डिप्टी मेयर भोला प्रसाद की पैतृक जमीन पर भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि: परिवार परेशान, पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
पटना सिटी: पटना के पूर्व डिप्टी मेयर स्वर्गीय सरयुग प्रसाद की पुश्तैनी ज़मीन पर इन दिनों भू-माफिया की गिद्ध दृष्टि पड़ गई है। दीदारगंज के महावीर घाट स्थित उनकी लगभग पाँच बीघा में से लगभग 3 बीघा पैतृक ज़मीन को लेकर अब सरयुग प्रसाद के परिवार और ज़मीन हड़पने की कोशिश कर रहे दबंगों के बीच बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला अब पुलिस और अंचल कार्यालय तक पहुँच चुका है।
क्या है विवाद की जड़?
यह विवाद स्वर्गीय सरयुग प्रसाद की पैतृक संपत्ति से जुड़ा है, जो गंगा किनारे स्थित है। बताया जाता है कि यह ज़मीन काफी पुरानी है और इस पर सरयुग प्रसाद का ही मालिकाना हक़ रहा है। सरयुग प्रसाद के बाद उनका परिवार पटना और अन्य शहरों में रहने लगा। उनकी बेटी मीनू, जो पेशे से वकील हैं, और बेटे पवन, जो भट्ठेदार हैं, इस ज़मीन की देखभाल करते हैं। पिछले चार-पाँच सालों से कुछ स्थानीय ज़मीन माफिया और उनके गुर्गे इस ज़मीन के अलग-अलग हिस्सों के फ़र्ज़ी कागज़ात बनाकर बेच रहे हैं। इसी क्रम में, मंटू साव, गंगा राय और कुछ अन्य लोग इस ज़मीन पर अपना कब्ज़ा जमाने का दावा कर रहे हैं।
परिवार का संघर्ष और भू-माफिया पर आरोप
सरयुग प्रसाद की बेटी एडवोकेट मीनू ने इस अवैध बिक्री का पुरज़ोर विरोध किया है। मीनू का कहना है कि उन्होंने अपनी पैतृक ज़मीन किसी को नहीं बेची है और इस संबंध में न्यायालय से उनके हक़ में डिग्री भी मिल चुकी है। इसके बावजूद, भू-माफिया और स्थानीय दबंग, जिनमें मंटू अरुण राय, विकास राय, अशोक राय, और नीतीश कुमार शामिल हैं, इस ज़मीन पर ज़बरन कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं। मीनू ने इन लोगों पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि ज़मीन वापस लेने के लिए आवाज़ उठाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई है और कई बार मारपीट भी की गई है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और मंटू साव का दावा
इलाके के लोग भी इस घटना को स्थानीय भू-माफिया की करतूत बता रहे हैं। उनका कहना है कि जब पूर्व डिप्टी मेयर सरयुग प्रसाद जीवित थे, तब इतनी बड़ी संपत्ति की देखभाल के लिए गाँव के कुछ लोगों को रखा गया था। उनकी अनुपस्थिति का फ़ायदा उठाकर भू-माफिया ने इस ज़मीन की अवैध खरीद-बिक्री शुरू कर दी। वहीं, मंटू साव ने थाना और मीडिया, दोनों के सामने अपनी पुश्तैनी मुहर लगाकर ज़मीन पर अपना दावा पेश किया है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
यह ज़मीन विवाद कई बार थाना और अंचल कार्यालय तक पहुँच चुका है। मीनू का कहना है कि इसके बावजूद मंटू साव की ओर से अब तक कोई ठोस कागज़ात पेश नहीं किए गए हैं। ऐसे में प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। एडवोकेट मीनू का आरोप है कि भू-माफिया उनकी पूरी ज़मीन पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। इस मामले में पुलिस और प्रशासन से जल्द हस्तक्षेप कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की जा रही है।
Oct 26 2025, 22:30
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