गन्ना विकास विभाग द्वारा गठित जांच टीम द्वारा किया गया चीनी मिल परिक्षेत्र मे कीट-बीमारियों का निरीक्षण
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रूदौली अयोध्या : आयुक्त गन्ना एवं चीनी उ.प्र. लखनऊ के कार्यालय पत्रांक 44/सी/वि.अनु./दिनांक 15.04.2025 के क्रम में गठित टीम दिनाँक 03 व 04 मई 2025 को उप गन्ना आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी अयोध्या, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों, गन्ना शोध परिषद सेवरहीं केन्द्र के वैज्ञानिकों, सम्बन्धित ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं चीनी मिल मसौधा व रौजागाँव के क्षेत्र का भ्रमण किया गया। चीनी मिल क्षेत्र मसौधा के ग्राम अकवारा डीह, रामपुर सर्धा, भवानीपुर, हरिनारायनपुर, ऐमी, आलमपुर, आल्हापुर, बालापुर, पारागरीब शाह, कनकपुर, छगरौली आदि में कृषकों के पेड़ी व पौधा फसल में निरीक्षण के दौरान चोटी बेधक कीट का 3 से 4 प्रतिशत एवं अंकुर बेधक कीट का आपतन 2-3 प्रतिशत तथा पायरिला का आपतन नगण्य मात्रा में पाया गया। मोजैक रोग का आपतन सुक्ष्म मात्रा में एक खेत में पाया गया, साथ ही अन्य कीटों/रोगों का आपतन नगण्य पाया गया।
चीनी मिल क्षेत्र रौजागाँव के ग्राम कामापुर, नेवाजपुर, नेवरा, दशरथमऊ, भेलसर, जैथरी व होलूपुर आदि में कृषकों के पेड़ी व पौधा फसल में निरीक्षण के दौरान चोटी बेधक कीट का 6 से 8 प्रतिशत एवं अंकुर बेधक कीट का आपतन 2-3 प्रतिशत तथा पायरिला का आपतन नगण्य मात्रा में पाया गया। लाल सड़न रोग का आपतन लगभग 5 प्रतिशत एक खेत में पाया गया, साथ ही अन्य कीटों/रोगों का आपतन नगण्य पाया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिकों द्वारा उपस्थित कृषकों को सुझाव दिया गया कि चोटी बेधक कीट से प्रभावित पौधों को खुरपी से काट कर खेत से निकाल दें, तथा मई माह के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में 150 मि.ली क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.पी. दवा को 400 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ क्षेत्र में ड्रेचिंग किया जाये। लाल सड़न रोग से प्रभावित पौधों को खेत से निकालने के बाद हैक्सास्टाप (TPM) का 0.1 प्रतिशत रसायन का घोल बनाकर 10 दिन के अन्तराल पर ड्रैंचिंग करने की सलाह दी गयी
8 hours ago