गो एयर की तरह भाजपा की गोगो दीदी योजना भी दिवालिया हो जाएगी।:इरफ़ान अंसारी

रांची। झारखंड में आचार संहिता लागू होने के साथ ही राजनीति तेज हो गयी है। भाजपा और झामुमो में तीखे आरोप पलटवार शुरू हो गये हैं। इधर मंत्री इरफान अंसारी ने भाजपा के गोगो दीदी योजना को लेकर तीखा तंज कसा है।

 इरफान अंसारी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि गो एयर की तरह भाजपा की गोगो दीदी योजना भी दिवालिया हो जाएगी। इरफान ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंइयां सम्मान योजना की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये करने की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य की महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह मास्टर स्ट्रोक राज्य के विकास और महिलाओं के सम्मान को सुनिश्चित करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा समय से पहले किए जाने पर मंत्री इरफान अंसारी ने एतराज जताया है। 

इरफान ने कहा कि इसका खामियाजा राज्य की जनता को छठ जैसे मौके पर भी आचार संहिता के जरिए उठानी पड़ेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में चुनाव कराने का फैसला लिया है। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अभी एक महीना शेष था. इसके बावजूद आयोग ने यह फैसला लिया है अब चुनाव की घोषणा हो गई है।

रामगढ़ : कुज्जु ओपी क्षेत्र के नया मोड़ एनएच 33 के पास ट्रेलर की चपेट में आने से बाइक सवार तीन युवकों की मौत,

रामगढ़ ,झा डेस्क: जिला में कुज्जु ओपी क्षेत्र के नया मोड़ एनएच 33 फोरलेन पर ट्रेलर की चपेट में आने से बाइक सवार तीन युवक की मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गये। लोगों ने रांची पटना मुख्य मार्ग को पूरी तरह कर दिया जाम।

 इस कारण सैकड़ों वाहन जाम में फंस गया। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और अंचल अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को समझने का प्रयास किया। 

प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार एक बाइक पर सवार होकर 3 युवक विपरीत दिशा से नया मोड़ की ओर आ रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे ट्रेलर की चपेट में आ गए। इस दुर्घटना से घटनास्थल पर एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई और दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।  

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायल युवकों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा। दोनों युवकों में से एक युवक की मौत रास्ते में हो गई और एक युवक की मौत अस्पताल में हो गई है। इस दुर्घटना की सूचना पाकर युवक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, जिसके बाद वहां पर चीख-पुकार मच गयी। तीनों युवक कुज्जु के दिगवार बस्ती के रहने वाले थे। मृतकों में चंदन मुंडा, राजा मुंडा, आदित्य कुमार महतो शामिल है।

भाजपा के चुनाव समिति की दिल्ली में हुई बैठक में झारखंड में टिकट बंटबारे को लेकर सस्पेंस खत्म,67 सीट पर भाजपा लड़ेगी खुद चुनाव,

बाकी में मिलेगा सहयोगी दलों को,कल तक जारी हो सकता है पहली लिस्ट


झारखंड डेस्क

झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है,इसके साथ हीं सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने लग गई हैं.

इस बीच जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार बीजेपी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है. जानकारी के अनुसार कूल 81 सीटों में से भाजपा 67 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, बाकी सभी सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ेगी.

 झारखंड में बीजेपी एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है. यहां उसका गठबंधन जेडीयू और आजसू के साथ है. कहा जा रहा है कि बीजेपी 11 सीटें आजसू और दो सीटें जेडीयू को दे सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के 22 मौजूदा विधायकों का टिकट बरकरार रखा जाएगा, जबकि 6 विधायकों का टिकट कटने वाला है. पार्टी ने 56 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं.

कल तक भाजपा पहली सूची करेगी जारी

बीते दिन दिल्ली में उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी चुनाव समिति की बैठक हुई. पार्टी मुख्यालय में सीईसी की करीब दो घंटे तक चली बैठक में झारखंड में चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई. इस बैठक में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष शामिल थे. बैठक में राज्य के चुनाव प्रभारी और झारखंड कोर टीम के सदस्यों के साथ उम्मीदवारों की संभावित नामों पर चर्चा की गई.

बीजेपी चुनाव समिति की दिल्ली में हुई बैठक

बीजेपी चुनाव समिति की बैठक में झारखंड की लगभग सभी सीटों पर चर्चा हुई. करीब 12-13 सीटों पर नाम तय करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय नेतृत्व को दी गई है. बताया जा रहा है अगले दो दिनों में पार्टी झारखंड के लिए पहली सूची जारी कर सकती है. पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है. पहली सूची में करीब 35 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं.

पार्टी के लिए समर्पित बरीय नेताओं को मिलेगी प्राथमिकता

इस बार बीजेपी ने वरिष्ठ नेताओं और अन्य दलों से आए नेताओं को मैदान में उतारने का फैसला किया है. झारखंड के बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी सहयोगी आजसू को 11 सीटें देगी, जेडीयू को दो सीटें देगी और एलजेपी (रामविलास) नेता चिराग पासवान को चुनाव नहीं लड़ने के लिए राजी कर लिया गया है. यह तय करना केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है कि वे पासवान की पार्टी को एक सीट देने को तैयार है या नहीं.

सूत्रों का कहना है कि झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपनी सराय केला सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी अपनी चंदनकियारी सीट से चुनाव लड़ेंगे.

चुनाव तिथि की घोषणा के बाद पोलटिकल पार्टी में बढ़ी हलचल, जल्द सीट शेयरिंग पर होगा फैसला,

झामुमो और भाजपा के पहली सूची की संभावित नामों की सूची, सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल


झारखंड डेस्क 

झारखंड में इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। हालांकि चर्चा है कि एक दो दिनों में सीट शेयरिंग पर मुहर लग सकती है। 

 खबर ये भी है कि पिछली बार से अधिक सीटों पर झामुमो चुनाव लड़ सकता है। हालांकि अभी इसे लेकर कुछ भी अधिकारिक जानकारी नहीं सामने आयी है। 

झामुमो की तरफ से जो संकेत मिले हैं। उसके मुताबिक इंडिया ब्लॉक में सबसे ज्यादा सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पास रहेंगी। झामुमो अपने पास 45 से 48 सीटें रख सकता है। कांग्रेस के खाते में 28 से 31 सीटें आने की उम्मीद है। 

वहीं लेफ्ट 2 से 3 और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 3 से 4 सीटें मिल सकती हैं।

कांग्रेस की तरफ से सुबोध कांत सहाय ने चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि झारखंड में एलायंस तैयार है। जल्द बैठकर सीट शेयरिंग पर चर्चा कर ली जायेगी। 

इस बीच झारखंड की तरफ से संभावित प्रत्याशियों के नाम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि झामुमो भी जल्द ही अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर देगा। इस बार पार्टियां अपने प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार का ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहती है, इसी बजह से भाजपा और झामुमो दोनों की तरफ से प्रत्याशियों की सूची जारी करने की जल्दबाजी दिख रही है। 

 झामुमों के संभावित नाम, जो हो रहे हैं वायरल 


झामुमो के उम्मीदवारों की पहली सूची 

बरहेट - हेमन्त सोरेन 

गांडेय - कल्पना सोरेन 

गिरिडीह - सोनू सुदिव्य 

सराईकेला - गणेश महली 

मझगांव - निरल पूर्ती 

चाईबासा - दीपक बिरुआ

 दुमका - बसंत सोरेन 

गुमला - भूषण तिर्की 

सिसई - झिगा सुसारण होरो 

मधुपुर - हफीजुल अंसारी 

सिमरिया - मनोज चंद्रा 

चंदनकियारी - उमाकांत रजक 

नाला - रबिन्द्र नाथ महतो 

तमाड़ - विकास मुंडा

 टुंडी - मथुरा महतो 

डुमरी - बेबी देवी 

गढ़वा - मिथिलेश ठाकुर 

भवनाथपुर - अनंत प्रताप देव 

लातेहार - बैद्यनाथ राम  

भाजपा की पहली सूची के कुछ संभावित प्रत्याशियों के नाम


1. रांची - नवीन जायसवाल 

2. 

2. हटिया - अजय नाथ शाहदेव

3. कांके - कमलेश राम

4. दुमका - सुनील सोरेन 

5. हजारीबाग - प्रदीप प्रसाद 

  6 . बेरमो - रविंद्र पांडे

7. पोटका - मीरा मुंडा 

8 . मधुपुर - गंगा नारायण सिंह

9. झरिया - रागिनी सिंह

10. बोकारो - बिरंची नारायण

11. कोडरमा - नीरा यादव 

12. बरकट्ठा - अमित यादव 

 

13 . जमुआ - डॉ मंजू 

14. बरही - मनोज यादव

15. चक्रधरपुर - शशिभूषण सामड 

16. जगन्नाथपुर - गीता कोड़ा 

17. बगोदर - नागेंद्र महतो 

18 . गांडेय - मुनिया देवी 

19. गिरिडीह- निर्भय शाहबादी

20. निरसा - अपर्णा सेनगुप्ता 

21. चंदनकियारी - अमर बाउरी

22. गुमला - सुदर्शन भगत

23. सिसई- अरुण उरांव

24. खिजरी - राम कुमार पाहन

25. सरायकेला - चंपाई सोरेन 

26. राजधनवार - बाबूलाल मरांडी

27. राजमहल - अनंत ओझा

28. धनबाद - राज सिन्हा 

29. गोड्डा - अमित मंडल

30. महागामा - अशोक भगत

31. नाला: माधव महतो 

32. बिश्रामपुर- रामचन्द्र चंद्रवंशी

33. पलामू - आलोक चौरसिया

34. गढ़वा - सत्येद्र तिवारी

35. हुसैनाबाद - कमलेश सिंह

36. भवनाथपुर - भानु प्रताप शाही 

37. खूंटी - नीलकंठ सिंह मुंडा

38. सारठ - रणधीर सिंह 

जदयू 

जमशेदपुर (पश्चिम) - सरयू राय

तमाड़ - राजा पीटर

अन्य सीटों के आज लिस्ट आने की संभावना।

चुनाव तारीख के ऐलान के साथ ही झारखंड में लगा आचार संहिता, आइये जानते हैं क्या है अचार सहिंता और किन चीजों पर लगती है पाबंदी

झारखंड डेस्क: चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही झारखंड में आचार संहिता लागू हो गयी है। आज झारखंड की हर गतिविधियों पर चुनाव आयोग का कंट्रोल होगा। आचार संहिता का अब कठोरता से पालन करना होगा। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को आचार संहिता कहते हैं। आचार संहिता चुनाव परिणाम के जारी होने के बाद या नयी सरकार के गठन होने तक जारी रहेगा। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल होता है कि आचार संहिता के लागू होने पर आखिर किन-किन चीजों पर पाबंदी लग जाती है। तो, आईये जानते इसके बारे में.... भारतीय चुनाव आयोग आचार संहिता को राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार करता है। इसके लागू होने के दौरान, राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर कुछ पाबंदी लगाई जाती है, ताकि सभी उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने में बराबर का मंच मिल सके। चलिए समझते हैं कि आचार सहिंता किन-किन पर लागू होती है और इसके उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कार्रवाई कर सकता है। चुनाव आचार संहिता किन पर लागू होती है? चुनाव आचार संहिता के नियम सिर्फ राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों पर ही लागू नहीं होते हैं. ये केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्तपोषित सभी संगठनों, समितियों, निगमों, आयोगों आदि पर भी लागू होती है। इन संगठनों का अपनी उपलब्धियों का विशिष्ट रूप से विज्ञापन करना या नई सब्सिडी की घोषणा करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है. *किन चीज़ों पर मनाही होती है?* आचार संहिता लागू होते ही सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फायदा पहुंचता हों. सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है. सरकारी वाहन किसी दल या प्रत्याशी के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होगा. कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है. संबंधित राज्य/केंद्रीय सरकार की आधिरकारिक वेबसाइटों से मंत्रियों/राजनेताओं/राजनीतिक दलों के सभी संदर्भों को निकाल दिया जाता है. कृषि-संबंधी उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने के लिए सत्ताधारी पार्टी को चुनाव आयोग से परामर्श करना होगा. *क्या हो सकती है चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन पर कार्रवाई?* चुनाव आचार संहिताके नियमों का पालन करना सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है. आचार संहिता के उल्लंघन को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा. चुनाव आयोग उल्लंघन करने वाले प्रत्याशी या राजनीतिक दल पर कार्रवाई कर सकता है. संबंधित अधिकारी, जिसके क्षेत्र में उल्लंघन हुआ, उस पर भी कार्रवाई की जा सकती है. मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से भी रोक सकता है. जरूरी होने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है. उल्लंघन करने पर जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं. उदाहरण के लिए किसी वाहन, जिसके लिए किसी उम्मीदवार के नाम पर चुनाव प्रचार हेतु अनुमति ली गई है, का दूसरे उम्मीदवार द्वारा प्रचार में इस्तेमाल होना आचार संहिता का उल्लंघन है. ऐसे मामलों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171ज के तहत कार्रवाई की जाएगी.
विधानसभा चुनाव से पहले पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो लोगों को हथियार के साथ किया गिरफ्तार


डेस्क : विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता की घोषणा होते ही बीते मंगलवार रात को राजमहल-उधवा मुख्य मार्ग पर राजमहल थाना क्षेत्र अंतर्गत फुलवरिया बैरियर के पास पुलिस इंस्पेक्टर श्यामलाल हांसदा एवं थाना प्रभारी गुलाम सरवर ने एंटी क्राइम चेकिंग चलाया. जिसमें रास्ते पर परिचालन करने वाले सभी दो पहिया तीन पहिया एवं चार पहिया वाहनों का जांच किया गया. उधवा की ओर से राजमहल आ रही एक टोटो ( ई रिक्शा ) में सवार दो युवक की जांच की गई. जिसमें एक देशी कट्टा व जिंदा कारतूस बरामद हुआ.

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय में एसडीपीओ विमलेश कुमार त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता कर कहा कि पुलिस के द्वारा मौके पर ही जांच पड़ताल की वीडियोग्राफी की गई. थाना क्षेत्र के नया बाजार बिरसा मुंडा टाउन हॉल के पास निवासी धनराज हजारी एवं मो रहमान को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी. हिरासत में ले गए दोनों युवकों ने देसी कट्टा को डिलीवरी करने की बात पुलिस के समक्ष स्वीकार की है. इधर थाना प्रभारी गुलाम सरवर के बयान पर थाना कांड संख्या 166/24 में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए दोनों युवकों की गिरफ्तारी की पुष्टि कर राजमहल न्यायालय में प्रस्तुत करते हुए जेल भेज दिया है.

गिरफ्तार युवकों ने पुलिस को बताया है कि लखीपुर के एक आम बागान में उसके दोस्त ने देसी कट्टा एवं जिंदा कारतूस देकर कहा कि इसके डिलीवरी राजू होटल के समीप एक व्यक्ति लगा और दो हजार रुपए दे देगा. डिलीवरी करने के लिए देसी कट्टा लेकर जा रहा था.

गिरफ्तार युवकों से पूछताछ में कई राज पुलिस के सामने आए हैं. पुलिस के हाथ कई मोबाइल नंबर भी लगे हैं. पुलिस के सामने अन्य दो से तीन लोग के नाम भी सामने आया है. पुलिस सभी बिंदुओं की जांच कर कुंडली खंगालने में जुड़ी है.

मौके पर छापेमारी दल में एसआई विक्रम कुमार, विट्टू कुमार साहा, सालखु मुर्मू, महादेव उरांव, एएसआई अरविंद कुमार दास, व तस्लीम राजा मौजूद थे.

विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही रांची में लगी निषेधाज्ञा, पीठासीन पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू, जानें किन चीजों पर लगेगी रोक


डेस्क: भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है. इसी के साथ आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गयी है. निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार ने चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रांची सदर अनुमंडल के सभी विधानसभा क्षेत्रों में निषेधाज्ञा जारी की है. साथ ही कई आदेश भी जारी किये गये हैं. यह आदेश 15 अक्तूबर की दोपहर 3:30 बजे से 23 नवंबर की रात 11 बजे तक लागू रहेगा.

आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक दल, संगठन, उम्मीदवार या अभ्यर्थी किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं कर सकेंगे. साथ ही सांप्रदायिक भावना को भड़काने का काम नहीं करेंगे. ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक वर्जित रहेगा.

इस दौरान किसी सार्वजनिक/सरकारी संपत्ति पर नारा लिखना, पोस्टर/पंपलेट चिपकाना, पार्टी विशेष का झंडा लगाना, सार्वजनिक सड़कों पर बैनर लगाना, होर्डिंग लगाना एवं तोरण द्वार लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है. सरकारी स्वामित्व वाले गेस्ट हाउस, भवन का कोई भी हिस्सा किसी भी राजनीतिक गतिविधि, सभा या बैठक के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा.

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर रांची में पीठासीन पदाधिकारी, प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय मतदान पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है. यह प्रशिक्षण कांके स्थित राजकीय प्लस टू उवि में दिया जा रहा है. हर दिन तीन शिफ्ट में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

प्रथम शिफ्ट सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक, द्वितीय शिफ्ट 12:30 से दोपहर 2:30 बजे तक और तृतीय शिफ्ट दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक है. इसके लिए हर कर्मी को पिन नंबर दिया गया है. पिन नंबर के अनुसार प्रशिक्षण कराया जा रहा है. प्रशिक्षण 23 अक्तूबर तक दिया जायेगा.

झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही विधि-व्यवस्था को लेकर जिला के सभी एसपी, डीएसपी व थाना प्रभारियों के साथ एसएसपी चंदन सिन्हा ने बैठक की. जिला के प्रवेश पर बने चेकपोस्ट पर विशेष चौकसी रखने, हर वाहन की गहनता से जांच, अवैध आग्नेयास्त्र, अवैध धन व संदिग्ध लोगों पर नजर रखने का निर्देश दिया.

उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में अर्द्धसैनिक बल की तैनाती पर जोर दिया. कहा कि अतिरिक्त अर्द्धसैनिक और जिला बल उपलब्ध कराने के लिए मुख्यालय को लिखा गया है. एसएसपी ने अवैध हथियार लेकर घूमने वालों पर कार्रवाई करने एवं वारंट, कुर्की आदि का अधिक से अधिक तामिला करने को कहा. बिना अनुमति के किसी भी तरह की सभा पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया.

राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो गयी है. लेकिन, अब भी शहर के मेन रोड, कचहरी रोड, बरियातू रोड, कांटाटोली फ्लाइओवर सहित प्रमुख सड़कों व चौक-चौराहों पर नेताओं के बैनर-पोस्टर लगे हुए हैं. निगम द्वारा ऐसे पोस्टर-बैनर को हटाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है.

इधर, आचार संहिता लगने के साथ ही सदर एसडीओ ने जिले के सभी बीडीओ-सीओ सहित नगर निकायों को पत्र लिखकर अपने-अपने क्षेत्र में राजनीतिक लोगों के बैनर व पोस्टर हटाने का आदेश जारी किया है. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा है कि वे इस आदेश का सख्ती से अपने-अपने क्षेत्र में पालन करायें.

इन कार्यों पर रहेगी रोक

आदेश के तहत कोई भी व्यक्ति, राजनीतिक दल, संगठन, उम्मीदवार या अभ्यर्थी किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं कर सकेंगे.

सांप्रदायिक भावना को भड़काने का काम नहीं करेंगे.

ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक वर्जित रहेगा.

किसी सार्वजनिक/सरकारी संपत्ति पर नारा लिखना, पोस्टर/पंपलेट चिपकाना, पार्टी विशेष का झंडा लगाना, सार्वजनिक सड़कों पर बैनर लगाना, होर्डिंग लगाना एवं तोरण द्वार लगाने पर प्रतिबंध रहेगा.

सरकारी स्वामित्व वाले गेस्ट हाउस, भवन का कोई भी हिस्सा किसी भी राजनीतिक गतिविधि, सभा या बैठक के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा.

बोकारो थर्मल पावर प्लांट के एचटी पैनल में शार्ट सर्किट से लगी आग, उत्पादन ठप

डेस्क : बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट वाले पावर प्लांट के टरबाइन फ्लोर से नीचे एचटी पैनल में शार्ट सर्किट से आग लग गई. आग लगने के बाद एक यूनिट को बंद किया गया, वहीं दूसरा पैनल पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है. घटना बुधवार सुबह लगभग सवा आठ बजे की है.

घटना के संबंध में बताया जाता है कि पावर प्लांट के टरबाइन फ्लोर के नीचे साढ़े तीन मीटर हाईट पर स्थित एचटी पैनल के इलेक्ट्रिकल ब्रेकर के वन बीबी बोर्ड में शार्ट सर्किट से आग लग गयी. आग लगने की सूचना पावर प्लांट स्थित सीआईएसएफ फायर विंग को दी गई. फायर विंग के जवानों एवं अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाने में सफलता हासिल की.

जब तक आग को बुझाया गया तब तक पैनल और बोर्ड पूरी तरह से जलकर खाक हो गया था. आग के कारण इलेक्ट्रिकल सिस्टम काम नहीं करने पर यूनिट भी ट्रिप कर गया. घटना के समय यूनिट से लगभग 350 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था.

चुनाव तिथि की घोषणा के बाद झारखंड में आदर्श आचार सहिंता लागू,अब झारखंड सरकार नहीं ले पायेगी कोई फैसला

दो चरन में मतदान,23 नवंबर को होगी मतगणना


झारखंड डेस्क 

झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव की घोषणा कर दी गई है. भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की घोषणा की. चुनाव आयुक्त ने बताया कि झारखंड में इस बार 2 चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर को और 20 नवंबर को दूसरे चरण की वोटिंग होगी. 23 नवंबर को मतगणना होगी.

पहले चरण में 43 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 38 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. पहले चरण के चुनाव की अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी की जाएगी. दूसरे चरण की अधिसूचना 25 अक्टूबर को जारी होगी.

पहले चरण के लिए होने वाले नामांकन की जांच 28 अक्टूबर को और दूसरे चरण के नामांकन की जांच 30 अक्टूबर को होगी. पहले चरण में नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार 30 अक्टूबर तक अपने नाम वापस ले सकेंगे, जबकि दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार 1 नवंबर तक अपना नाम वापस ले पाएंगे. पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होगी. चुनाव आयोग ने बताया कि 25 नवंबर 2024 तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

चुनाव की तारीखों के साथ ही पूरे झारखंड में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. अब राज्य सरकार जनहित में कोई फैसला नहीं ले पाएगी. न ही सरकार का कोई मंत्री या विधायक किसी सरकारी सुविधा का लाभ ले सकेगा.

 इस तरह से झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया समाप्त होने तक चुनाव आयोग का शासन चलेगा. ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर चुनाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती तक का आदेश जारी करने का अधिकार चुनाव आयोग को मिल गया है.

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में 2.58 करोड़ मतदाता

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में 2,57,78,149 (2 करोड़ 57 लाख 78 हजार 149) मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें 1,30,65,449 (1 करोड़ 30 लाख 65 हजार 449) पुरुष मतदाता हैं, तो 1,27,12,266 (1 करोड़ 27 लाख 12 हजार 266) महिला और 434 थर्ड जेंडर वोटर हैं.

चुनाव आयोग की 2 दिन तक रांची में चली थी मैराथन बैठक

पिछले महीने मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम रांची आई थी. दो दिन तक विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की थी. चुनाव आयोग ने पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ-साथ अन्य एजेंसियों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराने के लिए जरूरी तैयारी करने के निर्देश दिए थे.

 चुनाव आयोग की टीम में निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ सुखबीर सिंह संधू भी शामिल थे. चुनाव आयोग की टीम ने झारखंड के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की भी राय ली थी और उनकी शिकायतें एवं सुझावों को भी सुना था.

झारखंड के 5 प्रमंडल में 24 जिले और 81 विधानसभा सीटें

बिहार से अलग होकर 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया झारखंड राज्य 5 प्रमंडल में बंटा हुआ है. राज्य में 24 जिले हैं. इनमें 81 विधानसभा सीटें हैं. संताल परगना प्रमंडल के 6 जिलों में 18 विधानसभा सीटें हैं. 7 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. संताल परगना की देवघर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है.

उत्तरी छोटानागपुर में सबसे ज्यादा 7 जिले और 25 विधानसभा सीटें

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में 7 जिले हैं. इसी प्रमंडल में सबसे अधिक 25 विधानसभा सीटें हैं. 4 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं. इस प्रमंडल में कोई विधानसभा सीट आदिवासियों यानी अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित नहीं है. धनबाद, रामगढ़ और कोडरमा 3 जिले ऐसे हैं, जहां की सभी विधानसभा सीटें अनारक्षित हैं.

इस बार डुमरी से झामुमो के कौन होंगे प्रत्याशी,जयराम महतो के कारण क्या बदलेगा इस क्षेत्र का समीकरण जानने के लिए पढ़िये पूरी खबर..?


गिरिडीह : इस बार डुमरी विधानसभा क्षेत्र जयराम महतो के कारण हॉट सीट बन गया है।वैसे सूचना है कि आगामी चुनाव मंत्री बेबी देवी के जगह उनके पुत्र अखिलेश महतो चुनाव लड़ सकते हैं। जिसके कारण इस सीट पर जयराम महतो की प्रतिद्वंद्विता से त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना की संभावना है। नक्सल समस्या, विकास और रोजगार अभाव क्षेत्र की मुख्य समस्याएं हैं। जनता किसे चुनती है, ये समय बताएगा।

मंत्री बेबी देवी अपने पुत्र अखिलेश महतो को उतारने की तैयारी में। जयराम महतो से झामुमो और आजसू पार्टी दोनों को है डर‌।लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो को मिली थी बढ़त।

डुमरी विधानसभा चुनाव 2024

मंत्री जगरनाथ महतो की मौत के बाद डुमरी विधानसभा क्षेत्र से जगन्नाथ महतो के इकलौते पुत्र अखिलेश महतो को चुनाव मैदान में उतारने की पुरजोर तैयारी थी। लेकिन कुछ महीने उम्र की कमी के कारण उपचुनाव में अखिलेश महतो को चुनाव मैदान में न उतरकर जगन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को झामुमो ने चुनाव मैदान में उतारा था, और जीत हासिल की थीं। 

अब विधानसभा चुनाव 2024 में बेबी देवी अपने इकलौते पुत्र अखिलेश महतो को चुनाव मैदान में उतारने की पुरजोर तैयारी में हैं। अभी हाल के दिनों में भी डुमरी क्षेत्र के कई सरकारी और निजी कार्यक्रमों में भी मंत्री बेबी देवी अपने पुत्र अखिलेश महतो के साथ नजर आईं।

मंत्री बेबी देवी ने भी कई बार मीडिया के सामने यह खुलासा कर चुकी है कि अब डुमरी की जनता हमारे पुत्र को आशीर्वाद दें, ताकि वह अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए आप सभी की सेवा के लिए आगे आए। मतलब साफ है कि मंत्री बेबी देवी अपनी राजनीतिक विरासत अब अपने पुत्र अखिलेश महतो को सौपने की तैयारी में है। हालांकि अभी पार्टी की तरफ से अखिलेश के नाम की घोषणा नहीं की गई है।

 लेकिन माना यह जा रहा है कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र से इस बार पार्टी अखिलेश महतो को प्रत्याशी बना सकती है।

जयराम महतो से झामुमो और आजसू पार्टी दोनों को है डर

1932 के खतियान आधारित नीति लागू करने स्थानीय लोगों को हक और अधिकार दिलाने समेत अन्य मुद्दों के नाम पर अस्तित्व में आए जयराम महतो लोकसभा चुनाव 2024 में गिरिडीह से 3 लाख 50 हजार के आसपास वोट लाकर क्षेत्र में अपनी ताकत दिखा चुका है। इसी दम पर वह इस बार खुद डुमरी विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। 

हालंकि जयराम महतो और एक स्थान से चुनाव लडने की बात की है। लेकिन उन्होंने दूसरी विधानसभा सीट का अभी खुलासा नहीं किया है। हो सकता है कि वो बाघमारा से चुनाव लड़े, खैर जो भी हो। डुमरी से जयराम के चुनाव लड़ने से डर दोनों ही पार्टी को जरूर है।

लोकसभा चुनाव 2024 में जयराम महतो को मिली थी बढ़त

लोकसभा चुनाव 2024 के गिरिडीह लोकसभा सीट के डुमरी विधानसभा क्षेत्र में जयराम महतो को बड़ी बढ़त मिली थी। डुमरी में जयराम महतो को करीब 90 हजार वोट मिले, जबकि आजसू पार्टी प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी को 55 हजार और जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो को 52 हजार वोट मिले।

उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत

चंद्रप्रकाश चौधरी आजसू पार्टी 55421

मथुरा प्रसाद महतो जेएमएम 52193

जयराम महतो निर्दलीय 90541

लंबे समय से जगरनाथ का मुकाबला रहा दामोदर महतो से हुआ

विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट पर हमेशा से इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है। इस सीट पर झामुमो के जगरनाथ महतो और जेडीयू के दामोदर प्रसाद महतो में हमेशा काटे की टक्कर होती रही है। 

इस सीट पर जगरनाथ महतो अक्सर चुनाव जीते हैं जबकि दूसरे नंबर पर दामोदर प्रसाद महतो रहे हैं ।

जगरनाथ और दामोदर महतो की पत्नी अब सक्रिय राजनीति में

अब दामोदर प्रसाद महतो और जगरनाथ महतो की मौत के बाद उनकी पत्नियां यहां कमान संभाले हुए हैं। जगरनाथ महतो की मौत के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी ने उपचुनाव में जीत हासिल की। 

जबकि दामोदर प्रसाद महतो की मौत के बाद उनकी पत्नी यशोदा देवी चुनाव लड़ती हैं। चुनाव में दोनो के बीच कांटे की टक्कर होते रही है। हालांकि पिछले दो बार से दामोदर प्रसाद महतो की पत्नी यशोदा देवी को निराशा ही हाथ लगी है। संभावना है कि इस बार एनडीए गठबंधन डुमरी सीट से किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट दे सकती है। इसमें दुर्योधन महतो और जयलाल महतो का नाम काफी चर्चा में है।

यशोदा देवी ने 2019 में जगरनाथ महतो दी थी कड़ी टक्कर

वष 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम प्रत्याशी जगरनाथ महतो को आजसू पार्टी की यशोदा देवी ने कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि इस चुनाव में जगरनाथ महतो को करीब 71 हजार वोट मिले, वहीं यशोदा देवी को लगभग 37 हजार मत मिले।

 जबकि भाजपा प्रत्याशी प्रदीप साह को भी करीब 36 हजार वोट मिले थे। ऐसे में यदि आजसू पार्टी और बीजेपी एक साथ हो जाए, तो जेएमएम को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

2019 में डुमरी सीट का चुनाव परिणाम

उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत

जगरनाथ महतो -जेएमएम- 71017

यशोदा देवी -आजसू पार्टी- 36817

प्रदीप साह - भाजपा- 35994

जगरनाथ महतो ने 2014 में लालचंद महतो दी मात

2014 के विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट से जगरनाथ महतो को 77949 मत मिले जबकि भाजपा के लालचंद महतो को 45487 मत मिले। इस बार भाजपा और आजसू दोनो साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।

 जिससे उनकी स्थिति पहले के मुकाबले काफी मजबूत है।

2014 में डुमरी सीट का चुनाव परिणाम

उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत

जगरनाथ महतो जेएमएम 77949

लालचंद महतो भाजपा 45487

2009 के चुनाव में जेडीयू के दामोदर महतो दूसरे स्थान पर रहे

पिछले कुछ चुनाव की आंकड़ों पर गौर करें तो 2009 के चुनाव में डुमरी सीट से जगरनाथ महतो को 33960 मत ,जबकि जेडीयू के दामोदर प्रसाद महतो को 20292 मत मिले थे। 

इसी तरह 2019 के विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट से जेएमएम के जगरनाथ महतो को 71017 आजसू के यशोदा देवी को 36817, जबकि भाजपा के प्रदीप साह को 35994 मत मिले थे।

2009 में डुमरी सीट का चुनाव परिणाम

उम्मीदवार का नाम पार्टी प्राप्त मत

जगरनाथ महतो जेएमएम 33960

दामोदर प्रसाद महतो जेडीयू 20292

त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर उभरने की संभावना

डुमरी विधानसभा क्षेत्र में इस बार के विधानसभा चुनाव 2024 में झामुमो को अपने ही गढ़ में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। इस सीट पर पहले झामुमो का मुकाबला आजसू पार्टी से होता रहा है। लेकिन इस बार जयराम महतो ने भी डुमरी से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जेएमएम का मुकाबला अब सीधे तौर पर जयराम महतो से हो सकता है। इस परिस्थिति में 2024 के विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर उभरने की संभावना है।

वर्ष 1962 से 2019 तक डुमरी से निर्वाचित विधायक

वर्ष उम्मीदवार का नाम पार्टी

1962 हेमलाल परगनैत स्वतंत्र

1967 एस. मंजरी निर्दलीय

1969 कैलाशपति सिंह जनसंघ

1972 मुरली भगत कांग्रेस

1977 लालचंद महतो जनता पार्टी

1980 सबा महतो जेएमएम

1985 शिवा महतो निर्दलीय

1990 लालचंद महतो जनता दल

1995 शिवा महतो जेएमएम

2000 लालचंद महतो जेडीयू

2005 जगरनाथ महतो जेएमएम

2009 जगरनाथ महतो जेएमएम

2014 जगरनाथ महतो जेएमएम

2019 जगरनाथ महतो जेएमएम

2023 बेबी देवी जेएमएम

नक्सल समस्या, विकास और पलायन क्षेत्र में मुख्य मुद्दा

अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शुमार ऊपर घाट समेत डुमरी का अन्य इलाका आज भी नक्सलियों की कहर से जूझ रहा है। इन अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आए दिन नक्सली वारदात होते रहते हैं। यही वजह है कि यह क्षेत्र आज भी विकास से कोसों दूर है। इस क्षेत्र के रोजगार का काफी अभाव है। रोजगार की तलाश में यहां के युवा अक्सर पलायन को मजबूर रहते हैं।

 यहां के युवा रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य में नौकरी की तलाश में जाते रहे हैं जबकि महिलाएं तेंदू पत्ता या दातुन बेचकर अपना और परिवार का पेट भरने को मजबूर है। हमेशा चुनाव के समय यह एक बड़ा मुद्दा बनकर भी सामने आता है। सभी दल के नेता यहां की भोली भाली जनता को यह आश्वाशन भी देते हैं कि उनकी सरकार बनी तो नक्सल से आजादी मिलेगी क्षेत्र का विकास होगा। युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलेगा। 

लेकिन चुनाव खत्म होते ही, स्थिति जस के तस बनी रहती है। अब आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा की जनता किसके साथ है।