सोनपुर मेला में पटना, छपरा, सीवान, मुजफ्फरपुर व हाजीपुर से बड़ी संख्या में जुट रहे लोग
विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले के पांच दिन बीत चुके हैं। 13 नवम्बर को उद्घाटन हुआ।प्रतिदिन मेला देखने एक लाख से अधिक लोग जुट रहे हैं। वहीं, सप्ताह के अंत में शनिवार व रविवार को ढाई से तीन लाख लोगों की उपस्थिति मेले में रही है।
सोनपुर के अलावा छपरा, हाजीपुर, पटना, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, गया आदि जिलों से भी लोग इस मेले में परिजनों के साथ पहुंच रहे हैं।
वहीं, बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, यूपी, ओडिशा से भी लोग आ रहे हैं।
पर्यटक ग्राम में जिन सैलानियों की बुकिंग हुई है। उसमें ओडिशा, महाराष्ट्र, यूपी, मध्य प्रदेश तथा झारखंड के सैलानी भी शामिल हैं, जिन्होंने पर्यटक ग्राम के स्विस कॉटेज बुकिंग करायी है ।
पर्यटन विभाग भी इस बार मेला में लोगों की बढ़ती संख्या को देखकर काफी उत्साहित है। लोगों का उत्साह व आकर्षण मेले के प्रति बढ़ा रहे। लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड में है।
मेला को लेकर इस बार कई नये प्रयोग भी किये गये हैं। इस बार सोनपुर मेला में डिजनीलैंड मेला को मुख्य मेला परिसर से थोड़ी दूरी पर लगाया गया है। वहीं अमेरिकन झुला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सभी विभागों की प्रदर्शनियां भी आकर्षित कर रही हैं,वहीं मेला आये लोग मेला परिसर में घूमने के बाद हरिहरनाथ मंदिर वह कोनहारा घाट पर भी पहुंच रहे हैं और सोनपुर की संस्कृति से अवगत हो रहे हैं।
हर दिन 150 से अधिक यूट्यूबर आ रहे :
32 दिनों तक चलने वाले इस मेले में प्रतिदिन डेढ़ सौ से अधिक यूट्यूबर भी पहुंच रहे हैं, जो अपने चैनल के लिए यूट्यूब वीडियो शूट कर रहे हैं। वहीं, सोनपुर मेले पर रिसर्च करने के लिए भी कुछ शिक्षण संस्थानों से छात्र-छात्राएं आ रहे हैं.
इसके अलावा मेले में पहली बार बनाया गया माता वैष्णो देवी का गुफा भी काफी आकर्षक है। सुबह नौ बजे से ही गुफा में प्रवेश के लिए लोग कतारबद्ध नजर आ रहे हैं।
लोगों को मेला परिसर में बना रेलवे विभाग का पंडाल काफी आकर्षित कर रहा है। यहां भारतीय रेलवे से जुड़ी विविध जानकारिर्या मिल रही हैं, वहीं कई पुरानी ट्रेनों के मॉडल भी रखे गये हैं।
वहीं प्रतिदिन आउटडोर स्पोर्ट्स इवेंट्स भी आयोजित हो रहे हैं।
कारोबार को लेकर उत्साहित हैं दुकानदार इस बार मेले में कारोबार काफी बेहतर होने की उम्मीद है। पिछले साल करीब 80 करोड़ का कारोबार हुआ था। वहीं अभी मेले के 26 दिन बचे हैं।
मेला समाप्त होने तक 150 करोड़ से अधिक के कारोबार होने की उम्मीद जतायी जा रही है।
मेले की गिरावट को देख मायूस हुए अनंत सिंह
मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह रविवार को सोनपुर मेले के घोड़ा बाजार स्थित अपने शिविर में एक दम पुराने अंदाज में दिखे। मेले के दिन-प्रतिदिन गिरते स्तर से खुश नहीं थे। उनकी पीड़ा होठों पर झलक आयी कि मेले में देखने को कुछ नहीं मिल रहा है।
मेले का स्वरूप दिन- प्रतिदिन छोटा होता जा रहा है। मेला शिविर में उनका सात साल का लाडला घोड़ा इंतजार कर रहा था, जिसे देखने के लिए दर्शकों की भीड़ जमी थी। अनंत सिंह के आगमन पर यह भीड़ और ज्यादा बढ़ गयी।
अपने घोड़े के बारे में अनंत सिंह बेबाक बताते हैं कि हम मेले में अपने लाडले घोड़े की रेस देखने आये हैं। मेले में न तो अपने घोड़े को बेचेंगे और न ही खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा घोड़ा मेले की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए आया है।
शिविर में उन्होंने अपने घोड़े को देखा तो घोड़े की हिनहिनाहट से ऐसा प्रतीत हुआ कि वह अपने दाता की उपस्थिति से प्रसन्न था। अनंत सिंह की स्टाइलिस्ट मूछें, मस्तक पर आकर्षक तिलक, लाजवाब हैट और उनके चलने और बोलने के तरीके और अंदाज को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उनकी पीछे-पीछे चल रही थी।
अनंत सिंह ने अपने अंगरक्षकों एवं सहयोगियों के साथ घोड़ा बाजार के निकटवर्ती गाय बाजार को भी देखा वे उस भैंस और भैंसा को भी देखने पहुंचे जिसकी कीमत करोड़ों में बतायी जा रही है । उन्होंने बताया कि वे सोनपुर मेला में 9 वर्ष की उम्र से ही आ रहे हैं। पहले आते थे तो जब गंगा नदी में पुल नहीं था , स्टीमर चलती थी और 15 दिनों तक रहते थे।
बताते हैं कि पहले गंगा एवं नारायणी नदियों पर पुलों का अभाव हुआ करता था। जिसके कारण मेलार्थी काफी दिनों तक यहां ठहरते थे। पर पुलों के बन जाने से लोग वापस लौट जाते हैं।
मेले में बिक रहा मेलार्थी चख रहे हलवा-पराठा का स्वाद सोनपुर
मेला क्षेत्र में दर्जनों से ऊपर हलवा-पराठा की दुकानें सड़क किनारे दिखाई दे रही हैं। उत्तर प्रदेश बहराइच का फेमस हलवा-पराठा का मेला घूमने आये लोग इसका स्वाद भी चख रहे हैं।
मेले के नखास क्षेत्र के अलावा मीना बाजार, गाय बाजार, चिड़िया बाजार, महेश्वरी चौक समेत विभिन्न स्थानों पर करीब दर्जनों से भी अधिक ऐसी दुकानों पर स्वाद लेते मेलार्थी नजर आते हैं, पराठा-हलवा विक्रेता सभी यूपी के बहराइच व गोंडा बस्ती से मेले में आये हैं और हर साल आते हैं. कई दुकानदार ऐसे हैं जिनके पूर्वज मेले में आते रहे है। इस मेले में आते हैं और अच्छी कमाई कर ले जाते हैं। सच तो यह है कि बहराइच का हलवा-पराठा ऐसा दिखता है कि मन ललच जाता है। इसका दाम 180 रुपये किलो है।
Nov 19 2024, 10:43