकर 30 मिनट पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की। भारतीय सेना की इस कार्रवाई के बाद पूरा देश खुश है। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार जो कदम उठा रही है, हम उसके साथ हैं। हमें भारतीय शस्त्र दलों पर गर्व है।

भारतीय सेना की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस ने कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें तमाम शीर्ष कांग्रेस नेता शामिल हुए हैं। वहीं इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता की। आज हमने वर्किंग कमेटी मीटिंग बुलाई थी। हमारे देश में घटना घटी है और जो सरकार कदम उठा रही है। हम उसका समर्थन करते हैं और उसी के साथ भारतीय सशस्त्र बलों पर भी हम गर्व करते हैं, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों पर साहसिक कार्रवाई करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया है।

खरगे ने आगे कहा कि पहलगाम हमले के बाद से हमने सरकार की हर कार्रवाई का समर्थन किया था। इस मुद्दे पर कोई भेदभाव नहीं है और हम एकजुट होकर समर्थन कर रहे हैं।पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकवाद के खिलाफ सभी नीति के खिलाफ भारत की नीति साफ है। उन्होंने कहा किभारत देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी स्तर पर एकजुटता की सर्वाधिक स्तर है। कांग्रेस जवानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ी है। इतिहास है कि नायकों ने राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखा है और अपनी शहादत दी है।

वहीं इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, हमने कार्यसमिति में चर्चा की। हमारी सेनाओं को पूरा समर्थन। उन्हें शुभकामनाएं। उन्हें ढेर सारा प्यार। कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस कार्यसमिति की ओर से पूरा समर्थन है। हमें कल सर्वदलीय बैठक के लिए बुलाया गया है।

इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी ने लिखा, हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। जय हिंद!

यह कई लोगों की नींद हराम कर देगा...मंच पर थरूर की मौजूदगी को लेकर पीएम मोदी का राहुल गांधी पर तंज

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केरल दौरे पर हैं। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर के साथ मंच साझा किया। केरल के तिरुवनंतपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,900 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित ‘विझिनजाम इंटरनेशनल डीपवाटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट’ को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के अलावा मंच पर कांग्रेस नेता शशि थरूर भी मौजूद रहे। यहां कांग्रेस का नाम लिए बगैर पीएम ने कहा कि आज का यह इवेंट कई लोगों को नींद हराम कर देगा।

इशारों ही इशारों में राहुल को संदेश

कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी और शशि थरूर की अदावत जगजाहिर है। अब इस पर पीएम मोदी ने भी चुटकी ली है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इशारों ही इशारों में कांग्रेस पर हमला बोला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे सीएम से कहना चाहूंगा कि आप तो इंडी अलाइंस के मजबूत पिलर रहे हैं। आज शशी थरूर भी बैठे हैं। आज का ये इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा। मैसेज चला गया, जहां जाना था। इसके बाद खुद पीएम मोदी मुस्कुराने लगे। मंच पर मौजूद पिनराई विजयन और शशि थरूर भी इस दौरान मुस्कुराते दिखे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने राहुल गांधी और शशि थरूर के बीच कथित तकरार पर तंज कसा है।

थरूर ने एयरपोर्ट पर की पीएम का आगवानी

इससे पहले पीएम मोदी गुरुवार को केरल पहुंचे थे, जहां सीएम के साथ तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने उनका स्वागत किया था। शशि थरूर ने दिल्ली एयरपोर्ट पर देरी के बावजूद तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर समय से पहुंचकर प्रधानमंत्री की आगवानी की। शशि थरूर ने एक्स पर लिखा, दिल्ली हवाई अड्डे पर देरी होने के बावजूद, मैं समय पर तिरुवनंतपुरम पहुंच गया और पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी के साथ तस्वीरें भी शेयर कीं। उन्होंने लिखा कि मैं विझिंजम पोर्ट के उद्घाटन का इंतजार कर रहा हूं। मुझे इस परियोजना से शुरू से ही जुड़ने पर गर्व है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ तस्वीरें भी शेयर कीं।

अडानी की तारीफ

पीएम मोदी ने मंच से गौतम अडानी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा, मैं अभी पोर्ट का विजीट करके आया हूं। जब गुजरात के लोगों को पता चलेगा कि अडानी ने केरल में इतना बढ़िया पोर्ट बनाया है। ये गुजरात में 30 साल से काम कर रहे हैं, मगर अभी तक ऐसा पोर्ट नहीं बनाया। तब उनको (अडानी को) गुजरात के लोगों से गुस्सा सहन करने के लिए तैयार रहना होगा।

बिहार चुनाव से पहले जात‍ि जनगणना का एलान, राहुल के हाथ से निकला बड़ा मुद्दा

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देश में आजादी के बाद पहली बार जाति जनगणना कराई जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने जाति जनगणना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे मूल जनगणना के साथ ही कराया जाएगा। केन्द्र की मोदी सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ये बड़ा दांव खेला है। दरअसल, राहुल गांधी जातिगत जनगणना को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपनाते आ रहे थे। ऐसे में चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता था। लेकिन केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का वादा कर कांग्रेस के हाथ से यह मुद्दा छीन लिया है।

फिलहाल देश में पहलगाम हमले के कारण माहौल गर्म है। ऐसे समय में मोदी सरकार ने बहुत बड़ा राजनीतिक फैसला लिया है। एनडीए सरकार ने तय किया है कि वह 2026 में होने वाली जनगणना के साथ ही देश भर में जातीय जनगणना भी कराएगी। कांग्रेस और खासकर इसके नेता राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनावों से ही इसकी मांग कर रहे थे और इसे उन्होंने अपना सबसे बड़ा मुद्दा बना लिया था। लेकिन, मोदी सरकार ने अप्रत्याशित रूप से जातीय जनगणना की बात कहकर देश की राजनीति को पूरी तरह से नया मोड़ दे दिया है। इसका सबसे पहला प्रभाव बिहार विधानसभा चुनाव पड़ सकता है।

2024 के लोकसभा चुनावों में खासकर के उत्तर प्रदेश में इंडिया ब्लॉक को इसका फायदा भी मिला था। बीजेपी को उसके ओबीसी और दलित वोट बैंक का नुकसान भी हुआ। क्योंकि, तब कांग्रेस और सहयोगियों ने यह जोरदार प्रचार किया था कि बीजेपी इसीलिए 400 सीटें मांग रही है, ताकि वह संविधान बदलकर आरक्षण को खत्म कर सके। बाद में उन्होंने तेलंगाना और कर्नाटक में कांग्रेस की अपनी सरकारों पर भी इस तरह की जनगणना की रिपोर्ट जारी करने का दबाव बनाया। इससे भी कांग्रेस यह संदेश देने में सफल रही है कि यदि वह केंद्र में सत्ता में आती है तो वह पूरे देश में जातिगत जनगणना कराएगी। अब जिस तरह से सरकार ने परिस्थितियां पलटने की कोशिश की है, उसके बाद राहुल अपने एजेंडे का किस हद तक फायदा उठा सकेंगे, यह बड़ा सवाल है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि जाति जनगणना की शुरुआत सितंबर में की जा सकती है। हालांकि जनगणना की प्रोसेस पूरी होने में एक साल लगेगा। ऐसे में जनगणना के अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में मिल सकेंगे। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। इस हिसाब से 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

राहुल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 2023 में सबसे पहले जाति जनगणना की मांग की थी। इसके बाद वे देश-विदेश की कई सभाओं और फोरम पर केंद्र से जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। नीचे ग्राफिक में देखें राहुल ने कब और कहां जाति जनगणना की मांग दोहराई

आतंकियों की हिमायती बनें कांग्रेस के ये नेता! बोले- उनके पास इतना समय नहीं कि वह धर्म पूछकर मारेंगे

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पहलगाम अटैक के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया कह चुके हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का आतंकी की हिमायती बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल पूछा है कि इस बात का क्या प्रमाण है कि धर्म पूछ कर मारा गया है।

पहलगाम हमले की जिम्मेदारी सरकार की- वडेट्टीवार

महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने पहलगाम अटैक को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो आतंकी घटना हुई इसकी जिम्मेदारी तो सरकार को लेनी चाहिए। 26 पर्यटकों की जान गई। वहां पर सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं थी? आतंकी घुस कर पर्यटकों को मार देते हैं। इसे लेकर खुफिया विभाग क्या कर रहा था। यह सब सरकार की विफलता है। इन सब चीजों पर सरकार बात नहीं करती है।

आतंकी को पूछने का समय होता है क्या- वडेट्टीवार

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा, वो कहते हैं कि आतंकवादियों ने हिंदू पूछ कर मारा, आतंकी को पूछने का समय होता है क्या? वह मारने वाले के कान में जाकर पूछे कि तुम हिंदू हो या फिर मुसलमान? यह बहुत सारी विवादित बातें हैं, कोई बोलता है ऐसा हुआ ही नहीं, कोई बोलता है ऐसा हुआ। आतंकवादी की कोई जात या धर्म नहीं होता है। उनको पकड़ कर एक्शन लेना चाहिए।

कांग्रेस लगातार उठा रही सरकार पर सवाल

वडेट्टीवार से पहले भी कांग्रेस के दूसरे नेताओं ने पहलगाम हमले के बाद सवाल उठाए हैं। इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?

वहीं, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

पीड़ितों ने किया ये दावा

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना में 26 लोगों को आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था। उनके परिजनों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया था कि वह मंजर कैसा था, जब आतंकवादियों की ओर से गोलियां बरसाई जा रही थीं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों ने मीडिया के सामने दावा किया है कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर इस नरसंहार को अंजाम दिया। आतंकियों ने मारने से पहले धर्म पूछा। शक होने पर कलमा पढ़ने को कहा। जब आतंकियों ने यह सुनिश्चित किया कि पर्यटक हिंदू हैं तो गोली चलाकर मार डाला। साथ ही आतंकियों ने यह भी कहा कि यह संदेश देश के पीएम मोदी को दे देना।

शशि थरूर कांग्रेस पार्टी में हैं या बीजेपी में', जानें अपनी ही पार्टी में क्यों घिरे तिरुवनंतपुरम सांसद?

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कांग्रेस के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर एक बार फिर अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर सरकार के पक्ष में बयान दे दिया। दरअसल, कांग्रेस ने सरकार की ओर से सुरक्षा चूक और खुफिया नाकामी को लेकर सवाल उठाए थे। वहीं, शशि थरूर ने पहलगाम हमले को लेकर कहा था कि कोई भी देश कभी भी सौ फीसदी फुलप्रूफ खुफिया जानकारी नहीं रख सकता है। शशि थरूर के बयान पर उदित राज ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता उदित राज का कहना है कि शशि थरूर पहलगाम हमले को लेकर पार्टी लाइन से अलग हट गए हैं। उन्होंने सवाल किया है कि शशि थरूर कांग्रेस पार्टी में हैं या बीजेपी में हैं।

शशि थरूर क्या कहा?

थरूर ने अपने बयान में थरूर ने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी देश के पास कभी भी 100% पुख्ता खुफिया जानकारी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, कोई पूरी तरह से पुख्ता खुफिया जानकारी नहीं थी। कुछ विफलताएं थीं, लेकिन हमारे पास इज़रायल का उदाहरण है, जो सभी के अनुसार दुनिया की सबसे अच्छी खुफिया सेवाएं हैं, जिन्हें सिर्फ़ दो साल पहले 7 अक्टूबर को आश्चर्य हुआ था। मुझे लगता है कि जिस तरह इजरायल युद्ध के अंत तक जवाबदेही की मांग करने का इंतज़ार कर रहा है। उसी तरह, मुझे लगता है कि हमें भी मौजूदा संकट को देखना चाहिए और फिर सरकार से जवाबदेही की मांग करनी चाहिए।

थरूर ने आगे कहा कि देश के लोग, जिनमें वे भी शामिल हैं, कभी भी उन विभिन्न आतंकी हमलों के बारे में नहीं जान पाते जिन्हें सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया। उन्होंने कहा, हमें केवल उन लोगों के बारे में पता चलता है जिन्हें हम विफल करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा विफलता पर सरकार से सवाल तब पूछा जाना चाहिए जब भारत पहलगाम हत्याकांड का मुंहतोड़ जवाब दे।

खुद की पार्टी को रास नहीं आया थरूर का बयान

शशि थरूर का बयान उनकी खुद की पार्टी को रास नहीं आया, क्योंकि पार्टी के एक अन्य नेता उदित राज ने उनसे सवाल किया कि क्या वह “सुपर-बीजेपी मैन” बनने की कोशिश कर रहे हैं।समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उदित राज ने कहा, मैं शशि थरूर से यह पूछना चाहता हूं कि वह कांग्रेस पार्टी में हैं या भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में? क्या वह सुपर-बीजेपी मैन बनने की कोशिश कर रहे हैं?

ऑल पार्टी मीटिंग में झूठ बोलने का आरोप

उदित राज ने ये भी कहा, साल 2013-14 के चुनाव में यह भी कहा गया था कि मोदी जी प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो लाहौर तक घुसकर मारेंगे। शशि थरूर को क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि क्या घुसकर मारे? उन्हें ये भी पूछना चाहिए कि यूपीए सरकार पीओके नहीं ले पाई तो आप पीओके कब ले रहे हैं। शशि थरूर को यह भी पूछना चाहिए कि जो ऑल पार्टी मीटिंग में झूठ बोला कि बैसरन घाटी दो दिन पहले खुला। टूरिस्ट और वहां के ऑपरेटर ने बताया कि ये पूरे साल तक खुला रहता है।

उदित राज का तीखे सवाल

उदित राज ने सवाल किया, क्या शशि थरूर बीजेपी के वकील बन गए हैं? मुझे तो लगता है कि भारतीय जनता पार्टी वाले भी इतना बड़ा वकील नहीं हो पाएंगे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अमेरिका में 9/11 के बाद कौन सी आतंकी घटना हुई थी? चाइना में कौन सी घटना हो गई? इजरायल एक अपवाद है, यहां कोई अपवाद थोड़े ही है। उरी हुआ, पुलवामा की घटना हुई और इसके अलावा भी गुलमर्ग भी हुआ। राजौरी में हुआ। पहलगाम में हुआ।

क्या बीजेपी ने अपना प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है-उदित राज

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, शशि थरूर जी ये तय कर लें कि क्या भारतीय जनता पार्टी ने अपना प्रवक्ता नियुक्त कर दिया है? बीजेपी जो दावा कर रही है, ये उनको नजर नहीं आ रहा है? विपक्ष उचित सवाल पूछ रहा है और जिसे सत्ता पक्ष ने भी माना है कि हमारी सिक्योरिटी लैप्स है तो ये उसपर भी लीपापोती कर रहे हैं। मैं तो बड़ा हैरान हूं।

पहलगाम आतंकी हमला मामले में कांग्रेस ने बदला रूख, सरकार से पूछे ये पांच सवाल

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पहलगाम हमला मामले में कल तक सरकार के साथ खड़ी ने अब सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस ने सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने कहा है कि इस हमले से पूरा देश आहत है। मगर कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब देश की जनता चाहती है।

कांग्रेस ने सरकार से पूछे 6 सवाल

कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स पर घटना के बाद का वीडियो पोस्ट करते हुए सरकार से कई सवाल पूछे। कांग्रेस ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमला कई सवाल खड़े करता है...सुरक्षा में चूक कैसे हुई? इंटेलिजेंस फेल कैसे हुआ? आतंकी बॉर्डर के अंदर कैसे आए? 28 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? क्या गृह मंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे? क्या PM मोदी इस चूक की जिम्मेदारी लेंगे?

सरकार को सपोर्ट देने की कही थी बात

इससे एक दिन पहले ही सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'इस हादसे में बहुत से निर्दोष लोग मारे गए हैं, हम सभी ने मिलकर कहा है कि देशहित में सरकार जो भी एक्शन लेगी हम सब एक हैं और हम उन्हें सपोर्ट करेंगे। वहां जो हादसा हुआ है, हम उसकी निंदा करते हैं, हमें देश को पैगाम देना है कि हम सब एक हैं।