12 दिन बीत जाने के बाद भी एनएमसीएच के डॉक्टर संजय का नहीं चला पता, पुलिस ने किया यह एलान

डेस्क : पटना से एनएमसीएच में पदस्थापित डॉक्टर संजय के रहस्यमय ढ़ंग से गायब हुए 12 दिन बीत जाने के बाद भी अबतक कोई पता नहीं चल पाया है। इस मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं।

इस बावत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने मिसिंग लोकेशन के आधार पर गंगा ब्रिज पर गाड़ी को बरामद किया है। इस मामले को लेकर एक विशेष टीम का गठन किया गया है। उन्होंने कहा की अभी भी अनुसंधान जारी है। जबतक किसी ठोस नतीजे पर पहुँच नहीं जाते। इस मामले में फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगा। पुलिस हर संभव एंगल पर अपनी जांच की दिशा में कार्य कर रही है। घर से लेकर गांधी सेतु तक 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरो की जांच हुई है। जिसमे कोई दूसरा व्यक्ति नहीं पाया गया। अपराध की घटना घटित नहीं हुई है।

एसएसपी ने कहा की इस मामले में जितने Cctv फुटेज मिला है। उसे नई दिल्ली भेजा गया है। जिससे वीडियो को इनहैंस किया जा सके। गंगा ब्रिज से डॉक्टर के मिले गाड़ी की भी फॉरेंसिक जांच हुई है। इस मामले में इओयू की टीम बरामद मोबाइल की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि लापता डॉक्टर के सरकारी बैंक खाते को भी पुलिस ने खंगाला है। जिसमे 5 लाख का ट्रांजेक्शन एक घर के रेनोवेशन को किया गया है। पुलिस अबतक लापता डॉक्टर के परिवार के 52 लोगो से पूछताछ कर चुकी है। जिसमे 2 महीने से लापता डॉक्टर के परेशान लग रहे होने की बात कही गई है। हालाँकि इस की परेशानी वजह क्या है अभी साफ़ नहीं हुआ।

वहीँ इस मामले में लगभग 500 नंबर को पुलिस ने आइडेंटिफाई किया है। बिहार, झारखंड, बंगाल सहित अन्य राज्यों की पुलिस से भीं संपर्क किया जा रहा है।

वही पटना एसएसपी ने एलान किया है की जो भी लापता डॉक्टर संजय को ढूंढेंगे उन्हें दो लाख का इनाम मिलेगा। बताते चले की बीते बारह दिनों से लापता डॉकटर संजय की तलाश अबतक जारी है।

होली की छुट्टी के बाद आज सोमवार से शुरु हुई विधानमंडल की कार्यवाही, इस मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई जमकर नोकझोंक

डेस्क : होली की छुट्टी के बाद आज सोमवार से बिहार विधानमंडल की कार्यवाही शुरू हो गई है। आज विधान सभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। 

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सवाल उठाया कि किशनगंज में असमाजिक तत्वों ने मंदिर जला दिया है। इसरकार इसकी उच्च स्तरीय जांच कराये। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध किया। 

बीजेपी विधायक जीवेश कुमार ने सवाल उठाया कि शराबियों के भय से सरकारी स्कूल की लड़कियों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। सरकार ने सवाल का गोलमोल जवाब दिया है। जबाव पूरी तरह से भ्रामक है। विधान सभा की एक कमिटी को स्कूल की जांच के लिए भेजी जाय ताकि पता चल सके कि उक्त स्कूल में कितनी बच्चियां पढ़ रही हैं। 

वहीं माले विधायकों ने सदन में कहा कि तमिननाडु प्रकरण में नेता प्रतिपक्ष ने गलतबयानी की। वे सदन में माफी मांगे। इस दौरान सदन में काफी शोरगुल हुआ। स्पीकर ने दोनों पक्ष को शांत कराया और तब प्रश्नकाल शुरू कराया। राजद विधायक भाई वीरेन्द्र ने ईडी-सीबीआई की छापेमारी को लेकर सवाल उठाया। राजद विधायक ने कहा कि जिस तरह से बंगाल समेत अन्य राज्यों ने यह प्रावधान किया है कि बिना राज्य सरकार की सहमति के केंद्रीय जांच एजेंसी कार्रवाई नहीं कर सकती, तो बिहार में भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।

बिजली विभाग के पटना सर्किल ने फरवरी माह में बनाया रिकॉर्ड, 98 करोड़ 70 लाख का मिले लक्ष्य की तुलना में 88.27 करोड़ किया राजस्व संग्रहण

डेस्क : बिजली कंपनी ने पटना सर्किल को 98 करोड़ 70 लाख का लक्ष्य दिया था। इसकी तुलना में 88 करोड़ 27 लाख का राजस्व संग्रहण किया गया। राजस्व संग्रहण 89 फीसदी हुआ। इस तरह राजस्व संग्रहण में पटना सर्किल ने फरवरी महीने में कीर्तिमान बनाया।

पटना सर्किल के अंतर्गत सभी ग्रामीण इलाके आते हैं। इसमें पटना ग्रामीण, फतुहा, मसौढ़ी, बाढ़ और बिहटा हैं। इन इलाकों का लक्ष्य और राजस्व संग्रहण जो हुआ, उसमें पटना रूरल के लक्ष्य 3 करोड़ 85 लाख में से 3 करोड़ 26 लाख का संग्रहण, फतुहा में 45 करोड़ 63 लाख के सापेक्ष 46 करोड़ 40 लाख का संग्रहण, मसौढ़ी में 12 करोड़ 80 लाख के सापेक्ष 7 करोड़ 79 लाख, बाढ़ में 13 करोड़ 38 लाख के सापेक्ष साढ़े आठ करोड़ और बिहटा में 23 करोड़ 3 लाख के सापेक्ष 22 करोड़ 30 लाख राजस्व संग्रहण किया गया। 

पटना सर्किल में बगैर स्मार्ट मीटर के 89 फीसदी राजस्व आया। विद्युत अधीक्षण अभियंता शंकर चौधरी के नेतृत्व में पूरी टीम लगी है और 89 फीसदी राजस्व संग्रहण हो सका। पेसू में चार लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लग गए हैं। इससे पेसू को बिजली बिल वसूलने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ रही। 

बिजली कंपनी ने पेसू को 156 करोड़ 47 लाख का लक्ष्य दिया था, जिसकी तुलना में 128 करोड़ 58 लाख का राजस्व आया है। न्यू कैपिटल का 13 करोड़ 77 लाख का लक्ष्य था, जिसमें 11 करोड़ 42 लाख, आशियाना का 9 करोड़ 19 लाख था, जिसमें 7 करोड़ 27 लाख, पाटलिपुत्रा का 15 करोड़ 4 लाख था, जिसमें 11 करोड़ 89 लाख, डाकबंगला का 8 करोड़ 80 लाख था जिसमें 8 करोड़ 61 लाख, गर्दनीबाग का 9 करोड़ 91 लाख था जिसमें 8 करोड़ 23 लाख, दानापुर का 15 करोड़ 20 लाख था, दस करोड़ 55 लाख की वसूली हुई।

एच3एन2 वायरस को लेकर बिहार सरकार अलर्ट, सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का दिया निर्देश

डेस्क : देश में तेजी से पांव पसार रहे एच3एन2 वायरस (हांगकांग फ्लू) को देखते हुए बिहार सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। साथ ही, केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भेज दी गई है। इस वायरस का प्रभाव अधिक नहीं हो, इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एहतियाती कदम उठाए हैं। इसके तहत कोरोना जांच और टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का निर्णय लिया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि अधिक से अधिक लोगों को कोरोना का टीका दिलाया जाए ताकि वायरस से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सके। चूंकि हाल में होली का त्योहार था और उस दौरान बड़ी संख्या में बाहर से लोग बिहार आए थे, इसलिए स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच पर अधिक ध्यान देगा।

कोरोना जैसा ही लक्षण 

स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि एच3एन2 वायरस के लक्षण कोरोना की तरह ही हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जाने वाले उपाय लोगों से करने के लिए कहा गया है। बुखार व खांसी होने पर उनको अलग रहने व मास्क पहनने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने तय किया है कि बिहार में कोरोना से बचाव के उपाय से जुड़ी गतिविधियों में तेजी लाई जाए।

इन फ्लू से बचाव के लिए नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने समेत कोविड जैसी सावधानियां बरतने की सलाह डॉक्टरों की ओर से दी जा रही है। वहीं, आईसीएमआर ने छींकने और खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने, आंखों और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द होने पर चिकित्सक की सलाह से उचित दवा लेने की सलाह दी है।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री नित्यानंद राय की मौजूदगी में जदयू के पूर्व सांसद मीना सिंह बीजेपी में हुई शामिल, जदयू को लेकर कही यह बात

 

डेस्क : जदयू के टिकट पर दो बार सांसद रही मीना सिंह ने पिछले दिनों नीतीश कुमार को बड़ा झटका देते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वहीं आज वह अपने बेटे के साथ बीजेपी में शामिल हो गई।  

बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी और केन्द्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद रायत आदि की उपस्थिति में मीना सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। 

भाजपा के वरिष्ठ नेताओ की उपस्थिति में आयोजित मिलन समारोह में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करते हुए मीना सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जदयू में पुराने लोगों को तब्बजो नहीं दे रहे हैं। वे राजद के साथ मिलकर बिहार में सरकार बना लिए हैं जो जदयू के कार्यकर्ताओं की भावना का आपमान है। इसलिए उन्होंने जंगलराज के प्रतीक रहे लोगों से हाथ मिलाने के नीतीश के निर्णय पर आपत्ति जताई और जदयू छोड़ा है। बिहार की जनता के हितों में काम करने के लिए उन्होंने भाजपा में शमिल होने का निर्णय लिया। 

वहीं इस मौके पर विधान परिषद् में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जदयू एक डूबता हुआ जहाज है जिसकी सवारी अब कोई नहीं करना चाहता है। जदयू के अंदर गृह युद्ध छिड़ा हुआ है और आने वाले समय में जदयू खत्म हो जाएगी। वहीं संजय जायसवाल ने कहा कि मीना सिंह ने भाजपा का दामन थाम कर यह साबित किया है कि सीएम नीतीश का निर्णय गलत है। उनके नेता मजबूरी में उनके साथ हैं। जल्द ही और कई नेता जदयू छोड़ने वाले हैं। 

गौरतलब है कि मीना सिंह के पति अजीत सिंह भी 2004 में बिक्रमगंज लोकसभा सीट से विजयी रहे। इसके पहले अजीत सिंह के पिता तपेश्वर सिंह भी 1984 में बिक्रमगंज से सांसद रहे थे, वे बिस्कोमान के अध्यक्ष भी रहे थे और सहकारिता सम्राट कहे जाते थे। अजीत सिंह की 2007 में उनकी असामयिक मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद मीना सिंह ने सबसे पहले जदयू के टिकट पर बिक्रमगंज लोकसभा क्षेत्र से 2008 का उपचुनाव लड़ा था और जीती थी। 2009 में 15वीं लोकसभा में भी वे आरा से जदयू के टिकट पर ही चुनाव लड़ी थी और जीती थी। वहीं 2014 का लोकसभा चुनाव मोदी लहर में मीना सिंह हार गई।

मौजूदा समय में मीना सिंह के बेटे विशाल सिंह नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन के अध्यक्ष है। साथ ही विक्रमगंज और आरा के इलाके में इनके परिवार की मजबूत पकड़ मानी जाती है। अब मीना सिंह का बेटे विशाल के साथ भाजपा में शामिल होना जदयू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू परिवार की संपत्ति का ईडी के ब्यौरे पर तेजस्वी यादव बोले, भाजपाई अब कथित 600 करोड़ का नया हिसाब लाने से पहले पुराने का तो हिसाब दे देते

जमीन के बदले नौकरी मामले में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और बेटियों के घर पर रेड के बाद शनिवार को ईडी ने बयान दिया और लालू के परिवार की संपत्ति की लिस्ट भी जारी की। जिसमें में लालू यादव और उनके परिवार के पास मौजूदा संपत्ति को लेकर जानकारी दी गई। जिसमें 24 ठिकानों पर छापेमारी में 600 करोड़ की संपत्ति का आकलन किया गया है। इस लिस्ट को लेकर अब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर इस लिस्ट को लेकर एक पोस्ट भी साझा किया।  

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा- याद करिए- 2017 में भी भाजपाई सूत्रों के हवालों से जारी की जाने वाली गोदी मीडिया की हेडलाइन्स में कथित 8000 करोड़ का लेन-देन, हजारों करोड़ का मॉल, सैंकड़ों संपत्तियां, अभी चंद महीनों पहले गुरुग्राम में अरबों का White Land कंपनी का UrbanCube मॉल भी मिला था। भाजपाई अब कथित 600 करोड़ का नया हिसाब लाने से पहले अपने सूत्रों को पुराने का तो हिसाब दे देते।

तेजस्वी यादव ने ED के बयान और जारी लिस्ट को लेकर एक ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा कि भाजपा सरकार द्वारा सूत्रों के हवाले से इधर-उधर की भ्रामक अफवाह फैलाने अथवा खबर प्लांट करवाने की बजाय रेड के बाद हस्ताक्षर किए जाने वाले पंचनामे की सूची ही सावर्जनिक कर देनी चाहिए।

ईडी कि तरफ से बयान में कहा गया है कि इन भूमि पार्सल का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है। रेलवे लैंड फॉर जॉब स्कैम में दिल्ली एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई। जिसमें 1 करोड़ रुपये का बेहिसाब कैश, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने के सिक्के और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के गहने की बरामदगी हुई है।

तमाम संपत्ति दस्तावेजों, बिक्री कार्यों आदि सहित कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। रेड के जरिए इस समय लगभग 600 करोड़ रुपये की अपराध की आय का पता चला है। जो कि 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के रूप में है और 250 करोड़ रुपये के लेनदेन विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से किए गए हैं।

प्रदेश के बच्चों ने लहराया परचम, सीबीएसई आर्यभट्ट गणित चैलेंज प्रतियोगिता में टॉप 100 में बिहार के 56 बच्चे

डेस्क : बिहार के बच्चों ने एकबार फिर प्रदेश का नाम रौशन किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आर्यभट्ट गणित चैलेंज प्रतियोगिता का परिणाम शुक्रवार को जारी कर दिया। इसमें बिहार के बच्चे अन्य राज्यों से आगे हैं। परिणाम के अनुसार टॉप-100 में बिहार के 56 विद्यार्थी शामिल हैं। 

इस प्रतियोगिता में देशभर से कुल 1754 छात्र और छात्राओं को सफलता मिली है, जिसमें टॉप-100 में सबसे ज्यादा बच्चे बिहार से हैं। वहीं उत्तर प्रदेश से कुल 50 और झारखंड से कुल 35 छात्र-छात्राओं को सफलता मिली है। 

बिहार से टॉप-100 में शामिल 56 विद्यार्थियों में 26 सरकारी स्कूलों के हैं। अच्छी बात रहीं कि इस प्रतियोगिता में सरकारी स्कूल के 243 विद्यार्थी पहली बार शामिल हुए। अभी तक सरकारी स्कूल के विद्यार्थी इसमें शामिल नहीं होते थे।

आर्यभट्ट गणित चैलेंज का रिजल्ट सीबीएसई ने जोन वाइज जारी किया है। बोर्ड के कुल 16 जोन में 1754 विद्यार्थियों को सफलता मिली है। हर जोन से सौ के ऊपर छात्र और छात्राएं शामिल हैं। अजमेर से 118, भुवनेश्वर 112, चडीगढ़ 107, पुणे 100, गुवाहाटी 109, पंचकुला 104, बंगलुरु 102, भोपाल 113, चेन्नई 124, नोएडा 116, पटना 104, प्रयागराज 106, तिरुवनंतपुरम 105, देहरादून 115 और दिल्ली वेस्ट से 107 विद्यार्थी शामिल हैं।

बताते चले सीबीएसई की ओर से हर साल आर्यभट्ट गणित चैलेंज प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाता है। कोरोना की वजह से लगभग तीन साल के बाद इसका आयोजन किया गया था। इसमें निजी और सरकारी स्कूलों के नौवीं से 12वीं तक के छात्र और छात्राएं शामिल होते हैं।

राज्यपाल सचिवालय की बड़ी कार्रवाई, प्रदेश के 7 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों का छीना अधिकार, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां राजभवन की ओर से प्रदेश के 7 यूनिवर्सिटी के कुलसचिवों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। राजभवन स्थित राज्यपाल सचिवालय ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों के कार्यो एवं कर्तव्य निर्वहन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। 

जिनके अधिकार छीने गए हैं, उनमें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, पटना विश्वविद्यालय, पटना, मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय, पटना एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के कुलसचिव शामिल हैं।

राजभवन से शनिवार को राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने सभी सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिया है कि इन विश्वविद्यालयों में नियुक्त एवं पदस्थापित कुलसचिव के सभी कार्यो पर अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जाती है। इस आदेश का अक्षरश पालन कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।

राजभवन सूत्रों के मुताबिक पूर्व कुलाधिपति फागू चौहान के कार्यकाल के अंतिम दिनों में इन विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की तैनाती की गयी थी। इन कुलसचिवों की तैनाती 13 फरवरी से 15 फरवरी के बीच की गयी है। इसके साथ ही, पूर्व कुलाधिपति के स्थानांतरण आदेश से भी कुलसचिवों की तैनाती को जोड़कर देखा जा रहा है। 

सूत्रों की मानें तो राजभवन पूरे मामले की समीक्षा करा सकता है। राजभवन व राज्य सरकार की प्राथमिकता सूची में सभी विश्वविद्यालयों के सत्र को नियमित करना और वित्तीय अनियमितता को दूर करना एवं 500 करोड़ रुपये अनुदान की राशि का विश्वविद्यालयों द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक राज्य सरकार को नहीं सौपा जाना भी इस कार्रवाई के पीछे प्रमुख कारण बताया जा रहा है।

जानकार सूत्रों के अनुसार कई विश्वविद्यालयों के सत्र छह माह से लेकर डेढ़ साल तक पीछे चल रहे हैं। इस संबंध में पूर्व में भी सभी विवि को शैक्षणिक कैलेंडर बनाकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन पर गंभीर पहल नहीं की जा रही है। नए राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के दिशा-निर्देश पर विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक माहौल बनाने की दिशा में पहल शुरू की गयी है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार पर ईडी की हुई छापेमारी पर सीएम नीतीश कुमार ने जाहिर की प्रतिक्रिया, कही यह बड़ी बात

डेस्क : बीते कुछ दिनों से एकबार फिर जमीन के बदले रेलवे में नौकरी मामले को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, उनकी पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटे व बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत लालू के अन्य रिश्तेदारों के आवास पर ईडी की छापेमारी जारी है। 

इधर इस मामले को लेकर बिहार की राजनीति गरम हो गई है। वहीं पहली बार इसपर सीएम नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। ईडी की छापेमारी के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पांच साल पहले भी इनलोगों पर छापेमारी हुई थी। हमलोग (राजद-जदयू) एक साथ हो गये हैं तो फिर से छापेमारी हो रही है।

कहा कि वर्ष 2017 में छापेमारी हुई थी तो हमने कह दिया था कि इसे एक्सप्लेन कर दीजिए। इसको लेकर कुछ बातें हुईं और वहां (भाजपा) के लोगों ने मेरे साथ बात करनी शुरू कर दी। उनलोगों की बात को मानकर हमलोग उनके साथ चले गये। फिर हमलोग जब इनके (राजद) साथ आये हैं तो फिर से छापेमारी शुरू हो गई है। क्या मामला है, या नहीं है, ये तो वहीं लोग बतायेंगे। जिनके यहां छापा हुआ है, वो लोग जवाब दे ही रहे हैं तो हमको इस पर क्या कहना है? 

वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीबीआई की तरफ से समन किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा- वो लोग क्या कर रहा है, वो ही जानें। यह सब कोई नयी चीज नहीं है। पहले भी समन किया गया था। मेरी समझ से यह कोई खास मुद्दा नहीं है। वर्ष 2017 में छापेमारी हुई थी, उसमें क्या हुआ? अब पांच साल बाद फिर से हो रहा है। उस समय क्यों नहीं हुआ था।

आईबी ने उपेंद्र कुशवाहा की जान को बताया खतरा, केन्द्र सरकार ने वाई प्लस सुरक्षा बढ़ाने का किया फैसला

डेस्क : कुछ दिन पहले जदयू से खुद को अलग कर अपनी नई पार्टी बनानेवाले उपेंद्र कुशवाहा अब सीआरपीएफ की वाई प्लस की श्रेणी की सुरक्षा घेरे में रहेंगे। बताया गया कि आईबी ने उपेंद्र कुशवाहा की जान को खतरा बताया था। जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला किया है। उपेंद्र कुशवाहा ने सुरक्षा बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार को धन्यवाद किया है।

उपेंद्र कुशवाहा से पहले गृह मंत्रालय ने जमुई सांसद व लोजपा रामविलास प्रमुख चिराग पासवान को जेड कैटगरी की सुरक्षा प्रदान की थी। वहीं कुछ दिन पहले ही वीआईपी अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को वाई प्लस की सुरक्षा दी गई थी। 

यह तीनों नाम इसलिए भी महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं, क्योंकि तीनों को ही आनेवाली लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ आने की संभावना जताई जा रही है। खुद कुशवाहा ने भी एनडीए के साथ जाने के संकेत कई बार दिए हैं।

बता दें कि जदयू से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से अपनी नई पार्टी बनाई थी। नीतीश कुमार के विरोध के कारण उन पर हमला हुआ था। यह हमला तब हुआ था, जब वह डुमरांव से पटना लौट रहे थे। इस दौरान भोजपुर के जगदीशपुर में उनकी गाड़ी पर पथराव हुआ था। हालांकि पुलिस ने इसे आपसी झड़प बताया था।

वहीं इन दिनों उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल बिहार में विरासत बचाओ यात्रा पर हैं। जिसमें वह प्रदेश के सभी जिलों में घूम-घूमकर बिहार की जदयू और राजद की महागठबंधन सरकार की कमियों के बारे में लोगों को बता रहे हैं।