*देवउठनी एकादशी को योग निद्रा से जागेंगे श्रीहरि, 12 नवंबर के बाद शुरू होंगे रूके हुए मांगलिक कार्य*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही- आगामी 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का महापर्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह बाद योग निद्रा से उठते हैं। जिससे बाद मांगलिक कार्यों का दौर शुरू होता है। 12 नवंबर के बाद सहालग सीजन भी शुरू हो जाएगा। इस साल नवंबर और दिसंबर के दो महीने में शादी विवाह के कुल 18 शुभ मुहूर्त है। भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के बाद आगामी 12 नवंबर से शुभ दिनों की शुरुआत हो जाएगी। देवउठनी एकादशी के अवसर पर लोग गन्ने के मंडप में भगवान विष्णु की आराधना और आरती के बाद दिन भर गंगा - यमुना के तटों, मठों - मंदिरों से लेकर घरों तक तुलसी विवाह का आयोजन होगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी को करीब चार महीने के बाद भगवान विष्णु नींद से उठते हैं। इस के साथ ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। आने वाले सहालग सीजन को देखते हुए जिन - जिन घरों में शादियों की तैयारियां चल रही है। वहां शादी विवाह को लेकर वर और वधु पक्ष तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए मैरिज लॉन ,ब्यूटी पार्लर,हलवाई, कैटरर्स माली आदि की बुकिंग हो चुकी है। लोग विद्वान आचार्यों की सलाह पर शुभ मुहूर्त भी पता कर रहे हैं। वहीं खरीददारी भी शुरू हो चुकी है।
आचार्यों के अनुसार देवउठनी एकादशी पर तुलसी - शालिग्राम विवाह के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। चार महीने तक भगवान विष्णु के विश्राम के कारण मांगलिक कार्य विवाह आदि वर्जित रहते हैं। 12 नवंबर से मुहूर्तों की शुरुआत होगी। फिर 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2025 तक खरमास चलेगा। खरमास के समय मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। खरमास के बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास
आचार्यों के अनुसार देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर है। इस दिन घरों में देव यानी भगवान उठाए जाते हैं। 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी, जो 15 जनवरी 2025 मकर संक्रांति तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्य बंद रहते हैं। 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त होगा और फिर से लग्न मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी।
नवंबर - दिसंबर में विवाह के मुहुर्त
नवंबर- 16,17,18,22,23,24,25,26,27
दिसंबर - 2,3,4,5,9,10,13,14,15,
Nov 10 2024, 15:37