यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मृत्युदंड, मदद के लिए सामने आया यह मुस्लिम देश, जानें क्या है वजह

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यमन में एक युवक की हत्या के मामले में भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें एक महीने में फांसी दी जानी है। निमिषा की सजा माफ कराने के लिए भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। इस बीच भारत की मदद के लिए एक मुस्लिम देश आगे आया है। निमिषा प्रिया के केस में ईरान ने भारत की मदद करने की पेश की है।ईरान ने कहा है कि वह हरसंभव मदद करेगा।

ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘हम इस मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा लगता है कि उस पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है। मानवीय आधार पर हम इस मामले में जो भी कर सकते हैं, करेंगे। बता दें कि निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में दोषी ठहराया गया था। यमन के राष्ट्रपति ने गत माह निमिशा को मौत की सजा को बरकरार रखा है। भारत ने कहा है कि वह इस मामले में नर्स की मदद करने के लिए उसके परिवार और संबंधितों के संपर्क में है और सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। प्रिया (37) अभी यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है। यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की मौत कथित तौर पर बेहोशी की दवा की ‘ओवरडोज’ से हुई थी, जो प्रिया ने उससे अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए दी थी।

ईरान क्यों करना चाहता है मदद

ईरान ने यह पेशकश ऐसे वक्त में की है, जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कच्चे तेल के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रताड़ित ईरान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। ईरान ने भारत से फिर से तेल खरीदने की अपील की है। इसके अलावा उसने ईरानी नागरिकों को भारतीय वीजा पाने में ढील देने को भी कहा है। ईरान का कहना है कि इससे भारत और भारतीय नागरिकों के साथ उसकी दोस्ती गहरी होगी। हालांकि, भारत की तरफ से ईरान के इन दो प्रस्तावों पर अभी तक स्पष्ट रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। भारत के लिए मध्य पूर्व में ईरान का महत्व काफी ज्यादा है।

भारत ने क्यों बंद किया ईरान से तेल खरीदना

ईरान 2018 से कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पिछले डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत, अमेरिका ने ईरान पर 1500 से ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं। नतीजतन, 2019 में, अमेरिका के दबाव में, भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया था, जिसका दोतरफा व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "2018 में प्रतिबंध लगाए जाने से पहले हमारे भारत के साथ अच्छे आर्थिक संबंध थे। हम समझते हैं कि भारत को प्रतिबंधों का पालन क्यों करना पड़ रहा है, लेकिन व्यापार में साल-दर-साल गिरावट आ रही है, जो अच्छी बात नहीं है।"

Young Indian Polymath Sounak Ghosal Inspires with His Diverse Talents and Achievements

Asansol, West Bengal – Born on 15 July 2008, Sounak Ghosal is a young prodigy whose talents and achievements span multiple fields, including literature, science, art, and music. Currently a Class 11 student at DAV Model School, KSTP Asansol, Sounak’s journey is a testament to passion, curiosity, and creativity.

Growing up in Asansol, West Bengal, Sounak’s early years were filled with boundless energy and a thirst for knowledge. His parents, Subir and Baisakhi Ghosal, nurtured his diverse interests, encouraging him to explore science, storytelling, and music. His grandmother’s tales and the works of literary greats like Ruskin Bond and J.K. Rowling further fueled his imagination, setting him on a path of creative discovery.

Sounak has always excelled academically, balancing his studies with his extracurricular passions. After achieving an impressive 94% in his Class 10 CBSE exams in 2023, he is now pursuing the Science stream, focusing on Physics, Chemistry, and Mathematics. Despite his demanding schedule, he continues to participate in science fairs and Olympiads, earning recognition for his innovative ideas.

Sounak’s artistic talents shine in his paintings, which have been featured in exhibitions. His love for poetry and music composition led him to write heartfelt lyrics and compose soulful melodies. These creations have endeared him to his schoolmates and the local community, showcasing his ability to blend artistic expression with profound insights.

Among all his interests, astronomy holds a special place in Sounak’s heart. His fascination with space began at a young age and intensified when he received his first telescope at 12. Since then, he has spent countless nights exploring the universe, conducting independent research, and sharing his findings with fellow enthusiasts.

In 2024, Sounak published two books: "The Silence of The Hills," a critically acclaimed literary work, and "The Space-Time: As I Know It," a groundbreaking exploration of space and Einstein’s theories. His innovative "Ghosal’s Gravitation Hypotheses" has captured the attention of the scientific community, marking him as a promising voice in astrophysics.

Sounak’s home doubles as a laboratory where he experiments with various scientific concepts. This hands-on approach to learning allows him to test ideas and push boundaries, reflecting his commitment to understanding the complexities of the universe.

Looking ahead, Sounak dreams of becoming a leading researcher in astrophysics and astronomy. He aims to make groundbreaking discoveries that contribute to humanity’s understanding of the cosmos. With his talent, determination, and innovative spirit, he is well-positioned to achieve these aspirations.

Connect with Sounak Ghosal

Sounak’s incredible journey inspires people of all ages, proving that passion and perseverance can lead to extraordinary achievements. To learn more about Sounak and his work, visit his website or connect with him on LinkedIn and X:

Website: sounakghosal.com

LinkedIn: Sounak Ghosal

Sounak Ghosal is an Indian author, amateur astronomer, researcher, poet, music composer, and lyricist. Born in 2008, he has achieved remarkable success in both academic and artistic fields. With his books and contributions to science, Sounak continues to inspire others with his multifaceted talents and unwavering dedication.

*Sports News*

Mohammedan SC held Odisha FC to a goalless draw at the Kishore Bharati Krirangan in the Indian Super League (ISL) 2024-25 yesterday night to break their five-game-long losing streak in the competition.

Pic:Sanjay Hazra

ट्रंप की टीम में एक और भारतवंशी, श्रीराम कृष्णन को बनाया AI नीति सलाहकार, मस्‍क भी दे चुके हैं बड़ी जिम्‍मेदारी
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* अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टीम में भारतीयों पर भरोसा जतया है।एक और भारतीय-अमेरिकी को ट्रंप ने अहम जिम्‍मेदारी सौंपी है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी पूंजीपति श्रीराम कृष्णन को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर सीनियर पॉलिसी एडवाइजर बनाने का फैसला किया है। कृष्णन इससे पहले ‘माइक्रोसॉफ्ट', ‘ट्विटर', ‘याहू', ‘फेसबुक' और ‘स्नैप' में ‘प्रोडक्ट टीमों' का लीड कर चुके हैं और वह डेविड ओ. साक्स के साथ काम करेंगे। ट्रंप ने डेविड को ‘व्हाइट हाउस एआई एंड क्रिप्टो ज़ार' नियुक्‍त करने की घोषणा की है। ट्रंप ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा, ''श्रीराम कृष्णन एआई पर 'व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी' में वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में काम करेंगे।'' कृष्णन इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, याहू, फेसबुक और स्नैप में प्रोडक्ट टीमों का नेतृत्व कर चुके हैं और वह डेविड ओ. साक्स के साथ काम करेंगे। ट्रंप ने डेविड को व्हाइट हाउस एआई एंड क्रिप्टो जार नामित किया है। ट्रंप ने कहा, ''डेविड के साथ श्रीराम एआई के क्षेत्र में अमेरिका का वर्चस्व सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। साथ ही वह विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद के साथ काम करते हुए एआई नीति को आकार देने तथा समन्वय करने में मदद करेंगे। नियुक्ति के एलान के बाद कृष्णन ने कहा कि मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अपने देश की सेवा करने के लिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। मैं डेविड सैक्स के साथ मिलकर काम करते हुए एआई में निरंतर अमेरिकी नेतृत्व सुनिश्चित करने में सक्षम होने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। बता दें कि भारत में निम्‍न मध्‍यम परिवार जन्‍मे श्रीराम चेन्नई में पले-बढ़े। श्रीराम के पिता इंश्योरेंस सेक्टर में काम करते थे और उनकी मां हाउसवाइफ थीं। श्रीराम के मुताबिक, दोनों रात-दिन मजदूरों की तरह काम में जुटे रहते थे। श्रीराम ने अन्ना यूनिवर्सिटी के SRM इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया है। 2007 में उन्‍होंने माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया। श्रीराम कृष्‍णन कई दिग्‍गजों जैसे सत्‍या नडेला, मार्क जुकरबर्ग के साथ काम कर चुके हैं। इससे पहले श्रीराम कृष्‍णन तब भी बहुत चर्चा में आए थे जब एलन मस्‍क ने उन्‍हें ट्टिवर खरीदने की जिम्‍मेदारी दी थी
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भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने का बढ़ता रुझान: भारत की बढ़ती चिंताएं

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हाल के वर्षों में, भारत के एक बढ़ते हुए स्नातक वर्ग ने नौकरी के अवसरों की तलाश में देश छोड़ दिया है। यह प्रवृत्ति विभिन्न कारणों के कारण उत्पन्न हो रही है, और इन कारणों को समझना आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि युवा पेशेवरों के लिए यह निर्णय क्यों लिया जा रहा है। जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है, इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नौकरी बाजार, शैक्षिक प्रणाली, और यहां तक कि सामाजिक-राजनीतिक वातावरण में कुछ गहरे और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। BITS Pilani में डॉ एस सोमनाथ (चेयरमैन,इसरो ) ने ग्रेजुएट हो रहे विद्यार्थियों को उनके दीक्षांत सम्हारोह में सम्बोधित करते हुए कहा की देश को युवा की ज़रूरत है और वे चाहेंगे कि देश का कौशल देश की प्रग्रति के लिए काम आए , विदेश में जाना और वह अपने योगदान देने से भारत उन नई उचाईयों से वंचित रह जाएगा। बच्चों के बाहर जाकर नौकरी करने के प्रमुख कारणों का विश्लेषण किया गया है। 

1.बेहतर नौकरी के अवसर और उच्च वेतन

एक प्रमुख कारण है कि स्नातक विदेशों में नौकरी करने के लिए क्यों जाते हैं, वह है बेहतर वेतन और नौकरी के अवसर। भारत में कई क्षेत्रों में वेतन अपेक्षाकृत कम है, खासकर उन पेशेवरों के लिए जिनकी शिक्षा और कौशल स्तर उच्च हैं। जैसे-जैसे भारत में वेतन संरचना उतनी प्रतिस्पर्धी नहीं है, विदेशों में विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों में उच्च वेतन और बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं। तकनीकी, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, विदेशों में मिलने वाले वेतन पैकेज भारतीय नौकरी बाजार से कहीं अधिक आकर्षक होते हैं। यह वेतन अंतर स्नातकों को आर्थिक सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है।

2. सीमित करियर विकास और अवसर

भारत में नौकरी के अवसरों में कमी और करियर में सीमित वृद्धि भी एक प्रमुख कारण है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए भारत में कई बार करियर का विकास धीमा होता है, वरिष्ठ पदों के लिए अवसर कम होते हैं और विशिष्ट प्रशिक्षण या कौशल विकास की कमी होती है। इसके विपरीत, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में करियर में तेज़ी से वृद्धि, वैश्विक नेटवर्किंग के अवसर और निरंतर सीखने की संभावना होती है, जिससे ये देश स्नातकों के लिए अत्यधिक आकर्षक बनते हैं।

3.जीवन की गुणवत्ता

वह बेहतर जीवन स्तर जो विदेशों में मिलता है, यह एक और बड़ा कारण है कि स्नातक भारत से बाहर जा रहे हैं। इसमें कार्य-जीवन संतुलन, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल, बेहतर सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्वच्छ वातावरण और पारदर्शी शासन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, यूरोप के देशों में कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं भारत में कई युवा पेशेवर लंबे कार्य घंटों, उच्च प्रतिस्पर्धा और तनावपूर्ण कार्य वातावरण से परेशान रहते हैं। इस कारण से वे अधिक आरामदायक जीवन जीने के लिए विदेशों में नौकरी करने का विकल्प चुनते हैं।

4. भारत में बेरोजगारी और अपर्याप्त रोजगार

भारत में नौकरी के अवसर बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी हैं और अत्यधिक शैक्षिक योग्यता होने के बावजूद, लाखों युवा बेरोजगार या अपर्याप्त रोजगार में फंसे हुए हैं। CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर 2023 में 8-9 प्रतिशत के आसपास रही है, जबकि कई स्नातक ऐसे कामों में लगे हुए हैं जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाते। उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है, जिससे युवा पेशेवरों को बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

5. उभरते हुए तकनीकी और स्टार्ट-अप क्षेत्र

वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र का विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी में इन क्षेत्रों में अत्यधिक आकर्षक रोजगार उपलब्ध हैं। विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में स्नातक विदेशों में उच्च मांग में हैं और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए इन देशों में जाने का विकल्प चुनते हैं। इसके अतिरिक्त, सिलिकॉन वैली जैसे तकनीकी केंद्र और लंदन जैसे स्टार्ट-अप हब नवाचार के लिए समर्थन प्रदान करते हैं और वहां कार्य करने का एक अनुकूल वातावरण मिलता है। ये विशेषताएं भारतीय स्नातकों को आकर्षित करती हैं, जो वैश्विक स्तर पर समाधान तैयार करने में रुचि रखते हैं।

 6. शैक्षिक प्रणाली और अनुसंधान अवसर

भारत के उच्च शिक्षा संस्थान अक्सर आवश्यक अनुसंधान अवसर, व्यावहारिक शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अनुभव प्रदान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीय स्नातक विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते हैं, जो बाद में उन देशों में नौकरी करने के अवसर प्राप्त करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा जैसे देश उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और व्यावासिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और यह स्नातकों को स्थायी निवास प्राप्त करने का अवसर भी देते हैं।

7. उद्यमिता के अवसर

भारत में उद्यमिता के लिए कई बाधाएं हैं, जैसे सरकारी नौकरशाही, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, और सीमित निवेश के अवसर। इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में उद्यमिता के लिए अधिक अनुकूल वातावरण है, जिसमें पूंजी तक आसान पहुंच, सरकारी समर्थन, और नवाचार के लिए प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि कई भारतीय स्नातक, जो उद्यमिता में रुचि रखते हैं, विदेशों में अपनी कंपनियों की शुरुआत करते हैं।

भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने जाने का बढ़ता हुआ रुझान कई आर्थिक, सामाजिक और पेशेवर कारणों से उत्पन्न हो रहा है। भारत में नौकरी के अवसरों की कमी, वेतन की असमानताएं, और करियर विकास की सीमाएं इन युवा पेशेवरों को विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में भेज रही हैं। हालांकि, यह प्रवृत्ति "ब्रेन ड्रेन" के रूप में देखी जा सकती है, लेकिन यह भारत के लिए एक अवसर भी प्रदान करती है, क्योंकि वे जब वापस लौटते हैं तो वे विदेशी अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। भारत को इस प्रवृत्ति को रोकने और अपने पेशेवरों के लिए बेहतर अवसरों और कार्य वातावरण बनाने के लिए उपायों की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कौशल का अधिकतम लाभ भारत में ही उठा सकें।

OpenAI और ChatGPT पर सवाल उठाने वाले सुचिर बालाजी कौन? जिनकी अमेरिका में मौत

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चैटजीपीटी (ChatGPT) डेवलप करने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI के पूर्व रिसर्चर सुचीर बालाजी को उनके फ्लैट में मृत पाया गया है। OpenAI पर गंभीर सवाल खड़े करने वाले सुचीर बालाजी की मौत सैन फ्रांसिस्को में उनके अपार्टमेंट हुई।शुरुआती रिपोर्ट में सामने आ रहा है कि बालाजी ने आत्महत्या की है। वह अपने फ्लैट में मृत मिले।

सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग के प्रवक्ता अधिकारी रॉबर्ट रुएका ने बताया कि शुरुआती जांच के दौरान किसी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बालाजी का शव 26 नवंबर को उनके बुकानन स्ट्रीट अपार्टमेंट में मिला। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक ओपनएआई के लिए काम किया था।

26 साल के सुचिर बालाजी ने OpenAI को लेकर दुनिया को सतर्क किया था। सुचिर ने एआई में योगदान तो दिया ही था साथ ही इस कंपनी में गलत परंपराओं ओर हरकतों को लेकर मजबूत आवाज उठाई थी। दरअसल, सुचिर का कहना था कि ओपनएआई ने चैट जीपीटी बनाने के लिए बिना अनुमति के पत्रकारों, लेखकों, प्रोग्रामरों आदि के कॉपीराइटेड सामग्रियों का इस्तेमाल किया है, जिसका सीधा असर कई बिजनेसों और कारोबारों पर पड़ेगा। माना जा रहा था कि ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सुचीर बालाजी ने मौत से तीन महीने पहले सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि OpenAI ने अमेरिका के कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया है। 23 अक्टूबर को विदेशी मीडिया को एक इंटरव्यू देते समय बालाजी ने यह तर्क दिया था कि OpenAI उन व्यवसायों और उद्यमियों पर नैगेटिव प्रभाव डाल रहा था जिनको चैटजीपीटी को ट्रेन करने के लिए जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा, अगर आप मेरी बातों पर यकीन करते हैं, तो आपको कंपनी छोड़ देनी होगी। साथ ही उन्होंने कहा था, “यह इंटरनेट इकोसिस्टम के लिए एक टिकाऊ मॉडल नहीं है।

भारत ने सीरिया से 75 लोगों को किया एयरलिफ्ट, जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल

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सीरिया में तख्त पलट हो गया है। विरोधी ग्रुप हयात तहरीर अल शाम ने सीरिया पर कब्जा कर लिया है और अब देश की बागडोर उसके हाथों में आ गई है। विद्रोहियों के कब्जे के बावजूद जगह-जगह विस्फोट हो रहे हैं। हमले हो रहे हैं। सरकारी इमारतें जलाई जा रही हैं। लूटपाट की जा रही है। सीरिया के हालात को खराब होता देख सभी देश अपने-अपने नागरिकों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। भारत ने भी अपने 75 नागरिकों को सीरिया से बाहर निकाला है।

भारत ने सीरिया में विद्रोही बलों द्वारा बशर अल असद की सरकार को अपदस्थ किए जाने के दो दिन बाद मंगलवार को वहां से 75 भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला। वि0श मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों ने निकासी की प्रक्रिया की। देर रात जारी बयान में कहा गया, ‘भारत सरकार ने सीरिया में हाल में हुए घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला।’ इसमें कहा गया, ‘निकाले गए लोगों में जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल हैं, जो सईदा जैनब(सीरिया में शिया मुस्लिमों का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल) में फंसे हुए थे। सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और वे उपलब्ध कमर्शियल उड़ानों से भारत लौटेंगे।’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, यह अभियान दमिश्क और बेरूत में मौजूद भारतीय दूतावास की देखरेख में चलाया गया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सीरिया में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के बाद यह कदम उठाया गया है।

सेना से जुड़े लोगों को ढूंढ रहे विद्रोही

बता दें कि सीरिया की सत्ता पर अब हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का कब्जा है। एचटीएस के लड़ाके बशर अल-असद सरकार और सेना से जुड़े लोगों को ढूंढ रही है। उन्हें पकड़कर कत्ल कर रही है। राष्ट्रपति रहे असद के भतीजे को पहले बीच चौराहे पर मारा-पीटा फिर फांसी दे दी। जिसको लटकाया गया, उसका नाम सुलेमान असद है। सुलेमान असद, सीरियाई सेना में बड़ा अफसर था। एचटीएस का खौफ इस कदर है कि अब कुर्द लड़ाके और असद सेना के सैनिक सरेंडर कर रहे हैं। घुटनों के बल बैठकर सैनिकों ने विद्रोहियों का साथ देने का ऐलान कर दिया।

ऐसे खौफ कायम कर रहा एचटीएस चीफ

एचटीएस चीफ मोहम्मद अल गोलानी ने कहा है कि जो भी अधिकारी, कर्मचारी सीरिया के लोगों के साथ अत्याचार में शामिल रहा है उनकी एक लिस्ट बनाई जा रही है। इनके बारे में जो भी सूचना देगा उसे ईनाम दिया जाएगा। गोलानी ने ये भी कहा कि हम ऐसे लोगों को बख्शेंगे नहीं। खौफनाक सजा देंगे, जिसका ट्रेलर असद के भतीजे को बीच चौराहे फांसी देकर दिखा भी दिया।

जिसने दिलाई आजादी उसी से दुश्मनी निभा रहा बांग्लादेश, बीएनपी सुलगा रही 'बॉयकॉट इंडिया' की आग

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बांग्लादेश किसकी बोली बोलने लगा है? अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़े अत्याचार के बीच अब राजनीतिक दलों ने बॉयकाट इंडिया का नारा बुलंद करना शुरू कर दिया है।बांग्लादेशी नेताओं ने ढाका में भारतीय साड़ी जलाकर इंडियन प्रोडक्ट्स को बायकॉट करने की फैसला किया है। साथ ही लोगों से भी ऐसा ही करने की अपील कर रहे हैं।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने ढाका में अपनी पत्नी की भारतीय साड़ी को जलाते हुए भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया।रिजवी ने यह विरोध त्रिपुरा में बांग्लादेश के उच्चायोग में कथित तोड़फोड़ और बांग्लादेशी झंडे के अपमान के खिलाफ किया।

आत्मनिर्भर बनने जा रहा बांग्लादेश!

बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिजवी ने ढाका में प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए कहा कि भारत के त्रिपुरा में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में तोड़फोड़ कर हमारे झंड़े को जलाया गया। हमारे राष्ट्रीय ध्वज को फाड़ना हमारा अपमान है। रिजवी ने अपील किया कि कोई भी बांग्लादेशी भारतीय सामानों को न खरीदे। उन्होंने अपनी पत्नी की भारत की साड़ी को सार्वजनिक मंच पर जलाया और लोगों से भारतीय सामनों का बहिष्कार करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा देश आत्मनिर्भर है। हम भारत के किसी भी सामान को नहीं खरीदेंगे। एक वक्त का खाना खा लेंगे लेकिन भारतीय सामान नहीं लेंगे। रिजवी ने कहा कि भारतीय साबुन, टूथपेस्ट से लगायत हम भारत से आने वाला मिर्च और पपीता भी इस्तेमाल नहीं करेंगे। हम मिर्च और पपीता खुद उगा लेंगे।

भारत पर गलत खबरें फैलाने का आरोप

भारत विरोझी प्रदर्शन के दौरान रिजवी ने भारतीय नेताओं और मीडिया पर भी निशाना साधते हुए गलत खबरें फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश की संप्रभुता के सम्मान की बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश किसी भी प्रकार के गलत आचरण को सहन नहीं करेगा।

क्या ऐसे बदहाली से उबर पाएगा बांग्लादेश?

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने और मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद, उदारवादियों का एक वर्ग था, जिसने इस बात की दुहाई दी थी कि अब मुल्क के हालात बदलेंगे और बदहाली से निकलकर बांग्लादेश विकास के रास्ते पर चलेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वर्तमान में मुल्क अशांति की चपेट में है। जगह जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है उनके मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। यही नहीं, अपने सबसे नजदीकी दोस्त भारत से दुश्मनी निभाई जा रही है।

Comic Street – An exciting new initiative by TVAGA and ICA at Indiajoy

The Comic Street Awards 2024 debuted at the prestigious India Joy Digital Entertainment Festival at the Hyderabad International Convention Center (HICC). A collaboration between the Telangana VFX, Animation, and Gaming Association (TVAGA) and the Indian Comics Association (ICA), the awards celebrated exceptional talent in the Indian comics industry, marking a new chapter in the legacy of India Joy. The awards were presented by former beauty queen and Bollywood actress Ruhi Singh, whose presence added a touch of glamour and star power to the event. In recognition of her contributions to the creative industry, Himanshu Singhal, PR & Industry Head of ICA, presented a memento to Ruhi Singh.

The Lifetime Achievement Award was presented to the legendary cartoonist Abid Surti for his immense contributions to the Indian comics landscape. A true pioneer, Abid Surti is the creative genius behind Bahadur, India’s first-ever superhero, and has significantly shaped the Indian comics industry.

The ICA proudly hosted a panel discussion at Comic Street featuring prominent figures such as Sanjay Gupta (Raj Comics by Sanjay Gupta), Preeti Vyas (Amar Chitra Katha), Ajay Krishna (Forbidden Verse), and Ajitesh Sharma (Cinemics). The panel delved into various aspects of storytelling, industry evolution, and comic industry opportunities, offering invaluable insights and fostering engaging discussions among industry pioneers and enthusiasts.

Ajitesh Sharma, president of ICA, interacted with Prashant Varma, the visionary director of the highly acclaimed movie Hanu-Man, on Comics IP & Cinema. Ajay Krishna, Executive Member of ICA, presented a special memento to Prashant Varma, acknowledging his remarkable contributions to storytelling, creativity, and the growing universe of Indian superheroes.

Adding to the event's excitement, two new comic titles were launched: Chandrakanta, an Indian epic adapted into Comics by Cinemics, and Soul Contract, an Indian manga by Cosmics. These latest releases generated a buzz and showcased the vibrant creativity and innovation within the Indian comics industry.

 

An ICA Pavilion exhibiting Indian Comics was set up at Comics Street, and Ravi Tanwer, Anadi Abhilash, Mohamad Shabaz, Himanshu Singhal, Vasu Gupta, Saahil Sharma, Varun Malhotra, and Neelesh Makwane from ICA led the initiative. Moreover, ICA promoted the upcoming Comics Creator Championship, set to take place during Waves 2025, further engaging the community and encouraging creators to showcase their talent in this Create in India Challenge.

The event underscores India Joy’s commitment to fostering a thriving ecosystem for the AVGC sector. Telangana IT Minister KT Rama Rao highlighted that the festival embodies the state’s vision to position Hyderabad as a global hub, attracting more than 25,000 attendees globally and showcasing India's potential as a global media and entertainment industry leader.

 

Comic Street Award 2024

 

1. Best Comics

· Platinum: Professor Ashwatthama 3 (Cheeseburger Comics)

· Diamond: Ad Infinitum - Sisyphus (Chitragaatha Comics)

· Gold: Celestial Beings (Amar Chitra Katha)

2. Best Comics Writer

· Platinum: Bijoy Raveendran, Codename Alpha '97 (Yali Dream Works)

· Diamond: Saahil S Sharma, Operation Ganga (Alpha Comics)

· Gold: Soumya Das, Violated Series (The Hierophant Entertainment)

3. Best Artist

· Platinum: Dildeep Singh, Rakt katha Series (RCSG)

· Diamond: Caio Pegado, Soormas (Curious Bit Publication)

· Gold: Harsho Mohan Chattoraj, Al-Zebra (Alpha Comics)                      

4. Best Colorist

· Platinum: Valeria Verdi, Soormas (Curious Bit Publication)

· Diamond: Shadab Siddiqui & Sunil Dasturia, Rakt katha Series (RCSG)

· Gold: Jyoti Singh, Dvij: Born from Fire (Radiant Comics)                            

5. Best Cover Design

· Platinum: Violated Issue 1 (The Hierophant Entertainment)

· Diamond: Guddu Bomb Issue 1 (Chitragaatha Comics)

· Gold: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

6. Best Kids Comics

· Platinum: Chahal Pahal (Alpha Comics)

· Diamond: Weatherman (Cinemics)

· Gold: Tinkle Holiday Special 54 (Amar Chitra Katha)

7. Best Manga

· Platinum: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

· Diamond: Trio (Vaibhavi Studios)

8. Best Rising Talent

· Platinum: Ajay Krishna (Forbidden Verse)

· Diamond: Vasu Gupta (Alpha Comics)

· Gold: Prathamesh Gandhi (Colorist: Yali Dream Works)

9. Fan Favourite Comics

· Platinum: Tinkle 800 (Amar Chitra Katha)

· Diamond: FORBIDDEN VERSE: LEO'S CIVIL WAR (Forbidden Verse)

· Gold: The Legend of Watakattu - Claws of Justice (Alpha Comics)

10. Best Comics (Student Category)

· Platinum: Beaver And The Boy (Abin Antony)

 

About ICA

The Indian Comics Association (ICA) promotes and nurtures the Indian comics industry. Through various initiatives, events, and collaborations, ICA aims to foster creativity, support comic creators, and elevate the art of storytelling through comics in India. The association plays a crucial role in bridging the gap between industry, government, creators, and audiences, ensuring that the rich tradition of Indian comics continues to thrive and inspire future generations.

For more details visit website

यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मिली मृत्युदंड, मदद के लिए सामने आया यह मुस्लिम देश, जानें क्या है वजह

#yemenindiannimishapriyacasemuslimcountryiranwill_help

यमन में एक युवक की हत्या के मामले में भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें एक महीने में फांसी दी जानी है। निमिषा की सजा माफ कराने के लिए भारत सरकार ने कोशिशें तेज कर दी हैं। इस बीच भारत की मदद के लिए एक मुस्लिम देश आगे आया है। निमिषा प्रिया के केस में ईरान ने भारत की मदद करने की पेश की है।ईरान ने कहा है कि वह हरसंभव मदद करेगा।

ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, ‘हम इस मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा लगता है कि उस पर गैर-इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया है। मानवीय आधार पर हम इस मामले में जो भी कर सकते हैं, करेंगे। बता दें कि निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में दोषी ठहराया गया था। यमन के राष्ट्रपति ने गत माह निमिशा को मौत की सजा को बरकरार रखा है। भारत ने कहा है कि वह इस मामले में नर्स की मदद करने के लिए उसके परिवार और संबंधितों के संपर्क में है और सभी तरह के कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। प्रिया (37) अभी यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है। यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की मौत कथित तौर पर बेहोशी की दवा की ‘ओवरडोज’ से हुई थी, जो प्रिया ने उससे अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए दी थी।

ईरान क्यों करना चाहता है मदद

ईरान ने यह पेशकश ऐसे वक्त में की है, जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कच्चे तेल के निर्यात पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिकी प्रतिबंधों से प्रताड़ित ईरान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। ईरान ने भारत से फिर से तेल खरीदने की अपील की है। इसके अलावा उसने ईरानी नागरिकों को भारतीय वीजा पाने में ढील देने को भी कहा है। ईरान का कहना है कि इससे भारत और भारतीय नागरिकों के साथ उसकी दोस्ती गहरी होगी। हालांकि, भारत की तरफ से ईरान के इन दो प्रस्तावों पर अभी तक स्पष्ट रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। भारत के लिए मध्य पूर्व में ईरान का महत्व काफी ज्यादा है।

भारत ने क्यों बंद किया ईरान से तेल खरीदना

ईरान 2018 से कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। पिछले डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत, अमेरिका ने ईरान पर 1500 से ज्यादा प्रतिबंध लगाए हैं। नतीजतन, 2019 में, अमेरिका के दबाव में, भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया था, जिसका दोतरफा व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "2018 में प्रतिबंध लगाए जाने से पहले हमारे भारत के साथ अच्छे आर्थिक संबंध थे। हम समझते हैं कि भारत को प्रतिबंधों का पालन क्यों करना पड़ रहा है, लेकिन व्यापार में साल-दर-साल गिरावट आ रही है, जो अच्छी बात नहीं है।"

Young Indian Polymath Sounak Ghosal Inspires with His Diverse Talents and Achievements

Asansol, West Bengal – Born on 15 July 2008, Sounak Ghosal is a young prodigy whose talents and achievements span multiple fields, including literature, science, art, and music. Currently a Class 11 student at DAV Model School, KSTP Asansol, Sounak’s journey is a testament to passion, curiosity, and creativity.

Growing up in Asansol, West Bengal, Sounak’s early years were filled with boundless energy and a thirst for knowledge. His parents, Subir and Baisakhi Ghosal, nurtured his diverse interests, encouraging him to explore science, storytelling, and music. His grandmother’s tales and the works of literary greats like Ruskin Bond and J.K. Rowling further fueled his imagination, setting him on a path of creative discovery.

Sounak has always excelled academically, balancing his studies with his extracurricular passions. After achieving an impressive 94% in his Class 10 CBSE exams in 2023, he is now pursuing the Science stream, focusing on Physics, Chemistry, and Mathematics. Despite his demanding schedule, he continues to participate in science fairs and Olympiads, earning recognition for his innovative ideas.

Sounak’s artistic talents shine in his paintings, which have been featured in exhibitions. His love for poetry and music composition led him to write heartfelt lyrics and compose soulful melodies. These creations have endeared him to his schoolmates and the local community, showcasing his ability to blend artistic expression with profound insights.

Among all his interests, astronomy holds a special place in Sounak’s heart. His fascination with space began at a young age and intensified when he received his first telescope at 12. Since then, he has spent countless nights exploring the universe, conducting independent research, and sharing his findings with fellow enthusiasts.

In 2024, Sounak published two books: "The Silence of The Hills," a critically acclaimed literary work, and "The Space-Time: As I Know It," a groundbreaking exploration of space and Einstein’s theories. His innovative "Ghosal’s Gravitation Hypotheses" has captured the attention of the scientific community, marking him as a promising voice in astrophysics.

Sounak’s home doubles as a laboratory where he experiments with various scientific concepts. This hands-on approach to learning allows him to test ideas and push boundaries, reflecting his commitment to understanding the complexities of the universe.

Looking ahead, Sounak dreams of becoming a leading researcher in astrophysics and astronomy. He aims to make groundbreaking discoveries that contribute to humanity’s understanding of the cosmos. With his talent, determination, and innovative spirit, he is well-positioned to achieve these aspirations.

Connect with Sounak Ghosal

Sounak’s incredible journey inspires people of all ages, proving that passion and perseverance can lead to extraordinary achievements. To learn more about Sounak and his work, visit his website or connect with him on LinkedIn and X:

Website: sounakghosal.com

LinkedIn: Sounak Ghosal

Sounak Ghosal is an Indian author, amateur astronomer, researcher, poet, music composer, and lyricist. Born in 2008, he has achieved remarkable success in both academic and artistic fields. With his books and contributions to science, Sounak continues to inspire others with his multifaceted talents and unwavering dedication.

*Sports News*

Mohammedan SC held Odisha FC to a goalless draw at the Kishore Bharati Krirangan in the Indian Super League (ISL) 2024-25 yesterday night to break their five-game-long losing streak in the competition.

Pic:Sanjay Hazra

ट्रंप की टीम में एक और भारतवंशी, श्रीराम कृष्णन को बनाया AI नीति सलाहकार, मस्‍क भी दे चुके हैं बड़ी जिम्‍मेदारी
#indian_american_sriram_krishnan_chosen_as_trump_senior_ai_policy_advisor

* अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टीम में भारतीयों पर भरोसा जतया है।एक और भारतीय-अमेरिकी को ट्रंप ने अहम जिम्‍मेदारी सौंपी है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय-अमेरिकी पूंजीपति श्रीराम कृष्णन को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर सीनियर पॉलिसी एडवाइजर बनाने का फैसला किया है। कृष्णन इससे पहले ‘माइक्रोसॉफ्ट', ‘ट्विटर', ‘याहू', ‘फेसबुक' और ‘स्नैप' में ‘प्रोडक्ट टीमों' का लीड कर चुके हैं और वह डेविड ओ. साक्स के साथ काम करेंगे। ट्रंप ने डेविड को ‘व्हाइट हाउस एआई एंड क्रिप्टो ज़ार' नियुक्‍त करने की घोषणा की है। ट्रंप ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा, ''श्रीराम कृष्णन एआई पर 'व्हाइट हाउस ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी' में वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में काम करेंगे।'' कृष्णन इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट, ट्विटर, याहू, फेसबुक और स्नैप में प्रोडक्ट टीमों का नेतृत्व कर चुके हैं और वह डेविड ओ. साक्स के साथ काम करेंगे। ट्रंप ने डेविड को व्हाइट हाउस एआई एंड क्रिप्टो जार नामित किया है। ट्रंप ने कहा, ''डेविड के साथ श्रीराम एआई के क्षेत्र में अमेरिका का वर्चस्व सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। साथ ही वह विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद के साथ काम करते हुए एआई नीति को आकार देने तथा समन्वय करने में मदद करेंगे। नियुक्ति के एलान के बाद कृष्णन ने कहा कि मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अपने देश की सेवा करने के लिए मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। मैं डेविड सैक्स के साथ मिलकर काम करते हुए एआई में निरंतर अमेरिकी नेतृत्व सुनिश्चित करने में सक्षम होने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। बता दें कि भारत में निम्‍न मध्‍यम परिवार जन्‍मे श्रीराम चेन्नई में पले-बढ़े। श्रीराम के पिता इंश्योरेंस सेक्टर में काम करते थे और उनकी मां हाउसवाइफ थीं। श्रीराम के मुताबिक, दोनों रात-दिन मजदूरों की तरह काम में जुटे रहते थे। श्रीराम ने अन्ना यूनिवर्सिटी के SRM इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया है। 2007 में उन्‍होंने माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया। श्रीराम कृष्‍णन कई दिग्‍गजों जैसे सत्‍या नडेला, मार्क जुकरबर्ग के साथ काम कर चुके हैं। इससे पहले श्रीराम कृष्‍णन तब भी बहुत चर्चा में आए थे जब एलन मस्‍क ने उन्‍हें ट्टिवर खरीदने की जिम्‍मेदारी दी थी
GTPro: Leading the Way in Indian Trading with Lowest Brokerage and Highest Leverage

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भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने का बढ़ता रुझान: भारत की बढ़ती चिंताएं

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हाल के वर्षों में, भारत के एक बढ़ते हुए स्नातक वर्ग ने नौकरी के अवसरों की तलाश में देश छोड़ दिया है। यह प्रवृत्ति विभिन्न कारणों के कारण उत्पन्न हो रही है, और इन कारणों को समझना आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि युवा पेशेवरों के लिए यह निर्णय क्यों लिया जा रहा है। जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है, इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नौकरी बाजार, शैक्षिक प्रणाली, और यहां तक कि सामाजिक-राजनीतिक वातावरण में कुछ गहरे और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। BITS Pilani में डॉ एस सोमनाथ (चेयरमैन,इसरो ) ने ग्रेजुएट हो रहे विद्यार्थियों को उनके दीक्षांत सम्हारोह में सम्बोधित करते हुए कहा की देश को युवा की ज़रूरत है और वे चाहेंगे कि देश का कौशल देश की प्रग्रति के लिए काम आए , विदेश में जाना और वह अपने योगदान देने से भारत उन नई उचाईयों से वंचित रह जाएगा। बच्चों के बाहर जाकर नौकरी करने के प्रमुख कारणों का विश्लेषण किया गया है। 

1.बेहतर नौकरी के अवसर और उच्च वेतन

एक प्रमुख कारण है कि स्नातक विदेशों में नौकरी करने के लिए क्यों जाते हैं, वह है बेहतर वेतन और नौकरी के अवसर। भारत में कई क्षेत्रों में वेतन अपेक्षाकृत कम है, खासकर उन पेशेवरों के लिए जिनकी शिक्षा और कौशल स्तर उच्च हैं। जैसे-जैसे भारत में वेतन संरचना उतनी प्रतिस्पर्धी नहीं है, विदेशों में विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों में उच्च वेतन और बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं। तकनीकी, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, विदेशों में मिलने वाले वेतन पैकेज भारतीय नौकरी बाजार से कहीं अधिक आकर्षक होते हैं। यह वेतन अंतर स्नातकों को आर्थिक सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है।

2. सीमित करियर विकास और अवसर

भारत में नौकरी के अवसरों में कमी और करियर में सीमित वृद्धि भी एक प्रमुख कारण है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए भारत में कई बार करियर का विकास धीमा होता है, वरिष्ठ पदों के लिए अवसर कम होते हैं और विशिष्ट प्रशिक्षण या कौशल विकास की कमी होती है। इसके विपरीत, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में करियर में तेज़ी से वृद्धि, वैश्विक नेटवर्किंग के अवसर और निरंतर सीखने की संभावना होती है, जिससे ये देश स्नातकों के लिए अत्यधिक आकर्षक बनते हैं।

3.जीवन की गुणवत्ता

वह बेहतर जीवन स्तर जो विदेशों में मिलता है, यह एक और बड़ा कारण है कि स्नातक भारत से बाहर जा रहे हैं। इसमें कार्य-जीवन संतुलन, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल, बेहतर सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्वच्छ वातावरण और पारदर्शी शासन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, यूरोप के देशों में कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं भारत में कई युवा पेशेवर लंबे कार्य घंटों, उच्च प्रतिस्पर्धा और तनावपूर्ण कार्य वातावरण से परेशान रहते हैं। इस कारण से वे अधिक आरामदायक जीवन जीने के लिए विदेशों में नौकरी करने का विकल्प चुनते हैं।

4. भारत में बेरोजगारी और अपर्याप्त रोजगार

भारत में नौकरी के अवसर बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी हैं और अत्यधिक शैक्षिक योग्यता होने के बावजूद, लाखों युवा बेरोजगार या अपर्याप्त रोजगार में फंसे हुए हैं। CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर 2023 में 8-9 प्रतिशत के आसपास रही है, जबकि कई स्नातक ऐसे कामों में लगे हुए हैं जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाते। उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है, जिससे युवा पेशेवरों को बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

5. उभरते हुए तकनीकी और स्टार्ट-अप क्षेत्र

वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र का विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी में इन क्षेत्रों में अत्यधिक आकर्षक रोजगार उपलब्ध हैं। विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में स्नातक विदेशों में उच्च मांग में हैं और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए इन देशों में जाने का विकल्प चुनते हैं। इसके अतिरिक्त, सिलिकॉन वैली जैसे तकनीकी केंद्र और लंदन जैसे स्टार्ट-अप हब नवाचार के लिए समर्थन प्रदान करते हैं और वहां कार्य करने का एक अनुकूल वातावरण मिलता है। ये विशेषताएं भारतीय स्नातकों को आकर्षित करती हैं, जो वैश्विक स्तर पर समाधान तैयार करने में रुचि रखते हैं।

 6. शैक्षिक प्रणाली और अनुसंधान अवसर

भारत के उच्च शिक्षा संस्थान अक्सर आवश्यक अनुसंधान अवसर, व्यावहारिक शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अनुभव प्रदान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीय स्नातक विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते हैं, जो बाद में उन देशों में नौकरी करने के अवसर प्राप्त करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा जैसे देश उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और व्यावासिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और यह स्नातकों को स्थायी निवास प्राप्त करने का अवसर भी देते हैं।

7. उद्यमिता के अवसर

भारत में उद्यमिता के लिए कई बाधाएं हैं, जैसे सरकारी नौकरशाही, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, और सीमित निवेश के अवसर। इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में उद्यमिता के लिए अधिक अनुकूल वातावरण है, जिसमें पूंजी तक आसान पहुंच, सरकारी समर्थन, और नवाचार के लिए प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि कई भारतीय स्नातक, जो उद्यमिता में रुचि रखते हैं, विदेशों में अपनी कंपनियों की शुरुआत करते हैं।

भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने जाने का बढ़ता हुआ रुझान कई आर्थिक, सामाजिक और पेशेवर कारणों से उत्पन्न हो रहा है। भारत में नौकरी के अवसरों की कमी, वेतन की असमानताएं, और करियर विकास की सीमाएं इन युवा पेशेवरों को विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में भेज रही हैं। हालांकि, यह प्रवृत्ति "ब्रेन ड्रेन" के रूप में देखी जा सकती है, लेकिन यह भारत के लिए एक अवसर भी प्रदान करती है, क्योंकि वे जब वापस लौटते हैं तो वे विदेशी अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। भारत को इस प्रवृत्ति को रोकने और अपने पेशेवरों के लिए बेहतर अवसरों और कार्य वातावरण बनाने के लिए उपायों की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कौशल का अधिकतम लाभ भारत में ही उठा सकें।

OpenAI और ChatGPT पर सवाल उठाने वाले सुचिर बालाजी कौन? जिनकी अमेरिका में मौत

#indian_american_suchir_balaji_who_questioned_openai_dies

चैटजीपीटी (ChatGPT) डेवलप करने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI के पूर्व रिसर्चर सुचीर बालाजी को उनके फ्लैट में मृत पाया गया है। OpenAI पर गंभीर सवाल खड़े करने वाले सुचीर बालाजी की मौत सैन फ्रांसिस्को में उनके अपार्टमेंट हुई।शुरुआती रिपोर्ट में सामने आ रहा है कि बालाजी ने आत्महत्या की है। वह अपने फ्लैट में मृत मिले।

सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग के प्रवक्ता अधिकारी रॉबर्ट रुएका ने बताया कि शुरुआती जांच के दौरान किसी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं मिला है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बालाजी का शव 26 नवंबर को उनके बुकानन स्ट्रीट अपार्टमेंट में मिला। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक ओपनएआई के लिए काम किया था।

26 साल के सुचिर बालाजी ने OpenAI को लेकर दुनिया को सतर्क किया था। सुचिर ने एआई में योगदान तो दिया ही था साथ ही इस कंपनी में गलत परंपराओं ओर हरकतों को लेकर मजबूत आवाज उठाई थी। दरअसल, सुचिर का कहना था कि ओपनएआई ने चैट जीपीटी बनाने के लिए बिना अनुमति के पत्रकारों, लेखकों, प्रोग्रामरों आदि के कॉपीराइटेड सामग्रियों का इस्तेमाल किया है, जिसका सीधा असर कई बिजनेसों और कारोबारों पर पड़ेगा। माना जा रहा था कि ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

सुचीर बालाजी ने मौत से तीन महीने पहले सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि OpenAI ने अमेरिका के कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया है। 23 अक्टूबर को विदेशी मीडिया को एक इंटरव्यू देते समय बालाजी ने यह तर्क दिया था कि OpenAI उन व्यवसायों और उद्यमियों पर नैगेटिव प्रभाव डाल रहा था जिनको चैटजीपीटी को ट्रेन करने के लिए जानकारी हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा, अगर आप मेरी बातों पर यकीन करते हैं, तो आपको कंपनी छोड़ देनी होगी। साथ ही उन्होंने कहा था, “यह इंटरनेट इकोसिस्टम के लिए एक टिकाऊ मॉडल नहीं है।

भारत ने सीरिया से 75 लोगों को किया एयरलिफ्ट, जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल

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सीरिया में तख्त पलट हो गया है। विरोधी ग्रुप हयात तहरीर अल शाम ने सीरिया पर कब्जा कर लिया है और अब देश की बागडोर उसके हाथों में आ गई है। विद्रोहियों के कब्जे के बावजूद जगह-जगह विस्फोट हो रहे हैं। हमले हो रहे हैं। सरकारी इमारतें जलाई जा रही हैं। लूटपाट की जा रही है। सीरिया के हालात को खराब होता देख सभी देश अपने-अपने नागरिकों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। भारत ने भी अपने 75 नागरिकों को सीरिया से बाहर निकाला है।

भारत ने सीरिया में विद्रोही बलों द्वारा बशर अल असद की सरकार को अपदस्थ किए जाने के दो दिन बाद मंगलवार को वहां से 75 भारतीय नागरिकों को बाहर निकाला। वि0श मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत स्थित भारतीय दूतावासों ने निकासी की प्रक्रिया की। देर रात जारी बयान में कहा गया, ‘भारत सरकार ने सीरिया में हाल में हुए घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को वहां से निकाला।’ इसमें कहा गया, ‘निकाले गए लोगों में जम्मू कश्मीर के 44 जायरीन शामिल हैं, जो सईदा जैनब(सीरिया में शिया मुस्लिमों का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल) में फंसे हुए थे। सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और वे उपलब्ध कमर्शियल उड़ानों से भारत लौटेंगे।’

विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, यह अभियान दमिश्क और बेरूत में मौजूद भारतीय दूतावास की देखरेख में चलाया गया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सीरिया में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के बाद यह कदम उठाया गया है।

सेना से जुड़े लोगों को ढूंढ रहे विद्रोही

बता दें कि सीरिया की सत्ता पर अब हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) का कब्जा है। एचटीएस के लड़ाके बशर अल-असद सरकार और सेना से जुड़े लोगों को ढूंढ रही है। उन्हें पकड़कर कत्ल कर रही है। राष्ट्रपति रहे असद के भतीजे को पहले बीच चौराहे पर मारा-पीटा फिर फांसी दे दी। जिसको लटकाया गया, उसका नाम सुलेमान असद है। सुलेमान असद, सीरियाई सेना में बड़ा अफसर था। एचटीएस का खौफ इस कदर है कि अब कुर्द लड़ाके और असद सेना के सैनिक सरेंडर कर रहे हैं। घुटनों के बल बैठकर सैनिकों ने विद्रोहियों का साथ देने का ऐलान कर दिया।

ऐसे खौफ कायम कर रहा एचटीएस चीफ

एचटीएस चीफ मोहम्मद अल गोलानी ने कहा है कि जो भी अधिकारी, कर्मचारी सीरिया के लोगों के साथ अत्याचार में शामिल रहा है उनकी एक लिस्ट बनाई जा रही है। इनके बारे में जो भी सूचना देगा उसे ईनाम दिया जाएगा। गोलानी ने ये भी कहा कि हम ऐसे लोगों को बख्शेंगे नहीं। खौफनाक सजा देंगे, जिसका ट्रेलर असद के भतीजे को बीच चौराहे फांसी देकर दिखा भी दिया।

जिसने दिलाई आजादी उसी से दुश्मनी निभा रहा बांग्लादेश, बीएनपी सुलगा रही 'बॉयकॉट इंडिया' की आग

#bangladeshbnpappealedtoallpeopleboycottindianproducts

बांग्लादेश किसकी बोली बोलने लगा है? अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ बढ़े अत्याचार के बीच अब राजनीतिक दलों ने बॉयकाट इंडिया का नारा बुलंद करना शुरू कर दिया है।बांग्लादेशी नेताओं ने ढाका में भारतीय साड़ी जलाकर इंडियन प्रोडक्ट्स को बायकॉट करने की फैसला किया है। साथ ही लोगों से भी ऐसा ही करने की अपील कर रहे हैं।

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने ढाका में अपनी पत्नी की भारतीय साड़ी को जलाते हुए भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया।रिजवी ने यह विरोध त्रिपुरा में बांग्लादेश के उच्चायोग में कथित तोड़फोड़ और बांग्लादेशी झंडे के अपमान के खिलाफ किया।

आत्मनिर्भर बनने जा रहा बांग्लादेश!

बीएनपी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रुहुल कबीर रिजवी ने ढाका में प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए कहा कि भारत के त्रिपुरा में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में तोड़फोड़ कर हमारे झंड़े को जलाया गया। हमारे राष्ट्रीय ध्वज को फाड़ना हमारा अपमान है। रिजवी ने अपील किया कि कोई भी बांग्लादेशी भारतीय सामानों को न खरीदे। उन्होंने अपनी पत्नी की भारत की साड़ी को सार्वजनिक मंच पर जलाया और लोगों से भारतीय सामनों का बहिष्कार करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा देश आत्मनिर्भर है। हम भारत के किसी भी सामान को नहीं खरीदेंगे। एक वक्त का खाना खा लेंगे लेकिन भारतीय सामान नहीं लेंगे। रिजवी ने कहा कि भारतीय साबुन, टूथपेस्ट से लगायत हम भारत से आने वाला मिर्च और पपीता भी इस्तेमाल नहीं करेंगे। हम मिर्च और पपीता खुद उगा लेंगे।

भारत पर गलत खबरें फैलाने का आरोप

भारत विरोझी प्रदर्शन के दौरान रिजवी ने भारतीय नेताओं और मीडिया पर भी निशाना साधते हुए गलत खबरें फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश की संप्रभुता के सम्मान की बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश किसी भी प्रकार के गलत आचरण को सहन नहीं करेगा।

क्या ऐसे बदहाली से उबर पाएगा बांग्लादेश?

शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने और मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद, उदारवादियों का एक वर्ग था, जिसने इस बात की दुहाई दी थी कि अब मुल्क के हालात बदलेंगे और बदहाली से निकलकर बांग्लादेश विकास के रास्ते पर चलेगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वर्तमान में मुल्क अशांति की चपेट में है। जगह जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। मुल्क में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है उनके मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। यही नहीं, अपने सबसे नजदीकी दोस्त भारत से दुश्मनी निभाई जा रही है।

Comic Street – An exciting new initiative by TVAGA and ICA at Indiajoy

The Comic Street Awards 2024 debuted at the prestigious India Joy Digital Entertainment Festival at the Hyderabad International Convention Center (HICC). A collaboration between the Telangana VFX, Animation, and Gaming Association (TVAGA) and the Indian Comics Association (ICA), the awards celebrated exceptional talent in the Indian comics industry, marking a new chapter in the legacy of India Joy. The awards were presented by former beauty queen and Bollywood actress Ruhi Singh, whose presence added a touch of glamour and star power to the event. In recognition of her contributions to the creative industry, Himanshu Singhal, PR & Industry Head of ICA, presented a memento to Ruhi Singh.

The Lifetime Achievement Award was presented to the legendary cartoonist Abid Surti for his immense contributions to the Indian comics landscape. A true pioneer, Abid Surti is the creative genius behind Bahadur, India’s first-ever superhero, and has significantly shaped the Indian comics industry.

The ICA proudly hosted a panel discussion at Comic Street featuring prominent figures such as Sanjay Gupta (Raj Comics by Sanjay Gupta), Preeti Vyas (Amar Chitra Katha), Ajay Krishna (Forbidden Verse), and Ajitesh Sharma (Cinemics). The panel delved into various aspects of storytelling, industry evolution, and comic industry opportunities, offering invaluable insights and fostering engaging discussions among industry pioneers and enthusiasts.

Ajitesh Sharma, president of ICA, interacted with Prashant Varma, the visionary director of the highly acclaimed movie Hanu-Man, on Comics IP & Cinema. Ajay Krishna, Executive Member of ICA, presented a special memento to Prashant Varma, acknowledging his remarkable contributions to storytelling, creativity, and the growing universe of Indian superheroes.

Adding to the event's excitement, two new comic titles were launched: Chandrakanta, an Indian epic adapted into Comics by Cinemics, and Soul Contract, an Indian manga by Cosmics. These latest releases generated a buzz and showcased the vibrant creativity and innovation within the Indian comics industry.

 

An ICA Pavilion exhibiting Indian Comics was set up at Comics Street, and Ravi Tanwer, Anadi Abhilash, Mohamad Shabaz, Himanshu Singhal, Vasu Gupta, Saahil Sharma, Varun Malhotra, and Neelesh Makwane from ICA led the initiative. Moreover, ICA promoted the upcoming Comics Creator Championship, set to take place during Waves 2025, further engaging the community and encouraging creators to showcase their talent in this Create in India Challenge.

The event underscores India Joy’s commitment to fostering a thriving ecosystem for the AVGC sector. Telangana IT Minister KT Rama Rao highlighted that the festival embodies the state’s vision to position Hyderabad as a global hub, attracting more than 25,000 attendees globally and showcasing India's potential as a global media and entertainment industry leader.

 

Comic Street Award 2024

 

1. Best Comics

· Platinum: Professor Ashwatthama 3 (Cheeseburger Comics)

· Diamond: Ad Infinitum - Sisyphus (Chitragaatha Comics)

· Gold: Celestial Beings (Amar Chitra Katha)

2. Best Comics Writer

· Platinum: Bijoy Raveendran, Codename Alpha '97 (Yali Dream Works)

· Diamond: Saahil S Sharma, Operation Ganga (Alpha Comics)

· Gold: Soumya Das, Violated Series (The Hierophant Entertainment)

3. Best Artist

· Platinum: Dildeep Singh, Rakt katha Series (RCSG)

· Diamond: Caio Pegado, Soormas (Curious Bit Publication)

· Gold: Harsho Mohan Chattoraj, Al-Zebra (Alpha Comics)                      

4. Best Colorist

· Platinum: Valeria Verdi, Soormas (Curious Bit Publication)

· Diamond: Shadab Siddiqui & Sunil Dasturia, Rakt katha Series (RCSG)

· Gold: Jyoti Singh, Dvij: Born from Fire (Radiant Comics)                            

5. Best Cover Design

· Platinum: Violated Issue 1 (The Hierophant Entertainment)

· Diamond: Guddu Bomb Issue 1 (Chitragaatha Comics)

· Gold: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

6. Best Kids Comics

· Platinum: Chahal Pahal (Alpha Comics)

· Diamond: Weatherman (Cinemics)

· Gold: Tinkle Holiday Special 54 (Amar Chitra Katha)

7. Best Manga

· Platinum: Whispers of Void: Midnight Mist (Cosmics)

· Diamond: Trio (Vaibhavi Studios)

8. Best Rising Talent

· Platinum: Ajay Krishna (Forbidden Verse)

· Diamond: Vasu Gupta (Alpha Comics)

· Gold: Prathamesh Gandhi (Colorist: Yali Dream Works)

9. Fan Favourite Comics

· Platinum: Tinkle 800 (Amar Chitra Katha)

· Diamond: FORBIDDEN VERSE: LEO'S CIVIL WAR (Forbidden Verse)

· Gold: The Legend of Watakattu - Claws of Justice (Alpha Comics)

10. Best Comics (Student Category)

· Platinum: Beaver And The Boy (Abin Antony)

 

About ICA

The Indian Comics Association (ICA) promotes and nurtures the Indian comics industry. Through various initiatives, events, and collaborations, ICA aims to foster creativity, support comic creators, and elevate the art of storytelling through comics in India. The association plays a crucial role in bridging the gap between industry, government, creators, and audiences, ensuring that the rich tradition of Indian comics continues to thrive and inspire future generations.

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