आकाशीय बिजली गिरने से वन श्रमिक की मौत, तीन घायल

बालोद- जिले में मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट ली और गरज-चमक के साथ बेमौसम बारिश हुई। इस दौरान तांदुला किनारे के जंगल में आकाशीय बिजली गिरने से एक वन श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि तीन अन्य श्रमिक घायल हो गए। मृतक की पहचान 65 वर्षीय रामजी कोर्राम के रूप में हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी वन श्रमिक तांदुला के जंगल में साफ-सफाई के काम के लिए गए हुए थे। इसी दौरान तेज बारिश और गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में श्रमिक रामजी कोर्राम आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वहीं तीन अन्य श्रमिक घायल हो गए। घायलों को तत्काल जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। सभी घायल खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

जानलेवा साबित हो रहा अवैध रेत खनन : रेत से भरे हाइवा ने बाइक सवार को रौंदा, मौके पर ही मौत, धरने पर बैठे ग्रामीण

आरंग-  क्षेत्र में महानदी से रेत का अवैध खनन और परिवहन जानलेवा साबित हो रहा है. नगर पंचायत समोदा में मंगलवार देर शाम रेत से भरे हाइवा की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना से गुस्साए ग्रामीण शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए हैं.

मृतक युवक ग्राम परसदा का रहने वाला बताया जा रहा, जो समोदा से अपने गांव वापस जा रहा था. इसी दौरान रेत से भरे बेमेतरा पासिंग हाइवा वाहन ने युवक को चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मौत हो गई. घटना से गुस्साए लोग हाइवा के सामने धरने पर बैठे हैं. ग्रामीणों का कहा है कि शिकायत के बाद भी अवैध रेत खनन और परिवहन पर कार्रवाई नहीं हो रही. इसके चलते रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है. घटना की सूचना पर आरंग पुलिस मौके पर पहुंची है और हालत पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.

मार्ग सकरा, अवैध रेत परिवहन से आए दिन हो रहे हादसे

लोगों का कहना है कि समोदा का मुख्य मार्ग सकरा है और सड़क किनारे दुकानदारों का अतिक्रमण है. शाम होने के बाद से यहां से रेत का अवैध परिवहन शुरू हो जाता है. बेमेतरा, बलौदाबाजार, कवर्धा जैसे बड़े जिलों से भारी वाहन इस मार्ग पर रेत लेकर गुजरते हैं, जिससे आए दिन यहां हादसे होते रहते हैं.

शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई

लोगों का कहना है कि इन दिनों एक तरफ जहां प्रदेश सरकार सुशासन तिहार मनाकर जनता की समस्याओं का निराकरण करने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ आरंग क्षेत्र में महानदी से रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है. राजस्व विभाग लगातार शिकायत के बाद भी आरंग क्षेत्र में रेत के अवैध खनन और परिवहन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है. शासन के नियमानुसार शाम 06 बजे से सुबह 06 बजे तक रेत उत्खनन प्रतिबंधित है. इसके बाद भी दिन की अपेक्षा रात में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन बड़ी तादाद में हो रहा है.

राहुल के बुलावे पर बघेल दिल्ली रवाना, झीरम और सीजफायर के मुद्दे पर साधा निशाना, कहा- …उनके मंत्री आउट ऑफ कंट्रोल

रायपुर- कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दिल्ली दौरे पर हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बुलावे पर वे दिल्ली के लिए आज सुबह रवाना हुए. दिल्ली में राहुल गांधी के साथ भूपेश बघेल बैठक करेंगे. साथ ही बघेल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होंगे.

दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा की, इस दौरान उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, जिसमें मुख्य तौर पर सीजफायर और झीरम का मुद्दा शामिल है. उन्होंने भाजपा के मंत्री पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे आउट ऑफ कंट्रोल हो चुके हैं. 

भूपेश बघेल ने अपने दौरे को लेकर बताया कि भारत के पूर्व PM राजीव गांधी का आज शहादत दिवस है, भारत के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है, हम सब नमन करते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ आज बैठक है, इसी सिलसिले में दिल्ली जाना हो रहा है. 

सीजफायर को लेकर केंद्र पर भूपेश का निशाना 

भारत और पकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने फिर से सरकार पर निशान साधा है. उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी घटना घटी, जिसमें 26 लोगों की जान गई. लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर हमले शामिल वह पांच आतंकी कहां है? बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनको पकड़ने के लिए सेना को क्यों नहीं भेजा और जब हमारी भारतीय सेना ने ऑपरेशन चलाकर बढ़त बना ली थी, तब सीजफायर कर दिया गया. ऐसे में सवाल तो पूछे जाएंगे.

भाजपा के मंत्री आउट ऑफ कंट्रोल : भूपेश बघेल

ऑपरेशन सिन्दूर और भारतीय सेना पर मंत्रियों के बयानबाजी से मची खलबली के बीच पूर्व सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा के मंत्रियों के मुंह पर कोई कंट्रोल नहीं है. कोई कुछ भी हमारी भारतीय सेना को लेकर बयान दे रहा है. 

झीरम पर जांच क्यों नहीं ?

झीरम हत्याकांड पर पूर्व CM भूपेश बघेल ने सवाल किए हैं. पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि इस गंभीर मामले में हमने SIT का गठन किया, केस NIA कोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने रोक लगा दी, फिर सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दे दी. शीर्ष न्यायलय की अनुमति के बाद अब राज्य सरकार झीरम हत्याकांड में जांच क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सरकार SIT गठन करके जांच क्यों नहीं कर रही है? NIA की कोर्ट ने गणपति और जिन दूसरे नेताओं से बयान लेने कहा था, अबतक उनसे बयान क्यों नहीं लिया गया?

रायपुर रेलवे स्टेशन के समीप पटरी से उतरी मालगाड़ी, दो ट्रेक पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित

रायपुर- रायपुर रेलवे स्टेशन के ठीक पहले मालगाड़ी के दो रैक पटरी से उतर गए. सुबह करीब सात बजे घटित घटना से दो ट्रेक पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. स्थिति को देखते हुए ट्रेनों को प्लेटफार्म पांच और छह से डायवर्ट कर चलाया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, बिलासपुर से दुर्ग की ओर जा रही मालगाड़ी के दो रैल रायपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने से ठीक पहले पटरी से उतर गए. घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन हरकत में आया और रैक को पटरी पर लाने का काम आनन-फानन में चालू किया गया.

पिक अवर में हुई घटना के बाद यात्री ट्रेनों को स्टेशन के प्लेटफार्म एक, दो और तीन पर आने वाली ट्रेनों को चार, पांच और छह प्लेटफार्म से डायवर्ट कर निकाला जा रहा है.

किसानों ने इथेनॉल प्लांट में जड़ा ताला, पोटाश खाद अमानक होने से आर्थिक क्षति का लगाया आरोप, शासन से की ये मांगें

कवर्धा- जिले के रामहेपुर स्थित एथेनॉल प्लांट में मंगलवार को किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान प्लांट के सामने जुटे और शासन से अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर घेराव कर दिया। नाराज किसानों ने प्लांट के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया।

किसानों का आरोप है कि इथेनॉल प्लांट में तैयार किया गया पोटाश खाद अमानक और खराब गुणवत्ता वाला है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। प्लांट में लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से यह खाद तैयार किया गया था, लेकिन वितरण के बाद किसानों ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए। वहीं मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया।

ये है किसानों की प्रमुख मांगें

किसानों ने मांग की है कि एथेनॉल कंपनी द्वारा तैयार किया गया पोटाश खाद मानक स्तर का नहीं है, जिससे किसानों को आर्थिक क्षति हुई है। इसकी क्षतिपूर्ति की जाए।

एथेनॉल कंपनी द्वारा भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने की ₹19 करोड़ बकाया राशि का भुगतान किया जाए।

किसानों को हाल ही में वितरित गुणवत्ताहीन पोटाश की खरीदी को लेकर धोखाधड़ी का आरोप है। सभी किसानों को पैसा लौटाया जाए।

इन्हीं मांगों को लेकर किसानों ने प्लांट में तालाबंदी कर घेराव किया। किसानों की यह भी मांग है कि जब तक एथेनॉल प्लांट द्वारा बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता और किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं की जाती, तब तक भोरमदेव से इन्हें कच्चे माल (मोलासेस) की सप्लाई पर रोक लगा दी जाए।

राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस: मुख्यमंत्री श्री साय ने किया एकजुटता का आह्वान, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस पर प्रदेशवासियों से आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा, शांति, सद्भाव और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रत्येक नागरिक को संकल्पित होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार जैसी देशविरोधी प्रवृत्तियों की जड़ें समाप्त करना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। यही हमारे शहीद जवानों और मासूम नागरिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने सख्त कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद को करारा जवाब दिया है। यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति और अडिग संकल्प का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को अपनाया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि देश की संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे एकजुट होकर आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य राष्ट्रविरोधी ताकतों का डटकर मुकाबला करें, ताकि एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध भारत का निर्माण सुनिश्चित किया जा सके।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण का आधार, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की गुणवत्ता और उपस्थिति की भ्रांतियों को किया दूर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने के लिए किए जा रहे युक्तियुक्तकरण को लेकर विभिन्न शैक्षिक संगठनों द्वारा उठाए गए सवालों के संबंध में शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने, शिक्षकों के संतुलित वितरण और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुपालन के उद्देश्य से की जा रही है।

शिक्षा विभाग का मानना है कि 2008 के सेटअप की प्रासंगिकता नहीं रही, अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम ही युक्तियुक्तकरण का आधार है। 2008 के स्कूल सेटअप में प्रधान पाठक और दो सहायक शिक्षकों की व्यवस्था थी, जो उस समय की आवश्यकताओं के अनुरूप थी, लेकिन 01 अप्रैल 2010 से पूरे देश में लागू हुए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के बाद नए मानक लागू हुए। अधिनियम के तहत 60 छात्रों तक के लिए 2 शिक्षकों का प्रावधान है और 150 से अधिक छात्रों पर ही प्रधान पाठक की नियुक्ति की जाती है। चूंकि छत्तीसगढ़ में पहले से ही कई स्कूलों में प्रधान पाठक का पद स्वीकृत था, इसलिए उन्हें सहायक शिक्षक की गिनती में जोड़ा गया है।

शिक्षा विभाग के अनुसार दो शिक्षकों से पांच कक्षाओं को पढ़ाने के सवाल के जवाब में कहा गया है कि बहुकक्षा शिक्षण ही इसका बेहतर समाधान है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि औसतन प्राथमिक स्कूलों में दो ही कक्ष निर्मित होते हैं और शिक्षा का अधिकार अधिनियम में भी 60 छात्रों तक के लिए दो शिक्षकों की व्यवस्था का प्रावधान है। ऐसे में शिक्षकों को बहुकक्षा शिक्षण का प्रशिक्षण दिया गया है ताकि वे विभिन्न कक्षाओं को एक साथ गुणवत्तापूर्वक पढ़ा सकें। आंकड़ों के अनुसार राज्य के 30,700 प्राथमिक विद्यालयों में से लगभग 17,000 में छात्र-शिक्षक अनुपात 20 से भी कम है, जिससे यह स्पष्ट है कि छात्रों के अनुपात में शिक्षक पर्याप्त संख्या में हैं।

शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 60 से कम दर्ज संख्या वाली शालाओं को लेकर फैलाई जा रही भ्रांति निराधार हैं। कुछ संगठनों ने यह आशंका व्यक्त की थी कि 60 से कम दर्ज संख्या वाली 20,000 से अधिक शालाएं व्यवहारिक रूप से एकल-शिक्षकीय हो जाएंगी। इस पर विभाग ने स्पष्ट किया कि इन स्कूलों में दो शिक्षकों की व्यवस्था की गई है, जिसमें प्रधान पाठक भी एक शिक्षकीय पद है। अतः यह कहना गलत है कि ये शालाएं एक शिक्षक के भरोसे चलेंगी। शिक्षा विभाग ने यह दोहराया है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शिक्षकों की संख्या को कम करना नहीं, बल्कि उनकी तैनाती को तर्कसंगत बनाकर सभी विद्यार्थियों को समान अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि कहीं भी छात्र-शिक्षक अनुपात अधिनियम से नीचे न जाए। शिक्षा विभाग का यह मानना है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया न केवल विधिक मानकों पर आधारित है, बल्कि इसका उद्देश्य राज्य में प्राथमिक शिक्षा को और अधिक प्रभावी, समान और गुणवत्तापूर्ण बनाना है।

हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंच रहा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आम लोगों की राजस्व संबंधी समस्याओं के तेजी से निराकरण करने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों के निराकरण के लिए कलेक्टरों को नियमित रूप से राजस्व न्यायालयों का संचालन करने और इसके लिए दिन भी निर्धारित करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार का जायजा लेने के लिए अब तक 19 जिलों का औचक निरीक्षक और समाधान शिविर में शामिल हो चुके हैं। जनता से मिले फीडबैक से इस बात का गर्व है कि हमारी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उन लोगों तक पहुंच रहा है, जिनके लिए सरकार ने योजनाएं बनाई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए टीम वर्क के साथ काम करना ही हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री आज दुर्ग जिले में आकस्मिक निरीक्षण, समाधान शिविर में शामिल होने के बाद दुर्ग जिला मुख्यालय में कवर्धा, बेमेतरा और दुर्ग जिले के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने सुशासन तिहार में सक्रिय भागीदारी और परिश्रम से अच्छा कार्य किया है। आप सभी ने संकल्प लेकर नागरिकों की समस्याओं के समाधान हेतु कार्य किया है, यह अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं और शिकायतों के समाधान का प्रतिशत बेहतर है, जिससे यह स्पष्ट है कि हम सुशासन और आम जनता की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं। पिछले डेढ़ वर्ष में हमने अनेक अच्छे कार्य किए हैं, जिसका अच्छा फीडबैक जनता से मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी समस्त योजनाएं आमजनता को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं। श्री साय ने कहा कि जनहित में किए गए अच्छे कार्यों की हमेशा प्रशंसा होती है और जो अधिकारी अच्छा कार्य करेंगे उन्हें हम पुरस्कृत भी करेंगे। वहीं यदि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों पर जवाबदेही तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जहां कहीं भी पेयजल की समस्या हो, इसको दूर करने का पुख्ता प्रबंध किया जाए। उन्होंने बरसात की मौसमी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए अभी से तैयारी करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण हेतु किसानों को फसल चक्र अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए तथा कम पानी वाली फसलों जैसे दलहन एवं तिलहन की खेती को बढ़ावा देने विशेष रूप से प्रयास हो। श्री साय ने कहा कि राजस्व से जुड़े लंबित मामलों के शीघ्र समाधान के लिए शिविरों का आयोजन आगे भी नियमित रूप से किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों के आधार कार्ड और ई-केवाईसी के कारण होने वाली दिक्कतों को भी तेजी से दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि अविवादित नामांतरण के प्रकरण तेजी से निपटाएं और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोगों को तत्काल राहत दें। उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना की विस्तार से समीक्षा की और सुशासन तिहार के अंतर्गत आवास के संबंध में प्राप्त आवेदनों के निराकरण के संबंध में दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से अंतर विभागीय समन्वय स्थापित कर निर्माणाधीन सड़कों और शासकीय भवनों लंबित निर्माण कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।

बैठक में स्वामित्व योजना की भी समीक्षा की गई। साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आय सृजन गतिविधियों और ड्रोन दीदियों के प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन दीदियों के प्रशिक्षण की पुख्ता व्यवस्था की जाए ताकि महिलाएं तकनीक से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री कहा कि बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने से महिलाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुले है। कंस्ट्रक्शन के लिए सेटरिंग प्लेट को किराए में देकर समूह की महिलाएं अच्छी आय प्राप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ऐसी सभी संभावनाओं पर लगातार काम करना है। बैठक में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कार्ड वितरण की प्रगति, संस्थागत प्रसव की स्थिति, स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट्स की तैनाती, और सिकलसेल स्क्रीनिंग की वर्तमान स्थिति की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा तालाबों और छोटे जल स्रोतों के इनलेट मार्ग अवरुद्ध न हों, ताकि वर्षा जल का संचयन सुचारु रूप से हो सके और भूजल स्तर बना रहे।

मुख्यमंत्री ने भारतीय न्याय संहिता के कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए ताकि न्याय की संकल्पना पूर्ण रूप से साकार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों में जो तकनीक आधारित प्रावधान शामिल किए गए हैं, उनका समुचित और पूर्ण उपयोग सुनिश्चित किया जाए, जिससे न्याय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी हो। उन्होंने कहा कि नशे के कारण अपराध में वृद्धि हो रही है, इसके खिलाफ लगातार कड़े कदम उठाएं। शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर उन्होंने कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री साय ने कहा कि सभी किरायेदार की सूचना पुलिस के पास हो और मकान मालिकों को इसके लिए विशेष निर्देश दिए जाए। यदि मकान मालिक जानकारी नहीं देंगे तो उन पर कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को विलेज लेवल रजिस्टर को अनिवार्य रूप से मेंटेन करने के निर्देश दिए ताकि अधिकारियों के स्थानांतरण होने पर नए अधिकारियों को भी आपराधिक गतिविधियों और संदिग्धों की जानकारी प्राप्त हो सके।

बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, विधायक सर्व डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, ललित चंद्राकर, गजेन्द्र यादव, रिकेश सेन एवं ईश्वर साहू, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, संभागायुक्त एस. एन राठौर, आईजी आर जी गर्ग, तीनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने भू-जल संवर्धन मिशन का किया शुभारंभ, भू-जल और वर्षा जल संरक्षण पर शहरों में होंगे प्रभावी काम

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) का शुभारंभ किया। इसके तहत प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में भू-जल और वर्षा जल के संरक्षण-संवर्धन के लिए मिशन मोड पर काम किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में मिशन के ब्रोशर का विमोचन और इस पर तैयार वीडियो भी लॉन्च किया। उन्होंने राज्य के नौ नगरीय निकायों में सेवाकाल के दौरान दिवंगत 18 कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र भी सौंपा।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव, जल संसाधन तथा रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, विधायकगण राजेश मूणत, सुनील सोनी, मोती लाल साहू, पुरन्दर मिश्रा, गुरू खुशवंत साहेब, इन्द्र कुमार साहू, रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे और वाटरमैन के नाम से मशहूर राजेन्द्र सिंह भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। भू-जल संवर्धन मिशन के शुभारंभ के मौके पर आयोजित कार्यशाला में हाइड्रोलॉजिस्ट्स, कॉलोनाइजर्स, उद्योग समूह, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने जल संरक्षण, इसके उपायों और परिणामों पर मंथन किया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव और भारत के वाटरमैन के नाम से प्रसिद्ध राजेन्द्र सिंह ने भी कार्यशाला में अपने विचार रखे तथा प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिए। गुजरात के सूरत म्युनिसिपल कार्पोरेशन की टीम ने वहां वर्षा जल के संचय और भू-जल रिचार्ज के लिए किए जा रहे कार्यों को साझा किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय भू-जल संवर्धन मिशन (शहरी) के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जल की पर्याप्त उपलब्धता की चिंता करते हुए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा इस महत्वाकांक्षी मिशन की शुरूआत की जा रही है। इसके लिए मैं उप मुख्यमंत्री अरुण साव और नगरीय प्रशासन विभाग को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्षा जल और भू-जल के संरक्षण व संवर्धन में यह मिशन मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में जल संरक्षण के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीणों की सहभागिता से ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों अभियानों का मकसद एक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर जल संरक्षण के लिए पूरे देश में अमृत सरोवरों के रूप में नए तालाबों का निर्माण और पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। आज मिशन के शुभारंभ के मौके पर चार घंटों तक विशेषज्ञों ने इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर संवाद किया है। श्री साय ने कहा कि जल को लेकर यदि हम अभी सचेत और सावधान नहीं होंगे तो आने वाला समय मुश्किल होगा।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने शुभारंभ कार्यक्रम में कहा कि वर्षा जल के संचय, संरक्षण और भू-जल को रिचार्ज करने के उपायों पर विशेषज्ञों ने अभी चार घंटे तक चर्चा की है। वाटरमैन राजेन्द्र सिंह और सूरत नगर निगम के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इस संवाद के दौरान जल के संरक्षण और संवर्धन के कार्यों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने और राज्य में वर्षा के पैटर्न के अनुरूप फसल चक्र अपनाने की बातें प्रमुखता से आई हैं। श्री साव ने कहा कि आने वाले समय में शहरों में पेयजल और अन्य जरूरतों के लिए पानी की व्यवस्था की चुनौतियों को देखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा इस मिशन को प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त बारिश होती है। इसके सावधानीपूर्वक संचय और संवर्धन से हम पानी की दिक्कतों को दूर कर सकते हैं।

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने भू-जल संवर्धन मिशन के शुभारंभ पर खुशी जताते हुए कार्यक्रम में कहा कि इस मिशन के तहत अनुकरणीय काम होंगे, ऐसी उन्हें उम्मीद है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जनभागीदारी से जल संचय करने में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में प्रथम स्थान मिला है। जल के महत्व को देखते हुए इसके स्रोतों के पुनर्भरण और रिचार्ज करने के लिए गंभीरता से काम करने की जरूरत है। जल संसाधन विभाग भी इस पर गंभीरता से काम कर रहा है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक आर. एक्का और राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ शशांक पाण्डेय सहित सभी नगर निगमों के महापौर, सभापति और आयुक्त, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरीय निकायों के अभियंता, जल विशेषज्ञ, समाजसेवी, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि, नगरीय प्रशासन विभाग और सुडा के अधिकारी बड़ी संख्या में शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद थे।

विश्व विधिक मापविज्ञान दिवस पर रायपुर में हुआ कार्यक्रम, मंत्री दयालदास ने कहा – उचित मापन व्यवस्था उपभोक्ता संरक्षण का आधार

रायपुर- छत्तीसगढ़ में आज विश्व विधिक मापविज्ञान दिवस (World Legal Metrology Day) का आयोजन पूरे उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर विधिक माप विभाग ने न्यू सर्किट हाउस, सिविल लाइन रायपुर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें विभागीय अधिकारियों, व्यवसायियों, उपभोक्ताओं एवं अन्य हितधारकों की सहभागिता रही। इस वर्ष विधिक मापविज्ञान दिवस की थीम ‘हर समय, सभी के लिए सटीक माप’ थी, जिसके अंतर्गत मापों की शुद्धता और पारदर्शिता के माध्यम से पर्यावरणीय एवं सामाजिक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया गया.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि उचित मापन व्यवस्था उपभोक्ता संरक्षण का आधार है और विधिक माप विभाग इसमें अहम भूमिका निभाता है। विभाग की ओर से की जा रही निगरानी एवं नवाचार सराहनीय है. इस अवसर पर विभाग के वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विधिक माप विज्ञान विभाग में उच्चतम राजस्व संग्रह के लिए असाधारण समर्पण और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले निरीक्षकों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विधिक माप यंत्रों की प्रदर्शनी, जागरूकता सत्र एवं उपभोक्ता फीडबैक सेशन का भी आयोजन हुआ. विधिक मापविज्ञान नियंत्रक देवेन्द्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि विभाग द्वारा पूरे राज्य में दुकानों, पेट्रोल पंपों एवं पैक वस्तुओं की नियमित जांच कर उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की जा रही है. उन्होंने विभाग की आगामी योजनाओं एवं डिजिटल मापन प्रणाली को भी साझा किया. विभागीय प्रयासों से मानकों के प्रवर्तन और विभाग की वित्तीय दक्षता में महत्वपूर्ण योगदान रहा है.