मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से एसईसीएल के नवनियुक्त सीएमडी हरीश दुहन ने की सौजन्य भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के नव नियुक्त अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) हरीश दुहन ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री दुहन को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को श्री दुहन ने एसईसीएल द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के अंतर्गत राज्य के खनन प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के औद्योगिक और सामाजिक विकास के लिए हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

धान खरीदी घोटाला में 20 साल बाद फैसला, कोर्ट ने 17 आरोपियों को सुनाई सजा, नपा अध्यक्ष का भाई और चाचा भी शामिल

बलरामपुर- जिले में 20 वर्ष पूर्व धान खरीदी में हुई गड़बड़ी पर अब कोर्ट का बड़ा फैसला आया है, जिसमें कुल 17 दोषियों को कारावास की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है. मामले में रामानुजगंज नगर पालिका के अध्यक्ष रमन अग्रवाल के सगे भाई और चाचा भी शामिल हैं. 

कहते हैं देर है, पर अंधेर नहीं. ऐसा ही कुछ वर्ष 2003-04 में कामेश्वरपुर और रामचंद्रपुर के सहकारी समिति में हुई धान खरीदी घोटाले में हुई है. कोर्ट ने धान खरीदी में गड़बड़ी करने वाले 17 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया है. किसानों ने धान बेचा था, और पैसा दोषियों के खाता में पैसा गया था. दरअसल, कागजों में ही धान खरीदी कर ली गई थी.

आरोपियों को अदालत को तीन-तीन साल की सजा और 500-500 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई. कलेक्टर के आदेश पर फूड विभाग के अफसरों की जांच रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. कोर्ट ने 2018 में भी सजा सुनाई थी, लेकिन आरोपियों ने ऊपरी अदालत में अपील की थी. अपील को खारिज करते हुए रामानुजगंज जिला न्यायालय ने आरोपियों को सजा सुनाई है.

भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश आएंगे रायपुर, कल महामंत्रियों, पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लेंगे बैठक

रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश कल यानी 9 अप्रैल को पार्टी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैक टू बैक बैठकें करेंगे. वे आज रात रायपुर पहुंचेंगे. निगम, मंडल, आयोग और बोर्ड में हुई नियुक्ति के बाद यह उनका पहला दौरा है. साय मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच उनका दौरा काफी अहम माना जा रहा है.

भाजपा प्रदेश महामंत्री जगदीश (रामू) रोहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवप्रकाश 9 अप्रैल को सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक पार्टी के महामंत्रियों की बैठक लेंगे. इसके बाद सुबह 10:30 से दोपहर 12:30 बजे तक निगम-मंडल और आयोगों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों के साथ बैठक होगी.

दोपहर 12:30 से 1:30 बजे तक भाजपा के सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक रखी गई है. वहीं दोपहर 3 बजे से 4:30 बजे तक नगरीय-निकायों के महापौर, सभापति, अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के साथ-साथ जिला पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे.

नगरनार स्टील प्लांट में भीषण आग, नहीं हुई कोई जनहानि, लेकिन करोड़ों का हुआ नुकसान…

जगदलपुर- नगरनार स्थित एनएमडीसी स्टील प्लांट में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब कोक ओवन सेक्शन में गैस लीक के बाद भीषण आग भड़क उठी. आग इतनी विकराल थी कि 10 किलोमीटर दूर से लपटें और धुआं साफ नजर आ रहे थे, प्लांट में रखी कीमती बैटरियां जलकर खाक हो गईं. 

फायर ब्रिगेड की गाड़ियां शहर से 18 किमी दूर से घटनास्थल पर पहुंचीं और करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. इस हादसे से प्लांट को करोड़ों का नुकसान हुआ है, मेंटनेंस और उत्पादन में देरी से भी बड़ा घाटा होगा.

इस पूरे घटनाक्रम में राहत की बात यह रही कि समय रहते कर्मचारियों ने खुद को सुरक्षित कर लिया, जिससे जनहानि नहीं हुई. आग लगते ही पूरे प्लांट में अफरा-तफरी मच गई, कर्मचारी जान बचाने में जुटे रहे, वहीं अधिकारी हालात को रूटीन बताकर कर्मचारियों को काम पर लगाए रखने का दबाव बनाते रहे.

चिंता की बात यह है कि पूर्व में भी आगजनी और हॉट मेटल के छिड़काव जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए थे, फिर भी न तो आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम किए गए, न ही कर्मचारी इलाज के लिए कोई अस्पताल प्लांट के पास मौजूद है.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इतिहास में पहली बार, चीफ जस्टिस सिन्हा ने वर्चुअली की मामलों की सुनवाई

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी जस्टिस ने वर्चुअली किसी मामले की सुनवाई की है. कोराेना काल में वर्चुअल सुनवाई का दौर शुरू हुआ था. लेकिन तब याचिकाकर्ता और प्रमुख पक्षकारों के अधिवक्ताओं को वर्चुअल जुड़ने की छूट थी. वे वर्चुअल जुड़कर अपने मामलों की पैरवी किया करते थे. वहीं जज हाई कोर्ट में बैठकर सुनवाई करते थे. 

दरअसल, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की माता की तबीयत खराब है, इसलिए वे बीते कुछ दिनों से इलाज के लिए उन्हें लखनऊ लेकर गए हैं. मां की बीमारी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बाद भी उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी शिद्दत के साथ निभाई. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने मामलों मुकदमों की बढ़ती संख्या और याचिकाकर्ताओं की परेशानी को देखते हुए डिवीजन बेंच और सिंगल बेंच में लगे मामलों की सुनवाई करने का फैसला किया, और लखनऊ से सीधे वर्चुअल जुड़कर सुनवाई की.

चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्रार जनरल को निर्देशित किया था, कि उनके डिवीजन बेंच और सिंगल बेंच के मामलों की लिस्टिंग करें. वे लखनऊ से वर्चुअल जुड़कर सुनवाई करेंगे. लिहाजा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पहली डिवीजन बेंच अपने नियत समय पर लगी और सुनवाई शुरू हुई.

हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच एक में जस्टिस अरविंद वर्मा और याचिकाकर्ता व प्रमुख पक्षकारों के वकील थे. इधर चीफ जस्टिस ने समय पर वर्चुअल जुड़कर सुनवाई शुरू की. जस्टिस वर्मा मामलों के बारे में बता रहे थे और उनसे सीधे चर्चा कर रहे थे. निर्धारित समय तक डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. लंच के बाद चीफ जस्टिस ने सिंगल बेंच में सुनवाई की.

छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता की भी फर्जी डॉक्टर के ऑपरेशन के बाद गई थी जान, सीएमएचओ ने बिलासपुर अपोलो अस्पताल से मांगा जवाब…

बिलासपुर- दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत के मामले के तार बिलासपुर के अपोलो अस्पताल से जुड़ रहे हैं. खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाले फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम पर आरोप है कि इन्हीं की लापरवाही से अपोलो अस्पताल में भी 7–8 मरीजों की जान गई थी, जिसमें दिग्गज कांग्रेस नेता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल भी शामिल थे. 

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल करीब 32 साल तक विधायक रहे. 20 अगस्त 2006 को उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ऑपरेशन के दौरान उनकी मौत हो गई. उनका ऑपरेशन भी कथित डॉक्टर नरेंद्र ने किया था.

दमोह की घटना सामने आने अब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के परिजनों ने मामले की जांच की मांग की है. वहीं अपोलो हॉस्पिटल प्रबन्धन 17-18 साल पुराने दस्तावेज खंगाल रहा है.

राजेन्द्र शुक्ल के बेटे प्रोफेसर प्रदीप शुक्ल ने बताया कि नरेंद्र दो से तीन महीने के लिए अपोलो आया था. इस दौरान 8 से 10 मरीजों की मौत हुई थी. जब विवाद बढ़ा तो आईएमए के तत्कालीन अध्यक्ष और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वायएस दुबे ने इसकी जांच करवाई. जांच में पाया गया कि नरेंद्र के दस्तावेज फर्जी थे. उसके पास केवल एमबीबीएस की डिग्री थी, वह कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था.

बताया जा रहा है कि नरेंद्र का असली नाम नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है. वह देहरादून का रहने वाला है. दस्तावेजों में नाम नरेंद्र जॉन केम लिखा है. उसके पास 2006 में एमबीबीएस की डिग्री है, जो आंध्र प्रदेश मेडिकल कॉलेज की बताई गई है. उसका रजिस्ट्रेशन नंबर 153427 दर्ज है. इसके बाद जो 3 एमडी और कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्रियां दी गई हैं, उनमें किसी का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं है. ये डिग्रियां कलकत्ता, दार्जिलिंग व यूके की बताई गई हैं.

मुख्यमंत्री का संदेश: पारदर्शिता, तत्परता और संवाद ही सुशासन का आधार, प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार 2025 का आगाज़ 8 अप्रैल से

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार का प्रदेशव्यापी शुभारंभ 8 अप्रैल से होने जा रहा है। तीन चरणों में आयोजित होने वाला यह सुशासन तिहार 31 मई तक चलेगा।

प्रथम चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए जाएंगे। सुशासन तिहार के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एवं कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। विकासखंडों और जिला मुख्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी रखी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य इस वर्ष अपनी स्थापना की रजत जयंती मना रहा है। यह वर्ष सौभाग्य से छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है, जिसे राज्य सरकार "अटल निर्माण वर्ष" के रूप में मना रही है। सुशासन की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की कड़ी में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है।

सुशासन तिहार-2025 के तहत सभी प्राप्त आवेदनों की सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे सुशासन तिहार के सुव्यवस्थित आयोजन और इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के तत्परता से निराकरण को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी की जाएगी।

समाधान शिविर और योजनाओं का प्रचार

तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

शिविरों में आमजन को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा, तथा यथासंभव आवेदन का त्वरित निराकरण भी वहीं किया जाएगा। शेष समस्याओं का निराकरण एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी। शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे, और विकास कार्यों व योजनाओं से मिल रहे लाभ का फीडबैक लेंगे। साथ ही औचक निरीक्षण के माध्यम से चल रहे कार्यों की वास्तविकता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसामान्य की समस्याओं का प्रभावी एवं त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे सुशासन तिहार से जुड़ें और शासन-प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराएं, ताकि उनके समाधान की दिशा में ठोस पहल की जा सके।

महावीर जयंती पर रायपुर में मांस-मटन बिक्री प्रतिबंधित, आदेश उल्लंघन पर होगी कार्रवाई, होटलों पर भी रहेगी नजर…

रायपुर- राजधानी रायपुर में महावीर जयंती के अवसर पर गुरुवार को मांस और मटन की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. यह निर्णय छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के निर्देशों के तहत लिया गया है. नगर निगम रायपुर की महापौर मीनल चौबे के निर्देशानुसार, नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.

आदेश के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र के सभी बूचड़खाने और मांस-मटन की दुकानें बंद रहेंगी. यदि कोई दुकान या होटल इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो मांस जब्त कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया सख्त आदेश

नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तृप्ति पाणीग्रही द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि महावीर जयंती के दिन किसी भी प्रकार की मांस-मटन बिक्री प्रतिबंधित रहेगी. सभी जोन स्वास्थ्य अधिकारी और स्वच्छता निरीक्षक अपने-अपने क्षेत्रों में सतत निरीक्षण कर इस प्रतिबंध को लागू कराएंगे.

होटलों पर भी रहेगी नजर

सिर्फ दुकानें ही नहीं, होटलों और रेस्टोरेंट्स पर भी निगरानी रखी जाएगी. यदि किसी होटल में मांस या मटन की बिक्री होती पाई जाती है, तो उस पर जप्ती की कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी.

नगर निगम प्रशासन ने सभी दुकानदारों और होटल संचालकों से अनुरोध किया है कि वे महावीर जयंती जैसे पवित्र पर्व पर इस प्रतिबंध का पालन कर सद्भावना बनाए रखें. साथ ही, आम जनता से भी अपील की गई है कि नियमों के पालन में सहयोग करें.

वन भूमि अतिक्रमण मामले में पीड़ितों ने डीएफओ कार्यालय के बाहर दिया धरना, वन विभाग पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का लगाया आरोप

सरगुजा- अंबिकापुर के डीएफओ कार्यालय में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब वार्ड नंबर 41 के पार्षद बाबरी इदरसी के नेतृत्व में दर्जनों वार्डवासी सरगुजा वन मंडल के डीएफओ तेजस शेखर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि वन विभाग न्यायालय के आदेश का पालन नहीं कर रहा और पीड़ितों की बात तक नहीं सुनी जा रही है.

पूरा मामला अंबिकापुर के श्रीगढ़ स्थित वन भूमि में अवैध कब्जे से जुड़ा है. लगभग तीन माह पूर्व वन विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए 40 घरों को तोड़ा गया था. आज पीड़ित परिवारों ने सरगुजा वन मंडल के डीएफओ कार्यालय के बाहर जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. पीड़ितों का आरोप है कि वन विभाग हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है. न्यायालय ने विभाग को निर्देश दिया था कि वह सभी पीड़ितों का पक्ष लिखित में लेकर 7 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करे, लेकिन विभाग के अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं.

जनवरी माह में सरगुजा वन मंडल द्वारा श्रीगढ़ गांव में वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण का मामला सामने आया था. विभाग ने 60 घरों को नोटिस जारी कर तुरंत कार्रवाई की थी, जिसमें 40 घरों को तोड़ दिया गया. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी और विभाग को निर्देश दिए कि वह विस्तृत जांच कर सभी प्रभावितों से लिखित पक्ष लेकर न्यायालय को रिपोर्ट सौंपे.

पीड़ितों का आरोप है कि अब तक न तो जमीन की नापजोख कराई गई है और न ही उनका पक्ष लिया गया है. उनका कहना है कि विभाग न्यायालय के आदेश की अनदेखी कर रहा है, जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा. इसी के चलते आज उन्हें विवश होकर डीएफओ कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करना पड़ा.

वहीं इस मामले में डीएफओ तेजस शेखर का कहना है कि पूरे मामले की जांच चल रही है और सभी पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं.

ऑपरेशन यात्री सुरक्षा : रायपुर रेलवे स्टेशन पर RPF की बड़ी कार्रवाई, 4 पॉकेटमार गिरफ्तार

रायपुर- यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर चलाए जा रहे “ऑपरेशन यात्री सुरक्षा” के तहत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) रायपुर की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार आदतन पॉकेटमार और मोबाइल चोरों को रेलवे स्टेशन परिसर से गिरफ्तार किया है. आरोपियों को पकड़े जाने के बाद गंज थाना पुलिस के सुपुर्द किया गया, जहां उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई है.

यह कार्रवाई आज सीआईबी यूनिट रायपुर के प्रभारी के नेतृत्व में की गई. पूरी कार्रवाई महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, रेसुब बिलासपुर और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, रायपुर के निर्देशन में अंजाम दी गई.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

  1. दुर्गेश कहार पिता मनोहर, उम्र 23 वर्ष, निवासी – रामकुंड आमातालाब के पास, थाना आजाद चौक, रायपुर
  2. मुकेश देवांगन पिता स्व. महावीर देवांगन, उम्र 25 वर्ष, निवासी – भगत सिंह चौक, शारदा होटल के पीछे, थाना टिकरापारा, रायपुर
  3. संजय राज यादव पिता शंकर यादव, उम्र 26 वर्ष, निवासी – पुराना बस स्टैंड के पास, थाना कोतवाली, महासमुंद
  4. दाउलाल साहू पिता धनवार साहू, उम्र 25 वर्ष, निवासी – बिनौरी, थाना फिंगेश्वर, जिला गरियाबंद

ये सभी आरोपी रेलवे स्टेशन रायपुर में पॉकेटमारी की नीयत से घुसने की फिराक में थे, जिन्हें संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन में भीड़ वाली गाड़ियों में यात्रियों से पॉकेटमार/मोबाईल चोरी करने कें इरादे से स्टेशन मे घुसने की फिराक में थे. सभी को पकड़ कर स्थानीय पुलिस थाना गंज रायपुर को सुपुर्द किया गया.

चारों आरोपियों के खिलाफ थाना गंज, रायपुर में अप. क्रमांक 55/2025, 56/2025, 57/2025, 58/2025 के तहत धारा 170, 126, 135(3) बीएनएसएस में अपराध पंजीबद्ध कर कार्रवाई की जा रही है.