यूपी पुलिस की खेल प्रतिभा ने रचा इतिहास, अमेरिका से 95 मेडल के साथ लौटे खिलाड़ी

यूपी पुलिस का देश में ही नहीं विदेश में भी डंका बज रहा है। अमेरिका के अलबामा में आयोजित वर्ल्ड पुलिस फायर गेम्स 2025 में उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाड़ियों ने देश और प्रदेश का नाम रोशन किया। अखिल भारतीय पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा चुने गए उत्तर प्रदेश पुलिस के 50 खिलाड़ियों में से 43 ने इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया और शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 95 पदक अपने नाम किए। इनमें 45 स्वर्ण, 34 रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं।

यूपी पुलिस के पचास खिलाड़ियों ने किया था प्रतिभाग

बता दें कि  27जून  से 6 जुलाई तक अलबामा अमेरिका में आयोजित वर्ल्ड पुलिस फायर गेम्स -2025 में अखिल भारतीय पुलिस स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के 50 खिलाड़ियों को उक्त प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हेतु चयनित किया गया था, जिनमें से 43 खिलाडियों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं उत्तर प्रदेश पुलिस स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड, लखनऊ के अधिकारियों एवं प्रशिक्षक के कुशल निर्देशन में कड़ी मेहनत एवं लगनशीलता का परिचय देते हुये अपना उत्कृष्ट स्तर का प्रदर्शन कर पदक अर्जित किये गये है व अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम गौर्वान्वित किया गया है।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने खिलाड़ियों को दी बधाई

इस अवसर पर राजीव कृष्णा, पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, आर.के. स्वर्णकार, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी एवं डॉ0 प्रीतिन्दर सिंह, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी मध्य जोन/सचिव, उत्तर प्रदेश पुलिस स्पोर्टस कण्ट्रोल बोर्ड, लखनऊ द्वारा खिलाड़ियों को बधाई दी गयी है एवं उज्जवल भविष्य में खिलाड़ियों के खेल कौशल को और अधिक प्रभावशाली बनाये जाने हेतु सुझाव देकर उज्जवल भविष्य की कामना की गयी है। प्राप्त पदकों का विवरण इस प्रकार हैः-
कुल पदकः-95
स्वर्णः-45
रजतः-34
कांस्यः-16

भारत को कुल 560  पदक मिले

बता दें कि उक्त प्रतियोगिता में कुल 63 देशों द्वारा प्रतिभाग किया गया तथा भारत को कुल 560 पदक प्राप्त हुये। पदक तालिका में भारत तृतीय स्थान पर रहा। भारत की तरफ से उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुये सबसे अधिक पदक प्राप्त किये गये। यह पहला अवसर है जब उत्तर प्रदेश पुलिस के इतने बड़े दल को इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का गौरव प्राप्त हुआ है।

यह उपलब्धि यूपी पुलिस के लिए किसी गौरव से कम नहीं

यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश पुलिस की खेल प्रतिभाओं, उनकी मेहनत, अनुशासन एवं समर्पण का प्रतीक है। यह न केवल विभाग के लिए गर्व की बात है, बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य की खेल संस्कृति को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की सहभागिता अंतरराष्ट्रीय मंच पर उत्तर प्रदेश पुलिस व उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि को और अधिक सशक्त बनाएगी।

डीजीपी ने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि का श्रेय सीएम योगी को दिया

हमारे खिलाड़ी सिर्फ मैदान के विजेता नहीं, बल्कि खाकी की गरिमा, अनुशासन और समर्पण के प्रतीक हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के इस गौरवपूर्ण उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी ‘कुशल खिलाड़ी योजना’ को जाता है, जिसने प्रतिभाओं को नई उड़ान दी और पुलिस में खेल संस्कृति को नई ऊर्जा प्रदान की।”
मिशन निदेशक पुलकित खरे ने विश्व युवा कौशल दिवस की तैयारियों पर की बैठक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तत्वावधान में आगामी 15 जुलाई को पूरे प्रदेश में विश्व युवा कौशल दिवस भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर जनपद स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षण और रोजगार से जोड़ने की दिशा में  पहल की जा रही है। 16 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस समापन होगा।कार्यक्रमों की तैयारी प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल के नेतृत्व में की जा रही है।

इस क्रम में सोमवार को मिशन मुख्यालय में मिशन निदेशक  पुलकित खरे की अध्यक्षता में विश्व युवा कौशल दिवस 2025 की तैयारियों पर रणनीतिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा, जिलों को सौंपे गए दायित्वों एवं आयोजन की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए मिशन निदेशक ने सभी अधिकारियों व कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एमआईएस मैनेजर को जनपदों में विश्व कौशल दिवस एवं वृहद  रोजगार मेला की तैयारी के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

इस कार्यक्रम की श्रृंखला में जनपदों की सुविधा के अनुसार 12, 13 या 14 जुलाई को रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय उद्योगों व कंपनियों को आमंत्रित कर युवाओं को सीधी नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। रोजगार मेले की तैयारी हेतु जिलाधिकारी द्वारा नोडल अधिकारी नामित किए जा रहे हैं।

विश्व युवा कौशल दिवस के मुख्य कार्यक्रम में जनपद स्तरीय सफल प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया जाएगा और उन्हें मंच से अपनी सफलता की कहानी साझा करने का अवसर मिलेगा। साथ ही प्रशिक्षण केंद्रों की प्रदर्शनी, प्रेरक संवाद सत्र और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी। जनपद में स्थापित प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधियों का सम्मान किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें समस्त प्रशिक्षण प्रदाता भाग लेंगे और उनके छात्रों द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। आयोजन में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों और उद्योग जगत से जुड़े लोगों की सहभागिता रहेगी। उद्देश्य युवाओं में कौशल विकास के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करना है।

रोजगार मेले में दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई), अन्य राज्य स्तरीय योजनाओं और आईटीआई से प्रशिक्षित युवाओं को आमंत्रित किया जाएगा। चयनित युवाओं की नियुक्ति का विवरण मिशन मुख्यालय को प्रेषित किया जाएगा।

रोजगार मेले का शुभारंभ जनप्रतिनिधियों द्वारा कराया जाएगा और चयनित प्रशिक्षणार्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। इनमें से कम से कम 11 चयनित प्रशिक्षणार्थियों को 15 जुलाई को आयोजित मुख्य कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। रोजगार मेले की तिथियों का अधिकतम प्रचार-प्रसार सभी माध्यमों से कराया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक युवा जुड़ सकें और लाभ ले सकें। इन दोनों कार्यक्रमों के सफल आयोजन हेतु सभी जिलों को 50,000 रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
ऐतिहासिक स्मारक निर्माण को मिली नई गति, आगरा में बनेगा छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक
* आगरा में शिवाजी महाराज का स्मारक उनके शौर्य को याद दिलाएगा जिससे पर्यटक प्रेरणा लेंगे : योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊ। आगरा के कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज के भव्य स्मारक निर्माण को लेकर एक अहम कदम बढ़ाया गया है। आगरा प्रशासन ने स्मारक स्थल की अधिग्रहण रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को सौंप दी है, जिससे इस ऐतिहासिक परियोजना को नई गति मिलने की संभावना है।

सोमवार को उच्च शिक्षा मंत्री व आगरा दक्षिण से विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की और स्मारक निर्माण की महत्ता पर विस्तार से चर्चा की। मंत्री ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह केवल स्थापत्य परियोजना नहीं, बल्कि यह भारत की वीर परंपरा, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रभक्ति के भाव को पुनर्जीवित करने वाला प्रतीक होगा।

योगेन्द्र उपाध्याय ने यह भी कहा कि शिवाजी महाराज का यह स्मारक न केवल देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि छात्रों व युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि अधिग्रहण रिपोर्ट पर शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि स्मारक निर्माण की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ हो सके। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अलौकिक उपाध्याय भी उपस्थित थे।

गौरतलब है कि उपाध्याय लंबे समय से इस स्थल पर स्मारक एवं संग्रहालय की स्थापना की मांग करते रहे हैं। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार, कोठी मीना बाजार वही स्थान है, जहां औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को बंदी बनाकर रखा था। यहीं से शिवाजी ने अपनी अद्वितीय रणनीति के जरिए मुगलों की कैद से ऐतिहासिक पलायन किया था।
मंत्री उपाध्याय ने 27 अप्रैल 2025 को आगरा सर्किट हाउस में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी एवं एडीए उपाध्यक्ष के साथ बैठक कर अधिग्रहण प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। इसके फलस्वरूप जून के पहले सप्ताह में अधिग्रहण रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई।

इतिहासकारों के अनुसार, यह कोठी जयपुर नरेश मिर्जा राजा जयसिंह के पुत्र राजा राम सिंह की थी। ऐसे में यह स्मारक महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बीच सांस्कृतिक एकात्मता का सशक्त प्रतीक बन सकता है।
मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट में होटल ऑपरेशन्स में डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत
लखनऊ। राजधानी स्थित मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट (एमकेआईटीएम) ने पर्यटन और होटल उद्योग में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए एक नई पहल की है। संस्थान ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के सहयोग से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन होटल ऑपरेशन्स पाठ्यक्रम शुरू किया है।

इस पहल की जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस कोर्स का उद्देश्य होटल उद्योग के संचालन और प्रबंधन के लिए विशेषज्ञ मानव संसाधन तैयार करना है। साथ ही, यह पाठ्यक्रम उन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो नियमित कक्षाओं में भाग नहीं ले सकते, लेकिन होटल और टूरिज्म सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं।

मंत्री ने बताया कि इस कोर्स में विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ औद्योगिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। कोर्स हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है, और यह स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए खुला है। कुल 48 क्रेडिट्स वाले इस कोर्स को इग्नू ने अलग-अलग मॉड्यूल में विभाजित किया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा, “एमकेआईटीएम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं व्यावसायिक कौशल के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। यह संस्थान न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है, बल्कि उद्योग जगत को परामर्श सेवाएं देकर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”

अब इच्छुक अभ्यर्थी इस कोर्स के लिए एमकेआईटीएम की वेबसाइट www.mkitm.com, इग्नू की वेबसाइट www.ignou.ac.in या दूरस्थ प्रवेश पोर्टल https://ignouadmission.samarth.edu.in के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं। यह कोर्स उत्तर प्रदेश के युवाओं को होटल उद्योग में वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण देकर उन्हें बेहतर करियर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रेरा की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी ने दिए कड़े निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण की साप्ताहिक समीक्षा बैठक सोमवार को अध्यक्ष संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में लखनऊ स्थित मुख्यालय के सभागार में संपन्न हुई। नोएडा कार्यालय के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

बैठक में अध्यक्ष ने एजेंडा बिंदुओं पर विस्तृत और विन्दुवार समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन प्रमोटर्स ने अब तक भूमि व नक्शों से संबंधित अभिलेख रेरा पोर्टल पर अपलोड नहीं किए हैं, उनकी सूची संबंधित विकास प्राधिकरणों को भेजी जाए। साथ ही यह पुष्टि कराई जाए कि उनके द्वारा प्रस्तुत नक्शों को प्राधिकरण ने स्वीकृति दी है या नहीं।

श्री भूसरेड्डी ने धारा 31 के अंतर्गत दायर शिकायतों, अवमानना याचिकाओं, अपीलों, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, रेरा ट्रिब्यूनल और अन्य न्यायिक मंचों पर लंबित प्रकरणों की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने इन मामलों की गंभीरता से निगरानी करने और प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

इसके अतिरिक्त, अध्यक्ष ने निम्न विषयों पर भी समीक्षा की जिसमें रेरा एजेंट्स, प्रमोटर्स और शिकायतकर्ताओं के मध्य हुए समझौतों की स्थिति। पंजीकृत परियोजनाओं में रेरा अधिनियम व नियमावली का अनुपालन और हाईकोर्ट में लंबित रिट याचिकाओं की प्रगति आदि विषय थे।

बैठक में सचिव महेंद्र वर्मा, प्रमुख सलाहकार अबरार अहमद, तकनीकी सलाहकार संजय तिवारी, वित्त परामर्शदाता सुधांशु त्रिपाठी, संयुक्त सचिव उमाशंकर सिंह, सहायक निदेशक (सिस्टम) अमरीश कुमार सहित रेरा के अन्य अधिकारी मौजूद रहे। नोएडा कार्यालय के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में जुड़े। बैठक के अंत में अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि रेरा की पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को बनाए रखने हेतु सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का समयबद्ध निर्वहन सुनिश्चित करें।
स्वाति और कनक सिंह ने युगांडा पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम किया रोशन : मंत्री नरे


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बेटियों ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ की छात्राएँ स्वाति और कनक सिंह ने युगांडा की राजधानी कैंपाला में 1 से 6 जुलाई 2025 तक आयोजित 'Uganda Para Badminton International Tournament' में अद्भुत प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर प्रदेश और देश को गौरवांवित किया है।

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)  नरेन्द्र कश्यप ने इन दोनों छात्राओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि योगी सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु किए जा रहे प्रयास आज साकार रूप ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वाति और कनक सिंह की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण मॉडल की सफलता की मिसाल है। उन्होंने कहा कि इन बेटियों ने यह प्रमाणित किया है कि यदि अवसर, संसाधन और संबल मिलें तो कोई भी शारीरिक सीमा प्रतिभा की उड़ान को रोक नहीं सकती।

उल्लेखनीय है कि स्वाति ने महिला एकल SU-5 वर्ग में रजत पदक, महिला युगल SL‑3-SU‑5 में स्वर्ण पदक तथा मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक हासिल किया, वहीं कनक सिंह ने महिला एकल SL-4 वर्ग और महिला युगल में कांस्य पदक प्राप्त किए। विश्व बैडमिंटन फेडरेशन द्वारा मान्यता प्राप्त इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 50 से अधिक देशों के पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी शामिल हुए थे, जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए इन छात्राओं ने अपनी उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय की अकादमिक और पुनर्वास व्यवस्था की सफलता बताते हुए कहा कि स्वाति और कनक सिंह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर यह सिद्ध किया है कि हमारी छात्राएँ किसी भी मंच पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रेरणादायक क्षण पूरे प्रदेश की बेटियों और दिव्यांगजनों को नई दिशा देगा।

क्रीड़ा एवं योग प्रकोष्ठ के निदेशक प्रोफेसर पाण्डेय राजीवनयन ने कहा कि यह सफलता विश्वविद्यालय की पुनर्वास नीतियों और खेल प्रशिक्षण की गुणवत्ता का प्रमाण है। कोच इरशाद अहमद ने भावुक होकर कहा कि इन दोनों खिलाड़ियों ने यह संदेश दिया है कि सच्ची लगन, मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उन्होंने कहा कि यह सफलता पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत है और वे भविष्य में और भी ऊँचाइयाँ छुएंगी, ऐसा विश्वास है।
शहीद पथ पर दिन में केवल छह घंटे ही चल सकेंगे छोटे भारी वाहन
लखनऊ । राजधानी के शहीद पथ पर होने वाले सड़क हादसों को देखते हुए कामर्शियल वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दिया गया था लेकिन यातायात विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि अब शरीद पथ पर दिन में केवल छह घंटे छोटे कॉमर्शियल वाहनों को चलने की अनुमति रहेगी। इसके लिए बकायदा निर्देश जारी कर दिया गया है। साथ ही ड्यूटी पर तैनात रहने वाली ट्रैफिक सिपाहियों को भी निर्देशित किया गया है कि निर्धारित समय के बाद अगर कोई काॅमर्शियल वाहन शहीद पथ से गुजरे तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दो साल पहले हुए हादसे के बाद से रोक दिए गए थे सभी प्रकार काॅमशियल वाहन

डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने बताया कि रविवार को  उनकी व्यापारियों के साथ एक बैठक हुई। जिसमें तय हुआ कि अब शहीद पथ पर सुबह 11 बजे शाम पांच बजे तक छोटे भारी वाहनों को चलने की अनुमति रहेगी। इसके बाद कोई छोटे भारी वाहन शहीद पथ पर नहीं चलेगा। उन्होंने बताया कि करीब दो साल पहले शहीद पथ पर भीषण सड़क हादसा हुआ था। जिसके बाद से शहीद पथ पर सभी प्रकार के कॉमर्शियल वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था।

व्यापारियों की दिक्कत को देखते हुए डीसीपी ट्रैफिक ने लिया निर्णय

बीते कुछ महीने से व्यापारियों की मांग पर छोटे कॉमर्शियल वाहन जैसे पिकअप, डाला का चलाने की मांग कर रहे थे। व्यापारियों का कहना था कि छोटे कामर्शियल वाहनों के रोक से उनके व्यापार में दिक्कत आ रही है। माल ढुलाई का खर्चा उनका बढ़ गया है। व्यापारियों की समस्याओं को देखते हुए निर्णय लिया गया कि सुबह व शाम को जब पीक आॅवर होता है तो ऐसे समय में छोटे काॅमर्शियल वाहन नहीं चलेंगे। केवल सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक ही छोटे कॉमर्शियल वाहनों को शहीद पथ पर चलने की छूट प्रदान की गई है।
9 जुलाई से शुरू होगा ‘पौधरोपण महाभियान-2025’, एक दिन में लगेंगे 37 करोड़ पौधे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 9 जुलाई से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। ‘पौधरोपण महाभियान-2025’ के तहत पूरे प्रदेश में एक ही दिन में रिकॉर्ड 37 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इस अभूतपूर्व अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसका उद्देश्य प्रदेश को अधिक हरित, स्वच्छ और पर्यावरणीय रूप से संतुलित बनाना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महाअभियान की शुरुआत अयोध्या और आजमगढ़ से करेंगे। उनके साथ वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना और राज्यमंत्री केपी मलिक मौजूद रहेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बाराबंकी में पौधरोपण करेंगी, जहां राज्यमंत्री सतीश शर्मा भी शामिल होंगे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मेरठ में तथा ब्रजेश पाठक लखनऊ में पौधे लगाएंगे। इसके अलावा, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना (शाहजहांपुर), स्वतंत्र देव सिंह (गोरखपुर), धर्मपाल सिंह (बरेली), नंदगोपाल नंदी (प्रयागराज), अनिल राजभर (आजमगढ़), बेबीरानी मौर्य (अलीगढ़), जयवीर सिंह (मैनपुरी), चौधरी लक्ष्मीनारायण (मथुरा) सहित कई मंत्री अपने-अपने जिलों में इस अभियान में भाग लेंगे।

-- निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त 
राज्य सरकार ने अभियान की निगरानी के लिए प्रशासनिक स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जो 8 जुलाई को जिलों में जाकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इन अधिकारियों में एम. देवराज (प्रयागराज), राजशेखर (वाराणसी), सुहास एल.वाई. (गोरखपुर), अनिल गर्ग (अयोध्या), पार्थ सारथी सेन शर्मा (लखनऊ) और आंजनेय सिंह (संभल) प्रमुख हैं।
वन विभाग अन्य विभागों, मंत्रालयों और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर इस महाभियान को सफल बनाने में जुटा है। हर जिले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पौधरोपण किया जाएगा, जिससे जनसहभागिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह महाभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि प्रदेश को हरित उत्तर प्रदेश के रूप में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जिस सड़क ने छीनी बहन और भाई की जिंदगी, उसी ने अब जया को भी लील लिया


लखनऊ । राजधानी के अमीनाबाद की संकरी गलियों में आज मातम पसरा है। यहां के एक परिवार पर ऐसा गम टूट पड़ा है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। राजस्थान के कोटा में खाटू श्याम दर्शन के दौरान हुए सड़क हादसे में जया शर्मा (20) की मौत ने विनोद कुमार और मंजू देवी के जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। यह तीसरी संतान है, जिसे उन्होंने सड़क हादसे में खोया है।इस परिवार की चीखों में अब केवल एक सवाल गूंज रहा है क्या हमारी औलादें इसी सड़क की भेंट चढ़ती रहेंगी?"

एक हादसे ने फिर से वही ज़ख्म ताजा कर दिया

जया शर्मा, जो ग्रेजुएशन के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी, अपने भाई अभिषेक और बहन सोनाली की मौत के बाद मां-पिता की ढांढस बनकर रह गई थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। एक हादसे ने फिर से वही ज़ख्म ताजा कर दिए, जिनसे यह परिवार कभी उबर ही नहीं पाया।पिता विनोद कुमार ने रुंधे गले से कहा—"पहले बेटी को कंधा दिया, फिर बेटे को... अब तीसरी औलाद की अर्थी उठाने की हिम्मत नहीं बची।"

यह रहा पूरा घटनाक्रम

पिछले रविवार को जब जया ने मां मंजू से कहा कि वह खाटू श्याम के दर्शन को दोस्तों के साथ जा रही है, तब किसी को क्या पता था कि ये उसकी आखिरी यात्रा होगी। वह लखनऊ के नमन चतुर्वेदी, दिल्ली के राहुल प्रकाश और गोरखपुर की अंशिका मिश्रा के साथ कार में सवार थी। हादसा गजनपुरा के पास एक गड्ढा बचाने के प्रयास में हुआ, जब उनकी कार अनियंत्रित होकर पिकअप में जा घुसी। तीन की मौके पर ही मौत हो गई और जया ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

काश, हमने उसे जाने से रोक लिया होता...

यह वही सड़क थी, जो पहले भी उनके दो बच्चों की जान ले चुकी थी — सोनाली की 2014 में और अभिषेक की 2022 में। अब तीसरी बार इस मौत की सड़क ने उनकी जया को भी उनसे छीन लिया।पड़ोसियों के मुताबिक, जया के पिता विनोद अमीनाबाद में कॉस्मेटिक की छोटी-सी दुकान चलाते हैं। अब वे गुमसुम हैं। घर का सूनापन और बच्चों की तस्वीरें उन्हें हर पल चुभ रही हैं। मां मंजू तो बस एक ही बात दोहराती जा रही हैं—"काश, हमने उसे जाने से रोक लिया होता..."

बुझ गया घर का इकलौता चिराग

राजस्थान में सड़क हादसे में जया के अलावा नमन की भी मौत हुई है। शिवाजी मार्ग अमीनाबाद निवासी नमन के पिता राम कुमार चतुर्वेदी एलडीए से बाबू पद से सेवानिवृत्त हुए है। नमन इनका इकलौता बेटा था, जाे कैंटीन चलाता था। नमन की मां ने उसे कई बार जाने से रोका लेकिन माना नहीं और गाड़ी निकालकर चल गया। अब नमन की मां रो- रोकर यह कह रही है कि खास उसकी बात मान लिय होता तो उन्हें आज यह दिन न देखना पड़ता। परिजन शव लेने रविवार को ही राजस्थान के लिए निकल दिये है।
चकबंदी विभाग की मिलीभगत से सैन्य अधिकारी को जीवित रहते मृत दिखाया, करोड़ों की जमीन पर हुआ कब्जा
लखनऊ । मोहनलालगंज क्षेत्र की बहुमूल्य कृषि भूमि को लेकर एक चौंकाने वाला धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। एक सैन्य अधिकारी को जीवित रहते मृत घोषित कर उनके नाम दर्ज लगभग 150 करोड़ रुपये मूल्य की 20 एकड़ जमीन जालसाजों ने षड्यंत्र के तहत हड़प ली। जमीन के फर्जी बैनामे, प्लाटिंग और बिक्री का यह पूरा नेटवर्क करीब 16 वर्षों तक दबा रहा, लेकिन नामांतरण के दौरान यह साजिश उजागर हो गई।

कर्मचारियों मिली भगत से 2009 में तैयार करवा लिया फर्जी मृत्य प्रमाण पत्र

पीड़िता त्रिलोचन कौर (70), निवासी बिलासपुर (रामपुर) ने बताया कि उनके पति स्वर्गीय सूरत सिंह, सेना में अधिकारी थे और नौकरी के चलते अधिकतर समय ड्यूटी पर रहते थे। इसी का फायदा उठाकर गुरविंदर सिंह नामक व्यक्ति ने चकबंदी विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से वर्ष 2009 में एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवा लिया। खुद को मृत अधिकारी का भाई बताते हुए उसने करीब 11 एकड़ जमीन अपने पिता निर्मल सिंह के नाम दर्ज करवा ली, जबकि उस समय सूरत सिंह जीवित थे।

प्रमाण पत्र बनवाने के बाद औने-पौने दामों में बेच दी जमीन

इसके बाद षड्यंत्रकारियों ने नवंबर 2009 में 3.5 एकड़ जमीन मनोरमा राय को और मार्च 2010 में 3 एकड़ भूमि रेनू सिंह (गाजियाबाद निवासी) को औने-पौने दामों में बेच दी। वर्ष 2018 में इन्हीं लोगों ने मिलकर जमीन का एक और बैनामा चंद्रशेखर मोतीराम जी देशभ्रतार के नाम कर दिया, जिसने अपने एजेंट गोकुल शंकर राव (महाराष्ट्र निवासी) के जरिए प्लाटिंग कर 20 लोगों को जमीन बेच दी। सभी बैनामों में गुरविंदर और गोकुल गवाह के रूप में शामिल रहे।

अधिकारी के निधन में बाद जमीन का नामांतरण करने के दौरान खुला राज

21 नवंबर 2022 को सूरत सिंह के निधन के बाद, जब उनकी पत्नी त्रिलोचन कौर सितंबर 2024 में बेटे अमरजीत के नाम जमीन का नामांतरण कराने लखनऊ आईं, तो डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय की जांच में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। पीड़िता की शिकायत पर डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव के निर्देश पर थाना वजीरगंज पुलिस ने गुरविंदर सिंह, निर्मल सिंह, मनोरमा राय, रेनू सिंह, चंद्रशेखर, गोकुल शंकर राव के अलावा तत्कालीन कानूनगो और लेखपाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।इंस्पेक्टर वजीरगंज राजेश त्रिपाठी ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।