"कीटाणु - द जर्म" : नीलू चोपड़ा की एक अनोखी शॉर्ट फिल्म जो सोचने पर मजबूर कर दे

  

मुंबई – मायानगरी मुंबई में जहाँ हर रोज़ कई फिल्में, शॉर्ट फिल्म्स और वेब सीरीज़ बनती हैं, वहीं मशहूर रंगकर्मी और अभिनेता नीलू चोपड़ा ने कुछ अलग और हटकर करने की चाह में एक ऐसी शॉर्ट फिल्म बनाई है, जो न सिर्फ अपने विषयवस्तु बल्कि अपनी प्रस्तुति के लिए भी बेहद खास है। इस फिल्म का नाम है – "कीटाणु – द जर्म"।

यह फिल्म पूरी तरह ब्लैक एंड व्हाइट में फिल्माई गई है और सबसे खास बात – इसमें एक भी संवाद नहीं है। नीलू चोपड़ा ने इस फिल्म को लेखक-निर्देशक रंजू साइकलोनी के साथ मिलकर निर्देशित भी किया है। फिल्म को पूरी तरह से फिल्म फेस्टिवल्स को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

कीटाणु की कहानी समाज के उस तबके पर आधारित है जो सबसे निचले स्तर पर जीवन यापन करता है – कचरा बीनने वाले, नशे की गिरफ्त में फंसे लोग, जिनकी जिंदगी नशे से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाती है। इस फिल्म ने दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि नशे के लिए कोई इंसान कितनी हद तक जा सकता है।

फिल्म की शूटिंग से पहले लगभग दो वर्षों तक रिसर्च और डेवलपमेंट का कार्य किया गया। फिल्म में नीलू चोपड़ा के अलावा मधु चोपड़ा, राजू खान, सूरज भारती, आदित्य नारायण और राजेश पंथी जैसे कलाकारों ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं। विशेष रूप से नीलू चोपड़ा का किरदार बिना संवाद के भी बहुत कुछ बयां करता है।

फिल्म की तकनीकी टीम:

 डीओपी – सुशील बताला

 मेकअप – भूमि पाठक

 बैकग्राउंड म्यूज़िक – सुधाकर स्नेह जी

 डायरेक्शन और एडिटिंग – भूपिंदर जी

 लोकेशन – वर्सोवा, मध जेट्टी (मुंबई)

 लोकेशन मैनेजर – राजेश पंथी

यह फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि समाज के उस कड़वे सच का आइना है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। "कीटाणु – द जर्म" एक ऐसी कलात्मक प्रस्तुति है जो दर्शकों के दिल और दिमाग दोनों पर अपनी गहरी छाप छोड़ती है।

उम्मीद है कि यह फिल्म न केवल दर्शकों को बल्कि फिल्म समीक्षकों को भी बेहद पसंद आएगी।

“Keetanu – The Germ”: A Film or a Harsh Social Reality Under Fire?

Mumbai – Even before its official screening, the short film “Keetanu – The Germ” has already stirred waves of controversy in film and social circles. Shot entirely in black and white and featuring no dialogues, the film by Neelu Chopra and co-director Ranju Cycloney has been hailed as bold by some — but deeply problematic by others.

The Core of the Controversy: Art or Exploitation?

While many are applauding the film as a "new wave of cinematic expression", several critics and social organizations are questioning its intent. The story revolves around drug-addicted ragpickers and society’s marginalized, portrayed in an intensely raw and bleak light.

Some activists argue that the film romanticizes or exploits the pain of the underprivileged, turning real-life suffering into a dramatic spectacle for awards and acclaim, rather than driving actual awareness or change.

No Dialogue, Yet Too Much To Say?

The filmmakers claim the absence of dialogue is meant to amplify the emotional weight of the visuals. But critics argue that silence in a socially charged subject like addiction may confuse audiences, or worse, strip the characters of their voice — literally and symbolically.

“This isn’t silence for artistic effect — this is silence that mutes an entire community,” one reviewer noted.

 Shooting Locations Spark Backlash

The film was shot in Versova and Madh Jetty in Mumbai — areas close to slum dwellings and underprivileged populations. Allegations have surfaced that local residents were not properly consulted or compensated, leading to discontent within those communities. Some claim the film used these real-life locations without contextual sensitivity.

 Filmmakers Respond: “We’re Just Holding Up a Mirror”

In her defense, Neelu Chopra stated in an interview:

> “Our goal was never to offend — we’re simply showing the harsh truth. If it’s uncomfortable, maybe it’s because it needs to be seen.”

Still, questions persist: Does cinema have a responsibility to protect the dignity of its subjects, even in fiction?

 Critics Divided, Debate Intensifies

Some cinephiles call the film a raw masterpiece, a “silent scream” of those whose stories are never told. Others see it as a calculated move to win critical attention by portraying poverty and addiction through a stylized lens.

The absence of spoken words hasn’t silenced the noise — if anything, it’s made the conversation louder, sharper, and far more polarized.

 Conclusion: The Film is Silent, But the Controversy is Not

“Keetanu – The Germ” might be a short film, but the storm it has created is anything but small. Whether it’s art, exploitation, or activism in disguise — one thing is certain:

भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक’, आपातकाल के 50 साल पर बोले पीएम मोदी

#pmnarendramodiemergencyanniversary

देश में 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र के इतिहास के काले अध्याय को याद करते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। यह वो वक्त था जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स लिखा, यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया। कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।

तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लिखा कि जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। पीएम ने लिखा कि मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सलाम-पीएम मोदी

पीएम ने आपातकाल के खिलाफ खड़े होने वालों को सलाम किया। पीएम ने कहा हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।

करियर लॉन्चर रायपुर द्वारा भव्य अचीवर्स मीट 2025 का आयोजन सम्पन्न हुआ

कानून एवं प्रबंधन प्रवेश परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले 50 से अधिक छात्रों का सम्मान

रायपुर- करियर लॉन्चर रायपुर ने अपने वार्षिक अचीवर्स मीट 2025 का आयोजन भव्य रूप से किया, जिसमें CLAT, AILET और IPM-BBA जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम होटल क्लार्क्स इन में आयोजित हुआ और यह सफलता, समर्पण एवं परिश्रम का उत्सव बन गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुजाता क्षीरसागर, प्रेसिडेंट एवं चीफ बिज़नेस ऑफिसर, करियर लॉन्चर रहीं। उन्होंने सभी प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित किया और करियर की योजना एवं सफलता के मंत्र साझा किए।

प्रमुख छात्रों की उपलब्धियाँ:

अनन्य तामस्कर – CLAT 2025 में अखिल भारतीय रैंक 3, पलक गोयंका – AILET 2025 में अखिल भारतीय रैंक 27, गोविंद खेतपाल – CLAT 2025 में अखिल भारतीय रैंक 299, ईशान अग्रवाल, करण लालवानी और अनया चंद्राकर – IIM इंदौर और IIM रोहतक के प्रतिष्ठित IPM कार्यक्रमों में चयनित हुए। 20 से अधिक छात्रों का चयन देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLUs) में हुआ, वहीं 25 से अधिक छात्रों ने भारत के शीर्ष BBA/IPM संस्थानों में स्थान पाया। कार्यक्रम में प्रियंका मैम, सेंटर डायरेक्टर, करियर लॉन्चर रायपुर एवं पूरी टीम उपस्थित रही। उन्होंने छात्रों की सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए करियर लॉन्चर की प्रतिबद्धता दोहराई कि वह छात्रों को उनके लक्ष्यों तक पहुँचाने में सदैव साथ रहेगा। कार्यक्रम का समापन प्रेरणादायक शब्दों और एक संवाद सत्र के साथ हुआ, जिसमें चयनित छात्रों ने वर्तमान अभ्यर्थियों से बातचीत कर उन्हें आगामी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित किया।

बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

#pmsaidrjdlaluyadavinsultedbaba_saheb 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

चुनाव से पहले बिहार में बहार, आज फिर आ रहे पीएम मोदी, देंगे 5736 करोड़ की सौगात

#pmmodicomingtosiwanbihartoday

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल 20 दिन में दूसरा और इस साल का 51वां बिहार प्रवास होगा। पीएम मोदी ने इससे पहले 29-30 मई को बिहार का दौरा किया था।

22 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महागठबंधन के गढ़ सिवान में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे वह सिवान पहुंचेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम 1 बजकर 15 मिनट तक चलेगा। सिवान की धरती पर 5,736 करोड़ रुपये की कुल 22 परियोजनाओं का तब उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 53,666 बेघर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के तौर पर 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित करेंगे। इसके अलावा, 6,684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए घरों की चाबी मिलेगी।

कई योजनाओं का होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री एक नई वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो पटना के पास पाटलिपुत्र जंक्शन और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलेगी। मोदी अमृत भारत योजना की 11 परियोजनाओं और नमामि गंगे परियोजना के तहत चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।

सिवान में पीएम की रैली के सियासी मायने

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने जीत का लक्ष्य रखा है। रैली के जरिए पीएम मोदी सिवान के साथ ही सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। महागठबंधन का ये इलाका एनडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह आसान कर सकती है।

बता दें कि सिवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां 25% से ज्यादा मुस्लिम हैं और यादव वोट भी अच्छी तादात में है। MY समीकरण की वजह से यहां आरजेडी का दबदबा है। लेकिन खास बात यह है कि सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश और बीजेपी के साथ है।

रांची में PM-ABHIM, MPLADS, BPHU, IPHL, DMFT, और Untied Fund की योजनाओं की समीक्षा बैठक, उपायुक्त ने दिए कई निर्देश

रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने PM-ABHIM, MPLADS, BPHU, IPHL, DMFT, और Untied Fund के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए सभी पदाधिकारियों को कार्यशैली में सुधार लाने और बेहतर क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया।

मुख्य बिंदु:

- योजनाओं का समयबद्ध पूर्ण होना: उपायुक्त ने सभी कार्यकारी एजेंसियों को योजनाओं को प्राक्कलन के अनुसार समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का निर्देश दिया।

- गुणवत्ता पर ध्यान देना: उपायुक्त ने सभी सम्बंधित पदाधिकारियों को योजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देने और किसी भी योजना के पूरा होने के बाद पूरी जाँच करके ही भुगतान करने का निर्देश दिया।

- लंबित निविदाओं और एकरारनामों का निपटारा: उपायुक्त ने लंबित निविदाओं और एकरारनामों को तत्काल निपटाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।

- 108 टॉल फ्री एम्बुलेंस को सदर अस्पताल एवं प्रखंड के अस्पताल से टैग करना और जिला में चल रही सभी योजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देना: उपायुक्त ने सिविल सर्जन को 108 टॉल फ्री एम्बुलेंस को सदर अस्पताल एवं प्रखंड के अस्पताल से टैग करने और सभी सम्बंधित पदाधिकारियों को योजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देने का निर्देश दिया।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

#pmmoditoughtalkwithdonaldtrump

कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

जी-7 में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी से हो सकती है मुलाकात

#pmmodimaymeetdonaldtrumping7

इस बार जी-7 की बैठक कनाडा में हो रही है। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता कनाडा के रॉकीज में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 से 17 जून तक आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। ट्रंप जी 7 बैठक में हिस्सा लेने कनाडा पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज कनाडा पहुंचेंगे। कनाडा में जी7 की बैठक से इतर पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है। हालांकि, किसी औपचारिक बैठक की संभावना की पुष्टि नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने कहा- सहयोगी देशों के नेताओं से बातचीत को उत्सुक

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, 'शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जगह देगा। मैं सहयोगी देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।' ऑपरेशन सिंदूर के सीजफायर को लेकर ट्रंप जिस तरह से लगातार बयानबाजी करते रहे हैं, उससे पीएम मोदी के साथ इस तरह की किसी भी संभावित मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।

जी7 समिट में इस बार क्या है एजेंडा?

इस साल कनाडा जी 7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा जी7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं। शुरुआत में जी7का एजेंडा आर्थिक चुनौतियों और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का हल निकालना था। बाद में राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी इसमें शामिल हो गए। वैश्विक मुद्दों पर जी7 के फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।

पीएम मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान, अब तक 20 से ज्यादा देशों में हुए सम्मानित

#pmmodireceiveshighesthonourofcyprus

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। साइप्रस ने सोमवार को पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान दिया।ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय साइप्रस की ओर से प्रदान किया जाने वाला नाइटहुड सम्मान है, जिसका नाम साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस तृतीय के नाम पर रखा गया था।

भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि साइप्रस के ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ सम्मान को प्राप्त करके मैं बहुत खुश हूं। मैं इसे हमारे देशों के बीच की मित्रता को समर्पित करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों को यह सम्मान समर्पित करते हुए कहा कि यह भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान है।

साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी सक्रिय साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। हम मिलकर न केवल अपने दोनों देशों की प्रगति को मजबूत करेंगे बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व के निर्माण में भी योगदान देंगे।

पीएम मोदी का 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था, जो प्रधानमंत्री मोदी को किसी अन्य देश द्वारा दिया गया है। इससे पहले मार्च में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया था। इसके बाद अप्रैल में श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को 'श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान' से सम्मानित किया था। पिछले साल दिसंबर में कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। कुवैत के अमीर अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा ने प्रधानमंत्री मोदी को 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया था।

"कीटाणु - द जर्म" : नीलू चोपड़ा की एक अनोखी शॉर्ट फिल्म जो सोचने पर मजबूर कर दे

  

मुंबई – मायानगरी मुंबई में जहाँ हर रोज़ कई फिल्में, शॉर्ट फिल्म्स और वेब सीरीज़ बनती हैं, वहीं मशहूर रंगकर्मी और अभिनेता नीलू चोपड़ा ने कुछ अलग और हटकर करने की चाह में एक ऐसी शॉर्ट फिल्म बनाई है, जो न सिर्फ अपने विषयवस्तु बल्कि अपनी प्रस्तुति के लिए भी बेहद खास है। इस फिल्म का नाम है – "कीटाणु – द जर्म"।

यह फिल्म पूरी तरह ब्लैक एंड व्हाइट में फिल्माई गई है और सबसे खास बात – इसमें एक भी संवाद नहीं है। नीलू चोपड़ा ने इस फिल्म को लेखक-निर्देशक रंजू साइकलोनी के साथ मिलकर निर्देशित भी किया है। फिल्म को पूरी तरह से फिल्म फेस्टिवल्स को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

कीटाणु की कहानी समाज के उस तबके पर आधारित है जो सबसे निचले स्तर पर जीवन यापन करता है – कचरा बीनने वाले, नशे की गिरफ्त में फंसे लोग, जिनकी जिंदगी नशे से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाती है। इस फिल्म ने दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि नशे के लिए कोई इंसान कितनी हद तक जा सकता है।

फिल्म की शूटिंग से पहले लगभग दो वर्षों तक रिसर्च और डेवलपमेंट का कार्य किया गया। फिल्म में नीलू चोपड़ा के अलावा मधु चोपड़ा, राजू खान, सूरज भारती, आदित्य नारायण और राजेश पंथी जैसे कलाकारों ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं। विशेष रूप से नीलू चोपड़ा का किरदार बिना संवाद के भी बहुत कुछ बयां करता है।

फिल्म की तकनीकी टीम:

 डीओपी – सुशील बताला

 मेकअप – भूमि पाठक

 बैकग्राउंड म्यूज़िक – सुधाकर स्नेह जी

 डायरेक्शन और एडिटिंग – भूपिंदर जी

 लोकेशन – वर्सोवा, मध जेट्टी (मुंबई)

 लोकेशन मैनेजर – राजेश पंथी

यह फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि समाज के उस कड़वे सच का आइना है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। "कीटाणु – द जर्म" एक ऐसी कलात्मक प्रस्तुति है जो दर्शकों के दिल और दिमाग दोनों पर अपनी गहरी छाप छोड़ती है।

उम्मीद है कि यह फिल्म न केवल दर्शकों को बल्कि फिल्म समीक्षकों को भी बेहद पसंद आएगी।

“Keetanu – The Germ”: A Film or a Harsh Social Reality Under Fire?

Mumbai – Even before its official screening, the short film “Keetanu – The Germ” has already stirred waves of controversy in film and social circles. Shot entirely in black and white and featuring no dialogues, the film by Neelu Chopra and co-director Ranju Cycloney has been hailed as bold by some — but deeply problematic by others.

The Core of the Controversy: Art or Exploitation?

While many are applauding the film as a "new wave of cinematic expression", several critics and social organizations are questioning its intent. The story revolves around drug-addicted ragpickers and society’s marginalized, portrayed in an intensely raw and bleak light.

Some activists argue that the film romanticizes or exploits the pain of the underprivileged, turning real-life suffering into a dramatic spectacle for awards and acclaim, rather than driving actual awareness or change.

No Dialogue, Yet Too Much To Say?

The filmmakers claim the absence of dialogue is meant to amplify the emotional weight of the visuals. But critics argue that silence in a socially charged subject like addiction may confuse audiences, or worse, strip the characters of their voice — literally and symbolically.

“This isn’t silence for artistic effect — this is silence that mutes an entire community,” one reviewer noted.

 Shooting Locations Spark Backlash

The film was shot in Versova and Madh Jetty in Mumbai — areas close to slum dwellings and underprivileged populations. Allegations have surfaced that local residents were not properly consulted or compensated, leading to discontent within those communities. Some claim the film used these real-life locations without contextual sensitivity.

 Filmmakers Respond: “We’re Just Holding Up a Mirror”

In her defense, Neelu Chopra stated in an interview:

> “Our goal was never to offend — we’re simply showing the harsh truth. If it’s uncomfortable, maybe it’s because it needs to be seen.”

Still, questions persist: Does cinema have a responsibility to protect the dignity of its subjects, even in fiction?

 Critics Divided, Debate Intensifies

Some cinephiles call the film a raw masterpiece, a “silent scream” of those whose stories are never told. Others see it as a calculated move to win critical attention by portraying poverty and addiction through a stylized lens.

The absence of spoken words hasn’t silenced the noise — if anything, it’s made the conversation louder, sharper, and far more polarized.

 Conclusion: The Film is Silent, But the Controversy is Not

“Keetanu – The Germ” might be a short film, but the storm it has created is anything but small. Whether it’s art, exploitation, or activism in disguise — one thing is certain:

भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक’, आपातकाल के 50 साल पर बोले पीएम मोदी

#pmnarendramodiemergencyanniversary

देश में 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र के इतिहास के काले अध्याय को याद करते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। यह वो वक्त था जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स लिखा, यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया। कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।

तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लिखा कि जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। पीएम ने लिखा कि मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सलाम-पीएम मोदी

पीएम ने आपातकाल के खिलाफ खड़े होने वालों को सलाम किया। पीएम ने कहा हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।

करियर लॉन्चर रायपुर द्वारा भव्य अचीवर्स मीट 2025 का आयोजन सम्पन्न हुआ

कानून एवं प्रबंधन प्रवेश परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने वाले 50 से अधिक छात्रों का सम्मान

रायपुर- करियर लॉन्चर रायपुर ने अपने वार्षिक अचीवर्स मीट 2025 का आयोजन भव्य रूप से किया, जिसमें CLAT, AILET और IPM-BBA जैसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम होटल क्लार्क्स इन में आयोजित हुआ और यह सफलता, समर्पण एवं परिश्रम का उत्सव बन गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुजाता क्षीरसागर, प्रेसिडेंट एवं चीफ बिज़नेस ऑफिसर, करियर लॉन्चर रहीं। उन्होंने सभी प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित किया और करियर की योजना एवं सफलता के मंत्र साझा किए।

प्रमुख छात्रों की उपलब्धियाँ:

अनन्य तामस्कर – CLAT 2025 में अखिल भारतीय रैंक 3, पलक गोयंका – AILET 2025 में अखिल भारतीय रैंक 27, गोविंद खेतपाल – CLAT 2025 में अखिल भारतीय रैंक 299, ईशान अग्रवाल, करण लालवानी और अनया चंद्राकर – IIM इंदौर और IIM रोहतक के प्रतिष्ठित IPM कार्यक्रमों में चयनित हुए। 20 से अधिक छात्रों का चयन देश के प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLUs) में हुआ, वहीं 25 से अधिक छात्रों ने भारत के शीर्ष BBA/IPM संस्थानों में स्थान पाया। कार्यक्रम में प्रियंका मैम, सेंटर डायरेक्टर, करियर लॉन्चर रायपुर एवं पूरी टीम उपस्थित रही। उन्होंने छात्रों की सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए करियर लॉन्चर की प्रतिबद्धता दोहराई कि वह छात्रों को उनके लक्ष्यों तक पहुँचाने में सदैव साथ रहेगा। कार्यक्रम का समापन प्रेरणादायक शब्दों और एक संवाद सत्र के साथ हुआ, जिसमें चयनित छात्रों ने वर्तमान अभ्यर्थियों से बातचीत कर उन्हें आगामी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित किया।

बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के दौरे पर आए। इस दौरान पीएम मोदी ने सिवान में एक रैली को संबोधित किया। पीएम ने अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते। 

अपने परिवार हित में करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे।

आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी-पीएम मोदी

पीएम ने आरजेडी-कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के कारनामे बिहार विरोधी है। जब भी यह लोग विकास की बात करते हैं तो लोगों को दुकान, उद्योग पर ताले लटकते दिखाई देते हैं, इसीलिए यह बिहार के नौजवानों के दिलों में कभी जगह नहीं बना पाए।

चुनाव से पहले बिहार में बहार, आज फिर आ रहे पीएम मोदी, देंगे 5736 करोड़ की सौगात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल 20 दिन में दूसरा और इस साल का 51वां बिहार प्रवास होगा। पीएम मोदी ने इससे पहले 29-30 मई को बिहार का दौरा किया था।

22 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महागठबंधन के गढ़ सिवान में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे वह सिवान पहुंचेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम 1 बजकर 15 मिनट तक चलेगा। सिवान की धरती पर 5,736 करोड़ रुपये की कुल 22 परियोजनाओं का तब उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 53,666 बेघर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के तौर पर 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित करेंगे। इसके अलावा, 6,684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए घरों की चाबी मिलेगी।

कई योजनाओं का होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री एक नई वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो पटना के पास पाटलिपुत्र जंक्शन और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलेगी। मोदी अमृत भारत योजना की 11 परियोजनाओं और नमामि गंगे परियोजना के तहत चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।

सिवान में पीएम की रैली के सियासी मायने

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने जीत का लक्ष्य रखा है। रैली के जरिए पीएम मोदी सिवान के साथ ही सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। महागठबंधन का ये इलाका एनडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह आसान कर सकती है।

बता दें कि सिवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां 25% से ज्यादा मुस्लिम हैं और यादव वोट भी अच्छी तादात में है। MY समीकरण की वजह से यहां आरजेडी का दबदबा है। लेकिन खास बात यह है कि सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश और बीजेपी के साथ है।

रांची में PM-ABHIM, MPLADS, BPHU, IPHL, DMFT, और Untied Fund की योजनाओं की समीक्षा बैठक, उपायुक्त ने दिए कई निर्देश

रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने PM-ABHIM, MPLADS, BPHU, IPHL, DMFT, और Untied Fund के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए सभी पदाधिकारियों को कार्यशैली में सुधार लाने और बेहतर क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया।

मुख्य बिंदु:

- योजनाओं का समयबद्ध पूर्ण होना: उपायुक्त ने सभी कार्यकारी एजेंसियों को योजनाओं को प्राक्कलन के अनुसार समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का निर्देश दिया।

- गुणवत्ता पर ध्यान देना: उपायुक्त ने सभी सम्बंधित पदाधिकारियों को योजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देने और किसी भी योजना के पूरा होने के बाद पूरी जाँच करके ही भुगतान करने का निर्देश दिया।

- लंबित निविदाओं और एकरारनामों का निपटारा: उपायुक्त ने लंबित निविदाओं और एकरारनामों को तत्काल निपटाने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए।

- 108 टॉल फ्री एम्बुलेंस को सदर अस्पताल एवं प्रखंड के अस्पताल से टैग करना और जिला में चल रही सभी योजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देना: उपायुक्त ने सिविल सर्जन को 108 टॉल फ्री एम्बुलेंस को सदर अस्पताल एवं प्रखंड के अस्पताल से टैग करने और सभी सम्बंधित पदाधिकारियों को योजनाओं की गुणवत्ता पर ध्यान देने का निर्देश दिया।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

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कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

जी-7 में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी से हो सकती है मुलाकात

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इस बार जी-7 की बैठक कनाडा में हो रही है। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता कनाडा के रॉकीज में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 से 17 जून तक आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। ट्रंप जी 7 बैठक में हिस्सा लेने कनाडा पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज कनाडा पहुंचेंगे। कनाडा में जी7 की बैठक से इतर पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है। हालांकि, किसी औपचारिक बैठक की संभावना की पुष्टि नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने कहा- सहयोगी देशों के नेताओं से बातचीत को उत्सुक

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, 'शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जगह देगा। मैं सहयोगी देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।' ऑपरेशन सिंदूर के सीजफायर को लेकर ट्रंप जिस तरह से लगातार बयानबाजी करते रहे हैं, उससे पीएम मोदी के साथ इस तरह की किसी भी संभावित मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।

जी7 समिट में इस बार क्या है एजेंडा?

इस साल कनाडा जी 7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा जी7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं। शुरुआत में जी7का एजेंडा आर्थिक चुनौतियों और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का हल निकालना था। बाद में राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी इसमें शामिल हो गए। वैश्विक मुद्दों पर जी7 के फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।

पीएम मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान, अब तक 20 से ज्यादा देशों में हुए सम्मानित

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। साइप्रस ने सोमवार को पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान दिया।ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय साइप्रस की ओर से प्रदान किया जाने वाला नाइटहुड सम्मान है, जिसका नाम साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस तृतीय के नाम पर रखा गया था।

भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि साइप्रस के ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ सम्मान को प्राप्त करके मैं बहुत खुश हूं। मैं इसे हमारे देशों के बीच की मित्रता को समर्पित करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों को यह सम्मान समर्पित करते हुए कहा कि यह भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान है।

साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी सक्रिय साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। हम मिलकर न केवल अपने दोनों देशों की प्रगति को मजबूत करेंगे बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व के निर्माण में भी योगदान देंगे।

पीएम मोदी का 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था, जो प्रधानमंत्री मोदी को किसी अन्य देश द्वारा दिया गया है। इससे पहले मार्च में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया था। इसके बाद अप्रैल में श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को 'श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान' से सम्मानित किया था। पिछले साल दिसंबर में कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। कुवैत के अमीर अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा ने प्रधानमंत्री मोदी को 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया था।