महिला सिपाही ने सोशल मीडिया पर  फेमस होने के लिए वीडियो किया अपलोड, हुई सस्पेंड

   हाजीपुर । सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए पुलिसकर्मी रील्स बनाते हैं। इस तरह के कई रील्स सामने आ चुके हैं। अॉन ड्यूटी इस तरह के रील्स बनाना ड्यूटी नियम का अवहेलना हैं। इसके लिए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस मुख्यालय ने  दिया था।

      पुलिसकर्मी पुलिस मुख्यालय के निर्देश व पुलिस मैनुयल की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं। बीते 16 अक्तूबर को भोजपुरी गीत की धुन पर कई रिल्स बनाने वाली डायल 112 की महिला सिपाही को निलंबित कर दिया था।
   
       यह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि जंदाहा थाना क्षेत्र अंतर्गत डायल 112 की पुलिस वैन पर तैनात एक महिला पुलिस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा हैं।

       वायरल वीडियो में महिला सिपाही सुबु रानी बताया जा रहा है. महिला सिपाही ने जंदाहा थाना क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप के पास वैन खड़ी कर रील्स बनाया हैं। यह रिल्स इंस्टाग्राम पर वायरल हो रहा है.
       वहीं जंदाहा थाना के सिरिस्ता में भोजपुरी गाना पर बनाया गया रील्स भी वायरल हो रहा है. इस मामले के सामने आने के बाद एसपी ने महिला सिपाही को सस्पेंड कर दिया है.

     मालूम हो कि बीते 16 अक्तूबर को पुलिस वर्दी में रिल्स बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में जंदाहा थाना क्षेत्र अंतर्गत इआरवी-2 में प्रतिनियुक्त महिला सिपाही अंतिमा कुमारी को एसपी सस्पेंड कर दिया था.

     इस संबंध में एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि कुछ पुलिस कर्मी द्वारा ड्यूटी में लापरवाही बरतते हुए तथा वदीं की गरिमा को धत्ता बताते हुए रिल्स बना कर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है.

      वैसे दो पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने बताया कि पुलिस वर्दी में किसी भी प्रकार का रिल्स या वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डालना अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही है. इसके लिए पूर्व में भी पुलिस कर्मियों को निर्देश दिया गया था. निर्देश का पालन नहीं करने के कारण कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने बताया कि किसी भी पब्लिक सर्वेट के लिए एक कोड ऑफ कंडक्ट होता है जिसका उल्लंघन करना किसी भी कर्मी के लिए उचित नहीं होता है।
महिला हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष की जरूरत : मीना तिवारी
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन
(ऐपवा)की ओर से गुरूवार को प्रखंड स्तरीय महिला संवाद प्रथम प्रखंड सम्मेलन आयोजित किया गया। सदर प्रखंड मुख्यालय  परिसर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष कुमारी गिरिजा पासवान ने की।

    प्रखंड स्तरीय  महिला संवाद को संबोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य एवं ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी डेढ़ करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर सशक्त बनाने और इन्हें लखपतिया दीदी बनाने का दावा करते हैं।

    लेकिन हालत यह है कि जिन महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस कंपनियों का ऋण लिया है, वे आत्महत्या कर रही हैं, गांव से भाग रही हैं, उनके घरों में ताला लगा दिया जा रहा हैं।

   चक्रवृद्धि ब्याज वसूलने वाली इन स्वयं सहायता समूह की माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है. सरकार से हमारी मांग है कि महिलाओं को ब्याज मुक्त कर्ज देने और समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं की सरकारी स्तर पर खरीद करने की गारंटी करे। 
     
      ऐपवा महासचिव ने महिलाओं पर हिंसा को अंजाम देने वाले सत्ता संरक्षित अपराधियों के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया. कहा कि अपने सम्मान, बराबरी और न्याय के लिए भाकपा माले के साथ मिलकर संघर्ष को आगे बढ़ाना हैं।

दलित-पिछड़ें व महिलाओं पर बढ़ा अत्याचार

भाकपा माले के जिला सचिव विशेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि मोदी-नीतीश राज में दलित, महादलित, अतिपिछड़ा समाज और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं, सामाजिक आर्थिक गणना के बाद 95 लाख महागरीब परिवारों को लघु उद्योग योजना से दो-दो लाख रुपये देने का सरकार ने वादा किया है,

    लेकिन एक साल के दौरान बिहार में मात्र 40 हजार परिवारों को प्रथम  किस्त की राशि दी गयी हैं। भूमिहीनों को पांच-पांच डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान देने का वादों को जुमला बनने नहीं देगी। इन्हें पूरा करने के लिए जन संघर्ष के बल पर सरकार को मजबूर किया जाएगा ।

             कार्यक्रम में एपवा जिला सचिव प्रेमा देवी, सोनी कुमारी, यशोदा देवी, मिथिलेश देवी, आशा देवी, पूनम देवी, बीना देवी, ममता देवी समेत अन्य महिलाओं ने विचार रखें। मौके पर ऐपवा की 19 सदस्यीय प्रखंड कमेटी का चुनाव हुआ  और सचिव सोनी कुमारी चुनी गई।
विशेष अभियान चलाकर देसी शराब की नौ भट्ठियां की गयी ध्वस्त
      नीतीश सरकार ने 1Apr 2016 में बिहार में शराबबंदी लागू कर दिया। शराबबंदी के प्रयास महात्मा गांधी के सोच से प्रभावित  हैं। शराबबंदी से बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की घटना में गिरावट आई हैं।

      बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया सक्रिय हैं। इसके लिए विशेष अभियान चलायें जाते हैं।

         हाजीपुर जिले में अपराध नियंत्रण एवं शराब धंधेबाजों पर नकेल कसने के लिए एसपी हर किशोर राय के निर्देश पर जिले के सभी थाना क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान राघोपुर प्रखंड के रुस्तमपुर दियार क्षेत्र और लालगंज थाना क्षेत्र के सलेमपुर दियारा क्षेत्र में चलाये गये विशेष अभियान के दौरान देसी शराब की नौ भट्टियों को ध्वस्त किया गया.

        विशेष अभियान के दौरान पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि लालगंज थाना क्षेत्र के सलेमपुर दियारा क्षेत्र में देसी शराब का कारोबार किया जा रहा है. सूचना मिलते ही लालगंज अनुमंडल पदाधिकारी गोपाल मंडल के नेतृत्व में अभियान चलाया गया. विशेष अभियान के दौरान देसी शराब की छह भट्टियों को ध्वस्त किया गया. इन भट्टियों के समीप से छह हजार लीटर महुआ जावा भी बरामद किया गया. जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया. हालांकि पुलिस के आने की भनक लगते ही शराब धंधेबाज भागने में सफल रहे.

   वहीं, दूसरी और राघोपुर प्रखंड के रूस्तमपुर दियारा क्षेत्र में स्थानीय पुलिस एवं एसटीएफ द्वारा चलाये गये संयुक्त अभियान के दौरान रूस्तमपुर दियारा में चल रही देसी शराब की तीन भट्ठियों को ध्वस्त किया गया. इन भट्टियों के समीप से तीन हजार लीटर महुआ जावा भी बरामद किया गया, जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया.
मांगनपुर गांव में जंगली जानवर के हमले से किशोर जख्मी
गोरौल चौक से सटे मांगनपुर गांव में बुधवार की देर रात एक जंगली जानवर के हमले से 14 वर्षीय किशोर जख्मी हो गया। पीड़ित लड़के का नाम सागर हैं । लोगों ने बताया कि सागर लीची की गाछी में शौच के लिए गया था कि अचानक किसी जंगली जानवर लकड़बग्घा या गीदड़ की तरह दिखने वाले एक जंगली जानवर उसके गले पर हमला कर जख्मी कर दिया। सागर के चिल्लाने पर ग्रामीण दौड़े तब जाकर उसकी जान बची।

     जख्मी भगवानपुर थाना क्षेत्र के मांगनपुर गांव निवासी जितेंद्र रांय का पुत्र सागर कुमार है, जिसे स्थानीय लोगों ने इलाज के लिये पीएचसी गोरौल में भर्ती कराया।उक्त जानवर ने सागर के गले एवं हाथ पर हमला किया है। कई ग्रामीण गीदड़ बता रहे थे तो कई भेड़िया बता रहे थे। लोगों ने बताया कि अंधेरा ज्यादा रहने के कारण जंगली जानवर की सही पहचान नहीं हो सकी। हल्ला सुनकर उक्त जानवर पुनः लीची गाछी के अंदर भाग गया।

      जख्म एवं भय से वह अस्पताल में बेसुध पड़ा है।कुछ भी बताने की हालत  में नहीं हैं।जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल हाजीपुर रेफर कर दिया। इलाज कर रहे डॉ सत्यनरायण पासवान  एवं डॉ विमल कुमार ने बताया कि जख्मी किशोर के गले पर जो जख्म दिख रहा है वह जानवर के दांतों के चिन्ह जैसा है। गले के अलावा भी कई जगहों पर जख्म है। हालांकि प्राथमिक नि उपचार के बाद किशोर को हाजीपुर  रेफर कर दिया गया है।
संविधान दिवस पर वैशाली में जिला विधिक संघ का कार्यक्रम
जिला विधिक संघ भवन में बार काउंसिल के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक

हाजीपुर। जिला विधिक संघ भवन में बार  काउंसिल के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा की - अध्यक्षता में हुई बैठक  में आगामी 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। बार  काउंसिल के सदस्य ने कहा कि संविधान - दिवस के अवसर पर गणतंत्र की जननी वैशाली में धुमधाम से 75 संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

        कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता जय प्रकाश मोहन ने किया। बैठक में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर वरीय अधिवक्ता प्रभात कुमार, हरिहर प्रसाद सिंह, रंजीत कुमार सिंह, प्रहलाद प्रसाद चौरसिया, शत्रुघ्न तिवारी को संरक्षक बनाया गया। बैठक में उपस्थित अधिवक्ता एवं जयप्रकाश मोहन को कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया।

       वहीं जिला विधिक संघ के उपाध्यक्ष राजकुमार दिवाकर, कुमार राजेश्वर, आशुतोष कुमार, रमेश कुमार सिंह, राजकुमार सिन्हा, ज्योतिष कुमार, अनिशचंद्र गांधी, अंजना कुमारी, अमरदीप फूलन, शंभू नाथ सिंह को कार्यक्रम के संचालन के लिए अधिकृत किया गया।

      कार्यक्रम में मुख्य रूप से अधिवक्ता समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि प्रबुद्ध व्यक्तियों को विशेष रूप से आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया।साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले को इस अवसर पर सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया।
गुमनाम पर्यटन स्थलों की विशेषता बताकर पा सकते हैं पुरस्कार
              पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन करा रहा प्रतियोगिता

हाजीपुर

       पर्यटन विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन, वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में मेरा प्रखंड, मेरा गौरव विषय पर प्रतियोगिता करायी जायेगी।प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की जायेगी और चयनित सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा.

        प्रतिभागी को चयनित पर्यटन स्थल की तीन फोटो 10 एमबी, 30 सेकंड का अच्छी गुणवत्ता वाला वीडियी जो प्रतियोगिता के लिए निर्धारित समय में खींचा गया हो, संबंधित विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना है. साथ ही संबंधित स्थल की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को 200 शब्दों में दर्शाना है। प्रतियोगिता के लिए आवेदन की प्रविष्टि एक नवंबर तक होगी।

  ऐसे स्थान का चयन प्रतिभागी प्रतियोगिता के लिए कर सकेंगे।  जैसे लालगंज में गुरुद्वारा, नेपाली छावनी मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव मंदिर, अभिषेक पुष्पकरणी, पातालेश्वरनाथ मंदिर,
कोनहारा घाट,चेचरघाट, बरैला झील, गंगा, सोन गंडकका संगम, गज ग्राह की रणभूमि, रामभद्र का रामचौरा मंदिर, चेचर ग्राम समूह आदि के साथ प्रखंड में अवस्थित ऐसे स्थान जिन्हें हम नहीं जान पा रहे हैं, लेकिन वह ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

   प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. चयनित प्रतिभागी को ज्यूरी अवॉर्ड के तहत प्रथम पुरस्कार 50 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये और पीपुल्स च्वाइस अवार्ड के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार व तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये दिये जायेंगे साथ ही 10 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपये तथा 518 प्रतिभागियों को 10 हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा.

प्रत्येक प्रखंड से एक स्थल का होगा चयन

बताया गया कि प्रत्येक प्रखंड से एक स्थान चयन किया जाना है, जो पर्यटक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है. उसका चयन कर विभाग को अग्रसारित किया जायेगा, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले इच्छुक प्रतिभागी विभागीय वेबसाइट https-www.tourism.bihar.gov.in पर अपना registration कर सकते है. अधिक जानकारी के लिए पर्यटन प्रभारी सह जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी वैशाली से संपर्क स्थापित किया जा सकता है.

      
सोनपुर मेले को राष्ट्रीय पटल - पर लाने का होगा प्रयासः रूड़ी
13 नवंबर को होगा मेले का उद्घाटन जबकि समापन 14 दिसंबर को किया जाएगा

सोनपुर सारण के सांसद सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूही ने कहा कि हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले को विकसित कर राष्ट्रीय पटल पर लाने और इसे रोजी-रोजगार से जोड़ने  के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। सोनपुर मेले को विकसित  एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के लिए तत्काल 50 करोड़ की लागत से कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसे दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। 

         वे  मंगलवार की शाम यहां के नगर पंचायत कार्यालय स्थित सभागार में प्रशासनिक पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियो के आयोजित बैठक में मेले की चल रही तैयारियों की समीक्षा करने के बाद संबोधित कर रहे थे। कहा कि मेले की' धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता को देखते हुए इसे सूरज फंड और कुंभ मेले की तर्ज पर विकसित कर इसके ग्रामीण स्वरूप को बरकरार रखते हुए आधुनिक लुक प्रदान करने का संभव प्रयास हो रहा। है। बैठक में मौजूद मेला समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों का सुझाव जानने के बाद सांसद ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का सरकारी स्तर पर उद्‌घाटन आगामी 13 नवंबर को जबकि समापन 14 दिसंबर को होगा। सरकारी पर मेले की अवधि 32 दिनों की होगी। सोनपुर मेले का उ‌द्घाटन मुख्यमंत्री अथवा राष्ट्रपति से कराने का अनुरोध किया गया।


मेले के लिए 12 कोषांगों का गठन किया गया

अध्यक्षता डीडीसी यतेन्द्र पाल ने जबकि संचालन एसडीओ आशीष कुमार ने किया। बैठक के बाद डीडीसी यतेन्द्र पाल और एडीएम मुकेश कुमार ने बताया कि मेले के सफल आयोजन  के लिए 12 कोषांग का गठन किया गया है।एशिया फेम हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री से कराने के लिए अनुरोध किया जाएगा। सरकारी स्तर पर इस वर्ष भी मेले की अवधि 32 दिनों की होगी। आगामी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, इसलिए 13 नवंबर को मेले का उ‌द्घाटन होगा।

सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे स्नान घाटों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों के अलावा पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरा लगेंगे, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बाल के साथ-साथ स्पेशल फोर्स और बम निरोधक दस्ते की तैनाती की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि मेले को सजाने-संवारने, इसे आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के अलावा पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन में सामंजस्य स्थापित कर जन सहयोग से मेले के सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है़

सभी प्राशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे
      बैठक में नगर पंचायत के अध्यक्ष अजय साह, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष विनोद सम्राट, रामविनोद सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रामबालक सिंह, राकेश सिंह, अधिवक्ता नाल सिंह, सुनील श्रीवास्तव, राजीव मुनमुन समेत अनेक जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिए। एसडीपीओ नवल किशोर, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नूरी प्रवीण कार्यपालक दंडाधिकारी रामजी पासवान, डीसीएलआर, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रंजीत कुमार बीडीओ सीओ समेत जिला और अनुमंडल स्तर के सभी प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे।


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्य सचिव ने की विकास योजनाओं की समीक्षा
   हाजीपुरं जिले में चल रही विकास योजनाओं व विकास कार्यों को जल्द पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया । मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव ने योजनाओं की समीक्षा की गई ।समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पंचायत सरकार भवन के निर्माण जल्दी पूर्ण कराने का निर्देश दिया. साथ ही जिले में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लक्ष्य के विरुद्ध 100% उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान कृषि टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से कराने तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हर घर नल का जल योजना का कार्य समय पर पूरा कराने का निर्देश दिया गया.
   
       वहीं पंचायती राज से हस्तांतरित योजनाओं को भी चालू कराने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वैशाली जिला 86 प्रतिशत उपलब्धि के साथ शीर्ष पर है, जबकि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) की स्वीकृति में बहुत पीछे है. मुख्य सचिव ने इसमें तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया.
           प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, जो कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना हैं। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15% से  35% तक की सब्सिडी मिलती हैं।इस योजना के जरिए, ग्रामीण और शहरी इलाकों में पारंपरिक कारीगरों और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

      प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 17 से अधिक शिल्पकार और पारंपरिक कामगार शामिल हैं।इस योजना के तहत विश्वकर्मा समुदाय के ट्रेनिंग और आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसकी शुरुआत पिछले वर्ष 17 सितंबर को हुई थी।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 के अधिनियम के साथ अनिवार्य हैं। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर हैं।इसमें जीवन के लगभग हर क्षेत्र जैसे कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, मतदाता सूची में नाम, केंद्र और राज्य सरकारी नौकरियों में नियुक्ति, ड्राइविंग लाइसेंस तथा पासपोर्ट जारी करने इत्यादि के लिए जन्म प्रमाण-पत्र को अनिवार्य दस्तावेज बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
पंचायत सरकार भवन
   पंचायत के कार्यो का सफल क्रियान्वयन के लिए कार्यालय भवन का होना आवश्यक हैं। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत के दो मंजिला पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना हैं।      उन्होंने वैशाली जिले में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लालगंज गुरुद्वारा, नेपाली छावनी परि मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव, अभिषेक पुष्करणी,  पातालेश्वर मंदिर, कोनहारा घाट, चेचर, बरैला झील, गंगा-गंडक के संगम आदि स्थानों को पर्यटनस्थल के रूप में योजना तैयार करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया. इस दौरान जिले के सभी कार्यपालक अभियंता, जिला योजना पदाधिकारी, जिला सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.
4008 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद, किसानों से अनुदान के लिए मांगा गया आवेदन
14 अक्तूबर तक 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए दिया आवेदन बाढ़ से सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का लगाया गया है अनुमान हाजीपुर : जिले में गंगा नदी के तटवर्ती तीन प्रखंडों में आयी बाढ़ के कारण खरीफ फसल को हुई क्षति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है. इसके लिए विभागीय स्तर पर फसल क्षति का आंकलन किए जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगा रही है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर प्रखंड के एक पंचायत, राधोपुर प्रखंड के सभी 20 पंचायत तथा महनार के चार पंचायत बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. इन प्रखंडों से 14 अक्टूबर तक कुल 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए आवेदन दिया है. हालांकि आवेदन के लिए जिला कृषि कार्यालय से अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गयी है. विभाग द्वारा तीनों प्रखंडों में कुल 4008.12 हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के कारण फसल नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार बाढ़ के कारण किसानों को सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है.
अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगी अनुदान की राशि : जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि में लगे फसल के नुकसान के लिए ही अनुदान देय होगा. इसके लिए किसानों को
सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. वहीं छोटे किसानों के लिए न्यूनतम अनुदान की राशि सिंचित भूमि के लिए 1000 रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 25 सौ रुपये अनुदान देय है. यह अनुदान सिर्फ किसान या किसान परिवार के लिए ही मान्य होगा. परिवार विभाजन की स्थिति में अलग-अलग भूमि के विवरण के आधार पर अनुदान की राशि दी जाएगी।
निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा लाभजिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के वैसे किसानों को ही अनुदान का लाभ मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. रुपये की बाने में प्रा निवासी क आपके समय पु फॉर्म एसबी से 32 निकाल बंद ने 16 अनुदान आवेदन के लिए किसानों को अपना 13 अंकों का निबंधन  संख्या भरना अनिवार्य है, बताया गया कि अनुदान की राशि आधार से जुड़े की बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी. जिन किसानों का खाता आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आवेदन के अनुमोदन की जानकारी किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी.
अनुदान के लिए खुद कर सकते हैं आवेदनजिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से हुए फसल क्षति अनुदान के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, इसके लिए किसान अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. इसके लिए प्रखंड में स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गयी है. बताया गया कि कोई भी किसान कृषि विभाग के सरकारी बेवसाइट dbtagriculture.bibar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन करेंगे.  सभी प्रविष्टी अपलोड करने के बाद ओटीपी आएगी. ओटीपी डालने के बाद आवेदन में भूमि का एलपीसी, जमाबंदी रशीद, संलग्न करना अनिवार्य है. जिसके बाद आवेदन सबमिट करते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा. जिसमें आवेदन संख्या अंकित होगी. जिसके बाद स्वतः आवेदन कृषि समन्वयक के लॉगिन पर सत्यापन के लिए अग्रसारित हो जाएगा.
4008 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद , किसानों से अनुदान के लिए मांगा आवेदन
14 अक्तूबर तक 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए दिया आवेदन बाढ़ से सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का लगाया गया है अनुमान हाजीपुर : जिले में गंगा नदी के तटवर्ती तीन प्रखंडों में आयी बाढ़ के कारण खरीफ फसल को हुई क्षति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है. इसके लिए विभागीय स्तर पर फसल क्षति का आंकलन किए जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगा रही है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर प्रखंड के एक पंचायत, राधोपुर प्रखंड के सभी 20 पंचायत तथा महनार के चार पंचायत बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. इन प्रखंडों से 14 अक्टूबर तक कुल 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए आवेदन दिया है. हालांकि आवेदन के लिए जिला कृषि कार्यालय से अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गयी है. विभाग द्वारा तीनों प्रखंडों में कुल 4008.12 हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के कारण फसल नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार बाढ़ के कारण किसानों को सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है. अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगी अनुदान की राशि : जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि में लगे फसल के नुकसान के लिए ही अनुदान देय होगा. इसके लिए किसानों को
सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. वहीं छोटे किसानों के लिए न्यूनतम अनुदान की राशि सिंचित भूमि के लिए 1000 रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 25 सौ रुपये अनुदान देय है. यह अनुदान सिर्फ किसान या किसान परिवार के लिए ही मान्य होगा. परिवार विभाजन की स्थिति में अलग-अलग भूमि के विवरण के आधार पर अनुदान की राशि दी जाएगी। निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा लाभजिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के वैसे किसानों को ही अनुदान का लाभ मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. रुपये की बाने में प्रा निवासी क आपके समय पु फॉर्म एसबी से 32 निकाल बंद ने 16 अनुदान आवेदन के लिए किसानों को अपना 13 अंकों का निबंधन  संख्या भरना अनिवार्य है, बताया गया कि अनुदान की राशि आधार से जुड़े की बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी. जिन किसानों का खाता आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आवेदन के अनुमोदन की जानकारी किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी. अनुदान के लिए खुद कर सकते हैं आवेदन    जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से हुए फसल क्षति अनुदान के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, इसके लिए किसान अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. इसके लिए प्रखंड में स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गयी है. बताया गया कि कोई भी किसान कृषि विभाग के सरकारी बेवसाइट dbtagriculture.bibar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन करेंगे.  सभी प्रविष्टी अपलोड करने के बाद ओटीपी आएगी. ओटीपी डालने के बाद आवेदन में भूमि का एलपीसी, जमाबंदी रशीद, संलग्न करना अनिवार्य है. जिसके बाद आवेदन सबमिट करते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा. जिसमें आवेदन संख्या अंकित होगी. जिसके बाद स्वतः आवेदन कृषि समन्वयक के लॉगिन पर सत्यापन के लिए अग्रसारित हो जाएगा.