मोदी को हराना चाहते थे बाइडेन, इसलिए कराई करोड़ों की फंडिंग”, डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा आरोप

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अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) ने भारत में खर्च करने के लिए दिए गये 21 मिलियन डॉलर लगभग 182 करोड़ रुपए के एक फंड को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में वोटिंग टर्नआउट बढ़ाने के लिए अमेरिकी फंडिंग रोकने के फैसले पर एक बार फिर प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने बुधवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि पिछली बाइडन सरकार की ओर से किसी और को जिताने की कोशिश की जा रही थी। शायद वे (पूर्ववर्ती बाइडन सरकार) भारत में किसी और की सरकार बनवाना चाहते थे। इससे पहले ट्रंप ने भारत को दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग रोकने के फैसले का बचाव किया था। ट्रंप ने सवाल उठाया कि भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दिए गए, जबकि भारत के पास पहले से ही बहुत पैसा है।

ट्रंप ने एफआईआई प्रायोरिटी समिट में कहा, हमें भारत में मतदाता टर्नआउट पर 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की आवश्यकता क्यों है? मुझे लगता है कि वे किसी और को जिताने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारतीय सरकार को बताना होगा। यह एक पूरी तरह से नया खुलासा है। हमें भारत सरकार को बताना होगा, क्योंकि जब हम सुनते हैं कि रूस ने हमारे देश में 2 डॉलर का खर्च किया है तो यह हमारे लिए बड़ा मुद्दा बन जाता है।

बुधवार को भी ट्रंप ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अमेरिकी फंडिंग पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि 'हम भारत को 2.1 करोड़ डॉलर क्यों दे रहे थे? उनके पास पहले से ही काफी पैसा है। वे सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देश हैं। हम मुश्किल से उनके बाजार में अपना सामान भेज पा रहे हैं क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं। मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन भारत के चुनाव में 2.1 करोड़ की फंडिंग देने का क्या मतलब है? यहां के मतदान प्रतिशत का क्या?'

हाल ही में एलन मस्क के नेतृत्व वाले डीओजीई विभाग ने विभिन्न देशों के लिए फंडिंग रोकने की घोषणा की थी, जिसमें भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि भी शामिल थी। डीओजीई कहा था कि अमेरिका ने भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए बनाए गए 21 मिलियन डॉलर के कार्यक्रम में कटौती करने का फैसला किया है। डीओजीई अमेरिकी सरकार के खर्चे में कटौती कर रहा है। सरकारी दक्षता विभाग ने फिलहाल यूएसएआईडी द्वारा की जाने वाली अधिकतर फंडिंग पर रोक लगा दी है।डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने संघीय सरकार की लागत में कटौती करने के उद्देश्य से सरकारी दक्षता विभाग का गठन किया था।

दिल्ली में आज रेखा गुप्ता का “ताजपोशी”, ये 6 मंत्री भी लेंगे शपथ

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रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज यानी 20 फरवरी को शपथ लेंगी। रामलीला मैदान में तैयारी पूरी हो चुकी है।इनके साथ इनके कैबिनेट सहयोगी भी मंत्री पद की शपथ लेंगे।

इससे पहले बुधवार शाम को दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को सर्वसम्मति से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल का नेता चुन लिया गया। पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता के नाम का प्रस्ताव रखा गया। सर्वसम्मति ने प्रस्ताव पास हो गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राष्ट्रीय मंत्री ओपी धनखड़ ने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की।

इससे पहले भाजपा हाईकमान ने ओपी धनखड़ और रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक बनाया। बुधवार को इनकी मौजूदगी में विधायकों की राय जानी गई। इसमें रेखा गुप्ता के नाम पर सर्वसम्मति बनी। बुधवार रात भाजपा विधायक दल की नेता रेखा गुप्ता दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात करके दिल्ली में सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। उपराज्यपाल को उन विधायकों की सूची भी सौंपी जिन्हें, पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी।

सीएम के साथ कैबिनेट के 6 मंत्री भी शपथ लेंगे

रेखा गुप्ता के साथ दिल्ली कैबिनेट के 6 मंत्री भी शपथ लेंगे। प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा का नाम भी उन लोगों की लिस्ट में शामिल है, जो आज रामलीला मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। 6 मंत्रियों को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। एलजी यानी उपराज्यपाल वीके सक्सेना आज दोपहर 12.35 बजे नए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम केंद्रीय मंत्री, भाजपा और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी इसमें शामिल होंगे।

रेखा गुप्ता के साथ कौन-कौन शपथ लेंगेः-

1. प्रवेश साहिब सिंह

2. आशीष सूद

3. सरदार मंजिदर सिंह सिरसा

4. रवींद्र सिंह (इंद्रराज)

5. कपिल मिश्रा

6. पंकज कुमार सिंह

दिल्ली में मुख्यमंत्री का ऐलान, रेखा गुप्ता होंगी सीएम, विधायक दल की बैठक के बाद ऐलान

दिल्ली चुनाव परिणाम घोषित होने के 11 दिन बाद आज यानी बुधवार को अंतत: दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। वह शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं। विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से रेखा को नेता चुना गया। सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी के बाद रेखा दिल्ली की चौथी महिला मुख्‍यमंत्री होंगी।

भाजपा के सभी 48 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार शाम को हुई, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। पार्टी के दोनों पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओम प्रकाश धनखड़ पार्टी दफ्तर में विधायकों से एक-एक करके बात की, फिर सीएम के नाम का ऐलान किया।

सीबीएसई साल में 2 बार कराएगा बोर्ड एग्जाम? फरवरी के बाद अप्रैल में दोबारा एग्‍जाम पर शिक्षामंत्री ने की चर्चा

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई ने बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर भी विचार कर रहा है। मिनिस्‍ट्री ऑफ एजुकेशन ने बुधवार को सीबीएसई बोर्ड सचिव और दूसरे शिक्षाविदों के साथ साल में 2 बार बोर्ड एग्‍जाम कराने को लेकर चर्चा की। अभी बोर्ड एग्‍जाम हर साल फरवरी-मार्च में होते हैं। बोर्ड दूसरी बार अप्रैल-मई में बोर्ड परीक्षाएं करा सकता है। हालांकि, ये नियम कब से लागू होगा, ये तय होना बाकी है।

सीबीएसई 2026-2027 के शैक्षणिक सत्र से एक वैश्विक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। इन बदलावों के तहत, सीबीएसई उसी शैक्षणिक सत्र से साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने पर भी विचार कर रहा है, जिससे छात्रों को अपने सर्वोत्तम अंक सुरक्षित रखने का अवसर मिलेगा। यह नया सिलेबस मुख्य रूप विदेशी छात्रों पर केंद्रित होगा। पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप एक व्यापक सुधार योजना अनुसार लाए जा रहे इस नए पाठ्यक्रम में छात्रों को ज्यादा लचीलापन और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा मिलेगी।

धर्मेंद्र प्रधान ने दी जानकारी

शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीबीएसई, एनसीईआरटी, केवीएस, नवीएस और कई स्‍कूल पदाधिकार‍ियों के साथ साल में 2 बार परीक्षाएं कराने पर चर्चा की। उन्‍होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी जारी की। इसमें लिखा हुआ है कि स्टूडेंट्स के लिए स्ट्रेस फ्री लर्निंग एनवायरनमेंट बनाना सरकार के लिए अहम फोकस में से एक है। एग्जामिनेशन इम्प्रूवमेंट और रिफॉर्म इस दिशा में एक जरूरी कदम है। इसे आगे बढ़ाते हुए सेक्रेटरी स्कूल एजुकेशन, सीबीएसई अध्यक्ष के साथ मंत्रालय और सीबीएसई के अन्य अधिकारियों के साथ “साल में दो बार सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन” पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। अब इसका ड्राफ्ट स्कीम जल्द ही सीबीएसई द्वारा पब्लिक कंसल्टेशन के लिए रखा जाएगा।

स्ट्रेस फ्री लर्निंग एनवायरनमेंट पर सरकार का फोकस

इस पोस्ट में लिखा गया है कि स्टूडेंट्स के लिए स्ट्रेस फ्री लर्निंग एनवायरनमेंट क्रिएट करना सरकार के लिए अहम फोकस में से एक है। एग्जामिनेशन इम्प्रूवमेंट और रिफॉर्म इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे आगे बढ़ाते हुए, सेक्रेटरी स्कूल एजुकेशन, सीबीएसई चेयरमैन के साथ मंत्रालय और सीबीएसई के अन्य अधिकारियों के साथ साल में दो बार सीबीएसई परीक्षाओं के संचालन पर अच्छे से विचार-विमर्श किया गया। अब इसका ड्राफ्ट स्कीम जल्द ही सीबीएसई द्वारा पब्लिक कंसल्टेशन के लिए रखा जाएगा।

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में भी दो बार बोर्ड एग्जाम कराने का प्रपोजल

पिछले साल अगस्त में शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) रिलीज किया था। एनसीएफ में भी स्टूडेंट्स को साल में दो बार बोर्ड एग्जाम देने का ऑप्शन देने की बात थी। अक्टूबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड एग्जाम होंगे लेकिन स्टूडेंट्स को दोनों बार एग्जाम देना जरूरी नहीं होगा। स्टूडेंट्स जब चाहें उस अटेम्प्ट में बोर्ड एग्जाम दे सकते हैं।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा की भड़के एकनाथ शिंदे, जानें पूरा मामला

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पूरा देश आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। पीएम मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंती पर नमन किया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की जयंती पर ट्वीट कर के मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दे दी है। जिसपर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है।

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है। वह हमेशा महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान करते हैं. वीर सावरकर का भी अपमान करते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि, स्वरा भास्कर हो या कमाल खान या राहुल गांधी, मैं उन सभी की निंदा करता हूं जो महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। आज पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है, ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा?

इससे पहले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- "छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने साहस और शौर्य से उन्होंने हमें निडरता और पूरे समर्पण के साथ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

MUDA स्कैम मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को बड़ी राहत, लोकायुक्त ने दी क्लीनचिट

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बड़ी राहत मिली है। सीएम सिद्धारमैया को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी मुडा लैंड स्कैम केस में एंटी करप्शन वॉचडॉग लोकायुक्त की तरफ से क्लीन चिट मिल गई है। ये मामला मुआवजा के लिए हुए सिद्धारमैया की पत्नी को हुए भूमि आवंटन में कथित गड़बड़ी की शिकायत के बाद सामने आया था। एंटी करप्शन एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया था कि इस गड़बड़ी के कारण राज्य को करीब 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

जांच की फाइनल रिपोर्ट 138 दिनों की लंबी जांच के बाद बेंगलुरु मुख्यालय को सौंपी गई। लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता स्नेहमयीकृष्ण को नोटिस जारी कर कहा है कि साक्ष्य के अभाव में मामला जांच के लायक नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि साक्ष्य के अभाव में भी वो रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। इसमें वे मामले भी शामिल हैं, जिन्हें बिना जांच के खारिज कर दिया जाता है। जांच अधिकारी उन्हें सिविल प्रकृति का और जांच के लिए उपयुक्त नहीं पाया है, या तथ्यों या कानून की गलतफहमी के कारण ऐसा किया जाता है। इसमें साक्ष्य का अभाव है। यह मामला जांच के लायक नहीं है। कहा गया है कि यदि उन्हें इस रिपोर्ट पर कोई आपत्ति है तो वे नोटिस प्राप्त होने के एक सप्ताह के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

इस मामले में जांच सितंबर 2024 में शुरू हुई थी, जब बेंगलुरु में एक विशेष अदालत ने लोकायुक्त को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी साइट आवंटन मामले की जांच का आदेश दिया था। जांच का नेतृत्व मैसूर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक टीजे उदेश ने किया। इस दौरान 100 से अधिक लोगों से पूछताछ हुई, जिनमें नौकरशाह, राजनेता, सेवानिवृत्त अधिकारी, मुडा के अधिकारी और स्वयं सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और उनके बहनोई बीएम मल्लिकार्जुन स्वामी शामिल थे। सभी बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और इन्हें रिपोर्ट में शामिल किया गया।

बता दें कि पिछले साल एंटी करप्शन एक्टिविस्ट स्नेहमयी कृष्णा ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को पत्र लिखकर मुकदमा चलाने की मांग की थी। आरोप है कि सिद्दरमैया की पत्नी को मैसूर के एक पॉश इलाके में प्रतिपूरक साइटें आवंटित की गईं, जिनकी संपत्ति का मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहीत किया गया था। मुडा ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे, जहां इसने एक आवासीय लेआउट विकसित किया था। 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं था।

व्हाइट हाउस ने हथकड़ी-जंजीरों में जकड़े अप्रवासियों का VIDEO किया पोस्ट, मस्क का रिएक्शन कर देगा हैरान

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अमेरिका में मौजूद अवैध प्रवासियों को लगातार वापस भेजा जा रहा है। डिपोर्टेशन के दौरान लोगों के हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डाली जाती है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। दरअसल, व्हाइट हाउस ने मंगलवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें अमेरिका में अवैध आप्रवासियों को जंजीरों में बांधकर डिपोर्ट करने के लिए फ्लाइट पर चढ़ाते हुए देखा जा सकता है।

व्हाइट हाउस के आधिकारिक पेज पर पोस्ट किए गए 41 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह से अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया जाता है। डिपोर्ट किए जाने से पहले किस तरह की तैयारी की जाती है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुलिस अधिकारी प्रवासी शख्स को हथकड़ियां लगा रहा है। वीडियो में डिपोर्ट किए जाने वाले शख्स का चेहरा नहीं दिखाया गया है लेकिन उसके हाथों हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां नजर आ रही हैं। एयरपोर्ट पर हथकड़ियां और चेन रखी देखी जा सकती हैं। वीडियो में शख्स प्लेन में चढ़ता दिखाई दे रहा है जिसके पैरों में बेड़ियां बंधी हुई हैं

इस वीडियो पर कई तरह के रिएक्शन भी सामने आए हैं। इन सबमें सबसे हैरान कर देने वाली प्रतिक्रिया टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की है। डोनाल्ड ट्रंप के खास सहयोगी एलन मस्क ने व्हाइट हाउस इस वीडियो को रीट्वीट करते हुए 'हाहा, वाह' लिखा है। इस दौरान उन्होंने एक इमोजी भी बना रखा था, जो एलियन का इमोजी था। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप शुरू से ही अवैध आप्रवासियों को एलियन कहते रहे है।

बता दें कि अमेरिका ने भारतीय अवैध प्रवासियों को भी डिपोर्ट किया है। इस महीने अमेरिका से 332 अवैध भारतीय आप्रवासियों को तीन विमान के जरिए अमेरिका ने वापस भेजा है। वापस लौटे सभी लोगों की शिकायत है कि उन्हें जंजीरों में बांधा गया और फ्लाइट के दौरान टॉयलेट का इस्तेमाल करने नहीं दिया गया।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का यूनुस सरकार पर फूटा गुस्सा, आतंक के आरोपों पर बढ़ी रार

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पिछले साल अगस्त में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था। शेख हसीना अब भारत में रह रही हैं। उसके बाद देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान में देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए। हसीना ने कहा कि यूनुस ने बांगलादेश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बना दिया है। पांच अगस्त 2024 को छात्रों के विद्रोह के बाद हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई और उन्हें बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने का आरोप

हसीना ने सोमवार को यूनुस सरकार पर हमला बोला। शेख हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए एक संदेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा, यूनुस ने खुद कहा था कि उसे देश चलाने का कोई अनुभव नहीं है, फिर उसे सरकार चलाने से क्यों नहीं रोका गया? उनका आरोप था कि जब छात्रों के नेतृत्व में सरकार के कोटा सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे और कई पुलिसकर्मी मारे गए थे, तब यूनुस ने चुप्पी साधी। हसीना ने यह भी कहा कि यूनुस ने सभी जांच समितियों को खत्म कर दिया और आतंकवादियों को खुली छूट दे दी, जो देश को बर्बाद कर रहे हैं।

मैं वापस आउंगी और शहीदों का बदला लूंगी-हसीना

शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चल रही सरकार को जल्द ही समाप्त किया जाएगा। उन्होंने पांच शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं और उनके बच्चों से वर्चुअल बैठक के दौरान कहा, मैं लौटकर हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश में कुछ आतंकवादी तत्वों ने जो अराजकता फैलाई है, उसे अब खत्म करना होगा।

“हसीना को भारत से वापस लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता”

अब शेख हसीना के पलटवार में यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की सरकार ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है। इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि शेख हसीना को भारत से वापस लाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, जिसे हम जरूर करेंगे।

लिव-इन रजिस्ट्रेशन के खिलाफ अदालत पहुंचे युवक ने प्राइवेसी की कही बात, कोर्ट ने पूछा-गुफा में रहते हो क्या?

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उत्तराखंड में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई। उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य है. लेकिन इसके कई प्रावधानों पर बड़ी बहस छिड़ गई है। लिव-इन रिलेशनशिप के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कई ऐसे लोग हैं जो इसे सही नहीं मानते। उनका कहना है कि ये निजता का उल्लंघन है। लिव-इन रिलेशनशिप रहने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने के प्रावधान के खिलाफ एक युवक ने याचिका दयार की थी।

23 वर्षीय याचिकाकर्ता ने वकील अभिजय नेगी के माध्यम से याचिका दाखिल की थी और कहा कि यूसीसी की ये प्रावधान समाज में 'गॉसिप' (अफवाहों) को बढ़ावा देंगे। साथ ही गोपनीयता भी भंग होगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के साल 2017 के फैसले का हवाला देते हुए निजता के अधिकार पर जोर देते हुए तर्क दिया कि उनके क्लाइंट की निजता का हनन किया जा रहा है, क्योंकि वह अपने साथी के साथ अपने लिव-इन रिश्ते का ऐलान या फिर रजिस्ट्रेशन नहीं करना चाहते।

उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि आप दोनों साथ रह रहे हैं, ये बात आपके पड़ोसी, समाज और दुनिया जानती है। फिर आप कौन से सीक्रेट की बात कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या आप सीक्रेट तरीके से किसी एंकांत गुफा में रह रहे हैं। आप एक सभ्य समाज के बीच रह रहे हैं, बिना शादी के आप एक साथ रह रहे हैं। ऐसी कौन सी ऐसी निजता है, जिसका उल्लंघन किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि मीडिया में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर खबरें छप रही हैं, जिससे निजता का हनन हो रहा है. इस पर न्यायाधीश ने पूछा कि क्या किसी व्यक्ति का नाम सार्वजनिक किया गया है? अगर ऐसा हुआ है, तो वे कोर्ट में सबूत पेश करें। वकील ने जब कहा कि उनके मुवक्किल की प्राइवेसी खतरे में है तो अदालत ने सलाह दी कि अगर इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई होती है तो वे हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।

इस मामले पर बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अल्मोड़ा जिले की उस घटना का जिक्र किया, जिसमें एक यंग लड़के को इस लिए मार दिया गया था क्यों कि वह अंतरधार्मिक लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा था। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ काम करें। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले को यूसीसी को चुनौती देने वाली अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ा जाता है और अगर किसी के खिलाफ जबरन कार्रवाई की जाती है तो वह शख्स कोर्ट आ सकता है।

ओपी धनखड़-रविशंकर प्रसाद को बीजेपी ने सौंपी बड़ी जिम्‍मेदारी, चुनेंगे दिल्ली का नया सीएम

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दिल्ली में बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक खत्म हो चुकी है। इस बैठक में दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में दिल्ली के नए सीएम का नाम तय हो गया है। वहीं इसके लिए दो नेताओं को पर्यवेक्षक बनाया गया है। बीजेपी ने ओपी धनखड़ और रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।

बीजेपी की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है। कहा गया है कि बीजेपी नेता ओपी धनखड़ और रविशंकर प्रसाद को आज होने वाली बीजेपी के विधायक दल की बैठक के लिए प्रर्यवेक्षक नियुक्ति किया गया है। मतलब यही वो दो नेता होंगे जो पर्ची के माध्‍यम से नए सीएम का नाम लेकर विधायकों के बीच पहुंचेंगे। भाजपा के सभी 48 नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार शाम को होगी, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा।

बता दें कि गुरुवार को शपथ ग्रहण के बाद दिल्ली वासियों को उनका नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। गुरुवार यानी 20 फरवरी को रामलीला मैदान में होने वाले कार्यक्रम के लिए तैयारियां की गई हैं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने समारोह स्थल की सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा-एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रहने की भी उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। चूंकि कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे, इसलिए उनकी सुरक्षा में एसपीजी का घेरा मौजूद रहेगा।