कंचन ने जीविका की मदद से जीवन को संवारा, बनीं लखपति दीदी
वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड अंतर्गत गौसपुर पंचायत के अहियाई गांव की कंचन माला जीविका की मदद से जीवन को संवार रही है।अपने जीवन में सफलता की राह पर चल पड़ी है।
कंचन के पति राज किशोर साह महाराष्ट्र में फूटपाथ पर कपड़ा की दुकान लगाते थे। जिससे पूरे परिवार की जीविका चलती थी। लॉकडाउन में उन्हें व्यापार बंद करना पड़ा। उनका जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा, लेकिन कंचन ने हिम्मत नहीं हारी।
कंचन जीविका की मदद काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। कंचन सबसे पहले खुशी जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी। वहां से कंचन ने 30,000 रुपए ऋण लेकर किराना दुकान खोली, पुनः वह वर्ष 2021 में ग्राम संगठन से 60,000 रुपए सामान्य ऋण ली और दुकान में जेरॉक्स मशीन एवं अन्य सामान को जोड़कर प्रिंट आउट, आधार एवं पैन का काम, आधार से पैसा निकालना, विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं का ऑनलाइन आवेदन करना जैसे कई काम कर रही हैं।
पुनः वर्ष 2022 में कंचन ने एचएन इंटरप्राइजेज से 50,000 रुपए लिए और दुकान में स्वास्थ्य, पोषण व स्वच्छता संबंधी सामग्री जैसे अंडा, दूध, फल और सब्जी एवं सैनिटरी पैड की भी बिक्री करने लगीं।जिससे आस-पास के लोगों को ये सामग्री सुलभता से उपलब्ध हो रही है।
अब कंचन ने अपने इस व्यवसाय में विभिन्न तरह की सामग्री बिक्री हेतु उपलब्ध रहने के कारण कंचन की मासिक आमदनी लगभग 12000 से 15000 हो जाती है। कंचन के इस व्यवसाय ने गति पकड़ ली हैं। जिससे उनका नाम लखपति दीदी की श्रेणी में आ गया है।
Nov 21 2024, 15:05