राधाकृष्णन या सुदर्शन...कौन बनेगा भारत का अगला उपराष्ट्रपति? जानें एनडीए और इंडिया में किसका पड़ला भारी

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उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए कल यानी 9 सितंबर को वोटिंग होनी है। सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं, 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। नतीजा भी देर शाम तक सामने आ जाएगा। एनडीए ने मैदान में सी पी राधाकृष्णन को उतारा है तो इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों जीत का दावा कर रहे हैं।

जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जीत सकते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं। इस लिहाज से एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के पास सांसदों की संख्या ज्यादा है और 'इंडिया' ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी उनसे पिछड़ सकते हैं। दरअसल, लोकसभा और राज्यसभा में कुल मिलाकर 781 सदस्य हैं। इसमें एनडीए को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 439 है और इंडिया गठबंधन को सपोर्ट करने वाले सदस्यों की संख्या 327 है। हालांकि, जीत का अंतर पिछले चुनावों जितना बड़ा होना मुश्किल लग रहा है।

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डालते हैं। इसमें राज्यसभा के मनोनीत सांसद भी वोट डालते हैं। इसके लिए व्हिप जारी नहीं होता और गुप्त मतदान होता है। यानी सांसद अपनी मर्जी के हिसाब से वोट डालने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन, मोटे तौर पर पार्टी लाइन के हिसाब से ही वोट डाले जाते हैं। हालांकि, पहले के चुनावों में क्रॉस वोटिंग होती आई है और इस बार भी इसकी संभावना है।

बता दें कि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया था। वराहगिरि वेंकट गिरि और रामास्वामी वेंकटरमन के बाद धनखड़ मध्यावधि में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति हैं। इतिहास में यह पहली बार है कि दोनों प्रमुख उम्मीदवार दक्षिणी राज्यों से हैं, क्योंकि राधाकृष्णन तमिलनाडु से हैं जबकि रेड्डी तेलंगाना से हैं।

नेपाल में बवाल, सोशल मीडिया पर रोक से भड़के युवा, संसद भवन में भी घुसे

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पड़ोसी देश नेपाल में विरोध की आग भड़क उठी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के खिलाफ नेपाल में युवाओं ने सोमवार को काठमांडू में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जेनरेशन जेड पीढ़ी के युवाओं ने सड़कों पर सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की। सोशल मीडिया बैन होने के विरोध में प्रदर्शन कर रही भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी गेट पार कर संसद के भीतर प्रवेश कर गए। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन चलाई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग भी की, इस दौरान एक शख्स की मौत हो गई, 70 लोग घायल हैं।

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ओेली सरकार के खिलाफ अगली पीढ़ी के युवाओं की बगावत

नेपाल में ओेली सरकार के खिलाफ अगली पीढ़ी के युवाओं ने बगावत कर दी है। नेपाल में अचानक शुरू हुए इस भीषण प्रदर्शन के पीछे की वजह ओली सरकार का हालिया फैसला है। सरकार ने नियमों का हवाला देकर अचानक 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिए, जिनमें यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर भी शामिल हैं। इस फैसले के विरोध में राजधानी काठमांडू में हजारों छात्र-युवा, सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ भीषण प्रदर्शन कर रहे हैं। कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने लाठिया भांजी हैं, जिसमें एक छात्र की अभी तक मौत की रिपोर्ट है।

'हामी नेपाल' के बैनर तले प्रदर्शन

बताया गया कि सोमवार सुबह 9 बजे से प्रदर्शनकारी काठमांडू के मैतीघर में एकत्रित होने लगे। हाल के दिनों में 'नेपो किड' और 'नेपो बेबीज' जैसे हैशटैग ऑनलाइन ट्रेंड कर रहे हैं। सरकार की ओर से अपंजीकृत प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने के फैसले के बाद इसमें और तेजी आई है। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय के अनुसार, 'हामी नेपाल' ने इस रैली का आयोजन किया था। इसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।

बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के खिलाफ भी गुस्सा

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं की, इसलिए यह कार्रवाई करनी पड़ी। लेकिन छात्रों और युवा वर्ग का आरोप है कि यह फैसला उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। युवाओं का कहना है सरकार अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए उनके आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। प्रदर्शनकारी बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक मंदी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे...' झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को फिर मिली जान से मारने की धमकी

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झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। देर रात एक अज्ञात नंबर से धमकी भरा फोन आया। रविवार की रात करीब 11:56 बजे एक अज्ञात मोबाइल नंबरसे धमकी भरा फोन आया, जिसमें धमकी देने वाले ने कहा कि तुम्हें जान से मार डालेंगे। फोन करने वाले शख्स ने मंत्री को सीधे शब्दों में कहा, तुम बस इंतजार करो…तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे!

धमकी के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट

जानकारी के मुताबिक, धमकी मिलने के समय डॉ. इरफान अंसारी बोकारो में थे। इरफान अंसारी कांग्रेस पार्टी की ओर से संचालित संगठन सृजन कार्यक्रम को लेकर इस समय बोकारो में मौजूद हैं। उन्होंने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी। धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस ने उस नंबर का पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी है जिससे यह कॉल आया था।

पहले भी मिल चुकी है धमकी

यह पहली बार नहीं है जब मंत्री को इस तरह की धमकी मिली है। कुछ दिन पहले गिरिडीह के एक युवक ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर इरफान अंसारी सहित नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को बम से उड़ा देने की धमकी दी थी। उस वीडियो में युवक ने खुद को कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई का भाई बताया और 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। गिरिडीह पुलिस ने उस युवक को दबोचा।

राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही पार्टी के सांसद को घेरा, निशिकांत दूबे को लेकर कह दी बड़ी बात

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे पर हमला बोला। राजीव प्रताप रूडी ने झारखंड के गोड्डा से अपनी ही पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रूडी ने दुबे को अहंकारी बताया और कहा कि वे संसद में अपनी अलग ही 'सरकार' चलाते हैं। रूडी ने एक इंटरव्यू के दौरान दुबे को लेकर गंभीर बातें कहीं।

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न्यूजलॉण्ड्री के साथ एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री रूडी ने साथी सांसद पर उस वक्त निशाना साधा, जब उनसे कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ़ इंडिया के लिए हाल ही में संपन्न चुनाव और पार्टी की अंदरूनी राजनीति को लेकर सवाल पूछे गए। रूडी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि क्या कांस्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का समर्थन मिला था। उनसे यह भी पूछा गया कि क्या गृह मंत्री अमित शाह पूर्व सांसद संजीव बालियान का समर्थन कर रहे थे।

दुबे पर गलत खबरें फैलाने का लगाया आरोप

रूडी ने इन खबरों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति संसद में अपनी सरकार चलाता है और वही गलत खबरें फैला रहा है। राजीव प्रताप रूडी ने निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे संसद में खुद को सरकार से अलग अपनी ही 'सरकार' चलाने का दिखावा करते हैं, जिसमें उनका (रूडी का) कोई हिस्सा नहीं है।

दुबे सोचते हैं कि वे संसद को नियंत्रित करते हैं-रूडी

रूडी ने सीधे तौर पर निशिकांत दुबे का नाम लिया। उन्होंने कहा कि दुबे सोचते हैं कि वे संसद को नियंत्रित करते हैं और वहां अपना शो चलाते हैं। रूडी ने यह भी कहा कि दुबे ने गृह मंत्री अमित शाह का नाम इस मामले में उछाला।

निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप

राजीव प्रताप रूडी ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान उनके खिलाफ प्रचार की अगुवाई पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने की। रूडी ने दावा किया कि चुनाव के दौरान उन्हें अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा तक सभी का समर्थन हासिल था। लेकिन निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करके गलत तरीके से विवाद पैदा करने की कोशिश की। रूडी का कहना है कि दुबे ने हरसंभव कोशिश की कि वे चुनाव न जीत सकें। यह बयान न केवल चुनावी प्रतिस्पर्धा की कटुता को दिखाता है, बल्कि इस ओर भी संकेत करता है कि पार्टी की राजनीति अब व्यक्तिगत हमलों और भीतरघात तक पहुंच चुकी है।

क्या सुधरने लगे हैं भारत-अमेरिका के रिश्ते? पीएम मोदी के बाद आया जयशंकर का बयान

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोस्ती वाले बयान को लेकर पीएम मोदी के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। पीएम मोदी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भारत-अमेरिका संबंधों पर बात की है। जयशंकर ने कहा है कि भारत और अमेरिका रिश्ते अब भी बने हुए हैं। दोनों देश लगातार बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा है, पीएम मोदी अमेरिका के साथ दोस्ती को बहुत महत्व देते हैं। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से प्रशंसा किए जाने पर आभार व्यक्त किया है।

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच व्यक्तिगत संबंध हमेशा बेहतर-जयशंकर

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक बात कहने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, पीएम मोदी अमेरिका के साथ हमारी साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। जहां तक राष्ट्रपति ट्रंप का सवाल है, पीएम मोदी के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हमेशा से बहुत अच्छे व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। हालांकि, यहां मुद्दा यह है कि हम अमेरिका के साथ जुड़े हुए हैं। हमारे संबंध बने हुए हैं। हम बातचीत कर रहे हैं। इस समय मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता।'

भारत-अमेरिका रिश्तों की अहमियत

विदेश मंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत अमेरिका के साथ संबंधों को सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक सहयोग की दृष्टि से भी देखता है. रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में भारत-अमेरिका साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुई है. विशेषकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दोनों देशों का सहयोग चीन की बढ़ती सक्रियता को संतुलित करने के लिए भी अहम माना जाता है.

ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' कहा है। शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप से सवाल किया गया कि क्या वे भारत के साथ संबंधों को फिर से सुधारने के लिए तैयार हैं? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं, लेकिन मुझे इस समय उनके काम पसंद नहीं आ रहे हैं। हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच ऐसे पल आते जाते हैं।

ट्रंप के बयान पर क्या बोले पीएम मोदी?

ट्रंप के बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट किया। इसमें ट्रंप के बयान वाले एएनआई के पोस्ट को साझा कर पीएम मोदी ने लिखा, 'राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की हम तहे दिल से सराहना करते हैं। हम उनका पूर्ण समर्थन करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच बहुत ही सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक, वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी है।'

ट्रंप के 'अच्छे दोस्त और ग्रेट प्राइम मिनिस्टर' वाले बयान पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब, रिश्तों में आई नई गर्माहट?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तल्ख तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। टैरिफ और रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर हमलावर थे। हालांकि, अब ट्रंप के सुर बदले- बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया, तो वहीं भारतीय प्रधानमंत्री ने भी इस पर अब जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप की भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना की है।

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अमेरिका और भारत के रिश्तों को 'बहुत ख़ास' बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'हमेशा दोस्त रहेंगे' और इसमें 'चिंता की कोई बात नहीं' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान की सराहना की है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे रिश्तों के बारे में उनके सकारात्मक विचारों की सराहना करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक एवं वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।

ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम पसंद नहीं आ रहे हैं। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच ऐसे पल आ जाते हैं।'ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट पर ‘भारत को खोने’ वाली टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ है।’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे मोदी के साथ अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं।

भारत-रूस को चीन के हाथ खोने की बात कही थी

शुक्रवार को ही ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि भारत और रूस शायद चीन के साथ चले गए हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। अब वे साथ मिलकर लंबा और सुखद भविष्य बिताएं।

ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का आक्रामक रुख

बता दें कि ट्रंप के प्रशासन और समर्थकों की ओर से हाल के दिनों में भारत के खिलाफ बयानबाजी बढ़ी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक पीटर नवारो पिछले कुछ समय से भारत और पीएम मोदी के बारे में बयान देते हुए आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।शुक्रवार देर रात पीटर नवारो ने भारत को लेकर अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने लिखा, भारत की ऊंची टैरिफ दरें अमेरिकी नौकरियों पर असर डालती हैं। भारत सिर्फ़ मुनाफा कमाने के लिए रूस से तेल खरीदता है और यह पैसा रूस की जंग मशीन को जाता है। इसमें यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिकी टैक्स देने वालों को और ज़्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। भारत सच्चाई नहीं मानता और बस कहानी घुमाता है। इससे पहले नवारो रूस और यूक्रेन के टकराव को 'मोदी का युद्ध' बता चुके हैं। 29 अगस्त को उन्होंने एक्स पर लिखा कि रूसी तेल से होने वाली कमाई भारत के राजनीतिक तौर पर जुड़े ऊर्जा कारोबारियों तक पहुंचती है और सीधे पुतिन के युद्ध फ़ंड में भी जाती है।

राजद विधायक सुरेश पासवान की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के देवघर से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विधायक सुरेश पासवान की तबीयत शुक्रवार को अचानक बिगड़ गई। आनन-फानन में उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें फिलहाल आईसीयू में भर्ती कर डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया है।

विधायक सुरेश पासवान को गुर्दे और यकृत में संक्रमण का पता चलने के बाद शुक्रवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका ब्लडप्रेशर और शुगर का स्तर भी थोड़ा बढ़ा हुआ है। विधायक के करीबी सहयोगी और उनके साथ मौजूद आरजेडी नेता सुमन कुमार देव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ पासवान पूरी मेडिकल जांच के लिए दिल्ली गए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत में सुधार के संकेत दिख रहे हैं और अगले कुछ दिनों में उनकी सेहत और बेहतर होने की उम्मीद है। यदि सब कुछ ठीक रहा, तो उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है।

सुरेश पासवान बोले- जल्द लौटूंगा देवघर

सुरेश पासवान ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के जरिए भी अपनी सेहत की जानकारी दी। विधायक ने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर बताया कि मेरी तबीयत अस्वस्थ होने के कारण मेरा इलाज दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चल रहा है, जहां कुछ समय के लिए भर्ती हूं। आप सभी से दुआओं की दरख़्वास्त है, ताकि जल्द ही स्वस्थ होकर फिर से आप सबके बीच लौट सकूं। बाबा धाम का आशीर्वाद मिलेगा और बहुत जल्द स्वस्थ होकर देवघर वापस लौटूंगा।

हाल में कई नेताओं की बिगड़ी सेहत

बता दें कि बीते कुछ दिनों में झारखंड के कई नेताओं की सेहत बिगड़ने की खबरें सामने आई हैं। लगभग एक सप्ताह पहले अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजउल हसन अंसारी की तबीयत खराब हो गई थी। उन्हें पहले रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल शिफ्ट किया गया। वहां अभी भी उनका इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

अगस्त में झारखंड के दो बड़े नेताओं का निधन

वहीं, पिछले महीने अगस्त में झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री का निधन हो गया था। उनका इलाज दिल्ली में चल रहा था। वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री सोरेन की तबीयत खराब होने के चलते दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान अगस्त में उनकी भी मौत हो गई थी।

ट्रंप से टैरिफ वार के बीच संयुक्त राष्ट्र सत्र में शामिल नहीं होंगे पीएम मोदी, यूएनजीए में विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे शिरकत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वार्षिक सत्र में शामिल नहीं होंगे। इस महीने के अंत में होने वाले यूएनजीए के वार्षिक सत्र में पीएम मोदी की जगह विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। शुक्रवार को जारी महासभा के 80वें सत्र की उच्च-स्तरीय आम बहस के लिए वक्ताओं की संशोधित अनंतिम सूची के अनुसारविदेश मंत्री एस. जयशंकर 27 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे। इससे पहले जुलाई में जारी वक्ताओं की पिछली सूची में पीएम मोदी 26 सितंबर को आम बहस को संबोधित करने वाले थे। ये खबर ऐसे समय में आई है जब ट्रंप के साथ भारत का टैरिफ विवाद जारी है।

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23 सितंबर को होगा ट्रंप का संबोधन

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र 9 सितंबर को शुरू हो रहा है। उच्च-स्तरीय आम बहस 23 से 29 सितंबर तक चलेगी, जिसमें ब्राजील पारंपरिक रूप से सत्र का पहला वक्ता होगा। उसके बाद अमेरिका का नंबर आएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितंबर को प्रतिष्ठित यूएनजीए मंच से विश्व नेताओं को संबोधित करेंगे। इस वर्ष यह सत्र इस्राइल-हमास युद्ध और यूक्रेन संघर्ष के बीच आयोजित हो रहा है। 80वें सत्र का विषय है 'एक साथ बेहतर: शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए 80 वर्ष और उससे भी अधिक'।

पीएम मोदी की जगह एस जयशंकर का संबोधन

शुक्रवार को जारी महासभा के 80 वें सत्र की उच्च-स्तरीय आम बहस के लिए वक्ताओं की संशोधित सूची के अनुसार, भारत का प्रतिनिधित्व ‘मंत्री’ करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर 27 सितंबर को सत्र को संबोधित करेंगे। इससे पहले जुलाई में जारी वक्ताओं की पिछली अनंतिम सूची के अनुसार, मोदी 26 सितंबर को आम बहस को संबोधित करने वाले थे। हालांकि अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह विदेश मंत्री जयशंकर संबोधित करेंगे।

टैरिफ विवाद के बीच क्यों अहम है फैसला

अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच बारत की ओर से ये फैसला लिया गया है। जानकारों की मानें तो अगर प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क जाते हैं, तो वे निश्चित रूप से ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहेंगे। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में, सरकार को लगता है कि दोनों नेताओं के बीच उच्च-स्तरीय बैठक से बचना ही बेहतर है। 

इस साल फरवरी में यूएस गए थे पीएम मोदी

बता दें कि पीएम मोदी इस साल फरवरी में व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए अमेरिका गए थे। इस बीच ट्रंप ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए हैं, जिसमें रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है।

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किल बढ़ी, लुकआउट नोटिस जारी, जानें पूरा मामला

#shilpashettyandrajkundraeowpreparingtoissuelookoutnotice 

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बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक बार फिर कानूनी मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ 60 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। यह मामला उनकी अब बंद हो चुकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है।

लुक आउट सर्कुलर जारी

मामले में अधिक जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यह लुक आउट सर्कुलर जारी किया है, क्योंकि यह दंपति अक्सर अंतरराष्ट्रीय यात्राएं करता रहता है। उन्होंने बताया कि अदाकारा और उनके पति के खिलाफ 14 अगस्त को जुहू पुलिस स्टेशन में एक कारोबारी से लोन कम निवेश सौदे में लगभग 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था।

देश छोड़कर नहीं जा सकते शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा

लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद अब शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा देश छोड़कर नहीं जा सकते। फिलहाल दोनों की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पुलिस जांच जारी है और आने वाले दिनों में दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?

दीपक कोठारी नाम के एक व्यापारी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर 2015 से 2023 के बीच 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कोठारी का दावा है कि यह पैसा उन्होंने कपल की कंपनी में बिजनेस बढ़ाने के सिलसिले में निवेश किया था, लेकिन शख्स का आरोप है कि उन पैसों का इस्तेमाल निजी खर्चों में किया गया है जो गलत है। रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2015 में कोठारी एक एजेंट के माध्यम से शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की कंपनी से जुड़े थे। ये कंपनी मुख्य तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म चलाती थी।

60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला

शिकायतकर्ता के मुताबिक जब इस कंपनी को 75 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ी तो इसने टैक्स बचाने के वास्ते लोन को इनवेस्टमेंट का रूप दे दिया। इस दौरान कोठारी ने कंपनी में अलग-अलग किस्तों में 60 करोड़ 48 लाख रुपए का का निवेश कर डाला। शिकायतकर्ता का ये भी कहना है कि अप्रैल 2016 में खुद बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने पैसे वापिस करने की पर्सनल गारंटी दी थी। मगर सबकुछ ऐसा नहीं हुआ। कुछ समय के बाद शिल्पा शेट्टी ने इस कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और कंपनी दिवालिया हो गई। मगर कोठारी को इस बारे में कोई भी जानकारी साझा करनी जरूरी नहीं समझी गई।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

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नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।