Mirzapur : PRD के जवान की सिपाही ने की पिटाई, जवान ने एसपी से की शिकायत

मिर्जापुर। नगर में यातायात सुरक्षा व्यवस्था में लगे एक पीआरडी के जवान की सिपाही ने बीच सड़क कॉलर पकड़कर की पिटाई कर दी है। इससे पीआरडी जवानों में जहां आक्रोश है वहीं पुलिस सिपाही की पिटाई से आहत जवान ने एसपी से शिकायत कर अपनी आपबीती उन्हें बताई है। आरोप है कि यातायात ड्यूटी में लगे पीआरडी के जवान की विशेष समुदाय के सिपाही ने पिटाई की है।

बताया जा रहा है कि कटरा कोतवाली थाना क्षेत्र के रोडवेज बस अड्डा का चौराहे पर लगे जाम को हटवाने में पीआरडी का जवान लगा हुआ था। मौके पर पिकेट ड्यूटी पर पहुंचें विशेष समुदाय के सिपाही ने तभी उसकी पिटाई कर दी।

पिटाई से आहत जवान ने एसपी से इसकी शिकायत की है।

जिले के हलिया निवासी पीड़ित पीआरडी जवान शिवमूर्ति मौर्या ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में बताया है कि वह प्रान्तीय रक्षक दल का स्वयंसेवक है, अक्टूबर माह में उनकी ड्यूटी यातायात में लगी है।

26 अक्टूबर को 2024 को उसकी ड्यूटी अपराह्न में 2 बजे से बस अड्डा तिराहे पर थी वह ड्यूटीस्थल पर समय से उपस्थित होकर अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहा था, करीब दोपहर 2:30 बजे जाम लग गया था। जाम छुड़वाने में वह लग गया था तभी पिल्बेट पर लगे सिपाही अहमद सिद्दकी ने उसको मां, बहन की भद्‌दी भ‌द्दी गालियां दीं और कालर पकड़ लिये जिससे उसका शर्ट का बटन टूट गया, और उसे मारने के लिए हाथ खींच लिये, उपस्थित पब्लिक द्वारा बीच बचाव कर उसे बचाया गया, अन्यथा कोई भी अप्रिय घटना उसके साथ घट सकती थी। पूरा प्रकरण रोडवेज बस अड्डे तिराहे के आस पास लगे सीसी टीवी कैमरे में रिकार्ड है।

बीच तिराहे पर होता है निजी बस का ठहराव

प्रदेश सरकार ने भले ही निजी वाहन स्टैण्डों पर लगाम कसने का काम किया है, लेकिन कटरा कोतवाली क्षेत्र में इसका असर बेअसर है जहां सरकार और कानून की नहीं दबंगो का राज चलता है। कटरा कोतवाली क्षेत्र के रोडवेज बस स्टैंड के समीप तिराहे पर जाम लगने का सबसे बड़ा कारण निजी बसों का बीच तिराहे पर खड़ा होना बताया जाता है। बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन के समीप से वाराणसी के लिए प्राइवेट बसें जाती हैं, जिनका ठहराया रोडवेज तिराहे पर बीच सड़क पर होता है। मजे की बात है कि समीप में पुलिस बूथ भी बना हुआ है जहां बराबर पुलिस की पीकेट ड्यूटी होती है बावजूद इसके धड़ल्ले से निजी बसों का बीच सड़क पर ठहराव होता है जिनकी वजह से अक्सर जाम लगने के साथ ही रोडवेज की बसों को भी डिपो में आने जाने में घोर परेशानी होती है।

Mirzapur: प्रकृति साधक लाल बाबा ब्रह्मचारी की वाणी नहीं चेते तो पानी को तरसेंगे लोग

सुधीर सिंह 'राजपूत'

मीरजापुर। भारत ऋषि मुनियों, साधकों का देश रहा है जिनके तपबल के बलपर भारत को न केवल सोने की चिड़िया कहा जाता था, बल्कि भारत देश की हरियाली विविध मौसमों की खुशबू लोगों को भांति रही है, लेकिन शनै-शनै आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव ने इनको ध्वस्त करते हुए मौसम के मिजाज को भी उलट पलट कर रख दिया है। जिसका असर यह है कि अक्सर कहीं बाढ़ तो कहीं ब्रजपात का कहर झेलना पड़ता है। विंध्याचल की पहाड़ियों में ऐसे ही तमाम तपस्वी साधकों के स्वरूप देखने को मिल जाया करते हैं।

इन्हीं में से एक हैं लाल बाबा ब्रह्मचारी जो 84 वर्ष की अवस्था पर करने के बावजूद भी पिछले 50 वर्षों से अनवरत नित्य सूर्योदय से पहले गंगा स्नान कर ध्यान पूजा में लग जाते हैं। यह इनकी नित्य दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी के साथ ही वह अष्टभुजा पहाड़ी का भ्रमण कर देवी स्वरूप का दर्शन-पूजन करना भी नहीं भूलते हैं। अष्टभुजा पहाड़ के नीचे पिछले 50 वर्षों से रहकर गुमनामी भरा जिंदगी जीते आए लाल बाबा ब्रह्मचारी साधारण जिंदगी जीते हैं। वह प्रकृति की साधना करने के साथ मौसम के अनुसार अपना कार्य करते हैं।

बाढ़ नियंत्रण से लेकर मौसम के बारे में करते हैं कई दावे

लाल बाबा बह्मचारी की माने तो वह बाढ़ नियंत्रण से लेकर बाढ़ को खतरे से नीचे लाने का प्रयास करते हैं। यह सब कुछ वह अपनी प्रकृति साधना के बल पर करने का दावा करते हैं। एक भेंट मुलाकात के दौरान वह बताते हैं कि 12 सितंबर 2024 को बिजनौर से लेकर बलिया तक बांध और डैम खुलने के कारण भयंकर बाढ़ की आशंका प्रबल हो चली थी। इस परिस्थिति में उन्होंने अपनी प्रकृति साधना के बल पर बाढ़ को नियंत्रित करने का कार्य किया है।

वह आगे भी दावा करते हुए बताते हैं कि जनपद में 5 वर्षों से बरसात के मौसम में सैकड़ों तालाब कुएं सूखने की स्थिति में हैं, ऐसी स्थिति क्यों पैदा हुई के सवाल पर वह इसे सरकारी उदासीनता बताते हुए कहते हैं कि सिर्फ विज्ञान ही नहीं प्रकृति और प्रकृति साधना को भी समझना होगा तभी इसे रोका जा सकता है। वह बताते हैं कि उनके द्वारा निरंतर मौसम को स्थिर बनाएं रखने और मौसम को संतुलित करने के लिए साधना की जाती है। यदि सरकारी संरक्षण मिलें तो इस अभियान को और भी बल मिल सकता है।

पागल कुत्ते के काटने से मां पुत्र सहित तीन घायल

संवाद सूत्र भावा ,राजगढ़ थाना क्षेत्र के गोनइलवा खोराड़ीह गांव में मंगलवार को सुबह घर के सामने झाड़ू लगाते समय एक पागल कुत्ते ने मां पुत्र सहित दो लोगों को काटकर घायल कर दिया दोनों घायलों को राजगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज करने के बाद उन्हें घर के लिए भेज दिया गया।

उक्त गांव निवासी मीना देवी 56 वर्ष पत्नी शिव बालक अपने घर के सामने झाड़ू लगा रही थी तभी एक पागल कुत्ते ने काट लिया ।

उसको पटक कर उस पर झपटने लगा तो उसको देखकर उसका लड़का बुधीराम 24 वर्ष उसको छुड़ाने गया तो उसे भी कुत्ते ने हाथ में काट लिया उसको जब कुत्ता काट रहा था तो एक बालक डंडा लेकर आया और उसको मार कर भगाया तब जाकर मां बेटे दोनों की जान बची। घायल अवस्था में दोनों को लेकर परिवार के लोग राजगढ़ अस्पताल आए जहां उन्हें रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया और उनका प्राथमिक इलाज करने के बाद उन्हें आराम करने के लिए घर के लिए छोड़ दिया गया।

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के चित्र पर मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी ने किया माल्यार्पण

मीरजापुर । लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जयंती के अवसर पर मण्डलायुक्त डाॅ0 मुथुकुमार स्वामी बी0 ने लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।

इस अवसर आयुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मण्डलायुक्त द्वारा राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के प्रति शपथ दिलाई गई। आयुक्त कार्यालय में उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुये मण्डलायुक्त ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी, उन्होंने ही आई0सी0एस0 का नाम बदलकर आई0ए0एस0 करवाया था, सरदार पटेल ने पंडित जवाहर लाल नेहरू से कहा था कि भारत को एकजुट रखना आई0सी0एस0 अफसरों के बिना नामुमकिन है, सरदार पटेल ने आईएएस को भारत का स्टील फ्रेम कहा था।

उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारतीय एकता का निर्माण किया। उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण के दौरान अंतरिम सरकार में गृह और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के तौर पर काम किया। सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान से स्वतंत्र भारत के राजनीतिक एकीकरण में और भारत की एकता एवं अखंडता को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है।

उन्होंने कहा कि यह दिवस विविधता में एकता के महत्त्व को रेखांकित करने के साथ-साथ भारतीय समाज के विविध पहलुओं, जैसे धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं को दर्शाता है और उनकी सराहना करता है। उन्होंने एक राष्ट्र के रूप में भारत के विचार को बढ़ावा दिया और इस बात पर जोर दिया कि विविधता के बावजूद देश को एकजुट रहना चाहिए। इस दिशा में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान ने उन्हें “भारत के लौह पुरुष” की उपाधि दिलाई। राष्ट्रीय एकता के प्रति उनकी भूमिकाओं को पहचानने के लिए, गुजरात के केवडिया में सरदार पटेल की एक विशाल प्रतिमा बनाई गई है, जिसे ‘‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’’ के रूप में जाना जाता है। इस अवसर पर अपर आयुक्त, डाॅ विश्राम, अपर आयुक्त न्यायिक सहित अधिवक्तागण व आयुक्त कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें।

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट में लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित किया। तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता अखण्डता व देश की सुरक्षा बनाये रखने के दृष्टिगत शपथ दिलायी। तत्पश्चात जिलाधिकारी ने सरदार पटेल चैराहा भरूहना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन के साथ उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारी कर्मचारी जो जिस पद पर विराजमान है अपने कतव्र्यो का निर्वहन पूरे ईमानदारी व निष्ठा के साथ करे ताकि दूर दराज से आने वाले गरीब जनता को उन्हे अनुमन्य होने वाली योजनाओं का लाभ सही ढंग से समय पर मिल सकें। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर समस्त जनपदवासियों को बहुत बहुत बधाई और आज उसी के उपलक्ष्य में विभिन्न रैलियां और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं पुलिस लाइन से लेकर सरदार वल्लभ भाई पटेल चैराहे तक पुलिसकर्मियों, एनसीसी, होमगार्ड के जवानों द्वारा मार्च पास्ट किया गया है यह एक प्रतीकात्मक रैली है मार्च पास्ट है जिसके द्वारा ये बताने का प्रयास किया गया है की जो हमारे देश का भविष्य है वो सुरक्षित हाथों में है और हम अपने देश की एकता और अखंडता के लिए सदैव तत्पर हैं। उन्होने कहा कि सरदार पटेल केवल भारत का एकीकरण ही नही किया बल्कि स्वतंत्रता आन्दोलन एवं सविधान निर्माण में विशिष्ट भूमिका निभाई। इस दौरान अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल, मुख्य राजस्व अधिकारी सत्य प्रकाश सिंह, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे देवेन्द्र प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक नगर नितेश सिंह, नगर मजिस्ट्रेट लाल बहादुर सिंह, डिप्टी कलेक्टर सौम्या मिश्रा, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी भरत लाल सरोज, सहित कलेक्ट्रेट के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

मिर्जा ग़ालिब सेंटर के तहत लिट्रेचर क्लब का उदघाटन समारोह का हुआ आयोजन

संतोष देव गिरि

वाराणसी। बहुलतावाद के शहर वाराणसी में जनमित्र न्यास एवं मानवाधिकार जन निगरानी समिति के तत्वाधान में बघवानाला स्थित मिर्जा ग़ालिब सेंटर के तहत लिट्रेचर क्लब का उदघाटन इंडो-जर्मन सोसाइटी, रेमसाइड, जर्मनी पूर्व अध्यक्षा हेलमा रिचा के कर कमलों द्वारा किया गया|कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हेलमा रिचा ने कहा की भारत में बहुलतावाद का प्रतीक के रूप में बनारस शहर की अपनी विशेष पहचान रही है। इस शहर में मिर्जा ग़ालिब जैसे महान शायर के नाम पर सेंटर होना भी अपने आप में एक बड़ी विशेषता है। उन्होंने अनेकों किताबें क्लब को दान किया देते हुये कहा कि ''हमें बेहद ख़ुशी है कि हमारे सहयोग से इस बहुलतावाद से लबरेज शहर में लिट्रेचर क्लब का उदघाटन मेरे हाथों से हो रहा है।

हमें आशा ही नहीं यह विश्वास भी है की यह क्लब इस क्षेत्र के युवा के विकास के लिए बेहतर परिणाम देगा और यहां के लोग इसका पूरा लाभ उठायेंगे। इसके विकास और बेहतर करने का कार्य मानवाधिकार जन निगरानी समिति जैसे संस्था के द्वारा की जायेगी तो यह बेहतर कार्य करेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डाक्टर लेनिन ने कहा की इंडो-जर्मन सोसाइटी, रेमसाइड, जैसे संस्था के सहयोग लिट्रेचर क्लब का उदघाटन किया जा रहा है? जो काफी सराहनीय और यहाँ के लोगों के लिए उत्साहवर्धक है। यह सेंटर इलाके में बहुलतावाद के प्रतीक को स्थापित करते हुए इस इलाके से और भी क्षेत्र तक इसका प्रभाव फैलेगा और दूर -दूर तक के लोग इसका लाभ लें सकेंगे। जनमित्र न्यास की ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने कहा की इस इलाके के लिए लिट्रेचर क्लब बेहतर होगा। जिसे जन उपयोगी बनाने का पूरा प्रयास संस्था के द्वारा किया जायेगा।

यह हम लोगों के लिए ख़ास कर बनारस के लोगों के लिए यह अति हर्ष की बात है कि इंडो-जर्मन सोसाइटी, रेमसाइड, का सहयोग से बानारस के बघवानाला में यह मिल का पत्थर साबित होगा।

सुप्रसिद्व कलाकार सुरेश के नायर को शान्ति के लिए कला के आहितीय प्रयोग के लिए जनमित्र सम्मान प्रदान किया गया। वही कार्यक्रम को अनेकों गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में काशी सेंटर फॉर विकसित भारत, मानवाधिकार जन निगरानी समिति, मेहता आर्ट गैलरी, बनारस स्कूल ऑफ फाइन आर्ट, भारतीय जनता सेवा ट्रस्ट एवं जन जागृति ट्रस्ट एवं समिति के डारेक्टर शीरींन शबाना खान, छाया कुमारी, ज्योति कुमारी, आनंद कुमार, मंगला प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, अरविन्द कुमार, रिंकू पाण्डेय, सुशील चौबे, दीपक पाण्डेय इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के उपरान्त जर्मनी के सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान से सम्मानित हेलमारिचा मानवाधिकार जननिगरानी समिति के कार्यालय कबीर कारूणिक के स्नूकर क्लब के अलावा अमित मेहता व धीरेन्द्र सिसोदिया के साथ मेहता आर्ट गैलरी का भ्रमण किया।

Mirzapur: चार मंजिला मकान के गैराज से अवैध रुप से भारी मात्रा में 258 किग्रा भण्डारण बारूदयुक्त पटाखा बरामद, एक गिरफ्तार

संतोष देव गिरि

मीरजापुर। चार मंजिला मकान के गैराज से पुलिस व एसओजी टीम ने भारी मात्रा में पटाखा बरामद किया है। इस दौरान पुलिस ने मौके से 258 किग्रा बारूदयुक्त पटाखा बरामद करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है। दरअसल, थाना कोतवाली शहर क्षेत्रान्तर्गत घनी आबादी, रिहायशी इलाके में स्थित चार मंजिला मकान के गैराज में अवैध रुप से भारी मात्रा में भण्डारण बारूदयुक्त पटाखा होने की सूचना पुलिस को मिली थी जिस पर मौके पर पहुंच पुलिस टीम ने छापा मारकर 258 किग्रा पटाखा बरामद करते हुए गैराज मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया जो इसमें संलिप्त रहा है।

जनपद में अवैध रूप से पटाखा का भण्डारण व बिक्री में संलिप्त लोगों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान में प्रभावी कार्यवाही करने हेतु जनपद के समस्त प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्षगण को पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देश दिया गया है। उक्त निर्देश के अनुक्रम में थाना कोतवाली शहर पुलिस व एसओजी, सर्विलांस की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी। थाना कोतवाली शहर पुलिस व एसओजी, सर्विलांस की संयुक्त टीम द्वारा मुखबिर की सूचना के आधार पर धुन्धी कटरा स्थित एक रिहायशी चार मंजिला मकान के गैराज में दबिश देकर विकास केसरी पुत्र भगवान गुप्ता निवासी धुन्धी कटरा थाना कोतवाली शहर को गिरफ्तार किया गया तथा मौके से भारी मात्रा में विभिन्न प्रकार के अवैध रुप भण्डारण किया हुआ बारूदयुक्त पटाखा (मात्रा 258 किग्रा) बरामद किया गया। गिरफ्तारी व बरामदगी के सम्बन्ध में 125/2024 धारा 9 बी विस्फोटक अधिनियम पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही करते हुए गिरफ्तार व्यक्ति को जेल भेजा गया है।

पूछताछ का विवरण

गिरफ्तार पटाखा कारोबारी द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसका दो लाइसेंसी पटाखा की दुकान है। एक थाना कोतवाली देहात व दूसरी थाना कोतवाली शहर क्षेत्र में है, जहां पर 15-15 किलो तक पटाखा रखते हैं। दीपावली व छठ आदि त्यौहारों के मद्देनजर अधिक लाभ कमाने के नियत से घनी आबादी में स्थित चार मंजिला मकान के गैराज में अवैध रूप से बारूदयुक्त पटाखों का भण्डारण किया गया था। जहां से मांग के अनुसार थोक में बेचने का कार्य करता हूं।

भोलानाथ कुशवाहा का एकांकी संग्रह 'लोकल वोकल' प्रकाशित

मिर्जापुर। जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा का एकांकी संग्रह 'लोकल वोकल' प्रकाशित हुआ है। यह उनकी 11 वीं प्रकाशित कृति है। इसे हिन्दी श्री पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है। इसमें विविध ज्वलंत विषयों के 24 एकांकी शामिल हैं जिनमें आज के बदले व्यक्ति के साथ समाज, सत्ता, राजनीति और विश्व परिदृश्य पर संवादों के माध्यम से चर्चा की गयी है।

एकांकी संग्रह पर अपनी शुभकामनाएँ देते हुए मुम्बई के अभिनेता व कवि रवि यादव रवि ने लिखा है- "उन्होंने आज के ज्वलंत मुद्दों को बड़ी बारीकी से उठाया है जो लोगों के लिए पठनीय है। वरिष्ठ साहित्यकार व परिंदे पत्रिका के संपादक श्री विलास सिंह ने अपनी भूमिका में लिखा है- "कुल मिलाकर यह एकांकी संग्रह 'लोकल वोकल' हमारे समय की विसंगतियों का आईना है जो न केवल हमें सच्चाई दिखाता है बल्कि ठहर कर सोचने को मजबूर करता है।"

नगर के बाँकेलाल टंडन की गली, वासलीगंज निवासी 74 वर्षीय भोलानाथ कुशवाहा की अब तक लिखी गयी पुस्तकों में चार कविता संग्रह, एक नाटक, एक कहानी संग्रह, एक दोहा संग्रह, एक हाइकु संग्रह, एक नवगीत संग्रह, एक बालगीत संग्रह और एकांकी संग्रह हैं। वह अभी भी लगातार लेखन में सक्रिय हैं। उनके नाटक 'ईशा' को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ का 'मोहन राकेश सर्जना पुरस्कार' मिल चुका है। उनकी रचनाएँ हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ आकाशवाणी इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली, दिल्ली केंद्रों से एवं दूरदर्शन के इलाहाबाद व वाराणसी केंद्रों से प्रसारित हो चुकी हैं।

भोलानाथ कुशवाहा के एकांकी संग्रह 'लोकल वोकल' के प्रकाशित होने पर अनेक साहित्यकारों, कवियों एवं शायरों ने अपनी बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। बधाई देने वालों में सर्वश्री डॉ अनुज प्रताप सिंह, वृजदेव पांडेय, प्रो रेनूरानी सिंह, डॉ वंदना मिश्रा, प्रमोद कुमार सुमन, गणेश गंभीर, लल्लू तिवारी, अरविंद अवस्थी,डॉ रमाशंकर शुक्ल, केदारनाथ सविता, जफर मिर्जापुरी, आनन्द अमित, डॉ अनुराधा ओस, लालव्रत सिंह सुगम, हसन जौनपुरी, मुहिब मिर्जापुरी, नंदलाल सिंह, अनिल यादव, नन्दिनी वर्मा, डॉ सुधा सिंह, इला जायसवाल, सारिका चौरसिया, इम्तियाज अहमद गुमनाम, अमरनाथ सिंह, प्रमोद चंद्र गुप्त, पूजा यादव,खुर्शीद भारती, इरफान कुरैशी, आनन्द केसरी आदि हैं।

विस उपचुनाव मझवां: चार का नामांकन निरस्त, 13 उम्मीदवार मैदान में

मीरजापुर। मझवां विधानसभा उप चुनाव में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान सोमवार को चार पर्चों में कमी पाई गई, जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी ने निरस्त कर दिया। वहीं, भाजपा, सपा और बसपा समेत 13 उम्मीदवारों का पर्चा वैध पाया गया। इनमें तीन निर्दलीय भी शामिल है। नाम वापसी 30 अक्टूबर को है।

सोमवार को नामांकन पत्रों की जांच के बाद चार उम्मीदवारों का पर्चा निरस्त किया गया। इसमें निर्दलीय राम विलास, इंडियन नेशनल समाज पार्टी की प्रिया सिंह, आजाद समाज पार्टी के धीरज कुमार मौर्या और विश्व कल्याण राष्ट्रीय मानव समाज पार्टी के राम लखन विश्वकर्मा शामिल हैं। वहीं, 30 अक्टूबर को नाम वापसी होनी है। अगर किसी उम्मीदवार ने पर्चा वापस नहीं लिया तो चुनावी मैदान में 13 प्रत्याशी होंगे। मतदान 13 नवम्बर को और मतगणना की तिथि 23 नवम्बर है।

चुनावी चकल्लस:लूटने वाले को कोई और लूट ले गया

मिरजापुर। पॉलिटिक्स भी अजीब बला है। जहां हसरतों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बहुत कुछ कुर्बान करने पड़ जातें हैं। कुबार्नी भी ऐसी की सफल हुए तो वाह-वाह, विफल हुए तो हाय-हाय मचने लगती है। इसमें देते वक्त तो कोई नहीं जानता, लेकिन बाद की कहानी को रो-रोकर सुनाया जाता है। इस कहानी को मीडिया के सामने भी रो-रोकर सुनाया जाता है, जिससे कभी मुंह चुराते फिरते रहे होते हैं। लेकिन जब सिर पर ओले (ठगे जाने के बाद) पड़ने लगते हैं तो मीडिया के सामने सर झुकाए चोट दिखाएं फिरते हैं। खैर, पॉलिटिक्स भी अजीब बला है। जहां हसरतों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बहुत कुछ कुर्बान करने पड़ जातें हैं।

वाकया कुछ ऐसा ही इन दिनों मीरजापुर जिले में एक कुनबे के साथ हो रहा है। 'बेगम' को विधायक बनाने का ख्वाब संजोएं मियां जो कभी एक मंत्री के सार्गिध में शिक्षा विभाग को खोखला करने से पीछे नहीं रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक तो दूसरे भाई भी दिव्यांग कोटे से शिक्षक रहे। बेगम साहिबा भी इसी महकमे से जुड़ी रही बताई जाती हैं। सूबे में सरकार थी, शिक्षा वाले मंत्री जी की कृपा भी बनें हुए थे। सो शिक्षा वाले महकमे में सिक्का चल रहा था। क्या मजाल कोई ना कह दें। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। मौज कट रहीं थी। वो कहते हैं न ऊपर वाला देता है तो 'छप्पर फाड़कर और लेता तो पूरी तरह से उजाड़ कर' कुछ ऐसा ही इस कुनबे के साथ हो गया हसरतों और बढ़ते हौसलों के बीच कुछ ऐसा हुआ की सेवा समाप्ति की नौबत आ पड़ी। उधर सरकार भी गई, तो रुतबा भी उतर गया। सो दुबक पड़े।

शिक्षा महकमे से मोह टूटा तो 'पॉलिटिक्स' में बने रहने की हसरतें हिलोरें मारने लगीं। वह इस लिए कि 'पॉलिटिक्स' की रबड़ी-मलाई का सुख भोग चुके थे। सो पॉलिटिक्स में कदम रख 'बेगम' को हाथी की सवारी कराते हुए पॉलिटिक्स में मजबूती से पैर जमाने की जमीन तैयार करने में जुटे हुए थे, लेकिन पैर जमने को कौन कहें उखड़ गए। लेकिन पॉलिटिक्स में जमने की हसरतें हिलोरें मारती रही। अबकी बार स्वजातीय नेता का दामन थाम बेगम के लिए कई महीनों से दौड़ धूप तेज कर समय-समय पर नेग-न्यौछावर से लेकर वर-विदाई और चढ़ावा भी भरपूर चढ़ाते आएं, जैसा की वह इन दिनों गाते फिर रहें हैं। पूरी उम्मीद और विश्वास हो चला था कि अबकी बार टिकट पक्का और जीत भी पक्की सो, लड्डू बांटने की तैयारी भी पूरी कर ली गई, लेकिन जैसे ही बड़की पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की उसकी लिस्ट देखते ही 'मियां' चकरा बैठे। दिल्ली-लखनऊ की भाग दौड़ के बाद अब अपने को लूट लिए जाने का तोहमत मढ़ मीडिया के सम्मुख इन दिनों रो-रोकर दुखड़ा सुनाने फिर रहें हैं। बहरहाल, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, तो वहीं दूसरी ओर लोगों द्वारा यह भी कहते सुना जा रहा है कि काश! उनके बारे में भी जरा सोच लिए होते मियां जिन्हें आप लोगों ने लूटने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ा था।

विंध्य क्षेत्र में चल रही है प्राचीन रामलीला व भंडारा

विंध्याचल, मीरजापुर। विंध्य धाम क्षेत्र के मोतियाझील मार्ग स्थित मां विंध्यवासिनी सेवा समिति कोलकाता के भंडारा परिसर में चल रही श्री विंध्य प्राचीन रामलीला कमेटी की रामलीला में शनिवार की रात को लक्ष्मण शक्ति के प्रसंग का मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ समिति के संरक्षक प्रकाश चंद्र पांडेय व समस्त पदाधिकारीयों ने श्रीराम-लक्ष्मण व हनुमान जी की आरती कर किया।

रामलीला के क्रम में प्रभु श्रीराम समुद्र तट पर रामेश्वरम् महादेव जी की स्थापना कर पूजा अर्चन करते हैं। नल एवं नील के सहयोग से समुद्र में सेतु का निर्माण होता है और श्रीराम सहित अपने वानर सेना लेकर लंका में प्रवेश करते हैं। जब इसकी जानकारी रावण को होती है, तो वह युद्ध के लिए घोषणा कर देता है। मगर प्रभु ने रावण को एक और मौका देते हैं और अंगद को रावण के दरबार में दूत बनाकर भेजते हैं। कहते हैं कि आप जानकी को प्रभु को लौटा दे और अपने को प्रभु चरणों में सिर झुका कर माफी मांग ले। इतना सुनते ही रावण क्रोधित हो जाता है और अंगद को बंदी बनाने के लिए आदेश देता है।

युद्ध के मैदान में मेघनाथ लक्ष्मण से युद्ध करने आता है। जब मेघनाथ लक्ष्मण से जीत नहीं पाया तो ब्रह्म शक्ति का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। रामलीला में श्रीराम का किरदार कमल मिश्रा ने निभाया और लक्ष्मण देवी दिक्षित हनुमान निशु मिश्रा, सुग्रीव मुन्ना बाबू, अंगद अमन गोस्वामी, रावण राज गिरी, मेघनाथ ?गिरजेश द्विवेदी, व्यास गोपीनाथ मिश्रा बने। मंच का संचालन कार्यक्रम संयोजक आदर्श उपाध्याय ने किया। इस दौरान रामलीला समिति के संरक्षक सहित पदाधिकारी एवं सदस्यगण मौजूद रहे।