नेपाल की पहली महिला पीएम सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई, जानें अभी पड़ोसी देश में कैसे हैं हालात?
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पड़ोसी देश नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। नेपाल में जेन जी के उग्र और हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद पड़ोसी देश में ओली सरकार के पांव उखड़ गए। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। इस बीच तख्तापलट के तीन दिन बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में अंतरिम पीएम के रूप में शपथ ले ली है। उनके साथ तीन और नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. कार्की नेपाल की पहली महिला पीएम बनीं हैं। संसद भंग करने के साथ छह महीने में उन्हें संसद यानी प्रतिनिधि सभा के चुनाव की जिम्मेदारी दी गई थी।
पीएम मोदी ने दी सुशीला कार्की को बधाई
नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशीला कार्की को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, 'नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने पर सुशीला कार्की को हार्दिक बधाई। भारत नेपाल के भाइयों और बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'
भारत ने जताई शांति और स्थिरता की उम्मीद
इससे पहले, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने परिवर्तन के दौर में काठमांडू के साथ संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम नेपाल में माननीय श्रीमती सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। एक निकट पड़ोसी, एक लोकतांत्रिक देश और एक दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में, भारत दोनों देशों के लोगों के कल्याण और समृद्धि के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।"
जेन-जी की पहली पसंद बनीं 73 साल की कार्की
नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है। युवाओं के विरोध के चलते पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी सरकार गिर गई। ऐसे संकट के समय में नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाया गया है। चर्चित न्यायाधीश और नामचीन लेखक होने के नाते सुशीला कार्की को जेन-जी का भी समर्थन मिला है। 5000 से ज्यादा लोगों की बैठक में ज्यादातर सदस्यों ने सुशीला कार्की के नाम पर सहमति दर्ज कराई है। बतौर जज अपने कार्यकाल में सुशीला कार्की न सिर्फ भ्रष्टाचार बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भी सख्त रुख अपना चुकी हैं। यही वजह है कि वो जेन-जी की पहली पसंद बनीं और 73 साल की उम्र में नेपाल की सियासत का प्रमुख चेहरा बन गईं।
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