टूट गई ट्रंप-मस्क की दोस्ती! टेस्ला चीफ बोले-मेरे बिना ट्रंप चुनाव हार जाते, अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया पलटवार

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अमेरिका के दो सबसे चर्चित चेहरे डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क अब आमने-सामने खड़े नज़र आ रहे हैं। अभी कुछ महीने पहले तक दोनों एक दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़ रहे थे। अब एक दूसरे के खिलाफ खुलकर खेल रहे हैं। इसकी शुरुआत एलन मस्क के डोनाल्ड ट्रंप के नीति विधेयक की तीखी आलोचना से हुई। मस्क ने व्हाइट हाउस के 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च विधेयक की कड़ी आलोचना की, जिससे ट्रंप नाराज हैं। ट्रंप ने मस्क पर बिल की जानकारी होने और फिर भी आलोचना करने का आरोप लगाया।

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व्हाइट हाउस द्वारा प्रस्तावित 4 ट्रिलियन डॉलर के खर्च और कर बिल को लेकर मस्क की तीखी आलोचना के बाद ट्रंप ने उनके साथ अपने संबंधों को लेकर सार्वजनिक रूप से संदेह जताया। ट्रंप ने कहा, एलन और मेरे बीच बहुत अच्छे संबंध थे, लेकिन मुझे नहीं पता कि हम आगे भी ऐसे ही रहेंगे या नहीं। मैं हैरान हूं।उन्होंने ये बात ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए कही।

ट्रंप का मस्क पर तीखा हमला

दरअसल, मस्क ने हाल ही में इस भारी-भरकम खर्च बिल को “घृणास्पद” बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया और आरोप लगाया कि यह अमेरिका को “दिवालिया” बना सकता है। ट्रंप का कहना है कि मस्क को इस बिल की हर बात पहले से पता थी, और उन्होंने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई थी। ट्रंप ने कहा कि मैंने स्पेसएक्स हो या टेस्ला, एलन मस्क का हमेशा समर्थन किया। लेकिन अब मुझे समझ नहीं आता कि जो शख्स अमेरिकी नीतियों से इतना लाभ उठा चुका है, वह अब हमारे बिल को गलत कैसे कह सकता है।डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी बताया कि मस्क की आलोचना के बाद से दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।

मस्क ने आरोपों का किया खंडन

वहीं मस्क ने इसका खंडन किया है। मस्क ने कहा कि ‘झूठ, यह बिल मुझे एक बार भी नहीं दिखाया गया और रात के अंधेरे में इतनी तेजी से पारित किया गया कि कांग्रेस में लगभग कोई भी इसे पढ़ भी नहीं सका।

आज फिर बिहार पहुंच रहे हैं राहुल गांधी, 5 महीने में छठा दौरा, सीएम नीतीश के गढ़ में भरेंगे हुंकार

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इस साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कोई एक बार फिर आज प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। इस साल पांच महीने में वो पांचवीं बार बिहार का दौरा करने जा रहें हैं। अपने इस दौरे में राहुल नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में हुंकार भरेंगे। इस बार उनका फोकस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गढ़ और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अति-पिछड़ा वर्ग) के वोट बैंक पर केंद्रित दिख रहा है। राहुल गांधी 6 जून को गया और राजगीर में कार्यक्रम करेंगे।

दशरथ मांझी के परिजनों से मिलेंगे

राहुल गांधी अपने दौरे की शुरुआत गया से करेंगे। वे सबसे पहले गया एयरपोर्ट पर उतरेंगे। जानकारी के मुताबिक वहां से सीधे ‘माउंटेन मैन’ के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे दशरथ मांझी के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे। गया में ही राहुल गांधी महिलाओं के साथ संवाद करेंगे, जिसमें महिलाओं से जुड़े सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

अति-पिछड़े वर्ग पर फोकस

इसके बाद राहुल गांधी राजगीर रवाना होंगे। यहां राहुल अति पिछड़ा समाज के युवाओं से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम के माध्यम से वे अत्यंत पिछड़ा वर्ग के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद स्थापित करेंगे। यह आयोजन कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है। जिसमें वह सामाजिक न्याय के मुद्दों को केंद्र में रखकर अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहती है। यह कदम साफ संकेत देता है कि राहुल गांधी अति-पिछड़े वर्गों के बीच संवेदनात्मक और सामाजिक जुड़ाव बढ़ाने की कोशिश में हैं।

5 महीनों में छठा बिहार दौरा

पिछले पांच महीनों में राहुल का यह छठा बिहार दौरा है, जो कांग्रेस की आक्रामक रणनीति की योजना की कहानी को बयां करता है। लेकिन सवाल यह है कि नीतीश के गढ़ में राहुल गांधी का यह पिछड़ा सम्मेलन क्या महागठबंधन की एकता को मजबूत करेगी या नई चुनौती पेश करेगा।

पीएम मोदी आज दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का करेंगे उद्घाटन, जम्मू-कश्मीर को देंगे 46 हजार करोड़ की सौगात

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जम्मू-कश्मीर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी पहली बार आज जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। पीएम मोदी चिनाब दरिया पर बने रेलवे के चिनाब पुल को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा वो दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। कटरा में 46000 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे।

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विकास पकड़ेगी रफ्तार

पीएम 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। इसमें 43,780 करोड़ की लागत से निर्मित 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना भी शामिल है। यूएसबीआरएल घाटी को सीधी ट्रेन कनेक्टिविटी देगा। कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित होगा।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि छह जून का दिन वास्तव में जम्मू-कश्मीर के मेरे बहनों और भाइयों के लिए विशेष दिन है। 46,000 करोड़ रुपये की लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इसका लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वास्तुकला की असाधारण उपलब्धि होने के अलावा चिनाब रेल पुल जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क में सुधार करेगा। अंजी ब्रिज भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल के रूप में चुनौतीपूर्ण भूभाग पर स्थित है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी। श्री माता वैष्णो देवी कटड़ा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेनें आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी तथा आजीविका के अवसर पैदा करेंगी।

चिनाब और अंजी रेल पुल का उद्घाटन

चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है जिसे भूकंप और हवा की हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया गया है। यह नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस पुल का एक प्रमुख प्रभाव जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाना होगा। इस पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के ज़रिए कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में सिर्फ 3 घंटे लगेंगे। अंजी ब्रिज भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है जो इस चुनौतीपूर्ण भूभाग में राष्ट्र की सेवा करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर' क्यों रखा गया मिशन का नाम? अमेरिका में शशि थरूर ने दिया ये जवाब

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कांग्रेस नेता शशि थरूर अमेरिका में हैं। थरूर भारत की तरफ से दुनियाभर में भेजे गए डेलीगेशन का हिस्सा हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखना है। कांग्रेस नेता ने यूएस स्थित नेशनल प्रेस क्लब में एक बातचीत के दौरान बताया कि आखिर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम क्यों दिया। थरूर ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है। उन्होंने सिंदूर के महत्व को बताते हुए कहा कि यह रंग खून से अलग नहीं है।

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‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना?

बुधवार को अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाद सत्र के दौरान यह पूछे जाने पर कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर, वास्तव में, मुझे लगा कि यह एक शानदार नाम है। सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो यह सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं अपनी मांग में लगाती है। यह व्यापक रूप से प्रचलित है। कुछ गैर-हिंदू भी इसे करते हैं। सिंदूर विवाह समारोह के समय लगाया जाता है और उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं। इसलिए, हम इन क्रूर आतंकवादियों के बारे में बहुत सचेत थे, जिन्होंने पति को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने गोली मार दी। आतंकियों ने महिलाओं को छोड़ दिया और जब एक पत्नी चिल्लाई, ‘मुझे भी मार दो’, तो उसे कहा गया, नहीं, ‘तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है।’ इसी कारण से महिलाएं इस जघन्य, वीभत्स कृत्य से बच गईं।

सिंदूर का रंग खून के रंग से बहुत अलग नहीं-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि उस सिंदूर को वास्तव में 26 भारतीय महिलाओं के माथे से मिटा दिया गया था, मैं हिंदू महिलाएं कहने वाला था, लेकिन उनमें से एक वास्तव में ईसाई थी, लेकिन बाकी सभी के माथे का सिंदूर इन आतंकवादी घटना में मिटा दिया गया। इसलिए हम सबसे पहले सिंदूर मिटाने की उस घटना का बदला लेना चाहते थे। लेकिन, दूसरी बात, यह कोई संयोग नहीं है कि सिंदूर का रंग लाल है, जो खून के रंग से बहुत अलग नहीं है, और कई मायनों में एक हिंदी मुहावरा है कि ‘खून का बदला खून’; यहां यह ‘सिंदूर का बदला खून’ होगा, यानी सिंदूर के साथ जो कुछ भी किया गया है, उसके जवाब में खून।

पूरी तरह से टूट चुका हूं”, आरसीबी की विक्ट्री परेड भगदड़ पर बोले विराट कोहली

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बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई। इससे 11 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 33 लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे पर आरसीबी के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली ने प्रतिक्रिया दी है। विराट कोहली ने कहा कि उनका दिल टूट गया है और वो निशब्द हैं।

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कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा- 'मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। पूरी तरह से टूट गया हूं।' उन्होंने हार्टब्रेक का इमोजी भी बनाया। विराट कोहली ने भगदड़ के बारे में आरसीबी का आधिकारिक बयान साझा किया है। आरसीबी ने हादसे के बाद एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्हें इस हादसे से दुख हुआ है।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ पर कहा, हमें बेंगलुरु में आज दोपहर मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए मिली घटनाओं की जानकारी से काफी दुख हुआ। सभी की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। आरसीबी इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के लिए शोक व्यक्त करता है और हमारी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। हालात की जानकारी मिलते ही हमने तुरंत अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों और सलाह का पालन किया। हम अपने सभी समर्थकों से अनुरोध करते हैं कि कृपया सुरक्षित रहें।

आरसीबी के आईपीएल जीतने पर बेंगलुरु में जश्न मनाया जा रहा था। मंगलवार को आईपीएल में अपना पहला टाइटल जीता था। टीम ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराया। आरसीबी की टीम जब बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची, तब वहां हजारों आरसीबी फैंस मौजूद थे। आरसीबी की टीम का विधानसभा में कर्नाटक सरकार ने सम्मान किया।

एक प्रोग्राम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी था। स्टेडियम के बाहर लाखों की भीड़ जमा हो गई थी। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

बेंगलुरु में जानलेवा जश्नः चिन्नास्वामी के बाहर आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़, 11 लोगों की मौत

#bengaluru_rcb_victory_rally_tragedy

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जीत का जश्न मातम में बदल गया। बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल 2025 ट्रॉफी जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड में बड़ा हादसा हो गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए।

इस साल आईपीएल में आरसीबी ने पहली बार खिताब पर कब्जा किया। पहली बार ट्रॉफी जीतने के बाद फैंस बुधवार को अपनी पसंदीदा टीम के साथ जश्न मनाना चाह रहे थे। जैसे ही टीम बेंगलुरू पहुंची और सेलिब्रेशन का शेड्यूल आया तो प्रशंसक एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की ओर चल पड़े।अनुमान है कि करीब 5 लाख लोग इस जश्न में शामिल होने पहुंचे थे, जबकि स्टेडियम की कुल क्षमता सिर्फ 40,000 लोगों की है। अधिक भीड़ के बावजूद लोग जबरन स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रहे थे।

इसी दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, कई लोग गिर पड़े और एक-दूसरे के पैरों तले कुचले गए। चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के बाद हर तरफ चीख पुकार मची थी। रिपोर्ट के अनुसार कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वे बेहोश हो गए।

पुलिस सूने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए मुख्य वजह विजय परेड को लेकर असमंजस, फ्री पास, अत्यधिक भीड़ और चिन्नास्वामी स्टेडियम में सीमित सीटों को बताया है। उन्होंने कहा कि आरसीबी टीम के स्वागत के लिए बंगलूरू के क्रिकेट प्रेमी मंगलवार रात से ही सड़कों पर उमड़े हुए थे। बुधवार को राज्य विधानसभा में जब टीम का स्वागत किया गया तब भी भारी भीड़ जमा थी। वहीं, चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न को लेकर उसके बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि इस दौरान कई ऐसे लोग जिनके पास स्टेडियम में जाने के लिए वैध टिकट नहीं था, वे टिकट वालों के साथ अंदर घुसने की कोशिश करने लगे, जब उन्हें रोका गया तो अफरातफरी मच गई। इस दौरान स्टेडियम में घुसने के लिए कई लोग उसके गेटों पर चढ़ने की कोशिश करते समय जमीन पर भी गिर गए, तथा कुछ घायल हो गए।

RCB की जीत का जश्न बना मातम, बेंगलुरु में भगदड़ में 7 की मौत

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* चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर विक्ट्री परेड में हुआ हादसा, हजारों फैंस के बीच अफरातफरी

बेंगलुरु। IPL 2025 में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) की ऐतिहासिक जीत के जश्न का माहौल मातम में बदल गया, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित विजय जुलूस के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई और भयानक भगदड़ मच गई।

प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले 3 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी, जिसमें 2 पुरुष और 1 महिला शामिल थे। लेकिन देर शाम तक यह संख्या बढ़कर 7 हो गई। मृतकों में एक किशोरी और एक बुजुर्ग महिला भी बताई जा रही हैं।

◼ दीवानगी में टूटी सीमाएं

हजारों की संख्या में जुटे RCB समर्थकों ने टीम की झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर भीड़ लगा दी। जैसे ही खिलाड़ी बस से बाहर आए, लोग बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे, जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया। इस भगदड़ में कई लोग ज़मीन पर गिर पड़े, कुछ एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ का आकार और जुनून दोनों ही भारी पड़ गए।

◼ प्रशासन की प्रतिक्रिया

स्थानीय प्रशासन और कर्नाटक पुलिस द्वारा हालात को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दुखद घटना ने IPL की जीत की खुशी को गहरे शोक में बदल दिया है। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं कि इस तरह की अव्यवस्था कैसे हुई और जिम्मेदार कौन हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर नहीं होगा संसद का विशेष सत्र, मानसून सेशन में ही होगी चर्चा?

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संसद के मानसून सत्र की तारीख सामने आ गई है। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को यह जानकारी दी। माना जा रहा है कि इस सत्र के दौरान पाकिस्तान से लेकर ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा होने की उम्मीद है। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार विपक्ष सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले मॉनसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो सकती है।

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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को बताया कि मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो कर 12 अगस्त तक चलेगा। रिजिजू ने बताया कि सत्र के दौरान ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, हर सत्र खास होता है और हम ऑपरेशन सिन्दूर सहित सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने आगे कहा, सरकार चाहती है कि सभी को साथ लिया जाए– हमने विपक्ष से संपर्क किया है और उम्मीद है कि हर कोई एकजुट रुख अपनाएगा। किरेन रिजिजू ने बताया कि संसद सत्र की तारीखें कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स की बैठक में तय की गईं, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।

विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर संसद में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। 16 दलों ने पीएम मोदी को मंगलवार को पत्र लिखे थे. वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने इसी बीच मानसून सत्र की तारीख का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ यह भी बता दिया गया है कि विपक्ष की लगातार मांग के बाद भी ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र नहीं होगा।

हालांकि, अब मानसून सत्र की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। ऐसे में संसदीय कार्य मंत्री के इस बयान को एक राजनीतिक 'सिग्नल' के तौर पर देखा जा रहा है कि सरकार इस पर बहस के लिए पीछे नहीं हटेगी।

देश में कोरोना के मरीज 4300 के पार, पिछले 24 घंटों में 276 नए केस, 7 मरीजों की मौत

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देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है, जिसके साथ ही देशभर में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 4,302 हो गई और सात नई मौतें दर्ज की गईं. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह ताजा आंकड़े जारी किए हैं। वहीं, कोरोना के बढ़े मामले को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है।

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देश में पिछले 24 घंटों में कोविड के लगभग 276 नए मामले दर्ज किए गए और 7 लोगों की मौत हुई है। देश में जनवरी 2025 से अब तक कोरोना से टोटल 39 मौत की जानकारी सामने आई है। देश में जिस तरह मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, उससे लोगों को चिंता में जरूर डाल दिया है। कई लोग एहतियातन मास्क पहनना शुरू कर दिया है।

कहां-कितने केस हैं एक्टिव

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में पश्चिम बंगाल में 60 नए मामले सामने आए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में क्रमश 63 और 64 संक्रमण के मामले मिले हैं। एक दिन पहले कोविड-19 के 65 नए मामलों के साथ एक्टिव केस की संख्या 4,026 तक पहुंच गई थी। इसी अवधि में दिल्ली में 47 नए मामले दर्ज किए गए और केरल में 35 नए मामले सामने आए. इस समय दिल्ली में 457, गुजरात में 461, कर्नाटक में 324, केरल में 1373, महाराष्ट्र में 510, तमिलनाडु में 216, उत्तर प्रदेश में 201 और पश्चि बंगाल में 432 मामले एक्टिव हैं।

स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने की दर कम बनी हुई है। इस बीच कर्नाटक के कालाबुरागी में गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियाती उपाय के रूप में 25-बेड वाला कोविड-19 वार्ड स्थापित किया है।

आप सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस लगातार इस मांग को उठा रही है। अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऑपरेशन सिंदूर और केंद्र सरकार द्वारा अचानक सीजफायर करने फैसले पर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है। संजय सिंह के पत्र में प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार देश से संबंधित महत्वपूर्ण चर्चाओं से अनुपस्थित रहने और भारत की संप्रभुता व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम निर्णयों में पारदर्शिता की कमी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।

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संजय सिंह ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मैं एक चिंतित सांसद और भारत की जनता की आवाज के रूप में आपको यह पत्र लिख रहा हूं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर स्पष्टता, नेतृत्व और पारदर्शिता चाहती है। पहलगाम की दुखद घटना के बाद भारतीय सेना ने त्वरित और सराहनीय कदम उठाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया। यह राष्ट्रीय एकता और सैन्य दृढ़ता का क्षण था।

पीएम के उपस्थित नहीं रहने से निराशा

आप सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि सरकार ने ऑपरेशन के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देने के लिए दो सर्वदलीय बैठक की, लेकिन सर्वदलीय बैठक में हर बार प्रधानमंत्री गैरहाजिर रहे हैं। बैठक में पीएम के उपस्थित न रहने की वजह से सभी को निराशा हुई।उनकी अनुपस्थिति को सभी दलों और इससे भी ज्यादा देश की जनता इस महत्वपूर्ण समय में अपने नेता से मजबूत और एकजुट उपस्थिति की उम्मीद करती थी। बैठक में पीएम के उपस्थित नहीं रहने की वजह से सभी को निराशा हुई।

विदेशी दबाव में अचानक सीजफायर का ऐलान

जब ऑपरेशन सिंदूर तेजी से आगे बढ़ रहा था और भारतीय सेना को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) वापस लेने की मजबूत स्थिति में देखा जा रहा था, तब अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक ट्वीट से सीजफायर की खबर आई। ट्रंप ने दावा किया कि भारत और पाकिस्तान दोनों को व्यापार नहीं करने की धमकी दी, जिसके बाद सीजफायर हुआ।

पीएमओ से कोई स्पष्टीकरण नहीं आया

अमेरिकी राष्ट्रपति के सीजफायर को लेकर आए कई सार्वजनिक बयानों और ट्वीट्स के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई खंडन या स्पष्टीकरण नहीं आया। इस चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं और भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जनता का भरोसा खत्म हुआ है।