नेपाल में फंसी भारतीय वॉलीबॉल टीम का रेस्क्यू, मदद की गुहार लगाते वीडियो हुआ था वायरल

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नेपाल हिंसा की आग में सुलग रहा है। हिंसा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 51 पहुंच गया है। विरोध प्रदर्शन के 5वें दिन 17 मौतों की पुष्टि हुई है। इस बीच केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे दो दिन बाद भी अभी तक अंतरिम प्रधानमंत्री तय नहीं हो सका है। इस बीच नेपाल में फंसी भारत की वॉलीबॉल टीम को रेस्क्यू कर लिया गया है।

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नेपाल में भड़के हिंसक प्रदर्शन के बीच भारत की एक वॉलीबॉल टीम को काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने सुरक्षित निकाल लिया है। जानकारी के मुताबिक, दूतावास लगातार टीम से संपर्क में रहा और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की व्यवस्था की। टीवी प्रेजेंटर उपासना गिल द्वारा सोशल मीडिया पर मदद की अपील के बाद सरकार ने तेजी से कार्रवाई की।

टीवी प्रेजेंटर और वॉलीबॉल लीग की होस्ट उपासना गिल ने सोशल मीडिया के जरिये एक आपातकालीन वीडियो बनाया था और भारतीय सरकार से उन्हें और टीम को बचाने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि उनका होटल आग की चपेट में आ गया है और वह हिंसक भीड़ के हमले से बचकर भागी हैं। उपासना ने कहा, मैं पोखरा में फंसी हुई हूं, होटल जला दिया गया है, मेरा सारा सामान वहीं था। मैं स्पा में थी जब लोग बड़े लाठी लेकर आए। मैं मुश्किल से अपनी जान बचा पाई।

भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जी’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे, जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था।

नेपाल में अंतरिम पीएम के नाम पर फिर यूटर्न, देर रात खत्म हुआ सस्पेंस, सुशीला कार्की के नाम पर लगी मुहर

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नेपाल में राजनीतिक उथल पुथल के बीच आज नई सरकार को लेकर सहमति बन सकती है। देर रात राष्ट्रपति आवास पर हुई बैठक के दौरान नई सरकार को लेकर सहमति बन गई है। नई सरकार की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की होंगी। नेपाल के सेना प्रमुख और राष्ट्रपति ने उनके नाम पर सहमति जता दी है।

नेपाल अब भी सुलग रहा है। इस बीच देश की कमान आर्मी ने संभाल ली है। मगर सत्ता का संकट अब भी बरकरार है। नेपाल में आर्मी चीफ और राष्ट्रपति अंतरिम सरकार गठन करने की कवायद में जुटे हैं। केपी ओली के इस्तीफे के 60 घंटे बाद भी नेपाल पीएम के रूप में सुशीला कार्की का नाम सामने आया है। गुरुवार की आधी रात को आर्मी चीफ, राष्ट्रपति और अन्य लोगों की एक खास मीटिंग हुई। उसमें सुशीला कार्की पर सभी सहमत हुए। हालांकि अभी भी पेच फंसा हुआ है।

इस बीच नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल, मुख्य न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत और सीपीएन (माओवादी सेंटर) नेताओं के बीच शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि नेपाल पीएम पर आज आम सहमति बन जाएगी।

दरअसल, जेन जी के नेतृत्व वाले युवा प्रदर्शनकारियों ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए अपना समर्थन दिया है। मगर एक धड़ा अब भी इसे लेकर सहमत नहीं है। जेन जी प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनाने की प्रक्रिया अटक गई है। देश में कर्फ्यू लगा हुआ है। आर्मी कानून-व्यवस्था संभाल रही है। इस बीच नेपाल के अंतरिम पीएम के चयन पर ही सस्पेंस छाया है।

देश में जारी राजनीतिक संकट के बीच 'We Nepali' ग्रुप के अध्यक्ष और जेन ज़ी आंदोलन के नेता सुदन गुरुंग ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का समर्थन किया है। गुरुंग ने साफ कहा है कि संसद का विघटन उनकी मूल मांग है और तभी एक नई अंतरिम कैबिनेट का गठन होना चाहिए। गुरुंग ने कहा, "हम पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।" हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जेन-जी पीढ़ी इस कैबिनेट की निगरानी करेगी, ताकि जनता की अपेक्षाओं के मुताबिक काम हो सके।

देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति मुर्मु ने दिलाई शपथ

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देश को 15वें उपराष्ट्रपति मिल चुके हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सीपी राधाकृष्णन को 15वें उपराष्ट्रपति का शपथ दिलायी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। राजग उम्मीदवार राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत था। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को नए उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हुआ था।

जगदीप धनखड़ भी समारोह में नजर आए

शुक्रवार को हुए शपथग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कैबिनेट के कई बड़े मंत्री मौजूद रहे। खास बात ये रही कि समारोह के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे। वह पहली कतार में दो अन्य पूर्व उपराष्ट्रपतियों वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी के साथ बैठे थे। उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहला मौका था जब जगदीप धनखड़ किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

सीपी राधाकृष्णन ने 152 मतो से जीता था चुनाव

एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति पद चुनाव में सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 प्रथम वरीयता के मतों से हरा कर उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता था। सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता के मत मिले, जबकि सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में 452 वोट पड़े।

जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हुए चुनाव

जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा दे दिया था। संसद के हालिया मानसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था। उनके इस्तीफे के कारण मध्यावधि चुनाव कराया गया।

बिहार में पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर नया सियासी बवाल, जानें क्या है पूरा मामला

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हवा गर्म होती जा रही है। चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां हीराबेन को लेकर उबाल बढ़ता जा रहा है। पहले जहां कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर अभद्र भाषा के इस्तेमाल का मामला सुर्खियों में था। इस विवाद के बीच कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक एआई जेनेरेटेड वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस वीडियो में पीएम मोदी को सपने में अपनी दिवंगत मां से डांट सुनते हुए दिखाया गया है। जिसके बाद बिहार का सियासी पारा हाई हो गया है।

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AI जेनेरेटेड वीडियो में क्या?

एआई से बने इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोते हुए दिखाया गया है। तभी सपने में उनकी मां हीराबेन आती हैं और उन्हें उनकी राजनीति पर डांटती हैं। वीडियो में हीराबेन कहती हैं, “अरे बेटा, पहले तो तुम ने मुझे नोट बंदी की लंबी लाइन में खड़ा किया। अब बिहार में मेरे नाम पर राजनीति कर रहे हो। तुम मेरे अपमान के बैनर-पोस्टर छपवा रहे हो। तुम फिर से बिहार में नौटंकी करने की कोशिश कर रहे हो। राजनीति के नाम पर कितना गिरोगे।”

बीजेपी बोली-'गालियों' की कांग्रेस

बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने इस वीडियो को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर पीएम मोदी की मां का अपमान कर रही है। यह अब गांधी की कांग्रेस नहीं रही, यह 'गालियों' की कांग्रेस बन गई है। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस को इस वीडियो को लेकर शर्म आनी चाहिए। उन्होंने एक बार फिर पीएम मोदी की मां, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनका अपमान किया है। कांग्रेस के नेताओं को इस वीडियो के लिए माफी मांगनी चाहिए।

अगस्त से जारी है पीएम और उनकी मां को लेकर विवाद

पिछले महीने जब राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे थे तो उस दौरान दरभंगा में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था। इस घटना के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया था। इस घटना के सामने आने के बाद पीएम मोदी ने भी कांग्रेस और राजद पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी मां अब इस दुनिया में नहीं हैं। राजनीति से कोई लेना-देना न होने के बावजूद भी मेरी मां को कांग्रेस-राजद के मंच से घिनौनी गालियां दी गईं। यह बेहद दुखद, दर्दनाक और व्यथित करने वाली बात है।

राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सीआरपीएफ चिंतित, खरगे को लिखी चिट्ठी

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। 10 सितंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि सीनियर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बिना पूर्व सूचना के विदेश चले जाते हैं, जो उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को भी एक अलग लेटर लिखकर इस मुद्दे के बारे में बताया है। बता दें कि राहुल गांधी को जेड प्लस सुरक्षा कवर सीआरपीएफ द्वारा प्रदान किया जाता है।

सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ने पर चिंता

सीआरपीएफ ने विदेश यात्राओं के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से अपना सिक्योरिटी प्रोटोकॉल बार-बार तोड़े जाने पर गंभीर चिंता जताई है। सीआरपीएफ की ओर से कहा गया है कि इस तरह सुरक्षा से खिलवाड़ उन्हें गंभीर खतरे में डाल सकता है। सीआरपीएफ की ओर से इसके लिए उनकी इटली, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों की यात्राओं का हवाला भी दिया गया है।

अनिवार्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी का आरोप

सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लिखी चिट्ठी में उनकी ओर से लगातार इसके उल्लंघन की बात कही गई है। सीआरपीएफ का कहना है कि एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL)टीम के साथ जेड+ कवर (Z+) होने के बावजूद राहुल ने कई मौकों पर अनिवार्य सुरक्षा उपायों की अनदेखी की।

अपनी गतिविधियों के बारे में देनी होती है सूचना

राहुल गांधी को एडवांस सिक्योरिटी लाइजन कवर के साथ हाइएस्ट लेवल की जेड+ सिक्योरिटी मिली हुई है। Z प्लस सिक्योरिटी में कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। इनमें 10 से ज्यादा एनएसजी कमांडो होते हैं। बाकी सुरक्षाकर्मी सीएपीएफ और लोकल पुलिस के होते हैं। येलो बुक प्रोटोकॉल के तहत हाई कैटेगरी की सुरक्षा प्राप्त लोगों को अपनी गतिविधियों के बारे में सुरक्षा विंग को पहले से सूचना देनी होती है ताकि पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसमें विदेश यात्रा भी शामिल है।

कुलमन घिसिंग बन सकते हैं नेपाल के अंतरिम पीएम, दावा- सुशीला कार्की के नाम पर नहीं बनी सहमति

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जेन जी आंदोलन की वजह से नेपाल में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया था। इन विरोध प्रदर्शनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार शाम जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, अब तक 1,061 लोग घायल हुए हैं। घायलों में से 719 को छुट्टी दे दी गई है, जबकि 274 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। इस बीच, देश में अंतरिम सरकार बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

सुशीला कार्की के नाम पर सहमति नहीं बनी

नेपाल में सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध प्रदर्शन के बीच फैली हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी रोकने के लिए सेना सड़कों पर है। इस बीच नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव किया है। काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह बालेन ने भी इसका समर्थन किया है। हालांकि, अब तक सुशीला कार्की के नाम पर सहमति नहीं बनी है। बुधवार शाम को भी पहले दौर की बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकला था। सेना ने सभी पार्टी और नेताओं से राय देने को कहा था।

कुलमान घिसिंग पीएम की रेस में आगे

केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा तेज है। मगर अब इसमें एक बड़ा ट्विस्ट आया है। सरकार बनाने की कवायद के बीच एक नया नाम सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बातचीत में नेपाल के लाइट मैन कहे जाने वाले कुलमान घिसिंग पीएम की रेस में आगे चल रहे हैं। नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के पूर्व सीईओ कुलमन घिसिंग का नाम तेजी से उभरा है। खुद जेन जी प्रदर्शनकारियों ने कुलमन घिसिंग का नाम आगे बढ़ाया है।

सुशीला कार्की की उम्र और राजनीतिक अनुभव पर उठे सवाल

आज गुरुवार को आखिरी दौर की मीटिंग हुई। यह मीटिंग सुशीला कार्की के नाम पर सहमति को लेकर थी। कारण कि उनके नाम पर पेच फंसा था। जेन जी गुट के ही कुछ लोग आपत्ति जता रहे थे। मीटिंग में कुछ ग्रुप्स ने सुशीला कार्की की उम्र और राजनीतिक अनुभव की कमी पर सवाल उठाए। यहीं से नेपाल के अंतरिम पीएम पर यूटर्न आया। इसी बैठक में कुछ प्रदर्शनकारियों ने कुलमन घिसिंग को वैकल्पिक नाम के रूप में पेश किया।

सुशीला कार्की खुद नहीं बनना चाहतीं?

दरअसल, सुशीला कार्की 72 साल की हैं। वह नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। वह अपनी ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी फैसलों के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कम से कम 1,000 हस्ताक्षरों की मांग की थी, जो 2,500 से ज्यादा हो गए। सुशीला कार्की वैसे भी अंतरिम पीएम नहीं बनना चाहती थीं। खुद आर्मी चीफ ने उन्हें 15 घंटे की मिन्नत करने के बाद मनाया था।सुशीला कार्की भारतीयों और नेपाली लोगों के रिश्तों को महत्व देती हैं और पीएम मोदी का सम्मान करती हैं।

आरएसएस चीफ मोहन भागवत का आज 75वां जन्मदिन, पीएम मोदी बोले- सौभाग्य हमारे पास उनके जैसा सरसंघचालक

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत आज 75 साल के हो गए। उनके जन्मदिन पर देश तमाम नेता उन्हें बधाई दे रहे हैं। पीएम मोदी ने भी भागवत को बधाई दी है। उन्होंने एक बधाई संदेश लिखा है। जिसमें लिखा है कि वे एक असाधारण व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि रखा। पीएम मोदी ने लिखा, हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमारे पास मोहन भागवत जी जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो ऐसे समय में संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं।

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पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित होकर, मोहन भागवत जी ने अपना पूरा जीवन सामाजिक परिवर्तन और सद्भाव एवं बंधुत्व की भावना को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित कर दिया है। उनके 75वें जन्मदिन के मौके पर, मोहन जी और उनके प्रेरक व्यक्तित्व पर कुछ विचार लिखे। मां भारती की सेवा में उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।

आज 11 सितंबर है। यह दिन अलग-अलग स्मृतियों से जुड़ा है। एक स्मृति 1893 की है, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्वबंधुत्व का संदेश दिया और दूसरी स्मृति है 9/11 का आतंकी हमला, जब विश्व बंधुत्व को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई गई। आज के दिन की एक और विशेष बात है। आज एक ऐसे व्यक्तित्व का 75वां जन्मदिवस है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलते हुए समाज को संगठित करने, समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है। संघ परिवार में जिन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में श्रद्धाभाव से संबोधित किया जाता है, ऐसे आदरणीय मोहन भागवत जी का आज जन्मदिन है।

पीएम मोदी ने संघ प्रमुख से अपना पुराना संबंध याद किया

पीएम मोदी ने लिखा कि मेरा मोहन भागवत जी के परिवार से बहुत गहरा संबंध रहा है। मुझे उनके पिता, स्वर्गीय मधुकरराव भागवत जी के साथ निकटता से काम करने का सौभाग्य मिला था। मैंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के बारे में विस्तार से लिखा भी है। वकालत के साथ-साथ मधुकरराव जी जीवन भर राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित रहे। अपनी युवावस्था में उन्होंने लंबा समय गुजरात में बिताया और संघ कार्य की मजबूत नींव रखी। मधुकरराव जी का राष्ट्र निर्माण के प्रति झुकाव इतना प्रबल था कि अपने पुत्र मोहनराव को भी इस महान कार्य के लिए निरंतर गढ़ते रहे। एक पारसमणि मधुकरराव ने मोहनराव के रूप में एक और पारसमणि तैयार कर दी।

भागवत जी का पूरा जीवन प्रेरणा देने वाला-पीएम मोदी

भागवत जी का पूरा जीवन सतत प्रेरणा देने वाला रहा है। वे 1970 के दशक के मध्य में प्रचारक बने। सामान्य जीवन में प्रचारक शब्द सुनकर ये भ्रम हो जाता है कि कोई प्रचार करने वाला व्यक्ति होगा, लेकिन जो संघ को जानते हैं उनको पता है कि प्रचारक परंपरा संघ कार्य की विशेषता है। 2000 में वे सरकार्यवाह बने। यहां भी अपनी अनोखी कार्यशैली से हर कठिन परिस्थिति को सहजता और सटीकता से संभाला। 2009 में वे सरसंघचालक बने और आज भी अत्यंत ऊर्जा के साथ कार्य कर रहे हैं। भागवत जी ने राष्ट्र प्रथम की मूल विचारधारा को हमेशा सर्वोपरि रखा।

भागवत के संगीत और गायन की रूचि से कराया अवगत

प्रधानमंत्री ने आगे लिखा है कि मोहन जी, हमेशा एक भारत श्रेष्ठ भारत के प्रबल पक्षधर रहे हैं। भारत की विविधता और भारत भूमि की शोभा बढ़ा रही अनेक संस्कृतियों और परंपराओं के उत्सव में भागवत जी पूरे उत्साह से शामिल होते हैं। वैसे बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोहन भागवत जी अपनी व्यस्तता के बीच संगीत और गायन में भी रुचि रखते हैं। मोहन जी के स्वभाव की एक और बड़ी विशेषता ये है कि वो मृदुभाषी हैं। उनमें सुनने की भी अद्भुत क्षमता है। यह विशेषता न केवल उनके दृष्टिकोण को गहराई देती है, बल्कि उनके व्यक्तित्व और नेतृत्व में संवेदनशीलता और गरिमा भी लाती है।

ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या, अमेरिकी राष्ट्रपति को बड़ा झटका

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अमेरिका के कंजरवेटिव युवा नेता और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी चार्ली किर्क की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। किर्क यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक कॉलेज कार्यक्रम में भाषण दे रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। वह मात्र 31 वर्ष के थे राष्ट्रपति ट्रंप ने चार्ली किर्क की हत्या पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करके खुद इस घटना की जानकारी दी। ट्रंप ने अमेरिका में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।

ट्रंप ने जताई संवेदना

चार्ली किर्क के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दुख जताया। उन्होंने लिखा कि चार्ली किर्क के सम्मान में, जो एक सच्चे महान अमेरिकी देशभक्त थे, पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में सभी अमेरिकी ध्वज रविवार शाम 6 बजे तक आधे झुके रहेंगे। ट्रंप ने आगे लिखा कि चार्ली किर्क अब इस दुनिया में नहीं रहे। संयुक्त राज्य अमेरिका के युवाओं को कोई भी उतना नहीं समझता था, जितना कि वे। उन्हें हर कोई प्यार करता था और उनकी प्रशंसा करता था, खासकर मैं। और अब वे हमारे साथ नहीं हैं तो मेलानिया और मेरी संवेदनाएं उनकी पत्नी एरिका और पूरे परिवार के साथ हैं। चार्ली, हम आपसे प्यार करते हैं।

सोशल मीडिया पर आया वीडियो

घटना उस समय हुई जब कर्क विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित बहस कार्यक्रम में दर्शकों से सवाल ले रहे थे। जैसे ही उन्होंने एक सवाल का जवाब दिया, दूर से चली गोली उनके गले में आ लगी। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कर्क को लहूलुहान होकर गिरते देखा गया, जिसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। पुलिस के अनुसार, हमलावर ने काले कपड़े पहन रखे थे और कैंपस की एक इमारत की छत से गोली चलाई।

ट्रंप के लिए क्यों है बड़ा झटका?

चार्ली किर्क की हत्या को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चार्ली किर्क ट्रंप के बेहद करीबी सहयोगी थे। अमेरिकी दक्षिणपंथी राजनीतिक कार्यकर्ता चार्ली किर्क उन प्रभावशाली लोगों के समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद की। राइट विंग वाले युवाओं को प्रेरित किया। इतना ही नहीं, ट्रंप की जीत में उन्होंने बड़ा रोल प्ले किया था।

कौन थे चार्ली किर्क?

चार्ली किर्क इलिनोइस के मूल निवासी थे। उन्होंने 18 साल की उम्र में राइट विंग छात्र समूह टर्निंग पॉइंट यूएसए की सह-स्थापना की और ट्रंप के शासनकाल में रिपब्लिकन पार्टी में एक उभरते सितारे के रूप में उभरे।

नेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़की सत्ता-विरोधी लहर, अब नए संविधान, प्रतिनिधि सभा भंग करने की उठी मांग

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नेपाल में जेनरेशन जेड (जेन-जी) आंदोलन अब बेकाबू होता जा रहा है। सोशल मीडिया बैन से भड़की युवा-नेतृत्व वाली लहर अब सत्ता-विरोधी सुनामी में बदल चुकी है। संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, सिंहदरबार सचिवालय और कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इस बवाल के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अचानक इस्तीफा दे दिया। हालात इतने बिगड़े कि सेना को मंगलवार रात 10 बजे से राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेनी पड़ी। देशभर में कर्फ्यू लागू है और सीमाएं सील कर दी गई हैं। इस बीच जेन जी प्रदर्शनकारियों ने कई राजनीतिक और सामाजिक मांगें रखी हैं।

सेना ने ली देश की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी

नेपाल में हालात बिगड़ने के बाद सेना ने सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है। काठमांडू एयरपोर्ट और सरकार के मुख्य सचिवालय सिंहदरबार जैसे अहम ठिकानों पर सेना का नियंत्रण है. वहीं, देश की सीमाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। कर्फ्यू जारी है, हालांकि एंबुलेंस और शववाहन जैसी जरूरी सेवा से जुड़ी गाड़ियों को छूट दी गई है। सेना ने चेतावनी दी है कि प्रदर्शन, तोड़फोड़, लूट, आगजनी या किसी भी व्यक्ति और संपत्ति पर हमला अब दंडनीय अपराध माना जाएगा और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सेना ने नागरिकों और मीडिया से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।

आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिग्देल खुद मोर्चे पर

हालात को शांत करने के लिए नेपाल आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिग्देल खुद मोर्चे पर हैं। उन्होंने देर रात जेन जी आंदोलन के प्रतिनिधियों को सेना मुख्यालय बुलाकर उनसे बातचीत की और उनकी मांगों को सुना। उन्होंने मौतों पर शोक जताते हुए युवाओं से संवाद के जरिए समाधान खोजने की अपील की। साथ ही उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थिति को सामान्य करना, सार्वजनिक और निजी संपत्ति की सुरक्षा करना और आम नागरिकों तथा राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना ही सेना की पहली प्राथमिकता है।

देश के संविधान में संशोधन की मांग

इधर नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार को उखाड़ फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों ने शासन में व्यापक सुधार और पिछले तीन दशकों में राजनेताओं की लूटी गई संपत्तियों की जांच की मांग की है। आंदोलनकारियों ने घोषणा की है कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान जान गंवाने वाले सभी लोगों को आधिकारिक शहीद का दर्जा दिया जाएगा। उनके परिवारों को राजकीय सम्मान, पहचान और सहायता दी जाएगी। इसकी सबसे प्रमुख मांगों में देश के संविधान में संशोधन या इसे नए तरीके से लिखा जाना शामिल है।

नई राजनीतिक व्यवस्था की बात

आयोजकों ने बेरोजगारी से निपटने, पलायन पर अंकुश लगाने और सामाजिक अन्याय को दूर करने के लिए विशेष कार्यक्रमों का भी वादा किया है। प्रदर्शनकारियों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'यह आंदोलन किसी पार्टी या व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी और राष्ट्र के भविष्य के लिए है। शांति आवश्यक है, लेकिन यह एक नई राजनीतिक व्यवस्था की नींव पर ही संभव है।

चुनाव आयोग की बड़ी तैयारी, देशभर में SIR शुरू करने को लेकर बुलाई अहम बैठक

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बिहार के बाद अब चुनाव आयोग मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रही है। इन्हीं तैयारियों पर चर्चा के लिए चुनाव आयोग राज्यों के अपने अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहा है। बैठक की अगुवाई मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया। बैठक में आयोग के वरिष्ठ अधिकारी एसआईआर नीति पर प्रस्तुति दी। वहीं बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसआईआर लागू करने में राज्य के अनुभव साझा किया।

इस साल होने वाले चुनावों से पहले शुरू होगी एसआईआर

आयोग ने कहा है कि बिहार के बाद, एसआईआर पूरे देश में लागू किया जाएगा। ऐसे संकेत हैं कि यह प्रक्रिया इस साल के अंत में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले शुरू हो जाएगी। इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है।

क्या है एसआआर का उद्देश्य

इस गहन पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्म स्थान की जांच करके उन्हें बाहर निकालना है। बांग्लादेश और म्यांमार सहित विभिन्न राज्यों में अवैध विदेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस गहन समीक्षा के तहत चुनाव अधिकारी त्रुटिरहित मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। विपक्षी दलों की ओर से भाजपा की मदद के लिए चुनाव आयोग पर मतदाता आंकड़ों में हेराफेरी करने के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने गहन संशोधन में अतिरिक्त कदम उठाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अवैध प्रवासी मतदाता सूची में शामिल न हों।