श्रावण के आयोजनों को लेकर लखनऊ पुलिस का ट्रैफिक अलर्ट, डायवर्जन लागू
लखनऊ । श्रावण मास के विशेष आयोजनों को लेकर लखनऊ कमिश्नरेट के प्रमुख शिव मंदिरों—बुद्धेश्वर, मनकामेश्वर, सिद्धनाथ व कोनेश्वर मंदिरके आसपास 11 जुलाई से 9 अगस्त तक यातायात डायवर्जन लागू रहेगा।चूंंकि सावन माह में कांवड़ियों की भारी भीड़ रहती है। इसी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

इस प्रकार रहेगा यातायात व्यवस्था

-डालीगंज से सामान यातायात इक्का तांगा की तरफ नहीं जा सकेगा। अन्य यातायात हसनगंज थाना होते हुए डालीगंज क्रॉसिंग होते हुए अपने गंतव्य को जा सकेंगे।
-हनुमान सेतु तिराहा से नदवां बंधा होते हुए भी हुए कोई भी वाहन इक्का तांगा की ओर नहीं जा सकेगा। बल्कि यह यातायात आईटी होते हुए अपने गंतव्य को जा सकेगा।
-मनकामेश्वर मंदिर ढाल तिराहा से किसी प्रकार का यातायात मनकामेश्वर मंदिर की ओर नहीं जा सकेगा।

बुद्धेश्वर मंदिर की ओर समस्त प्रकार के वाहन प्रतिबन्धित रहेगा

-मनकामेश्वर मंदिर नदवा बन्धा ढाल तिराहा से मनकामेश्वर मंदिर की तरफ सामान्य यातायात नहीं जा सकेगा बल्कि यह यातायात हनुमान सेतू या बन्धा रोड़ होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
-बुद्धेश्वर चौराहे की तरफ से बुद्धेश्वर मंदिर की ओर समस्त प्रकार के वाहन प्रतिबन्धित रहेगा। बल्कि यह यातायात बुद्धेश्वर ओवरब्रिज के ऊपर से होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
-पाल तिराहा की तरफ से बुद्धेश्वर चौराहे की ओर समस्त प्रकार के वाहन प्रतिबन्धित रहेगा।

बुद्धेश्वर ओवरब्रिज के ऊपर से होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा

-आगरा एक्सप्रेस वे की तरफ से सीतापुर रोड की ओर जाने वाले समस्त प्रकार के वाहन मोहान मोड़ से तिकोनिया तिराहा से बुद्धेश्वर ओवरब्रिज के ऊपर से होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-दुबग्गा तिराहा की तरफ से तिकोनिया तिराहा बाराबिरवा चौराहा की ओर जाने वाले समस्त प्रकार के वाहन बुद्धेश्वर ओवरब्रिज के ऊपर से होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-बाराबिरवा चौराहा/मानकनगर की तरफ से सीतापुर रोड/दुबग्गा की ओर जाने वाले समस्त प्रकार के वाहन बुद्धेश्वर ओवरब्रिज के ऊपर से होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-नहर तिराहा से बुद्धेश्वर चौराहा की तरफ सामान्य यातायात नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात मोहान रोड तिराहा, तिकोनिया तिराहा होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा।

केवल इन वाहनों को रहेगा छूट

उपरोक्त डायवर्जन के दौरान सामान्य यातायात हेतु प्रदान डायवर्जन मार्ग पर यदि किसी जन-सामान्य की चिकित्सकीय अपरिहार्यता की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग के अभाव में प्रतिबन्धित मार्ग पर भी एम्बुलेन्स, शव वाहन, फायर सर्विस, स्कूली वाहन इत्यादि को ट्रैफिक पुलिस/स्थानीय पुलिस द्वारा जुलूस के दौरान अनुमन्य रहेगा। इसके लिए ट्रैफिक कन्ट्रोल नंम्बर-9454405155 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
'सीखते हैं करके': योगी सरकार का स्कूल शिक्षा में क्रांतिकारी प्रयोग
* LBD कार्यक्रम से स्कूली शिक्षा को मिला व्यावसायिक आधार, 75 जिलों में LBD लैब्स की स्थापना

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव लाया जा रहा है। अब किताबों तक सीमित ज्ञान नहीं, बल्कि बच्चों को सीखते हुए करने और करते हुए सीखने पर बल दिया जा रहा है। समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रारंभ किया गया ‘सीखते हैं करके’ कार्यक्रम राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की परिभाषा को पूरी तरह बदल रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को धरातल पर उतारते हुए कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को अब पारंपरिक विषयों के साथ-साथ काष्ठ कर्म, धातु कार्य, कृषि-बागवानी, स्वास्थ्य व पोषण, जैसे विषयों में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे बच्चों में न केवल रोजगार कौशल विकसित हो रहा है, बल्कि वे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं।
2024-25 में इस कार्यक्रम का विस्तार करते हुए प्रदेश के 75 जिलों के 2274 उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों में आधुनिक LBD लैब्स स्थापित की गई हैं। प्रत्येक लैब को 205 आधुनिक औजारों व उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। स्कूल प्रबंधन समितियों को उपभोज्य सामग्री व कच्चा माल भी उपलब्ध कराया गया है। इससे पहले 15 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5,937 बच्चों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
UNICEF और विज्ञान आश्रम के सहयोग से 60 स्किल आधारित गतिविधियों का टीचर मैनुअल विकसित किया गया है, जिसे SCERT से स्वीकृति मिली है। गणित व विज्ञान शिक्षकों को मल्टी स्किलिंग प्रशिक्षण भी दिया गया है। कार्यक्रम से लड़कियों की भागीदारी, श्रम की गरिमा, और लैंगिक समानता को भी नया आयाम मिला है। अगले चरण में इसे 3288 और विद्यालयों में लागू किया जाएगा।

* ‘सीखते हैं करके’ से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव: संदीप सिंह

मुख्यमंत्री योगी की सोच पर आधारित ‘सीखते हैं करके’ कार्यक्रम शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान से आगे ले जाकर रोजगारपरक, व्यावहारिक और जीवनोपयोगी बना रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह पहल बच्चों को हुनरमंद, स्वावलंबी और सक्षम नागरिक बना रही है। यह कार्यक्रम न सिर्फ छात्रों के कौशल को निखार रहा है, बल्कि उत्तर प्रदेश को ‘स्किल इंडिया मिशन’ से मजबूती से जोड़कर आत्मनिर्भर राज्य की नींव भी रख रहा है। सरकारी विद्यालयों में इसे तेजी से लागू किया जा रहा है।
अवैध धर्मांतरण के खिलाफ योगी सरकार की सख्ती, 16 दोषियों को सजा, 12 को आजीवन कारावास
* 450 से अधिक अवैध प्रमाणपत्र और विदेशी फंडिंग के दस्तावेज भी बरामद

* पुलिस, एसटीएफ और एटीएस ने पिछले आठ वर्षों में दो दर्जन से अधिक अवैध धर्मांतरण के आकाओं और सहयोगियों को दबोचा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ निर्णायक अभियान छेड़ रखा है। बीते आठ वर्षों में पुलिस, एसटीएफ और एटीएस की कार्रवाई में दो दर्जन से अधिक संगठित धर्मांतरण गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ है। इन गिरोहों के सरगनाओं और सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वहीं अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के चलते 16 आरोपियों को सजा भी दिलाई गई है—जिनमें 12 को आजीवन कारावास और 4 को 10 वर्ष की कठोर सजा सुनाई गई है। साथ ही सभी दोषियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है।

डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि यह कार्रवाई केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रही, बल्कि राज्य में अवैध धर्मांतरण के सुनियोजित नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी गई है। गिरफ्तार आरोपी सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं थे, बल्कि दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और हरियाणा में भी सक्रिय थे। इनका उद्देश्य बहुसंख्यक आबादी में धार्मिक असंतुलन पैदा करना और देश की शांति व्यवस्था को बाधित करना था।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी इस्लामिक दावा सेंटर जैसे संगठनों की आड़ में गरीब, असहाय, दिव्यांग और बेरोजगार लोगों को नौकरी, इलाज, शादी और पैसों का लालच देकर धर्मांतरण कराते थे। कुछ मामलों में इनका संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से भी सामने आया है। डीजी अभियोजन दीपेश जुनेजा ने बताया कि वैज्ञानिक साक्ष्यों और ठोस पैरवी की बदौलत कोर्ट से सख्त सजा दिलवाई गई। यह प्रदेश सरकार के धार्मिक-सामाजिक एकता और कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के संकल्प का प्रमाण है।

* अवैध धर्मांतरण के इन आरोपियों को दिलायी गयी सजा :
1. मोहम्मद उमर गौतम, 2. मौलाना कलीम सिद्दीकी, 3. काज़ी जहांगीर आलम कासमी, 4. इरफान शेख उर्फ इरफान खान, 5. सरफराज अली जाफरी
6. कौशर आलम, 7. फराज बाबुल्लाह शाह, 8. अब्दुल्ला उमर, 9. धीरज गोविंद राव जगताप, 10. सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख, 11. प्रसाद रामेश्वर कांवरे उर्फ आदम
12. अर्सलान मुस्तफा उर्फ भूप्रिय बंदो, 13. मोहम्मद सलीम, 14. राहुल भोला
15. मन्नू यादव, 16. कुणाल अशोक चौधरी
मथुरा के मुखराई और जैतपुर गांव बने ग्रामीण पर्यटन के आदर्श केंद्र
* ग्रामीण होमस्टे से बढ़ेगा रोजगार, आर्थिक आत्मनिर्भरता को मिलेगा बल: जयवीर सिंह

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्यभर में 700 से अधिक होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं। इन प्रयासों से ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में नई राह मिल रही है। मथुरा जिले के मुखराई और जैतपुर गांव ग्रामीण पर्यटन के दो ऐसे केंद्र बनकर उभर रहे हैं, जो सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक जीवनशैली से पर्यटकों को जोड़ने का माध्यम बन रहे हैं।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गोवर्धन के निकट स्थित मुखराई गांव, राधा रानी के ननिहाल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक चरकुला नृत्य, पारंपरिक व्यंजन, स्थानीय पहनावे और धार्मिक स्थलों जैसे वृंदावन, बरसाना और कृष्ण जन्मभूमि का एक साथ आनंद उठा सकते हैं। गांव में विकसित होमस्टे पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति का जीवंत अनुभव कराते हैं।
वहीं जैत गांव की प्रधान ममता देवी ने बताया कि यहां महिलाओं को तुलसी माला निर्माण का प्रशिक्षण और मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। पर्यटक यहां आकर न सिर्फ स्थानीय कला को देख सकते हैं, बल्कि उसमें भाग भी ले सकते हैं। मिट्टी के बर्तन बनाना और पारंपरिक हस्तशिल्प की कार्यशालाएं भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि मानसून का मौसम ग्रामीण पर्यटन के लिए सबसे अनुकूल है। सरकार इन स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं विकसित कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोग गांवों में आकर भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ सकें।
31 जुलाई तक कराएं खरीफ फसलों का बीमा, सरकार दे रही मदद और सुरक्षा की गारंटी
* 72 घंटे के अंदर फसल बीमा सेंटर, कृषि विभाग, फसल बीमा हेल्प लाइन नंबर पर किसानों को देनी होगी सूचना

* धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन एवं तिल का बीमा कराने के लिए तय की गई तारीख

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की सुरक्षा और आय को स्थिर रखने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ सीजन की फसलों– धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है।
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और समय रहते अपनी फसल का बीमा कराएं। बीमा का प्रीमियम केवल 2 प्रतिशत किसानों को देना होगा, जबकि शेष राशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
यह योजना न केवल प्राकृतिक आपदाओं, कीट प्रकोप, सूखा, ओलावृष्टि, बाढ़ जैसी स्थितियों में फसल हानि की भरपाई करती है, बल्कि कृषि ऋण चुकाने और आय में स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करती है। यह योजना प्रदेश के सभी 75 जनपदों में लागू है। कृषकों को फसल बीमा कराने हेतु आवश्यक दस्तावेज के रूप मे आधार कार्ड, खतौनी, बैक पासबुक एवं बीमा कराई जाने वाली फसल का विवरण आवश्यक है। फसल बीमा बैंक, कामन सर्विस सेंटर या ऑनलाइन पोर्टल www.pmfby.gov.in पर स्वयं से भी पंजीकरण किया जा सकता है।

* फसल क्षति की सूचना:
किसान यदि फसल क्षति का सामना करते हैं तो उन्हें 72 घंटे के भीतर संबंधित विभाग या फसल बीमा हेल्पलाइन नंबर 14447 पर सूचना देनी होगी। सर्वे और क्लेम प्रक्रिया में कोई बाधा न आए, इसके लिए किसान बीमा कराते समय वास्तविक जानकारी दर्ज करें।
उत्तर प्रदेश में नदियों के पुनरुद्धार की व्यापक योजना, हर जिले को सौंपा जाएगा जिम्मा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की नदियों को फिर से जीवन्त और संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की प्रत्येक नदी को उसके स्रोत से लेकर अंतिम संगम बिंदु तक चिन्हित कर संबंधित जनपदों को साझा कार्ययोजना बनाकर जरूरी संरक्षणात्मक कदम उठाने को कहा गया है।

इस योजना का उद्देश्य केवल नदियों में जलधारा पुनर्स्थापित करना नहीं, बल्कि जल गुणवत्ता, जल उपलब्धता और जैव विविधता को स्थायी रूप से संरक्षित करना है। इसके अंतर्गत डिसिल्टेशन (गाद निकासी), कोर्स करेक्शन, चैनलाइजेशन जैसे तकनीकी उपाय अपनाए जाएंगे। साथ ही, नदी किनारों पर अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र विकसित कर वहां सघन वृक्षारोपण किया जाएगा।

हर नदी जिस-जिस जनपद से होकर बहती है, उन सभी जिलों को अपनी सीमा में आने वाले नदी क्षेत्र की साफ-सफाई, पुनर्जीवन और संरक्षण की जिम्मेदारी दी जाएगी। तालाबों की श्रृंखला, कैचमेंट क्षेत्र, पारंपरिक जल स्रोत और भूजल पुनर्भरण की संरचनाएं चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार किया जाएगा।

राज्य सरकार की इस पहल को "नदी को जीवित धरोहर" के रूप में संरक्षित करने की दिशा में नई शुरुआत माना जा रहा है। यह नीति जल जीवन मिशन, नमामि गंगे और पर्यावरणीय संतुलन को बल देने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और पशुपालन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।
भूतनाथ मार्केट के पास दिन दहाड़े घर में घुसकर बदमाशों ने की लूटपाट, फिर हो गए फरार

लखनऊ । राजधानी के भूतनाथ मार्केट के समीप स्थित सरकारी आवासीय कॉलोनी में बुधवार दोपहर उस समय सनसनी फैल गई जब दो बदमाश दिनदहाड़े एक महिला पर हमला कर उसके जेवरात लूट ले गए। घटना उस समय हुई जब बदमाशों ने खुद को एसी मिस्त्री बताकर महिला से दरवाजा खुलवाया और फिर चाकू की नोक पर वारदात को अंजाम दिया।घटना दोपहर करीब ढाई बजे की है। सचिवालय में अंडर सेक्रेटरी पद पर कार्यरत हरीशचंद्र पांडेय की पत्नी शशि पांडेय घर में अकेली थीं।

बदमाशों ने अंगूठी और कान की बाली छीन ली

इसी दौरान दो युवक दरवाजे पर पहुंचे और एसी में खराबी की झूठी शिकायत का हवाला देते हुए खुद को सर्विस इंजीनियर बताया। शशि ने जब एसी सही होने की बात कहते हुए दरवाजा बंद करना चाहा, तभी एक युवक ने उन्हें पीछे से दबोच लिया और चाकू गर्दन पर रख दिया।शशि के विरोध करने पर बदमाशों ने उनके गले पर चाकू से वार करने की कोशिश की। हालांकि साहस दिखाते हुए शशि उनसे भिड़ गईं। संघर्ष के दौरान बदमाशों ने उनके गले की चेन, अंगूठी और कान की बाली छीन ली। शोर मचाने पर महिला के बेटे श्रेयांश और आशु बाहर आए, लेकिन तब तक हमलावर बाइक पर सवार होकर फरार हो चुके थे।

घटनास्थल पर पहुंचे एसीपी और डीसीपी पूर्वी

हमले में घायल शशि के सिर, गर्दन और हाथ में गंभीर चोटें आईं। उन्हें परिजनों द्वारा तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।सूचना के बाद भी पुलिस घटनास्थल पर आधे घंटे की देरी से पहुंची, जबकि कॉलोनी से पुलिस चौकी की दूरी महज 100 मीटर है। इस पर सवाल उठाते हुए हरीशचंद्र पांडेय ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी और डीसीपी पूर्वी मौके पर पहुंचे।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की जा रही पहचान

डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि घटना की जांच के लिए दो विशेष टीमों का गठन किया गया है। सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान की जा रही है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।पीड़ित परिवार ने यह भी बताया कि बीते तीन दिनों से कोई उनकी डोर बेल बजाकर भाग रहा था, जिससे अब आशंका है कि बदमाशों ने वारदात से पहले रेकी की थी। कॉलोनी के सन्नाटे और अनियमित पार्किंग व्यवस्था को भी उन्होंने सुरक्षा में चूक की वजह बताया है।
कांवड़ यात्रा 2025 के लिए डीजीपी ने दिए सुरक्षा व यातायात प्रबंधन के निर्देश

लखनऊ । पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश राजीव कृष्णा कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर काफी गंभीर हैं। इसी लिए कांवड़ यात्रा को सुरक्षित, सुगम व निर्विघ्न रूप से सम्पन्न कराने के लिए सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था और प्रभावी यातायात प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्तों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े ।

कांवड़ मार्गो पर स्थापित किए गए 29,454 सीसीटीवी कैमरे

डीजीपी ने बताया कि प्रमुख कांवड़ मार्गों व शिविरों पर 29,454 सीसीटीवी कैमरे, 395 ड्रोन, 1,845 जल सेवा केंद्र, 829 चिकित्सा शिविर और 1,222 पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं। कांवड़ शिविरों में सुरक्षा के मद्देनजर एंटी सेबोटाज चेकिंग कराई गई है और सभी शिविरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस के समस्त अधिकारियों से लेकर थाना प्रभारियों तक के मोबाइल नंबर, यातायात डाइवर्जन स्कीम एवं अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं को बारकोड के माध्यम से अखबारों में विज्ञापन, होर्डिंग, सोशल मीडिया इत्यादि के जरिए श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये है ।

चौबीस घंटे रहेगी पेट्रोलिंग की व्यवस्था

यातायात व्यवस्था के तहत प्रमुख चौराहों पर पर्याप्त रोशनी, संकेतक बोर्ड व साइन बोर्ड लगाए गए हैं। भारी भीड़ की स्थिति में वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की गई है और डायवर्जन की जानकारी समय से मीडिया व सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा की जा रही है। भारी व हल्के वाहनों को कांवड़ मार्गों से हटाकर अलग रूट पर डायवर्ट किया जाएगा।कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए स्थानीय गोताखोरों की तैनाती, महिला कांवरियों की विशेष सुरक्षा, पीए सिस्टम से घोषणाएं, खाद्य सामग्री की निगरानी, स्वास्थ्य टीम व एम्बुलेंस की तैनाती और 24 घंटे सक्रिय पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यूपी-112 की गाड़ियों और कर्मियों को विशेष रूप से ब्रीफ किया गया है।

तेज रफ्तार से बाइक चलाने वाले कांवड़ियों को किया जा रहा जागरूक

कांवड़ यात्रा के दौरान अक्सर देखा जाता है कि कांवड़िये भी तेज रफ्तार से वाहन व बाइक चलाते है। जिसकी वजह से सड़क हादसा होने का खतरा बना रहता है। इसी को देखते हुए कांवड़ियों को तीव्र गति से वाहन व  मोटरसाइकिल नहीं चलाए जाने के लिए  जागरूक किया जा रहा है । विभिन्न राजमार्गो व  टोल बैरियर पर कांवड़ यात्रा किस प्रकार जायेगी इस हेतु योजना बनाकर राजमार्गों के बायीं तरफ से ही कां वड़ियों को चलाया जाने तथा भण्डारे व शिविर को सड़क से 20 फिट की दूरी पर बायीं ओर ही संचालन की अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए गए है।

महिला कांवड़ियों के साथ अभद्र व्यवहार व टिप्पणी करने पर होगी कार्रवाई

नदी व नहरों के किनारे स्थानीय गोताखोरों को समुचित ब्रीफ व प्रशिक्षित करके लगाया जा रहा है । नदियों के किनारे समुचित बैरिकेटिंग व खतरा चिन्ह भी लगाया जा रहा है । महिला कांवड़ियों की सुरक्षा हेतु समुचित प्रबन्ध किए गए है । इनके साथ किसी भी व्यक्ति अथवा दूसरे कांवड़ियां समूह के द्वारा अभद्र व्यवहार सम्बन्धी सूचना प्राप्त होने पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी ।प्रत्येक थाना, चौकी एवं प्रमुख चौराहों पर पीए सिस्टम के माध्यम से व्यवस्था बनाये रखने व कांवड़ियों से सम्बन्धित संदेश प्रसारित किया जायेगा ।

कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले होटल व ढाबों पर रखी जा रही विशेष निगरानी

कांवड़ मार्ग में पड़ने वाले होटलों, ढाबों से कांवडियों द्वारा खाद्य सामग्री लिए जाने के दृष्टिगत गुणवत्ता बनाये रखने के लिए खाद्य विभाग से समन्वय स्थापित कर विशेष निगरानी की जा रही है । साथ ही खाद्य सामग्री की रेट लिस्ट प्रदर्शित कराई जा रही है, जिससे दुकानदारों द्वारा ओवर चार्जिंग नहीं की जा सके । कांवड़ मार्ग पर त्वरित उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग की टीम मय एम्बूलेंस तैनात रहेंगी ।
आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में हुआ पौधारोपण


लखनऊ। कैंट स्थित आर्म्ड फोर्सेस ट्रिब्यूनल में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी वृहद पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 150 से अधिक पौधे लगाए गए। अधिकरण के विभागाध्यक्ष व मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अनिल कुमार, प्रशासनिक सदस्य वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, मेजर जनरल संजय सिंह, लिटिगेशन इंचार्ज भारत सरकार डा.शैलेंद्र शर्मा 'अटल', बार एसोसिएशन के महामंत्री गिरीश तिवारी, बाई लॉज़ ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ.चेतनारायण सिंह, अध्यक्ष के.के.एस बिष्ट, रजिस्ट्रार दुष्यंत दत्त, संयुक्त रजिस्ट्रार लेफ्टिनेंट कर्नल सीमित कुमार, डिप्टी रजिस्ट्रार सचींद्र पाल सिंह आदि ने पौधरोपण किया।

इसके अलावा परिसर में कई जगहों पर चेयरमैन योगेश केसरवानी, को-चेयरमैन विजय कुमार पांडेय, आशीष कुमार सिंह, कार्यकारिणी सदस्य राहुल पाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरके चौहान, व मो.जफर खान, संयुक्त सचिव मनोज कुमार अवस्थी, शिव कुमार सरोज ने भी पौधे रोपे। रजिस्ट्रार दुष्यंत दत्त ने बताया कि हर वर्ष पौधरोपण की वजह से एएफटी परिसर ग्रीनरी और छायादार पेड़ों से भरी हुई है।

कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अनिल कुमार की ओर से कई पुलिसकर्मियों को भी पौधा वितरित किया गया।
खरीफ सीजन में उर्वरक की कोई कमी नहीं : कृषि मंत्री
* डीएपी व एनपीके की भी भरपूर व्यवस्था, किसानों से की जरूरत अनुसार खरीद की अपील

लखनऊ। प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने उर्वरकों की समुचित व्यवस्था की है। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में 14.59 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 5.63 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक (डीएपी, एनपीके) बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध हैं।
केवल 08 जुलाई को ही 32,700 मीट्रिक टन यूरिया, 6,566 मीट्रिक टन डीएपी तथा 3,559 मीट्रिक टन एनपीके की बिक्री हुई है। लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और बरेली मण्डलों में सर्वाधिक यूरिया उपलब्ध है। सहकारिता क्षेत्र के रिटेल प्वाइंट्स पर 1.13 लाख मीट्रिक टन यूरिया, और जनपद स्तरीय बफर गोदामों में 1.89 लाख मीट्रिक टन स्टॉक सुनिश्चित किया गया है।
श्री शाही ने स्पष्ट किया कि यदि किसी किसान को उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग कर जबरन बिक्री की शिकायत होती है, तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कंट्रोल रूम (0522-2209650) तथा जनपद स्तर पर डीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
प्रदेश सरकार भारत सरकार से लगातार समन्वय कर रही है ताकि रोजमर्रा की जरूरत के अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति बनी रहे। सीमावर्ती जिलों में ओवररेटिंग, कालाबाजारी और अवैध गतिविधियों पर विशेष सतर्कता के साथ निगरानी की जा रही है। कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे अभी केवल वर्तमान फसलों की जरूरत के अनुसार ही उर्वरक खरीदें और भविष्य की फसलों के लिए भंडारण से बचें। सरकार किसानों को हर हाल में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।