नेपाल में प्रधानमंत्री की कुर्सी गई, पीएम ओली ने दिया इस्तीफा

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नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को शुरू हा भीषण बवाल मंगलवार को भी जारी है। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से को इस्तीफा दे दिया है। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने केपी शर्मा ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। ओली को आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल ने कुर्सी छोड़ने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि इस्तीफे के बाद ही हालात सुधरेंगे।

नेपाल पीएम ने इस्तीफे में क्या लिखा

नेपाल में सोशल मीडिया ऐप्स पर लगे बैन को लेकर Gen-Z विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर को आग के हवाले कर दिया था। देश के बिगड़े हालात के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया है। केपी शर्मा ओली ने इस्तीफे में लिखा, ''माननीय राष्ट्रपति जी, नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार 31 असद 2081 बी.एस. को प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद, तथा देश में वर्तमान में विद्यमान असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मैंने संविधान के अनुच्छेद 77 (1) (ए) के अनुसार आज से प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, ताकि संविधान के अनुसार समस्याओं के राजनीतिक समाधान और समाधान की दिशा में आगे कदम उठा सकूं।

इस्तीफे के बाद सेना के सुरक्षा घेरे में ओली

नेपाल में पीएम केपी शर्मा ओली ने इस्‍तीफा भले ही दे दिया है लेकिन उनकी मुश्किलें खत्‍म नहीं होने जा रही हैं। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि केपी ओली पर हत्‍या का मुकदमा चलाया जाए। इस बीच नेपाली सेना ने केपी ओली को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है ताकि प्रदर्शनकारी उन पर हमला नहीं कर सकें। इस बीच प्रदर्शकारियों ने नेपाली संसद को फूंक दिया है।

नेपाल के पूर्व डिप्टी पीएम को प्रदर्शनकारियों ने जेल से छुड़ाया

नेपाली प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारियों ने पूर्व डिप्टी पीएम रवि लामीछाने को जेल से निकाल लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे आने वाले परिदृश्य में वे बड़ी भूमिका में नजर आएं।

नेपाल में प्रदर्शनकारियों का राष्ट्रपति-पीएम के घर में आगजनी, ओली ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

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नेपाल में आक्रोश की आग भड़कती ही जा रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है। वहीं इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सूचना एवं संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास में भी आग लगा दी। पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के घर के बाहर पुलिस चौकी में भी आग लगा दी गई। 

सड़कें युद्धक्षेत्र बनी

सोमवार को शुरू हुआ छात्रों का ये प्रदर्शन मंगलवार को पूरे देश में फैल गया है। काठमांडू में प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड़ ने बवाल मचा रखा है। शहर की सड़कें युद्धक्षेत्र जैसी नजर आ रही हैं। काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने सीपीएन-एमसी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश लेखक सहित अन्य के आवास पर पथराव किया और आगजनी की। मकवानपुर में, हेटौडा और पूर्वी मनहारी बाज़ार में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जहां प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर पूर्व-पश्चिम राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ। पुलिस ने अशांति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।

राष्ट्रपति- प्रधानमंत्री का घर आग के हवाले

प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के आवास को आग के हवाले दिया है। ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास को जला दिया है। प्रदर्शनकारियों ने बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के आवास में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह परिसर में घुसने और घर के कुछ हिस्सों में आग लगाने से पहले, घर में मौजूद सामानों को बाहर निकाल लिया था। आग फैलने पर आवास से धुएं का घना गुबार उठता देखा गया। वहीं, देश के ऊर्जा मंत्री और राष्ट्रपति के घर को भी प्रदर्शनकारियों ने जला दिया है। प्रदर्शनकारियों ने "केपी चोर, देश छोड़" , "भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो" जैसे नारे लगा रहे हैं। 

सेना ने पीएम केपी ओली से इस्तीफा मांगा

नेपाल में दो दिन से चल रहे बवाल के बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। विकट होते हालात को देखते हुए सेना ने पीएम केपी ओली से इस्तीफा मांगा है। नेपाली आर्मी चीफ ने कहा है कि पीएम ओली अब गद्दी छोड़ देंष

नेपाल में कई जगहों पर लगा कर्फ्यू

काठमांडू में गृह मंत्रालय के अधीन तीन जिला प्रशासन कार्यालयों (डीएओ) ने अलग-अलग नोटिस जारी करके कई स्थानों पर कर्फ्यू लगा दिया, जिसमें शहर के प्रमुख एंट्री प्वाइंट शामिल हैं. काठमांडू डीएओ ने मंगलवार को राजधानी में अनिश्चितकाल तक के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया, जिसमें लोगों को आवाजाही, प्रदर्शन, सभाएं या धरने पर रोक है. कर्फ्यू के दौरान जरूरी सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, अग्निशमन वाहन, शव वाहन, स्वास्थ्यकर्मियों, पत्रकारों, पर्यटक वाहनों, हवाई यात्रियों और मानवाधिकार व राजनयिक मिशनों के वाहनों की आवाजाही की अनुमति होगी.

केपी शर्मा ओली ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

देश के बिगड़े हालात के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आज शाम एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मैं स्थिति का आकलन करने और एक सार्थक निष्कर्ष निकालने के लिए संबंधित पक्षों के साथ बातचीत कर रहा हूं। इसके लिए, मैंने आज शाम 6 बजे एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। मैं सभी भाइयों और बहनों से विनम्र अनुरोध करता हूं कि इस कठिन परिस्थिति में धैर्य बनाए रखें।

20 की मौत के बाद झुकी नेपाल की ओली सरकार, GEN-Z के आक्रोश के बाद सोशल मीडिया से हटा बैन

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नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बैन हटा लिया है। यह फैसला सोमवार को देश भर में युवाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए बाद लिया गया। नेपाल में सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन के खिलाफ हजारों Gen-Z युवाओं ने सोमवार को राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में प्रदर्शन किया। हिंसक प्रदर्शन के दौरान 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हिंसक प्रदर्शन के बाद नेपाल सरकार ने देर रात सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटा लिया है। इससे पहले प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बैन हटाने से इनकार किया था।

देर रात बेन हटाने की हुई घोषणा

GEN-Z प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हुए हैं। नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने देर रात घोषणा की कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगान का फैसला वापस ले लिया गया है। एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री ने कहा, सरकार ने GEN-Z की मांग को रखते हुए सोशल मीडिया को खोलने का फैसला पहले ही कर लिया है।

पहले लिए गए फैसले पर सरकार को पछतावा नहीं

हालांकि, मंत्री ने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद करने को लेकर पहले लिए गए फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। गुरुंग ने कहा, 'इस मुद्दे को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करके विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे, इसलिए सोशल मीडिया साइटों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया है।' गुरुंग ने जेन-जी प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की।

नेपाली गृह मंत्री रमेश लेखक का इस्तीफा

इससे पहले सोमवार को नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर पाबंदी के खिलाफ युवाओं न जोरदार प्रदर्शन का। विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने से 20 लोगों की मौत हो गई। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह झड़पें हुईं। काठमांडो में प्रदर्शनकारी संसद भवन परिसर में घुस गए और तोड़फोड़ की। विरोध प्रदर्शन पोखरा, बुटवल, भैरहवा, भरतपुर, इटाहारी और दमक तक फैल गया। हालात काबू में करने के लिए काठमांडो समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाने के साथ सेना को तैनात करना पड़ा। बेकाबू हिंसा के बाद नेपाली गृह मंत्री रमेश लेखक को इस्तीफा दे दिया।

हिंसा की जांच के लिए कमेटी बनेगी

इसके साथ ही कैबिनेट ने हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति का भी गठन किया है। कमेटी को 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इन मौतों पर दुख जताया, साथ ही आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन में कुछ असामाजिक तत्व घुस आए थे। सरकारी संपत्ति को बचाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद सोशल मीडिया को बंद करना नहीं, बल्कि नियंत्रित करना था।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, पीएम मोदी ने डाला वोट, जानें क्या कहता है वोटों का गणित?

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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करने संसद भवन पहुंचे। इस चुनाव में एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से है। मतगणना शाम में होगी।

इस चुनाव में सत्तापक्ष यानी एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन हैं तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी हैं। इन दोनों के बीच में ही टक्कर है और जो जीतेगा उसे उपराष्ट्रपति की गद्दी पर बैठाया जाएगा। चुनाव से पहले जानते हैं वोटों का गणित।

जीत के लिए कुल 386 वोटों की जरूरत

लोकसभा में सांसदों की संख्या 542 है जबकि राज्यसभा में 239 सांसद हैं। दोनों सदनों को मिलाकर कुल वोट करने वाले सांसदों की संख्या 781 होती है। कुल सांसदों के हिसाब से जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को कुल 391 वोटों की जरूरत पड़ेगी। इसी बीच नवीन पटनायक की बीजेडी, चंद्रशेखर राव की बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से अलग रहने की घोषणा कर दी है, जिससे अब जीत के आंकड़ें में थोड़ा फेरबदल होगा। नवीन पटनायक की बीजेडी, शिरोमणि अकाली दल और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बीआरएस को हटा दें तो वोट करने वाले बचे कुल सांसदों की संख्या 770 पर आ जाती है। इन दोनों ने खुद को चुनाव से बाहर रखने का फैसला किया है। इस हिसाब से एक उम्मीदवार को जीत के लिए 386 वोट चाहिए।

एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 425

एनडीए के पास कुल सांसदों की संख्या 425 है। इसके अलावा जगन रेड्डी के दल का समर्थन (11 सांसद) भी जोड़ लेते हैं तो यह संख्या 436 पहुंच जाती है। दूसरी ओर इंडिया ब्लॉक के पास सांसदों की संख्या 324 है। यानी दोनों के बीच कुल 112 वोटों का अंतर है। यहां यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि फिलहाल निर्दलीय और स्वाति मालीवाल, गिरधारी लाल यादव जैसे अपने दल से अलग थलग सांसदों को मिलाकर 10 ऐसे हैं जिनका वोट किस तरफ जाएगा या वो वोट करेंगे या नहीं करेंगे ये साफ नहीं है। कुल मिलाकर आकंड़ों के लिहाज से एनडीए उम्मीदवार की जीत महज औपचारिकता ही दिखती है।

राधाकृष्णन या सुदर्शन...कौन बनेगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? जानें एनडीए और इंडिया में किसका पड़ला भारी

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उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए कल यानी 9 सितंबर को वोटिंग होनी है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। नतीजा भी देर शाम तक सामने आ जाएगा। एनडीए ने मैदान में सी पी राधाकृष्णन को उतारा है तो इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों जीत का दावा कर रहे हैं।

जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जीत सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं। इस लिहाज से एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के पास सांसदों की संख्या ज्यादा है और 'इंडिया' ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी उनसे पिछड़ सकते हैं। दरअसल, लोकसभा और राज्यसभा में कुल मिलाकर 781 सदस्य हैं। इसमें एनडीए को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 439 है और इंडिया गठबंधन को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 327 है। हालांकि, जीत का अंतर पिछले चुनावों जितना बड़ा होना मुश्किल लग रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं। इसमें राज्यसभा के मनोनीत सांसद भी वोट डालते हैं। इसके लिए व्हिप जारी नहीं होता और गुप्त मतदान होता है। यानी सांसद अपनी मर्जी के हिसाब से वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, मोटे तौर पर पार्टी लाइन के हिसाब से ही वोट डाले जाते हैं। हालांकि, पहले के चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती आई है और इस बार भी इसकी संभावना है।

बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया था। वराहगिरि वेंकट गिरि और रामास्वामी वेंकटरमन के बाद धनखड़ मध्यावधि में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इतिहास में यह पहली बार है कि दोनों प्रमुख उम्मीदवार दक्षिणी राज्यों से हैं, क्योंकि राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं।

नेपाल में बवाल, सोशल मीडिया पर रोक से भड़के युवा, संसद भवन में भी घुसे

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पड़ोसी देश नेपाल में विरोध की आग भड़क उठी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ नेपाल में युवाओं ने सोमवार को काठमांडू में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जेनरेशन जेड पीढ़ी के युवाओं ने सड़कों पर सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की। सोशल मीडिया बैन होने के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी गेट पार कर संसद के भीतर प्रवेश कर गए। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन चलाई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग भी की, इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई, 70 लोग घायल हैं।

ओेली सरकार के खिलाफ अगली पीढ़ी के युवाओं की बगावत

नेपाल में ओेली सरकार के खिलाफ अगली पीढ़ी के युवाओं ने बगावत कर दी है। नेपाल में अचानक शुरू हुए इस भीषण प्रदर्शन के पीछे की वजह ओली सरकार का हालिया फैसला है। सरकार ने नियमों का हवाला देकर अचानक 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिए, जिनमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर भी शामिल हैं। इस फैसले के विरोध में राजधानी काठमांडू में हजारों छात्र-युवा, सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ भीषण प्रदर्शन कर रहे हैं। कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने लाठिया भांजी हैं, जिसमें एक छात्र की अभी तक मौत की रिपोर्ट है।

'हामी नेपाल' के बैनर तले प्रदर्शन

बताया गया कि सोमवार सुबह 9 बजे से प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में एकत्रित होने लगे। हाल के दिनों में 'नेपो किड' और 'नेपो बेबीज' जैसे हैशटैग ऑनलाइन ट्रेंड कर रहे हैं। सरकार की ओर से अपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के फैसले के बाद इसमें और तेजी आई है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, 'हामी नेपाल' ने इस रैली का आयोजन किया था। इसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।

बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के खिलाफ भी गुस्सा

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की, इसलिए यह कार्रवाई करनी पड़ी। लेकिन छात्रों और युवा वर्ग का आरोप है कि यह फैसला उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। युवाओं का कहना है सरकार अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए उनके आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारी बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे...' झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को फिर मिली जान से मारने की धमकी

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झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। देर रात एक अज्ञात नंबर से धमकी भरा फोन आया। रविवार की रात करीब 11:56 बजे एक अज्ञात मोबाइल नंबरसे धमकी भरा फोन आया, जिसमें धमकी देने वाले ने कहा कि तुम्हें जान से मार डालेंगे। फोन करने वाले शख्स ने मंत्री को सीधे शब्दों में कहा, तुम बस इंतजार करो…तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे!

धमकी के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट

जानकारी के मुताबिक, धमकी मिलने के समय डॉ. इरफान अंसारी बोकारो में थे। इरफान अंसारी कांग्रेस पार्टी की ओर से संचालित संगठन सृजन कार्यक्रम को लेकर इस समय बोकारो में मौजूद हैं। उन्होंने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी। धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस ने उस नंबर का पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी है जिससे यह कॉल आया था।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

यह पहली बार नहीं है जब मंत्री को इस तरह की धमकी मिली है। कुछ दिन पहले गिरिडीह के एक युवक ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर इरफान अंसारी सहित नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को बम से उड़ा देने की धमकी दी थी। उस वीडियो में युवक ने खुद को कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का भाई बताया और 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। गिरिडीह पुलिस ने उस युवक को दबोचा।

राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही पार्टी के सांसद को घेरा, निशिकांत दूबे को लेकर कह दी बड़ी बात

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे पर हमला बोला। राजीव प्रताप रूडी ने झारखंड के गोड्डा से अपनी ही पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रूडी ने दुबे को अहंकारी बताया और कहा कि वे संसद में अपनी अलग ही 'सरकार' चलाते हैं। रूडी ने एक इंटरव्यू के दौरान दुबे को लेकर गंभीर बातें कहीं।

न्यूजलॉण्ड्री के साथ एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री रूडी ने साथी सांसद पर उस वक्त निशाना साधा, जब उनसे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया के लिए हाल ही में संपन्न चुनाव और पार्टी की अंदरूनी राजनीति को लेकर सवाल पूछे गए। रूडी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का समर्थन मिला था। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या गृह मंत्री अमित शाह पूर्व सांसद संजीव बालियान का समर्थन कर रहे थे।

दुबे पर गलत खबरें फैलाने का लगाया आरोप

रूडी ने इन खबरों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति संसद में अपनी सरकार चलाता है और वही गलत खबरें फैला रहा है। राजीव प्रताप रूडी ने निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे संसद में खुद को सरकार से अलग अपनी ही 'सरकार' चलाने का दिखावा करते हैं, जिसमें उनका (रूडी का) कोई हिस्सा नहीं है।

दुबे सोचते हैं कि वे संसद को नियंत्रित करते हैं-रूडी

रूडी ने सीधे तौर पर निशिकांत दुबे का नाम लिया। उन्होंने कहा कि दुबे सोचते हैं कि वे संसद को नियंत्रित करते हैं और वहां अपना शो चलाते हैं। रूडी ने यह भी कहा कि दुबे ने गृह मंत्री अमित शाह का नाम इस मामले में उछाला।

निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप

राजीव प्रताप रूडी ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान उनके खिलाफ प्रचार की अगुवाई पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने की। रूडी ने दावा किया कि चुनाव के दौरान उन्हें अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा तक सभी का समर्थन हासिल था। लेकिन निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करके गलत तरीके से विवाद पैदा करने की कोशिश की। रूडी का कहना है कि दुबे ने हरसंभव कोशिश की कि वे चुनाव न जीत सकें। यह बयान न केवल चुनावी प्रतिस्पर्धा की कटुता को दिखाता है, बल्कि इस ओर भी संकेत करता है कि पार्टी की राजनीति अब व्यक्तिगत हमलों और भीतरघात तक पहुंच चुकी है।

क्या सुधरने लगे हैं भारत-अमेरिका के रिश्ते? पीएम मोदी के बाद आया जयशंकर का बयान

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोस्ती वाले बयान को लेकर पीएम मोदी के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भारत-अमेरिका संबंधों पर बात की है। जयशंकर ने कहा है कि भारत और अमेरिका रिश्ते अब भी बने हुए हैं। दोनों देश लगातार बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा है, पीएम मोदी अमेरिका के साथ दोस्ती को बहुत महत्व देते हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रशंसा किए जाने पर आभार व्यक्त किया है।

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच व्यक्तिगत संबंध हमेशा बेहतर-जयशंकर

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक बात कहने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, पीएम मोदी अमेरिका के साथ हमारी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। जहां तक राष्ट्रपति ट्रंप का सवाल है, पीएम मोदी के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमेशा से बहुत अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। हालांकि, यहां मुद्दा यह है कि हम अमेरिका के साथ जुड़े हुए हैं। हमारे संबंध बने हुए हैं। हम बातचीत कर रहे हैं। इस समय मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।'

भारत-अमेरिका रिश्तों की अहमियत

विदेश मंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत अमेरिका के साथ संबंधों को सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक सहयोग की दृष्टि से भी देखता है. रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है. विशेषकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग चीन की बढ़ती सक्रियता को संतुलित करने के लिए भी अहम माना जाता है.

ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' कहा है। शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप से सवाल किया गया कि क्या वे भारत के साथ संबंधों को फिर से सुधारने के लिए तैयार हैं? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं, लेकिन मुझे इस समय उनके काम पसंद नहीं आ रहे हैं। हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच ऐसे पल आते जाते हैं।

ट्रंप के बयान पर क्या बोले पीएम मोदी?

ट्रंप के बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट किया। इसमें ट्रंप के बयान वाले एएनआई के पोस्ट को साझा कर पीएम मोदी ने लिखा, 'राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की हम तहे दिल से सराहना करते हैं। हम उनका पूर्ण समर्थन करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच बहुत ही सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक, वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी है।'

ट्रंप के 'अच्छे दोस्त और ग्रेट प्राइम मिनिस्टर' वाले बयान पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब, रिश्तों में आई नई गर्माहट?

#pmmodireplytodonaldtrumpstatement

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तल्ख तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। टैरिफ और रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर हमलावर थे। हालांकि, अब ट्रंप के सुर बदले- बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया, तो वहीं भारतीय प्रधानमंत्री ने भी इस पर अब जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप की भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना की है।

अमेरिका और भारत के रिश्तों को 'बहुत ख़ास' बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'हमेशा दोस्त रहेंगे' और इसमें 'चिंता की कोई बात नहीं' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान की सराहना की है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे रिश्तों के बारे में उनके सकारात्मक विचारों की सराहना करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक एवं वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।

ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम पसंद नहीं आ रहे हैं। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच ऐसे पल आ जाते हैं।'ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट पर ‘भारत को खोने’ वाली टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ है।’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे मोदी के साथ अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं।

भारत-रूस को चीन के हाथ खोने की बात कही थी

शुक्रवार को ही ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि भारत और रूस शायद चीन के साथ चले गए हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। अब वे साथ मिलकर लंबा और सुखद भविष्य बिताएं।

ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का आक्रामक रुख

बता दें कि ट्रंप के प्रशासन और समर्थकों की ओर से हाल के दिनों में भारत के खिलाफ बयानबाजी बढ़ी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक पीटर नवारो पिछले कुछ समय से भारत और पीएम मोदी के बारे में बयान देते हुए आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।शुक्रवार देर रात पीटर नवारो ने भारत को लेकर अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने लिखा, भारत की ऊंची टैरिफ दरें अमेरिकी नौकरियों पर असर डालती हैं। भारत सिर्फ़ मुनाफा कमाने के लिए रूस से तेल खरीदता है और यह पैसा रूस की जंग मशीन को जाता है। इसमें यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिकी टैक्स देने वालों को और ज़्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। भारत सच्चाई नहीं मानता और बस कहानी घुमाता है। इससे पहले नवारो रूस और यूक्रेन के टकराव को 'मोदी का युद्ध' बता चुके हैं। 29 अगस्त को उन्होंने एक्स पर लिखा कि रूसी तेल से होने वाली कमाई भारत के राजनीतिक तौर पर जुड़े ऊर्जा कारोबारियों तक पहुंचती है और सीधे पुतिन के युद्ध फ़ंड में भी जाती है।