आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में बड़ा हादसा, वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, 9 की मौत

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आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। काशीबुग्गा स्थित विजया वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ मच गई। इसमें नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। घायलों को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया। यह हादसा कार्तिक मास की एकादशी के पावन अवसर पर हुआ, जब मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी।

वेंकटेश्वर मंदिर में शनिवार को एकादशी के दौरान भारी भीड़ उमड़ी थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक, भगदड़ तब मची जब मंदिर में कतारों के लिए लगाई गई रेलिंग उखड़ गई और श्रद्धालु नीचे गिर गए। बताया जाता है कि मंदिर में आने वालों में ज्यादातर महिला श्रद्धालु थीं।

सीएम नायडू ने घटना पर जताई चिंता

इस घटना पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शोक प्रकट किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ की घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। इस दुखद घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु अत्यंत हृदयविदारक है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

बेहतर इलाज और राहत-बचाव के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करने का आदेश दिया है। मैंने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को घटनास्थल पर जाकर राहत कार्यों की निगरानी करने को कहा है। इस बीच, धर्मस्व मंत्री अनम नारायण रेड्डी और जिला मंत्री अच्चन्नायडू अधिकारियों से और जानकारी जुटाने को कह रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि घटना में घायल हुए लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाना चाहिए।

रांची में बनेगा दिशोम गुरु शिबू सोरेन का स्मृति स्थल, भूमि चिन्हित करने का काम हुआ शुरू

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झारखंड की राजधानी रांची में दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन का स्मृति स्थल बनेगा। इसके लिए भूमि चिन्हित करने का काम शुरू हो गया है।इसके लिए नगर विकास विभाग ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड से जमीन की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की याद में राजधानी रांची के हरमू रोड स्थित बाईपास में स्मृति स्थल का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए नगर विकास विभाग ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड से जमीन की मांग की है। आवास बोर्ड के तरफ से जमीन चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। बाईपास रोड में डीपीएस स्कूल के पास स्थित भुसूर मौजा में गुरुजी का स्मृति स्थल बनाने पर विचार तेज है क्योंकि इस मुख्य मार्ग पर स्थित भुसूर मौजा में कई एकड़ जमीनें खाली पड़ी हैं।

इस जगह स्मृति स्थल बनाने की तैयारी

शिबू सोरेन के स्मृति स्थल को लेकर जिस जमीन का चयन किया जा रहा है, वह रांची के सबसे महत्वपूर्ण मार्ग में पड़ता है। सचिवालय भवन, विधानसभा व हाईकोर्ट आने-जाने के लिए मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्य न्यायाधीश, विधायक जैसे गणमान्य लोग प्रतिदिन इसी रास्ते का उपयोग करते हैं। वहीं नई दिल्ली से रांची एयरपोर्ट से आने के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या अन्य केंद्रीय मंत्री भी राजभवन या अन्य जगह जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं।

बापू वाटिका की तर्ज पर होगा स्मृति स्थल का निर्माण

मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका की तर्ज पर ही शिबू सोरेन का स्मृति स्थल बनाया जाएगा। यहां उनकी एक प्रतिमा लगेगी। स्मृति स्थल परिसर में चारों तरफ पार्क होंगे और बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। जमीन चिह्नित होने के बाद स्मृति स्थल पर सौंदर्यीकरण से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य की रूपरेखा भी नगर विकास विभाग द्वारा तैयार की जाएगी। निर्माण राशि का विभाग के स्तर पर आकलन किया जाएगा, फिर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति ली जाएगी।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार उनके बेटे हेमंत सोरेन ने अपने पैतृक गांव नेमरा में किया था। शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार से संबंधित सभी पूरे काम विधि विधान के साथ नमेरा में ही किया।

शिबू सोरेन का 'श्राद्ध कर्म': नेमरा पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ समेत कई दिग्गज

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के बाद देशभर के नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी है। वहीं, कई बड़े नेता नेमरा पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं। शिबू सोरेने के निधन के बाद होने वाले संस्कार भोज में देशभर से लोग पहुंच रहे हैं। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी नेमरा पहुंचकर शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल हुए।

राजनाथ सिंह ने नेमरा पहुंचकर गुरूजी को दी श्रद्धांजलि

रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव में शिबू सोरेन के 'श्राद्ध' समारोह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेमरा पहुंचकर श्रद्धांजलि दी है। इस बीच उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन और उनकी माता रूपी सोरेन से की मुलाकात करके सांत्वना दी है।

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी पहुंचे नेमरा गांव

शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी हेमंत सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचे। उन्होंने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी। रेवंथ रेड्डी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी विधायक पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन एवं परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।मुलाकात के बाद रेवंत रेड्डी ने कहा कि मैं हमेशा मदद करता रहूंगा। हैदराबाद में शिबू सोरेन भवन बनाएंगे।

बाबा रामदेव ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि

योग गुरु स्वामी रामदेव नेमरा गांव पहुंचकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल होने पहुंचे। बाबा रामदेव ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।

पूरे रीति-रिवाज के साथ शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म

बीते दिन 81 वर्षीय शिबू सोरेन का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ था। नेमरा शिबू सोरेन का पैतृक गांव है, जहां 5 अगस्त 2025 को उनका अंतिम संस्कार किया गया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिवंगत राज्यसभा सांसद को मुखाग्नि दी थी। शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म पूरे रीति-रिवाज के साथ हेमंत सोरेन ने पूरी की। आज यानी 16 अगस्त को झामुमो के सह-संस्थापक और पार्टी के सर्वोच्च नेता शिबू सोरेन का श्राद्ध भोज हो रहा है।

योग गुरु बाबा रामदेव भी नेमरा पहुंचे, शिबू सोरेन को लेकर कह दी बड़ी बात

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दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म आज उनके पैतृक गांव नेमरा में किया जा रहा है। इस दौरान कई दिग्गज नेता और कई चर्चित चेहरे भी शामिल हो रहे हैं। इसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बाबा रामदेव, तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी और आरके आनंद का आना तय हुआ है। योग गुरु बाबा रामदेव भी नेमरा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी।

शिबू सोरेन के गांव पहुंचे बाबा रामदेलव ने कहा कि जल-जंगल जमीन की रक्षा करने वाले महापुरुष शिबू सोरेन झारखंड ही नहीं पूरे देश के लिए एक आदर्श थे।जिन्होंने जल, जंगल, जमीन की लडाई करके आदिवासी समाज से लेकर जितने भी शोषित और पिछड़े वर्ग के लोग थे उनकी आवाज सुनकर एक लोकनायक की तरह उभरे, उनको प्रणाम करता हूँ। उन्होंने कहा कि जब भी मैंने कोई योग शिविर या कोई कार्यक्रम आयोजित किया वे हमेशा शामिल हुए। लोग भले ही मुझे गुरु मानते हैं लेकिन मैं इन्हें गुरु मानता हूँ। और उन्हें ही मैं श्रद्धांजलि देने आया हूँ।

अश्विनी कुमार चौबे नेमरा पहुंचे

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे नेमरा पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि गुरु जी के पद चिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने गुरु जी के समय के अपने पुराने दिनों को याद किया और कहा कि एक बार बक्सर की सभा मे गुरु जी ने कहा था कि वे लड़कर झारखंड लेंगे। उन्होंने जो कहा था करके दिखाया।

पप्पू यादव भी पहुंचे नेमरा गांव

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की श्रद्धांजलि सभा और संस्कार भोज में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद पप्पू यादव आज रामगढ़ के नेमरा गांव पहुंचे हैं। सुबह से ही गांव के बाहर बनाई गई पार्किंग में गाड़ियों और लोगों की भीड़ बढ़ गई है। हालात को देखते हुए, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

शिबू सोरेन की श्रद्धांजलि सभा और संस्कार भोज को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे इलाके पर ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है। सभी रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए कई आईपीएस और 40 डीएसपी अधिकारियों की तैनाती की गई है।

16 और 17 अगस्त को रामगढ़ में बड़े वाहनों की नो एंट्री, दिशोम गुरु के श्राद्धकर्म को लेकर ट्रैफिक में होगा बदलाव

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16 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कार्यक्रम है। शिबू सोरेन के श्राद्धकर्म को लेकर रामगढ़ के नेमरा में 16 अगस्त को लाखों लोगों के जुटने की संभावना है। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के मद्देनज़र रांची जिला प्रशासन ने ट्रैफिक में बदलाव की योजना तैयार कर ली है। 16 अगस्त से 17 अगस्त की सुबह तक रांची-रामगढ़ रूट पर बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा।

बड़े वाहनों की नो एंट्री

शिबू सोरेन के श्राद्ध कार्यक्रम के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। रांची से रामगढ़ जाने वाले रूट खासतौर पर प्रभावित होंगे। 16 अगस्त की सुबह आठ बजे से 17 अगस्त की सुबह आठ बजे तक रांची से रामगढ़ जाने वाले सभी बड़े वाहनों की एंट्री बैन रहेगी। जानकारी के मुताबिक, सिकिदरी, रामगढ़ और पेटरवार के पास ही बड़े वाहनों को रोकने की तैयारी है। पार्किंग की सही व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल में कानून-व्यवस्था बिगड़े नहीं, इसके लिए बड़े पैमाने पर पुलिस के जवानों की तैनाती की जाएगी।

दो किलोमीटर पहले ही पार्किंग की व्यवस्था

छोटे वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं होगी, लेकिन भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी रहने की संभावना है। कार्यक्रम स्थल से दो किलोमीटर पहले ही निजी वाहनों को रोककर छह स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। वहां से आगंतुकों को ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक ऑटो के जरिए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 50 चार्जिंग प्वाइंट भी तैयार किए जा रहे हैं।

तीन हेलीपैड बनाए गए

श्राद्धकर्म के लिए अब तक पांच बड़े पंडाल तैयार हो चुके हैं, जबकि तीन-चार और पंडाल बनाए जाएंगे। सभी पंडालों के पास खाना बनाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, गुरुजी के घर के 100 मीटर के दायरे में एक हेलीपैड सहित कुल तीन हेलीपैड बनाए गए हैं। अतिविशिष्ट मेहमानों के लिए पैतृक आवास के निकट विशेष बैठने और खाने की व्यवस्था भी की गई है।

सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट

गोला से नेमरा तक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है। नेमरा में 10 एलइडी स्क्रीन भी लगायी गयी है, जहां गुरुजी की जीवनी को लोग देख सकेंगे। बरलांगा चौक से नेमरा गांव जाने वाले रास्ते में सड़क में डिवाइडर बनाया गया है। वहीं, लुकायाटांड़ हेलीपैड के पास कंट्रोल रूम बनाया गया है। सुथरपुर चौक के पास पुलिस पिकेट भी बनाया गया और बैरिकेडिंग की गयी है।

दिशोम गुरु को मिले भारत रत्न", हेमंत सोरेन के मंत्री ने केंद्र सरकार से की मांग

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर देशभर के नेताओं ने शोक प्रकट किया। इस बीच हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता इरफान सोलंकी ने शिबू सोरेन के लिए बड़ी मांग रख दी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि शिबू सोरेन को भारत रत्न मिले।

झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी वरिष्ठ आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन को अंतिम श्रद्धांजलि देने उनके आवास स्थान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गुरुजी को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की। मंत्री इरफान अंसारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी कमी कभी पूरी नहीं होगी, मैं राष्ट्रपति से गुरुजी को भारत रत्न देने की मांग करता हूं। वो वास्तव में इसके हकदार हैं। वे एक आंदोलनकारी थे और गरीबों की आवाज थे इसलिए भारत सरकार को तुरंत यह घोषणा करनी चाहिए।

आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया-इरफान

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के स्तंभ रहे हैं। वर्षों संघर्ष कर झारखंड अलग राज्य की मांग को मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने संसाधनों पर आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। जल, जंगल और जमीन की रक्षा को अपना मिशन बनाया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक के रूप में उन्होंने सामाजिक न्याय और स्वाभिमान की राजनीति को दिशा दी।

शिबू सोरेन से जुड़ा वाकया सुना भावुक हुए इरफान

शिबू सोरेन के साथ बिताये पल याद कर इरफान अंसारी भावुक हो गए। उन्होंने एक वाकया सुनाते हुए कहा कि शिबू सोरेन को इरफान अंसारी की मां के हाथ की रोटियां पसंद थीं। वे हमेशा कहते थे कि घर से खाना लाया करो। उनके साथ व्यक्तिगत संबंध थे। शिबू सोरेन के निधन ने उन्हें तोड़ दिया है।

81 साल की उम्र में शिबू सोरेन का निधन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन 19 जून 2025 से दिल्ली से सर गंगाराम अस्पताल में इलाजरत थे। आखिरी वक्त तक उन्होंने संघर्ष किया। चार अगस्त की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। वे 81 साल के थे। कई बीमारियों से वे पीड़ित थे।

पिता के निधन के बाद छलका सीएम हेमंत सोरेन का दर्द, का भावुक कर देने वाले पोस्ट

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दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब इस दुनिया में नहीं रहे। शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। गुरु जी का अंतिम संस्कार आज रामगढ़ स्थित उनके पैतृक गांव नेमरा में किया जायेगा। पिता की अंतिम यात्रा से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक बेहद भावुक पोस्ट साझा किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर हेमंत ने लिखा, 'मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों से गुजर रहा हूं।

सीएम सोरेन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों से गुज़र रहा हूं। मेरे सिर से सिर्फ पिता का साया नहीं गया, झारखंड की आत्मा का स्तंभ चला गया है। हेमंत सोरेन ने लिखा कि मैं उन्हें सिर्फ बाबा नहीं कहता था। वे मेरे पथ प्रदर्शक थे, मेरे विचारों की जड़ें थे और उस जंगल जैसी छाया थे, जिसने हजारों-लाखों झारखंडियों को धूप और अन्याय से बचाया।

हेमंत सोरेन ने आगे लिखा है कि, मेरे बाबा की शुरुआत बहुत साधारण थी। नेमरा गांव के उस छोटे से घर में जन्मे, जहां गरीबी थी, भूख थी। पर हिम्मत थी।बचपन में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया। जमीदारी के शोषण ने उन्हें एक ऐसी आग दी, जिसने उन्हें पूरी जिंदगी संघर्षशील बना दिया। मैंने उन्हें देखा है, हल चलाते हुए, लोगों के बीच बैठते हुए, सिर्फ भाषण नहीं देते थे, लोगों का दुःख जीते थे।

बाबा ने सिर्फ रास्ता नहीं दिखाया, हमें चलना सिखाया-हेमंत सोरेन

पीता के निधन के बाद टूटे दिल से एक बेटे ने लिखा, बचपन में जब मैं उनसे पूछता था- बाबा, आपको लोग दिशोम गुरु क्यों कहते हैं? तो वे मुस्कुराकर कहते- क्योंकि बेटा, मैंने सिर्फ उनका दुख समझा और उनकी लड़ाई अपनी बना ली। वो उपाधि न किसी किताब में लिखी गई थी, न संसद ने दी, वह झारखंड की जनता के दिलों से निकली थी। ‘दिशोम’ मतलब समाज, ‘गुरु’ मतलब जो रास्ता दिखाए। सच कहूं तो बाबा ने हमें सिर्फ रास्ता नहीं दिखाया, हमें चलना सिखाया।'

मैं डरता था पर बाबा कभी नहीं डरे- हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने लिखा कि बचपन में मैंने उन्हें सिर्फ़ संघर्ष करते देखा, बड़े बड़ों से टक्कर लेते देखा। मैं डरता था पर बाबा कभी नहीं डरे। वे कहते थे अगर अन्याय के खिलाफ खड़ा होना अपराध है, तो मैं बार-बार दोषी बनूंगा। बाबा का संघर्ष कोई किताब नहीं समझा सकती। वो उनके पसीने में, उनकी आवाज में और उनकी चप्पल से ढकी फटी एड़ी में था। जब झारखंड राज्य बना, तो उनका सपना साकार हुआ पर उन्होंने कभी सत्ता को उपलब्धि नहीं माना। उन्होंने कहा ये राज्य मेरे लिए कुर्सी नहीं यह मेरे लोगों की पहचान है

झारखंड की हर पगडंडी में आप हो-हेमंत सोरेन

सीएम सोरेन ने आगे लिखा है, आज बाबा नहीं हैं, पर उनकी आवाज़ मेरे भीतर गूंज रही है। मैंने आपसे लड़ना सीखा बाबा, झुकना नहीं। मैंने आपसे झारखंड से प्रेम करना सीखा बिना किसी स्वार्थ के अब आप हमारे बीच नहीं हो, पर झारखंड की हर पगडंडी में आप हो। हर मांदर की थाप में, हर खेत की मिट्टी में, हर गरीब की आंखों में आप झांकते हो।

आपका वचन निभाऊंगा-हेमंत सोरेन

सीएम ने अंत में लिखा है कि आपने जो सपना देखा, अब वो मेरा वादा है। मैं झारखंड को झुकने नहीं दूंगा, आपके नाम को मिटने नहीं दूंगा। आपका संघर्ष अधूरा नहीं रहेगा।बाबा, अब आप आराम कीजिए। आपने अपना धर्म निभा दिया। अब हमें चलना है आपके नक्शे-कदम पर। झारखंड आपका कर्जदार रहेगा। मैं, आपका बेटा, आपका वचन निभाऊंगा। वीर शिबू जिंदाबाद - जिंदाबाद, जिंदाबाद। दिशोम गुरु अमर रहें। जय झारखंड, जय जय झारखंड।

पीएम मोदी के गले लगकर रोए

इसस पहले सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचें थे। इसकी कुछ तस्वीरें पीएम के एक्स अकाउंट से साझा की गयी थी, जिसमें पिता के निधन से दुखी सीएम हेमंत सोरेन भावुक नजर आए थे, उनकी आंखों में आंसू थे। इस दौरान पीएम मोदी ने गले लगाकर हेमंत सोरेन को सांत्वना दी थी।

शिबू सोरेन का आज होगा अंतिम संस्कार, विधानसभा परिसर में अंतिम विदाई की तैयारी

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़ जिला) में होगा। उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन मुखाग्नि देंगे। बता दें कि पारंपरिक संथाल रीति-रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार बड़का नाला के पास होगा।

अंतिम संस्कार से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए विधानसभा परिसर में लाया जाएगा। पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए कुछ देर बाद विधानसभा परिसर में रखा जाएगा, जहां नेता और आम लोग उन्हें अंतिम विदाई देंगे।

खरगे और राहुल अंतिम संस्कार में होंगे शामिल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नई दिल्ली में कहा है कि वे झारखंड जाएंगे और शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। उनके साथ राहुल गांधी भी होंगे।

मोरहाबादी स्थित आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा

पूर्व सीएम शिबू सोरेन के निधन के बाद रांची स्थित उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा है। कांग्रेस विधायक अनूप सिंह, जेएससीए अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, महासचिव सौरभ तिवारी और उपाध्यक्ष संजय पांडे ने दिशोम गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, बड़ी संख्या में स्थानीय, मॉर्निंग वॉकर्स भी श्रद्धांजलि दी।

नम आंखों से लोगों ने दी श्रद्धांजलि

सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शिबू सोरेन के निधन के बाद शाम को उनका पार्थिव शरीर रांची लाया गया। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग जुटे थे। दिशोम गुरु' को अंतिम विदाई देने पहुंचे हर व्यक्ति की आंखें नम थीं, माहौल गमगीन था और ‘गुरुजी अमर रहें’ के नारे गूंज रहे थे। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दिशोम गुरु अमर रहे के नारे लगाते ही सबकी आंखें नम हो गईं। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से फूलों से सजे वाहन से उनके पार्थिव शरीर को मोरहाबादी स्थित गुरुजी आवास के लिए रवाना किया गया

शिबू सोरेन के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे गंगाराम अस्‍पताल

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया और उनके पुत्र व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की। साथ ही प्रधानमंत्री शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए सर गंगाराम अस्पताल भी पहुंचे।

सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे, जहां झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन का इलाज चल रहा था। प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की। शिबू सोरेन पिछले एक महीने से अधिक समय से गुर्दे संबंधी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती थे। तमाम कोशिशों के बावजूद आज उनका निधन हो गया।

पीएम मोदी ने बताया जमीनी नेता

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि शिबू सोरेन एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्रीहेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ॐ शांति।

मंगलवार को नेमरा में होगा अंतिम संस्कार

शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम रांची लाया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उनका शव शाम 4 से 5 बजे के बीच रांची एयरपोर्ट पर पहुंचेगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को मोराबादी स्थित उनके आवास ले जाया जाएगा, जहां आम जनता और समर्थक उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकेंगे। कल सुबह 11:00 बजे दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा परिसर में अंतिम दर्शन के लिए लाया जाएगा। वहां राज्य सरकार और विधायकों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद शव को रामगढ़ ज़िले के नेमरा गांव ले जाया जाएगा, जो उनका पैतृक स्थान है। कल दोपहर 3:00 बजे नेमरा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

आदिवासी आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन, जानें क्यों कहलाए 'दिशोम गुरु' ?

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झारखंड के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। शिबू सोरेन ने 81 साल की अवस्था में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। शिबू सोरेन 19 जून से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत को सुधारने के लिए कई डॉक्टर्स लगातार कोशिश कर रहे थे। लेकिन, 4 अगस्त को आदिवासी आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

क्यों कहा जाता है दिशोम गुरु

झारखंड के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन को लोग प्यार से "गुरुजी" कहकर बुलाते थे। उन्हें “दिशोम गुरु” भी कहा जाता है। उनको यह उपाधि अपने जीवन में आदिवासियों के लिए अथक साहसी कदम उठाने के चलते मिली। उन्होंने आदिवासियों की हक की आवाज उठाई और संघर्ष का दूसरा नाम बन गए। उन्होंने झारखंड राज्य का सपना देखा था। आदिवासी अस्मिता की इस लड़ाई में उन्हें विजय हासिल हुई और न सिर्फ आदिवासियों को उनका राज्य मिला बल्कि उनकी आवाज बनने के लिए उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की स्थापना भी की।

आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए आंदोलन किया

शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए अनगिनत आंदोलन किए। उन्होंने 18 साल की उम्र में संथाल नवयुवक संघ बनाया और बाद में जेएमएम के जरिए आदिवासियों की जमीन को मनीलेंडर्स और बाहरी लोगों से बचाने के लिए आंदोलन चलाए। शिबू सोरेन का मानना था कि झारखंड की खनिज संपदा और प्राकृतिक संसाधन ही भारत को ‘सोने की चिड़िया’ बनाते थे, जिसे बचाना जरूरी था।

पिता की हत्या के बाद संघर्ष की शुरुआत

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को तत्कालीन हजारीबाग जिले के नेमरा गांव में हुआ था। नेमरा गांव अब रामगढ़ जिले में आता है। उनके पिता शोबरन सोरेन शिक्षक थे। 1960 के दशक में महाजनों ने उनकी हत्या करवा दी। युवा शिबू को इससे गहरा आघात पहुंचा। इस घटना ने आदिवासियों पर हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उनको प्रेरित किया। पिता की हत्या के बाद, शिबू ने महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ ‘धनकटनी आंदोलन’ शुरू कर दिया। इस आंदोलन ने आदिवासियों को अपने हक के लिए एकजुट कर दिया। इसी आंदोलन ने शिबू सोरेन के जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल दी। इसके साथ ही अलग झारखंड राज्य के आंदोलन की नींव भी पड़ गयी।

जल, जंगल और जमीन के हक में शुरू किया आंदोलन

1970 के दशक में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। उनका मुख्य मकसद अलग झारखंड राज्य बनवाना था। इसके लिए उन्होंने जल, जंगल और जमीन के हक में आंदोलन शुरू किया। 1980 में शिबू सोरेन पहली बार लोकसभा सांसद बने। इसके बाद वे कई बार सांसद बने और संसद में आदिवासी समाज की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। शिबू सोरेन की मेहनत और आंदोलन के कारण ही साल 2000 में झारखंड को बिहार से अलग करके एक नया राज्य बनाया गया। यह राज्य 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। शिबू सोरेन की पहचान सिर्फ एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक जननायक के रूप में रही है जिन्होंने आदिवासी अस्मिता को पहचान दिलाई।

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में बड़ा हादसा, वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, 9 की मौत

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आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। काशीबुग्गा स्थित विजया वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ मच गई। इसमें नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई घायल हो गए। घायलों को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया। यह हादसा कार्तिक मास की एकादशी के पावन अवसर पर हुआ, जब मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी।

वेंकटेश्वर मंदिर में शनिवार को एकादशी के दौरान भारी भीड़ उमड़ी थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक, भगदड़ तब मची जब मंदिर में कतारों के लिए लगाई गई रेलिंग उखड़ गई और श्रद्धालु नीचे गिर गए। बताया जाता है कि मंदिर में आने वालों में ज्यादातर महिला श्रद्धालु थीं।

सीएम नायडू ने घटना पर जताई चिंता

इस घटना पर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने शोक प्रकट किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ की घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। इस दुखद घटना में श्रद्धालुओं की मृत्यु अत्यंत हृदयविदारक है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

बेहतर इलाज और राहत-बचाव के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करने का आदेश दिया है। मैंने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को घटनास्थल पर जाकर राहत कार्यों की निगरानी करने को कहा है। इस बीच, धर्मस्व मंत्री अनम नारायण रेड्डी और जिला मंत्री अच्चन्नायडू अधिकारियों से और जानकारी जुटाने को कह रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि घटना में घायल हुए लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाना चाहिए।

रांची में बनेगा दिशोम गुरु शिबू सोरेन का स्मृति स्थल, भूमि चिन्हित करने का काम हुआ शुरू

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झारखंड की राजधानी रांची में दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन का स्मृति स्थल बनेगा। इसके लिए भूमि चिन्हित करने का काम शुरू हो गया है।इसके लिए नगर विकास विभाग ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड से जमीन की मांग की है।

जानकारी के मुताबिक दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन की याद में राजधानी रांची के हरमू रोड स्थित बाईपास में स्मृति स्थल का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए नगर विकास विभाग ने झारखंड राज्य आवास बोर्ड से जमीन की मांग की है। आवास बोर्ड के तरफ से जमीन चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है। बाईपास रोड में डीपीएस स्कूल के पास स्थित भुसूर मौजा में गुरुजी का स्मृति स्थल बनाने पर विचार तेज है क्योंकि इस मुख्य मार्ग पर स्थित भुसूर मौजा में कई एकड़ जमीनें खाली पड़ी हैं।

इस जगह स्मृति स्थल बनाने की तैयारी

शिबू सोरेन के स्मृति स्थल को लेकर जिस जमीन का चयन किया जा रहा है, वह रांची के सबसे महत्वपूर्ण मार्ग में पड़ता है। सचिवालय भवन, विधानसभा व हाईकोर्ट आने-जाने के लिए मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्य न्यायाधीश, विधायक जैसे गणमान्य लोग प्रतिदिन इसी रास्ते का उपयोग करते हैं। वहीं नई दिल्ली से रांची एयरपोर्ट से आने के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या अन्य केंद्रीय मंत्री भी राजभवन या अन्य जगह जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं।

बापू वाटिका की तर्ज पर होगा स्मृति स्थल का निर्माण

मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका की तर्ज पर ही शिबू सोरेन का स्मृति स्थल बनाया जाएगा। यहां उनकी एक प्रतिमा लगेगी। स्मृति स्थल परिसर में चारों तरफ पार्क होंगे और बेहतर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। जमीन चिह्नित होने के बाद स्मृति स्थल पर सौंदर्यीकरण से जुड़े अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य की रूपरेखा भी नगर विकास विभाग द्वारा तैयार की जाएगी। निर्माण राशि का विभाग के स्तर पर आकलन किया जाएगा, फिर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति ली जाएगी।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने 4 अगस्त को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार उनके बेटे हेमंत सोरेन ने अपने पैतृक गांव नेमरा में किया था। शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार से संबंधित सभी पूरे काम विधि विधान के साथ नमेरा में ही किया।

शिबू सोरेन का 'श्राद्ध कर्म': नेमरा पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ समेत कई दिग्गज

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के बाद देशभर के नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी है। वहीं, कई बड़े नेता नेमरा पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं। शिबू सोरेने के निधन के बाद होने वाले संस्कार भोज में देशभर से लोग पहुंच रहे हैं। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी नेमरा पहुंचकर शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल हुए।

राजनाथ सिंह ने नेमरा पहुंचकर गुरूजी को दी श्रद्धांजलि

रामगढ़ जिले के उनके पैतृक गांव में शिबू सोरेन के 'श्राद्ध' समारोह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेमरा पहुंचकर श्रद्धांजलि दी है। इस बीच उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन और उनकी माता रूपी सोरेन से की मुलाकात करके सांत्वना दी है।

तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी पहुंचे नेमरा गांव

शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी हेमंत सोरेन के पैतृक गांव नेमरा पहुंचे। उन्होंने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी। रेवंथ रेड्डी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी विधायक पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन एवं परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।मुलाकात के बाद रेवंत रेड्डी ने कहा कि मैं हमेशा मदद करता रहूंगा। हैदराबाद में शिबू सोरेन भवन बनाएंगे।

बाबा रामदेव ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को दी श्रद्धांजलि

योग गुरु स्वामी रामदेव नेमरा गांव पहुंचकर दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्कार भोज में शामिल होने पहुंचे। बाबा रामदेव ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।

पूरे रीति-रिवाज के साथ शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म

बीते दिन 81 वर्षीय शिबू सोरेन का निधन दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ था। नेमरा शिबू सोरेन का पैतृक गांव है, जहां 5 अगस्त 2025 को उनका अंतिम संस्कार किया गया था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिवंगत राज्यसभा सांसद को मुखाग्नि दी थी। शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म पूरे रीति-रिवाज के साथ हेमंत सोरेन ने पूरी की। आज यानी 16 अगस्त को झामुमो के सह-संस्थापक और पार्टी के सर्वोच्च नेता शिबू सोरेन का श्राद्ध भोज हो रहा है।

योग गुरु बाबा रामदेव भी नेमरा पहुंचे, शिबू सोरेन को लेकर कह दी बड़ी बात

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दिशोम गुरु शिबू सोरेन का श्राद्ध कर्म आज उनके पैतृक गांव नेमरा में किया जा रहा है। इस दौरान कई दिग्गज नेता और कई चर्चित चेहरे भी शामिल हो रहे हैं। इसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बाबा रामदेव, तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी और आरके आनंद का आना तय हुआ है। योग गुरु बाबा रामदेव भी नेमरा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि दी।

शिबू सोरेन के गांव पहुंचे बाबा रामदेलव ने कहा कि जल-जंगल जमीन की रक्षा करने वाले महापुरुष शिबू सोरेन झारखंड ही नहीं पूरे देश के लिए एक आदर्श थे।जिन्होंने जल, जंगल, जमीन की लडाई करके आदिवासी समाज से लेकर जितने भी शोषित और पिछड़े वर्ग के लोग थे उनकी आवाज सुनकर एक लोकनायक की तरह उभरे, उनको प्रणाम करता हूँ। उन्होंने कहा कि जब भी मैंने कोई योग शिविर या कोई कार्यक्रम आयोजित किया वे हमेशा शामिल हुए। लोग भले ही मुझे गुरु मानते हैं लेकिन मैं इन्हें गुरु मानता हूँ। और उन्हें ही मैं श्रद्धांजलि देने आया हूँ।

अश्विनी कुमार चौबे नेमरा पहुंचे

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे नेमरा पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि गुरु जी के पद चिन्हों पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने गुरु जी के समय के अपने पुराने दिनों को याद किया और कहा कि एक बार बक्सर की सभा मे गुरु जी ने कहा था कि वे लड़कर झारखंड लेंगे। उन्होंने जो कहा था करके दिखाया।

पप्पू यादव भी पहुंचे नेमरा गांव

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की श्रद्धांजलि सभा और संस्कार भोज में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद पप्पू यादव आज रामगढ़ के नेमरा गांव पहुंचे हैं। सुबह से ही गांव के बाहर बनाई गई पार्किंग में गाड़ियों और लोगों की भीड़ बढ़ गई है। हालात को देखते हुए, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

शिबू सोरेन की श्रद्धांजलि सभा और संस्कार भोज को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे इलाके पर ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है। सभी रास्तों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए कई आईपीएस और 40 डीएसपी अधिकारियों की तैनाती की गई है।

16 और 17 अगस्त को रामगढ़ में बड़े वाहनों की नो एंट्री, दिशोम गुरु के श्राद्धकर्म को लेकर ट्रैफिक में होगा बदलाव

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16 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कार्यक्रम है। शिबू सोरेन के श्राद्धकर्म को लेकर रामगढ़ के नेमरा में 16 अगस्त को लाखों लोगों के जुटने की संभावना है। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के मद्देनज़र रांची जिला प्रशासन ने ट्रैफिक में बदलाव की योजना तैयार कर ली है। 16 अगस्त से 17 अगस्त की सुबह तक रांची-रामगढ़ रूट पर बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा।

बड़े वाहनों की नो एंट्री

शिबू सोरेन के श्राद्ध कार्यक्रम के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। रांची से रामगढ़ जाने वाले रूट खासतौर पर प्रभावित होंगे। 16 अगस्त की सुबह आठ बजे से 17 अगस्त की सुबह आठ बजे तक रांची से रामगढ़ जाने वाले सभी बड़े वाहनों की एंट्री बैन रहेगी। जानकारी के मुताबिक, सिकिदरी, रामगढ़ और पेटरवार के पास ही बड़े वाहनों को रोकने की तैयारी है। पार्किंग की सही व्यवस्था, कार्यक्रम स्थल में कानून-व्यवस्था बिगड़े नहीं, इसके लिए बड़े पैमाने पर पुलिस के जवानों की तैनाती की जाएगी।

दो किलोमीटर पहले ही पार्किंग की व्यवस्था

छोटे वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं होगी, लेकिन भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी रहने की संभावना है। कार्यक्रम स्थल से दो किलोमीटर पहले ही निजी वाहनों को रोककर छह स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। वहां से आगंतुकों को ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक ऑटो के जरिए कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 50 चार्जिंग प्वाइंट भी तैयार किए जा रहे हैं।

तीन हेलीपैड बनाए गए

श्राद्धकर्म के लिए अब तक पांच बड़े पंडाल तैयार हो चुके हैं, जबकि तीन-चार और पंडाल बनाए जाएंगे। सभी पंडालों के पास खाना बनाने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, गुरुजी के घर के 100 मीटर के दायरे में एक हेलीपैड सहित कुल तीन हेलीपैड बनाए गए हैं। अतिविशिष्ट मेहमानों के लिए पैतृक आवास के निकट विशेष बैठने और खाने की व्यवस्था भी की गई है।

सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट

गोला से नेमरा तक सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है। नेमरा में 10 एलइडी स्क्रीन भी लगायी गयी है, जहां गुरुजी की जीवनी को लोग देख सकेंगे। बरलांगा चौक से नेमरा गांव जाने वाले रास्ते में सड़क में डिवाइडर बनाया गया है। वहीं, लुकायाटांड़ हेलीपैड के पास कंट्रोल रूम बनाया गया है। सुथरपुर चौक के पास पुलिस पिकेट भी बनाया गया और बैरिकेडिंग की गयी है।

दिशोम गुरु को मिले भारत रत्न", हेमंत सोरेन के मंत्री ने केंद्र सरकार से की मांग

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 'दिशोम गुरु' शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर देशभर के नेताओं ने शोक प्रकट किया। इस बीच हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री कांग्रेस नेता इरफान सोलंकी ने शिबू सोरेन के लिए बड़ी मांग रख दी है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि शिबू सोरेन को भारत रत्न मिले।

झारखंड के मंत्री इरफान अंसारी वरिष्ठ आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन को अंतिम श्रद्धांजलि देने उनके आवास स्थान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गुरुजी को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की। मंत्री इरफान अंसारी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी कमी कभी पूरी नहीं होगी, मैं राष्ट्रपति से गुरुजी को भारत रत्न देने की मांग करता हूं। वो वास्तव में इसके हकदार हैं। वे एक आंदोलनकारी थे और गरीबों की आवाज थे इसलिए भारत सरकार को तुरंत यह घोषणा करनी चाहिए।

आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया-इरफान

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के स्तंभ रहे हैं। वर्षों संघर्ष कर झारखंड अलग राज्य की मांग को मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने संसाधनों पर आदिवासियों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। जल, जंगल और जमीन की रक्षा को अपना मिशन बनाया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक के रूप में उन्होंने सामाजिक न्याय और स्वाभिमान की राजनीति को दिशा दी।

शिबू सोरेन से जुड़ा वाकया सुना भावुक हुए इरफान

शिबू सोरेन के साथ बिताये पल याद कर इरफान अंसारी भावुक हो गए। उन्होंने एक वाकया सुनाते हुए कहा कि शिबू सोरेन को इरफान अंसारी की मां के हाथ की रोटियां पसंद थीं। वे हमेशा कहते थे कि घर से खाना लाया करो। उनके साथ व्यक्तिगत संबंध थे। शिबू सोरेन के निधन ने उन्हें तोड़ दिया है।

81 साल की उम्र में शिबू सोरेन का निधन

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन 19 जून 2025 से दिल्ली से सर गंगाराम अस्पताल में इलाजरत थे। आखिरी वक्त तक उन्होंने संघर्ष किया। चार अगस्त की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। वे 81 साल के थे। कई बीमारियों से वे पीड़ित थे।

पिता के निधन के बाद छलका सीएम हेमंत सोरेन का दर्द, का भावुक कर देने वाले पोस्ट

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दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब इस दुनिया में नहीं रहे। शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। गुरु जी का अंतिम संस्कार आज रामगढ़ स्थित उनके पैतृक गांव नेमरा में किया जायेगा। पिता की अंतिम यात्रा से पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक बेहद भावुक पोस्ट साझा किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर हेमंत ने लिखा, 'मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों से गुजर रहा हूं।

सीएम सोरेन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा कि मैं अपने जीवन के सबसे कठिन दिनों से गुज़र रहा हूं। मेरे सिर से सिर्फ पिता का साया नहीं गया, झारखंड की आत्मा का स्तंभ चला गया है। हेमंत सोरेन ने लिखा कि मैं उन्हें सिर्फ बाबा नहीं कहता था। वे मेरे पथ प्रदर्शक थे, मेरे विचारों की जड़ें थे और उस जंगल जैसी छाया थे, जिसने हजारों-लाखों झारखंडियों को धूप और अन्याय से बचाया।

हेमंत सोरेन ने आगे लिखा है कि, मेरे बाबा की शुरुआत बहुत साधारण थी। नेमरा गांव के उस छोटे से घर में जन्मे, जहां गरीबी थी, भूख थी। पर हिम्मत थी।बचपन में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया। जमीदारी के शोषण ने उन्हें एक ऐसी आग दी, जिसने उन्हें पूरी जिंदगी संघर्षशील बना दिया। मैंने उन्हें देखा है, हल चलाते हुए, लोगों के बीच बैठते हुए, सिर्फ भाषण नहीं देते थे, लोगों का दुःख जीते थे।

बाबा ने सिर्फ रास्ता नहीं दिखाया, हमें चलना सिखाया-हेमंत सोरेन

पीता के निधन के बाद टूटे दिल से एक बेटे ने लिखा, बचपन में जब मैं उनसे पूछता था- बाबा, आपको लोग दिशोम गुरु क्यों कहते हैं? तो वे मुस्कुराकर कहते- क्योंकि बेटा, मैंने सिर्फ उनका दुख समझा और उनकी लड़ाई अपनी बना ली। वो उपाधि न किसी किताब में लिखी गई थी, न संसद ने दी, वह झारखंड की जनता के दिलों से निकली थी। ‘दिशोम’ मतलब समाज, ‘गुरु’ मतलब जो रास्ता दिखाए। सच कहूं तो बाबा ने हमें सिर्फ रास्ता नहीं दिखाया, हमें चलना सिखाया।'

मैं डरता था पर बाबा कभी नहीं डरे- हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने लिखा कि बचपन में मैंने उन्हें सिर्फ़ संघर्ष करते देखा, बड़े बड़ों से टक्कर लेते देखा। मैं डरता था पर बाबा कभी नहीं डरे। वे कहते थे अगर अन्याय के खिलाफ खड़ा होना अपराध है, तो मैं बार-बार दोषी बनूंगा। बाबा का संघर्ष कोई किताब नहीं समझा सकती। वो उनके पसीने में, उनकी आवाज में और उनकी चप्पल से ढकी फटी एड़ी में था। जब झारखंड राज्य बना, तो उनका सपना साकार हुआ पर उन्होंने कभी सत्ता को उपलब्धि नहीं माना। उन्होंने कहा ये राज्य मेरे लिए कुर्सी नहीं यह मेरे लोगों की पहचान है

झारखंड की हर पगडंडी में आप हो-हेमंत सोरेन

सीएम सोरेन ने आगे लिखा है, आज बाबा नहीं हैं, पर उनकी आवाज़ मेरे भीतर गूंज रही है। मैंने आपसे लड़ना सीखा बाबा, झुकना नहीं। मैंने आपसे झारखंड से प्रेम करना सीखा बिना किसी स्वार्थ के अब आप हमारे बीच नहीं हो, पर झारखंड की हर पगडंडी में आप हो। हर मांदर की थाप में, हर खेत की मिट्टी में, हर गरीब की आंखों में आप झांकते हो।

आपका वचन निभाऊंगा-हेमंत सोरेन

सीएम ने अंत में लिखा है कि आपने जो सपना देखा, अब वो मेरा वादा है। मैं झारखंड को झुकने नहीं दूंगा, आपके नाम को मिटने नहीं दूंगा। आपका संघर्ष अधूरा नहीं रहेगा।बाबा, अब आप आराम कीजिए। आपने अपना धर्म निभा दिया। अब हमें चलना है आपके नक्शे-कदम पर। झारखंड आपका कर्जदार रहेगा। मैं, आपका बेटा, आपका वचन निभाऊंगा। वीर शिबू जिंदाबाद - जिंदाबाद, जिंदाबाद। दिशोम गुरु अमर रहें। जय झारखंड, जय जय झारखंड।

पीएम मोदी के गले लगकर रोए

इसस पहले सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचें थे। इसकी कुछ तस्वीरें पीएम के एक्स अकाउंट से साझा की गयी थी, जिसमें पिता के निधन से दुखी सीएम हेमंत सोरेन भावुक नजर आए थे, उनकी आंखों में आंसू थे। इस दौरान पीएम मोदी ने गले लगाकर हेमंत सोरेन को सांत्वना दी थी।

शिबू सोरेन का आज होगा अंतिम संस्कार, विधानसभा परिसर में अंतिम विदाई की तैयारी

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़ जिला) में होगा। उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन मुखाग्नि देंगे। बता दें कि पारंपरिक संथाल रीति-रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार बड़का नाला के पास होगा।

अंतिम संस्कार से पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए विधानसभा परिसर में लाया जाएगा। पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए कुछ देर बाद विधानसभा परिसर में रखा जाएगा, जहां नेता और आम लोग उन्हें अंतिम विदाई देंगे।

खरगे और राहुल अंतिम संस्कार में होंगे शामिल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नई दिल्ली में कहा है कि वे झारखंड जाएंगे और शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। उनके साथ राहुल गांधी भी होंगे।

मोरहाबादी स्थित आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा

पूर्व सीएम शिबू सोरेन के निधन के बाद रांची स्थित उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा है। कांग्रेस विधायक अनूप सिंह, जेएससीए अध्यक्ष अजय नाथ शाहदेव, महासचिव सौरभ तिवारी और उपाध्यक्ष संजय पांडे ने दिशोम गुरु को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, बड़ी संख्या में स्थानीय, मॉर्निंग वॉकर्स भी श्रद्धांजलि दी।

नम आंखों से लोगों ने दी श्रद्धांजलि

सोमवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शिबू सोरेन के निधन के बाद शाम को उनका पार्थिव शरीर रांची लाया गया। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग जुटे थे। दिशोम गुरु' को अंतिम विदाई देने पहुंचे हर व्यक्ति की आंखें नम थीं, माहौल गमगीन था और ‘गुरुजी अमर रहें’ के नारे गूंज रहे थे। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से दिशोम गुरु अमर रहे के नारे लगाते ही सबकी आंखें नम हो गईं। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से फूलों से सजे वाहन से उनके पार्थिव शरीर को मोरहाबादी स्थित गुरुजी आवास के लिए रवाना किया गया

शिबू सोरेन के निधन पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे गंगाराम अस्‍पताल

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। शिबू सोरेन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया और उनके पुत्र व झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की। साथ ही प्रधानमंत्री शिबू सोरेन के अंतिम दर्शन के लिए सर गंगाराम अस्पताल भी पहुंचे।

सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे, जहां झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन का इलाज चल रहा था। प्रधानमंत्री ने अस्पताल पहुंचकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की। शिबू सोरेन पिछले एक महीने से अधिक समय से गुर्दे संबंधी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती थे। तमाम कोशिशों के बावजूद आज उनका निधन हो गया।

पीएम मोदी ने बताया जमीनी नेता

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि शिबू सोरेन एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में ऊंचाइयों को छुआ। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। उनके निधन से दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्रीहेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ॐ शांति।

मंगलवार को नेमरा में होगा अंतिम संस्कार

शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम रांची लाया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, उनका शव शाम 4 से 5 बजे के बीच रांची एयरपोर्ट पर पहुंचेगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को मोराबादी स्थित उनके आवास ले जाया जाएगा, जहां आम जनता और समर्थक उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे सकेंगे। कल सुबह 11:00 बजे दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर झारखंड विधानसभा परिसर में अंतिम दर्शन के लिए लाया जाएगा। वहां राज्य सरकार और विधायकों की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद शव को रामगढ़ ज़िले के नेमरा गांव ले जाया जाएगा, जो उनका पैतृक स्थान है। कल दोपहर 3:00 बजे नेमरा में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

आदिवासी आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन, जानें क्यों कहलाए 'दिशोम गुरु' ?

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झारखंड के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। शिबू सोरेन ने 81 साल की अवस्था में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे। शिबू सोरेन 19 जून से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत को सुधारने के लिए कई डॉक्टर्स लगातार कोशिश कर रहे थे। लेकिन, 4 अगस्त को आदिवासी आंदोलन के महानायक शिबू सोरेन ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

क्यों कहा जाता है दिशोम गुरु

झारखंड के तीन बार के मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन को लोग प्यार से "गुरुजी" कहकर बुलाते थे। उन्हें “दिशोम गुरु” भी कहा जाता है। उनको यह उपाधि अपने जीवन में आदिवासियों के लिए अथक साहसी कदम उठाने के चलते मिली। उन्होंने आदिवासियों की हक की आवाज उठाई और संघर्ष का दूसरा नाम बन गए। उन्होंने झारखंड राज्य का सपना देखा था। आदिवासी अस्मिता की इस लड़ाई में उन्हें विजय हासिल हुई और न सिर्फ आदिवासियों को उनका राज्य मिला बल्कि उनकी आवाज बनने के लिए उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी की स्थापना भी की।

आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए आंदोलन किया

शिबू सोरेन ने आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए अनगिनत आंदोलन किए। उन्होंने 18 साल की उम्र में संथाल नवयुवक संघ बनाया और बाद में जेएमएम के जरिए आदिवासियों की जमीन को मनीलेंडर्स और बाहरी लोगों से बचाने के लिए आंदोलन चलाए। शिबू सोरेन का मानना था कि झारखंड की खनिज संपदा और प्राकृतिक संसाधन ही भारत को ‘सोने की चिड़िया’ बनाते थे, जिसे बचाना जरूरी था।

पिता की हत्या के बाद संघर्ष की शुरुआत

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को तत्कालीन हजारीबाग जिले के नेमरा गांव में हुआ था। नेमरा गांव अब रामगढ़ जिले में आता है। उनके पिता शोबरन सोरेन शिक्षक थे। 1960 के दशक में महाजनों ने उनकी हत्या करवा दी। युवा शिबू को इससे गहरा आघात पहुंचा। इस घटना ने आदिवासियों पर हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उनको प्रेरित किया। पिता की हत्या के बाद, शिबू ने महाजनों और सूदखोरों के खिलाफ ‘धनकटनी आंदोलन’ शुरू कर दिया। इस आंदोलन ने आदिवासियों को अपने हक के लिए एकजुट कर दिया। इसी आंदोलन ने शिबू सोरेन के जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल दी। इसके साथ ही अलग झारखंड राज्य के आंदोलन की नींव भी पड़ गयी।

जल, जंगल और जमीन के हक में शुरू किया आंदोलन

1970 के दशक में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की। उनका मुख्य मकसद अलग झारखंड राज्य बनवाना था। इसके लिए उन्होंने जल, जंगल और जमीन के हक में आंदोलन शुरू किया। 1980 में शिबू सोरेन पहली बार लोकसभा सांसद बने। इसके बाद वे कई बार सांसद बने और संसद में आदिवासी समाज की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। शिबू सोरेन की मेहनत और आंदोलन के कारण ही साल 2000 में झारखंड को बिहार से अलग करके एक नया राज्य बनाया गया। यह राज्य 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया। शिबू सोरेन की पहचान सिर्फ एक राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक जननायक के रूप में रही है जिन्होंने आदिवासी अस्मिता को पहचान दिलाई।