आकांक्षात्मक जनपदों व विकास खंडों में आए बदलाव का हो स्थलीय मूल्यांकन: योगी
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को तीन दिन के भ्रमण पर भेजने के दिए निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक विकास खंडों में बीते वर्षों में हुए विकास कार्यों और परिवर्तन की स्थलीय समीक्षा के निर्देश देते हुए कहा कि वास्तविक प्रगति की पड़ताल के लिए जमीनी भ्रमण जरूरी है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा "अंत्योदय" की भावना के अनुरूप विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि 08 आकांक्षात्मक जनपदों में प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी और 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारी तीन दिन के भ्रमण पर भेजे जाएं। इन भ्रमणों के दौरान अधिकारी, योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद, विकास कार्यों का मूल्यांकन और स्थानीय जरूरतों की पहचान करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रमण पर जाने वाले अधिकारियों की सूची तैयार करेगा।
6 जिले देश के टॉप-10 आकांक्षात्मक जनपदों में
सीएम ने बताया कि नीति आयोग द्वारा चिह्नित आकांक्षात्मक जनपदों में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती और फतेहपुर जैसे जिले स्वास्थ्य और पोषण में देश के शीर्ष 10 में शामिल हैं। शिक्षा क्षेत्र में बलरामपुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर और चित्रकूट भी अग्रणी हैं। वित्तीय समावेशन व कौशल विकास में सिद्धार्थनगर पांचवें स्थान पर है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
108 विकास खंडों की औसत प्रगति राज्य औसत से बेहतर
बैठक में बताया गया कि मार्च 2025 तक, 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों में से अधिकांश ने 21 से बढ़ाकर 24 इंडिकेटर्स में राज्य औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है।
2023-24 की ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में औरई (संत रविदास नगर) अव्वल रहा, जबकि अन्य श्रेणियों में रिछा (बरेली), चहनिया (चंदौली), सलारपुर (बदायूं), खेसरहा (सिद्धार्थनगर) और शुकुलबाजार (अमेठी) ने शीर्ष स्थान हासिल किया।
सीएम फेलोज की जिम्मेदारी तय, मिलेगा शासकीय सेवा में वेटेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास खंडों में तैनात सीएम फेलोज की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाए। उनके तीन वर्ष पूरे होने पर रैंकिंग तय की जाए और सरकारी नौकरी में वेटेज देने की नीति भी जल्द लागू की जाए।
सीएम योगी ने निर्देश दिए कि बीडीओ, सीडीओ, चिकित्साधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत जैसे प्रमुख पदों को रिक्त न छोड़ा जाए। सभी योजनाएं माइक्रो प्लानिंग और नियमित अनुश्रवण के साथ संचालित हों। बैंकों के साथ वित्तीय समावेशन हेतु SLBC और DLBC बैठकों को नियमित करने का निर्देश भी दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद और विकास खंड कार्यक्रम "सबका साथ, सबका विकास" के वास्तविक क्रियान्वयन का माध्यम बन चुके हैं और उत्तर प्रदेश अब इस दिशा में राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है।
May 09 2025, 20:27