राजधानी पटना के कई स्कूलों में विषयवार शिक्षकों को कमी, साइंस के टीचर पढ़ा रहे भाषा
डेस्क : बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति होने के बावजूद स्कूलों में विषयवार शिक्षक नहीं मिल पा रहे है। राजधानी के कई स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की भारी कमी है। टीआरई-3 में भी पटना जिले के शहरी क्षेत्र के बड़े स्कूलों में शिक्षक नहीं भेजे गए हैं। यहां अब भी कक्षाएं किसी तरह पूरी हो रही हैं। हाल यह है कि एक विषय के शिक्षक ही दूसरे विषय की भी कक्षा लेते हैं। विज्ञान के शिक्षक भाषा की कक्षाएं ले रहे हैं।
जहां लंबे समय से शिक्षक नहीं हैं, वहां नियुक्ति नहीं की गई और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में स्कूल आवंटन कर दिया गया। हाल यह है पटना जिले के अलावा अन्य जिले में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां स्कूल में संबंधित विषय के शिक्षक पहले से हैं, वहां भी उसी विषय के और शिक्षकों नियुक्ति कर दी गई है।
पटना कॉलेजिएट, टीके घोष अकादमी समेत कई ऐसे स्कूल हैं, जहां विषयवार शिक्षकों की कमी है। लेकिन टीआरई-3 में हुए स्कूल आवंटन में संबंधित विषय जिसमें कमी है, उसमें एक भी शिक्षक को स्कूल आवंटन नहीं किया गया। पटना जिले के अलावा अन्य जिले में भी बुरा हाल है। पटना कॉलेजिएट स्कूल में 12वीं में शिक्षकों की कमी है, यहां भौतिकी, रसायनशास्त्र, भाषा विषयों के शिक्षक नहीं हैं। वाणिज्य संकाय में मात्र दो शिक्षक हैं। कला संकाय में मात्र एक शिक्षक के भरोसे सभी विषयों की पढ़ाई होती है।
टीके घोष अकादमी में नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत विषय के शिक्षक नहीं हैं। 12वीं में विज्ञान में मात्र एक शिक्षक भौतिकी विषय के हैं। वह भी प्रतिनियुक्ति पर हैं। गणित, रसायन शास्त्र में भी एक भी शिक्षक नहीं हैं। 12वीं की स्थिति बदहाल है। कला संकाय में विज्ञान में बस एक शिक्षक के भरोसे अन्य विषयों की पढ़ाई होती है।
बीएम हाई स्कूल बरहरी में पहले से 11वीं-12वीं में अंग्रेजी विषय के शिक्षक पहले से हैं। टीआरई-3 में एक और शिक्षक की नियुक्ति की गई है। प्राथमिक स्कूल रहुआ में 130 बच्चे नामांकित हैं। यहां पहले से 5 शिक्षक कार्यरत हैं। टीआरई 3 में तीन और शिक्षकों की पोस्टिंग हुई है। अब 130 बच्चों पर 8 शिक्षक हो गए हैं। अब 16 बच्चे पर 1 शिक्षक रहेंगे। गौर करने वाली बात यह भी है कि स्कूल में सिर्फ दो कमरे हैं।
May 13 2025, 16:41