आकांक्षात्मक जनपदों व विकास खंडों में आए बदलाव का हो स्थलीय मूल्यांकन: योगी

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को तीन दिन के भ्रमण पर भेजने के दिए निर्देश

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक विकास खंडों में बीते वर्षों में हुए विकास कार्यों और परिवर्तन की स्थलीय समीक्षा के निर्देश देते हुए कहा कि वास्तविक प्रगति की पड़ताल के लिए जमीनी भ्रमण जरूरी है। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा "अंत्योदय" की भावना के अनुरूप विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना है।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि 08 आकांक्षात्मक जनपदों में प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी और 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारी तीन दिन के भ्रमण पर भेजे जाएं। इन भ्रमणों के दौरान अधिकारी, योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद, विकास कार्यों का मूल्यांकन और स्थानीय जरूरतों की पहचान करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय भ्रमण पर जाने वाले अधिकारियों की सूची तैयार करेगा।

6 जिले देश के टॉप-10 आकांक्षात्मक जनपदों में

सीएम ने बताया कि नीति आयोग द्वारा चिह्नित आकांक्षात्मक जनपदों में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती और फतेहपुर जैसे जिले स्वास्थ्य और पोषण में देश के शीर्ष 10 में शामिल हैं। शिक्षा क्षेत्र में बलरामपुर, श्रावस्ती, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर और चित्रकूट भी अग्रणी हैं। वित्तीय समावेशन व कौशल विकास में सिद्धार्थनगर पांचवें स्थान पर है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।

108 विकास खंडों की औसत प्रगति राज्य औसत से बेहतर

बैठक में बताया गया कि मार्च 2025 तक, 108 आकांक्षात्मक विकास खंडों में से अधिकांश ने 21 से बढ़ाकर 24 इंडिकेटर्स में राज्य औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है।

2023-24 की ओवरऑल डेल्टा रैंकिंग में औरई (संत रविदास नगर) अव्वल रहा, जबकि अन्य श्रेणियों में रिछा (बरेली), चहनिया (चंदौली), सलारपुर (बदायूं), खेसरहा (सिद्धार्थनगर) और शुकुलबाजार (अमेठी) ने शीर्ष स्थान हासिल किया।

सीएम फेलोज की जिम्मेदारी तय, मिलेगा शासकीय सेवा में वेटेज

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास खंडों में तैनात सीएम फेलोज की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाए। उनके तीन वर्ष पूरे होने पर रैंकिंग तय की जाए और सरकारी नौकरी में वेटेज देने की नीति भी जल्द लागू की जाए।

सीएम योगी ने निर्देश दिए कि बीडीओ, सीडीओ, चिकित्साधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत जैसे प्रमुख पदों को रिक्त न छोड़ा जाए। सभी योजनाएं माइक्रो प्लानिंग और नियमित अनुश्रवण के साथ संचालित हों। बैंकों के साथ वित्तीय समावेशन हेतु SLBC और DLBC बैठकों को नियमित करने का निर्देश भी दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद और विकास खंड कार्यक्रम "सबका साथ, सबका विकास" के वास्तविक क्रियान्वयन का माध्यम बन चुके हैं और उत्तर प्रदेश अब इस दिशा में राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है।

शिविर लगाकर तालाब पट्टेधारकों को लाभान्वित किया जाए: संजय निषाद

-- मत्स्य विकास मंत्री ने कहा, मत्स्य योजनाओं का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में तालाब पट्टेधारकों को एक ही स्थान पर सभी जानकारी और योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए मेला व जागरूकता शिविरों का आयोजन तेज़ी से किया जाए। उन्होंने कहा कि मत्स्य तकनीक के क्षेत्र में नवाचार को अपनाने, योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने, और आमदनी व रोजगार बढ़ाने की दिशा में विभाग को और अधिक प्रभावी कार्य करना होगा।

मंत्री डॉ. निषाद ने यह बात विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि मत्स्य योजनाएं राज्य की अर्थव्यवस्था को $1 ट्रिलियन की दिशा में मजबूत आधार देने की क्षमता रखती हैं और इनका प्रभाव सीधे तौर पर गांव, गरीब और जल संसाधनों से जुड़ी आबादी पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत निजी तालाब निर्माण, बैकयार्ड आरएएस, आईस बॉक्स युक्त मोटरसाइकिल/साइकिल जैसी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाई जाए।

केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के ज़रिए भूमिहीन मछुआरों को ऋण देने की प्रक्रिया तेज की जाए। अनुपयुक्त जलक्षेत्रों (वेटलैंड, खारापानी, जलाशय, नदियाँ) को भी मत्स्य विकास कार्यक्रम से जोड़ा जाए। बैठक में महानिदेशक मत्स्य राजेश प्रकाश, मुख्य महाप्रबंधक यूपी मत्स्य विकास निगम, और प्रबंध निदेशक मत्स्य जीवि सहकारी संघ सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रगति की नियमित समीक्षा और पारदर्शिता पर जोर

मंत्री ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में हर 15 दिन में जिला और मुख्यालय स्तर पर समीक्षा होनी चाहिए। पात्र मछुआ पालकों को कल्याण कोष की राशि का लाभ मिले, और बिक्री केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।

लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी

बैठक में प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक ने आश्वासन दिया कि मंत्री के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

सोनभद्र जीवाश्म पार्क को यूनेस्को सूची में लाने की तैयारी : जयवीर सिंह

-- प्रदेश में बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए होटल में कमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए होटल, होम स्टे, ढाबा, बारातघर और अन्य ठहराव स्थलों में कमरों की संख्या बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देना और प्रदेश को एक वैश्विक पर्यटन हब बनाना सरकार की प्राथमिकता है।

पर्यटन मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के $1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में पर्यटन क्षेत्र की अहम भूमिका होगी। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों—वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, लखनऊ, अयोध्या, आगरा, झांसी और बरेली—में पर्यटन आधारित अधोसंरचना को विस्तार देने पर बल दिया गया। बैठक में उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रोन्नति, स्थानांतरण, और लंबित सेवा मामलों का समाधान समयबद्ध रूप से किया जाए, साथ ही रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। स्थानांतरण नीति-2025 के अंतर्गत प्रस्तावों को भी शीघ्र तैयार किया जाए।

जयवीर सिंह ने जनपद सोनभद्र स्थित करोड़ों वर्ष पुराने जीवाश्म पार्क को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने के लिए आवश्यक डोज़ियर सितंबर 2025 तक तैयार कर भेजने के निर्देश दिए। यह पहल न केवल राज्य की पुरातात्विक विरासत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगी, बल्कि पर्यटन को भी नई ऊंचाई देगी।

* ग्रामीण पर्यटन और युवाओं की भागीदारी

पर्यटन मंत्री ने ग्रामीण पर्यटन को मजबूती देने के लिए एग्री-रूरल और गंगे ग्राम टूरिज्म पर फोकस करने को कहा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पर्यटन गांवों में अब तक 3 लाख घरेलू और 1 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक पहुंच चुके हैं। उन्होंने युवा क्लबों के गठन, क्यूरेटेड टूर और टूरिज्म क्लब गतिविधियों के विस्तार का निर्देश भी दिया ताकि पर्यटन को युवाओं से जोड़ा जा सके।

बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, यूपीटीडीसी की एमडी श्रीमती सान्या छावड़ा, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्रा, संयुक्त उपनिदेशक दिनेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भूमि अधिग्रहण, प्रचार-प्रसार, अनधिकृत स्थानांतरण की समीक्षा तथा नई रणनीति पर भी चर्चा हुई।

मुख्य सचिव के नेतृत्व में एथेंस रक्षा प्रदर्शनी में यूपी डिफेंस कॉरिडोर की दमदार उपस्थिति, अंतरराष्ट्रीय निवेश के नए द्वार खुले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अधिकारियों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ग्रीस की राजधानी एथेंस में आयोजित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी में शामिल हुआ। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य सचिव एवं ग्रीस में भारत के राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने मिलकर "इंडिया पैवेलियन" से किया।

तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव ने ग्रीस और आर्मेनिया के वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधियों के साथ कई गोलमेज बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें भारतीय रक्षा क्षेत्र में साझेदारी, तकनीकी सहयोग और निवेश को लेकर गहन चर्चा हुई। दोनों देशों ने भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, रक्षा उद्योग में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई और इसे भविष्य के रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा।

प्रदर्शनी में 35 से अधिक देशों की भागीदारी रही, जहाँ अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियाँ प्रदर्शित की गईं। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की उपस्थिति ने राज्य की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि वह रक्षा क्षेत्र में न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी भूमिका को सशक्त रूप में स्थापित करना चाहता है।

इस पहल से उत्तर प्रदेश में रक्षा निर्माण क्षेत्र में नई संभावनाएँ जन्म ले रही हैं, जिससे राज्य तकनीकी नवाचार, रणनीतिक गठजोड़ और विदेशी निवेश के लिहाज से भारत के रक्षा परिदृश्य में एक उभरते हुए केंद्र के रूप में उभरने को तैयार है।

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*गेहूं खरीद की वर्चुअल समीक्षा बैठक में मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने दिए सख्त निर्देश*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति मंत्री सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आज जवाहर भवन स्थित खाद्य आयुक्त कार्यालय के कमांड रूम से रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत गेहूं खरीद की वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेशभर के मंडल एवं जनपद स्तरीय खाद्य अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य गेहूं खरीद की प्रगति, किसानों को समय पर भुगतान, भंडारण, लॉजिस्टिक, और खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना रहा। श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में किसानों को असुविधा न हो और हर खरीद केंद्र पर प्रतिदिन गेहूं की खरीद होनी चाहिए। यदि कोई केंद्र लगातार निष्क्रिय है तो उसका वैकल्पिक समाधान तत्काल सुनिश्चित किया जाए। मंत्री ने निर्देशित किया कि ग्राम प्रधानों और किसानों से संवाद कर माइक्रोप्लान तैयार किया जाए, जिसमें मोबाइल नंबर, अनुमानित बिक्री मात्रा और कटाई की संभावित तिथि दर्ज हो, जिससे लक्षित खरीद संभव हो सके।

भंडारण और लॉजिस्टिक्स पर विशेष जोर:

प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद ने निर्देश दिया कि जहां भी भंडारण क्षमता की कमी है, वहां वैकल्पिक भंडारण स्थल की शीघ्र व्यवस्था की जाए ताकि ट्रकों की अनलोडिंग में देरी न हो और खरीद प्रक्रिया में बाधा न आए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य भंडारण निगम के डिपो पर पर्याप्त श्रमिक हों ताकि अनलोडिंग तेजी से हो सके और ट्रक शीघ्र मोबाइल केंद्रों पर भेजे जा सकें।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी:

बैठक में प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद, आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी, अपर आयुक्तगण, पीसीएफ और पीसीयू के प्रबंध निदेशक, भारतीय खाद्य निगम, नैफेड, एनसीसीएफ, मण्डी परिषद और राज्य भंडारागार निगम के वरिष्ठ अधिकारी सहित सभी मंडल और जिलों के खाद्य नियंत्रक वर्चुअली जुड़े।

जालौन में भीषण सड़क हादसा, पांच लोगों की मौत


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में आज सुबह हुए सड़क हादसे में पांच लोगों की जान चली गई। झांसी-कानपुर नेशनल हाइवे-27 पर एक कार अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। जान गंवाने वाले सभी लोग कार में सवार थे।

कार बहराइच से बेंगलुरु जा रही थी

हादसा एट थाना क्षेत्र के बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के करीब ग्राम गिरथान के समीप सुबह करीब 5:30 बजे हुआ। कार बहराइच से बेंगलुरु जा रही थी, जिसे बृजेश पुत्र शिव प्रसाद चला रहा था। कार में उनके साथ पत्नी प्रीति, संगीता (पत्नी अंकित), सिद्दीका (पुत्री अंकित), अत्ताशय (पुत्र बृजेश), अंकित (पुत्र चिंता राम), मानवी (पुत्री बृजेश), और मंदा (पुत्री जमुना प्रसाद), निवासी मोतीपुर, जिला बहराइच सवार थे।

कार चालक बृजेश को नींद की झपकी आ गई

बताया जा रहा है कि कार चालक बृजेश को नींद की झपकी आ गई, जिससे कार का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर तोड़कर झांसी की ओर से आ रहे ट्रक में जा भिड़ी। इस हादसे में बृजेश, उसकी पत्नी प्रीति, संगीता, सिद्दीका और अत्ताशय की मौके पर ही मौत हो गई।

गैस कटर की मदद से शवों को बाहर निकाला गया

राहत और बचाव कार्य के दौरान गैस कटर की मदद से शवों को बाहर निकाला गया। हादसे की सूचना मिलते ही एट थाना पुलिस, सीओ कोच और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद कार में फंसे शवों को बाहर निकाला और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल की मॉर्चरी भेजा गया। पुलिस ने हादसे की जानकारी मृतकों के परिजनों को दे दी है।

यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सुरक्षा

लखनऊ । भारतीय सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए सघन कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने खुद मोर्चा संभालते हुए सभी फील्ड इकाइयों को चौकसी बढ़ाने और केंद्र के सुरक्षा बलों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें

भारतीय सेना द्वारा सीमापार आतंकी ठिकानों पर की गई निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सतर्कता बरतते हुए राज्य में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों को निर्देशित किया है कि वे रक्षा बलों से समन्वय स्थापित करें और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।पुलिस विभाग को रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, बाजार व सार्वजनिक स्थलों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बम निरोधक दस्तों, डॉग स्क्वॉड और क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। सीसीटीवी व ड्रोन से निगरानी तेज की जा रही है।

अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपात बलों की तैनाती

डीजीपी प्रशांत कुमार ने ट्वीट जारी करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह सतर्क, संसाधनों से लैस और प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। सभी यूनिट्स को चौकसी बरतने व संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।"प्रदेश में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपात बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। आमजन से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।

आज पूरे प्रदेश में होगी मॉक ड्रिल

युद्ध के दौरान हमलों से बचने के लिए पूरे प्रदेश में बुधवार को मॉक ड्रिल होेगी, जिसमें सायरन बजने के बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत दिए गए निर्देशों के बाद डीजीपी ने मंगलवार को पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। नागरिक सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में होने वाली इस कवायद में जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन सेवा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ आदि सहयोग करेंगे।

जनता को लाउडस्पीकर के जरिये संभावित खतरों से किया जाएगा अागाह

सीएम योगी के निर्देश पर सभी जिलों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को दुरुस्त किया गया था, जिसका फायदा मॉक ड्रिल में देखने को मिल सकता है। प्रदेश के सभी चौराहों पर लाउडस्पीकर के जरिये जनता को संभावित हमले के खतरों के बारे में आसानी से आगाह किया जा सकेगा, जिससे लोग तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जा सकेंगे।केंद्र सरकार ने प्रदेश के 19 जिलों में मॉक ड्रिल कराने का निर्देश दिया है, जिसमें बुलंदशहर सबसे संवेदनशील है।

गोमतीनगर में मुठभेड़, चेन लूट के दो शातिर बदमाश गिरफ्तार, दोनों के पैरों में लगी गोली

लखनऊ । राजधानी में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दो शातिर चेन स्नैचरों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पुलिस चेकिंग के दौरान टीम पर फायरिंग की थी, जिसके जवाब में हुई कार्रवाई में दोनों के पैरों में गोली लगी। पुलिस ने इनके कब्जे से लूटी गई चेन, तमंचे और बाइक बरामद की है। दोनों बदमाशों के खिलाफ लूट, बलवा और अवैध हथियारों से जुड़े एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

चेकिंग के दौरान पुलिस को देखते ही शुरू कर दी फायरिंग

गोमतीनगर थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात पुलिस और दो शातिर बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ उस वक्त हुई जब पुलिस टीम शहर में सक्रिय चेन स्नैचरों की तलाश में चेकिंग कर रही थी। इस दौरान सफेद रंग की बिना नंबर की अपाचे बाइक पर सवार दो संदिग्ध युवकों को रोकने का प्रयास किया गया। आरोपियों ने रुकने के बजाय पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों बदमाशों के पैरों में गोली मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पकड़े गए बदमाशों पर दर्जनभर अपराधिक मुकदमे दर्ज

पकड़े गए बदमाशों की पहचान इटौंजा निवासी सुशील उर्फ अनिल उर्फ बउवा और सीतापुर निवासी सतीश कुमार गौतम के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ राजधानी समेत कई जनपदों में लूट, बलवा, अवैध असलहा रखने जैसे करीब दर्जनभर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।बताया जा रहा है कि 5 मई की रात गोमतीनगर के विराम खंड निवासी अवनीश कटियार अपने घर से पैदल हुसड़िया चौराहे तक सामान लेने गए थे। इस दौरान इंडियन पेट्रोल पंप के पास पीछे की गली में बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने पीछे से झपट्टा मारकर उनके गले की चेन लूट ली थी और मौके से फरार हो गए थे।

पुलिस ने इनके कब्जे से लूटा माल किया बरामद

घटना के बाद पीड़ित की तहरीर पर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी।सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से जब पुलिस को जानकारी मिली कि संदिग्ध बदमाश शहर सिटी के पास देखे गए हैं, तो उन्हें रोकने का प्रयास किया गया। इसी दौरान मुठभेड़ की स्थिति बन गई। घायल बदमाशों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पुलिस ने इनके कब्जे से लूटी गई चेन, वारदात में प्रयुक्त बाइक, दो अवैध तमंचे और कारतूस भी बरामद किए हैं।

यूपी सरकार को अप्रैल में मिला रिकॉर्ड राजस्व

पिछले वर्ष की तुलना में 1,785.30 करोड़ की वृद्धि, जीएसटी , आबकारी और स्टाम्प शुल्क से हुई प्रमुख आय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले महीने अप्रैल में कुल 18,204.75 करोड़ का कर एवं करेतर राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल माह में प्राप्त 16,419.45 करोड़ की तुलना में 1,785.30 करोड़ अधिक है। यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दी।

उन्होंने बताया कि राजस्व वृद्धि सरकार की सुदृढ़ कर संग्रह नीति, प्रशासनिक पारदर्शिता और डिजिटल साधनों के कुशल उपयोग का परिणाम है।

प्रमुख स्रोतों से हुई राजस्व प्राप्ति :

वस्तु एवं सेवा कर : अप्रैल 2025 में GST से कुल 8,943.47 करोड़ प्राप्त हुए, जबकि अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 8,310.43 करोड़ था।

मूल्य वर्धित कर : इस वर्ष अप्रैल में VAT से 994.52 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 46.54 करोड़ की वृद्धि है।

आबकारी शुल्क: अप्रैल 2025 में आबकारी राजस्व 4,319.46 करोड़ रहा, जबकि अप्रैल 2024 में यह 3,759.14 करोड़ था।

स्टाम्प और निबंधन शुल्क: अप्रैल 2025 में इस मद से 2,729.43 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो पिछले वर्ष के 2,249.78 करोड़ से कहीं अधिक है।

परिवहन विभाग से आय: अप्रैल 2025 में परिवहन विभाग से 1,043.14 करोड़ की आय हुई, जबकि अप्रैल 2024 में यह 929.61 करोड़ थी।

भू-तत्व एवं खनिकर्म में गिरावट:

वित्त मंत्री ने बताया कि एकमात्र मद जहां गिरावट दर्ज की गई, वह है भू-तत्व तथा खनिकर्म, जिससे अप्रैल 2025 में 174.73 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि अप्रैल 2024 में यह 222.51 करोड़ था।

* सरकार की प्रतिबद्धता:

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्व संग्रह में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले महीनों में यह वृद्धि और अधिक गति पकड़ेगी।

योगी सरकार की ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी पहल: यूपी को 2030 से सस्ती बिजली, 25 वर्षों में होगी 2958 करोड़ की बचत

1600 मेगावाट की नई तापीय परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्णय, 5.38 रु./यूनिट की दर से होगी आपूर्ति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल करते हुए 1600 मेगावाट क्षमता की एक नई तापीय परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह बिजली बोली प्रक्रिया (बिड प्रॉसेस) के माध्यम से अगले 25 वर्षों तक 5.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाएगी। इस निर्णय से उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को आगामी 25 वर्षों में करीब 2958 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है।

अन्य परियोजनाओं की तुलना में किफायती बिजली

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि यह नई परियोजना वर्तमान में कार्यरत सार्वजनिक तापीय संयंत्रों की तुलना में कहीं अधिक किफायती होगी। जैसे कि जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर, पनकी जैसी परियोजनाओं से मिलने वाली बिजली की दरें 6.60 रुपए से 9 रुपए प्रति यूनिट तक हैं। जबकि डीबीएफओओ मॉडल के तहत प्रस्तावित इस नई परियोजना से 2030-31 में बिजली मात्र 6.10 रुपए प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध होगी।

बोली प्रक्रिया और चयनित कंपनी

जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन जारी किया गया था। 7 कंपनियों ने आवेदन किया और उनमें से 5 ने फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लिया। सबसे कम दर (5.38 रु./यूनिट) की पेशकश करने वाली एक निजी कंपनी को चयनित किया गया।

यह दर दो भागों में विभाजित है: फिक्स्ड चार्ज 3.727 रुपए /यूनिट और फ्यूल चार्ज 1.656 रुपए /यूनिट।

2030-31 में होगी परियोजना की शुरुआत

यह तापीय परियोजना वित्तीय वर्ष 2030-31 में चालू हो जाएगी। इससे प्रदेश की बेस लोड ऊर्जा की जरूरतें पूरी होंगी और घरेलू उपभोक्ताओं व उद्योगों को स्थिर और किफायती बिजली उपलब्ध होगी।

ऊर्जा संकट से निपटने की रणनीति

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अनुसार, राज्य को 2033-34 तक 10,795 मेगावाट अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही राज्य ने 23,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी रोडमैप तैयार किया है। इसी क्रम में डीबीएफओओ मॉडल के तहत बिडिंग प्रक्रिया अपनाई गई है।

बिजली आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह समझौता न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है बल्कि यह भविष्य में राज्य की ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक विकास और उपभोक्ता हितों के लिए भी एक निर्णायक कदम होगा।

* क्या है डीबीएफओओ मॉडल?

डीबीएफओओ यानी डिजाइन, बिल्ड , फाइनेंस , ओन और ऑपरेट एक ऐसी प्रणाली है जिसमें निजी कंपनी परियोजना का निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन खुद करती है। सरकार सिर्फ कोयला लिंकेज देती है और बिजली खरीदती है।

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