संविधान दिवस पर वैशाली में जिला विधिक संघ का कार्यक्रम
जिला विधिक संघ भवन में बार काउंसिल के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक

हाजीपुर। जिला विधिक संघ भवन में बार  काउंसिल के सदस्य योगेश चंद्र वर्मा की - अध्यक्षता में हुई बैठक  में आगामी 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया गया। बार  काउंसिल के सदस्य ने कहा कि संविधान - दिवस के अवसर पर गणतंत्र की जननी वैशाली में धुमधाम से 75 संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

        कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता जय प्रकाश मोहन ने किया। बैठक में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर वरीय अधिवक्ता प्रभात कुमार, हरिहर प्रसाद सिंह, रंजीत कुमार सिंह, प्रहलाद प्रसाद चौरसिया, शत्रुघ्न तिवारी को संरक्षक बनाया गया। बैठक में उपस्थित अधिवक्ता एवं जयप्रकाश मोहन को कार्यक्रम का संयोजक बनाया गया।

       वहीं जिला विधिक संघ के उपाध्यक्ष राजकुमार दिवाकर, कुमार राजेश्वर, आशुतोष कुमार, रमेश कुमार सिंह, राजकुमार सिन्हा, ज्योतिष कुमार, अनिशचंद्र गांधी, अंजना कुमारी, अमरदीप फूलन, शंभू नाथ सिंह को कार्यक्रम के संचालन के लिए अधिकृत किया गया।

      कार्यक्रम में मुख्य रूप से अधिवक्ता समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि प्रबुद्ध व्यक्तियों को विशेष रूप से आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया।साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले को इस अवसर पर सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया।
गुमनाम पर्यटन स्थलों की विशेषता बताकर पा सकते हैं पुरस्कार
              पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन करा रहा प्रतियोगिता

हाजीपुर

       पर्यटन विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन, वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में मेरा प्रखंड, मेरा गौरव विषय पर प्रतियोगिता करायी जायेगी।प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. यह प्रतियोगिता ऑनलाइन आयोजित की जायेगी और चयनित सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा.

        प्रतिभागी को चयनित पर्यटन स्थल की तीन फोटो 10 एमबी, 30 सेकंड का अच्छी गुणवत्ता वाला वीडियी जो प्रतियोगिता के लिए निर्धारित समय में खींचा गया हो, संबंधित विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना है. साथ ही संबंधित स्थल की धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को 200 शब्दों में दर्शाना है। प्रतियोगिता के लिए आवेदन की प्रविष्टि एक नवंबर तक होगी।

  ऐसे स्थान का चयन प्रतिभागी प्रतियोगिता के लिए कर सकेंगे।  जैसे लालगंज में गुरुद्वारा, नेपाली छावनी मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव मंदिर, अभिषेक पुष्पकरणी, पातालेश्वरनाथ मंदिर,
कोनहारा घाट,चेचरघाट, बरैला झील, गंगा, सोन गंडकका संगम, गज ग्राह की रणभूमि, रामभद्र का रामचौरा मंदिर, चेचर ग्राम समूह आदि के साथ प्रखंड में अवस्थित ऐसे स्थान जिन्हें हम नहीं जान पा रहे हैं, लेकिन वह ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।

   प्रतियोगिता का उद्देश्य वैसे पर्यटन स्थल, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आये हैं, उन्हें लोगों के माध्यम से प्रकाश में लाना है. चयनित प्रतिभागी को ज्यूरी अवॉर्ड के तहत प्रथम पुरस्कार 50 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार रुपये तथा तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये और पीपुल्स च्वाइस अवार्ड के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार 50 हजार, द्वितीय पुरस्कार 45 हजार व तृतीय पुरस्कार में 35 हजार रुपये दिये जायेंगे साथ ही 10 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 हजार रूपये तथा 518 प्रतिभागियों को 10 हजार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया जायेगा.

प्रत्येक प्रखंड से एक स्थल का होगा चयन

बताया गया कि प्रत्येक प्रखंड से एक स्थान चयन किया जाना है, जो पर्यटक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है. उसका चयन कर विभाग को अग्रसारित किया जायेगा, प्रतियोगिता में भाग लेने वाले इच्छुक प्रतिभागी विभागीय वेबसाइट https-www.tourism.bihar.gov.in पर अपना registration कर सकते है. अधिक जानकारी के लिए पर्यटन प्रभारी सह जिला कला व संस्कृति पदाधिकारी वैशाली से संपर्क स्थापित किया जा सकता है.

      
सोनपुर मेले को राष्ट्रीय पटल - पर लाने का होगा प्रयासः रूड़ी
13 नवंबर को होगा मेले का उद्घाटन जबकि समापन 14 दिसंबर को किया जाएगा

सोनपुर सारण के सांसद सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूही ने कहा कि हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले को विकसित कर राष्ट्रीय पटल पर लाने और इसे रोजी-रोजगार से जोड़ने  के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। सोनपुर मेले को विकसित  एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के लिए तत्काल 50 करोड़ की लागत से कार्य योजना तैयार की जा रही है। इसे दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। 

         वे  मंगलवार की शाम यहां के नगर पंचायत कार्यालय स्थित सभागार में प्रशासनिक पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियो के आयोजित बैठक में मेले की चल रही तैयारियों की समीक्षा करने के बाद संबोधित कर रहे थे। कहा कि मेले की' धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्ता को देखते हुए इसे सूरज फंड और कुंभ मेले की तर्ज पर विकसित कर इसके ग्रामीण स्वरूप को बरकरार रखते हुए आधुनिक लुक प्रदान करने का संभव प्रयास हो रहा। है। बैठक में मौजूद मेला समिति के सदस्यों और जनप्रतिनिधियों का सुझाव जानने के बाद सांसद ने अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का सरकारी स्तर पर उद्‌घाटन आगामी 13 नवंबर को जबकि समापन 14 दिसंबर को होगा। सरकारी पर मेले की अवधि 32 दिनों की होगी। सोनपुर मेले का उ‌द्घाटन मुख्यमंत्री अथवा राष्ट्रपति से कराने का अनुरोध किया गया।


मेले के लिए 12 कोषांगों का गठन किया गया

अध्यक्षता डीडीसी यतेन्द्र पाल ने जबकि संचालन एसडीओ आशीष कुमार ने किया। बैठक के बाद डीडीसी यतेन्द्र पाल और एडीएम मुकेश कुमार ने बताया कि मेले के सफल आयोजन  के लिए 12 कोषांग का गठन किया गया है।एशिया फेम हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री से कराने के लिए अनुरोध किया जाएगा। सरकारी स्तर पर इस वर्ष भी मेले की अवधि 32 दिनों की होगी। आगामी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, इसलिए 13 नवंबर को मेले का उ‌द्घाटन होगा।

सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे स्नान घाटों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों के अलावा पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरा लगेंगे, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बाल के साथ-साथ स्पेशल फोर्स और बम निरोधक दस्ते की तैनाती की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि मेले को सजाने-संवारने, इसे आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के अलावा पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन में सामंजस्य स्थापित कर जन सहयोग से मेले के सफल संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे है़

सभी प्राशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे
      बैठक में नगर पंचायत के अध्यक्ष अजय साह, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष विनोद सम्राट, रामविनोद सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रामबालक सिंह, राकेश सिंह, अधिवक्ता नाल सिंह, सुनील श्रीवास्तव, राजीव मुनमुन समेत अनेक जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिए। एसडीपीओ नवल किशोर, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नूरी प्रवीण कार्यपालक दंडाधिकारी रामजी पासवान, डीसीएलआर, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रंजीत कुमार बीडीओ सीओ समेत जिला और अनुमंडल स्तर के सभी प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे।


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मुख्य सचिव ने की विकास योजनाओं की समीक्षा
   हाजीपुरं जिले में चल रही विकास योजनाओं व विकास कार्यों को जल्द पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया । मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव ने योजनाओं की समीक्षा की गई ।समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पंचायत सरकार भवन के निर्माण जल्दी पूर्ण कराने का निर्देश दिया. साथ ही जिले में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लक्ष्य के विरुद्ध 100% उपलब्धि हासिल करने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान कृषि टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से कराने तथा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हर घर नल का जल योजना का कार्य समय पर पूरा कराने का निर्देश दिया गया.
   
       वहीं पंचायती राज से हस्तांतरित योजनाओं को भी चालू कराने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वैशाली जिला 86 प्रतिशत उपलब्धि के साथ शीर्ष पर है, जबकि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) की स्वीकृति में बहुत पीछे है. मुख्य सचिव ने इसमें तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया.
           प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, जो कि भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय द्वारा देश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शुरू की गई एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना हैं। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15% से  35% तक की सब्सिडी मिलती हैं।इस योजना के जरिए, ग्रामीण और शहरी इलाकों में पारंपरिक कारीगरों और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलते हैं।

      प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 17 से अधिक शिल्पकार और पारंपरिक कामगार शामिल हैं।इस योजना के तहत विश्वकर्मा समुदाय के ट्रेनिंग और आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसकी शुरुआत पिछले वर्ष 17 सितंबर को हुई थी।

जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD), 1969 के अधिनियम के साथ अनिवार्य हैं। इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर हैं।इसमें जीवन के लगभग हर क्षेत्र जैसे कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, मतदाता सूची में नाम, केंद्र और राज्य सरकारी नौकरियों में नियुक्ति, ड्राइविंग लाइसेंस तथा पासपोर्ट जारी करने इत्यादि के लिए जन्म प्रमाण-पत्र को अनिवार्य दस्तावेज बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
पंचायत सरकार भवन
   पंचायत के कार्यो का सफल क्रियान्वयन के लिए कार्यालय भवन का होना आवश्यक हैं। इसके लिए बिहार सरकार द्वारा प्रत्येक पंचायत के दो मंजिला पंचायत सरकार भवन का निर्माण किया जाना हैं।      उन्होंने वैशाली जिले में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लालगंज गुरुद्वारा, नेपाली छावनी परि मंदिर, गांधी आश्रम, शारदा सदन पुस्तकालय, वैशाली गढ़, वैशाली चौमुखी महादेव, अभिषेक पुष्करणी,  पातालेश्वर मंदिर, कोनहारा घाट, चेचर, बरैला झील, गंगा-गंडक के संगम आदि स्थानों को पर्यटनस्थल के रूप में योजना तैयार करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया. इस दौरान जिले के सभी कार्यपालक अभियंता, जिला योजना पदाधिकारी, जिला सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.
4008 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद, किसानों से अनुदान के लिए मांगा गया आवेदन
14 अक्तूबर तक 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए दिया आवेदन बाढ़ से सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का लगाया गया है अनुमान हाजीपुर : जिले में गंगा नदी के तटवर्ती तीन प्रखंडों में आयी बाढ़ के कारण खरीफ फसल को हुई क्षति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है. इसके लिए विभागीय स्तर पर फसल क्षति का आंकलन किए जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगा रही है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर प्रखंड के एक पंचायत, राधोपुर प्रखंड के सभी 20 पंचायत तथा महनार के चार पंचायत बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. इन प्रखंडों से 14 अक्टूबर तक कुल 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए आवेदन दिया है. हालांकि आवेदन के लिए जिला कृषि कार्यालय से अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गयी है. विभाग द्वारा तीनों प्रखंडों में कुल 4008.12 हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के कारण फसल नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार बाढ़ के कारण किसानों को सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है.
अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगी अनुदान की राशि : जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि में लगे फसल के नुकसान के लिए ही अनुदान देय होगा. इसके लिए किसानों को
सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. वहीं छोटे किसानों के लिए न्यूनतम अनुदान की राशि सिंचित भूमि के लिए 1000 रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 25 सौ रुपये अनुदान देय है. यह अनुदान सिर्फ किसान या किसान परिवार के लिए ही मान्य होगा. परिवार विभाजन की स्थिति में अलग-अलग भूमि के विवरण के आधार पर अनुदान की राशि दी जाएगी।
निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा लाभजिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के वैसे किसानों को ही अनुदान का लाभ मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. रुपये की बाने में प्रा निवासी क आपके समय पु फॉर्म एसबी से 32 निकाल बंद ने 16 अनुदान आवेदन के लिए किसानों को अपना 13 अंकों का निबंधन  संख्या भरना अनिवार्य है, बताया गया कि अनुदान की राशि आधार से जुड़े की बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी. जिन किसानों का खाता आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आवेदन के अनुमोदन की जानकारी किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी.
अनुदान के लिए खुद कर सकते हैं आवेदनजिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से हुए फसल क्षति अनुदान के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, इसके लिए किसान अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. इसके लिए प्रखंड में स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गयी है. बताया गया कि कोई भी किसान कृषि विभाग के सरकारी बेवसाइट dbtagriculture.bibar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन करेंगे.  सभी प्रविष्टी अपलोड करने के बाद ओटीपी आएगी. ओटीपी डालने के बाद आवेदन में भूमि का एलपीसी, जमाबंदी रशीद, संलग्न करना अनिवार्य है. जिसके बाद आवेदन सबमिट करते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा. जिसमें आवेदन संख्या अंकित होगी. जिसके बाद स्वतः आवेदन कृषि समन्वयक के लॉगिन पर सत्यापन के लिए अग्रसारित हो जाएगा.
4008 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद , किसानों से अनुदान के लिए मांगा आवेदन
14 अक्तूबर तक 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए दिया आवेदन बाढ़ से सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का लगाया गया है अनुमान हाजीपुर : जिले में गंगा नदी के तटवर्ती तीन प्रखंडों में आयी बाढ़ के कारण खरीफ फसल को हुई क्षति को देखते हुए सरकार ने बाढ़ पीड़ित किसानों को अनुदान देने की घोषणा की है. इसके लिए विभागीय स्तर पर फसल क्षति का आंकलन किए जाने के बाद कृषि विभाग ने किसानों से ऑनलाइन आवेदन मंगा रही है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हाजीपुर प्रखंड के एक पंचायत, राधोपुर प्रखंड के सभी 20 पंचायत तथा महनार के चार पंचायत बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है. इन प्रखंडों से 14 अक्टूबर तक कुल 1365 किसानों ने फसल क्षति अनुदान के लिए आवेदन दिया है. हालांकि आवेदन के लिए जिला कृषि कार्यालय से अंतिम तिथि की घोषणा नहीं की गयी है. विभाग द्वारा तीनों प्रखंडों में कुल 4008.12 हेक्टेयर भूमि पर बाढ़ के कारण फसल नुकसान होने का आंकड़ा सामने आया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार बाढ़ के कारण किसानों को सात करोड़ 10 लाख 75 हजार 40 रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है. अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए मिलेगी अनुदान की राशि : जिला कृषि कार्यालय के अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर भूमि में लगे फसल के नुकसान के लिए ही अनुदान देय होगा. इसके लिए किसानों को
सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा. वहीं छोटे किसानों के लिए न्यूनतम अनुदान की राशि सिंचित भूमि के लिए 1000 रुपये तथा वानिकी बहुवर्षीय फसल के लिए 25 सौ रुपये अनुदान देय है. यह अनुदान सिर्फ किसान या किसान परिवार के लिए ही मान्य होगा. परिवार विभाजन की स्थिति में अलग-अलग भूमि के विवरण के आधार पर अनुदान की राशि दी जाएगी। निबंधित किसानों को ही दिया जाएगा लाभजिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के वैसे किसानों को ही अनुदान का लाभ मिलेगा जो कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराया है. रुपये की बाने में प्रा निवासी क आपके समय पु फॉर्म एसबी से 32 निकाल बंद ने 16 अनुदान आवेदन के लिए किसानों को अपना 13 अंकों का निबंधन  संख्या भरना अनिवार्य है, बताया गया कि अनुदान की राशि आधार से जुड़े की बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी. जिन किसानों का खाता आधार से लिंक नहीं होगा उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। आवेदन के अनुमोदन की जानकारी किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी. अनुदान के लिए खुद कर सकते हैं आवेदन    जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से हुए फसल क्षति अनुदान के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, इसके लिए किसान अपने मोबाइल, कंप्यूटर या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. इसके लिए प्रखंड में स्थित ई-किसान भवन में निःशुल्क आवेदन करने की सुविधा दी गयी है. बताया गया कि कोई भी किसान कृषि विभाग के सरकारी बेवसाइट dbtagriculture.bibar.gov.in पर जाकर अपना आवेदन करेंगे.  सभी प्रविष्टी अपलोड करने के बाद ओटीपी आएगी. ओटीपी डालने के बाद आवेदन में भूमि का एलपीसी, जमाबंदी रशीद, संलग्न करना अनिवार्य है. जिसके बाद आवेदन सबमिट करते ही मोबाइल पर मैसेज प्राप्त हो जाएगा. जिसमें आवेदन संख्या अंकित होगी. जिसके बाद स्वतः आवेदन कृषि समन्वयक के लॉगिन पर सत्यापन के लिए अग्रसारित हो जाएगा.
सोनपुर मेले के लिए कोषांगों का किया गया गठन
मेले को इस बार कुछ अलग रूप देने के लिए डीएम कर रहे हैं मंथन डीडीसी, एडीएम समेत कई अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी        विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2024 के आयोजन को लेकर दूसरी बैठक भी हो चुकी है.
पहली बैठक में मेले में सुरक्षा- सुविधा और परंपरा के साथ आधुनिकता के समावेश के बारे में बताया गया। मंदिर आरती का लाइव प्रसारण आदि। सोनपुर मेला 13 नवंबर से 14 दिसंबर तक होगा‌।इधर दशहरा भी लगभग समाप्त हो चुका है और अब मेले की तैयारी ने रफ्तार पकड़ ली है. डीएम तैयारी को लेकर हर दिन जानकारी ले रहे हैं. इसी कड़ी में उपविकास आयुक्त, एडीएम समेत कई बड़े अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गयी है.यानी मेला  आयोजन को लेकर गठित विभिन्न कोषांगों के लिए वरीय पदा‌धिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है.

स्वागत समिति कोषांग होगा :

गठित विभिन्न कोषांगों के लिए प्रतिनियुक्त वरीय पदाधिकारियों का प्रमुख कार्य मेले में आये हुए विशिष्ट एवं गण्यमान्य अतिथियों का स्वागत करना होगा. मेले के उद्‌घाटन के अवसर पर सभी गण्यमान्य को सम्मानित करने का कार्य इस कोषांग द्वारा संपन्न किया जायेगा. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में जिला बंदोबस्त पदाधिकारी संजय कुमार और नोडल पदाधिकारी के रूप में एसडीसी रतन परवेज बनाये गये हैं

उ‌द्घाटन एवं समापन समारोह आयोजन कोषांग:

इस कोषांग का मुख्य कार्य मेले का सुव्यवस्थित ढंग से समय पर उ‌द्घाटन एवं समापन कराना है. इसके वरीय पदाधिकारी के रूप में अपर समाहर्ता मुकेश कुमार और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला नजारत शाखा प्रभारी रवि प्रकाश रहेंगे.

सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन कोषांग:

इस कोषांग का मुख्य कार्य प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराना होगा. पर्यटन विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से समन्वय स्थापित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम से संबंधित सभी कार्यों का निष्पादन ससमय करना सुनिश्चित करना भी होगा. साथ ही संपूर्ण मेला अवधि अर्थात 32 दिनों के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन के लिए विस्तृत समय सारणी का प्रकाशन करना होता है. मेला अवधि में आयोजित होनेवाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की रूपरेखा समय पर तैयार कर इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करना भी होता है. इस कोषांग के वरीय प्रभारी के रूप में उपविकास आयुक्त सारण जितेंद्र कुमार पाल और नोडल पदाधिकारी के रूप में डीआरडीए निदेशक कयूम अंसारी रहेंगे.

साफ-सफाई व पेयजल आपूर्ति कोषांग :

सफाई व्यवस्था को सुचारु रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से संपूर्ण मेला क्षेत्र को कई जोन और सब जोन में बांटते हुए साफ-सफाई करानी होती है.इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में डीडीसी जितेंद्र कुमार पाल ही रहेंगे और नोडल पदाधिकारी के रूप में अनुमंडलीय लोग शिकायत कोषांग सोनपुर नूरी परवीन रहेंगी.



वैरिकेडिंग, समान घाट निर्माण और घाट सुरक्षा कोषांग:

सोनपुर मंडक नदी के सभी घाटों एवं पहलेजा घाट में स्नान घाट निर्माण एवं इसकी सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग का कार्य जिला प्रशासन द्वा कराया जाता है.इस कोपांग का प्रमुख कार्य बैरिकेडिंग के लिए चिक्षित क्षेत्र एवं संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षात्मक कार्यों की सतत निगरानी करना होता है. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में अपर समाहर्ता मुकेश कुमार और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला आपूर्ति पदाधिकारी होंगे।

सरकारी-गैर सरकारी प्रदर्शनी स्टॉल व दुकान अनुश्रवण कोषांग :

इसके पदाधिकारी सरकारी प्रदर्शनी या स्टॉल नखास क्षेत्र में पूर्व से कर्णाकित स्थल पर लगवाते हैं. प्रभारी पदाधिकारी, पर्यटन विभाग, इवेंट मैनेजर से समन्वय स्थापित कर संबंधित विभागों, संस्थाओं को प्रदर्शनी स्टॉल लगाने के लिए अनुमति देने के समय इनके गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखते हैं. इस कोषांग के पदाधिकारी के रूप में एडीएम और नोडल पदाधिकारी प्रभारी पदाधिकारी जिला राजस्व शाखा होंगे.
      इन कोषांगों के भी पदाधिकारी हुए तैनात :

प्रचार-प्रसार विज्ञापन एवं मीडिया कोषांग भी बनाया गया है. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में डीडीसी और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी बनाये गये हैं.
एक सीएसआर कोषांग का भी गठन किया गया है. इस कोषांग के वरीय पदाधिकारी के रूप में डीडीसी और नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रवि प्रकाश होंगे. शुरू के तीन कोषांगों के कार्यों का सतत अनुश्रवण सोनपुर एसडीओ करते रहेंगे।
एटीएम कार्ड जारी किया गया : मंत्री
     कृषि में युवाओं की भागीदारी विषय पर लालगंज में आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन सहकारिता बैंक का एटीएम कार्ड जारी किया गया। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार शामिल हुए। सहकारिता, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में सहकारिता बैंक खोला जा रहा है, जिससे किसानों का काम काफी आसान होगा.     कृषि में युवाओं की भागीदारी के कार्यक्रम को लेकर मंत्री ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम गांव में पहली बार आयोजित हो रहा हैं। इसके लिए ममता महिला किसान क्लब को हर संभव मदद का भरोसा दिया। मंत्री ने ममता महिला किसान के गठन और कृषि में युवाओं की भागीदारी पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के लिए जागृति कला केंद्र के सचिव व राष्ट्रीय कृषि शिक्षा विशेषज्ञ अभय नाथ सिंह को बधाई।         अंतरराष्ट्रीय सेमिनार कार्यक्रम में आनलाइन माध्यम से बोस्टन, यूएसए से डॉ अभिमन्यु ठाकुर, हांगकांग से डॉ ईशा गौरव, पीट्सबर्ग से डॉ मणि शेखर, प्रयागराज से डॉ अनुज कुमार मिश्रा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर से डॉ रंजना कुमारी आदि ने भाग लिया।        कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लालगंज विधायक  संजय कुमार सिंह ने कृषि और सहकारिता दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।और कृषि हमारी आत्मा हैं। कार्यक्रम के संयोजक अभय नाथ सिंह ने कहा कि सेमिनार में कई वैज्ञानिक भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि 20 सालों से अपने संसाधनों से गांव में कार्यक्रम किया जा रहा हैं। किसानों के सम्मान और कृषि को रोजगारपरक बनाना कार्यक्रम का उद्देश्य हैं।          इस अवसर पर केंद्रीय रेशम बोर्ड, असाम के वैज्ञानिक डॉ धर्मेंद्र कुमार जिज्ञासु, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्यामानंद ठाकुर, प्रबंध निदेशक, अमृता ओझा, रंजन प्रसाद, उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, अमृतपुर पैक्स अध्यक्ष अखिलेश कुमार, लालगंज आत्मा के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह उपस्थित थे.
वैशाली में आग लगने से 15 घर जलकर हुए राख

      वैशाली  प्रखंड क्षेत्र के मतैया पंचायत के माधोपुर राम गांव के वार्ड नम्बर 11 में अचानक आग लगने से दर्जनों घर जलकर खाक हो गई। इस घटना के संबंध में अंचलाधिकारी लवली सिंह ने बताया कि हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट आने से असली तस्वीर सामने आएगी।

       पंचायत के  मुखिया राजकिशोर सिंह ने बताया कि आग सबसे पहले टुनटुन पंडित के घर में लगी और देखते ही देखते बिशनदेय पंडित, सुखु पंडित, विक्रम पडित, उदय पंडित, रामेश्वर पंडित, जवाहर पंडित, लालू पंडित, बालेश्वर पंडित सहित 15 घरों को आग ने अपने चपेट में से लिया।  घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रविवार को संध्या 4 बजे के आसपास शाँट सर्किट से यदुनंदन पंडित के घर में आग लग गई और देखते-देखते दर्जनों घरों को आग ने अपने आगोश में ले लिया।

    वहीं इस घटना में लाखों रूपए मूल्य के अनाज, बर्तन, कपड़े, एवं नकद रुपए सहित सभी समान जलकर राख हो गया। अगलगी की इस घटना से चारों ओर चीख पुकार मच गई। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में लोग ईकड़ा हो गए और आग पर काबू पाने का प्रयास किए।

      आग की सूचना पर तीन दमकल गाड़ी एवं ग्रामीणों के घंटों अथक प्रयास के बाद आग पर काबू पाया गया। स्थानीय लोगों द्वारा पंप सेट चलाकर मि‌ट्टी डालकरआग पर काबू पाया।


  शॉर्ट सर्किट से माघोपुर- गांव में लगी आग, छह घर जले

         बेलसर थाना क्षेत्र के माधोपुर राम गांव में रविवार को कुम्हार टोली में आग लगने की घटना से अफरातफरी मच गई। शॉर्ट सर्किट से आग गांव के अर्जुन पंडित के घर में लगी। देखते ही देखते आग की चपेट में सन्नी कुमार, विक्रम पंडित, रामेश्वर पंडित जवाहर पंडित वीरेंद्र पंडित आदि का घर आ गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाने को दी। शुरुआत में आसपास के लोगों ने आग पर काबू पाने की मशक्कत शुरू की, लेकिन आग बेकाबू होती जा रही थी। कुछ देर के बाद दमकल की गाड़ी ने आकर काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक  इनके घरों में रखें हजारों के समान जलकर राख हो चुके थे। पंडित सन्नी कुमार ने बताया कि घर में रखा पलंग, चौकी, बर्तन, वस्त्र, साईकिल और और अनाज सहित कई समान जल गए। इस संबंध में पीड़ित परिवारों ने सीओ वैशाली की आवेदन दिया है।

युवाओं को कृषि से जोड़ने के लिए तकनीक के आविष्कार की जरूरत : मंत्री

   
     लालगंज। लालगंज प्रखंड के पंचदमिया गांव में रविवार को तीन दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कृषि में युवाओं की भागीदारी विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि कृषि में अच्छी आमदनी के लिए नई-नई तकनीक का आविष्कार करने की जरूरत है। कृषि क्षेत्र में अच्छी आमदनी से युवा भी कृषि कार्य में आ पाएं।

       उन्होंने कहा कि हम बिहार में ही अच्छे बीज का उत्पादन करेंगें। जिससे अच्छे फसल का उत्पादन कर सकते हैं. किसान भाइयों को आने वाले समय में गेहूं के लिए हम मुफ्त में बीज देंगें। मशरूम उत्पादन का कीट एवं मधुमक्खी पालन के कीट का भी वितरण किया जा सकेंगें। सेमिनार में ओडिशा के नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड, एनएफडीबी की स्मृति रेखा ने कहा कि मछली पालन से स्वरोजगार का रास्ता खुलेगा। उनका संस्थान इसका प्रशिक्षण देता है। जहां कोई भी युवा प्रशिक्षण लेकर इस व्यवसाय को कर सकता है.

              पूर्व कुलपति सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि गांव में इस प्रकार का कार्यक्रम उन्होंने पहली बार देखा है। वे लगभग 22 देश में कई सेमिनारों में शामिल हो चुके हैं। लेकिन अभी तक गांव में इस प्रकार का कार्यक्रम न देखने को मिला है और न सुनने को। उन्होंने लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
 
         कार्यक्रम की अध्यक्षता लालगंज के विधायक  संजय कुमार सिंह ने की। संचालन कृषि विभाग आत्मा के लालगंज के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जागृति कला केंद्र के सचिव डॉक्टर अभय नाथ सिंह ने करते हुए कहा कि संस्थान युवाओं को स्वरोजगार की राह दिखाता है.

       असम के रेशम सिल्क संस्थान से आये वैज्ञानिक डॉक्टर डीके जिज्ञासु वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व महिला कुलपति प्रोफेसर सुरेश प्रसाद सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह कुशवाहा, राजद के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन।

    संयुक्त कृषि निदेशक सुधीर कुमार  जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, आत्मा के उप परियोजना सचिव निदेशक सियाराम साहू। आत्मा के सभी अधिकारी और कर्मचारी, ममता महिला किसान क्लब की सचिव ममता सिंह, किसान रामवीर चौरसिया आदि कार्यक्रम में मौजूद थे।