मुख्य सचिव के नेतृत्व में एथेंस रक्षा प्रदर्शनी में यूपी डिफेंस कॉरिडोर की दमदार उपस्थिति, अंतरराष्ट्रीय निवेश के नए द्वार खुले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अधिकारियों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ग्रीस की राजधानी एथेंस में आयोजित प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी में शामिल हुआ। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य सचिव एवं ग्रीस में भारत के राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने मिलकर "इंडिया पैवेलियन" से किया।

तीन दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव ने ग्रीस और आर्मेनिया के वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधियों के साथ कई गोलमेज बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें भारतीय रक्षा क्षेत्र में साझेदारी, तकनीकी सहयोग और निवेश को लेकर गहन चर्चा हुई। दोनों देशों ने भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, रक्षा उद्योग में निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई और इसे भविष्य के रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा।

प्रदर्शनी में 35 से अधिक देशों की भागीदारी रही, जहाँ अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियाँ प्रदर्शित की गईं। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की उपस्थिति ने राज्य की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि वह रक्षा क्षेत्र में न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी भूमिका को सशक्त रूप में स्थापित करना चाहता है।

इस पहल से उत्तर प्रदेश में रक्षा निर्माण क्षेत्र में नई संभावनाएँ जन्म ले रही हैं, जिससे राज्य तकनीकी नवाचार, रणनीतिक गठजोड़ और विदेशी निवेश के लिहाज से भारत के रक्षा परिदृश्य में एक उभरते हुए केंद्र के रूप में उभरने को तैयार है।

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*गेहूं खरीद की वर्चुअल समीक्षा बैठक में मंत्री सतीश चंद्र शर्मा ने दिए सख्त निर्देश*

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद तथा नागरिक आपूर्ति मंत्री सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आज जवाहर भवन स्थित खाद्य आयुक्त कार्यालय के कमांड रूम से रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत गेहूं खरीद की वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेशभर के मंडल एवं जनपद स्तरीय खाद्य अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य गेहूं खरीद की प्रगति, किसानों को समय पर भुगतान, भंडारण, लॉजिस्टिक, और खरीद प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करना रहा। श्री शर्मा ने निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में किसानों को असुविधा न हो और हर खरीद केंद्र पर प्रतिदिन गेहूं की खरीद होनी चाहिए। यदि कोई केंद्र लगातार निष्क्रिय है तो उसका वैकल्पिक समाधान तत्काल सुनिश्चित किया जाए। मंत्री ने निर्देशित किया कि ग्राम प्रधानों और किसानों से संवाद कर माइक्रोप्लान तैयार किया जाए, जिसमें मोबाइल नंबर, अनुमानित बिक्री मात्रा और कटाई की संभावित तिथि दर्ज हो, जिससे लक्षित खरीद संभव हो सके।

भंडारण और लॉजिस्टिक्स पर विशेष जोर:

प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद ने निर्देश दिया कि जहां भी भंडारण क्षमता की कमी है, वहां वैकल्पिक भंडारण स्थल की शीघ्र व्यवस्था की जाए ताकि ट्रकों की अनलोडिंग में देरी न हो और खरीद प्रक्रिया में बाधा न आए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य भंडारण निगम के डिपो पर पर्याप्त श्रमिक हों ताकि अनलोडिंग तेजी से हो सके और ट्रक शीघ्र मोबाइल केंद्रों पर भेजे जा सकें।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी:

बैठक में प्रमुख सचिव रणवीर प्रसाद, आयुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी, अपर आयुक्तगण, पीसीएफ और पीसीयू के प्रबंध निदेशक, भारतीय खाद्य निगम, नैफेड, एनसीसीएफ, मण्डी परिषद और राज्य भंडारागार निगम के वरिष्ठ अधिकारी सहित सभी मंडल और जिलों के खाद्य नियंत्रक वर्चुअली जुड़े।

जालौन में भीषण सड़क हादसा, पांच लोगों की मौत


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में आज सुबह हुए सड़क हादसे में पांच लोगों की जान चली गई। झांसी-कानपुर नेशनल हाइवे-27 पर एक कार अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर तोड़ते हुए सामने से आ रहे ट्रक से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। जान गंवाने वाले सभी लोग कार में सवार थे।

कार बहराइच से बेंगलुरु जा रही थी

हादसा एट थाना क्षेत्र के बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के करीब ग्राम गिरथान के समीप सुबह करीब 5:30 बजे हुआ। कार बहराइच से बेंगलुरु जा रही थी, जिसे बृजेश पुत्र शिव प्रसाद चला रहा था। कार में उनके साथ पत्नी प्रीति, संगीता (पत्नी अंकित), सिद्दीका (पुत्री अंकित), अत्ताशय (पुत्र बृजेश), अंकित (पुत्र चिंता राम), मानवी (पुत्री बृजेश), और मंदा (पुत्री जमुना प्रसाद), निवासी मोतीपुर, जिला बहराइच सवार थे।

कार चालक बृजेश को नींद की झपकी आ गई

बताया जा रहा है कि कार चालक बृजेश को नींद की झपकी आ गई, जिससे कार का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर तोड़कर झांसी की ओर से आ रहे ट्रक में जा भिड़ी। इस हादसे में बृजेश, उसकी पत्नी प्रीति, संगीता, सिद्दीका और अत्ताशय की मौके पर ही मौत हो गई।

गैस कटर की मदद से शवों को बाहर निकाला गया

राहत और बचाव कार्य के दौरान गैस कटर की मदद से शवों को बाहर निकाला गया। हादसे की सूचना मिलते ही एट थाना पुलिस, सीओ कोच और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद कार में फंसे शवों को बाहर निकाला और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल की मॉर्चरी भेजा गया। पुलिस ने हादसे की जानकारी मृतकों के परिजनों को दे दी है।

यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सुरक्षा

लखनऊ । भारतीय सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई सर्जिकल कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए सघन कदम उठाए जा रहे हैं। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने खुद मोर्चा संभालते हुए सभी फील्ड इकाइयों को चौकसी बढ़ाने और केंद्र के सुरक्षा बलों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।

महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें

भारतीय सेना द्वारा सीमापार आतंकी ठिकानों पर की गई निर्णायक कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सतर्कता बरतते हुए राज्य में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी जिलों को निर्देशित किया है कि वे रक्षा बलों से समन्वय स्थापित करें और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।पुलिस विभाग को रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, धार्मिक स्थल, शैक्षणिक संस्थान, बाजार व सार्वजनिक स्थलों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बम निरोधक दस्तों, डॉग स्क्वॉड और क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। सीसीटीवी व ड्रोन से निगरानी तेज की जा रही है।

अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपात बलों की तैनाती

डीजीपी प्रशांत कुमार ने ट्वीट जारी करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस पूरी तरह सतर्क, संसाधनों से लैस और प्रदेश के प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। सभी यूनिट्स को चौकसी बरतने व संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।"प्रदेश में किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए आपात बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। आमजन से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।

आज पूरे प्रदेश में होगी मॉक ड्रिल

युद्ध के दौरान हमलों से बचने के लिए पूरे प्रदेश में बुधवार को मॉक ड्रिल होेगी, जिसमें सायरन बजने के बाद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से इस बाबत दिए गए निर्देशों के बाद डीजीपी ने मंगलवार को पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। नागरिक सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में होने वाली इस कवायद में जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन सेवा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ आदि सहयोग करेंगे।

जनता को लाउडस्पीकर के जरिये संभावित खतरों से किया जाएगा अागाह

सीएम योगी के निर्देश पर सभी जिलों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम को दुरुस्त किया गया था, जिसका फायदा मॉक ड्रिल में देखने को मिल सकता है। प्रदेश के सभी चौराहों पर लाउडस्पीकर के जरिये जनता को संभावित हमले के खतरों के बारे में आसानी से आगाह किया जा सकेगा, जिससे लोग तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जा सकेंगे।केंद्र सरकार ने प्रदेश के 19 जिलों में मॉक ड्रिल कराने का निर्देश दिया है, जिसमें बुलंदशहर सबसे संवेदनशील है।

गोमतीनगर में मुठभेड़, चेन लूट के दो शातिर बदमाश गिरफ्तार, दोनों के पैरों में लगी गोली

लखनऊ । राजधानी में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दो शातिर चेन स्नैचरों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पुलिस चेकिंग के दौरान टीम पर फायरिंग की थी, जिसके जवाब में हुई कार्रवाई में दोनों के पैरों में गोली लगी। पुलिस ने इनके कब्जे से लूटी गई चेन, तमंचे और बाइक बरामद की है। दोनों बदमाशों के खिलाफ लूट, बलवा और अवैध हथियारों से जुड़े एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

चेकिंग के दौरान पुलिस को देखते ही शुरू कर दी फायरिंग

गोमतीनगर थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात पुलिस और दो शातिर बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ उस वक्त हुई जब पुलिस टीम शहर में सक्रिय चेन स्नैचरों की तलाश में चेकिंग कर रही थी। इस दौरान सफेद रंग की बिना नंबर की अपाचे बाइक पर सवार दो संदिग्ध युवकों को रोकने का प्रयास किया गया। आरोपियों ने रुकने के बजाय पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने दोनों बदमाशों के पैरों में गोली मारकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पकड़े गए बदमाशों पर दर्जनभर अपराधिक मुकदमे दर्ज

पकड़े गए बदमाशों की पहचान इटौंजा निवासी सुशील उर्फ अनिल उर्फ बउवा और सीतापुर निवासी सतीश कुमार गौतम के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ राजधानी समेत कई जनपदों में लूट, बलवा, अवैध असलहा रखने जैसे करीब दर्जनभर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।बताया जा रहा है कि 5 मई की रात गोमतीनगर के विराम खंड निवासी अवनीश कटियार अपने घर से पैदल हुसड़िया चौराहे तक सामान लेने गए थे। इस दौरान इंडियन पेट्रोल पंप के पास पीछे की गली में बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने पीछे से झपट्टा मारकर उनके गले की चेन लूट ली थी और मौके से फरार हो गए थे।

पुलिस ने इनके कब्जे से लूटा माल किया बरामद

घटना के बाद पीड़ित की तहरीर पर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी।सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से जब पुलिस को जानकारी मिली कि संदिग्ध बदमाश शहर सिटी के पास देखे गए हैं, तो उन्हें रोकने का प्रयास किया गया। इसी दौरान मुठभेड़ की स्थिति बन गई। घायल बदमाशों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पुलिस ने इनके कब्जे से लूटी गई चेन, वारदात में प्रयुक्त बाइक, दो अवैध तमंचे और कारतूस भी बरामद किए हैं।

यूपी सरकार को अप्रैल में मिला रिकॉर्ड राजस्व

पिछले वर्ष की तुलना में 1,785.30 करोड़ की वृद्धि, जीएसटी , आबकारी और स्टाम्प शुल्क से हुई प्रमुख आय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले महीने अप्रैल में कुल 18,204.75 करोड़ का कर एवं करेतर राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा वित्तीय वर्ष 2024-25 के अप्रैल माह में प्राप्त 16,419.45 करोड़ की तुलना में 1,785.30 करोड़ अधिक है। यह जानकारी राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने दी।

उन्होंने बताया कि राजस्व वृद्धि सरकार की सुदृढ़ कर संग्रह नीति, प्रशासनिक पारदर्शिता और डिजिटल साधनों के कुशल उपयोग का परिणाम है।

प्रमुख स्रोतों से हुई राजस्व प्राप्ति :

वस्तु एवं सेवा कर : अप्रैल 2025 में GST से कुल 8,943.47 करोड़ प्राप्त हुए, जबकि अप्रैल 2024 में यह आंकड़ा 8,310.43 करोड़ था।

मूल्य वर्धित कर : इस वर्ष अप्रैल में VAT से 994.52 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 46.54 करोड़ की वृद्धि है।

आबकारी शुल्क: अप्रैल 2025 में आबकारी राजस्व 4,319.46 करोड़ रहा, जबकि अप्रैल 2024 में यह 3,759.14 करोड़ था।

स्टाम्प और निबंधन शुल्क: अप्रैल 2025 में इस मद से 2,729.43 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो पिछले वर्ष के 2,249.78 करोड़ से कहीं अधिक है।

परिवहन विभाग से आय: अप्रैल 2025 में परिवहन विभाग से 1,043.14 करोड़ की आय हुई, जबकि अप्रैल 2024 में यह 929.61 करोड़ थी।

भू-तत्व एवं खनिकर्म में गिरावट:

वित्त मंत्री ने बताया कि एकमात्र मद जहां गिरावट दर्ज की गई, वह है भू-तत्व तथा खनिकर्म, जिससे अप्रैल 2025 में 174.73 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि अप्रैल 2024 में यह 222.51 करोड़ था।

* सरकार की प्रतिबद्धता:

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्व संग्रह में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले महीनों में यह वृद्धि और अधिक गति पकड़ेगी।

योगी सरकार की ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी पहल: यूपी को 2030 से सस्ती बिजली, 25 वर्षों में होगी 2958 करोड़ की बचत

1600 मेगावाट की नई तापीय परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का निर्णय, 5.38 रु./यूनिट की दर से होगी आपूर्ति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल करते हुए 1600 मेगावाट क्षमता की एक नई तापीय परियोजना से 1500 मेगावाट बिजली खरीदने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह बिजली बोली प्रक्रिया (बिड प्रॉसेस) के माध्यम से अगले 25 वर्षों तक 5.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी जाएगी। इस निर्णय से उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को आगामी 25 वर्षों में करीब 2958 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है।

अन्य परियोजनाओं की तुलना में किफायती बिजली

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने बताया कि यह नई परियोजना वर्तमान में कार्यरत सार्वजनिक तापीय संयंत्रों की तुलना में कहीं अधिक किफायती होगी। जैसे कि जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर, पनकी जैसी परियोजनाओं से मिलने वाली बिजली की दरें 6.60 रुपए से 9 रुपए प्रति यूनिट तक हैं। जबकि डीबीएफओओ मॉडल के तहत प्रस्तावित इस नई परियोजना से 2030-31 में बिजली मात्र 6.10 रुपए प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध होगी।

बोली प्रक्रिया और चयनित कंपनी

जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन जारी किया गया था। 7 कंपनियों ने आवेदन किया और उनमें से 5 ने फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लिया। सबसे कम दर (5.38 रु./यूनिट) की पेशकश करने वाली एक निजी कंपनी को चयनित किया गया।

यह दर दो भागों में विभाजित है: फिक्स्ड चार्ज 3.727 रुपए /यूनिट और फ्यूल चार्ज 1.656 रुपए /यूनिट।

2030-31 में होगी परियोजना की शुरुआत

यह तापीय परियोजना वित्तीय वर्ष 2030-31 में चालू हो जाएगी। इससे प्रदेश की बेस लोड ऊर्जा की जरूरतें पूरी होंगी और घरेलू उपभोक्ताओं व उद्योगों को स्थिर और किफायती बिजली उपलब्ध होगी।

ऊर्जा संकट से निपटने की रणनीति

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अनुसार, राज्य को 2033-34 तक 10,795 मेगावाट अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही राज्य ने 23,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी रोडमैप तैयार किया है। इसी क्रम में डीबीएफओओ मॉडल के तहत बिडिंग प्रक्रिया अपनाई गई है।

बिजली आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह समझौता न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है बल्कि यह भविष्य में राज्य की ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक विकास और उपभोक्ता हितों के लिए भी एक निर्णायक कदम होगा।

* क्या है डीबीएफओओ मॉडल?

डीबीएफओओ यानी डिजाइन, बिल्ड , फाइनेंस , ओन और ऑपरेट एक ऐसी प्रणाली है जिसमें निजी कंपनी परियोजना का निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन खुद करती है। सरकार सिर्फ कोयला लिंकेज देती है और बिजली खरीदती है।

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योगी सरकार ने तबादला नीति को दी मंजूरी, 15 जून तक पूरी होगी ट्रांसफर प्रक्रिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 15 जून तक ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया संपन्न कर ली जाएगी। खास बात यह है कि इस वर्ष भी पिछले साल की तबादला नीति के नियम ही लागू रहेंगे, यानी नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सरकारी आदेश के अनुसार, जिन कर्मचारियों ने एक जिले में 3 साल और मंडल में 7 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है, वे ट्रांसफर की श्रेणी में आएंगे।

समूह 'क' और 'ख' के 20% अधिकारियों और समूह 'ग' व 'घ' के 10% कर्मचारियों का तबादला संबंधित विभागाध्यक्ष कर सकेंगे। यदि इससे अधिक संख्या में ट्रांसफर करने की जरूरत होती है, तो इसके लिए संबंधित मंत्री की अनुमति आवश्यक होगी।

* पिक एंड चूज व्यवस्था समाप्त

पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी पिक एंड चूज, यानी पसंद की जगह ट्रांसफर की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। अब सबसे पहले उन कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा जो लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं।

सरकार का मानना है कि इस नीति से प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

नवंबर में उत्तर प्रदेश का पहला ‘दुधवा महोत्सव’ - संस्कृति, वन्यजीवन और पर्यटन का अनोखा संगम

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार इस नवंबर में उत्तर प्रदेश का पहला ‘दुधवा महोत्सव’ आयोजित करने जा रही है। यह तीन दिवसीय आयोजन आवासीय, सांस्कृतिक और वन्यजीव महोत्सव की थीम पर आधारित होगा और इसका उद्देश्य स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना और पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।

इस महोत्सव में देश-विदेश से 2000 से अधिक पर्यटकों के शामिल होने की उम्मीद है। पर्यटकों के लिए तीन श्रेणियों में 200 से ज्यादा कैम्पिंग टेंट्स की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, स्थानीय थारू जनजाति परिवारों के साथ होमस्टे का विशेष अनुभव भी उपलब्ध होगा, जिससे पर्यटक यहां की सांस्कृतिक जीवनशैली से सीधे जुड़ सकेंगे।

* सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजेगा मंच

महोत्सव के दौरान देश-विदेश के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जो इस आयोजन को एक यादगार अनुभव बनाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर देगा, बल्कि दुधवा टाइगर रिजर्व जैसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय स्थल को भी वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करेगा।

लखनऊ में महिला सुरक्षा को मिला नया कवच, एंटी-रोमियो स्क्वॉड बना 'महिला सुरक्षा टीम'

लखनऊ । यूपी की राजधानी में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पूर्ववर्ती एंटी-रोमियो स्क्वॉड को अब एक नए, अधिक प्रभावशाली और समग्र रूप में ‘महिला सुरक्षा टीम’ के रूप में पुनर्गठित किया गया है। इस नई पहल के तहत जनपद के हर थाने में एक महिला सुरक्षा टीम गठित की गई है, जो महिला अपराधों की रोकथाम से लेकर सुरक्षा के माहौल को मजबूत करने तक सक्रिय भूमिका निभाएगी।

सभी थानों पर गठित होंगी महिला सुरक्षा टीमें

पुलिस आयुक्त लखनऊ के आदेश पर जिले के प्रत्येक थाने पर एक महिला सुरक्षा टीम का गठन किया गया है, जिसमें कुल पाँच सदस्य होंगे — एक उपनिरीक्षक (SI), दो पुरुष आरक्षी और दो महिला आरक्षी। इन टीमों को महिलाओं एवं बालिकाओं से जुड़े अपराधों की रोकथाम, सुरक्षा सुनिश्चित करने और भयमुक्त वातावरण बनाने की दिशा में विशेष ज़िम्मेदारी दी गई है।इसका उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर छेड़छाड़, अश्लील टिप्पणी, पीछा करने जैसी घटनाओं को रोकना है। ये टीमें स्कूल-कॉलेज, बाजार, पार्क, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन सहित सभी संवेदनशील स्थानों पर नियमित गश्त करेंगी और किसी भी आपत्तिजनक गतिविधि पर त्वरित कार्रवाई करेंगी।

एंटी रोमियो स्क्वॉड का नाम ही नहीं, काम भी बदला

पूर्व में "एंटी रोमियो स्क्वॉड" को छेड़खानी और ईव-टीजिंग की घटनाओं पर कार्रवाई के लिए जाना जाता था। लेकिन नए स्वरूप में इस टीम की कार्यप्रणाली और दायरा दोनों को व्यापक बनाया गया है। अब यह टीम सिर्फ प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि निवारक कदमों पर भी जोर देगी।

टीम अब निम्नलिखित कार्यों पर विशेष ध्यान देगी

शैक्षणिक संस्थानों के आसपास मादक पदार्थों की बिक्री रोकना

संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की जांच

नशे की हालत में पाए गए लोगों पर कार्रवाई

महिलाओं और छात्राओं से मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित प्रतिक्रिया

दल को मिलेंगे आधुनिक संसाधन और तकनीकी उपकरण

हर टीम को आधुनिक संसाधनों से लैस किया जा रहा है, जिससे वे प्रभावी कार्रवाई कर सकें:

एक चार पहिया वाहन

दंगा नियंत्रण उपकरण (डंडा, हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, रस्सा)

प्रभारी अधिकारी के पास बॉडी वॉर्न कैमरा, छोटा शस्त्र, ई-चालान डिवाइस और सीयूजी फोन

गश्त के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग द्वारा सबूत संकलन की सुविधा

टीम प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक ड्यूटी पर रहेगी। आकस्मिक स्थिति में इन्हें क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) के रूप में भी सक्रिय किया जाएगा।

कार्यशैली और जवाबदेही की स्पष्ट रूपरेखा

थाना प्रभारी प्रतिदिन सुबह टीम को ब्रीफिंग देंगे और ड्यूटी के अंत में उनके कार्यों की समीक्षा करेंगे।

पुलिस उपायुक्त (DCP) और सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) स्तर के नोडल अधिकारी टीम की प्रतिदिन की गतिविधियों की निगरानी करेंगे।

टीम उन इलाकों की भौगोलिक जानकारी (लैटिट्यूड/लॉन्गिट्यूड) और CCTV कवरेज की जानकारी भी संकलित करेगी, जो महिला अपराध के दृष्टिकोण से संवेदनशील माने जाते हैं।

शोहदों पर सीधे कार्रवाई, दोहराव पर जेल भेजने की कार्यनीति

टीम का दायित्व न सिर्फ अपराध को रोकना होगा, बल्कि शोहदों की पहचान कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करना भी होगा।

पहली बार पकड़े जाने पर युवक को थाने लाकर काउंसलिंग की जाएगी, परिवार को बुलाकर उसकी गतिविधियों से अवगत कराया जाएगा।

उसका नाम थाने के विशेष रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।

यदि दोबारा वह ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ FIR दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

सादे कपड़ों में तैनाती और गुप्त शिकायत पेटिकाएं

महिला आरक्षियों को सादे वस्त्रों में संवेदनशील इलाकों (कोचिंग सेंटर, बाजार, मॉल आदि) में तैनात किया जाएगा।

साथ ही स्कूल और कॉलेजों में शिकायत पेटिका भी लगाई जाएगी, जिसमें महिलाएं और छात्राएं बिना पहचान उजागर किए अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगी।पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि टीम की कार्रवाई किसी मासूम के प्रति न हो।

पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट निर्देश

किसी भी युवक को महज शक के आधार पर परेशान न किया जाए।

छात्राओं के जान-पहचान वालों या सामान्य बातचीत करने वालों के साथ भी शालीन व्यवहार हो।

पुलिस की छवि “मददगार” बने, डर पैदा न हो।

महिला सुरक्षा को जनसहभागिता से जोड़ने की योजना

टीम स्कूल, कॉलेज, महिला समूहों और गैर सरकारी संगठनों से संपर्क कर समुदाय आधारित पहल को भी आगे बढ़ाएगी।

इसमें महिलाओं को आत्मरक्षा, साइबर सुरक्षा, यौन अपराधों की पहचान और रिपोर्टिंग आदि के प्रति जागरूक किया जाएगा।