*बिना पंजीयन के 50 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और लैब संचालित, ठंडे बस्ते में जांच*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में स्वास्थ्यकर्मियों के करीबियों के मानकविहीन अस्पताल, अस्पताल और लैब धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। विभागीय कर्मी का मामला होने के कारण जांच के नाम पर फोटो सेंशन कर कोरमपूर्ति की जाती है। जिले में 137 निजी अस्पताल, 150 क्लीनिक और 50 के करीब लैब पंजीकृत हैं। इसके उलट तमाम ऐसे लैब, क्लीनिक और अस्पताल संचालित हैं, जिनका स्वास्थ्य विभाग के पास कोई आंकड़ा नहीं हैं। जिले के गोपीगंज, औराई, भदोही, सुरियावां, ज्ञानपुर, दुर्गागंज, अभोली सहित विभिन्न स्थानों पर बिना पंजीयन के 50 से अधिक अस्पताल, क्लीनिक और लैब संचालित हैं। इनमें अधिकाशं केंद्र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के करीबियों का हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों की शिकायत तो होती रहती है, लेकिन जांच के नाम पर केवल फोटो सेशन तक कार्रवाई सीमित रहती है। खामियों की शिकायत होने के बाद भी जांच अधिकारी उच्चाधिकारियों को सही व सटीक जानकारी नहीं देते हैं।
केस 1- करीब एक साल पहले भदोही सीएचसी के पास भदोही एमबीएस के एक चिकित्सक का निजी अस्पताल संचातिल होने की शिकायत तत्कालीन डीएम को मिली थी। जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। जांच में पता चला कि डॉक्टर के करीब के नाम पर अस्पताल चलता है। हालांकि कार्रवाई ठंडे बस्ते में है।
केस 2- सीएमओ कार्यालय, जिला अस्पताल और अर्बन पीएचसी के संविदाकर्मी का अस्पताल, लैब संचालित है। लेकिन विभाग की ओर से पंजीकरण के दौरान यहां पर फायर एनओसी की भी जांच नहीं की गई है। इन अस्पतालों में शुल्क बोर्ड लगाए गए हैं।लोगों तक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है।
यहां पंजीकृत अस्पताल, क्लीनिक और लैब की जांच गंभीरता पूर्वक की जाती है। इसमें किसी तरह की अनभिज्ञता नहीं बरती जाती है। -- डॉ. एसके चक, सीएमओ भदोही
Nov 27 2024, 18:21