पाकिस्तान के साथ चल रहे संघर्ष को लेकर सीएम ने आलाधिकारियों के साथ की हाईलेबल बैठक, सीमावर्ती जिलों में पैनी नजर रखने के दिए आदेश

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों की कड़ी निगरानी के लिए पूर्णिया समाहरणालय में आला अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने आतंकियों और तस्करों पर नकेल कसने के लिए बिहार के सीमावर्ती जिलों में संदिग्धों पर पैनी नजर रखने और आने-जाने वालों की सघन जांच के साथ-साथ सीमा पर राज्य पुलिस एवं केद्रीय सुरक्षा बल मिलकर गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया और सुपौल के अलावा अन्य सीमावर्ती जिलों में भी इसी तरह सतर्क रहने एवं मिलकर काम करने की आवश्यकता है। सभी जिलों में कड़ी चौकसी रखी जाय। सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर पुलिस बल प्रतिनियुक्त करें। वरीय पदाधिकारी नियमित रूप से गश्ती कर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लेते रहें। भारत-नेपाल सीमा पर कड़ी चौकसी रखी जाय। एसएसबी के साथ मिलकर पूरे भारत-नेपाल बॉर्डर रोड पर लगातार गश्ती होनी चाहिए। बॉर्डर पर आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जाय।
सीएम नीतीश कुमार ने सीमावर्ती जिलों में सेना से समन्वय सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। कहा कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग दिया जाय। राज्य सरकार के सभी पदाधिकारी, भारतीय सेना एवं सशस्त्र सीमा बल के पदाधिकारियों के साथ मिलकर काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम की घटना के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए हर प्रकार से सतर्कता बरतने की जरूरत है। आतंकवादी या असामाजिक तत्व किसी व्यक्ति को गुमराह कर या लालच देकर गड़बड़ी करा सकते हैं। इन सब चीजों पर भी विशेष नजर रखने की जरूरत है। महत्वपूर्ण पथों, पुलों, रेलवे लाइन, एयरपोर्ट, पेट्रोल-डीजल डिपो, गैस स्टेशन, एवं धार्मिक स्थलों जैसे संवेदनशील स्थानों आदि पर कड़ी नजर रखी जाय। अफवाहों पर कड़ी नजर रखी जाए। आसूचना तंत्र को अत्यंत संवेदनशीलता से सूचना संग्रहण के लिए लगाया जाए।
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया और सुपौल के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी की गई तैयारियों एवं बरती जा रही चौकसी के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इस क्रम में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी, गश्ती एवं आवागमन पर निगरानी, मादक पदार्थों, अवैध आग्नेयास्त्रों, मानव तस्करी की रोकथाम, अग्निशमन, चिकित्सा व्यवस्था, सीमावर्ती क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सहित सुरक्षा संबंधी अन्य महत्वपूर्ण तैयारियों के संबंध में भी उन्हें अवगत कराया।
May 11 2025, 10:55