शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किल बढ़ी, लुकआउट नोटिस जारी, जानें पूरा मामला

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बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक बार फिर कानूनी मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ 60 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड मामले में लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। यह मामला उनकी अब बंद हो चुकी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है।

लुक आउट सर्कुलर जारी

मामले में अधिक जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यह लुक आउट सर्कुलर जारी किया है, क्योंकि यह दंपति अक्सर अंतरराष्ट्रीय यात्राएं करता रहता है। उन्होंने बताया कि अदाकारा और उनके पति के खिलाफ 14 अगस्त को जुहू पुलिस स्टेशन में एक कारोबारी से लोन कम निवेश सौदे में लगभग 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था।

देश छोड़कर नहीं जा सकते शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा

लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद अब शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा देश छोड़कर नहीं जा सकते। फिलहाल दोनों की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पुलिस जांच जारी है और आने वाले दिनों में दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला?

दीपक कोठारी नाम के एक व्यापारी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर 2015 से 2023 के बीच 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कोठारी का दावा है कि यह पैसा उन्होंने कपल की कंपनी में बिजनेस बढ़ाने के सिलसिले में निवेश किया था, लेकिन शख्स का आरोप है कि उन पैसों का इस्तेमाल निजी खर्चों में किया गया है जो गलत है। रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2015 में कोठारी एक एजेंट के माध्यम से शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की कंपनी से जुड़े थे। ये कंपनी मुख्य तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म चलाती थी।

60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला

शिकायतकर्ता के मुताबिक जब इस कंपनी को 75 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ी तो इसने टैक्स बचाने के वास्ते लोन को इनवेस्टमेंट का रूप दे दिया। इस दौरान कोठारी ने कंपनी में अलग-अलग किस्तों में 60 करोड़ 48 लाख रुपए का का निवेश कर डाला। शिकायतकर्ता का ये भी कहना है कि अप्रैल 2016 में खुद बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने पैसे वापिस करने की पर्सनल गारंटी दी थी। मगर सबकुछ ऐसा नहीं हुआ। कुछ समय के बाद शिल्पा शेट्टी ने इस कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और कंपनी दिवालिया हो गई। मगर कोठारी को इस बारे में कोई भी जानकारी साझा करनी जरूरी नहीं समझी गई।

क्या नागरिकता मिलने से पहले वोटर लिस्ट में जुड़ गया था सोनिया गांधी का नाम? कोर्ट से एफआईआर की मांग

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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है, जिसमें उनके भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले मतदाता सूची में नाम शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 10 सितंबर को इस मामले में सुनवाई की तारीख तय की है।

नागरिक बनने से पहले वोटर लिस्ट में नाम शामिल

वकील विकास त्रिपाठी ने यह शिकायत दर्ज कराई है। वकील विकास त्रिपाठी का कहना है कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली की मतदाता सूची में था। जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, 1982 में हटाया गया और फिर 1983 में फिर से जोड़ा गया। त्रिपाठी के वकील ने कहा कि उनका भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन भी अप्रैल 1983 का है। 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उनका नाम कैसे शामिल हुआ, जिसे फिर 1982 में हटाया गया और 1983 में फिर से दर्ज किया गया।

जाली दस्तावेज के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

वकील ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले यानी 1980 में मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम शामिल होने का मतलब है कि उनके द्वारा कुछ जाली डॉक्यूमेंट दिए गए होंगे। वकील ने कहा कि इस तरह से जाली डॉक्यूमेंट बनवाकर मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाना एक संज्ञेय अपराध के बराबर है।

230 पेज की शिकायत, सुनवाई की तारीख तय

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने 230 पेज की शिकायत देखने के बाद सुनवाई की तारीख तय की। शिकायत में सोनिया गांधी और आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन के एसएचओ को भी शामिल किया गया है। त्रिपाठी की तरफ से वकील ने दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने कहा कि मामले पर अगले सप्ताह फिर से विचार किया जाएगा। हालांकि, गांधी या दिल्ली पुलिस को अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच भारत-सिंगापुर में 5 बड़ी डील, ग्रीन शिपिंग से लेकर स्पेस तक... अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति

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अमेरिका से टैरिफ को लेकर जारी विवाद के बीच भारत ने सिंगापुर के साथ कई अहम डील साइन की हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की गुरुवार को नई दिल्ली में बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच 5 अहम डील्स साइन हुईं। दोनों देशों के बीच हुआ ये समझौता एशिया-प्रशांत क्षेत्र की राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई गति देंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सिंगापुर समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ हैदाराबाद हाउस में बातचीत की। इसके बाद पीएम मोदी ने वोंग संग मीडिया से बातचीत में कहा, सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का अहम स्तंभ है। यह सिर्फ आर्थिक साझेदारी ही नहीं बल्कि साझा मूल्यों और विश्वास पर टिकी गहरी दोस्ती है। मोदी ने सीमा पार आतंकवाद और पहलगाम हमले के मुद्दे पर भारत को समर्थन देने के लिए सिंगापुर का आभार जताया।

दोनों देशों ने भविष्य के लिए बनाई विस्तृत योजना

पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने भविष्य के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है। उन्होंने कहा, हमारा सहयोग सिर्फ पुराने क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय की जरूरतों के अनुसार, उन्नत विनिर्माण, ग्रीन शिपिंग, कौशल विकास, सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा और शहरी जल प्रबंधन भी हमारे सहयोग के मुख्य बिंदु होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार को और बढ़ाने के लिए व्यापाक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) और आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौता(FTA) की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।

दोनों देशों ने पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए

1. डिजिटल एसेट इनोवेशन: आरबीआई और सिंगापुर की मॉनेटरी अथॉरिटी के बीच समझौता, जिससे क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स और डिजिटल चैनल्स मजबूत होंगे।

2. एविएशन ट्रेनिंग और रिसर्च: एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और सिंगापुर की सिविल एविएशन अथॉरिटी साथ मिलकर एविएशन सेक्टर में क्षमता बढ़ाएंगे।

3. ग्रीन एंड डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर: जहाजरानी क्षेत्र में जीरो-एमिशन फ्यूल्स और स्मार्ट पोर्ट टेक्नोलॉजी के लिए साझा ढांचा खड़ा किया जाएगा।

4. स्किलिंग इन मैन्युफैक्चरिंग: चेन्नई में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर स्किलिंग स्थापित होगा।

5. स्पेस कोलैबोरेशन: सिंगापुर और भारत के बीच स्पेस इंडस्ट्री में सहयोग बढ़ेगा। याद रहे, अब तक भारत ने लगभग 20 सिंगापुरी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं।

पूर्व क्रिकेटर शिखर धवन से ईडी की पूछताछ, अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मामले में दर्ज कराया बयान

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन से एक कथित अवैध बेटिंग एप से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की। यह मामला वन-एक्स-बेट (1xBet) नामक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ा है, जो अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल बताया जा रहा है। धवन इस मामले में ईडी की जांच का सामना करने वाले चौथे भारतीय क्रिकेटर हैं। इससे पहले सुरेश रैना, युवराज सिंह और हरभजन सिंह से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है।

ईडी ने धवन को गुरुवार सुबह 11 बजे एजेंसी मुख्यालय में पेश होने के लिए तलब किया था ताकि उनके बयान दर्ज किए जा सकें और यह पता लगाया जा सके कि उनके इस एप से प्रमोशन और एंडोर्समेंट के जरिए क्या संबंध रहे हैं। धवन की पूछताछ मुख्यालय पहुंचने के तुरंत बाद शुरू हो गई और उन्होंने जांचकर्ताओं के सामने बयान दर्ज कराया।

क्या है पूरा मामला?

पूर्व क्रिकेटर का नाम इस एप से कुछ विज्ञापनों के जरिए जुड़ा बताया जा रहा है। ईडी पूछताछ के दौरान यह समझना चाहती है कि उनकी इस एप से क्या भूमिका या संबंध रहे हैं। ईडी यह जांच कर रही है कि क्या शिखर धवन ने इस बेटिंग एप के प्रचार में अपनी छवि का इस्तेमाल किया और इसके बदले कोई भुगतान लिया या नहीं। पूछताछ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है और धवन का बयान भी इसी अधिनियम के तहत ही दर्ज की जाएगी। ईडी इस अवैध नेटवर्क में उनके किसी भी वित्तीय या गैर-वित्तीय साझेदारी का पता लगाने की कोशिश कर रही है। 

सुरेश रैना और हरभजन सिंह से की जा चुकी है पूछताछ

ईडी ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप केस मामले में जून महीने में कई बड़े स्टार्स से पूछताछ की थी जिसमें सुरेश रैना और हरभजन सिंह का नाम भी शामिल है जिनके बयानों को केंद्रीय जांच एजेंसी ने रिकॉर्ड कर लिया है। इसके अलावा एक्ट्रेस अभिनेत्री उर्वशी रौतेला से भी पूछताछ की थी। वहीं मई में तेलंगाना पुलिस ने राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित 25 लोकप्रिय अभिनेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। हाल में ही केंद्र सरकार ने सभी तरह की ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को बंद करने के लिए नए कानून को भी पारित किया था।

झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ठोकी ताल, महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर जल्द होगी बात

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बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी ताल ठोक दी है। जेएमएम बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झामुमो बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाएगी। पार्टी ने अपनी इच्छा महागठबंधन के घटक दलों को बता दी है। यह जानकारी झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बिहार में विधानसभावार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। झारखंड में झामुमो कांग्रेस, राजद और माले के साथ गठबंधन में है। अब इन दलों के नेतृत्व को अंतिम फैसला करना है। भट्टाचार्य ने कहा कि औपचारिक घोषणा होने पर तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन यह तय है कि झामुमो बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी और महागठबंधन की जीत में सहयोग करेगी।

जेएमएम ने 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा

बताया जा रहा है कि झामुमो ने इस बार बिहार में सक्रिय दावेदारी पेश करते हुए 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में अपने बिहार प्रवास के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने भी भाग लिया था। सीएम हेमंत सोरेन के पटना प्रवास के दौरान उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने झामुमो की तैयारी और 12 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव रखा।

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति!

झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता और केंद्रीय समिति सदस्य मनोज पांडेय ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में हमारी हिस्सेदारी तय हो गई है। हमारी राजनीतिक क्षमता के अनुसार मान-सम्मान मिलेगा. हमने 12 सीटों की सूची सौंपी है, जिनमें से 8 पर हमारा मजबूत जनाधार है। सीट शेयरिंग पर सकारात्मक बातें हुई हैं, अब सिर्फ आधिकारिक घोषणा बाकी है।

जेएमएम को मिल सकेंगी इतनी सीटें

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में पहले से मौजूद राजद और कांग्रेस जैसे मजबूत घटक दल अपने हिस्से की सीटें कम नहीं करेंगे। ऐसे में झामुमो को एक या दो से अधिक सीटें मिलना मुश्किल माना जा रहा है। पिछले चुनाव में तो झामुमो को गठबंधन में एक भी सीट नहीं दी गई थी। वजह यह बताई गई थी कि झामुमो का बिहार में मजबूत संगठन और वोट बैंक मौजूद नहीं है।

पलामू में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, दो जवान शहीद, एक जख्मी

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झारखंड के पलामू जिले में गुरुवार तड़के सुरक्षा बलों और नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) के बीच मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में दो सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए, जबकि एक जवान घायल हो गया। जख्मी जवान का मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। शहीद होने वाले जवानों में पलामू एएसपी अभियान का एक बॉडीगार्ड भी शामिल है। पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने इसकी पुष्टि की है।

10 लाख के इनामी नक्सली के गांव में होने की खबर

नक्सल-मुक्त झारखंड बनाने के उद्देश्य से सुरक्षा बलों द्वारा लगातार नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में झारखंड के पलामू पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली। ये सूचना टीएसपीसी के 10 लाख के इनामी कमांडर शशिकांत गंझू को लेकर थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि टीएसपीसी जोनल कमांडर शशिकांत गंझू अपने गांव केदल करमा पर्व पर आ सकता है। इसी आधार पर पुलिस ने विशेष सर्च अभियान चलाया।

शशिकांत गंझू के गांव में पुलिस के साथ मुठभेड़

पुलिस टीम के गांव के करीब पहुंचने की नक्सलियों को खबर लग गई। जिसके बाद शशिकांत गंझू और उसके दस्ते ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। गोलीबारी में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। सभी को तुरंत डालटनगंज के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने संतन कुमार और सुनील राम नामक दो जवानों को मृत घोषित कर दिया। इनमें से एक जवान पलामू एएसपी का अंगरक्षक था। तीसरे घायल जवान का इलाज जारी है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान तेज

पलामू एसपी रीष्मा रमेशन ने कहा कि शहीद जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि घायल जवान के इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। आसपास के गांवों में भी सख्त निगरानी रखी जा रही है।

नक्सल-मुक्त झारखंड का अभियान जारी

इससे पहले झारखंड के ही बोकारो जिले में 21 अप्रैल 2025 को लुगूबुरु पहाड़ में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 1 करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर सहित कुल 8 नक्सलियों को ढेर किया था। इनमें 1 करोड़ रुपये का इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक भी शामिल था। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और अन्य सामान बरामद किया गया है।

नवरात्रि से पहले सरकार ने पूरा किया वादा, देशवासियों को मिला बड़ा तोहफा

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देश में जीएसटी के स्लैब और दरों में व्यापक बदलाव किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बीती रात संपन्न बैठक में इससे जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्रालय ने गहन मंथन के बाद आईपीएल जैसे खेल आयोजनों के टिकट, तंबाकू-सिगरेट जैसे उत्पाद और बीमा पर कर की दरों में बदलाव जैसे अहम फैसले लिए। 22 सितंबर यानी नवरात्र के पहले दिन से लागू होने वाले ये बदलाव सीधे तौर पर घरेलू बजट को प्रभावित करेंगे।

1.4 अरब लोगों को तोहफा

जीएसटी काउंसिल ने लोगों को बड़ा गिफ्ट दिया है। रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी में कटौती की गई है। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। जीएसटी स्ट्रक्चर में अब केवल दो स्लैब रह गए हैं। वित्ती मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि नए रेट नवरात्रि के पहले दिन 22 सितंबर से लागू होंगे।

जीएसटी में अब केवल दो स्लैब होंगे

जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को आठ साल पुराने जीएसटी रिजीम में कुछ बड़े बदलावों को मंजूरी दी। जीएसटी में अब केवल दो स्लैब 5% और 18% रह गए हैं। 12% और 18% के स्लैब खत्म कर दिए गए हैं। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। रोजमर्रा की कई चीजों पर जीएसटी घटा दिया गया है।

खाने-पीने की चीजों हुईं सस्ती

जीएसटी काउंसिल ने रोजमर्रा की कई चीजों पर जीएसटी घटा दिया है। यूएचटी दूध अब टैक्स फ्री होगा। पहले इस पर 5% टैक्स लगता था। कंडेंस्ड मिल्क, बटर, घी, पनीर और चीज पर अब 5% या कुछ मामलों में कुछ भी टैक्स नहीं लगेगा। पहले इन पर 12% टैक्स लगता था। माल्ट, स्टार्च, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, बिस्कुट और यहां तक कि चॉकलेट और कोको प्रोडक्ट पर भी टैक्स कम होगा। पहले इन पर 12-18% टैक्स लगता था, जो अब 5% होगा। नमकीन, भुजिया, मिक्सचर, चबेना और इसी तरह के खाने के लिए तैयार चीजें (भुने हुए चने को छोड़कर), जो पहले से पैक हैं और लेबल लगी हैं, उन पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो जाएगा। पानी, जिसमें नेचुरल या आर्टिफिशियल मिनरल वाटर और एरेटेड वाटर शामिल हैं, जिनमें चीनी या कोई मीठा करने वाला पदार्थ नहीं मिलाया गया है और न ही उन्हें फ्लेवर दिया गया है, उन पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो जाएगा।

ड्राई फ्रूट्स पर भी राहत

बादाम, पिस्ता, हेज़लनट, काजू और खजूर पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा। पहले इन पर 12% टैक्स लगता था। रिफाइंड शुगर, शुगर सिरप और टॉफी-कैंडी जैसी मिठाई पर अब 5% टैक्स लगेगा। वेजिटेबल ऑयल, एनिमल फैट, एडिबल स्प्रेड, सॉसेज, मीट प्रिपरेशन, फिश प्रोडक्ट और माल्ट एक्सट्रैक्ट वाले पैक्ड फूड पर अब 5% टैक्स लगेगा।

मोटरसाइकिल, स्कूटर और छोटी कारों को बड़ी राहत

1200 सीसी से अधिक क्षमता वाली पेट्रोल और 1500 सीसी से अधिक क्षमता वाली डीजल कारों पर 40 फीसदी जीएसटी लगेगा। 350 सीसी तक मोटरसाइकिल, छोटी कारों और तिपहिया वाहनों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। एसी, डिशवॉशर और टीवी पर भी इसे 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।

किसानों को बड़ी राहत

खाद पर टैक्स 12%/18% से घटकर 5% हो गया है। कुछ खास खेती में इस्तेमाल होने वाली चीजों, जैसे बीज और फसल के लिए जरूरी पोषक तत्वों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। जान बचाने वाली दवाएं, हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट और कुछ मेडिकल डिवाइस पर टैक्स 12%/18% से घटकर 5% या जीरो हो गया है। कुछ खास बिजली के उपकरण जैसे एंट्री-लेवल और ज्यादा इस्तेमाल होने वाले आइटम पर टैक्स 28% से घटकर 18% हो जाएगा। जूते-चप्पल और कपड़ों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे आम लोगों के लिए ये चीजें सस्ती हो जाएंगी।

पाकिस्तान, अफगानिस्तान-बांग्लादेश से 2024 तक आए लोगों को भारत में रहने की इजाजत, CAA पर केन्द्र का बड़ा फैसला

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केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए पर बड़ा फैसला किया है। भारत में कट-ऑफ तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया है। यानी अब सीएए के तहत 31 दिसंबर 2024 तक भारत में आए उन लोगों को नागरिकता मिल सकती है, जो अपने देश में धार्मिक प्रताड़ना झेल रहे थे। पहले यह तारीख दिसंबर 2014 तय की गई थी। जिसे 10 साल बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया गया है।

यह आदेश इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्टर, 2025 के तहत जारी किया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई जो धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में शरण लेने को मजबूर हुए हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। ऐसे लोग जिनके पास पासपोर्ट या वीजा नहीं, या फिर उनकी वैलिडिटी खत्म हो गई है। उन्हें भारत की नागरिकता मिल सकेगी।

सुकांतो मजूमदार ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

केंद्रीय मंत्री डॉ. सुकांतो मजूमदार ने इस आदेश के बाद सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा, भारत में 31 दिसंबर 2024 तक आए गैर-मुसलमानों को देश में CAA के तहत नागरिकता मिल जाएगी। मजूमदार ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद भी दिया। हालांकि बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया और नए कानून का हवाला देते हुए कहा कि इससे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों भारत में रहने की इजाजत मिल जाएगी।

विस्थापित लोगों के संगठनों ने सरकार से की थी अपील

बता दें कि हाल में ही विस्थापित लोगों के संगठनों ने सरकार से यह अपील की थी। बांग्लादेश के एक रिफ्यूजी संगठन ने पीएम मोदी से सीएए की तारीख को 2014 से बढ़ाकर 2024 करने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि प्रताड़ित अल्पसंख्यकों का आना अभी भी जारी है।

2024 से पहले भारत आए अल्पसंख्यक को मिलेगी नागरिकता

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए एक विशेष प्रावधान मौजूद है। यह विशेष रूप से उन कुछ व्यक्तियों के लिए है जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं और पाकिस्तान या अफगानिस्तान या बांग्लादेश के हिन्दू या सिख या बौद्ध या जैन या पारसी या ईसाई समुदाय से हैं। हालांकि अब यह तारीख को दिसंबर 2014 से बढ़ाकर दिसंबर 2024 कर दिया गया है।

भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, सतलुज नदी को लेकर पाकिस्तान को किया सतर्क, जानें पूरा मामला

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देश के सभी राज्यों में मॉनसून में तेजी देखी जा रही है। पूरे उत्तर भारत में झमाझम बारिश हो रही है। हालांकि, कई राज्यों में लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। इसके बावजूद भारत ने एक बार फिर पड़ोसी देश के प्रति दरियादिली दिखाई है। भारत ने सतलुज नदी में बाढ़ आने की अधिक आशंका को लेकर पाकिस्तान को आगाह किया है।

मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट किया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने मानवीय आधार पर इस्लामाबाद को अलर्ट जारी करते हुए बताया कि उत्तरी राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भारत प्रमुख बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ रहा है। भारत ने पिछले सप्ताह तवी नदी में संभावित बाढ़ के लिए तीन अलर्ट जारी किए थे। मंगलवार को जारी की गई चेतावनी सतलुज नदी में आने वाली संभावित बाढ़ को लेकर थी।

सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद दिखाई मानवता

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों, जिनमें अधिकतर टूरिस्ट थे, के मारे जाने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के साथ जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के नियमित आदान-प्रदान को स्थगित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि निलंबन के बावजूद, जान-माल की हानि को रोकने के लिए मानवीय आधार पर पाकिस्तान को बाढ़ की ताजा चेतावनी से अवगत कराया गया।

सतलुज नदी में पहले ही बाढ़ ने मचाई है तबाही

सतलुज नदी में पहले ही आई भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान के बहावलनगर जिले में कहर बरपाया है, जिससे सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों निवासी विस्थापित हो गए हैं। जानकारी के अनुसार, सतलुज नदी के खतरनाक स्तर तक उफान पर होने के कारण चिश्तियां शहर भी भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। नदी की तेज़ धाराओं ने तेज़ी से कटाव शुरू कर दिया है, जबकि मोतियांवाला पट्टन और मोज़ा अज़ीम में सुरक्षात्मक तटबंध टूट गए हैं। तटबंधों के टूटने से 100 से ज़्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं और सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं।

पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात

बता दें कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में लगाातार हो रही भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और व्यास नदियां और छोटी मौसमी नदियां अपने जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद सतलुज, व्यास और रावी नदियों तथा बरसाती नालों में उफान के कारण पंजाब राज्य के बड़े हिस्से में बाढ़ आ गई है। गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर सहित कुल 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पंजाब में दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ के कारण अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

निलंबन के बाद के कविता ने पिता की पार्टी बीआरएस से दिया इस्तीफा, भाई केटीआर को किया आगाह

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तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। कविता को सस्पेंड करने का निर्णय उनके पिता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने लिया है। पार्टी से सस्पेंड होने के एक दिन बाद ही कविता ने एमएलसी के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की घोषणा के साथ ही उन्होंने अपने चचेरे भाई एवं पूर्व मंत्री टी. हरीश राव पर निशाना साधा। उन्होंने हरीश राव पर केसीआर परिवार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।

बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीआरएस से निलंबित की गई के कविता ने आज हैदराबाद में पार्टी और एमएलसी पद छोड़ने का एलान किया है। अपने समर्थकों के साथ यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 47 वर्षीय पूर्व सांसद ने हरीश राव पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के साथ मौन सहमति रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी पद की आकांक्षा नहीं रखी। मैं (विधान परिषद) अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज रही हूं। मैं केसीआर को बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा भेज रही हूं।

चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर लगाए गंभीर आरोप

इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा निलंबन पूरे बीआरएस को नियंत्रित करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने अपने चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर भी गंभीर आरोप लगाए। दोनों पर हमला तेज करते हुए उन्होंने कहा कि चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच हो रही है। कविता ने आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर केसीआर के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच उनके चचेरे भाइयों हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी।

पूछा-पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या हैं?

कविता ने कहा कि तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद, मैंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और बीआरएस का झंडा पहनकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ पिछड़ा वर्ग आरक्षण और अन्य पहलों के लिए काम किया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये गतिविधियां पार्टी विरोधी गतिविधियां कैसे हैं। कुछ पार्टी सदस्यों ने टिप्पणियां कीं, और मैंने उनका जवाब दिया। मैंने हरीश राव और संतोष के बारे में बात की और कहा कि जब उनके घरों में सोना होता है तो सुनहरा तेलंगाना नहीं होता।

साजिशों से ‘सावधान’ रहने की सलाह

कविता ने कहा कि उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव को हरीश राव की कथित साजिशों से ‘सावधान’ रहना चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने पहले अपने भाई केटीआर से मेरे खिलाफ साजिश रचने वाले लोगों के बारे में बात की थी और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दावा किया कि जब उनके खिलाफ ‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’ चलाया गया, तो उनके भाई ने उनका साथ नहीं दिया।