भारत में पहली जीनोम-संपादित धान किस्मों का लोकार्पण
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर!
भारतीय कृषि क्षेत्र ने आज एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जब केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान ने दो जीनोम-संपादित धान की किस्मों का औपचारिक लोकार्पण किया। यह कार्यक्रम कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, श्री देवेश चतुर्वेदी (सचिव, कृषि मंत्रालय) और डॉ. मंगी लाल जाट (सचिव, DARE एवं महानिदेशक, ICAR) की उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह भारत ही नहीं, बल्कि विश्व की पहली जीनोम-संपादित धान किस्मों का सार्वजनिक विमोचन है। इससे भारतीय किसानों को न केवल जलवायु-संवेदनशील परिस्थितियों में बेहतर उत्पादन की संभावना मिलेगी, बल्कि यह कदम सतत कृषि, आत्मनिर्भर भारत और खाद्य सुरक्षा की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा। लोकार्पित दो प्रमुख किस्में: 1. DRR Dhan 100 (डीआरआर धन 100): विकसित संस्थान: भारतीय धान अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIRR), हैदराबाद। मुख्य विशेषता: चावल के पकने की अवधि कम (अर्ली मैच्योरिटी)। यह किस्म सामान्य धान की तुलना में 10-15 दिन पहले तैयार होती है, जिससे किसानों को दूसरी फसल लगाने का मौका मिलता है। इससे सिंचाई की जरूरत कम होती है और किसानों को जल एवं लागत की बचत होती है। इस किस्म में बिना किसी विदेशी जीन के केवल उसकी आंतरिक जेनेटिक संरचना को संपादित किया गया है। 2. Pusa Basmati DST Rice 1 (पुसा डीएसटी राइस 1): विकसित संस्थान: भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली। मुख्य विशेषता: हीट टॉलरेंस यानी उच्च तापमान सहनशीलता। बदलते मौसम में तापमान वृद्धि के कारण फसलों की पैदावार पर असर पड़ता है, लेकिन यह किस्म हीट स्ट्रेस में भी बेहतर उपज देती है। इसमें DST (Drought and Salt Tolerance) जीन को संपादित किया गया है, जिससे पौधा ताप, सूखा और नमक की स्थिति में भी फल-फूल सकता है।
May 07 2025, 17:20