झारखंड कैबिनेट की बैठक आज: मॉनसून सत्र और कई अहम एजेंडों पर लगेगी मुहर

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज, 11 जुलाई को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। यह बैठक झारखंड मंत्रालय (प्रोजेक्ट भवन) के मंत्रिपरिषद कक्ष में दोपहर 2 बजे से शुरू होगी। माना जा रहा है कि आज की कैबिनेट बैठक में विधानसभा के मॉनसून सत्र सहित कई अहम एजेंडों पर मुहर लग सकती है।

मॉनसून सत्र 1 से 7 अगस्त तक संभव

संभावना है कि विधानसभा का मॉनसून सत्र 1 से 7 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कुल पांच कार्य दिवस होंगे। 2 और 3 अगस्त को अवकाश रहेगा। इस सत्र में सरकार के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पूरा किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सरकार अनुपूरक बजट भी ला सकती है, जिस पर कैबिनेट में चर्चा और स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।

पिछली कैबिनेट बैठक के महत्वपूर्ण निर्णय

इससे पहले, 20 जून को कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें कुल 26 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली थी। उनमें से कुछ प्रमुख निर्णय इस प्रकार थे:

रांची विश्वविद्यालय के खूंटी जिला स्थित महिला महाविद्यालय के निर्माण कार्य के लिए ₹57 करोड़ 95 लाख 43 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी।

कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के अंतर्गत सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण कार्य के लिए ₹38 करोड़ 76 लाख 34 हजार की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी।

आज की बैठक से राज्य के विकास और विधायी कार्यों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले आने की उम्मीद है।

रांची में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक शुरू: अमित शाह कर रहे अध्यक्षता, CM सोरेन उठाएंगे ₹1.36 लाख करोड़ बकाया का मुद्दा

रांची: राजधानी रांची स्थित होटल रेडिसन ब्लू में आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक का शुभारंभ हो गया है। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं। बैठक में झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों के प्रमुख नेता और मंत्री भाग ले रहे हैं।

मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की उपस्थिति

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गुलदस्ता और एक पेंटिंग भेंट कर स्वागत किया। अन्य अतिथियों का भी मुख्यमंत्री ने पौधा देकर अभिनंदन किया। मुख्य मंच पर अमित शाह के एक ओर हेमंत सोरेन और दूसरी ओर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी बैठे हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी मंच पर उपस्थित हैं।

झारखंड की ₹1.36 लाख करोड़ की बकाया राशि की मांग

इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड के लिए विशेष पैकेज के साथ-साथ कोल कंपनियों पर बकाया ₹1.36 लाख करोड़ रुपये की मांग प्रमुखता से उठाएंगे।

बैठक के प्रमुख एजेंडे

पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की इस बैठक में कुल 20 महत्वपूर्ण एजेंडों पर चर्चा होगी। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित विषय शामिल हैं:

गाँवों में बैंकिंग सुविधा बढ़ाना

बिजली वितरण सिस्टम के घाटे को कम करना

अर्बन मास्टर प्लान

जलाशयों से संबंधित विवाद

यौन अपराधों की जांच में तेजी

बोर्ड-निगमों की परिसंपत्ति और देनदारियों का बंटवारा

खनिजों की नीलामी

स्कूलों में ड्रॉपआउट दर कम करना

सहकार से समृद्धि योजना पर चर्चा

यह बैठक पूर्वी राज्यों के बीच अंतर्राज्यीय सहयोग और विकास संबंधी मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायक होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 74वें जन्मदिन पर देशभर से मिल रही बधाइयां, झारखंड के राज्यपाल-सीएम और केंद्रीय राज्य मंत्री ने दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली/रांची: भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास अवसर पर उन्हें देशभर से हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं मिल रही हैं. इसी क्रम में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राजनाथ सिंह को जन्मदिन की बधाई दी है. इसके अतिरिक्त, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने दिल्ली स्थित उनके आवास पर जाकर व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं अर्पित कीं.

झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने राजनाथ सिंह को बधाई देते हुए 'एक्स' पर लिखा, "माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. आपका सौम्य व्यक्तित्व, राष्ट्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता एवं राजनीतिक शुचिता अनुकरणीय है. ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की कामना करता हूं."

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राजनाथ सिंह को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा, "देश के माननीय केंद्रीय रक्षा मंत्री आदरणीय राजनाथ सिंह को जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनाएं और जोहार. मरांग बुरु आपको हमेशा उत्तम स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन प्रदान करें, यही कामना करता हूं." मुख्यमंत्री के संदेश में 'मरांग बुरु' का उल्लेख झारखंड की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है.

रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने की मुलाकात

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने राजनाथ सिंह से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी. सेठ ने कहा, "भारत के ऊर्जावान और यशस्वी रक्षा मंत्री, हम सबके वरिष्ठ नेता आदरणीय राजनाथ सिंह से आज नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर मिलकर जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं दी. आपका जीवन और आपके कार्य, हर कार्यकर्ता और देशवासी के लिए अनुकरणीय है. ईश्वर से आपके आरोग्यपूर्ण दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं."

राजनाथ सिंह भारतीय राजनीति के एक प्रमुख चेहरा हैं, जिन्होंने रक्षा मंत्री के रूप में देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके जन्मदिन पर मिली ये शुभकामनाएं उनके व्यापक सम्मान और प्रभाव को दर्शाती हैं.

झारखंड के सभी सरकारी अस्पताल होंगे वाई-फाई युक्त: मरीज और परिजन मुफ्त इंटरनेट का कर पाएंगे इस्तेमाल

रांची, झारखंड: झारखंड सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने और डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है. अब राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को मुफ्त वाई-फाई सुविधा से लैस किया जाएगा. इस पहल के तहत, अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके साथ मौजूद परिजनों को मुफ्त इंटरनेट सेवा मिलेगी.

डिजिटल हेल्थकेयर की ओर महत्वपूर्ण कदम

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह कदम डिजिटल हेल्थकेयर की दिशा में राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. उन्होंने कहा कि यह सेवा मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शुरू की जा रही है, जिससे उन्हें अस्पताल में इंतजार के दौरान स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, सरकारी योजनाओं और अन्य डिजिटल सेवाओं तक आसानी से पहुंच बनाने में मदद मिलेगी. सरकार की ओर से बीएसएनएल (BSNL) द्वारा सभी अस्पतालों में यह वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

जल्द शुरू होगी सेवा, सीएचसी-पीएचसी भी जुड़ेंगे

श्री अजय कुमार ने बताया कि एक महीने के भीतर राज्य के सभी जिला अस्पतालों में वाई-फाई की सुविधा चालू हो जाएगी. इसके बाद, 6 महीने के भीतर सभी सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) और पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) भी इस सुविधा से लैस कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा, "यह पहल मरीजों को एक डिजिटल सपोर्ट सिस्टम प्रदान करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. अब अस्पताल परिसर में बैठकर भी लोग स्वास्थ्य पोर्टल्स, महत्वपूर्ण वेबसाइट्स और सरकारी योजनाओं से जुड़ सकेंगे."

पारदर्शिता और सेवा गुणवत्ता में सुधार का लक्ष्य

सरकार की यह योजना न केवल मरीजों की जागरूकता बढ़ाने में सहायक साबित होगी, बल्कि अस्पतालों में पारदर्शिता और सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार लाने का काम करेगी. मुफ्त वाई-फाई की उपलब्धता से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करना आसान होगा और डिजिटल सेवाओं का उपयोग भी बढ़ सकेगा, जिससे मरीजों और उनके परिचरों को काफी सहूलियत मिलेगी. यह झारखंड की स्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक सुलभ और आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है.

झारखंड: 7 राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, 6 साल से चुनाव में भाग नहीं लेने पर मांगी सफाई; सूची से हटाने की तैयारी

रांची, झारखंड: भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली ने झारखंड के 7 राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है. इन दलों ने पिछले 6 वर्षों से लोकसभा/विधानसभा के आम चुनाव या उपचुनाव में भाग नहीं लिया है, और आयोग का मानना है कि इनमें से कई का अस्तित्व समाप्त हो गया है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, झारखंड ने इन दलों से स्पष्टीकरण और शपथ पत्र मांगे हैं.

कौन से दल हैं निशाने पर?

जिन 7 राजनीतिक दलों को यह नोटिस मिला है, वे इस प्रकार हैं:

देवघर: भारत विकास मोर्चा

पलामू: भारतीय जनमुक्ति पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा

गढ़वा: नवजवान संघर्ष मोर्चा

रांची: जनसाधारण पार्टी, झारखंड विकास दल, राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी

शपथ पत्र और सुनवाई की तारीखें

आयोग के निर्देश के आलोक में, इन दलों के अध्यक्ष/महासचिव को पार्टी की तरफ से शपथ पत्र सहित लिखित पक्ष मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, झारखंड, रांची को 15 जुलाई 2025 तक भेजना होगा. इसके अतिरिक्त, 22 जुलाई 2025 को पूर्वाह्न 11:00 बजे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, झारखंड द्वारा इन दलों की सुनवाई की जाएगी.

इस आशय की सूचना इन राजनीतिक दलों को आयोग द्वारा पंजीकृत पत्राचार के पते पर भेजी गई है. साथ ही, इसकी जानकारी समाचार पत्रों में आम सूचना के माध्यम से और विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी प्रसारित की गई है, ताकि सभी संबंधित पक्षों तक यह जानकारी पहुंच सके.

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इन राजनीतिक दलों के प्राधिकृत प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे इस संबंध में समय पर आवश्यक कार्रवाई करें. ससमय शपथ पत्र समर्पित नहीं करने वाले राजनीतिक दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. यह कदम चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों की सक्रियता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक पहल है.

झारखंड में 'भारत बंद' का दिखा असर: कोयला खदानों से पावर प्लांट तक काम ठप, unions और BMS आमने-सामने

रांची, झारखंड: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा बुलाए गए देशव्यापी 'भारत बंद' का असर झारखंड के कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है. विभिन्न यूनियनों के सदस्य हड़ताल को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतरे और कई जगहों पर चक्का जाम किया गया, जिससे सामान्य जनजीवन और औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुईं.

धनबाद के कोयला क्षेत्रों में कामकाज ठप

बंद का सबसे ज्यादा असर झारखंड के कोयला खनन क्षेत्रों में दिखा. धनबाद जिले में स्थित गोविंदपुर उत्खनन विभाग, जो बीसीसीएल (BCCL) के 12 परिचालन क्षेत्रों में से एक है और कोयला खनन के लिए जाना जाता है, वहां यूनियन प्रतिनिधियों ने काम बंद करा दिया. इस इलाके में चालू और बंद दोनों तरह की खदानें मौजूद हैं, और मजदूरों की बड़ी संख्या ने हड़ताल का समर्थन किया.

इसके साथ ही, धनबाद के गांधीनगर क्षेत्र में भी देशव्यापी औद्योगिक हड़ताल का व्यापक असर दिखा. बोकारो में स्थित खासमहल कोनार परियोजना और बोकारो कोलियरी में संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कामकाज ठप कराया. इस दौरान कई जगहों पर यूनियन समर्थकों और काम पर जाने के इच्छुक लोगों के बीच तीखी झड़पें भी देखने को मिलीं, हालांकि पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया.

बोकारो थर्मल पावर प्लांट में प्रदर्शन, BMS ने हड़ताल को बताया असफल

बंद के समर्थन में बोकारो थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट पर एएमसी-एआरसी (AMC-ARC) मजदूरों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध जताया, जो केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ उनके आक्रोश को दर्शाता है. बताया गया कि सीसीएल (CCL) गोविंदपुर परियोजना में भी हड़ताल सफल रही और मजदूरों ने काम में हिस्सा नहीं लिया.

हालांकि, इन सबके बीच भारतीय मजदूर संघ (BMS) के नेताओं ने इस हड़ताल को असफल बताया है. बीएमएस, जो आमतौर पर केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन करता है, ने इस बंद में हिस्सा नहीं लिया है और वह हड़ताल के प्रभाव को कम आंक रहा है. यह श्रमिक संगठनों के बीच नीतिगत मतभेदों को भी उजागर करता है.

प्रमुख मांगें और भविष्य की रणनीति

यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल मुख्य रूप से केंद्र सरकार की चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द करने, मजदूरों के लिए ₹26,000 न्यूनतम वेतन और ₹9,000 न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित करने, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, महंगाई पर रोक लगाने, आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाने और सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को रोकने जैसी प्रमुख मांगों पर केंद्रित है.

हड़ताल के आयोजकों का मानना है कि यह बंद सरकार पर उनकी मांगों को मानने का दबाव बनाएगा. वहीं, सरकार और संबंधित मंत्रालय इस स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस हड़ताल का सरकार की नीतियों और श्रमिक संगठनों के बीच संबंधों पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है.

आज 25 करोड़ कामगारों की देशव्यापी हड़ताल, झारखंड में भी दिखेगा असर: बैंकिंग से कोयला खदानों तक कामकाज प्रभावित

रांची, झारखंड: आज देश भर में लगभग 25 करोड़ कामगार देशव्यापी हड़ताल पर रहेंगे, जिसका व्यापक असर झारखंड में भी देखने को मिलेगा. यह हड़ताल केंद्र सरकार की मजदूर और किसान विरोधी नीतियों के विरोध में दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनकी सहयोगी इकाइयों द्वारा बुलाई गई है. यूनियनों के संयुक्त मंच ने इसे 'भारत बंद' का नाम दिया है.

झारखंड में हड़ताल का व्यापक समर्थन

जानकारी के अनुसार, झारखंड के मजदूर संगठन भी इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सक्रिय रूप से शामिल होंगे. भारतीय मजदूर संघ और उससे जुड़े संगठनों को छोड़कर अन्य सभी प्रमुख मजदूर संगठन इस आंदोलन का हिस्सा बन रहे हैं. कई राजनीतिक दलों ने भी इस आम हड़ताल को अपना समर्थन दिया है.

कोयला, बैंक, केंद्रीय कर्मचारी, राज्य सरकार के कर्मचारी, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, बीड़ी, बॉक्साइट, स्टील, परिवहन उद्योग से जुड़े कर्मियों ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है. इसके अलावा, कई अन्य संगठनों ने इस आम हड़ताल को नैतिक समर्थन दिया है. हड़ताल को सफल बनाने के लिए मंगलवार को राजधानी रांची में मशाल जुलूस भी निकाला गया, जिसमें सीटू, एटक, एक्टू, एचएमएस, इंटक आदि संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की.

कोयला उद्योग में आंदोलन को सफल बनाने के लिए मजदूर संगठनों ने गेट और पीट मीटिंग का आयोजन किया. मजदूरों को बताया गया कि केंद्र सरकार श्रमिक विरोधी कानून ला रही है, जो देश हित में नहीं है. झारखंड में सीसीएल, बीसीसीएल, इसीएल (कुछ खदान) के साथ-साथ सीएमपीडीआई (CMPDI) में भी मजदूरों को हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया गया है. रांची स्थित एचईसी (HEC) में भी विभिन्न श्रमिक संगठनों, जैसे एटक से संबद्ध हटिया कामगार यूनियन, सीटू से संबद्ध हटिया मजदूर यूनियन और इंटक से संबद्ध हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन ने कामकाज बंद रखने का आह्वान किया है. केंद्रीय कर्मचारी एवं अधिकारी परिसंघ ने भी केंद्रीय कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने का आह्नान किया है.

प्रमुख मांगें

इस हड़ताल की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

चारों श्रम संहिताओं को तत्काल रद्द किया जाए.

सभी मजदूरों के लिए ₹26,000 न्यूनतम वेतन और ₹9,000 न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित हो.

पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए.

महंगाई पर रोक लगे और आवश्यक वस्तुओं से जीएसटी हटाई जाए.

सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोका जाए.

यूनियन बनाने और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकारों का सम्मान हो.

शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पानी जैसी जरूरतों की सार्वजनिक गारंटी हो.

बिजली का निजीकरण रोका जाए और स्मार्ट मीटर बंद किए जाएं.

किसानों को फसल पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी मिले.

वन अधिकार कानून में जनविरोधी संशोधन रद्द हों.

इन सेवाओं पर पड़ेगा बंद का असर

आज की हड़ताल के कारण निम्नलिखित सेवाएं प्रभावित होंगी:

बैंकिंग सेवाएं

बीमा कंपनियों का कामकाज

पोस्ट ऑफिस सेवाएं

कोयला खदानों का संचालन

राज्य परिवहन सेवाएं (सरकारी बसें)

हाईवे और कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम

सरकारी फैक्ट्रियों और सार्वजनिक उपक्रमों का प्रोडक्शन

इन सेवाओं को बंद से राहत

हालांकि, कुछ सेवाओं को इस बंद से राहत दी गई है:

निजी क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां सामान्य रूप से काम करेंगी.

अस्पताल और मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी.

निजी स्कूल-कॉलेज और ऑनलाइन सेवाएं भी प्रभावित नहीं होंगी.

यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल केंद्र सरकार पर अपनी नीतियों की समीक्षा करने और कामगारों व किसानों की मांगों पर ध्यान देने का दबाव बनाने का एक बड़ा प्रयास है.

झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा नया आयाम: सदर अस्पताल, रांची में बनेगा केंद्रीय रेडियोलॉजी हब, मिलेगी 24x7 टेलीरेडियोलॉजी सुविधा

रांची, झारखंड: झारखंड सरकार ने राज्य में रेडियोलॉजी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब सदर अस्पताल, रांची में एक केंद्रीय रेडियोलॉजी हब स्थापित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी रेडियोलॉजी सेवाओं की समान और निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना है. यह पहल झारखंड की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

डिजिटल कनेक्टिविटी से दूरदराज के मरीजों को लाभ

स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने बताया कि इस हब के माध्यम से राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को डिजिटल रूप से जोड़ा जाएगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य दूरदराज और संसाधनविहीन क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को तत्काल, सटीक और डिजिटल रेडियोलॉजिकल रिपोर्टिंग की सुविधा देना है. हब में कार्यरत रेडियोलॉजिस्ट एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई की रिपोर्टों का मूल्यांकन कर संबंधित क्षेत्र और रोगियों को इमेज सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे.

दो चरणों में होगा क्रियान्वयन, 24x7 सेवा

अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने जानकारी दी कि यह योजना दो चरणों में लागू की जाएगी. पहले चरण में राज्य के सभी सदर अस्पताल इस रेडियोलॉजी हब से जोड़े जाएंगे. इससे उन क्षेत्रों में जहां रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं हैं, वहां के मरीजों को समय पर रिपोर्ट मिल पाएगी और इलाज में देरी नहीं होगी. इस परियोजना पर ₹1,21,27,100 (एक करोड़ इक्कीस लाख सत्ताईस हजार एक सौ रुपये) का खर्च अनुमानित है, जिसे पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है.

हब के माध्यम से टेक्नीशियनों को उन्नत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे एक्स-रे, एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी तकनीकी प्रक्रियाएं बेहतर ढंग से संचालित कर सकें. यह केंद्रीय रेडियोलॉजी हब 24x7 टेलीरेडियोलॉजी रिपोर्टिंग केंद्र के रूप में काम करेगा, जिससे हर समय विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध रहेंगी.

परियोजना के मुख्य उद्देश्य

श्री अजय कुमार ने इस परियोजना के मुख्य उद्देश्यों पर प्रकाश डाला:

टर्नअराउंड समय (रिपोर्ट मिलने का समय) कम करके रोगियों को त्वरित निदान उपलब्ध कराना.

स्वास्थ्य सेवा में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित इमेजिंग तकनीक को बढ़ावा देना.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की विषमता को कम करना.

स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना.

निदान क्षमता में वृद्धि और रिपोर्ट की त्वरित उपलब्धता

अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने कहा कि सीएचसी, एसडीएच और रेफरल अस्पतालों जैसे स्वास्थ्य सेवा के अंतिम पड़ावों को केंद्रीय रेडियोलॉजी हब से जोड़ने से स्वास्थ्य क्षेत्र में निदान क्षमता बढ़ेगी. इससे राज्य में रेडियोलॉजिस्टों की कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी. साथ ही, समय पर रेडियोलॉजी रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे गंभीर बीमारियों की शीघ्र पहचान और उपचार संभव हो सकेगा.

यह नई पहल न केवल चिकित्सा रिपोर्टिंग प्रणाली को दक्ष बनाएगी, बल्कि झारखंड की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी.

सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने मेदांता में मंत्री हफीजुल हसन से मुलाकात की, शीघ्र स्वस्थ होने की कामना

गुड़गांव, हरियाणा: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन ने आज गुड़गांव स्थित मेदांता हॉस्पिटल में इलाजरत राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण एवं जल संसाधन मंत्री श्री हफीजुल हसन से मुलाकात कर उनका कुशल-क्षेम जाना. मुख्यमंत्री ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की.

यह उल्लेखनीय है कि मंत्री श्री हफीजुल हसन हाल ही में एक सफल हार्ट सर्जरी के उपरांत यहां चिकित्सकों की निगरानी में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. मुख्यमंत्री और विधायक की यह मुलाकात उनके प्रति एकजुटता और समर्थन को दर्शाती है.

झामुमो अपनी असफलता छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रही है - प्रतुल शाह देव

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा अपनी 6 वर्षों की सबसे असफल सरकार की विफलताओं को छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रही है।प्रतुल ने कहा कि झारखंड का केंद्र सरकार ने झारखंड को 2024-25 के केंद्रीय बजट में रेलवे परियोजनाओं के लिए ₹9,853 करोड़ आवंटित किए हैं, जिसमें अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रांची, हटिया, और अन्य स्टेशनों का आधुनिकीकरण शामिल है। खनन क्षेत्र में रॉयल्टी और जीएसटी के माध्यम से झारखंड को उसका उचित हिस्सा मिल रहा है।जल जीवन मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण झारखंड सरकार ने इस योजना को लूट की भेट चढ़ा दी है। ये योजना अभी भी राष्ट्रीय औसत में सबसे नीचे है जो शर्मनाक है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 10,000 किमी से अधिक ग्रामीण सड़कें बनाई गई हैं। केंद्र सरकार की डीएमएफटी योजना के तहत झारखंड को खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए 2024 तक ₹12,000 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है।प्रतुल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2024-25 में मनरेगा के लिए ₹86,000 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जिसमें झारखंड को उसकी मांग के अनुसार राशि दी जा रही है। झारखंड में मनरेगा कार्यों में देरी और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आई हैं, जिसके लिए हेमंत सरकार जिम्मेवार है। 2024-25 में जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने झारखंड के लिए ₹1,200 करोड़ से अधिक का आवंटन किया है। यदि राशि का उपयोग नहीं हो रहा, तो यह राज्य सरकार की प्रशासनिक अक्षमता को दर्शाता है।15वें वित्त आयोग के तहत झारखंड को 2021-26 के लिए ₹31,000 करोड़ से अधिक की राशि दी गई है

एक तरफ पैसे की मांग,दूसरी तरफ वित्त मंत्री की स्वीकारोक्ति की विभाग पैसा खर्च नहीं कर रहे

झामुमो को केंद्र पर आरोप लगाने से पहले अपनी सरकार की विफलताओं पर ध्यान देना चाहिए।वित्त मंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के 3 महीने बीत जाने के बाद भी अनेक विभागों में खर्च शून्य है जिसमें कृषि जैसा महत्वपूर्ण विभाग शामिल है।पिछले महीने ही कैबिनेट की बैठक के दौरान लंबे समय तक बिजली का कटना हेमंत सरकार की सच्चाई से अवगत कराती है।

पूर्णिया की घटना अत्यंत दुखद

प्रतुल ने कहा कि पूर्णिया की घटना अत्यंत दुखद है। बिहार सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। बिहार पुलिस ने इस मामले में तुरंत FIR दर्ज की और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। एनसीरबी के आंकड़ों के अनुसार बिहार में अपराध दर 2012-14 (यूपीए शासनकाल) की तुलना में 2024 में 30% कम हुई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के शासनकाल में पिछले साढे पांच वर्षों में 8000 से ज्यादा बलात्कार की घटना हुई है जिसमें लगभग एक तिहाई घटनाएं में आदिवासी बेटियां शिकार हुई है।यह आंकड़ा आबुआ सरकार की पोल खोलने के लिए काफी है।