उत्तर प्रदेश में लोक कलाकारों को बड़ी सौगात: पेंशन दोगुनी, बीमा योजना और पारदर्शी व्यवस्था के निर्देश
![]()
वृद्ध कलाकारों की पेंशन ₹2000 से बढ़ाकर ₹4000
कलाकार कल्याण बीमा योजना जल्द शुरू
पारदर्शी कार्यक्रम आवंटन और समय पर भुगतान
स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता
* विलुप्त वाद्य यंत्रों के संरक्षण हेतु कार्यशाला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को पर्यटन भवन में संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में लोक कलाकारों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कलाकार कल्याण बीमा योजना शुरू करने, वृद्ध कलाकारों की मासिक पेंशन को ₹2000 से बढ़ाकर ₹4000 करने और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए।
जयवीर सिंह ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि कलाकारों के पंजीकरण से लेकर कार्यक्रम आवंटन और भुगतान तक सभी चरणों में पारदर्शिता बरती जाए। किसी भी प्रकार के भेदभाव या शासनादेश के उल्लंघन पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की चेतावनी दी गई।
मंत्री ने वृद्ध और जरूरतमंद कलाकारों की पहचान के लिए व्यापक अभियान चलाने, व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर कलाकारों से संवाद बनाए रखने और कार्यक्रम आवंटन के समय 50% अग्रिम भुगतान तथा कार्यक्रम के एक सप्ताह के भीतर शेष भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2025 से कार्यक्रम आवंटन में 100% शासनादेश का पालन अनिवार्य होगा। वाद्य यंत्रों की खरीद और वितरण में भी पारदर्शिता पर बल देते हुए मंत्री ने पिछली खरीद की जांच और विलुप्त हो रहे वाद्य यंत्रों के संरक्षण के लिए कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए।
जयवीर सिंह ने "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश से बाहर जाने वाले कलाकारों को अन्य राज्यों के मेहमान कलाकारों जैसी सुविधाएं देने की भी बात कही। मूर्ति निर्माण कार्य को तीन माह के भीतर पूरा करने, वृंदावन शोध संस्थान की ऑडिट कराने और अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक स्थल के संचालन को जिला परिषद के माध्यम से कराने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव रवीन्द्र कुमार, अपर निदेशक संस्कृति सृष्टि धवन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
---------------------
May 08 2025, 18:26