मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और पेंशन समेत कई अहम फैसलों को मिली मंजूरी

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, पेंशन और रोजगार से संबंधित कई अहम नीतियां शामिल हैं।

शिक्षा और सामाजिक कल्याण

"झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई, जो बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

"झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025" को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करना है।

"धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)" के तहत अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई।

"प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN)" के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बहुल क्षेत्रों में 109 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई।

"मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020" में कोटिवार छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने को मंजूरी मिली, जिससे अधिक छात्रों को विदेश में पढ़ने का अवसर मिलेगा।

"हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों से संबंधित विषय" को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्यदायित्व में शामिल किया गया।

बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं

पुनासी जलाशय योजना के लिए ₹1851.67 करोड़ के तीसरे पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी।

सत्संगनगर-भिरखीबाद (जसीडीह) में रेलवे क्रॉसिंग पर ₹49.10 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज (ROB) बनाने की स्वीकृति।

रामगढ़ और धनबाद जिले में सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए क्रमशः ₹34.36 करोड़ और ₹58.07 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

चाईबासा में हाता-चाईबासा-बड़ाचिरू पथ के लिए ₹75.97 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डाल्टेनगंज में आरओबी-उत्तरी कोयल सेमरा माइंस पथ के लिए ₹104.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

विभिन्न स्थानों पर नए ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइनों के निर्माण के लिए ₹74.95 करोड़ से लेकर ₹174.36 करोड़ तक की योजनाओं को मंजूरी दी गई।

धनबाद हवाई अड्डे पर पीपीपी मोड पर एयरो पार्क शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।

गिरिडीह में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए ₹244.73 करोड़ की योजना को मंजूरी।

स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधार

"झारखंड मृतक दाता अंग और ऊतक प्रत्यारोपण दिशानिर्देश" (Jharkhand Deceased Donor Organ and Tissue Transplantation Guidelines) जारी करने की मंजूरी।

"झारखंड बजट स्थिरीकरण कोष (Jharkhand Budget Stabilisation Fund) नियमावली, 2025" के गठन को स्वीकृति।

कई चिकित्सा अधिकारियों, जिनमें डॉ. फरहाना, डॉ. ज्योति कुमारी, डॉ. भावना और डॉ. रिंकु कुमारी सिंह शामिल हैं, को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी।

कई मामलों में दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मियों की सेवा नियमित करने और पेंशन लाभ देने की स्वीकृति।

"झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग (गठन, कार्य एवं दायित्व) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई।

निबंधन कार्यालयों में 1 दिसंबर 2004 के बाद के अस्थायी लिपिकों की सेवा को पेंशन के लिए मान्य करने की स्वीकृति।

झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और पत्नी को 7-7 साल की सजा, जानें क्या है मामला?

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झारखंड के चर्चित जमीन घोटाले के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला आया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को अवैध भूमि अधिग्रहण के मामले में सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े अवैध रूप से आदिवासी जमीन अधिग्रहण से संबंधित है।

रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने कुल 10 लोगों को सजा सुनाई है। इस मामले में रांची के पूर्व भूमि सुधार उपायुक्त (एलआरडीसी) कार्तिक प्रभात समेत दो अन्य आरोपी मणिलाल महतो और ब्रजेश्वर महतो को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा दी। इसके अलावा पांच अन्य दोषियों- राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, बृजेश मिश्रा, अनिल कुमार और परशुराम करकेट्टा- को चार-चार साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए कहा कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

मंत्री रहते पद का दुरुपयोग

एनोस एक्का वर्ष 2005 से 2008 के बीच अर्जुन मुंडा और बाद में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की। इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही।

तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात की सौदों का बनाया आसान

जमीन की खरीदारी रांची जिले के कई इलाकों में हुई। इन सभी सौदों पर लगभग 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल भूमि शामिल है। तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने इन सौदों को आसान बनाने में मदद की थी।

झारखंड सरकार के 2 मंत्रियों को जान से मारने की धमकी, पटना से दबोचा गया आरोपी

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झारखंड सरकार के दो मंत्रियों सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा है। झारखंड के गिरिडीह पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 21 वर्षीय युवक को पटना से गिरफ्तार किया। गिरिडीह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने एक वीडियो में दावा किया था कि उसके गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध हैं।

आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने धमकी भरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बुधवार सुबह से ही वीडियो तेजी से वायरल होने लगा था जिसमें आरोपी युवक खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए मंत्रियों को धमकाता दिख रहा था। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद महज 24 घंटे के भीरत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

24 घंटे के भीतर पुलिस ने दबोचा

गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिमल कुमार ने बताया कि बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी।कुमार ने कहा, 'गिरिडीह के एक निवासी द्वारा युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद हमने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने तकनीकी जानकारी और खुफिया जानकारी की मदद से आरोपी को बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया।

छोटे-मोटे अपराधों के लिए जा चुका है जेल

आरोपी मिश्रा का किसी संगठित आपराधिक गिरोह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह कई बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ धमकी देने और अशांति फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जाएगा।

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री और मधुपुर विधायक हफीजुल हसन की आज गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए रांची स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समेत कई अन्य मंत्री और विधायक भी पारस अस्पताल पहुंचे।

हफीजुल हसन की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हुई, जिसके बाद तुरंत रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सरकार के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया

डॉक्टरों ने बताया कि सांस लेने में परेशानी और बीपी लो होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। तत्काल इलाज के बाद अब उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हफीजुल हसन को फूड एलर्जी और निमोनिया जैसी समस्या की आशंका जताई गई है। चूंकि उनका पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुका है, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फिलहाल 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

पिछले माह हुई थी ओपेन हार्ट सर्जरी

बता दें कि पिछले माह जुलाई में ही मंत्री हफीजुल हसन की दिल्ली में गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी हुई थी। सफल सर्जरी के बाद वह वापस रांची लौट आये थे। हालांकि मंत्री बेड रेस्ट पर ही थे। इसी बीच गुरुवार की सुबह अचानक मंत्री की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कैमरून में फंसे झारखंड के 17 मजदूर सुरक्षित घर लौटे, वतन वापसी से चेहरों पर आई मुस्कान

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अफ्रीका के कैमरून में पिछले कई महीनों से फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर आखिरकार सकुशल वतन लौट आए हैं। सोमवार को 19 में से 17 मजदूरों की घर वापसी हुई। उन्हें विदेश मंत्रालय और राज्य श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद वापस लाया गया। जिससे परिजनों के चेहरे पर खुशी लौट आई।

19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी

विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गयी है। ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। सोमवार को सभी अपने घर पहुंच गये। बताया गया है कि दो अन्य मजदूरों की वापसी 26 अगस्त को होगी। ये मजदूर एक एजेंसी के जरिए कैमरून में बिजली ट्रांसमिशन का काम करने वाली ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने ले जाये गये थे।

कंपनी ने चार महीने से श्रमिकों को वेतन नहीं दिया

झारखंड प्रवासी प्रकोष्ठ की नियंत्रण कक्ष अधिकारी शिखा लाकड़ा ने बताया कि बोकारो और हजारीबाग जिलों से संबंधित ये मजदूर 19 कैमरून गए थे और वहां बिजली संचरण परियोजना से जुड़ी एक कंपनी में कार्यरत थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने चार महीने से उनका वेतन रोक दिया, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए।

सोशल मीडिया के जरिए लगाई थी मदद की गुहार

मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो संदेश साझा कर केंद्र एवं झारखंड सरकार से हस्तक्षेप और वतन वापसी कराने की गुहार लगायी थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था. मंत्रालय ने अफ्रीकी देश में स्थित दूतावास की मदद से मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करायी है

दो मजदूर आज लौटेंगे घर

सोमवार को घर लौटे मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा एवं महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं। दो मजदूर हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे।

रांची लाया गया कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह, अज़रबैजान सरकार के सहयोग से झारखंड प्रत्यर्पण

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झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार किसी कुख्यात अपराधी को विदेश से गिरफ्तार कर वापस लाया गया है। यह कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा है। झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को आखिरकार अजरबैजान से भारत ले आया गया। पिछले एक साल से मयंक अजरबैजान के बाकू जेल में बन्द था। झारखंड पुलिस के लिए पहला ऐतिहासिक प्रत्यर्पण है। एटीएस की टीम उसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लेकर पहुंची, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एटीएस के दल ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर सिंह उर्फ सुनील मीणा को वापस लाने के लिए आजरबैजान का दौरा किया। रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद झा ने कहा, झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हमारे पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है संबंध

एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है। पुलिस के अनुसार कुख्यात मयंक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग और झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से भी संबंध हैं। साथ ही राजस्थान में रहने वाले अन्य गैंगस्टरों के साथ संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाता है

गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन का दोस्त है मयंक सिंह

मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के बचपन का दोस्त है। अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था। अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है। लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लारेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव के साथ काम कर रहा था। अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था। इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था।

मयंक के खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया

मयंक सिंह विदेश में बैठकर अपने गिरोह से जुड़े गुरू और अन्य अपराधियों के माध्यम से झारखंड में कई बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम दिलवा रहा था। इन मामलों में हत्या, रंगदारी और फायरिंग के कई गंभीर वारदात शामिल है। पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है। एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है। जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया और वह रेड कॉर्नर नोटिस के कारण ही अजरबैजान में पकड़ा गया था। पिछले कई महीनों की मेहनत और कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार, झारखंड पुलिस और एटीएस की टीम को बड़ी सफलता मिली है।

झारखंड में बारिश का कहर, अभी राहत के आसार नहीं, IMD ने 30 अगस्त तक के लिए जारी किया अलर्ट

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देश भर में मानसून की अलग-अलग गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। देश के कई राज्यों में बरसात देखने को मिल रही है। इस बीच बिहार-झारखंड से लेकर बंगाल और ओडिशा तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल का हिमालयी हिस्सा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अगले एक हफ्ते मूसलाधार बारिश हो सकती है। कई राज्यों में बिजली गिर सकती है।

30 अगस्त तक राहत नहीं

निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में 25 को फिर बन रहा है। जिसका असर झारखंड में देखा जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में लगातार निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने से झारखंड के विभिन्न जिलों के लोगों को फिलहाल 30 अगस्त तक बारिश और वज्रपात से राहत नहीं मिलनेवाली है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अभिषेक आनंद के अनुसार 23 अगस्त को गढ़वा, पलामू और लातेहार में भारी बारिश की चेतावनी है। यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोहरदगा, गुमला, खूंटी, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, गिरिडीह, देवघर, धनबाद, जामताड़ा और दुमका में भी मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि 24 और 25 अगस्त को झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात

बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। चतरा जिले में बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जहां 24 घंटे में 106 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और लगभग 600 घर पानी में घिर गए हैं। भारी बारिश के कारण सरायकेला के डांडू गांव में शुक्रवार को मिट्टी का एक कच्चा मकान गिर गया। इसके मलबे में 10 लोग दब गए। शुक्रवार को कई जिलों में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। चाइबासा में शुक्रवार को 93 मिमी बारिश हुई है। जबकि रांची में 15 मिमी, मेदिनीनगर में 3 मिमी और जमशेदपुर में 11 मिमी बारिश हुई है।

तिलैया डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

लगातार बारिश के कारण कोडरमा में तिलैया डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। इसलिए शुक्रवार रात 9 बजे डैम के फाटक खोले गए। लक्ष्य रखा गया है कि डैम से हर सेकंड 1000 क्यूबिक पानी छोड़ा जाएगा। डीवीसी प्रबंधन ने कोडरमा जिला प्रशासन के साथ-साथ गिरिडीह, बोकारो, धनबाद और जामताड़ा जिले को भी अलर्ट कर दिया है। डैम के आसपास के गांवों में लोगों को माइक से अनाउंस करके नदी के किनारे न जाने की सलाह दी जा रही है।

झारखंड विधानसभा में उठी दिशोम गुरु को भारत रत्न देने की मांग, विधायक प्रदीप यादव की अपील पर बीजेपी भी सहमत

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झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है और यह 28 अगस्त तक चलेगा। सत्र के पहले दिन 4296 करोड़ 62 लाख रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया। इसके अलावा सदन में शिबू सोरेन की आदमकद प्रतिमा और भारत रत्न देने की मांग भी उठी। सत्र शुरू होने से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन आदि के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग

झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेताओं ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित करने की जोरदार मांग उठाई। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार को भेजा जाए। साथ ही उन्होंने गुरुजी की संघर्ष गाथा और जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।

भावुक नजर आए हेमंत सोरेन

पक्ष-विपक्ष के प्रमुख नेताओं ने दुख जताते हुए बताया कि शिबू सोरेन का विशाल व्यक्तित्व था। नेताओं ने कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड की अस्मिता और अलग राज्य की लड़ाई में जीवनभर योगदान दिया है, इसलिए उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आंखों में आंसू छलकने लगे। इस दौरान वो काफी भावुक नजर आए और रुमाल से आंसू पोंछते रहे।

भारत रत्न की मांग का विपक्ष ने किया समर्थन

इस मुद्दे पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी सहमति जताई। भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी भारत रत्न की मांग का समर्थन किया, जिससे सदन में दुर्लभ सहमति देखने को मिली। आजसू के विधायक निर्मल महतो ने भी दिशोम गुरु को भारत रत्न देने की वकालत की।

बता दें कि कि झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र पहले 1 अगस्त से 7 अगस्त तक निर्धारित था और इसका शुभारंभ 1 अगस्त को हुआ भी था, लेकिन 4 अगस्त को दिशोम गुरु और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण सत्र को तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर राज्यपाल ने जताया शोक, सीएम हेमंत बोले- ऐसे नहीं जाना था...

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झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का शुक्रवार को 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोरेन की हालत गंभीर थी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उनके निधन की खबर से पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन, हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पाना मुर्मू सोरेन ने शोक व्यक्त किया है।

राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी सोशल मीडिया साइट पर रामदास सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन जी के आकस्मिक निधन का समाचार सुनकर मैं अत्यंत मर्माहत हूं। उनका जाना राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें।

सीएम हेमंत सोरेन ने क्या कहा

रामदास सोरेन के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ऐसे छोड़कर नहीं जाना था रामदास दा... अंतिम जोहार दादा।'

चंपाई सोरेन ने जताया शोक

झारखंड आंदोलन में रामदास सोरेन के साथी रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने उनके निधन पर शोक जताते हुए लिखा, ‘झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन जी के निधन की दुखद सूचना से व्यथित हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। अंतिम जोहार

अर्जुन मुंडा ने जताई संवेदना

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने एक्स पोस्ट पर लिखा, 'झारखंड के शिक्षा मंत्री एवं घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन के निधन का अत्यंत ही दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

बाथरूम में गिरने के बाद घायल हो गए थे मंत्री

2 अगस्त को दिल्ली लाए जाने के बाद रामदास सोरेन लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। उस दिन जारी एक बयान के अनुसार, उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम गहन चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रही थी। 2 अगस्त को अपने आवास के बाथरूम में गिरने के बाद मंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दिल्ली आने से पहले, उन्हें जमशेदपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पश्चिम सिंहभूमि में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, एक माओवादी ढेर

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झारखंड के पश्चिम सिंहभूमि जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई, जब सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को ढेर कर दिया है।

चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के वन पोस्ता जंगल में आज बुधवार की सुबह पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी। जानकारी के अनुसार आज सुबह 4 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो करीब 8 बजे तक चली।इस मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने की सूचना है। हालांकि फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। करीब चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ में खुद को कमजोर पाता देख नक्सली भाग खड़े हुए। क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।

कारतूस और नक्सली साहित्य बरामद

मुठभेड़ स्थल से एक एसएलआर राइफल, कई कारतूस और नक्सली साहित्य भी बरामद हुआ है। घटना के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। आशंका है कि मारे गए नक्सली के अन्य साथी अब भी आसपास के जंगलों में छिपे हो सकते हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है और इलाके की नाकेबंदी की गई है।

नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी

आपको बता दें, कोल्हान और सारंडा के जंगल लंबे समय से भाकपा माओवादी के लिए सुरक्षित पनाहगाह माने जाते हैं। सुरक्षाबल लगातार इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि 31 मार्च 2026 से पहले देश से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ दिया जाएगा। शाह के इसी बयान के बाद देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में बचे नक्सलियों के सफाये का कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और पेंशन समेत कई अहम फैसलों को मिली मंजूरी

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 2 सितंबर 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन फैसलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, पेंशन और रोजगार से संबंधित कई अहम नीतियां शामिल हैं।

शिक्षा और सामाजिक कल्याण

"झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई, जो बच्चों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

"झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025" को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई, जिसका उद्देश्य कोचिंग सेंटरों को नियंत्रित करना है।

"धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA)" के तहत अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 50 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी गई।

"प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN)" के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) बहुल क्षेत्रों में 109 आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई।

"मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना, 2020" में कोटिवार छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने को मंजूरी मिली, जिससे अधिक छात्रों को विदेश में पढ़ने का अवसर मिलेगा।

"हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों से संबंधित विषय" को महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के कार्यदायित्व में शामिल किया गया।

बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाएं

पुनासी जलाशय योजना के लिए ₹1851.67 करोड़ के तीसरे पुनरीक्षित प्राक्कलन को मंजूरी।

सत्संगनगर-भिरखीबाद (जसीडीह) में रेलवे क्रॉसिंग पर ₹49.10 करोड़ की लागत से रोड ओवर ब्रिज (ROB) बनाने की स्वीकृति।

रामगढ़ और धनबाद जिले में सड़कों के निर्माण, चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए क्रमशः ₹34.36 करोड़ और ₹58.07 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

चाईबासा में हाता-चाईबासा-बड़ाचिरू पथ के लिए ₹75.97 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डाल्टेनगंज में आरओबी-उत्तरी कोयल सेमरा माइंस पथ के लिए ₹104.25 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

विभिन्न स्थानों पर नए ग्रिड सब-स्टेशन और संचरण लाइनों के निर्माण के लिए ₹74.95 करोड़ से लेकर ₹174.36 करोड़ तक की योजनाओं को मंजूरी दी गई।

धनबाद हवाई अड्डे पर पीपीपी मोड पर एयरो पार्क शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली।

गिरिडीह में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण के लिए ₹244.73 करोड़ की योजना को मंजूरी।

स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधार

"झारखंड मृतक दाता अंग और ऊतक प्रत्यारोपण दिशानिर्देश" (Jharkhand Deceased Donor Organ and Tissue Transplantation Guidelines) जारी करने की मंजूरी।

"झारखंड बजट स्थिरीकरण कोष (Jharkhand Budget Stabilisation Fund) नियमावली, 2025" के गठन को स्वीकृति।

कई चिकित्सा अधिकारियों, जिनमें डॉ. फरहाना, डॉ. ज्योति कुमारी, डॉ. भावना और डॉ. रिंकु कुमारी सिंह शामिल हैं, को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी।

कई मामलों में दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मियों की सेवा नियमित करने और पेंशन लाभ देने की स्वीकृति।

"झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग (गठन, कार्य एवं दायित्व) नियमावली, 2025" को मंजूरी दी गई।

निबंधन कार्यालयों में 1 दिसंबर 2004 के बाद के अस्थायी लिपिकों की सेवा को पेंशन के लिए मान्य करने की स्वीकृति।

झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का और पत्नी को 7-7 साल की सजा, जानें क्या है मामला?

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झारखंड के चर्चित जमीन घोटाले के एक पुराने मामले में बड़ा फैसला आया है। पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को अवैध भूमि अधिग्रहण के मामले में सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के उल्लंघन से जुड़े अवैध रूप से आदिवासी जमीन अधिग्रहण से संबंधित है।

रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने कुल 10 लोगों को सजा सुनाई है। इस मामले में रांची के पूर्व भूमि सुधार उपायुक्त (एलआरडीसी) कार्तिक प्रभात समेत दो अन्य आरोपी मणिलाल महतो और ब्रजेश्वर महतो को पांच-पांच साल सश्रम कारावास की सजा दी। इसके अलावा पांच अन्य दोषियों- राज किशोर सिंह, फिरोज अख्तर, बृजेश मिश्रा, अनिल कुमार और परशुराम करकेट्टा- को चार-चार साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए कहा कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

मंत्री रहते पद का दुरुपयोग

एनोस एक्का वर्ष 2005 से 2008 के बीच अर्जुन मुंडा और बाद में मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी पते का इस्तेमाल कर आदिवासी जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की। इस पूरे खेल में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत रही।

तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात की सौदों का बनाया आसान

जमीन की खरीदारी रांची जिले के कई इलाकों में हुई। इन सभी सौदों पर लगभग 1.18 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इनमें हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल भूमि शामिल है। तत्कालीन एलआरडीसी कार्तिक कुमार प्रभात ने इन सौदों को आसान बनाने में मदद की थी।

झारखंड सरकार के 2 मंत्रियों को जान से मारने की धमकी, पटना से दबोचा गया आरोपी

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झारखंड सरकार के दो मंत्रियों सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी देने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा है। झारखंड के गिरिडीह पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने 21 वर्षीय युवक को पटना से गिरफ्तार किया। गिरिडीह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के राजेंद्र नगर निवासी आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने एक वीडियो में दावा किया था कि उसके गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संबंध हैं।

आरोपी अंकित कुमार मिश्रा ने धमकी भरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। बुधवार सुबह से ही वीडियो तेजी से वायरल होने लगा था जिसमें आरोपी युवक खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताते हुए मंत्रियों को धमकाता दिख रहा था। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद महज 24 घंटे के भीरत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

24 घंटे के भीतर पुलिस ने दबोचा

गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बिमल कुमार ने बताया कि बुधवार को सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में मिश्रा ने शहरी विकास मंत्री और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को 24 घंटे के भीतर जान से मारने की धमकी दी।कुमार ने कहा, 'गिरिडीह के एक निवासी द्वारा युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद हमने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी ने तकनीकी जानकारी और खुफिया जानकारी की मदद से आरोपी को बिहार के पटना से गिरफ्तार कर लिया।

छोटे-मोटे अपराधों के लिए जा चुका है जेल

आरोपी मिश्रा का किसी संगठित आपराधिक गिरोह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह कई बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल जा चुका है। पुलिस ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ धमकी देने और अशांति फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जाएगा।

झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

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झारखंड के अल्पसंख्यक मंत्री और मधुपुर विधायक हफीजुल हसन की आज गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए रांची स्थित पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी समेत कई अन्य मंत्री और विधायक भी पारस अस्पताल पहुंचे।

हफीजुल हसन की गुरुवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें सीने में दर्द और ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हुई, जिसके बाद तुरंत रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें आईसीयू में रखा गया है और डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही है। जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत सरकार के कई मंत्री अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।

24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया

डॉक्टरों ने बताया कि सांस लेने में परेशानी और बीपी लो होने के कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई थी। तत्काल इलाज के बाद अब उनकी हालत स्थिर है और फिलहाल वे खतरे से बाहर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, हफीजुल हसन को फूड एलर्जी और निमोनिया जैसी समस्या की आशंका जताई गई है। चूंकि उनका पहले ओपन हार्ट सर्जरी हो चुका है, इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। उन्हें फिलहाल 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

पिछले माह हुई थी ओपेन हार्ट सर्जरी

बता दें कि पिछले माह जुलाई में ही मंत्री हफीजुल हसन की दिल्ली में गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल में हार्ट सर्जरी हुई थी। सफल सर्जरी के बाद वह वापस रांची लौट आये थे। हालांकि मंत्री बेड रेस्ट पर ही थे। इसी बीच गुरुवार की सुबह अचानक मंत्री की तबीयत फिर से बिगड़ गयी, जिसके बाद आनन-फानन में उन्हें पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

कैमरून में फंसे झारखंड के 17 मजदूर सुरक्षित घर लौटे, वतन वापसी से चेहरों पर आई मुस्कान

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अफ्रीका के कैमरून में पिछले कई महीनों से फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूर आखिरकार सकुशल वतन लौट आए हैं। सोमवार को 19 में से 17 मजदूरों की घर वापसी हुई। उन्हें विदेश मंत्रालय और राज्य श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद वापस लाया गया। जिससे परिजनों के चेहरे पर खुशी लौट आई।

19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी

विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के 19 में से 17 मजदूरों की सुरक्षित स्वदेश वापसी हो गयी है। ये मजदूर बोकारो और हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। सोमवार को सभी अपने घर पहुंच गये। बताया गया है कि दो अन्य मजदूरों की वापसी 26 अगस्त को होगी। ये मजदूर एक एजेंसी के जरिए कैमरून में बिजली ट्रांसमिशन का काम करने वाली ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड कंपनी में मजदूरी करने ले जाये गये थे।

कंपनी ने चार महीने से श्रमिकों को वेतन नहीं दिया

झारखंड प्रवासी प्रकोष्ठ की नियंत्रण कक्ष अधिकारी शिखा लाकड़ा ने बताया कि बोकारो और हजारीबाग जिलों से संबंधित ये मजदूर 19 कैमरून गए थे और वहां बिजली संचरण परियोजना से जुड़ी एक कंपनी में कार्यरत थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने चार महीने से उनका वेतन रोक दिया, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए।

सोशल मीडिया के जरिए लगाई थी मदद की गुहार

मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो संदेश साझा कर केंद्र एवं झारखंड सरकार से हस्तक्षेप और वतन वापसी कराने की गुहार लगायी थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम विभाग ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया था. मंत्रालय ने अफ्रीकी देश में स्थित दूतावास की मदद से मजदूरों की बकाया मजदूरी का भुगतान और उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करायी है

दो मजदूर आज लौटेंगे घर

सोमवार को घर लौटे मजदूरों में बोकारो के प्रेम टुडू, सिबोन टुडू, सोमर बेसरा, पुराण टुडू, रामजी हांसदा, विरवा हांसदा एवं महेन्द्र हांसदा और हजारीबाग के आघनू सोरेन, अशोक सोरेन, चेतलाल सोरेन, महेश मरांडी, रामजी मरांडी, लालचंद मुर्मू, फूलचंद मुर्मू, बुधन मुर्मू, जिबलाल मांझी, छोटन बासके और राजेंद्र किस्कू शामिल हैं। दो मजदूर हजारीबाग के फूलचंद मुर्मू और बोकारो के बबलू सोरेन 26 अगस्त को लौटेंगे।

रांची लाया गया कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह, अज़रबैजान सरकार के सहयोग से झारखंड प्रत्यर्पण

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झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार किसी कुख्यात अपराधी को विदेश से गिरफ्तार कर वापस लाया गया है। यह कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा है। झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को आखिरकार अजरबैजान से भारत ले आया गया। पिछले एक साल से मयंक अजरबैजान के बाकू जेल में बन्द था। झारखंड पुलिस के लिए पहला ऐतिहासिक प्रत्यर्पण है। एटीएस की टीम उसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लेकर पहुंची, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एटीएस के दल ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर सिंह उर्फ सुनील मीणा को वापस लाने के लिए आजरबैजान का दौरा किया। रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद झा ने कहा, झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हमारे पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को जाता है।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है संबंध

एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है। पुलिस के अनुसार कुख्यात मयंक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग और झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से भी संबंध हैं। साथ ही राजस्थान में रहने वाले अन्य गैंगस्टरों के साथ संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाता है

गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन का दोस्त है मयंक सिंह

मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के बचपन का दोस्त है। अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था। अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है। लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लारेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव के साथ काम कर रहा था। अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था। इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था।

मयंक के खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया

मयंक सिंह विदेश में बैठकर अपने गिरोह से जुड़े गुरू और अन्य अपराधियों के माध्यम से झारखंड में कई बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम दिलवा रहा था। इन मामलों में हत्या, रंगदारी और फायरिंग के कई गंभीर वारदात शामिल है। पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है। एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है। जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया और वह रेड कॉर्नर नोटिस के कारण ही अजरबैजान में पकड़ा गया था। पिछले कई महीनों की मेहनत और कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार, झारखंड पुलिस और एटीएस की टीम को बड़ी सफलता मिली है।

झारखंड में बारिश का कहर, अभी राहत के आसार नहीं, IMD ने 30 अगस्त तक के लिए जारी किया अलर्ट

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देश भर में मानसून की अलग-अलग गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। देश के कई राज्यों में बरसात देखने को मिल रही है। इस बीच बिहार-झारखंड से लेकर बंगाल और ओडिशा तक मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू होने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल का हिमालयी हिस्सा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में अगले एक हफ्ते मूसलाधार बारिश हो सकती है। कई राज्यों में बिजली गिर सकती है।

30 अगस्त तक राहत नहीं

निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में 25 को फिर बन रहा है। जिसका असर झारखंड में देखा जा रहा है। बंगाल की खाड़ी में लगातार निम्न दबाव वाला क्षेत्र बनने से झारखंड के विभिन्न जिलों के लोगों को फिलहाल 30 अगस्त तक बारिश और वज्रपात से राहत नहीं मिलनेवाली है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अभिषेक आनंद के अनुसार 23 अगस्त को गढ़वा, पलामू और लातेहार में भारी बारिश की चेतावनी है। यहां ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लोहरदगा, गुमला, खूंटी, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, गिरिडीह, देवघर, धनबाद, जामताड़ा और दुमका में भी मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। यहां येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि 24 और 25 अगस्त को झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात

बुधवार रात से लगातार बारिश हो रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। चतरा जिले में बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जहां 24 घंटे में 106 मिमी बारिश दर्ज की गई। यहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और लगभग 600 घर पानी में घिर गए हैं। भारी बारिश के कारण सरायकेला के डांडू गांव में शुक्रवार को मिट्टी का एक कच्चा मकान गिर गया। इसके मलबे में 10 लोग दब गए। शुक्रवार को कई जिलों में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। चाइबासा में शुक्रवार को 93 मिमी बारिश हुई है। जबकि रांची में 15 मिमी, मेदिनीनगर में 3 मिमी और जमशेदपुर में 11 मिमी बारिश हुई है।

तिलैया डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

लगातार बारिश के कारण कोडरमा में तिलैया डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। इसलिए शुक्रवार रात 9 बजे डैम के फाटक खोले गए। लक्ष्य रखा गया है कि डैम से हर सेकंड 1000 क्यूबिक पानी छोड़ा जाएगा। डीवीसी प्रबंधन ने कोडरमा जिला प्रशासन के साथ-साथ गिरिडीह, बोकारो, धनबाद और जामताड़ा जिले को भी अलर्ट कर दिया है। डैम के आसपास के गांवों में लोगों को माइक से अनाउंस करके नदी के किनारे न जाने की सलाह दी जा रही है।

झारखंड विधानसभा में उठी दिशोम गुरु को भारत रत्न देने की मांग, विधायक प्रदीप यादव की अपील पर बीजेपी भी सहमत

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झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है और यह 28 अगस्त तक चलेगा। सत्र के पहले दिन 4296 करोड़ 62 लाख रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया गया। इसके अलावा सदन में शिबू सोरेन की आदमकद प्रतिमा और भारत रत्न देने की मांग भी उठी। सत्र शुरू होने से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन आदि के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग

झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेताओं ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न से सम्मानित करने की जोरदार मांग उठाई। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार को भेजा जाए। साथ ही उन्होंने गुरुजी की संघर्ष गाथा और जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।

भावुक नजर आए हेमंत सोरेन

पक्ष-विपक्ष के प्रमुख नेताओं ने दुख जताते हुए बताया कि शिबू सोरेन का विशाल व्यक्तित्व था। नेताओं ने कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड की अस्मिता और अलग राज्य की लड़ाई में जीवनभर योगदान दिया है, इसलिए उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आंखों में आंसू छलकने लगे। इस दौरान वो काफी भावुक नजर आए और रुमाल से आंसू पोंछते रहे।

भारत रत्न की मांग का विपक्ष ने किया समर्थन

इस मुद्दे पर विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी सहमति जताई। भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी भारत रत्न की मांग का समर्थन किया, जिससे सदन में दुर्लभ सहमति देखने को मिली। आजसू के विधायक निर्मल महतो ने भी दिशोम गुरु को भारत रत्न देने की वकालत की।

बता दें कि कि झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र पहले 1 अगस्त से 7 अगस्त तक निर्धारित था और इसका शुभारंभ 1 अगस्त को हुआ भी था, लेकिन 4 अगस्त को दिशोम गुरु और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण सत्र को तत्काल प्रभाव से अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर राज्यपाल ने जताया शोक, सीएम हेमंत बोले- ऐसे नहीं जाना था...

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झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का शुक्रवार को 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। सोरेन की हालत गंभीर थी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। उनके निधन की खबर से पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन, हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पाना मुर्मू सोरेन ने शोक व्यक्त किया है।

राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी सोशल मीडिया साइट पर रामदास सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन जी के आकस्मिक निधन का समाचार सुनकर मैं अत्यंत मर्माहत हूं। उनका जाना राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। ईश्वर उन्हें इस पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें।

सीएम हेमंत सोरेन ने क्या कहा

रामदास सोरेन के निधन पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ऐसे छोड़कर नहीं जाना था रामदास दा... अंतिम जोहार दादा।'

चंपाई सोरेन ने जताया शोक

झारखंड आंदोलन में रामदास सोरेन के साथी रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने उनके निधन पर शोक जताते हुए लिखा, ‘झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन जी के निधन की दुखद सूचना से व्यथित हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। अंतिम जोहार

अर्जुन मुंडा ने जताई संवेदना

वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा ने एक्स पोस्ट पर लिखा, 'झारखंड के शिक्षा मंत्री एवं घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन के निधन का अत्यंत ही दुखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे एवं शोकाकुल परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

बाथरूम में गिरने के बाद घायल हो गए थे मंत्री

2 अगस्त को दिल्ली लाए जाने के बाद रामदास सोरेन लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। उस दिन जारी एक बयान के अनुसार, उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और वरिष्ठ विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक टीम गहन चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रही थी। 2 अगस्त को अपने आवास के बाथरूम में गिरने के बाद मंत्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दिल्ली आने से पहले, उन्हें जमशेदपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पश्चिम सिंहभूमि में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, एक माओवादी ढेर

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झारखंड के पश्चिम सिंहभूमि जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई, जब सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को ढेर कर दिया है।

चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के वन पोस्ता जंगल में आज बुधवार की सुबह पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गयी। जानकारी के अनुसार आज सुबह 4 बजे मुठभेड़ शुरू हुई, जो करीब 8 बजे तक चली।इस मुठभेड़ में एक नक्सली के मारे जाने की सूचना है। हालांकि फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। करीब चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ में खुद को कमजोर पाता देख नक्सली भाग खड़े हुए। क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।

कारतूस और नक्सली साहित्य बरामद

मुठभेड़ स्थल से एक एसएलआर राइफल, कई कारतूस और नक्सली साहित्य भी बरामद हुआ है। घटना के बाद से पूरे इलाके में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है। आशंका है कि मारे गए नक्सली के अन्य साथी अब भी आसपास के जंगलों में छिपे हो सकते हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है और इलाके की नाकेबंदी की गई है।

नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी

आपको बता दें, कोल्हान और सारंडा के जंगल लंबे समय से भाकपा माओवादी के लिए सुरक्षित पनाहगाह माने जाते हैं। सुरक्षाबल लगातार इस इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि 31 मार्च 2026 से पहले देश से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ दिया जाएगा। शाह के इसी बयान के बाद देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में बचे नक्सलियों के सफाये का कार्य चल रहा है।