पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल: मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री ने नवा रायपुर में किया नारियल पौधे का रोपण

रायपुर- पर्यावरण संरक्षण और हरित छत्तीसगढ़ की दिशा में एक सकारात्मक पहल करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवा रायपुर स्थित सेंट्रल पार्क में नारियल का पौधा रोपित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने नारियल के पौधों का रोपण कर हरियाली बढ़ाने के संकल्प को और मजबूत किया।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि वृक्ष जीवन का आधार हैं। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक पौधे लगाएं और पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन का रूप दें।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में हरित आवरण को बढ़ाने हेतु संकल्पित है और वृक्षारोपण को एक जन-भागीदारी अभियान के रूप में आगे बढ़ा रही है। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, कृषि संचालक राहुल देव, उद्यानिकी संचालक एस. जगदीशन सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

तेज रफ्तार ट्रेलर की टक्कर से महिला की मौत, इधर अनियंत्रित होकर यात्रियों से भरी बस पलटी, 12 से अधिक घायल…

रायगढ़/बलरामपुर- छत्तीसगढ़ में रफ्तार का कहर का थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को भी दो जिलों से दो दर्दनाक हादसे हुए हैं. रायगढ़ में पति के साथ बाइक पर सवार होकर जा रही महिला की सड़क हादसे में मौत हो गई. वहीं बलरामपुर में बस अनियंत्रित होकर पलटने से चीख पुकार मच गई. 

सड़क हादसे में महिला की मौत 

रायगढ़ जिले के संबलपुरी के पास सोमवार को एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने मोटरसाइकिल को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे बाइक सवार महिला की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे में महिला का पति गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने सड़क पर चक्का जाम कर दिया. देखते ही देखते वाहनों की लंबी कतार लग गई और यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया. सूचना के बाद चक्रधर नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गई.

यात्री बस पलटी, यात्रियों में मचा हड़ंकप

बलरामपुर जिले में सोमवार सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. एनएच-343 के झींगों अलखडीहा के पास ओवरटेक करने के दौरान यात्री बस अनियंत्रित होकर बीच सड़क पर पलट गई. हादसा होते ही मौके पर यात्रियों में हड़ंकप मच गई. बस में सवार 12 से अधिक यात्रियों को गंभीर चोटें आई हैं, वहीं कुछ यात्री बस के अंदर फंसे होने की बात सामने आ रही है. घटना राजपुर थाना क्षेत्र की है. 

सूचना मिलते ही राजपुर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों का रेस्क्यू किया. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

रायपुर में सात दिवसीय राष्ट्रीय प्रिंटकला कार्यशाला का शुरू

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, जो अपनी आदिम कला और संस्कृति के लिए विख्यात है, में 10 मई से 16 मई तक वेदांता सिटी, कांदूल में सात दिवसीय राष्ट्रीय प्रिंटकला (प्लेटोग्राफी) कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यशाला का शुभारंभ प्रख्यात प्रिंटमेकर प्रो. व्ही. नागदास के नेतृत्व में देश के प्रसिद्ध प्रिंटमेकर और चित्रकार प्रो. अजित शील (शांति निकेतन, पश्चिम बंगाल), रमेन्द्रनाथ काश्ठा (कोलकाता, पश्चिम बंगाल), और प्रो. विजय बगोड़ी (बड़ोदरा, गुजरात) ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया.

‘डॉट्स एंड लाइन्स’ नाम से रायपुर में पहली बार आयोजित इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से प्रख्यात कलाकार और उभरते प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं. आयोजनकर्ता प्रो. व्ही. नागदास ने बताया कि इस कार्यशाला में प्रो. अजित शील, रमेन्द्रनाथ काश्ठा, प्रो. विजय बगोड़ी, और प्रो. धनंजय पाठक (नागपुर, महाराष्ट्र) जैसे अनुभवी प्रिंटमेकर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे.

प्रतिभागियों में मोना गुप्ता (राउरकेला, झारखंड), दुर्गा दास (खैरागढ़, छत्तीसगढ़), मुक्ता यदू दास (रायपुर, छत्तीसगढ़), डॉ. अंबरीश मिश्र (प्रयागराज, उत्तर प्रदेश), अर्चना जैन (कोरबा, छत्तीसगढ़), डॉ. निशा चड्ढा (अंबाला, हिमाचल प्रदेश), हेमलता दत्त (बोकारो, झारखंड), सुकांत दास (रायपुर, छत्तीसगढ़), अंकिता दौलतबो ॐप्रतिभागी शामिल हैं. इसके अलावा औरंगाबाद, मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के अन्य कलाकार भी इस आयोजन में भाग ले रहे हैं.

प्रो. नागदास ने कहा कि यह कार्यशाला प्रिंटकला के क्षेत्र में नए विचारों और तकनीकों को बढ़ावा देने का एक अनूठा मंच प्रदान करेगी, जिससे कला जगत में छत्तीसगढ़ की पहचान और सशक्त होगी. यह आयोजन स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर कला प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित होने की उम्मीद है.

बल्दाकछार में मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर त्वरित अमल, महानदी तटबंध निर्माण और हाई मास्ट लाइट लगाने शुरू हुई कार्यवाही

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा 9 मई को सुशासन तिहार के दौरान ग्राम बल्दाकछार में की गई घोषणाएं अब धरातल पर उतरने लगी हैं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के अनुरूप जिला प्रशासन ने तीव्रता से कार्यवाही करते हुए संबंधित विभागों को तत्काल सर्वे एवं योजना निर्माण के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशन में आज जल संसाधन विभाग और क्रेड़ा (CREDA) विभाग के अभियंताओं की टीम बल्दाकछार पहुंची। टीम ने दो अहम कार्योंकृमहानदी तट पर तटबंध निर्माण और ग्राम में हाई मास्ट लाइट की स्थापना के लिए सर्वे की प्रक्रिया प्रारंभ की।

बाढ़ से सुरक्षा के लिए पक्का तटबंध

हर वर्ष महानदी की बाढ़ से कटाव झेल रहे बल्दाकछार गांव के लिए राहत भरी खबर है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, ग्राम को कटाव से सुरक्षित रखने के लिए महानदी के दाएं तट पर पक्के तटबंध का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। प्रारंभिक सर्वे के अनुसार, लगभग डेढ़ किलोमीटर लम्बाई में 5 मीटर स्लांट हाइट के साथ सीमेंट-कांक्रीट संरचना बनाई जाएगी, जिससे कटाव को रोका जा सकेगा। इस कार्य की अनुमानित लागत 888 लाख रुपये है।

गांव में रोशन होगा अंधेरा: हाई मास्ट लाइट योजना

मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करते हुए क्रेड़ा विभाग ने भी ग्राम में हाई मास्ट लाइट लगाने हेतु स्थल का चयन कर लिया है। इंजीनियरों ने सरपंच व ग्रामीणों के साथ मिलकर गुड़ी चौक और कमारपारा को उपयुक्त स्थल माना है। संबंधित प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है।

जनता की आवाज पर संवेदनशील निर्णय

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के दौरान बल्दाकछार में आकस्मिक निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों की समस्याएं सुनी थीं। जनता की प्राथमिकताओं को समझते हुए उन्होंने त्वरित घोषणाएं कीं और अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे। अब प्रशासन द्वारा किए जा रहे तत्पर प्रयास इस बात का प्रमाण हैं कि मुख्यमंत्री की घोषणाएं महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि कार्य रूप में परिणित हो रही हैं।

बल्दाकछार में शुरू हुई ये पहल न केवल गांव की सुरक्षा और विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही का भी प्रमाण है। जनता से किये वादों को त्वरित अमल में लाकर शासन ने यह सिद्ध किया है कि छत्तीसगढ़ में सुशासन अब केवल शब्द नहीं, एक साकार होती प्रक्रिया है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को खूब भाए ‘जशप्योर’ के उत्पाद, CM साय बोले – PM मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को चरितार्थ कर रही हमारी सरकार

रायपुर- केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और स्वावलंबन की भावना से ओतप्रोत "जशप्योर" ब्रांड के उत्पादों की सराहना की। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने "जशप्योर" के उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 'जशप्योर' न केवल एक ब्रांड है, यह छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।

उल्लेखनीय है कि मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें जशपुर जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार की गई जशप्योर ब्रांड की खाद्य पदार्थों से सुसज्जित विशेष परंपरागत टोकरी भेंट की।छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुके "जशप्योर" ब्रांड की यह टोकरी केवल उपहार नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भरता, परिश्रम और स्वदेशी कौशल का एक जीवंत प्रतीक थी। छींद कांसा की हस्तनिर्मित टोकरी में सजाए गए उत्पादों में डेकी, कुटा, जवां फूल चावल, टाऊ पास्ता, महुआ कुकीज, रागी, मखाना लड्डू, महुआ गोंद लड्डू, महुआ च्यवनप्राश, ग्रीन टी, शहद और हर्बल सिरप जैसे विविध उत्पाद शामिल थे। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई और प्रत्येक वस्तु की जानकारी बड़े उत्साह से ली। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों में केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि हमारे जनजातीय समुदाय का परिश्रम और गौरव झलकता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को आत्मसात करते हुए, ऐसे लोकल ब्रांड्स को सशक्त बना रही है जो न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत बनाए रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की स्व सहायता समूहों की महिलाएं केवल उत्पाद नहीं बना रहीं, बल्कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव गढ़ रही हैं।

'अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने की सराहना: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में बताया क्रांतिकारी

रायपुर- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कृषि विभाग के कार्यों की व्यापक समीक्षा की। बैठक में राज्य और केंद्र की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई और भावी विकास रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य ने कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उन्नत गांव और खुशहाल किसान की अवधारणा को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण विकास और कृषि को राज्य की रीढ़ मानती है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं, बल्कि गांवों की समग्र समृद्धि सुनिश्चित करना है। किसानों की आय बढ़ाना, रोजगार के अवसर पैदा करना और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के सुदूर और वंचित क्षेत्रों तक विकास की पहुंच बनाना एक साझी ज़िम्मेदारी है, जिसको पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दृढ़ संकल्पित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना, डिजिटल सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाना और युवाओं को कौशल आधारित रोजगार देना ही वास्तविक सुशासन है। उन्होंने कहा कि हमारी रणनीति योजनाओं को सिर्फ आंकड़ों तक सीमित रखने की जगह जन-जीवन में बदलाव लाने की है।

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘अमृत सरोवर’ योजना को स्थानीय आजीविका से जोड़ने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और जलसंरक्षण की दिशा में ठोस परिणाम सामने आएंगे। राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत श्रमिक बजट के पुनरीक्षण का आश्वासन दिया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वीकृत आवासों के शीघ्र निर्माण और हो रहे नये सर्वे के भौतिक सत्यापन पर बल दिया।

केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सराहना करते हुए विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित नियद नेलानार योजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह योजना विकास को राज्य के सुदूर और चुनौतीपूर्ण भूभागों तक पहुंचा रही है। केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में शुरू किए गए ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की सराहना की और इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस नवाचार का अध्ययन कर इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जाए।

कृषि क्षेत्र की समीक्षा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसानों की आय वृद्धि के लिए केवल पारंपरिक खेती नहीं, बल्कि पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन जैसे एलाइड क्षेत्रों में भी प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, उन्नत बीजों, जैविक खेती और फसल चक्र अपनाने को प्रोत्साहित किया। केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र शुरू की जा रही विशेष पहल की जानकारी देते हुए श्री चौहान ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम राज्य के विभिन्न जिलों का भ्रमण कर किसानों को व्यावहारिक और वैज्ञानिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस पहल में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया।

बैठक के समापन पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अभिनव प्रयोगों और प्रतिबद्धता के साथ छत्तीसगढ़ को विकास के नए शिखर पर पहुंचाएंगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार इस साझा संकल्प को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत विभाग निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के अपर सचिव आर. आनंद, ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव अमित शुक्ला, कृषि मंत्रालय के सलाहकार नवीन कुमार विद्यार्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में ओड़िशा के फार्मासिस्ट की हत्या, एक नाबालिग समेत चार आरोपी गिरफ्तार…

नुआपड़ा/रायपुर-  पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में एक ओड़िया फार्मासिस्ट की नृशंस हत्या के मामले में एक नाबालिग सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने परशु दंडसेना (20), गणपत दंडसेना (27), सरोज दंडसेना (24) और एक अन्य नाबालिग को हिरासत में लिया है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने नुआपड़ा शहर के शिवशक्ति नगर निवासी फार्मासिस्ट मानस त्रिपाठी उर्फ नवीन (30) का शव जशेखरा गांव (कोमाखान थाना क्षेत्र) के एक खेत से बरामद किया था. इस मामले में आज कोमाखान पुलिस ने महुलभाटा से चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया.

पुलिस के अनुसार, कोमाखान पुलिस की एक विशेष टीम ने कल नुआपड़ा शहर में तलाशी अभियान चलाया. सबसे पहले महुलभाटा गांव से परशु को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान परशु ने अन्य तीन आरोपियों — सरोज, गणपत और एक नाबालिग — के नाम बताए, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया.

जांच में पता चला कि (फार्मासिस्ट की हत्या) फार्मासिस्ट मानस पहले से ही परशु और गणपत को जानता था. 8 तारीख की शाम परशु और गणपत ने दवा मांगने के बहाने मानस को सुखसागर रेस्टोरेंट के पास एक सुनसान जगह पर बुलाया. फिर चारों ने मिलकर उसके चेहरे और दोनों हाथों को प्लास्टिक टेप से बांधा और एक चार पहिया वाहन (OD 26 A 2700) में जबरन अपहरण कर लिया.

उसे तान्वत रोड से कोमाखान ले जाया गया और फिर लाखों रुपये की फिरौती की मांग की गई. लेकिन मानस के बचत खाते में मात्र ₹9,000 थे. फिरौती न मिलने पर चारों आरोपियों ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को काशेकेरे के पास फेंक दिया.

पुलिस ने मृतक की बाइक (OD 26 A 2064) और दवाइयों से भरा बैग बरामद किया है. इसके अलावा, आरोपियों का चार पहिया वाहन और तीन मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं. कोमाखान थाने के आईआईसी नितेश ठाकुर ने बताया कि मामले की आगे जांच जारी है.

तलाक के बाद भी एक ही घर में रहेंगे पति-पत्नी, हाईकोर्ट ने 6 बिंदुओं पर दी सहमति

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. आपसी विवाद में तलाक के बाद भी पति-पत्नी एक ही घर में रहेंगे. कोर्ट में सुनवाई से पहले दोनों ने आपस में समझौता किया. कोर्ट ने पति को घर के ग्राउंड फ्लोर और पत्नी को फर्स्ट फ्लोर में रहने की सहमति दी है. यह मामला दुर्ग जिले का है.

फैमिली कोर्ट के तलाक के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट की पहल के बाद पति-पत्नी ने सुलह का रास्ता अपनाया है. उनके बीच 6 बिंदुओं पर सहमति बनी है, जिसके मुताबिक उन्हें घर के खर्च में बराबर का हिस्सा देना होगा। गवाहों की मौजूदगी में ये एग्रीमेंट कराया गया. जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने फैसले में कहा है कि ऐसा तलाक के आदेश को रद्द करने और विवाह में एकता और संबंधों में स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए किया गया है.

जानिए पूरा मामला

दरअसल, दुर्ग निवासी महिला और उसके पति के बीच आपसी विवाद शुरू हो गया, जिसके चलते मामला फैमिली कोर्ट पहुंच गया. फैमिली कोर्ट ने 9 मई 2024 को हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत पेश परिवाद को स्वीकार करते हुए तलाक की अर्जी मंजूर की थी. इस फैसले के खिलाफ पत्नी ने हाईकोर्ट में अपील की थी. यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा था. हाईकोर्ट अपील की सुनवाई के दौरान ही पति-पत्नी ने आपसी सहमति से विवाद सुलझा लिया. 28 अप्रैल 2025 को गवाहों की उपस्थिति में एग्रीमेंट का दस्तावेज तैयार किया गया. इसे 1 मई 2025 को हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया.

हाईकोर्ट ने 28 अप्रैल 2025 के समझौते को दर्ज करते हुए अपील स्वीकार की, जिसके बाद फैमिली कोर्ट के 9 मई 2024 के आदेश और डिक्री को रद्द कर दी. साथ ही स्पष्ट किया कि पति-पत्नी को समझौते की शर्तों को मानना होगा. एग्रीमेंट तोड़ने पर दोनों में से कोई भी दोबारा कोर्ट आ सकते हैं.

इन बिंदुओं पर पति-पत्नी में हुआ समझौता

समझौते के मुताबिक, भिलाई की जिस कॉलोनी में उनका मकान है, वहां दोनों साथ रहेंगे. पति ग्राउंड फ्लोर और पत्नी फर्स्ट फ्लोर पर रहेगी. जल कर, बिजली बिल, संपत्ति कर, रखरखाव शुल्क जैसे सभी सामान्य खर्च दोनों बराबर बांटेंगे. दोनों के व्यक्तिगत खर्च, बैंक खाते, पेंशन, वेतन और व्यक्तिगत आय से संबंधित जिम्मेदारी अपनी-अपनी होगी. कोई भी पक्ष दूसरे की वित्तीय संपत्ति में बिना लिखित सहमति के हस्तक्षेप नहीं करेगा. पत्नी को केंद्रीय हॉस्पिटल का चिकित्सा लाभ दिलाने के लिए पति जरूरी औपचारिकताएं पूरी करेगा. पत्नी आवेदन शुल्क और अन्य खर्च खुद वहन करेगी. दोनों को यात्रा, अलग स्थानों पर रहने और स्वतंत्र सामाजिक संबंध रखने की स्वतंत्रता होगी. कोई भी पक्ष दूसरे के रिश्तेदारों या सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं होगा. आपसी सहमति से संयुक्त यात्राएं कर सकेंगे.

कांग्रेस के सवालों पर उपमुख्यमंत्री साव ने किया पलटवार, कहा- 9 आतंकी ठिकानों का ध्वस्त होना बड़ी जीत, इतना समझ नहीं आता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण

रायपुर-  जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर ऑपरेशन की पारदर्शिता और प्रभावशीलता पर घेरा और स्पष्ट जवाब मांगा. इस पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया है.

डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस प्रकार कल (12 मई, 2025) DGMO ने स्पष्ट रूप से जानकारी दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारतीय सेना ने आतंकियों के नौ अड्डों को एकसाथ ध्वस्त किया, यह बहुत बड़ी सफलता है. पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है और खुद सीजफायर के लिए संपर्क किया. अगर इसके बाद भी किसी को समझ नहीं आता तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

कांग्रेस की ‘बैलाडीला बचाओ यात्रा’ पर उपमुख्यमंत्री साव का तंज

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस के बैलाडीला बचाओ यात्रा की घोषणा पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को गतिविधियां करने का अधिकार है, लेकिन जिस पार्टी ने देश को तोड़ा, वो भारत जोड़ो यात्रा निकालती है, और जिसने संविधान को तार-तार किया, वो संविधान बचाओ यात्रा निकालती है. कांग्रेस जनता से कट चुकी है और अब शून्यता की ओर बढ़ रही है.”

गौरतलब है कि कांग्रेस इससे पहले दो यात्राएं स्थगित कर चुकी है और अब ‘बैलाडीला बचाओ यात्रा’ निकालने की तैयारी में है.

बीजेपी निकालेगी देश भर में तिरंगा यात्रा

डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि पहलगाम की घटना के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर से करारा जवाब दिया, यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है. देशभर में राष्ट्रप्रेमी सेना के समर्थन में हैं, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना के लिए तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी.

कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचलने का मामला : हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी

बिलासपुर-  बलरामपुर के लिब्रा घाट पर अवैध रेत खनन रोकने गई वन और पुलिस की संयुक्त टीम पर हुए हमले में आरक्षक शिवभजन सिंह की मौत हो गई. इस गंभीर मामले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने आज मामले की सुनवाई की.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब अवैध खनन पर रोक के लिए पहले से निर्देश जारी हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, यह बेहद गंभीर स्थिति है। स्टेट अफेयर्स की हालत चिंताजनक है. वहीं ये भी कहा कि इस तरह की घटना का दोहराव नहीं होना चाहिए. मामले में 9 जून को अगली सुनवाई तय की गई है. 

खनन माफियों ने आरक्षक को कुचला

बता दें कि नदी किनारे अतिक्रमण की शिकायत पर वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी. इस दौरान नदी घाट पर झारखंड के खनन माफिया को अवैध रेत खनन करते देख रोकने का प्रयास किया गया. इस पर झारखंडी खनन माफिया ने टीम पर ही हमला कर दिया. रेत माफियाओं ने आरक्षक को ही ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिससे आरक्षक शिव भजन सिंह की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते के बाद आईजी और एसपी वैभव बैंकर ने मौके पर पहुंचे थे.

मामले में टीआई सस्पेंड

इस पूरे मामले में आईजी दीपक झा ने थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया है. आदेश में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारियों को बिना सूचना दिए आधी रात को टीआई अपर्याप्त बल लेकर अवैध रेत खनन रोकने गए थे, जहां खनन माफिया ने घटना को अंजाम दिया.