*जिला निर्वाचन अधिकारी ने ई0वी0एम0 गोदाम का किया निरीक्षण*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिला निर्वाचन अधिकारी विशाल सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित ई0वी0एम0 गोदाम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ई0वी0एम0 के रखरखाव, रजिस्टर तथा गेट पर सील लाॅकर का निरीक्षण करते हुये ड्यूटी पर तैनात गार्डो आदि के व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुये आवश्यक दिशा निर्देश दिया। उन्होंने सीसी कैमरा में विगत दिवसो की रिकॉर्डिंग की चेकिंग, फायर सेफ्टी उपकरण की वैलेडिटी तिथि आदि बिंदुओं का भी अवलोकन किया। जिलाधिकारी ने जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी कुंवर वीरेंद्र मौर्य, जिला कृषि रक्षा अधिकारी रत्नेश सिंह, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी संजय श्रीवास्तव उपस्थित रहें।
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। मुख्यालय के पास का सबसे व्यस्ततम तिराहा दूधिया रोशनी से जगमग हो गया। ज्ञानपुर नगर के दुर्गागंज त्रिमुहानी पर करीब सात लाख 65 हजार रुपए की लागत से हाईमास्ट लाइट लगाई गई है। 15 वें वित्त की धनराशि से लगायी गई इस हाईमास्ट लाइट से पूरे तिराहा जगमग हो उठा है। दुर्गागंज त्रिमुहानी से रोजाना हजारों की संख्या में राहगीरों का आवागमन होता है। समुचित प्रकाश की व्यवस्था नहीं होने से रात में दिक्कत होती थी। विगत माह में बोर्ड की बैठक में सभासदों ने तिराहा पर हाईमास्ट लाइट लगाने का प्रस्ताव रखा। जिसके बाद नगर प्रशासन के 15 वें वित्त से हाईमास्ट लाइट लगाई गई है। लाइट की कीमत करीब सात लाख 65 रुपए जीएसटी के साथ है। ज्ञानपुर नगर में कुल 11 वार्ड है। करीब 22 से 24 हजार की आबादी वार्डों में निवास करती हैं। दुर्गागंज त्रिमुहानी पर हाईमास्ट लाइट लगने के बाद तिराहा दूधिया रोशनी से जगमग हो उठा है। ईओ राजेन्द्र दूबे ने बताया कि 15 वें वित्त से दुर्गागंज त्रिमुहानी पर हाईमास्ट लाइट लगाई है। इससे रात में काफी सुविधा होगी।
*बिना ईएमओ के चल रही जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी* *ओपीडी के चिकित्सकों की रोस्टर पर लगाई जाती है ड्यूटी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। दो से ढाई लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाला जिला चिकित्सालय का इमरजेंसी बिना ईएमओ के चल रहा है। यहां ईएमओ के तीन पद है, लेकिन एक भी तैनाती नहीं है। रोजाना करीब 50 मरीजों की इमरजेंसी होती है। इस समय ओपीडी के चिकित्सकों की ही रोस्टरवाइज ड्यूटी लगाकर इमरजेंसी का संचालन किया जाता है। इससे जिस चिकित्सक की ड्यूटी लगाई जाती है। अगली सुबह उनके अवकाश पर रहने के कारण ओपीडी प्रभावित होती है।महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में हर दिन 800 से 900 मरीजों का उपचार होता है। वहीं करीब 45 से 50 मरीजों की इमरजेंसी भी होती है। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में इमरजेंसी मेडिकल आफिसर (ईएमओ) के कुल तीन पद हैं। जून में अस्पताल से ईएमओ के तबादला होने के बाद से ही पद खाली चल रहा है। जिसके कारण यहां ओपीडी में तैनात चिकित्सकों की ही शिफ्टवार ड्यूटी इमरजेंसी में लगाई जाती है। छह महीने से अधिक समय हो गया है, लेकिन अब तक जिला अस्पताल में ईएमओ की तैनाती नहीं की गयी है। जिला चिकित्सालय में रेंगुलर और संविदाकर्मी मिलाकर कुल 20 चिकित्सकों की तैनाती है।
वर्जन ईएमओ न होने के कारण ओपीडी के चिकित्सकों की रोस्टरवार ड्यूटी लगायी जाती है। ईएमओ की नियुक्ति के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। -डॉ. राजेंद्र कुमार, सीएमएस एमसीएच
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले में दंत रोग के मरीजों को अब इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं है। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल में दंत चिकित्सक की तैनाती कर दी गई है। जिला अस्पताल में अब केवल एक रुपए की पर्ची पर उनका उपचार हो सकेगा। दंत रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र दूबे ने अस्पताल पहुंचकर पदभार ग्रहण किया। जिला अस्पताल में दंत रोग विशेषज्ञ डॉ अरविंद सिंह का बीते जून माह में स्थानांतरण हो गया था। जिसके बाद से जिला अस्पताल में दंत रोग विशेषज्ञ का पद खाली था। जिसके कारण अस्पताल आने वाले मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ता था। कई मरीज निजी अस्पतालों में उपचार को मजबूर थे। लेकिन अब किसी भी मरीज को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं होगी।
*भदोही में आठ महीने में फैसला : नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा* *मानसिक रुप से कमजोर है नाबालिग भदोही नगर में हुई थी घटना*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो मधु डोंगरा की अदालत ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग से दुष्कर्म करने के दोषी को 20 साल कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अल्प समय में विवेचना होने एवं साक्ष्य आदि प्रस्तुत करने पर आठ महीने के अंदर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। अभियोजन के मुताबिक पीड़िता के पिता ने तहरीर देकर शिकायत किया कि आठ मार्च को शाम पांच बजे उसकी 13 साल की मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग बेटी नहीं मिली। उसके बाद वह खोजते हुए गांव की तरफ गया तो महिलाओं ने बताया कि हरिरामपुर निवासी सतीश राजभर उसका हाथ पकड़कर ले जा रहा था। कुछ महिलाओं ने बताया कि उसकी बेटी को खेत की तरफ जाते देखा गया। वहां जाने पर जब देखा तो उसकी बेटी बिना कपड़े के पड़ी थी। पूछने पर उसने ईशारे में बताया कि छोटू ने गलत काम किया। शुरूआत में लोकलाज से बचा लेकिन उसके बाद तहरीर दी।पुलिस ने 13 मार्च 2024 को कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने विवेचना कर आरोपपत्र न्यायालय में भेजा। मंगलवार को न्यायाधीश मधु डोगरा ने दोषी छोटू उर्फ सतीश राजभर निवासी हरीरामपुर को 20 साल का कारावास एवं 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश दिया।
*जनपद में कहीं भी नहीं है पार्किंग की व्यवस्था बड़े बाजारों में स्थित शोरुम और लाॅन के सामने वाहन खड़ा करने से लगता है जाम*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में कहीं भी पार्किंग के इंतजाम नहीं है। नगरों में शोरुम का और लाॅन में पार्किंग का इंतजाम न होने से बड़ी संख्या में वाहन पटरी और सड़कों के किनारे खड़े होते हैं। जिससे जाम लगता है लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कुछेक होटलों को छोड़ दिया जाए तो वहां भी पार्किंग के इंतजाम नहीं है। जिससे अवैध तरीके से होने वाली पार्किंग से भी जाम लगता है। जिले में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका के साथ ज्ञानपुर, सुरियावां,नईबाजार , खमरिया और घोसिया नगर पंचायतें हैं। यहां बड़ी संख्या में आबादी निवासी करती है। गई इसके अलावा सहालग और त्योहारी सीजन में भी इन बाजारों में भीड़ होती है। करीब 20 लाख की आबादी वाले जिले के नगरों में कई बड़े शोरुम और वैवाहिक लाॅन है, लेकिन इनके यहां दो पहिया, चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे लोग पटरियों के किनारे ही वाहन पार्क कर देते हैं। इन दिनों सहालग सीजन चल रहा है तो लाॅन और शोरुम में भी भीड़ हो रही है और वाहन सड़क पर खड़े हो रहे हैं। भदोही और गोपीगंज पालिका में तो ओवरब्रिज और फ्लाईओवर ही पार्किंग स्थल बन गए है। इससे जाम लग रहा है। जिला प्रशासन की ओर से भी जाम को लेकर ठोस इंतजाम नहीं हो सका। जिससे दोहरी समस्या खड़ी होती है। जिले में मैरेज लाॅन और शोरुम संचालकों के यहां हर हाल में पार्किंग का इंतजाम होना चाहिए व यह मानकों में शामिल होता है। अगर यह नहीं है तो इस संबंध में उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा और उन्हें पार्किंग के इंतजाम किए जाने को निर्देशित किया जाएगा। अनिल सिंह यातायात प्रभारी भदोही
*अस्पताल से दवाओं की कमी से मरीजों की बढ़ी परेशानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कालीन नगरी में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे है, हालांकि कागजों पर सब कुछ ओके है। सरकारी अस्पतालों में अच्छी दवाओं की कमी बनी है। विवशता में चिकित्सक मरीजों एवं तीमारदारों को पर्जी थामने का काम करते हैं। उधर विभाग का दावा है कि सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता अस्पताल में हैं। बता दें कि जिला अस्पताल ज्ञानपुर में प्रतिदिन ओपीडी करीब पांच सौ से अधिक है। जबकि शहर स्थित महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल की करीब एक हजार। मरीजों के भारी दबाव के कारण चिकित्सक वैसे भी ठंड में पसीना - पसीना है। रोगियों को जल्द आराम मिले इसे लेकर अच्छी दवाएं लिखी जाती है। लेकिन अस्पतालों में बुखार, सर्दी, खांसी, गैस, मल्टीविटामिन आदि की ही दवाएं हैं। अच्छी एंटीबायोटिक,खांसी का शिरप आदि दवाएं नहीं है। ऐसे में मरीजों एवं परिजनों को बाध्य होकर बाहर से अधिक दाम देकर दवाओं को खरीदना पड़ता है। सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाएं आम आदमी को नहीं मिल पा रही है।
*भदोही डीएम ने कृषि बीज भंडार का किया निरीक्षण,गोदाम बंद होने पर केंद्र प्रभारियों रोका वेतन, दिया कारण बताओं नोटिस*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिलाधिकारी विशाल सिंह ने आज राजकीय कृषि निवेश बिक्री एवं तकनीकी परामर्श केंद्र महाराजगंज तथा राजकीय कृषि बीज भंडार घुरीपुर का किया निरीक्षण। डीएम के निरीक्षण से बीज भंडार केंद्र पर हड़कंप मचा रहा। निरीक्षण के दौरान दोनों केंद्र प्रभारी अनुपस्थित रहे । डीएम ने अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के साथ कारण बताओं नोटिस जारी किया।खाद बीज के किल्लत के शिकायत पर जिलाधिकारी विशाल सिंह आज राजकीय कृषि बीज भंडार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तकनीकी परामर्श केंद्र महाराजगंज एवं राजकीय कृषि बीज भंडार घुरीपुर में केंद्र प्रभारी अनुपस्थित पाए गए, गोदाम बंद था। जिसे देख जिला अधिकारी नाराज हो गए। जिला अधिकारी ने दोनों केंद्र प्रभारी का अग्रिम आदेश तक वेतन रोकने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया। डीएम ने कृषि उपनिदेशक को यथा स्थिति स्पष्टीकरण मांगा। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन के मंशानुरूप कार्य न करने वाले अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने कार्य में सुधार लाएं और समय पर उपस्थित रहकर अपने कर्तव्य का पालन करें अन्यथा कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहे। जिलाधिकारी के निरीक्षण से जिले के बीज भंडार केंद्रो पर हड़कंप मचा रहा।
*हाईवे किनारे खड़े वाहनों पर पेट्रोलिंग टीम करेगी कार्रवाई*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले से होकर गुजरने वाले वाराणसी - प्रयागराज हाईवे के 45 किमी दायरे में दुर्घटनाओं को रोकने और आगामी जनवरी माह में होने वाले महाकुंभ को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी गई है। हाईवे किनारे खड़े होने वाले वाहनों से आए दिन दुघर्टनाएं होती रहती है। इसे देखते हुए जिलाधिकारी विशाल सिंह ने परिवहन एनएच और एआरटीओ की टीमों को पेट्रोलिंग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई वाहन सड़क किनारे खड़े होते हैं तो उन पर प्रभावी कार्रवाई करें। वाराणसी - प्रयागराज हाईवे का 45 किमी दायरा जिले से होकर गुजरता है। जिले में होने वाले दुघर्टनाओं में करीब 60 फीसदी हादसे हाईवे पर होते हैं। हाईवे पर होने वाले हादसों का सबसे अधिक कारण जगह-जगह अवैध कट और बेहतरजीब तरीके से बने ढाबे और पेट्रोल टंकियों के पास खड़े वाहन होते हैं। कई बाहर तेज रफ्तार चालक हाईवे किनारे खड़े वाहनों को नहीं भांप पाता और दुर्घटना हो जाती है। हाईवे पर जो भी हादसे होते हैं। उसमें करीब 25 से 30 फीसदी हादसे किनारे खड़े वाहनों की टक्कर से होते हैं। इसे लेकर प्राधिकरण की सख्ती के बाद अब तक कोई ठोस हल नहीं निकल सका है। दूसरी तरफ आगामी 15 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ भी शुरू हो रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज की तरफ जाएंगे।
*बिना पंजीयन के 50 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और लैब संचालित, ठंडे बस्ते में जांच*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में स्वास्थ्यकर्मियों के करीबियों के मानकविहीन अस्पताल, अस्पताल और लैब धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। विभागीय कर्मी का मामला होने के कारण जांच के नाम पर फोटो सेंशन कर कोरमपूर्ति की जाती है। जिले में 137 निजी अस्पताल, 150 क्लीनिक और 50 के करीब लैब पंजीकृत हैं। इसके उलट तमाम ऐसे लैब, क्लीनिक और अस्पताल संचालित हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं हैं। जिले के गोपीगंज, औराई, भदोही, सुरियावां, ज्ञानपुर, दुर्गागंज, अभोली सहित विभिन्न स्थानों पर बिना पंजीयन के 50 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और लैब संचालित हैं। इनमें अधिकाशं केंद्र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के करीबियों का हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों की शिकायत तो होती रहती है, लेकिन जांच के नाम पर केवल फोटो सेशन तक कार्रवाई सीमित रहती है। खामियों की शिकायत होने के बाद भी जांच अधिकारी उच्चाधिकारियों को सही व सटीक जानकारी नहीं देते हैं।
केस 1- करीब एक साल पहले भदोही सीएचसी के पास भदोही एमबीएस के एक चिकित्सक का निजी अस्पताल संचातिल होने की शिकायत तत्कालीन डीएम को मिली थी। जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। जांच में पता चला कि डॉक्टर के करीब के नाम पर अस्पताल चलता है। हालांकि कार्रवाई ठंडे बस्ते में है।
केस 2- सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल और अर्बन पीएचसी के संविदाकर्मी का अस्पताल, लैब संचालित है। लेकिन विभाग की ओर से पंजीकरण के दौरान यहां पर फायर एनओसी की भी जांच नहीं की गई है। इन अस्पतालों में शुल्क बोर्ड लगाए गए हैं।लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।
यहां पंजीकृत अस्पताल, क्लीनिक और लैब की जांच गंभीरता पूर्वक की जाती है। इसमें किसी तरह की अनभिज्ञता नहीं बरती जाती है। -- डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही
Nov 27 2024, 18:21