बिहार के 111 वें स्थापना दिवस पर सीएम ने लोगों से प्रदेश को आगे बढ़ाने का किया आह्वान, मंच से फिर उठाई विशेष दर्जे की मांग
डेस्क : बिहार बीते बुधवार को अपनी स्थापना का 111वां साल पूरा कर लिया। इस मौके पर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में तीन दिवसीय बिहार दिवस का शानदार आगाज हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने बिहारवासियों से प्रदेश को आगे बढ़ाने में सहयोग करने का आह्वान किया। साथ ही एकबार फिर प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग उठाई।
2010 से मना रहे बिहार दिवस
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2010 से 22 मार्च को बिहार दिवस मनाना शुरू किया। इससे पहले कोई इसे नहीं मनाता था। उन्होंने आगे कहा कि बिहार के लोग जहां भी रहते हैं तथा बिहार के बारे में जिनकी अच्छी राय है, उनसभी को मैं बिहार दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
अपनी मेहनत से आगे बढ़ रहा बिहार
सीएम ने कहा कि कहा कि बिहार अपनी मेहनत से आगे बढ़ रहा है। बिहार की वर्ष 2009 से ही लगातार विकास दर अधिक रही है। इसके बावजूद बिहार गरीब राज्य है। अगर, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिला होता तो यह और तेज गति से तरक्की करता। यही कारण है कि हमलोग केंद्र सरकार से निरंतर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है। महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति यहीं हुई थी। भगवान महावीर का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और निर्वाण यहीं हुआ। सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी महाराज, सिखों के 9 वें गुरु तेगबहादुर जी महाराज भी यहां आये थे। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म भी यहीं हुआ था। वर्ष 2017 में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का 350 वां प्रकाशपर्व धूमधाम से यहां मनाया गया था। प्रकाव पर्व का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता है।
बिहार सूफी संतों की भी कर्मभूमि रही है। मनेर शरीफ, खानकाह मुजीबिया, खनाकाह मुनिबिया, मित्तन घाट सूफी संतों की भूमि रही है। बिहार सबसे पौराणिक स्थल है। यह चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट की भूमि रही है। महान विभूतियों के नाम पर हमलोगों ने चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र, चाणक्य विधि विवि और आर्यभट्ट ज्ञान विवि की स्थापना करायी। विश्व प्रसिद्ध पुराने नालंदा विवि को भी फिर से शुरू कराया गया है। बिहार म्यूजिमय अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार में बना है। बिहार म्यूजियम को पटना म्यूजियम से अंडरग्राउंड से जोड़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। पहले लड़कियां कम पढ़ने जाती थी। अब लड़कियां की संख्या लड़कों के बराबर हो गई है। इस बार इंटर की परीक्षा में सफल होनेवाली लड़कियों का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस समारोह 2023 के उद्घाटन से पहले गांधी मैदान में विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों से संबंधित लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा। शिक्षा विभाग, किलकारी बाल भवन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शन का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आह्वान किया कि आएं, सब मिलकर बिहार को और आगे बढ़ाएं। बिहार महापुरुषों और सूफी संतों की धरती रही है। इसे फिर से उसी स्थान पर ले जाने में सबका सहयोग चाहिए। उन्होंने राजनीतिक पार्टियों से भी अपील की कि सभी एक साथ मिलकर बिहार के विकास में योगदान दें। गांधी मैदान में बिहार दिवस समारोह के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने यह बात की।
Mar 23 2023, 09:28